शुक्रवार, 20 सितंबर 2013

प्रेमी ने मूंडवा के पास किया प्रेमिका को मारने का प्रयास




प्रेमी ने मूंडवा के पास किया प्रेमिका को मारने का प्रयास


 नागौरमूंडवा थाना क्षेत्र के बाईपास रोड पर 17 सितंबर को तड़के एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका का गाड़ी में ही गला दबाकर जान से मारने का प्रयास किया। प्रेमिका के चीखने पर उसका दो साल का बच्चा जाग गया। दोनों एक साथ चीखे तो प्रेमी दोनों को सड़क पर छोड़कर भाग गया। इस महिला ने घटना के दो दिन बाद जयपुर जाकर मामले की प्राथमिकी दर्ज करवाई। इस जीरो एफआईआर को मूंडवा भेजे जाने पर 19 सितंबर को यहां मामला दर्ज किया गया।

मूंडवा थानाधिकारी हरिनारायण मीणा ने बताया कि जयपुर के पश्चिम महिला थाने से आई जीरो एफआईआर के अनुसार मूल रूप से मध्य प्रदेश हाल तारानगर झोटवाड़ा निवासी उमा पारीक पुत्री महावीर प्रसाद अपने प्रेमी कोटा निवासी लेकिन वर्तमान में जयपुर के तारानगर में रहने वाले हरीश मीणा के साथ नागौर जिले में कार में निकले थे। वे सीकर जिले के इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर में दर्शन करने के बाद देशनोक में माताजी के दर्शन करने जा रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार उमा व हरीश पांच साल से लव इन रिलेशनशिप में हैं। उमा ने अपने पति ने तलाक दे रखा है। उमा अपने दो वर्षीय बच्चे कुणाल को भी साथ लेकर आई थी। वापस जयपुर जाते समय मूंडवा बाईपास रोड पर उमा कुणाल के साथ गाड़ी में पीछे वाली सीट पर बैठी थी। हरीश गाड़ी चला रहा था। आरोप है कि मूंडवा बाइपास पर मां बेटे को हल्की नींद आने पर हरीश ने गाड़ी रोककर दुपट्टे से उमा का गला दबा दिया। वह चिल्लाई तो कुणाल जाग गया।

उमा व उसके बच्चे के चिल्लाने पर सड़क के किनारे बनी होटल पर बैठे लोग गाड़ी के पास पहुंचे। लोगों को देख कर हरीश दोनों को वहीं छोड़कर गाड़ी लेकर भाग गया। ग्रामीणों की सूचना पर मूंडवा पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने हालात जाने।

इसके बाद उमा जयपुर चली गई। वहां जयपुर के पश्चिम महिला थाने में उसने जीरो एफआईआर दी थी। पुलिस जांच कर रही है कि पांच साल से लिव इन रिलेशन के दौरान ऐसा क्या हो गया कि हरीश ने उमा की जान लेने की कोशिश की।

बीना काक के खिलाफ कांग्रेसजनों ने खोला मोर्चा, गांवों में बैठकें लेकर बांट रहे पर्चे


बीना काक के खिलाफ कांग्रेसजनों ने खोला मोर्चा, गांवों में बैठकें लेकर बांट रहे पर्चे 
विरोध में उतरे नेताओं ने ये कहा 
विरोध में कई गांवों में हुई बैठकें, लाउडस्पीकर से पर्चे बांटे 

इधर, काक के समर्थन में भी उतरे कांग्रेस कार्यकर्ता 

पर्चे में लिखा है- सरकारी गाड़ी में क्षेत्र के नाम पर किए गए सभी दौरे पैंथर दर्शन तक सीमित, कार्यकर्ताओं की अनदेखी व जवाईबांध पुनर्भरण की योजनाओं में लापरवाही के आरोप, बैठकों में शामिल नेताओं ने की स्थानीय व्यक्ति को टिकट देने की मांग 



 जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी और सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को तखतगढ़ व सांडेराव सहित करीब एक दर्जन से ज्यादा गांवों में ली पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक, जीप पर मंत्री के विरोध में बैनर टांगकर कई गांवों में घुमाया, पर्चे बंटवाए



 सुमेरपुर तखतगढ़/ सांडेराव विधानसभा चुनाव को लेकर सुमेरपुर क्षेत्र के कई कांग्रेस नेताओं ने मिलकर वनमंत्री बीना काक को टिकट नहीं देने की मांग पर मोर्चा खोल दिया है। इन नेताओं ने कांग्रेस जागरूक कार्यकर्ता मंच बनाकर काक के खिलाफ पेंफ्लेट प्रिंट करवाकर गांव-ढाणियों में वितरण शुरू किया है। साथ ही गांवों में घूम-घूमकर सभाएं ले रहे हैं। 

बैठकों में काक पर कार्यकर्ताओं की अनदेखी, जवाईबांध पुनर्भरण योजना शुरू करवाने में लापरवाही सहित अन्य स्थानीय मुद्दों पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया गया है। गुरुवार को सुमेरपुर, तखतगढ़ तथा सांडेराव क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों में कांग्रेसजनों ने सभाएं लेकर स्थानीय उम्मीदवार को ही टिकट दिलाने की मांग पर उनका समर्थन मांगा है। इन बैठकों में जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष भंवरसिंह चौधरी, पूर्व प्रधान व महामंत्री हरिशंकर मेवाड़ा, जिला सचिव इब्राहिम सिलावट सहित कई वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता शामिल थे। बुधवार को भी सुमेरपुर में बैठक हुई और ये पर्चे बंटवाए गए।

लाउड स्पीकर से लोगों किया जागरूक : तखतगढ़ पहुंचे कांग्रेसजनों ने जीप पर बीना काक की कार्यप्रणाली से कांग्रेस को नुकसान का बैनर लगाकर लाउड स्पीकर पालिका क्षेत्र में घुमाकर कई आरोप लगाए। इससे पूर्व कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। बाद में कांग्रेस कार्यकर्ता व पदाधिकारी बलाना, राजपुरा, गोगरा, हिंगोला, पावा, बसंत, कोसेलाव भी वाहनों से पहुंचे और बैठक कर विधायक को लेकर नाराजगी जताई।

॥ बीनाकाक ने केबीनेट मंत्री होने के बावजूद सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं दिया। आम कार्यकर्ता की उपेक्षा की है। - हाजी इब्राहिम सिलावट, सचिव, जिला कांग्रेस

॥क्षेत्रीय विधायक बीनाकाक को तो फिल्मों की शूटिंग से ही टाइम नहीं मिलता है। विधायक द्वारा क्षेत्र की उपेक्षा के कारण कांग्रेसी कार्यकर्ताओं एवं क्षेत्र की जनता में निराशा का माहौल है। सुमेरसिंह, मनवार, वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता

॥हम कांग्रेस पार्टी के सच्चे सिपाही हैं। हमारा विरोध कांग्रेस से नहीं, बल्कि हमारा अभियान सिर्फ बीना काक को हटाने व स्थानीय को टिकट देने की मांग पर है। इस अभियान को हर स्थान पर जन समर्थन मिल रहा है। - हरिशंकर मेवाड़ा, महामंत्री, जिला कांग्रेस कमेटी

॥बीना काक की कार्यशैली से सुमेरपुर में कांग्रेस मृतप्राय: हो गई है। हम कांग्रेस को रिचार्ज कर रहे हैं। पार्टी का विरोध नहीं कर रहे हैं। सिर्फ बीनाकाक की कार्यशैली और उनके द्वारा कार्यकर्ताओं की अनदेखी का विरोध है। उन्होंने जिले के लिए सबसे महत्वपूर्ण जवाईबांध की पुनर्भरण योजनाओं पर भी ध्यान नहीं दिया। स्थानीय व्यक्ति को टिकट देने की मांग की जा रही है ताकि क्षेत्र में रहकर विकास करवा सके। - भंवरसिंह चौधरी, उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस

कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं देने का आरोप

सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की गुरुवारदोपहर तखतगढ़ कस्बे के नाग चौक स्थित माताजी मंदिर में बैठक हुई। बैठक वन मंत्री बीना काक पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं देने, भाजपा पदाधिकारियों का गुणगान करने, क्षेत्र की जनता से दूरी बनाने, क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण में रुचि नहीं दिखाने के आरोप लगाए। साथ ही, गांव-ढाणी में 'बीना काक हटाओ-कांग्रेस बचाओ' का मिशन चलाकर कांग्रेसजनों से स्थानीय विधायक चुनने के लिए समर्थन भी मांगा। बैठक में पाली जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष भंवरसिंह चौधरी, पूर्व प्रधान हरिशंकर मेवाड़ा, सुमेरपुर कृषि मंडी चेयरमैन नवाराम मीणा, जिला कांग्रेस सचिव इब्राहिम सिलावट, दुजाना पूर्व सरपंच मूलशंकर ओझा, पूर्व पंचायत समिति सदस्य शेषाराम माली, बिरामी के पूर्व डूंगाराम, अल्प संख्यक मोर्चा के जफरभाई, सुमेरसिंह राजपुरोहित, पूर्व सरपंच महेश मीणा, जिला परिषद सदस्य कस्तुराराम मीणा, पूर्व सरपंच पोकरराम, सरपंच शांति देवी, विधानसभा महामंत्री भगवानराम हीरागर, नासिर खां, फूटरमल जोयला, शांतिलाल खंडेलवाल, किशोर व्यास, ताराराम मेघवाल, राष्ट्रीय मीणा महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लादुराम मीणा सहित नगरपालिका क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

जवाईबांध के पुनर्भरण पर नहीं दिया ध्यान

सांडेराव में हुई बैठक में वक्ताओं ने क्षेत्र के विकास कार्यों की अनदेखी के आरोप लगाए। कहा कि जवाईबांध में इस बार कम पानी आने के कारण पूरा जिला गर्मियों में पेयजल संकट का सामना करेगा। काक ने वर्षों से चली आ रही बांध की पुनर्भरण योजनाओं को पूरी करवाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। कार्यकर्ताओं की उपेक्षा एवं अनदेखी के चलते विधानसभा चुनाव में काक को टिकट नहीं देने की मांग कर रहे हैं। इन नेताओं ने दुजाना, ढोला, लापोद, बडग़ावड़ा, अनोपपुरा एवं चाणोद में भी बैठक ली। इस दौरान सुमेरसिंह मनवार, कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष भंवरसिंह चौधरी, जिला सचिव इब्राहिम सिलावट, पूर्व प्रधान हरिशंकर मेवाड़ा, जिला परिषद सदस्य महेश मीणा, महेंद्र पुरी गोस्वामी, मूलशंकर ओझा, कृषि मंडी सुमेरपुर के अध्यक्ष नवाराम मीणा सहित कई नेताओं ने उनके अभियान में सहयोग देने की अपील की।

कांग्रेस कार्यकर्ता बालकृष्ण त्रिवेदी का आरोप है कि बीना काक के विरोधी गुट की ओर से जारी विज्ञप्ति में बेवजह उनका नाम भी घसीटा जा रहा है, जबकि वे किसी भी ऐसे विरोध में शामिल नहीं है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिलीपसिंह करणोत ने कहा कि कुछ चुनिंदा लोग बेवजह राजनीति कर रहे हैं। इससे पार्टी को नुकसान होगा। मंत्री काक ने करोड़ों रुपए का सुमेरपुर में विकास कार्य करवाया है। मंत्री की लोकप्रियता से कुछ लोग बौखला गए हैं। पाली देहात कांग्रेस कमेटी ने कड़ा रोष जताया है। देहात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेश जोशी ने गुरुवार को जारी अपने वक्तव्य में बताया कि काक की लगातार क्षेत्र में बढ़ती लोकप्रियता को देखकर कुछ नेता बौखला गए हैं। उन्होंने कहा कि काक पर आरोप लगाने वाले भंवरसिंह चौधरी स्वयं कांग्रेस के विरोध में चुनाव लड़ चुके हैं। साथ ही पूर्व प्रधान हरिशंकर मेवाड़ा भी हर चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध करते हैं। जोशी ने इन नेताओं पर विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस का माहौल खराब करने का आरोप लगाते हुए प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर निष्कासित करने की मांग की।

: तखतगढ़ . कस्बे में आयोजित बैठक के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जीप पर बीना काक की कार्यप्रणाली से कांग्रेस को नुकसान का बैनर लगाकर लाउड स्पीकर पालिका क्षेत्र में घुमाकर कई आरोप लगाए।

: तखतगढ़ . माताजी मंदिर में आयोजित बैठक में चर्चा करते कांग्रेस कार्यकर्ता। कार्यकर्ताओं ने काक पर क्षेत्र में भेदभाव करने का आरोप लगाया।

मंत्री के केस वापसी के लिए पीडिता को दो करोड़ रूपए का ऑफर

जयपुर। खादी एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री बाबूलाल नागर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला के एक परिचित ने आरोप लगाया है कि मामला वापस लेने के लिए मंत्री की तरफ से दो करोड़ रूपए का ऑफर दिया गया है। पीडिता की कॉलोनी में ही रहने वाले इस परिचित को दूदू क्षेत्र की एक महिला सरपंच के पति ने गुरूवार दोपहर बाद कॉल कर इस ऑफर की पेशकश की, हालांकि पीडिता की हिम्मत को देखते हुए उससे बात करने की कोशिश नहीं की।मंत्री के केस वापसी के लिए पीडिता को दो करोड़ रूपए का ऑफर

2 घण्टे 17 मिनट तक मेडिकल जांच

बाबूलाल नागर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला का सीआईडी-सीबी ने गुरूवार को एसएमएस अस्पताल में मेडिकल करवाया। स्त्री रोग विशेष्ाज्ञ व फोरेंसिंक विशेष्ाज्ञों के तीन सदस्यीय पैनल ने दो घण्टे 17 मिनट तक जांच की। जांच के बाद पैनल ने बंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद पुलिस टीम पीडिता के साथ दूसरी बार मंत्री के बंगले पर पहंुची। इस बार और एफएसएल टीम भी साथ थी, लेकिन पुलिस के पहंुचने से पहले ही नागर बंगले से निकल गए थे। टीम यहां तीन घण्टे रही, लेकिन इस दौरान नागर नहीं लौटे। वहीं, रिपोर्ट के तीन दिन बाद भी पुलिस ने मजिस्ट्रेट के समक्ष पीडिता के बयान नहीं कराए हैं। पीडिता के वकील का कहना है कि बयान में देरी होने पर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।


पीडिता के शरीर पर चोट के निशान मिले

एडिशनल एसपी वी.के. गौड़ के नेतृत्व में सीआईडी की विशेष्ा टीम दोपहर सवा बारह बजे पीडिता को लेकर एसएमएस अस्पताल पहंुची। यहां तीन डॉक्टरों- फोरेंसिक विशेष्ाज्ञ दीपाली पाठक, स्त्री रोग विशेष्ाज्ञ रेनू जैन और उर्मिला ने महिला की जांच की। सूत्रों के मुताबिक, पैनल ने वजाइना और सर्वाइकल जांच के साथ फोरेंसिक परीक्षण भी किए। महिला के स्तन पर चोट के निशान भी मिले हैं। अन्य जगह रगड़ के निशान हैं। मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन (मेडिकल बोर्ड) विभाग के अध्यक्ष प्रो. आर.के पूनिया ने बताया कि रिपोर्ट पुलिस को सौंपी गई है।


नहीं मिले नागर, बेड पर मिला धब्बा

मेडिकल के बाद पुलिस महिला और एफएसएल टीम के साथ बाबूलाल नागर के बंगले पंहुची। इससे कुछ देर पहले ही नागर अपने क्षेत्र में जाने की कहकर घर से निकल चुके थे। यहां पीडिता ने बताया कि कमरे में दुराचार के बाद नागर ने उसे बाथरूम के रास्ते बाहर निकाला था। बताया जा रहा है कि बिस्तर के पास धब्बे का निशान मिला है। एफएसएल टीम ने इसके नमूने लिए हैं। अब जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि धब्बा किसका है। पुलिस ने बंगले पर तैनात कांस्टेबल मुकेश, नागर की पुत्रवधू, एक महिला रिश्तेदार और बंगले पर तैनात चार कर्मचारियों और दो रसोइयों के बयान भी दर्ज किए।


बेटे और भाई ने डर के मारे नहीं खोला गेट

लगातार मिल रही धमकी के चलते पीडिता के परिजन इतने डरे हैं कि घर से बाहर भी नहीं निकल रहे। पीडिता का 17 वष्ाीüय बेटा तीन दिन से स्कूल नहीं गया है। सुबह 11 बजे सीआईडी टीम पीडिता को लेकर एसएमएस अस्पताल चली गई। इस बीच दोपहर में उसके घर पहुंची महिला आयोग अध्यक्ष लाडकुमारी जैन घण्टे भर बाहर ही खड़ी रहीं, लेकिन पीडिता के भाई और बेटे ने डर के मारे दरवाजा भी नहीं खोला। वे बाद में नागर के बंगले पर पीडिता से मिलीं।


रात में घटना स्थल पर ले जाना गलत


राज्य महिला आयोग अध्यक्ष लाडकुमारी जैन से बातचीत

सीआईडी का बुधवार रात पीडिता को मौके के लिए घटना स्थल ले जाना
सही था?

अध्यक्ष : गलत है। वो भी जब मंत्री खुद घर में मौजूद हैं, इससे पीडिता में खौफ हो सकता है। बुधवार का पूरा दिन था। उसे दिन में ले जाना चाहिए था।
रात को आरोपी मंत्री बंगले पर थे, सीआईडी को क्या करना चाहिए था ?
अध्यक्ष: कोई भी मामला आता है, पुलिस खुद ट्रायल करने में लग जाती है, पुलिस को अपना काम कर आरोपी को कोर्ट में पेश करना चाहिए।
घटना बंगले पर हुई, लेकिन सीआईडी ने कमरा ही सील किया, अब तो इस्तीफा देने की बात सामने आ गई है?
अध्यक्ष: यह सब सरकार को देखना चाहिए, बंगले में सबूत नष्ट नहीं हो, इसके लिए सीआईडी को जो उचित लगा, वो किया होगा।
पीडिता का आरोप है वह थाने गई, लेकिन पुलिस ने भगा दिया, इस पर क्या कार्रवाई करेंगे?
अध्यक्ष: पीडिता ने इस्तगासे में थाने में नहीं जाना बताया है, लेकिन आज भी महिला उत्पीड़न में 40 प्रतिशत मामलों में पुलिस पीडिता को थाने से भगा देती है। इस संबंध में सीएस और पुलिस विभाग को कई बार कार्रवाई के लिए पत्र भी लिख चुके हैं, लेकिन फिर भी थाना पुलिस पीडित महिलाओं को भगा देती है।


इस्तीफे के बाद भी लगवाए शिलापट्ट

दुष्कर्म के आरोप में फंसे दूदू के विधायक बाबूलाल नागर के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बावजूद प्रधान महावीर प्रसाद जैन ने गुरूवार को मुख्य अतिथि खादी मंत्री बाबूलाल नागर के नाम के कई स्थानों पर शिलापट्ट लगवा दिए। प्रधान ने अधिकारियों के साथ ग्रामीण जलप्रदाय योजना के तहत मदनपुरा, केरिया, धुवालिया में तथा पालड़ी में नवक्रमोन्नत उच्च प्राथमिक विद्यालय सहित अन्य गांवों में विकास कार्यो के लोकार्पण के दौरान खादी मंत्री बाबूलाल नागर के मुख्य अतिथि के नाम के शिलापट्ट लगवाए।

झोंपे में आग से विवाहिता जिंदा जली

झोंपे में आग से विवाहिता जिंदा जली 

बायतु  उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत पनावड़ा के राजस्व गांव बांडी धोरा में स्थित एक रहवासी ढाणी में आग से विवाहिता जिंदा जल गई। सूचना मिलने पर थानाधिकारी मय टीम मौके पर पहुंचे। विवाहिता को आग से बाहर निकाला गया, तब तक दम तोड़ दिया। आग से झोंपे व घरेलू सामान जलकर नष्ट हुआ। ग्राम पंचायत पनावड़ा के राजस्व बांडी धोरा में स्थित घमाराम मेघवाल की रहवासी ढाणी में गुरुवार सांय 7 बजे को अचानक आग लगी। आग की लपटों से झोंपे में बैठी केसी देवी (45)पत्नी घमाराम मेघवाल बाहर निकल नहीं पाई। आग से घिरने से विवाहिता जिंदा जल गई। आग की लपटे देखकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। लेकिन विवाहिता को बाहर निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। 

इधर, सूचना मिलने पर बायतु थानाधिकारी मदनलाल चौधरी मय टीम मौके पर पहुंचे। आग बुझाने के बाद विवाहिता को बाहर निकाला गया। जब तक पूरा शरीर झुलसने से दम तोड़ दिया था।

झोंपे में अकेली थी केसी

गुरुवार सांय 7 बजे केसी झोंपे में अकेली थी। पति, सास व बच्चे घर से कुछ ही दूरी पर स्थित पशुओं के बाड़े में थे। आग की लपटे देखकर परिवार के सदस्य दौड़ते हुए पहुंचे। पानी व रेत से आग को काबू किया। केसी की मौत से बच्चे व परिवार के सदस्य फूट फूटकर रोने लगे। ग्रामीणों ने उन्हें ढांढस बंधाते हुए शांत किया।

गुरुवार, 19 सितंबर 2013

सूरवाल, गोपालगढ़ और टोंक की घटनाओं के बाद मुसलमानों को भाजपा से नहीं, कांग्रेस से दूर रहना चाहिए... वसुन्धरा राजे

जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुन्धरा राजे ने कहा कि उनकी भाजपा सरकार में मुसलमानों का सम्मान और सुरक्षा का पूरा खयाल रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुसलमानों को भाजपा से डराती आई है लेकिन सूरवाल, गोपालगढ़ और टोंक की घटनाओं के बाद तो यह स्पष्ट भी हो गया है कि मुसलमानों को भाजपा से नहीं, कांग्रेस से दूर रहना चाहिए। क्योंकि भाजपा सभी मजहबों और 36 की 36 कौमों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है, 



जबकि कांग्रेस मजहबी झगड़े करवाकर वोटों की राजनीति में भरोसा करती है।
राजे सिविल लाईन्स स्थित इसरदा पैलेस में आयोजित मुस्लिम उलेमाओं के कार्यक्रम को सम्बोधित रही थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री झूंठ बोलने में माहिर है, जो कहते हैं कि गोली चलाना तो दूर, उनकी सरकार ने प्रदेश में किसी पर लाठीचार्ज तक नहीं किया। क्या मुख्यमंत्री गोपालगढ़ और टोंक की मस्जिद में हुई घटनाओं को भूल गये? क्या मुख्यमंत्री ये भी भूल गये कि उनके मंत्री अमीन खां ने अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रम में राजस्थान सरकार को ग्राउण्ड लेवल पर जीरो बताया है। क्या उन्हें इतना भी याद नहीं है कि अल्पसंख्यक आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष हबीबुल्ला ने भी गोपालगढ़ के मामले में राजस्थान सरकार को दोषी बताया है और कहा है कि गोपालगढ़ में सरकार ने अपने ही लोगों पर गोलियां चलवाई। इस कार्यक्रम में करीब एक हजार मुस्लिमों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की, जिनमें प्रदेशभर से आये उलेमा भी शामिल थे। इस मौके पर बाड़मेर के कारी अहमद जमाल खां, अली मोहम्मद, मौलाना हबीबउल्ला, डोटाणा के हाजी इब्राहिम तथा जालौर के मौलाना लतीफ सहित सैंकड़ों उलेमा मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन पूर्व मंत्री युनूस खान ने किया।
वसुन्धरा ने इस मौके पर एक शेर भी पढ़ा-
दिल में गीता, गुरूग्रंथ, बाईबल, कुरआन रखती हूँ,
सभी मजहबों का, मैं मन में सम्मान रखती हूँ,
ये मेरे पुरखों की दी हुई जागीर है दोस्तों,
मैं अपने दिल में सारा हिन्दुस्तान रखती हूँ।
मदेरणा के मामले में तो सीबीआई से जांच
नागर के प्रकरण में सीआईडी क्यों-वसुन्धरा
वसुन्धरा ने कहा है कि महिला उत्पीड़न के मामलों में मुख्यमंत्री का दोहरा मापदण्ड है। महिपाल मदेरणा और मलखान सिंह विश्नोई के मामले में तो मुख्यमंत्री ने सीबीआई से जांच करवाई और अपने चहेते मंत्री बाबूलाल नागर के प्रकरण को उन्होंने सीआईडी के हवाले कर दिया। जबकि इस प्रकरण में तो मंत्री नागर को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाना था। राजे मुस्लिम उलेमाओं के कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रही थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस मामले में यह तो कह दिया कि कानून अपना काम करेगा। पर वे ये तो बताए कि कानून अपना काम कब करेगा?
न पैसेंजर, न सिक्योरिटी क्लिरियंस, फिर भी हो गया मैट्रो का उद्घाटन
वसुन्धरा ने कहा कि न परीक्षण हुआ, न सिक्योरिटी क्लिरियंस मिला, न पैसेंजर बैठे और कर दिया खाली मैट्रो का हड़बड़ी में उद्घाटन। ये सब मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जा रहा है, लेकिन मतदाता इनके झांसे में आने वाला नहीं है। मैट्रो में जंग लगे सरिये और घटिया सीमेन्ट का प्रयोग किया गया। इसके वाइब्रेशन से जयपुर की हैरिटेज इमारतों को खतरा है। मैट्रो की जल्दबाजी में कितने हादसे हुए, जो किसी से छुपे हुए नहीं है। मैट्रो का मतलब होता है अण्डर ग्राउण्ड टेªन। इस सरकार ने तो जयपुर की स्काई लाइन ही बिगाड़ दी।

4 साल से नाबालिग बेटी से कर रहा था रेप, अरेस्ट



लखनऊ।। पीजीआई इलाके में बेटी के साथ पिछले काफी समय से दुराचार कर रहे कलयुगी पिता को बुधवार को जेल भेज दिया गया है। अब तक हुई पड़ताल में पुलिस को चौंकाने वाली बात पता चली है कि रिश्तेदारों को दुराचारी पिता की कहानी पहले से ही पता थी। दुराचारी बाप अपनी बेटी को पीटकर घर में रखता था। मेडिकल जांच के दौरान किशोरी के शरीर पर तार से पीटने के घाव देख डॉक्टर और पुलिस वाले दंग रह गए।

कैंट सीओ बबिता सिंह ने बताया कि वृंदावन योजना निवासी दुराचारी पिता को बुधवार को जेल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि पड़ताल में यह बात सामने आई है कि किशोरी जब शारीरिक संबंध बनाने से पिता को मना करती थी तब वह उसे तार से बेहरमी से पीटता था। किशोरी के शरीर पर तार से पीटने के कई निशान व घाव हैं।

उन्होंने बताया कि पड़ताल में चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि बच्ची के साथ दुराचार होने के बारे में उसके बहुत ही नजदीकी रिश्तेदारों तक को पूरी जानकारी थी पर, उन सभी ने लोकलाज के डर से मामले को दबाए रखा था। जब पुलिस ने किशोरी के बताने पर रिश्तेदारों से बात की और उन्हें घटना की जानकारी दी तो उन लोगों ने ऐसा काफी समय से होने की हामी भर दी। हालांकि यह रिश्तेदार अपना बयान दर्ज कराने में पीछे हट रहे हैं पर, पुलिस ने उन रिश्तेदारों को राजधानी बुलवाया है। उधर, आरोपित पिता बेटी पर ही प्रेम-प्रसंग का आरोप लगाते हुए खुद को बचाने की कोशिश कर रहा था।

भाई को गोद में सुलाकर दर्ज कराया बयान दुराचार पीड़िता किशोरी का एक भाई व बहन भी है। मासूम छोटे भाई और बहन के लिए पीड़ित किशोरी मां की तरह फर्ज अदा करती है। वही दोनों को खाना खिलाती और सुलाती है। सीओ कैंट बबिता सिंह ने बताया कि जब किशोरी तीन दिन से लापता थी तो उसकी छोटी बहन व भाई बहुत ही बेचैन थे। मंगलवार रात को पीड़ित किशोरी को देखते ही मासूम भाई उससे चिपककर गोद में जा बैठा। वह उसकी गोद से उतरा ही नहीं और सोने लगा। पुलिस ने भाई को गोद में लेकर बैठी किशोरी से बयान दर्ज किए।

बाड़मेर सोनिया गांधी की सभा में चार लाख की भीड़ जुटाने के दिए निर्देश गहलोत ने


बाड़मेर मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ने रिफायनरी शिलान्यास स्थल का किया निरिक्षण 

सोनिया गांधी की सभा में चार लाख की भीड़ जुटाने के दिए निर्देश गहलोत ने 


बाड़मेर। मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ने गुरूवार को बाड़मेर के पचपदरा में रिफाइनरी षिलान्यास एवं सभा स्थल का अवलोकन कर यूपीए अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के 22 सितंबर को प्रस्तावित दौरे की तैयारियाें का जायजा लिया। एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने पचपदरा कस्बे में सिथत ओसवाल समाज सभा भवन में कांग्रेसी कार्यकर्ताआें की बैठक ली।

गुरूवार को एक दिवसीय दौरे पर बाड़मेर पहुंचे मुख्यमंत्री गहलोत ने गुरूदास कामंत,केन्द्रीय मंत्री सी.पी.जोषी,कांग्रेस प्रदेषाध्यक्ष चन्द्रभान एवं विभिन्न कांग्रेसी नेताआें के साथ रिफाइनरी षिलान्यास एवं सभा स्थल का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी का षिलान्यास राजस्थान एवं बाड़मेर जिले के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा। उन्हाेंने कहा कि इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए अधिकाधिक लोगाें को जन सभा में पहुंचने का आहवान किया। उन्हाेंने भारतीय जनता पार्टी के विभिन्न नेताआें के बयानाें पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह उनकी आदत है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ने आम आदमी के उत्थान के लिए विभिन्न सरकारी योजनाआें का आगाज एवं सफल कि्रयान्वयन किया है। इससे आमजन को खासी राहत मिली है। उन्हाेंने विधानसभा चुनाव को लेकर पिछले कुछ दिनाें से आ रहे सर्वे को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि सर्वे हमेषा गलत साबित होते है। कांग्रेसी कार्यकर्ताआें को ऐसे चुनावी सर्वे से हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। उन्हाेंने कार्यकर्ताआें से एकजुट होकर कांग्रेस को मजबूत बनाने को कहा।



टोनी ब्लेयर की बेटी को बंदूक दिखाकर लूटने की कोशिश

लंदन।। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की बेटी कैथरीन को बंदूक दिखाकर लूटने की कोशिश की गई। लुटेरों ने लंदन में बंदूक दिखाकर कैथरीन से कैश और जूलरी लूटने की कोशिश की। हालांकि, वह उनके चंगुल से बच निकलने में कामयाब रहीं।tony-blair-daughter
टोनी ब्लेयर की 29 साल की बेटी कैथरीन और उनका बॉयफ्रेंड अपने कुत्ते के साथ सोमवार रात घूम रहे थे। इस दौरान दो लोगों ने उन्हें रोक लिया। इनमें से एक के हाथ में बंदूक थी। उन्होंने दोनों से कैश और जूलरी मांगे, लेकिन अचानक वे बिना कुछ लूटे मौके से फरार हो गए।

पुलिस को मेरिलबोन इलाके में रात साढ़े आठ बजे लूट की दो घटनाओं के बारे में सूचित किया गया था। किसी पीड़ित को कोई चोट नहीं पहुंची है। लूट के दोनों मामलों में हथियार दिखाकर डराया गया, लेकिन कोई गोली नहीं चलाई गई। अधिकारी मामलों की जांच कर रहे है।पुलिस वे कहा कि इस समय किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। हमारा मानना है कि दोनों घटनाओं में कुछ भी चुराया नहीं गया। हम दूसरे मामले की जानकारियों की अभी जांच कर रहे हैं।

झुग्‍गी-झोपड़ी में रह रहे हैं मुगल बादहशाह बहादुर शाह जफर के वंशज



उनके पूर्वज बड़े साम्राज्‍य में राज करते हुए आलीशान महलों में रहा करते थे, लेकिन सुल्‍ताना बेगम के नसीब में मुगल शासकों की जिंदगी का सुख कहां. वो तो कोलकाता की झुग्‍गी में रहने पर मजबूर है.

जी हां, 60 साल की सुल्‍ताना बेगम भारत के आखिरी मुगल शासक बहादुर शाह जफर की पौत्रवधू हैं. अपनी शाही विरासत के बावजूद वो मामूली पेंशन पर रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने की जद्दोजहद में लगी रहती हैं.

उनके पति राजकुमार मिर्जा बेदर बख्‍त की साल 1980 में मौत हो गई थी और तब से वो गरीबों की जिंदगी जी रही हैं. वो हावड़ा की एक झुग्‍गी-छोपड़ी में रह रही हैं. यही नहीं उन्‍हें अपने पड़ोसियों के साथ किचन साझा करनी पड़ती है और बाहर के नल से पानी भरना पड़ता है.

इस बात के पुख्‍ता सबूत हैं कि सुल्‍ताना शाही परिवार की सदस्‍य हैं, इसके बावजूद उन्‍हें हर महीने मात्र 6,000 रुपये की पेंशन मिलती है. अपनी बिन ब्‍याही बेटी मधु बेगम के साथ रह रहीं सुल्‍ताना कहती हैं, 'हम जिंदा है, लेकिन ऊपरवाला ही जानता है कैसे. मेरी दूसरी बेटियां और उनके पति भी बेहद गरीब हें. वे खुद बहुत मुश्किल से गुजारा कर रहे हैं, इसलिए हमारी कोई मदद नहीं कर सकते.'

सुल्‍ताना को अपनी पांच बेटियों और एक बेटे का खर्च चलाने के लिए पेंशन के तौर पर हर महीने 6,000 रुपये मिलते हैं. हाल के सालों में कई लोगों ने उनकी दुर्दशा की ओर सरकार का ध्‍यान दिलाने की कोशिश की है.

सुल्‍ताना का ताल्‍लुक जिस मुगल सलतनत से है उसने 16वीं, 17वीं और 18वीं सदी में भारतीय उप महाद्वीप के वास्‍तुशिल्‍प में बहुत बड़ा योगदान दिया. आगरा का ताज महल और दिल्‍ली का लाल किला मुगल शासको द्वारा बनाए गए स्‍मारकों के कुछ उदाहरणों में से एक हैं.

लेकिन सुल्‍ताना को सालों तक केंद्र और राज्‍य सरकारों के सामने पेंशन और मूलभूत सुविधाओं के लिए गुहार लगानी पड़ी. उनकी पोती रोशन आरा को सरकारी नौकरी दी गई है, जिन्‍हें 15,000 रुपये का वेतन मिलता है. लेकिन उनके परिवार के दूसरे लोग पढ़-लिखे नहीं हैं इसलिए सरकारी नौकरी के लिए टेस्‍ट पास नहीं कर पाए.

सुल्‍ताना ने गुजर-बसर करने के लिए कई सालों तक चाय की दुकान चलाई, लेकिन फिर उन्‍होंने कपड़े सिलने का काम पकड़ लिया. वह कहती हैं, 'मैं आभारी हूं कि कई लोग मेरी मदद के लिए आगे आए हैं. मेरे पति मोहम्‍मद बेदार बख्‍त मुझे बताया करते थे कि हम सम्‍मानजनक शाही परिवार से आते हैं और हमने कभी भीख नहीं मांगी.'

सुल्‍ताना के पति के परदादा बादशाह बहादुर शाह जफर 1837 में गद्दी पर बैठे थे. वह तीन सदियों से भारत में राज कर रहे मु्गल साम्राज्‍य के आखिरी बादशाह थे.

1857 का विद्रोह बहादुर शाह जफर की अगुवाई में हुआ, लेकिन लेकिन जब आंदोलन कुचल दिया गया तो ब्रिटिश साम्राज्य ने उन्हें 1858 में म्यांमार भेज दिया था. इस दौरान वे अपनी पत्‍नी जीनत महल और परिवार के कुछ अन्‍य सदस्‍यों के साथ रह रहे थे. 7 नवम्बर, 1862 को उनका निधन हो गया. यहीं पर उनकी मजार बनाई गई. म्‍यांमार के कुछ स्‍थानीय लोगों ने उन्‍हें संत की उपाधि भी दी.

हालांकि 1857 के विद्रोह के दौरान बहादुर शाह के कई बच्‍चों और पोतों की हत्‍या कर दी गई थी, लेकिन उनके कुछ वंशज आज अमेरिका, भारत और पाकिस्‍तान के अलग-अलग हिस्‍सों में रह रहे हैं.


 

बलात्‍कार के आरोपी मंत्री बाबूलाल नागर ने दिया इस्‍तीफा



बलात्‍कार का आरोप झेल रहे राजस्‍थान के मंत्री बाबूलाल नागर ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. सियासी गलियारों में रेप का यह मामला गरमाने के बाद उन पर इस्‍तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा था.

बाबूलाल नागर राजस्थान सरकार में डेयरी और ग्रामाद्योग राज्य मंत्री थे. बीते दिनों एक लड़की ने उन पर रेप का आरोप लगाया. पीड़ित लड़की के मुताबिक, मंत्री ने उसे नौकरी देने के बहाने घर बुलाया और फिर उसके साथ रेप किया. वारदात 11 सितंबर की है.
बाबूलाल नागर
कोर्ट के आदेश के बाद बाबूलाल नागर के खिलाफ रेप का केस दर्ज कर लिया गया है. मामले की पड़ताल चल रही है. इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कानून अपना काम करेगा और कानून से ऊपर कोई नहीं है.

हालांकि बाबूलाल नागर ने अपने ऊपर लगे आरोपों से साफ इनकार किया है. उन्‍होंने कहा कि वे लगातार चौथी बार चुनाव जीतने जा रहे थे, इसलिए उनके विरोधियों ने साजिश के तहत उन्‍हें रेप के आरोप में फंसाया है. नागर ने कहा कि उन्‍होंने अपनी मर्जी से इस्‍तीफा सौंपा है, इसके लिए उन पर किसी का दबाव नहीं था.

जब उनसे यह पूछा गया कि क्‍या वे इस मामले में गिरफ्तार होने के लिए तैयार हैं, तो उन्‍होंने कहा कि वे इस केस में तरह से सहयोग करने को तैयार हैं.



पहले बाबूलाल नागर ने दावा किया था कि जिस महिला ने आरोप लगाया है, उसके खिलाफ लोगों से काम करवाने की एवज में पैसा हड़पने की शिकायते हैं. उन्होंने यह तो माना कि 11 सितम्बर को आरोपी महिला उनके आवास पर आई थी, लेकिन उस वक्त वह अकेले नहीं थे, बल्कि क्षेत्र के कई लोग मौजूद थे.


 

ऑनर किलिंग: रोहतक में शादी के बाद लड़का-लड़की की बेरहमी से हत्या



रोहतक के गरनावठी में ऑनर किलिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया है. कुछ समय पहले ही गांव में शादी करने वाले युवक और युवती को गांव के ही लोगों ने मौत के घाट उतार दिया. युवक की हत्या के बाद शव को खेत में फेंक दिया जबकि लड़की के शव का दाह संस्कार करने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंच कर लड़की के अधजले शव को कब्जे में ले लिया.
रोहतक में ऑनर किलिंग
पुलिस ने बताया कि 23 वर्षीय धर्मेन्द्र का शव कुचले हुए सिर के साथ रोहतक जिले के कलानौर गांव में उसके घर के बाहर पड़ा हुआ था तो दूसरी ओर 20 वर्षीय निधि का उसके परिवार ने गुपचुप तरीके से अंतिम संस्कार कर दिया था.

दोनों अच्छे दोस्त थे और रोहतक में एक कॉलेज में पढ़ते थे. ये दोनों मंगलवार से लापता थे. सूत्रों की मानें तो इन्‍होंने गुपचुप तरीके से शादी कर ली और ये बात इनके परिवारों को किसी तरह से पता चल गई.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों के परिवार अपने अपने घर छोड़कर भाग चुके हैं. दोनों परिवारों का पता लगाने के लिए छापेमारी की जा रही है. खाप पंचायत के नियमों के अनुसार एक ही गांव या समुदाय में शादी करने की अनुमति नहीं है.


भारत के सात आश्चर्य


भारत के सात आश्चर्य
 



विश्व की सबसे शानदार मानव-निर्मित और प्राकृतिक चीजों को सूचीबद्ध करने के लिए विश्व के सात आश्चर्य की कई सूचियां बनाई गयी हैं. लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) समाचार पत्र ने [India] के पहचाने गए 20 प्राचीन तथा मध्यकालीन स्थलों में से सात महान आश्चर्यों के चुनाव के लिए 21 से 31 जुलाई 2007 के बीच एक   मतदान करवाया. भारत के सात आश्चर्यों को (उनमें से चार यूनेस्को के वैश्विक विरासत स्थल हैं) हैं. 

स्वर्ण मंदिर और ताजमहल को छोड़कर बाकी सभी आश्चर्य छोटे शहरों तथा गावों में स्थित हैं. हालांकि, मतदान के लिए सूचीबद्ध 20 स्मारकों में से 4 महानगरों में भी स्थित हैं - दिल्ली का लोटस टेम्पलतथा क़ुतुब मीनार, मुंबई का विक्टोरिया टर्मिनस और कोलकाता का हावड़ा ब्रिज.

मतदान के क्रम के अनुसार भारत के सात महान आश्चर्य इस प्रकार हैं:
श्रवणबेलगोला या गोमतेश्वर - कर्नाटक राज्य के हासन जिले का श्रवणबेलगोला नामक एक स्थान
हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) - पंजाब के अमृतसर शहर में स्थित
ताज महल - उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित
हाम्पी - उत्तरी कर्नाटक के एक गांव में स्थित
कोणार्क - उड़ीसा राज्य का एक छोटा सा शहर
नालंदा - बिहार में पटना के निकट स्थित एक प्राचीन विश्वविद्यालय
खजुराहो - भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक town

भारतीय संस्कृति में श्राद्ध का महत्व

भारतीय संस्कृति में श्राद्ध का महत्व

- आचार्य धमेंद्र शास्त्री

अपने पूर्वजों के प्रति स्नेह, विनम्रता, आदर व श्रद्धा भाव से किया जाने वाला कर्म ही श्राद्ध है। यह पितृ ऋण से

मुक्ति पाने का सरल उपाय भी है। इसे पितृयज्ञ भी कहा गया है। हर साल भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन (कुंवार) माह की अमावस्या तक के यह सोलह दिन श्राद्धकर्म के होते हैं।

इस वर्ष श्राद्ध पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से होकर उसका समापन 3 अक्टूबर को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या को होगा। महर्षि पाराशर के अनुसार देश, काल तथा पात्र में हविष्यादि विधि से जो कर्म यव (तिल) व दर्भ (कुशा) के साथ मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धापूर्वक किया जाता है वह श्राद्ध होता है।

भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म में पितृ ऋण से मुक्त होने के लिए अपने माता-पिता व परिवार के मृतकों के नियमित श्राद्ध करने की अनिवार्यता प्रतिपादित की गई है। श्राद्ध कर्म को पितृकर्म भी कहा गया है व पितृकर्म से तात्पर्य पितृपूजा भी है।


आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक ऊपर की रश्मि तथा रश्मि के साथ पितृप्राण पृथ्वी पर व्याप्त रहता है। श्राद्घ की मूलभूत परिभाषा यह है कि प्रेत और पित्तर के निमित्त, उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए श्रद्घापूर्वक जो अर्पित किया जाए वह श्राद्घ है। मृत्यु के बाद दशगात्र और षोडशी-सपिण्डन तक मृत व्यक्ति की प्रेत संज्ञा रहती है। सपिण्डन के बाद वह पितरों में सम्मिलित हो जाता है।

पितृपक्ष भर में जो तर्पण किया जाता है उससे वह पितृप्राण स्वयं आप्यापित होता है। पुत्र या उसके नाम से उसका परिवार जो यव तथा चावल का पिण्ड देता है, उसमें से रेत का अंश लेकर वह चंद्रलोक में अम्भप्राण का ऋण चुका देता है।

ठीक आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से वह चक्र ऊपर की ओर होने लगता है। 15 दिन अपना-अपना भाग लेकर शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से उसी रश्मि के साथ रवाना हो जाता है। इसलिए इसको पितृपक्ष कहते हैं और इसी पक्ष में श्राद्घ करने से वह पित्तरों को प्राप्त होता है।

शास्त्रों का निर्देश है कि माता-पिता आदि के निमित्त उनके नाम और गोत्र का उच्चारण कर मंत्रों द्वारा जो अन्न आदि अर्पित किया जाता है, वह उनको प्राप्त हो जाता है। यदि अपने कर्मों के अनुसार उनको देव योनि प्राप्त होती है तो वह अमृत रूप में उनको प्राप्त होता है। उन्हें गन्धर्व लोक प्राप्त होने पर भोग्य रूप में, पशु योनि में तृण रूप में, सर्प योनि में वायु रूप में, यक्ष रूप में पेय रूप में, दानव योनि में मांस के रूप में, प्रेत योनि में रुधिर के रूप में और मनुष्य योनि में अन्न आदि के रूप में उपलब्ध होता है।

जब पित्तर यह सुनते हैं कि श्राद्घकाल उपस्थित हो गया है, तो वे एक-दूसरे का स्मरण करते हुए मनोनय रूप से श्राद्घस्थल पर उपस्थित हो जाते हैं और ब्राह्मणों के साथ वायु रूप में भोजन करते हैं। यह भी कहा गया है कि जब सूर्य कन्या राशि में आते हैं तब पित्तर अपने पुत्र-पौत्रों के यहां आते हैं।

विशेषतः आश्विन-अमावस्या के दिन वे दरवाजे पर आकर बैठ जाते हैं। यदि उस दिन उनका श्राद्घ नहीं किया जाता तब वे श्राप देकर लौट जाते हैं। अतः उस दिन पत्र-पुष्प-फल और जल-तर्पण से यथाशक्ति उनको तृप्त करना चाहिए। श्राद्घ विमुख नहीं होना चाहिए।

बुधवार, 18 सितंबर 2013

राजनितिक शाख्श्यत जीवन परिचय किसानो के सच्चे हमदर्द हेमाराम चौधरी







राजनितिक शाख्श्यत जीवन परिचय किसानो के सच्चे हमदर्द हेमाराम चौधरी



श्री हेमाराम चौधरी का जीवन परिचय

बाड़मेर जिले की राजनीती में ध्रुव तारे की तरह चमके हेमाराम चौधरी ने साधारण किसान परिवार में जन्म लेकर राजनीती के शिखर तक का सफ़र तय लिया। किसानो के सच्चे हितेश हेमाराम ने राजनीती जीवन में किसानो का हित सर्वोपरि। रखा आज उनका जीवन परिचय बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक के शिकार पर कोलम में दे रहे हें।


सहज, सरल, मिलनसार व्यक्तित्व के धनि चौधरी भावुक, संवेदनशील, सह्रदय इंसान भी हैं। आपने कई आन्दोलनों का सफल नेतृत्व किया. गुढा मालानी तहसील के अकाल पीड़ित किसानों का आन्दोलन हो या शिक्षक आन्दोलन। शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर तो आपने भूख हड़ताल की। फलस्वरूप सैंकड़ों युवाओं को शिक्षक की नौकरी मिली। आप राजनीतिज्ञ होने के साथ अच्छे समाज सेवी भी हैं। कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुए चौधरी सदैव किसान एवं पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए समर्पित रहे हैं। आप श्री किसान छात्रावास बाड़मेर के वर्षों से उपाध्यक्ष हैं। जाट चेरिटेबल ट्रस्ट के 1999 से अध्यक्ष रहे। आपकी सहधर्मिणी भीखी देवी तीन बार बायतु भीमजी ग्राम पंचायत की निर्विरोध सरपंच रही हैं।



श्री हेमाराम चौधरी का जन्म 18 जनवरी, 1948 को बाडमेर जिले की बायतु तहसील के ग्राम बायतु भीमजी में स्वर्गीय मूलाराम चौधरी धतरवाल के परिवार में हुआ।

आपने प्रारंभिक शिक्षा गाँव में प्राप्त करने के पश्चात् बालोतरा एवं जोधपुर से जोधपुर विश्वविद्यालय से बी.कॉम, एल.एल.बी. तक शिक्षा अर्जित की।

वर्ष 1971 में श्री चौधरी का चवा के विख्यात अभोणी सारण परिवार की श्रीमती भीखी चौधरी के साथ विवाह हुआ। आपके एक पुत्र व एक पुत्री है। आपके पुत्र वीरेन्द्र चौधरी बीकानेर इंजीनियरिंग कालेज में प्रोफ़ेसर हैं ।

वकालत प्रारंभ की

सन 1973 में आपने बाड़मेर में वकालत प्रारंभ की । युवा वकील चौधरी ने अल्प समय में ही महत्वपूर्ण फैसले करवाकर अपनी विशिष्ट पहचान बनाली । उस समय के जटिल सीलिंग प्रकरण में आपने किसानों की जोरदार तरीके से पैरवी कर किसानों को न्याय दिलाया ।

राजनीती में प्रवेश

व्यवसाय से वकील एवं कृषक श्री चौधरी 1978 में हुए पंचायत चुनाओं में प्रथम बार वार्ड पञ्च बनकर राजनीति की दहलीज पर पैर रखा । आप 5 बार विधान सभा का चुनाव जीते:

श्री चौधरी वर्ष 1980 में सातवीं विधान सभा के लिए गुढामालानी क्षेत्र (बाडमेर) से सदस्य रहे।
पुन: 1985 में आठवीं विधान सभा के लिए गुढामालानी क्षेत्र से से सदस्य रहे,
1998 में 11वीं विधान सभा के लिए गुढामालानी क्षेत्र से से सदस्य रहे।
2003 में 12वीं विधान सभा के लिए गुढामालानी क्षेत्र से सदस्य रहे।
2008 में तेरहवीं विधान सभा के लिए भी आप गुढामालानी क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं।

श्री चौधरी वर्ष 1980-82 में विधान सभा की प्राक्कलन समिति के, वर्ष 1980-81 व 86-87 में अधीनस्थ विधान संबंधी समिति के, वर्ष 1982-84 व 86-87 में प्राक्कलन समिति ’’क’’ के, वर्ष 1985-86 में राजकीय उपक्रम समिति के, वर्ष 1987-88 में जन लेखा समिति के सदस्य तथा वर्ष 1999-2002 में विशेषाधिकार समिति के सभापति रहे। श्री चौधरी 14 मई, 2002 से 4 दिसम्बर, 2003 तक गहलोत सरकार में परिवार कल्याण ( स्वतंत्र प्रभार), कृषि राज्यमंत्री रहे हैं।

श्री चौधरी बारहवीं राज्य विधान सभा में मार्च, 2004 तक राजकीय उपक्रम समिति के, मार्च से नवम्बर, 2004 तक पिछडे वर्ग के कल्याण संबंधी समिति के तथा नवम्बर, 2004 से 05 तक याचिका समिति के सभापति भी रहे हैं। श्री चौधरी केन्द्रीय सहकारी बैंक बाडमेर के अध्यक्ष तथा जिला कांग्रेस (आई) कमेटी के महामंत्री भी रहे हैं। आप जिला स्तर पर राज्य सरकार द्वारा गठित विभिन्न कल्याणकारी समितियों के साथ ग्राम सेवा सहकारी समिति, बायतु भीमजी के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

श्री चौधरी 12वीं राज्य विधान सभा में 23 अक्टूबर, 2007 से प्रतिपक्ष के नेता रहे।

श्री चौधरी को 19 दिसम्बर, 2008 को राजभवन में महामहिम राज्यपाल ने गहलोत मंत्रिमंडल में कबीना मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। आप राजस्व, उपनिवेशन, सैनिक कल्याण विभाग मंत्री के प्रभार में हैं ।

समाज सेवा

श्री चौधरी समाजसेवा, पिछडे व दलित वर्ग की समस्याओं के समाधान के रचनात्मक कार्यों में सदैव सक्रिय रहे हैं। आपने वर्ष 1985 में राजस्थान से भेडों के निष्क्रमण संबंधी मामलों पर उत्पन्न समस्याओं के निराकरण हेतु गठित उच्चस्तरीय समिति के सदस्य के रूप में विशिष्ट सेवाएं दी हैं।

सहज, सरल, मिलनसार व्यक्तित्व के धनि चौधरी भावुक, संवेदनशील, सह्रदय इंसान भी हैं। आपने कई आन्दोलनों का सफल नेतृत्व किया. गुढा मालानी तहसील के अकाल पीड़ित किसानों का आन्दोलन हो या शिक्षक आन्दोलन। शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर तो आपने भूख हड़ताल की। फलस्वरूप सैंकड़ों युवाओं को शिक्षक की नौकरी मिली। आप राजनीतिज्ञ होने के साथ अच्छे समाज सेवी भी हैं। कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुए चौधरी सदैव किसान एवं पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए समर्पित रहे हैं। आप श्री किसान छात्रावास बाड़मेर के वर्षों से उपाध्यक्ष हैं। जाट चेरिटेबल ट्रस्ट के 1999 से अध्यक्ष रहे। आपकी सहधर्मिणी भीखी देवी तीन बार बायतु भीमजी ग्राम पंचायत की निर्विरोध सरपंच रही हैं।

श्री चौधरी की समाज सेवा के साथ कबड्डी, वॉलीबाल व शतरंज आदि खेलों में विशेष अभिरूचि रही है।


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राजस्थान में भाजपा की बल्ले बल्ले टाइम्स नाउ सर्वे

राजस्थान में भाजपा की बल्ले बल्ले टाइम्स नाउ सर्वे 

राजस्थान में भाजपा 117 कांग्रेस ६४ बसपा ३ अन्य २२ 
नई दिल्ली।। हमारे सहयोगी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ और सी-वोटर के ताजा सर्वे का यकीन करें तो विधानसभा चुनावों में बीजेपी का बोलबाला है। हालांकि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी बीजेपी की जीत की राह में रोड़ा बन रही है। सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में चुनाव के बाद न तो कांग्रेस दोबारा सरकार बनाने की स्थिति में होगी और न ही बीजेपी बहुमत हासिल कर पाएगी। कम सीटें लाकर भी केजरीवाल के हाथों में सत्ता की चाबी होगी। वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी हैटट्रिक लगाने जा रही है। इसके अलावा राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार को हटाकर बीजेपी की सत्ता में वापसी का सर्वे में अनुमान लगाया गया है।



राजस्थान में बीजेपी की वापसी: टाइम्स नाउ, सी वोटर सर्वे ने राजस्थान में बीजेपी को 118 सीटें दी हैं। सर्वे में कांग्रेस को 64, बीएसपी को 3 और अन्य को 15 सीटों का अनुमान है। सर्वे के मुताबिक, इस बार गहलोत सरकार की विदाई होगी और बीजेपी एक बार फिर सत्ता में वापसी करेगी। राजस्थान में बीजेपी की वसुंधरा राजे सिंधिया सबसे पॉप्युलर सीएम कैंडिडेट हैं। वसुंधरा के पत्र में 44 फीसदी लोग हैं, जबकि वर्तमान सीएम अशोक गहलोत के पक्ष में 25, सचिन पायलट के पक्ष में 5 और सी. पी. जोशी के पक्ष में 4 फीसदी लोग हैं।



दिल्ली में बीजेपी बड़ी पार्टी, लेकिन सत्ता से दूर: टाइम्स नाउ, सी वोटर सर्वे के मुताबिक, 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस को 29 सीटें मिलने के आसार हैं, वहीं बीजेपी 30 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी होगी। सर्वे में पहली बार चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने वाली अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को 7 सीटें मिलने का अनुमान है।

किंगमेकर की भूमिका में केजरीवाल: सी-वोटर ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 1 अगस्त से 10 अगस्त के बीच दिल्ली की जनता से राय ली। इसके आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में जहां बीजेपी 30 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी, वहीं सत्ता के लिए जरूरी 36 के आंकड़े से पार्टी काफी दूर होगी। वहीं पहली बार किस्मत आजमा रहे केजरीवाल ज्यादा सीट तो नहीं ला पाएंगे, लेकिन वह किंगमेकर की भूमिका में होंगे।




शीला पहली पसंद: भले ही बीजेपी सीटों के आंकड़े से कांग्रेस पर भारी पड़ रही है, लेकिन शीला दीक्षित अभी भी सीएम के तौर पर लोगों की पहली पसंद हैं। 37 फीसदी लोग शीला को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं, वहीं 18 फीसदी लोग बीजेपी के विजय गोयल को और 17 फीसदी केजरीवाल को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं।

साल 2008 के आंकड़ों पर गौर करें तो दिल्ली में कांग्रेस 43 सीट लेकर लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही थी। वहीं बीजेपी को 23 और अन्य को 4 सीटें मिली थीं।

एमपी में बीजेपी की हैटट्रिक: टाइम्स नाउ और सी वोटर सर्वे के मुताबिक, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान हैटट्रिक लगाएंगे। कांग्रेस को 2008 के मुकाबले 13 सीटों के फायदे का अनुमान है, लेकिन बीजेपी आसानी से बहुमत हासिल करने में कामयाब रहेगी। सर्वे के मुताबिक, 2013 चुनाव में कांग्रेस को 84, बीजेपी को 130, बीएसपी को 5 और अन्य को 5 सीटें मिलेंगी। 2008 में कांग्रेस को 71, बीजेपी को 143, बीएसपी को 9 और अन्य को 11 सीटें मिली थीं।

शिवराज पहली पसंद: एमपी में ज्यादातर लोग शिवराज सिंह चौहान को सीएम की कुर्सी पर देखना चाहते हैं। 56 फीसदी लोगों की पसंद शिवराज हैं, वहीं 23 फीसदी ज्योतिरादित्य सिंधिया, 3 फीसदी दिग्विजय सिंह, 4 फीसदी उमा भारती और 14 फीसदी अन्य के पक्ष में हैं।

छत्तीसगढ़ में रमन की हैटट्रिक: सर्वे के अनुसार, छत्तीसगढ़ में भी एक बार फिर बीजेपी कांग्रेस पर भारी है और 2013 चुनाव में भी रमन सिंह की सरकार बनेगी। कांग्रेस को 40, बीजेपी को 47, बीएसपी को 2 और अन्य को 1 सीट मिलने के आसार हैं। पसंदीदा सीएम की लिस्ट में भी रमन सिंह टॉप पर हैं। रमन सिंह को जहां 48 फीसदी लोग सीएम की कुर्सी पर देखना चाहते हैं, वहीं कांग्रेस के अजित जोगी को पक्ष में महज 23 फीसदी लोग हैं।