शनिवार, 13 जुलाई 2013

'सीएम और पेट्रोलियम मंत्री अपने आपको समझते क्या हैं? सबको ठीक कर दूंगा'

'सीएम और पेट्रोलियम मंत्री अपने आपको समझते क्या हैं? सबको ठीक कर दूंगा'

जयपुर. बुधवार का दिन। शास्त्रीभवन स्थित पेट्रोलियम मंत्रालय। राजस्थान के एक नेता पहले पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली से मिलना चाहते हैं, लेकिन जैसे ही उन्हें बताया जाता है कि वे विदेश गए हैं तो वे जोर-जोर से बोलने लगते हैं-मुझे बताओ, कहां हैं मोइली? ये मोइली मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिल गए हैं। ये बाड़मेर के लोगों से धोखा कर रहे हैं। गहलोत और मोइली अपने आपको समझते क्या हैं! मैं सबको ठीक कर दूंगा। ये जानते नहीं, मुझे लोग कर्नल सोनाराम कहते हैं! मैं सोनिया गांधी से शिकायत करूंगा।

शोर सुनकर मंत्रालय के अधिकारी कर्मचारी तक झांकने लगते हैं। लोग एक-दूसरे से पता करते हैं तो जानकारी मिलती है कि ये कांग्रेस विधायक और पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम हैं और रिफाइनरी की जगह बदलने को लेकर आग बबूला हैं। राजस्थान की रिफाइनरी लीलाला के बजाय पचपदरा तय करने के विरोध में कर्नल सोनाराम मंगलवार और बुधवार को दिल्ली में पेट्रोलियम मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों से मिले।

वे पेट्रोलियम सचिव विवेक रॉय, एडिशनल सेक्रेटरी राजीवकुमार, एडिशनल सेक्रेटरी और फाइनेंशल एडवाइजर एससी खूंटिया और ज्वाइंट सेक्रेटरी रिफाइनरी आरके सिंह से मुलाकात की कोशिशें कीं, लेकिन उनकी बातचीत सिर्फ सिंह ने ही सुनी। इसके बाद वे पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन से भी मुलाकात की।


हां, मैं दिल्ली गया था : सोनाराम

हां, मैं दिल्ली गया था। सबको हकीकत बताई। मैं मिलने तो मोइली से गया था, लेकिन वह तो विदेश गए थे। लेकिन मैंने सबको खरा-खरा कहा।

पंचतत्व में विलीन प्राण, अंतिम विदाई में उमड़ा बॉलीवुड



मुंबई।बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार विलेन प्राण का अब से कुछ देर पहले अंतिम संस्कार किया गया। प्राण ने शुक्रवार रात 8.30 बजे मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रह थे। प्राण को हाल ही में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 93 साल के प्राण हिंदी सिनेमा के सबसे चर्चित खलनायक रहे। उनकी रौबदार आवाज और अभिनय का अनोखा अंदाज एक समय फिल्म की सफलता की गारंटी माना जाता था।



प्राण साहब के जाने से बॉलीवुड में उनकी जगह हमेशा हमेशा के लिए खाली हो गई जिसे कोई भी नहीं भर सकता है। प्राण साहब को आखिरी विदाई देने के लिए पूरा बॉलीवुड उमड़ पड़ा। प्राण साहब के साथ काम कर चुके और जिन लोगों ने उन्हें पर्दे पर देखा हैं उन्होंने आखिरी बार सलाम पेश किया। प्राण को अंतिम विदाई देने अमिताभ, शत्रुघ्न सिन्हा, रजा मुराद, डैनी अनुपम खेर समेत तमाम सितारे पहुंचे।



प्राण ने अपने पूरे फिल्म करियर में कई पुरस्कार और सम्मान अपने नाम किए। प्राण ने अपने शानदार अभिनय के जरिये 1967, 1969 और 1972 में फिल्मफेयर के बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का पुरस्कार जीता। जबकि 1997 में फिल्मों में उनके योगदान के लिए फिल्मफेयर का लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड दिया गया। यही नहीं सन 2000 में स्टारडस्ट ने प्राण को विलेन ऑफ द मिलेनियम के पुरस्कार से सम्मानित किया। 2001 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया और भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए 2013 में उन्हें दादा साहब फाल्के सम्मान से नवाजा गया।

नागौर में ट्रक-कार भिड़ंत,5 की मौत

नागौर में ट्रक-कार भिड़ंत,5 की मौत
नागौर। शहर के खींवसर थाना इलाके के नागडी गांव के पास शुक्रवार देर रात नागौर से शादी समारोह से लौट रहे पांच युवकों की कार को ट्रक ने टक्कर मार दी।

टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि पांचों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में तीन युवक नोखा व दो युवक कुन्हाडिया गांव के रहने वाले थे। पुलिस ने कार में फंसे शवों को बाहर निकाला और खींवसर के राजकीय अस्पताल में रखवाया।

मृतकों की पहचान जितेन्द्र,किशन,देवराज पुरोहित,अशोक सिंह और हनुमान सिंह के रूप में की गई। ये सभी नागौर से एक शादी समारोह में शामिल हो कर लौट रहे थे।

करीब 1.30 बजे नागडी के पास सामने से आ रहा ट्रक ने कार को टक्कर मार दी। दुर्घटना के बाद पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से कार में फंसे लोगो को बाहर निकालकर उन्हें खींवसर राजकीय अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कांस्टेबल से सरकारी क्वार्टर में दुष्कर्म

कांस्टेबल से सरकारी क्वार्टर में दुष्कर्म
जयपुर। राजस्थान पुलिस की एक महिला कांस्टेबल से मोबाइल पर दोस्ती और फिर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

आरोपी युवक हरियाणा मूल का बताया जा रहा है और पीडित कांस्टेबल फिलहाल राजधानी जयपुर में तैनात है। पीडित कांस्टेबल की ओर से दुष्कर्म का यह मामला यहां शास्त्री नगर थाने में दर्ज कराया गया है।



25 वर्षीय पीडिता के अनुसार आरोपी युवक सोमदत्त यादव हरियाणा के महेन्द्रगढ़ का रहने वाला है और कोच्ची में काम करता है। सोमदत्त ने करीब तीन साल पहले पीडिता से फोन पर दोस्ती की थी।


दोनों के बीच टेलीफोनिक दोस्ती धीरे-धीरे आगे बढ़ती गई और आरोपी के बुलावे पर पीडिता पहले महेन्द्रगढ़ और फिर फ्लाइट से कोच्ची(केरल) तक जा पहुंची।

कुछ दिन कोच्ची रहने के बाद आरोपी पीडिता को लेकर जयपुर पहुंचता है और उसी के सरकारी क्वार्टर में उसके साथ दुष्कर्म को अंजाम देता है।


हरियाणा पुलिस ने नहीं की मदद



शास्त्री नगर थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार आरोपी ने शादी का झांसा देकर महिला कांस्टेबल से दुष्कर्म किया और जयपुर से लौट गया। इसके बाद पिछले साल 29 नवम्बर को पीडिता को पता चला कि आरोपी पहले से शादीशुदा है तो वह 12 दिसम्बर 12 को महेन्द्रगढ़ गई।


लेकिन वहां पर आरोपी व आरोपी के मामा ने उससे अभद्रता करते हुए भगा दिया। महेन्द्रगढ़ पुलिस को शिकायत की,लेकिन आरोपी का प्रभाव होने के कारण वहां की पुलिस ने कोई मदद नहीं की।


हालांकि,अब पीडिता की ओर से अब शास्त्री नगर थाने में इस्तगासे से मामला दर्ज कराए जाने के बाद जांच शास्त्री नगर एसीपी कर रहे हैं।

तनोट मंदिर परिसर में फ़क़ीर बाबा की दरगाह

सांप्रदायिक सद्भाव की मिशाल बना तनोट राय माता मंदिर 


तनोट मंदिर परिसर में फ़क़ीर बाबा की दरगाह 

चन्दन सिंह भाटी 

बाड़मेर भारत पाकिस्तान सरहद पर दोनों देशो के मध्य हुए युद्धों का साक्षी रहा जैसलमेर जिले का तनोट मंदिर भारत वर्ष का संभवता एक मात्र देवी मंदिर हें जिसके परिसर में फ़क़ीर बाबा की दरगाह बने गई हें ,अक्सर देश भर में धार्मिक मान्यताओ के चलते दरगाह या मस्जिद मंदिरों में नहीं बने ,जाती ,मूलतः तनौत राय माता मंदिर हें ,जिसके भारत पकिस्तान के उनीस सौ पेंसठ और इकाहातर के युद्धों के चमत्कार आज भी लोगो को रोमांचित करते हें ,जैसलमेर से लगभग एक सौ पैंतीस किलोमीटर पकिस्तान सरहद के पास स्थित तनौत माता के मंदिर की देख भाग सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी और जवान ही करते हें ,यंहा तक की मंदिर का पुजारी भी सीमा सुरक्षा बल का हें ,इस मंदिर परिसर के मुख्य बरामदे में बाबा फ़क़ीर की सुंदर दरगाह बनी हें ,जो सांप्रदायिक सद्भाव की मिशाल पेश करती हें ,हालांकि इस दरगाह का कोई एतिहासिक महत्त्व नहीं हें नहीं पारम्परिक महत्त्व ,इसके बावजूद सीमा सुरक्षा बल ने मात्र एक पत्थरनुमा दरगाह को मूर्त रूप देकर शानदार बना दिया ,सीमा सुरक्षा बल के सूत्रों ने बताया तनौत माता का मूल मंदिर हें ,पूर्व में यहाँ छोटा सा मंदिर था ,मंदिर के बाहर एक पत्थरनुमा आकर में हरे कपडे से लिपटा स्थान था ,इस स्थान पर कभी कोई सजदा करने नहीं आता था ,हां कभी कभार आस पास के लोग शुक्रवार को आते थे ,मुस्लिम परिवार बड़ी संख्या में तनौत के दर्शन करने तो आते थे मगर उन्हें भी इस दरगाह के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी ,मंदिर का जन जिर्नोदार किया गया तो दरगाह को मंदिर परिसर में लेकर इसे खूबसूरत रूप दे दिया ,तनौत माता के दर्शन करने आने वाले मुस्लिम भक्त इस दरगाह में भी पूजा पाठ करते हें ,आस पास के गाँवो के मुस्लिम धर्म से जुड़े लोग भी नमाज़ ऐडा करने आतेहें ,हमें ख़ुशी हें की तनौत माता मंदिर सांप्रदायिक सद्भावना का प्रतिक बना ,तनोऊ के पास स्थित गाँव रणियाई निवासी रोजे खान का कहना हें की जन्हा हिन्दू मंदिरों में मुस्लिमो का प्रवेश तक निषेद्ध हें इसे में तनोत माता के मंदिर में दरगाह बना कर हमारे मन में सद्भावन जगा दे सीमा सुरक्षा बल ने ,हम लोग शुक्रवार को तनौत जाकर पहले माता के दर्शन करते हें फिर दरगाह में नमाज अदा कर पूजा पाठ करते हें ,तनौत माता मंदिर आने वाला हर श्रद्धालु इस दरगाह में प्रसाद चढ़ा कर अगरबती करता हें ,वाकई अद्भुत हें ,बाबा फ़क़ीर की दरगाह

जैसलमेर की तंग गलियों में पर्यटन दलाल सक्रिय




जैसलमेर पर्यटन सीजन पर विशेष ...भाग 3 

पर्यटन व्यवसाय दलालों ने जैसलमेर का पर्यटन उद्योग ख़त्म किया


चन्दन भाटी||



जैसलमेर पश्चिमी राजस्थान की पर्यटन नगरी जैसलमेर में पर्यटक की घटती संख्या ने पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों को चिंता में डाल दिया हें ,जयपुर और दिल्ली में बैठे पर्यटन से जुड़े सम्बंधित टूर ट्रेवल्स कंपनियों द्वारा दलाली और कमीशन की राशि अत्यधिक बढ़ा देने से टूर पैकेज महंगे हो गए जिसके कारण भी विदेशी जैसलमेर आना पसंद नहीं कर रहे, दलालों के कारण राजस्थान में मरुस्थली इलाकों में पर्यटन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. विदेशी सैलानियों के टूर पैकेज पर बड़ी ट्रेवल कम्पनियों को जैसलमेर में मुह्मांगा कमीशन नहीं मिलने के कारण इस व्यवसाय से जुड़े एजेंट ग्रुप जैसलमेर भेजने में कोई रूचि नहीं दिखा रहे .

विदेशी पर्यटकों को जैसलमेर यात्रा अपेक्षाकृत ज्यादा महँगी पड़ती हें .दिल्ली से दलाली का खेल शुरू होकर जैसलमेर तक अनवरत चलता हें .सौ रुपये की चीज एक हज़ार रुपये तक बढ़ जाती हें ,जैसलमेर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन या पर्यटन विभाग किसी कार्य योजना पर काम नहीं कर रहे .    .जैसलमेर में विदेशी पर्यटक देखते  ही दलालों का समूह सक्रीय हो जाता हें .पर्यटकों  के ठहराने से लेकर खाने पीने ,सफारी ,गाईड ,खरीदी ,सब पर कमिसंखोरी होती हें .पर्यटक जैसलमेर में बढाती कमिसंखोरी से दुखी हें .उनका जैसलमेर से मोह भंग हो रहा हें .

थार पर्यटन के लिए प्रसिद्ध जैसलमेर जिले में इस वर्ष देसी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में खासी कमी आने की आशंका है. हालांकि कहा जा रहा है कि पर्यटकों की संख्या घटने का प्रमुख कारण यहां बहुतायत में लगाई गई पवन ऊर्जा मिलें है.
जैसलमेर में वर्ष 2011 में कुल 2 लाख 98 हजार 891 देसी पर्यटक और 1 लाख 25 हजार 958 विदेशी पर्यटक आए थे जबकि वर्ष 2012 में जनवरी से जुलाई तक केवल 56 हजार 958 देसी और 35 हजार 823 विदेशी पर्यटक आए. जैसलमेर के पर्यटन क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि इस वर्ष घरेलू पर्यटकों की संख्या में 60 फीसदी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में 40 फीसदी की कमी आ सकती है.

जैसलमेर की सत्यम ट्यूर्स एंड ट्रैवल्स के डायरेक्टर शैतान सिंह देवड़ा का कहना है कि जैसलमेर में पिछले पांच सालों में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही थी और पर्यटन यहां के लोगों के लिए प्रमुख व्यवसाय बन गया था, लेकिन इस वर्ष पर्यटकों की संख्या में कमी का अनुमान है. इस साल जैसलमेर में पर्यटकों की की संख्या बढऩे के आसार कम ही हैं.

जैसलमेर लोकेशन के प्रदीप गौड़ का कहना है कि पर्यटकों की संख्या बढऩे से जैसलमेर के लोगों को नया रोजगार क्षेत्र मिल गया था. मेंहदीरत्ता का कहना है कि वैश्विक मंदी जैसलमेर में पर्यटकों की संख्या और घटाएगी.
फ़्रांसिसी पर्यटक जेम्स हेनरी ने बताया की जैसलमेर के लोग पर्यटकों को लूटने में लगे हें .इतनी कमीशन खोरी भारत में कहीं नहीं देखि .पर्यटकों को लूटा जा रहा हें .सुविधाए देने के नाम पर धोखा धडी भी होती हें .पहले दो साल में एक बार जैसलमेर आता था .मगर इस बार पांच साल बाद आया हूँ .

गौरतलब है कि राजस्थान का रेगिस्तानी जिला जैसलमेर हेरिटेज थार पर्यटन और सम के धौरों के लिए विश्व के पर्यटन नक्शे पर एक खास जगह रखता है मगर बड़ी ट्रेवल कम्पनियां कम कमीशन के कारण पर्यटकों को जैसलमेर के पैकेज उपलब्ध करने में संकोच कर रही हैं.

सविता की मौत ने बदला कानून

सविता की मौत ने बदला कानून
लंदन। भारतीय मूल की सविता हलप्पनवार की मौत ने गर्भपात से जुड़े कानून पर आयरलैंड में कुछ ऎसी बहस शुरू की कि अब वहां सांसदों ने पहली बार ये कानून बदलने के पक्ष में मतदान किया है। गर्भपात को वैधानिक दर्जा देने वाला कानून करें कुछ शतोंü के साथ पारित कर दिया गया है।

बहुमत से समर्थन: मतदान के दौरान 127 सांसद इसके पक्ष में थे जबकि 31 सांसदों ने गर्भपात को कानूनी बनाने का विरोध किया। ज्यादातर सांसदों ने इस बात पर सहमति जताई कि अगर डॉक्टर को ऎसा लगता है कि गर्भपात न कराने से गर्भवती महिला की जान जा सकती है, तो ऎसी स्थिति में गर्भपात की अनुमति दी जानी चाहिए।

एक घटना जिसने बदल दिया कानून : दरअसल, आयरलैंड एक कैथोलिक देश है जहां अब तक गर्भपात एक कानूनन जुर्म था। लेकिन पिछले साल एक भारतीय मूल की गर्भवती महिला डॉक्टर सविता हलप्पनवार के गर्भ गिरने यानी मिसकैरेज से हुई मौत के बाद वहां गर्भपात से जुड़े कानून को लेकर बहस छिड़ गई थी।

31 वर्षीय सविता पिछले साल अक्टूबर में अस्पताल में भर्ती हुई थीं, जहां उनका गर्भ गिर गया था। इसके एक हफ्ते बाद सेप्टिसेमिया के कारण उनकी मौत हो गई थी। उनके पति ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि अस्पताल ने उनकी पत्नी की गर्भपात की दरख्वास्त पर कोई सुनवाई नहीं की। मामले में जांच हुई, तो सामने आया कि उन्हें गर्भपात की इजाजत इसलिए नहीं दी गई क्योंकि उनकी जान को खतरा नहीं था।

ये दिए जा रहे तर्क
गर्भपात का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस कानून के पारित हो जाने से आयरलैंड में पहली बार ऎसा होगा कि लोग जान बूझ कर गर्भ में बच्चा गिरवाने की कोशिश करेंगे।


कार्यकर्ताओं के लिए ये केवल एक धार्मिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक मानवाधिकारों से जुड़ा मुद्दा भी है क्योंकि उन्हें लगता है कि गर्भवती मां के साथ-साथ उनके गर्भ में पल रहे बच्चे का भी समान अधिकार होता है। हालांकि गर्भपात का समर्थन करने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि ये विधेयक अब भी इस बात को नजरअंदाज करता है कि हर दिन 11 महिलाएं गर्भपात के लिए आयरलैंड छोड़कर ब्रिटेन जाती हैं। अब अगर डॉक्टर को लगता है कि गर्भपात न करवाने से महिला के स्वास्थ्य को खतरा है, तो वे कानूनी कार्रवाई के डर के बिना ही ये फैसला ले सकेंगे कि गर्भपात किया जाए या नहीं।


दुनिया भर में विरोध
दुनिया भर में लोगों ने आयरलैंड के गर्भपात-विरोधी कानून का विरोध किया था। लेकिन जब तक डॉक्टरों को ये बात समझ में आई कि उनकी जान को वाकई खतरा है, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सविता के पति का कहना है कि अगर गर्भपात समय रहते करवा लिया गया होता, तो उनकी पत्नी की जान बच सकती थी। इस हादसे के बाद दुनिया भर में आयरलैंड के गर्भपात-विरोधी कानून को लेकर बहस छिड़ गई थी।

विरोध लेकिन क्यों
इस कानून के पक्ष में हुई वोटिंग पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि इससे गर्भपात के चलन में तेजी आ सकती है। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि ये विधेयक अब भी कमजोर है क्योंकि इसमें दुष्कर्म के कारण हुए गर्भ के मुद्दे को संबोधित नहीं किया गया है।

साथ ही इस विधेयक में उस स्थिति में भी गर्भपात की इजाजत नहीं दी गई है, जिसमें भ्रूण के गर्भाशय के बाहर भी बचने की संभावना नहीं होती। इस मामले में एक पक्ष और है जो पिछले दिनों ज्वलंत चर्चा का विषय बना हुआ है। कैथोलिक परंपराओं वाले इस देश में कुछ संगठन इसे धार्मिक परंपरा से जोड़कर देख रहे हैं। वे इसे धार्मिक मामलों में दखल करार देते हैं।

थार में उपजा अरब का खजूर

थार में उपजा अरब का खजूर

जोधपुर। चार साल की कड़ी मेहनत के बाद थार के धोरों में अरबी खजूर के फल तैयार हो चुके हैं। इसकी पौध संयुक्त अरब अमीरात से लाई गई थी। अब करीब ग्यारह सौ पेड़ों पर लगे फल पक गए हैं। जुलाई के अंत तक पहली बार यह फसल बाजार में आएगी। कृषि विभाग के अधिकारी भी पैदावार को देखकर उत्साहित हैं, लेकिन मानसून में फसल को नुकसान की भी आशंका बनी हुई है।

इस लिहाज से तत्काल फ ल को बाजार में लाने की तैयारी चल रही है। दरअसल कृषि विभाग ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान योजना के तहत जैसलमेर के सगरा-भोजका में यह पेड़ लगाए। वर्ष 2009 में करीब 100 हेक्टेयर में 15 हजार 381 पौधे लगाए गए। इनमें से करीब ग्यारह सौ पौधे ऎसे हैं जिन पर पूरी तरह से फल पक कर तैयार हैं। अनुमान के मुताबिक प्रत्येक पेड़ पर लगभग पचास किलो खजूर लगा है, यानि करीब 550 क्विंटल। रमजान के महीने में इसकी खपत तेजी से हो सकती है।

गुजरात के खजूर से मुकाबला
जोधपुर सहित मारवाड़ में खजूर सबसे ज्यादा गुजरात से आता है। इसके अलावा मुंबई, राजकोट, पाकिस्तान, मदीना व अन्य अरब देशों से भी खजूर मंगाया जाता है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि राजस्थान में तैयार खजूर की वैरायटी अरब देशों की तरह ही है। उनका स्वाद भी अच्छा है। कीमत भी कम होगी। अच्छी बात ये है कि थार का खजूर आपकों 40 रूपए किलो तक मिल सकेगा।

एक पेड़ से 70 साल तक कमाई
कृषि अधिकारियों के अनुसार जैसलमेर में लगाए गए एक पौधे पर वर्तमान में पचास किलो फल का होने का अनुमान है। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ एक पौधा 250 किलो तक फल दे सकता है। यही नहीं एक पौधा करीब 70 साल तक उपज देने में सक्षम है। निजी तौर पर किसान यह फसल उगा सकते हैं। क्योंकि यह आर्थिक संबल प्रदान करने वाली फसल है। जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, बाड़मेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर व चूरू में अगर किसान खजूर की खेती करना चाहें तो उन्हें पौधे लाने पर सरकार सब्सिडी देती है।

खजूर की वैरायटी व खासियत
यहां पर बरही, सघाई, जायली, खलास, खुनैशी व मेडजूल वैरायटी का खजूर लगाया गया है। यह पीला और हल्का लाल रंग लिए होता है। खाने में भी ये काफी स्वादिष्ट होते हैं।

सरकार देती है सब्सिडी
संयुक्त अरब अमीरात से पांच वैरायटी यहां लगाई गई थी। खजूर तैयार है और जल्द ही लोगों को खाने को मिलेगा। पौधों पर सरकार नब्बे प्रतिशत तक सब्सिडी देती है।
-वीरेन्द्रसिंह सोलंकी, उपनिदेशक होर्टीकल्चर, जोधपुर

"वसुंधरा ही उखाड़ सकती हैं कांग्रेस को"

"वसुंधरा ही उखाड़ सकती हैं कांग्रेस को"

जयपुर। पिछले दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी के कार्यक्रमों में शामिल हुए बाबा रामदेव शुक्रवार को अपनी जयपुर यात्रा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वंसुधरा राजे से मिले। बाद में उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को वसुंधरा ही कांग्रेस के कुशासन से मुक्ति दिला सकती है। क्योंकि राजस्थान में एक वे ही ऎसी सर्वमान्य नेता हैं, जिनमें कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का माद्दा है।

बाबा रामदेव घनश्याम तिवाड़ी की देवदर्शन यात्रा की शुरूआत तथा बाद में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में शामिल हुए थे। तब उन्होंने कहा था कि राजे को सबको साथ लेकर चलना होगा। शुक्रवार को रामदेव ने अन्य कार्यक्रमों के अलावा राजे से दो घंटे मुलाकात की। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार से आमजन नाराज है। वसुंधरा व तिवाड़ी के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि तिवाड़ी भी दमदार नेता हैं। बाबाओं का काम ही सामंजस्य बैठाना है, वसुंधरा हो या फिर तिवाड़ी।

इधर, मानसरोवर के टैगोर स्कूल में प्रातीय युवा सम्मेलन में रामदेव ने युवाओं से आह्वान किया है कि वे विधानसभा व लोकसभा चुनावों में सत्ता व व्यवस्था परिवर्तन के लिए अभी से जुट जाएं। सम्मेलन में महिला प्रकोष्ठ की विजय लक्ष्मी, सरिता, डॉ. बलवंत शास्त्री व दिनेशगिरी महाराज ने भी विचार व्यक्त किए।

निस्तेज हैं गहलोत
इससे पहले प्रेसवार्ता में रामदेव ने कहा कि केन्द्र व राजस्थान से कांग्रेस के कुराज को खत्म करना ही उनका लक्ष्य है। राजस्थान में मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत ने कुराज स्थापित कर रखा है, वे निस्तेज हैं। हालांकि इस आरोप का आधार पूछने पर वे जवाब नहीं दे पाए। बल्कि कहा कि गहलोत व्यक्तिगत रूप से शरीफ हैं, लेकिन कांग्रेस भ्रष्टाचार की गंगोत्री है। इसलिए उनका राज भी कुराज ही है। भाजपा में शामिल होने के बारे में उन्होंने कहा कि वे न कभी इसके सदस्य थे और न अभी हैं, लेकिन अगर उनके संगठन द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों को भाजपा चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करेगी तो वे उसे समर्थन देंगे।

तातोल गांव में बने गलत पहचान पत्र

तातोल गांव में बने गलत पहचान पत्र 

70 वर्षीय बुजुर्ग को फोटो में दिखाया जवान 

बीएलओ शिवनारायण ने गंाव के 70 वर्षीय वृद्ध के पहचान पत्र पर 22 वर्षीय युवक का फोटो चिपका दिया। इससे एक बारगी पहचान पत्र धारक गुस्सा हो गए।  

रामसीन तातोल गांव में काफी लोगों के पहचान पत्र गलत बनाए गए हैं,इसको लेकर ग्रामीण परेशान है । बीएलओ की लापरवाही के चलते जब ग्रामीणों के हाथ में नए पहचान पत्र आए तो पहचान पत्र में कई लोगों के फोटो गलत थे। नए पहचान पत्र गांव वालों के लिए मजाक बन गए हैं, बुजुर्गों के पहचान पत्र पर जवान लोगों के फोटो लगे है। 

गलत पहचान पत्र को लेकर गांववालों के सामने मुसीबत उस समय खड़ी हुई जब गंाव में आधार कार्ड के लिए लगे शिविर में ग्रामीणों ने आधार कार्ड के लिए अपना पहचान पत्र साथ लगाया तो गलत फोटो के कारण उनका आधार कार्ड नहीं बन पाया । इधर बीएलओ को जब गलती का अहसास हुआ तो वह तीन माह से अवकाश पर जाने के साथ चार्ज भी अन्य को दे दिया। ऐसे में अब ग्रामीणों को भूल सुधार के लिए भटक रहे हैं। 

बच्चों ने बनाए थे कार्ड



ग्रामीणों की मानें तो बीएलओ शिवनारायण ने सरकारी काम को गंभीरता से नहीं लिया। खुद कार्ड बनाने की जगह उसने यह कार्य स्कूली बच्चों से पूरा करवाया था। परिचय पत्र पर फोटो चिपकाने का काम स्कूली बच्चे कर रहे थे,इस कारण बच्चों ने गलत फोटो पेस्ट कर दिए।

सुधरवाए जाएंगे पहचान पत्र
॥मैने तीन माह पहले ही बीएलओ से चार्ज लिया है। मैने पहचान पत्र बांटने का कार्य किया। जिसमें 30 लोगों के पहचान पत्र पर फोटो गलत मिले। अब उन्हें फिर से सुधारने की कार्रवाई की जाएगी। -बाबूलाल धवल, बीएलओ तातोल

॥मैं तीन माह से अवकाश पर हूं, चार्ज अन्य को दे दिया है । पहचान पत्र पर फोटो गलत आए हैं इसका मुझे नहीं पता । -शिवनारायण, पूर्व बीएलओ, तातोल

॥इस तरह की कोई गड़बड़ी हुई है तो मेरी जानकारी में नहीं है,अगर ऐसा हुआ है तो मामले की जाïंच करवाई जाएगी। - संजय शर्मा, एसडीएम, जसवंतपुरा

ट्रक-ऑटो रिक्शा भिड़ंत में चार की मौत


ट्रक-ऑटो रिक्शा भिड़ंत में चार की मौत 

जालोर



शहर के बिशनगढ़ मार्ग तिराहे के पास ट्रक-ऑटो रिक्शा की आमने सामने की भिड़ंत में एक महिला समेत चार जनों की मौत हो गई। हैड कांस्टेबल बगडूराम ने बताया कि शुक्रवार शाम को ट्रक-ऑटो रिक्शा की आमने सामने की ट्रक में जालोर के तासखाना क्षेत्र निवासी साकिर खां (28) पुत्र वली खां, सांफाड़ा निवासी ममता (45) पत्नी कानाराम भील, सांफाड़ा निवासी कानाराम (50) पुत्र समेलाराम और पोकरराम (30) पुत्र उकाराम जाट हाल पिजोपुरा की अस्पताल पहुंचने तक मौत हो चुकी थी। दुर्घटना इतनी भयंकर थी कि ऑटो रिक्शा के परखच्चे उड़ गए। पुलिस ने आरोपी ट्रक चालक मनोजसिंह को गिरफ्तार कर वाहनों को जब्त किया। घटना के बाद एसडीएम जितेंद्र पांडे ने भी मौका मुआयना किया।

अंतिम संस्कार करने गए लोगों पर हमला घटना के विरोध में छह घंटे जाम रहा हाईवे




सांचौर



नगर के माखुपुरा चैक पोस्ट पर आवंटित श्मशान घाट पर ंतिम संस्कार करने गए लोगों पर शुक्रवार को अतिक्रमियों ने लाठियों व हथियारों से हमला कर दिया। घटना के बाद उग्र लोगों ने नेशनल हाईवे 15 को करीब 6 घंटे तक अवरुद्ध कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। ज्ञात रहे कि नेशनल हाइवे से जुड़ी इस बेशकीमती जमीन पर पहले भी अतिक्रमण हुआ था, जिस पर नगरपालिका ने इसे अतिक्रमण मुक्त करवाने के बाद यहां नगरपालिका की संपत्ति का बोर्ड भी लगा रखा है।

इसके बाद प्रशासन ने इस श्मशान घाट की जमीन को 36 कौम के अंतिम संस्कार के लिए आवंटित कर दिया। अंतिम संस्कार के लिए आवंटित इस खसरे के कुछ भाग पर असामाजिक तत्वों ने कब्जा कर रखा था, ये लोग नहीं चाहते थे कि उक्त जमीन पर अंतिम संस्कार हो। इसी के चलते शुक्रवार को जब लोग अंतिम संस्कार के लिए यहां आए े तो इन लोगों ने उन पर हमला कर दिया। जिसके बाद मामला गर्मा़ गया और घटना के विरोध में लोगों ने सवेरे 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक नेशनल हाईवे को 6 घंटे तक अवरुद्ध कर दिया। मौके पर पहुंचे एएसपी पृथ्वीराज मीणा ने लोगों से समझाइश का प्रयास किया। मीणा द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार करने और भूमि की पैमाइश के आश्वासन के बाद मामला शांत हो पाया। इस दरम्यान घटना की सूचना पर सांसद देवजी पटेल व विधायक जीवाराम चौधरी ने श्मशान भूमि पर अंतिम संस्कार करने आए लोगों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए सांचौर पुलिस उप अधीक्षक को हटाने की मांग पर अड़ गए। माहौल बिगड़ता देख जालोर से अतिरिक्त पुलिस जाब्ता बुलाया गया, इस दौरान कई दौर की वार्ता के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पृथ्वीराज मीणा, सांसद देवजी पटेल व विधायक जीवाराम चौधरी के बीच हुई वार्ता के बाद आक्रोशित लोगों की मांगे मान लिए जाने का ठोस आश्वासन देने के बाद आंदोलनकारी नेशनल हाईवे पर लगे जाम को खोलने पर सहमत हुए। जिस पर शाम करीब 4 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग को खोला गया।

इंसानियत हुई शर्मसार 
नगर के माखुपुरा स्थित चौधरी समाज के श्मशान घाट पर जब वृद्ध नारणाराम चौधरी निवासी माखुपुरा का निधन हो गया, उस दौरान परिजन व समाज के लोगो ने उनकी शव यात्रा को लेकर माखुपुरा स्थित चैक पोस्ट के पास अंत्येष्टी के लिए पहुंचे इस दौरान उक्त भूमि पर अवैध कब्जा कर बैठे लोगों ने लाठियों व हथियारों से हमला कर दिया। अंत्येष्टी स्थल पर हुए अचानक हमले से जहां इंसानियत शर्मसार हो गई वहीं हमले से बचने के लिए एकबारगी वहां अफरा-तफरी मच गई, हमले में करीब चार जने घायल हो गए।

श्मशान भूमि के लिए आवंटित थी

॥माखपुरा चैक पोस्ट के पास स्थित छत्तीस कौम का सार्वजनिक श्मशान भूमि थी जो नर्मदा नहर आने के बाद उक्त जमीन का अधिकांश हिस्सा नहर की परिधि में चला गया था। जिस पर उक्त जमीन को पैमाइश कर सुपुर्द कर दी गई है। जमीन पर किसी भी पक्ष का कोई लेना देना नहीं है, जमीन पूर्व में एक ही खसरे से श्मशान भूमि के लिए आवंटित की गई थी। - अमरसिंह भाटी, तहसीलदार सांचौर

पांच-पांच मिनट के अंतराल में जन्मे तीन बच्चे



पांच-पांच मिनट के अंतराल में जन्मे तीन बच्चे 




बालोतरा राजकीय नाहटा अस्पताल में गुरुवार को प्रसूता ने ५-५ मिनट के अंतराल में तीनों बच्चों को जन्म दिया। तीनों बच्चों का वजन भी एक समान डेढ़ किलो ही है। डॉ. सुरेंद्र पटेल ने बताया कि गुरुवार को बडऩावा निवासी हवी पत्नी समदे खां को प्रसव पीड़ा के दौरान अस्पताल में भर्ती किया गया। देर शाम करीब ८ बजे प्रसूता ने डेढ किलो वजन के एक बच्चे को जन्म दिया। महज पांच मिनट के फासले में प्रसूता ने दूसरे तथा फिर ५ मिनट के बाद तीसरे बच्चे को जन्म दिया। जांच के दौरान प्रसूता व नवजातों की जांच की गई। जांच में तीनों स्वस्थ व सामान्य पाए गए। इस दौरान डॉ. कमल मुंदड़ा, स्टाफ नर्स कांता चौधरी, कमला चौधरी, गीतू चौधरी व मेलनर्स गोपालसिंह सहित प्रसूता के परिजन मौजूद थे।

सीमावर्ती इलाके में गुप्तचर एजेंसियों ने संदिग्ध पकड़ा


सीमावर्ती इलाके में गुप्तचर एजेंसियों ने संदिग्ध पकड़ा 

आरोपी के पास मिले ड्राइविंग लाइसेंस को प्रथम दृष्टया माना फर्जी

बाड़मेर
गुप्तचर एजेंसियों ने शुक्रवार को सूंदरा से बाड़मेर जा रही निजी बस से एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा है। प्रारंभिक जांच व पूछताछ के दौरान व्यक्ति के पास मिला ड्राइविंग लाइसेंस भी फर्जी माना जा रहा है। पूछताछ के बाद उसे गडरारोड पुलिस को सौंप दिया गया।कस्बे में रेलवे स्टेशन के पास बीएसएफ कैंप के सामने बस को रुकवा कर जांच की गई, तो उसमें एक संदिग्ध व्यक्ति मिला। पूछताछ के दौरान उसने खुद को लुधियाना (पंजाब) निवासी मोहम्मद एहमद बताया। उसके पास मिला ड्राइविंग लाइसेंस भी प्रथम दृष्टया फर्जी प्रतीत हो रहा है। लाइसेंस में संदिग्ध का पता 247, हरगोविंद नगर, निवी छापर, गुगराना, लुधियाना लिया है। संदिग्ध के पास से 29 अक्टूबर 2012 को लिखा एक शपथ-पत्र भी मिला है, जिसमें रामकुमार से मोहम्मद एहमद नाम परिवर्तन कर स्वेच्छा से मुस्लिम धर्म कबूल करने का उल्लेख है। करीब 17 दिन से अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे बाड़मेरों का पार गांव में निवास कर रहे इस नागरिक की संदिग्ध गतिविधियों के बाद गुप्तचर एजेंसियों ने इसे हिरासत में लिया है। 

आज होगी संयुक्त पूछताछ

गडरारोड एसएचओ चुन्नीलाल ने बताया कि संदिग्ध व्यक्ति पाकिस्तान सीमा से सटे बाड़मेरों का पार गांव निवासी शेरखान पुत्र इब्राहिम खान के यहां पिछले 17 दिन से निवास कर रहा है। शेरखान को भी पूछताछ के लिए संदिग्ध के साथ बाड़मेर भेजा गया है। जहां दोनों से शनिवार को खुफिया एजेंसियां संयुक्त पूछताछ करेंगी।


जैसलमेर में भी संदिग्ध गिरफ्तार

जैसलमेर त्नअंतरराष्ट्रीय सीमा चौकी नूरा पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने एक व्यक्ति को संदिग्ध अवस्था में घूमते हुए गिरफ्तार कर लिया। राजस्थान सीमांत के डीआईजी रविकिरण थापा ने बताया कि सुबह 9 बजे भारतीय क्षेत्र में तारबंदी के पास एक व्यक्त को बल के जवानों ने पकड़ लिया। प्रारंभिक पूछताछ में पकड़े गए व्यक्ति ने अपना नाम ओमप्रकाश (30) निवासी पोढ़ी गडवाल उतराखंड बताया। इस व्यक्ति के पास किसी भी प्रकार की बरामदगी नहीं हुई है। बीएसएफ ने संदिग्ध व्यक्ति को मोहनगढ़ थाने को सुपुर्द कर दिया।

हेरोइन तस्करी के आरोपी की जमानत खारिज


हेरोइन तस्करी के आरोपी की जमानत खारिज 
जोधपुर/बाड़मेरत्न राजस्थान हाईकोर्ट ने पाकिस्तान से तस्करी कर लाई गई करीब 60 करोड़ कीमत की हेरोइन की तस्करी के आरोपी की जमानत याचिका आवेदन खारिज करने के आदेश दिए। यह आदेश न्यायाधीश निर्मलजीत कौर ने बाड़मेर निवासी शाह मोहम्मद की ओर से दायर जमानत आवेदन पर दिए। मामले के अनुसार 17 सितम्बर 2009 को एसओजी को सूचना मिली थी कि पाकिस्तान बॉर्डर से भारी मात्रा में हेरोइन बाड़मेर के सीमावर्ती क्षेत्र में लाई जा रही है। इस पर एसओजी और एटीएस ने संयुक्त कार्रवाई कर वहां के तस्कर यार मोहम्मद को गिरफ्तार किया। उसने बताया कि पाकिस्तान से 60 किलो हेरोइन की खेप आई थी। अपनी मां के बीमार होने के कारण वह सप्लाई नहीं कर सका तो उसने यह हेरोइन खेत में छिपा दी। टीम ने यार मोहम्मद के खेत से 32 किलो, उसके भाई शाह मोहम्मद के खेत से 10 किलो तथा बहनोई दीते खां के खेत से बाकी बची 18 किलो हेरोइन बरामद की। इस पर यार शाह मोहम्मद को भी गिरफ्तार किया गया लेकिन उसका बहनोई फरार हो गया जो अभी तक नहीं मिला। जमानत आवेदन का विरोध करते हुए राजकीय अधिवक्ता अनिल जोशी ने कहा कि पाकिस्तान से मिलने वाली हेरोइन याद मोहम्मद अपने भाई के सहयोग से दिल्ली पहुंचाता था जहां से पूरे देश में सप्लाई होती थी। अनुसंधान टीम ने यार मोहम्मद व शाह मोहम्मद के कॉल डिटेल से भी पाकिस्तानी नागरिकों से बात करने की पुष्टि की है।