सांचौर
नगर के माखुपुरा चैक पोस्ट पर आवंटित श्मशान घाट पर ंतिम संस्कार करने गए लोगों पर शुक्रवार को अतिक्रमियों ने लाठियों व हथियारों से हमला कर दिया। घटना के बाद उग्र लोगों ने नेशनल हाईवे 15 को करीब 6 घंटे तक अवरुद्ध कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। ज्ञात रहे कि नेशनल हाइवे से जुड़ी इस बेशकीमती जमीन पर पहले भी अतिक्रमण हुआ था, जिस पर नगरपालिका ने इसे अतिक्रमण मुक्त करवाने के बाद यहां नगरपालिका की संपत्ति का बोर्ड भी लगा रखा है।
इसके बाद प्रशासन ने इस श्मशान घाट की जमीन को 36 कौम के अंतिम संस्कार के लिए आवंटित कर दिया। अंतिम संस्कार के लिए आवंटित इस खसरे के कुछ भाग पर असामाजिक तत्वों ने कब्जा कर रखा था, ये लोग नहीं चाहते थे कि उक्त जमीन पर अंतिम संस्कार हो। इसी के चलते शुक्रवार को जब लोग अंतिम संस्कार के लिए यहां आए े तो इन लोगों ने उन पर हमला कर दिया। जिसके बाद मामला गर्मा़ गया और घटना के विरोध में लोगों ने सवेरे 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक नेशनल हाईवे को 6 घंटे तक अवरुद्ध कर दिया। मौके पर पहुंचे एएसपी पृथ्वीराज मीणा ने लोगों से समझाइश का प्रयास किया। मीणा द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार करने और भूमि की पैमाइश के आश्वासन के बाद मामला शांत हो पाया। इस दरम्यान घटना की सूचना पर सांसद देवजी पटेल व विधायक जीवाराम चौधरी ने श्मशान भूमि पर अंतिम संस्कार करने आए लोगों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए सांचौर पुलिस उप अधीक्षक को हटाने की मांग पर अड़ गए। माहौल बिगड़ता देख जालोर से अतिरिक्त पुलिस जाब्ता बुलाया गया, इस दौरान कई दौर की वार्ता के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पृथ्वीराज मीणा, सांसद देवजी पटेल व विधायक जीवाराम चौधरी के बीच हुई वार्ता के बाद आक्रोशित लोगों की मांगे मान लिए जाने का ठोस आश्वासन देने के बाद आंदोलनकारी नेशनल हाईवे पर लगे जाम को खोलने पर सहमत हुए। जिस पर शाम करीब 4 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग को खोला गया।
इंसानियत हुई शर्मसार
नगर के माखुपुरा स्थित चौधरी समाज के श्मशान घाट पर जब वृद्ध नारणाराम चौधरी निवासी माखुपुरा का निधन हो गया, उस दौरान परिजन व समाज के लोगो ने उनकी शव यात्रा को लेकर माखुपुरा स्थित चैक पोस्ट के पास अंत्येष्टी के लिए पहुंचे इस दौरान उक्त भूमि पर अवैध कब्जा कर बैठे लोगों ने लाठियों व हथियारों से हमला कर दिया। अंत्येष्टी स्थल पर हुए अचानक हमले से जहां इंसानियत शर्मसार हो गई वहीं हमले से बचने के लिए एकबारगी वहां अफरा-तफरी मच गई, हमले में करीब चार जने घायल हो गए।
श्मशान भूमि के लिए आवंटित थी
॥माखपुरा चैक पोस्ट के पास स्थित छत्तीस कौम का सार्वजनिक श्मशान भूमि थी जो नर्मदा नहर आने के बाद उक्त जमीन का अधिकांश हिस्सा नहर की परिधि में चला गया था। जिस पर उक्त जमीन को पैमाइश कर सुपुर्द कर दी गई है। जमीन पर किसी भी पक्ष का कोई लेना देना नहीं है, जमीन पूर्व में एक ही खसरे से श्मशान भूमि के लिए आवंटित की गई थी। - अमरसिंह भाटी, तहसीलदार सांचौर
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