भारतीय वायुसेना में ग्रुप 'एक्स (तकनीकी)ट्रेड हेतु वायुसैनिकों की भर्ती
भारतीय वायुसेना में ग्रुप 'एक्स (तकनीकी) ट्रेड हेतु वायुसैनिकों की भर्ती के लिए भारतीय अविवाहित पुरूष नागरिकों से आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं (नेपाल के नागरिक भी इस हेतु आवेदन कर सकते हैं) प्रत्याशी ने न्यूनतम 50 प्रतिशत कुल अंको सहित गणित, भौतिकी और अंग्रेजी विषयों के साथ इण्टरमीडिएट 10+2 समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की हो और अंग्रेजी विषय में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों या किसी सरकारी मान्यता प्राप्त पालिटेकिनक संस्थान से इंजीनियरिंग (मैकेनिकल इलेकिट्रकलइलेक्ट्रानिक्सआटोमोबाइलकम्प्यूटर विज्ञानइंस्ट्रूमेंटेशन प्रौधोगिकी सूचना प्रौधोगिकी) से तीन वर्ष का डिप्लोमा न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण किया हो तथा अंग्रेजी विषय में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों, यदि डिप्लोमा में अंगे्रजी विषय नहीं हो तो इण्टरमीडिएट अथवा मैटि्रक परीक्षा में अंग्रेजी विषय में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों। जिनका जन्म 01 सितम्बर 1993 से 30 दिसम्बर 1996 (दोनों दिन मिलाकर) के बीच हुआ हो, वे इस हेतु आवेदन कर सकते हैं। उक्त भर्ती परीक्षा अगस्त 2013 में आयोजित होगी। इस हेतु आवेदन पत्र 23 मर्इ 2013 तक केन्द्रीय वायुसैनिक चयन बोर्ड, नर्इ दिल्ली पहुच जाने चाहिए। भर्ती हेतु पात्रता एवं फार्म संबंधी विस्तृत जानकारी के लिए कृपया 27 अप्रैल 2013 का 'एम्पलायमेंट न्यूज रोजगार समाचार अथवा भारतीय वायुसेना की वेबसार्इटूूूwww. indianairforce.nic.in को देखें।
बुधवार, 8 मई 2013
बारहवीं विज्ञान का परिणाम कल
बारहवीं विज्ञान का परिणाम कल
जयपुर। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की सीनियर सैकण्डरी विज्ञान का परीक्षा परिणाम नौ मई घोषित किया जाएगा। शिक्षा मंत्री बृतकिशोर शर्मा गुरूवार शाम चार बजे जयपुर में राधाकृष्णन् शिक्षा संकुल में परिणाम जारी करेंगे।
बोर्ड अध्यक्ष डॉ. पीएस वर्मा ने बताया कि विज्ञान वर्ग के परिणाम की तैयारी अंतिम चरण में है। बोर्ड कार्यलय में विद्यार्थियों के विषयवार प्राप्तांक मिल चुके है। इनके आधार पर राज्य एवं जिला स्तरीय योग्यता स्तरीय सूची तैयार की जा रही है।
जयपुर। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की सीनियर सैकण्डरी विज्ञान का परीक्षा परिणाम नौ मई घोषित किया जाएगा। शिक्षा मंत्री बृतकिशोर शर्मा गुरूवार शाम चार बजे जयपुर में राधाकृष्णन् शिक्षा संकुल में परिणाम जारी करेंगे।
बोर्ड अध्यक्ष डॉ. पीएस वर्मा ने बताया कि विज्ञान वर्ग के परिणाम की तैयारी अंतिम चरण में है। बोर्ड कार्यलय में विद्यार्थियों के विषयवार प्राप्तांक मिल चुके है। इनके आधार पर राज्य एवं जिला स्तरीय योग्यता स्तरीय सूची तैयार की जा रही है।
रेप का आरोप,भाजपा विधायक का भतीजा अरेस्ट
रेप का आरोप,भाजपा विधायक का भतीजा अरेस्ट
शहडोल।सीधी थाना के रामपुर गांव में रहने वाली एक 17 वर्षीय किशोरी से ज्यादती के आरोप में पुलिस ने ब्यौहारी विधानसभा से भाजपा विधायक बली सिंह के भतीजे को गिरफ्तार किया है। भतीजे पर आरोप है कि वह पिछले एक साल से किशोरी को शादी का झांसा देकर उसका दैहिक शोषण कर रहा था और जब किशोरी गर्भवती हो गई तो उसने शादी करने से मना कर दिया। पुलिस ने कार्रवाई की और आरोपी को न्यायालय में पेश किया जहां से उसे 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
सीधी थाना प्रभारी एचएल मिश्रा ने बताया कि 17 वर्षीय किशोरी के साथ आरोपी श्रवण कुमार उर्फ सरमन सिंह पिता महेश सिंह आदिवासी (21) पिछले एक साल से शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाता रहा। थाना प्रभारी मिश्रा के अनुसार किशोरी के गर्भवती होने पर पहले तो आरोपी ने शादी करने की बात की थी, लेकिन फिर न नुकुर करने लगा था।
करीब तीन माह पहले पंचायत भी बैठाई गई थी, लेकिन इसके बाद सरमन और उसके परिजन अपनी बात से मुकर गए और इसलिए पीडिता के पिता ने मामले की शिकायत पुलिस से की। पीडित किशोरी ने शहडोल एसपी जीजी पांडेय से शिकायत की, जिसके बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
आरोपी पर धारा 376, 376(2)(एच), 450, 506बी आईपीसी और 4 बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। पीडिता के पिता ने बताया कि आरोपी ब्यौहारी विधायक बली सिंह के छोटे भाई महेश सिंह का पुत्र है। इस कारण हम लोगों ने पहले खूब मिन्नतें कीं, लेकिन आरोपी के परिजनों ने एक न सुनी। इसमें ब्यौहारी विधायक द्वारा भी अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाया जा रहा था लेकिन जब लड़की गर्भवती हो गई और उन्होंने शादी से इनकार कर दिया तो हमें पुलिस में शिकायत करनी पड़ी।
जांच के बाद मामला दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।जीजी पांडेय, एसपी शहडोल
मेरा भतीजा है, लेकिन..
वह मेरा भतीजा है, यह बात सही है लेकिन पारिवारिक मनमुटाव के कारण मेरा ज्यादा मतलब उन लोगों से नहीं है। पुलिस निष्पक्ष होकर कार्रवाई कर रही है। हम पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे।बली सिंह, विधायक, ब्यौहारी
शहडोल।सीधी थाना के रामपुर गांव में रहने वाली एक 17 वर्षीय किशोरी से ज्यादती के आरोप में पुलिस ने ब्यौहारी विधानसभा से भाजपा विधायक बली सिंह के भतीजे को गिरफ्तार किया है। भतीजे पर आरोप है कि वह पिछले एक साल से किशोरी को शादी का झांसा देकर उसका दैहिक शोषण कर रहा था और जब किशोरी गर्भवती हो गई तो उसने शादी करने से मना कर दिया। पुलिस ने कार्रवाई की और आरोपी को न्यायालय में पेश किया जहां से उसे 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
सीधी थाना प्रभारी एचएल मिश्रा ने बताया कि 17 वर्षीय किशोरी के साथ आरोपी श्रवण कुमार उर्फ सरमन सिंह पिता महेश सिंह आदिवासी (21) पिछले एक साल से शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाता रहा। थाना प्रभारी मिश्रा के अनुसार किशोरी के गर्भवती होने पर पहले तो आरोपी ने शादी करने की बात की थी, लेकिन फिर न नुकुर करने लगा था।
करीब तीन माह पहले पंचायत भी बैठाई गई थी, लेकिन इसके बाद सरमन और उसके परिजन अपनी बात से मुकर गए और इसलिए पीडिता के पिता ने मामले की शिकायत पुलिस से की। पीडित किशोरी ने शहडोल एसपी जीजी पांडेय से शिकायत की, जिसके बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
आरोपी पर धारा 376, 376(2)(एच), 450, 506बी आईपीसी और 4 बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। पीडिता के पिता ने बताया कि आरोपी ब्यौहारी विधायक बली सिंह के छोटे भाई महेश सिंह का पुत्र है। इस कारण हम लोगों ने पहले खूब मिन्नतें कीं, लेकिन आरोपी के परिजनों ने एक न सुनी। इसमें ब्यौहारी विधायक द्वारा भी अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाया जा रहा था लेकिन जब लड़की गर्भवती हो गई और उन्होंने शादी से इनकार कर दिया तो हमें पुलिस में शिकायत करनी पड़ी।
जांच के बाद मामला दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।जीजी पांडेय, एसपी शहडोल
मेरा भतीजा है, लेकिन..
वह मेरा भतीजा है, यह बात सही है लेकिन पारिवारिक मनमुटाव के कारण मेरा ज्यादा मतलब उन लोगों से नहीं है। पुलिस निष्पक्ष होकर कार्रवाई कर रही है। हम पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे।बली सिंह, विधायक, ब्यौहारी
करौली में मीणा समर्थकों के बीच गोलीबारी
करौली में मीणा समर्थकों के बीच गोलीबारी
करौली। जिले के लांगरा थाना क्षेत्र में स्थित भांकरी गांव में बुधवार को एक धार्मिक आयोजन कार्यक्रम में निर्दलीय सांसद डॉ. किरोडी लाल मीणा और संसदीय सचिव रमेश मीणा के समर्थकों के बीच लाठी भाटा और गोलियों चलने से अफरा तफरी मच गई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच किसी बात को लेकर हुए विवाद में पथराव और गोलियों चलाई गई लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नही है।
इधर सूत्रों ने बताया कि संसदीय सचिव के वाहन को भी आक्रोशित लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। किरोडी लाल मीणा भी इस कार्यक्रम में शामिल होने आए थे लेकिन वह घटना के समय हेलिपेड पर ही थे।
करौली। जिले के लांगरा थाना क्षेत्र में स्थित भांकरी गांव में बुधवार को एक धार्मिक आयोजन कार्यक्रम में निर्दलीय सांसद डॉ. किरोडी लाल मीणा और संसदीय सचिव रमेश मीणा के समर्थकों के बीच लाठी भाटा और गोलियों चलने से अफरा तफरी मच गई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच किसी बात को लेकर हुए विवाद में पथराव और गोलियों चलाई गई लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नही है।
इधर सूत्रों ने बताया कि संसदीय सचिव के वाहन को भी आक्रोशित लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। किरोडी लाल मीणा भी इस कार्यक्रम में शामिल होने आए थे लेकिन वह घटना के समय हेलिपेड पर ही थे।
रिश्वत लेते बाबू,डॉक्टर सहित 5 गिरफ्तार
रिश्वत लेते बाबू,डॉक्टर सहित 5 गिरफ्तार
जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) ने जयपुर और बांसवाड़ा में कार्रवाई करते हुए बुधवार को तीन लोगों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। राजधानी में जयपुर नगर निगम का एक बाबू पट्टा पट्टा वितरण शिविर में ढाई हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया तो बांसवाड़ा में विद्युत वितरण निगम लिमिटेड(एवीवीएनएल) के एक तकनीकी सहायक और ठेकाकर्मी 4700 रूपए की रिश्वत लेते धरा गया।
झुंझुनूं में पटवारी और अजमेर में डॉक्टर भी धरे
बुधवार को ही ब्यूरो ने झुंझुनूं और अजमेर मं भी कार्रवाई करते हुए एक पटवारी और एक डॉक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। झुंझुनूं की चिड़ावा तहसील में पटवारी संतराम ने जमीन का नामान्तरण खोलने के एवज में 500 रूपए की रिश्वत ली। वहीं,अजमेर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डॉक्टर शरद जैन को मरीज से 3 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों धरा।
निगम के शिविर में रिश्वत का खेल
जयपुर में विद्याधर नगर बस स्टैंड पर जयपुर नगर निगम की ओर से आयोजित पट्टा वितरण शिविर में कनिष्ठ लिपिक मदनलाल बागड़ा ने स्थानीय निवासी रईस खान से उसका पट्टा जारी करने के एवज में रिश्वत ली। एसीबी(जयपुर) की महानिरीक्षक स्मिता श्रीवास्तव के अनुसार परिवादी रईस खान ने ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका पट्टा जारी करने के एवज में निगम का कनिष्ठ लिपिक मदनलाल बागड़ा 4 हजार रूपए की रिश्वत मांग रहा है। रिश्वत की राशि बाद में ढाई हजार रूपए तय हुई और ब्यूरो की टीम ने मामले के सत्यापन के बाद कार्रवाई को अंजाम देते हुए आरोपी बाबू को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
बिजली कनैक्शन के बदले ली रिश्वत
बांसवाड़ा के ठिकरिया औद्योगिक क्षेत्र के पास एसीबी ने कार्रवाई करते हुए निगमकर्मी लवकुमार धाकड़ और ठेकाकर्मी मोहम्मद यूनुस को रिश्वत के 4700 रूपए के साथ धरा। ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपति महावर के निर्देशन में हुई इस कार्रवाई को अंजाम देने वाले सीआई वीरेन्द्र सिंह हाडा ने बताया कि ब्यूरों के पास दो दिन पूर्व हीराबाग कॉलोनी निवासी आशाीष कुमार व्यास ने शिकायत की थी। पीडित ने बताया था कि उनकी फर्म "व्यास बेकरी" पर तीन फेज का बिजली कनैक्शन देने के लिए निगमकर्मी रिश्वत मांग रहे हैं। जबकि कनैक्शन के लिए जरूरी तमाम प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और डिमांड राशि 12 हजार रूपए भी जमा कराए जा चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके निगमकर्मी कनैक्शन के लिए 6 हजार रूपए मांग रहे हैं।
मांगे थे 6 हजार फिर 4700 में सौदा तय
एसीबी ने इस शिकायत को गंभीरता लेते हुए सत्यापन किया। मामले की पुष्टि होने के बाद बुधवार को आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने का जाल बिछाया गया। इस दौरान ओरोपियों के साथ पीडित की बातचीत में 6 हजार का सौदा 4700 रूपए में तय हुआ। इसके बाद ठिकरिया औद्योगिक क्षेत्र स्थिति सहायक अभियन्ता कार्यालय के पास कार्रवाई को अंजाम देते हुए आरोपियों को रिश्वत की राशि सहित गिरफ्तार कर लिया गया।
जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) ने जयपुर और बांसवाड़ा में कार्रवाई करते हुए बुधवार को तीन लोगों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। राजधानी में जयपुर नगर निगम का एक बाबू पट्टा पट्टा वितरण शिविर में ढाई हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया तो बांसवाड़ा में विद्युत वितरण निगम लिमिटेड(एवीवीएनएल) के एक तकनीकी सहायक और ठेकाकर्मी 4700 रूपए की रिश्वत लेते धरा गया।
झुंझुनूं में पटवारी और अजमेर में डॉक्टर भी धरे
बुधवार को ही ब्यूरो ने झुंझुनूं और अजमेर मं भी कार्रवाई करते हुए एक पटवारी और एक डॉक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। झुंझुनूं की चिड़ावा तहसील में पटवारी संतराम ने जमीन का नामान्तरण खोलने के एवज में 500 रूपए की रिश्वत ली। वहीं,अजमेर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डॉक्टर शरद जैन को मरीज से 3 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों धरा।
निगम के शिविर में रिश्वत का खेल
जयपुर में विद्याधर नगर बस स्टैंड पर जयपुर नगर निगम की ओर से आयोजित पट्टा वितरण शिविर में कनिष्ठ लिपिक मदनलाल बागड़ा ने स्थानीय निवासी रईस खान से उसका पट्टा जारी करने के एवज में रिश्वत ली। एसीबी(जयपुर) की महानिरीक्षक स्मिता श्रीवास्तव के अनुसार परिवादी रईस खान ने ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका पट्टा जारी करने के एवज में निगम का कनिष्ठ लिपिक मदनलाल बागड़ा 4 हजार रूपए की रिश्वत मांग रहा है। रिश्वत की राशि बाद में ढाई हजार रूपए तय हुई और ब्यूरो की टीम ने मामले के सत्यापन के बाद कार्रवाई को अंजाम देते हुए आरोपी बाबू को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
बिजली कनैक्शन के बदले ली रिश्वत
बांसवाड़ा के ठिकरिया औद्योगिक क्षेत्र के पास एसीबी ने कार्रवाई करते हुए निगमकर्मी लवकुमार धाकड़ और ठेकाकर्मी मोहम्मद यूनुस को रिश्वत के 4700 रूपए के साथ धरा। ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपति महावर के निर्देशन में हुई इस कार्रवाई को अंजाम देने वाले सीआई वीरेन्द्र सिंह हाडा ने बताया कि ब्यूरों के पास दो दिन पूर्व हीराबाग कॉलोनी निवासी आशाीष कुमार व्यास ने शिकायत की थी। पीडित ने बताया था कि उनकी फर्म "व्यास बेकरी" पर तीन फेज का बिजली कनैक्शन देने के लिए निगमकर्मी रिश्वत मांग रहे हैं। जबकि कनैक्शन के लिए जरूरी तमाम प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और डिमांड राशि 12 हजार रूपए भी जमा कराए जा चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके निगमकर्मी कनैक्शन के लिए 6 हजार रूपए मांग रहे हैं।
मांगे थे 6 हजार फिर 4700 में सौदा तय
एसीबी ने इस शिकायत को गंभीरता लेते हुए सत्यापन किया। मामले की पुष्टि होने के बाद बुधवार को आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने का जाल बिछाया गया। इस दौरान ओरोपियों के साथ पीडित की बातचीत में 6 हजार का सौदा 4700 रूपए में तय हुआ। इसके बाद ठिकरिया औद्योगिक क्षेत्र स्थिति सहायक अभियन्ता कार्यालय के पास कार्रवाई को अंजाम देते हुए आरोपियों को रिश्वत की राशि सहित गिरफ्तार कर लिया गया।
किम पर भारी पड़ीं 'टीन मॉम' फराह, पोर्न वीडियो ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
अमेरिका के प्रसिद्ध रियलटी टीवी शो 'टीन मॉम' की स्टार फराह अब्राहम के पोर्न वीडियो ने तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
फराह के पोर्न वीडियो को 12 घंटे के अंदर ही 20 लाख लोगों ने कीमत चुकाकर देखा। वीडियो को विविड एंटरटेनमेंट वेबसाइट ने जारी किया है।
वेबसाइट के मुताबिक फराह के पोर्न वीडियो में रुचि का आलम यह था कि ओवरलोड के कारण करीब 9 मिनट तक वेबसाइट क्रैश रही।
इससे पहले रियलटी टीवी स्टार किम कर्डाशियन और उनके प्रेमी जे रे के वीडियो ने धमाल मचाया था। किम के वीडियो को पहले 12 घंटे में 6 लाख लोगों ने देखा था। लेकिन यह आंकड़ा फराह के वीडियो के सामने बौना साबित हुआ।
सेलिब्रिटी गॉसिप वेबसाइट टीएमजेड के मुताबिक फराह का वीडियो करीब 72 मिनट का है और यह प्रोफेशनली शूट किया गया पोर्न वीडियो है। माना जा रहा है कि फराह ने इस वीडियो से करीब एक मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई की है।
फराह के पोर्न वीडियो को 12 घंटे के अंदर ही 20 लाख लोगों ने कीमत चुकाकर देखा। वीडियो को विविड एंटरटेनमेंट वेबसाइट ने जारी किया है।
वेबसाइट के मुताबिक फराह के पोर्न वीडियो में रुचि का आलम यह था कि ओवरलोड के कारण करीब 9 मिनट तक वेबसाइट क्रैश रही।
इससे पहले रियलटी टीवी स्टार किम कर्डाशियन और उनके प्रेमी जे रे के वीडियो ने धमाल मचाया था। किम के वीडियो को पहले 12 घंटे में 6 लाख लोगों ने देखा था। लेकिन यह आंकड़ा फराह के वीडियो के सामने बौना साबित हुआ।
सेलिब्रिटी गॉसिप वेबसाइट टीएमजेड के मुताबिक फराह का वीडियो करीब 72 मिनट का है और यह प्रोफेशनली शूट किया गया पोर्न वीडियो है। माना जा रहा है कि फराह ने इस वीडियो से करीब एक मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई की है।
मौत का आलिंगन: बांहों में एक-दूसरे को जकड़े ही दफन हो गया एक जोड़ा
ढाका. बांग्लादेश की रहने वाली तस्लीमा नसरीन के अलावा पिछले दो तीन दिनों से एक दूसरी तस्लीमा ने दुनिया भर के लोगों को अपने काम से प्रभावित किया है। ढाका में हुई हिंसा के चलते व्यापक जनहानि के बीच ही तस्लीमा ने प्रेम का आधारभूत पहलू अपनी इस तस्वीर से उजागर किया है। दरअसल बांग्लादेश में पिछले दिनों एक फैक्ट्री की इमारत गिर गई थी जिसके मलबे में दबकर कई लोगों की मौत हो गई थी। तस्लीमा ने इसी मलबे में मृत पाए गए पति पत्नी की ऐसी तस्वीर खींची किटाइम जैसी पत्रिका को भी उनका इंटरव्यू करने को मजबूर होना पड़ा।
बांग्लादेशी फोटोग्राफर और 'पाठशाला' के नाम से साउथ एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ फोटोग्राफी चलाने वाले शाहिदुल आलम बताते हैं कि यह तस्वीर अंदर तक बेचैन कर देती है। मानवीय दृष्टि से यह बेहतरीन तस्वीर है। मौत के आलिंगन में लिपटी यह तस्वीर बताती है कि हमारी भावनाएं अभी भी जीवित हैं। यह तस्वीर अपनी तरफ खींचती है और हटने नहीं देती। सपनों में आने वाली तस्वीर संदेश देती है कि, नहीं, अब दोबारा ऐसा नहीं होगा। अख्तर ने इस तस्वीर के बारे में एक लेख लिखा है। इससे पहले यह तस्वीर टाइम मैगजीन में डेविड वॉन ड्रेहले के निबंध के साथ प्रकाशित हो चुकी है।
काबिलेगौर है कि पिछले महीने ढाके के बाहरी इलाके में कपड़ा बनाने की फैक्टरी की इमारत गिर गई थी। सुबह हुए इस हादसे में अब तक मरने वालों की संख्या 1400 के पार हो गई है। जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस समय वहां काफी भीड़ थी। बांग्लादेश में दुनिया की सबसे ज्यादा कपड़ा फैक्टरियां हैं। पश्चिमी ब्रांडों के लिए यहां सस्ती कीमत पर कच्चा माल मुहैया कराया जाता है। अग्निशामक दस्ते के एक कर्मचारी का कहना है कि ढाका के जिस सावा इलाके में हादसा हुआ, वहां करीब 2000 लोग थे।
टाइम मैगजीन को तस्लीमा ने बताया कि इस तस्वीर के बारे में उनसे काफी सवाल पूछे जा चुके हैं। वह जवाब देते देते थक चुकी हैं, लेकिन अभी तक उन्हें इन दोनों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। वह यह भी नहीं जान पाई हैं कि वो कौन थे और उनके बीच में क्या रिश्ता था। इमारत ढहने के बाद उन्होंने पूरा दिन वहां गुजारा, लोगों की लाशें देखीं, उन्हें बुरी तरह से घायल देखा। उनके रिश्तेदारों की आंखों में बुरी तरह से खौफ नुमायां था। दोपहर के लगभग 2 बजे इमारत के मलबे में इन दोनों की लाश दिखी। दोनों मृत थे और आलिंगनबद्ध थे। उनकी कमर के नीचे का हिस्सा पूरी तरह से मलबे में दबा हुआ था। युवक की आखों से खून आंसू की तरह बह रहा था। दोनों को देखने से लगता था कि दोनों प्रेम करते हैं और दोनों ने ही एक दूसरे की जान बचाने की कोशिश की।
बांग्लादेशी फोटोग्राफर और 'पाठशाला' के नाम से साउथ एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ फोटोग्राफी चलाने वाले शाहिदुल आलम बताते हैं कि यह तस्वीर अंदर तक बेचैन कर देती है। मानवीय दृष्टि से यह बेहतरीन तस्वीर है। मौत के आलिंगन में लिपटी यह तस्वीर बताती है कि हमारी भावनाएं अभी भी जीवित हैं। यह तस्वीर अपनी तरफ खींचती है और हटने नहीं देती। सपनों में आने वाली तस्वीर संदेश देती है कि, नहीं, अब दोबारा ऐसा नहीं होगा। अख्तर ने इस तस्वीर के बारे में एक लेख लिखा है। इससे पहले यह तस्वीर टाइम मैगजीन में डेविड वॉन ड्रेहले के निबंध के साथ प्रकाशित हो चुकी है।
काबिलेगौर है कि पिछले महीने ढाके के बाहरी इलाके में कपड़ा बनाने की फैक्टरी की इमारत गिर गई थी। सुबह हुए इस हादसे में अब तक मरने वालों की संख्या 1400 के पार हो गई है। जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस समय वहां काफी भीड़ थी। बांग्लादेश में दुनिया की सबसे ज्यादा कपड़ा फैक्टरियां हैं। पश्चिमी ब्रांडों के लिए यहां सस्ती कीमत पर कच्चा माल मुहैया कराया जाता है। अग्निशामक दस्ते के एक कर्मचारी का कहना है कि ढाका के जिस सावा इलाके में हादसा हुआ, वहां करीब 2000 लोग थे।
टाइम मैगजीन को तस्लीमा ने बताया कि इस तस्वीर के बारे में उनसे काफी सवाल पूछे जा चुके हैं। वह जवाब देते देते थक चुकी हैं, लेकिन अभी तक उन्हें इन दोनों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। वह यह भी नहीं जान पाई हैं कि वो कौन थे और उनके बीच में क्या रिश्ता था। इमारत ढहने के बाद उन्होंने पूरा दिन वहां गुजारा, लोगों की लाशें देखीं, उन्हें बुरी तरह से घायल देखा। उनके रिश्तेदारों की आंखों में बुरी तरह से खौफ नुमायां था। दोपहर के लगभग 2 बजे इमारत के मलबे में इन दोनों की लाश दिखी। दोनों मृत थे और आलिंगनबद्ध थे। उनकी कमर के नीचे का हिस्सा पूरी तरह से मलबे में दबा हुआ था। युवक की आखों से खून आंसू की तरह बह रहा था। दोनों को देखने से लगता था कि दोनों प्रेम करते हैं और दोनों ने ही एक दूसरे की जान बचाने की कोशिश की।
तोते की तरह बोलती है सीबीआई:एससी
तोते की तरह बोलती है सीबीआई:एससी
नई दिल्ली। कोलगेट मामले में आज केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के शपथपत्र पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी की जमकर खिंचाई करते हुए कहा कि पिंजरे में बंद जिस तरह तोता मालिक की भाषा बोलता है,सीबीआई वही तोता बन गई है।
अपनी टिप्पणी में कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को स्वतंत्र करना जरूरी हो गया है। उसकी जांच में दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए। साथ ही इसपर केन्द्र का नियंत्रण है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को बेलगाम शक्तियां नहीं दी जा सकती हैं। सीबीआई से कोर्ट ने पूछा कि उसने दो संयुक्त सचिवों को रिपोर्ट क्यों दिखाई।
स्टेटस रिपोर्ट पर सुनवाई के दौरान कोर्ट की इन तलख टिप्पणियों से केन्द्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार और एटर्नी जनरल (एजी) जी ई वाहनवती की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीबीआई ने अपने शपथपत्र में कहा था कि अश्विनी और वाहनवती ने रिपोर्ट देखी और कानून मंत्री के कहने पर ही रिपोर्ट मे बदलाव किए गए थे। वहीं,वाहनवती ने कोर्ट के समक्ष कहा था कि उन्होंने स्टेटस रिपोर्ट नहीं देखी थी।
सीबीआई के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने एजी और पूर्व अतिरिक्त सोलीसिटर जनरल की भी जमकर खिंचाई की। वहीं,एजी ने सुनवाई के दौरान कानून मंत्री के सिर ठिकरा फोड़ते हुए कहा कि उन्होंने मंत्री के कहने पर सीबीआई के साथ बैठक की। मैंने न रिपोर्ट मांगी और न ही रिपोर्ट देखी।
कोर्ट की टिप्पणियों के बाद नेताओं की सोशल नेटवर्किग साइटस पर टिप्पणियां आनी शुरू हो गई हैं। लोकसभा मे विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने ट्वीट करते हुए कहा कि कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बाद कानून मंत्री और एजी को इस्तीफा दे देना चाहिए।
गौरतलब है कि स्टेटस रिपोर्ट को लेकर सीबीआई निदेशक ने सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दायर किया था जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट में बदलाव किए थे।
सीबीआई निदेशक के कोर्ट में शपथ पत्र देने के बाद से ही विपक्ष कानून मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है और अगर आज सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ कोई गंभीर टिप्पणी करता है तो कानून मंत्री की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
एटर्नी जनरल (एजी) गुलाम वाहनवती को सुप्रीम कोर्ट में पूर्व मे कही गई अपनी इस बात को सही साबित करने में मुश्किल होगी जिसमें कहा था कि उन्होंने कोयला घोटाले की स्टेटस रिपोर्ट नहीं देखी थी,जबकि सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने कोर्ट में दायर नौ पन्नों के शपथ पत्र में कहा है कि एजी ने रिपोर्ट देखी थी और उन्हीं के कहने पर उसमें बदलाव किए गए थे।
कोयला रिपोर्ट पर कोर्ट को अंधेरे में रखने के आरोप मे सीबीआई की खिंचाई करने वाले जस्टिस आर एम लोढा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय बैंच रंजीत सिन्हा द्वारा दायर दूसरे शपथ पत्र का अध्ययन करेगी।
सिन्हा ने अपने शपथ पत्र मे कहा है कि कानून मंत्री ने एजेंसी की कोलगेट पर तैयार की गई ड्राफ्ट रिपोर्ट में कुछ बदलाव किए थे। उन्होंने अश्विनी कुमार,वाहनावती,पूर्व अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल हरेन रावल,पीएमओ और कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव शत्रुघन सिंह और ए के भल्ला से हुई मुलाकातो की जानकारी भी कोर्ट में दी।
मुलाकातों का ब्यौरा देते हुए सिन्हा ने बताया कि इन लोगो ने ही ड्राफ्ट रिपोर्ट मे सुझावो के साथ ही उसमें बदलाव किए थे। हालांकि अपने नौ पन्नों के शपथ पत्र मे सीबीआई के निदेशक ने कहा कि रिपोर्ट मे किसी भी आरोपी के खिलाफ जो भी सबूत हैं,उनके साथ छेड़खानी नहीं की गई है और स्टेटस रिपोर्ट के केन्द्रीय विषय में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
नई दिल्ली। कोलगेट मामले में आज केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के शपथपत्र पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी की जमकर खिंचाई करते हुए कहा कि पिंजरे में बंद जिस तरह तोता मालिक की भाषा बोलता है,सीबीआई वही तोता बन गई है।
अपनी टिप्पणी में कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को स्वतंत्र करना जरूरी हो गया है। उसकी जांच में दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए। साथ ही इसपर केन्द्र का नियंत्रण है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को बेलगाम शक्तियां नहीं दी जा सकती हैं। सीबीआई से कोर्ट ने पूछा कि उसने दो संयुक्त सचिवों को रिपोर्ट क्यों दिखाई।
स्टेटस रिपोर्ट पर सुनवाई के दौरान कोर्ट की इन तलख टिप्पणियों से केन्द्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार और एटर्नी जनरल (एजी) जी ई वाहनवती की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीबीआई ने अपने शपथपत्र में कहा था कि अश्विनी और वाहनवती ने रिपोर्ट देखी और कानून मंत्री के कहने पर ही रिपोर्ट मे बदलाव किए गए थे। वहीं,वाहनवती ने कोर्ट के समक्ष कहा था कि उन्होंने स्टेटस रिपोर्ट नहीं देखी थी।
सीबीआई के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने एजी और पूर्व अतिरिक्त सोलीसिटर जनरल की भी जमकर खिंचाई की। वहीं,एजी ने सुनवाई के दौरान कानून मंत्री के सिर ठिकरा फोड़ते हुए कहा कि उन्होंने मंत्री के कहने पर सीबीआई के साथ बैठक की। मैंने न रिपोर्ट मांगी और न ही रिपोर्ट देखी।
कोर्ट की टिप्पणियों के बाद नेताओं की सोशल नेटवर्किग साइटस पर टिप्पणियां आनी शुरू हो गई हैं। लोकसभा मे विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने ट्वीट करते हुए कहा कि कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बाद कानून मंत्री और एजी को इस्तीफा दे देना चाहिए।
गौरतलब है कि स्टेटस रिपोर्ट को लेकर सीबीआई निदेशक ने सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दायर किया था जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट में बदलाव किए थे।
सीबीआई निदेशक के कोर्ट में शपथ पत्र देने के बाद से ही विपक्ष कानून मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है और अगर आज सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ कोई गंभीर टिप्पणी करता है तो कानून मंत्री की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
एटर्नी जनरल (एजी) गुलाम वाहनवती को सुप्रीम कोर्ट में पूर्व मे कही गई अपनी इस बात को सही साबित करने में मुश्किल होगी जिसमें कहा था कि उन्होंने कोयला घोटाले की स्टेटस रिपोर्ट नहीं देखी थी,जबकि सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने कोर्ट में दायर नौ पन्नों के शपथ पत्र में कहा है कि एजी ने रिपोर्ट देखी थी और उन्हीं के कहने पर उसमें बदलाव किए गए थे।
कोयला रिपोर्ट पर कोर्ट को अंधेरे में रखने के आरोप मे सीबीआई की खिंचाई करने वाले जस्टिस आर एम लोढा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय बैंच रंजीत सिन्हा द्वारा दायर दूसरे शपथ पत्र का अध्ययन करेगी।
सिन्हा ने अपने शपथ पत्र मे कहा है कि कानून मंत्री ने एजेंसी की कोलगेट पर तैयार की गई ड्राफ्ट रिपोर्ट में कुछ बदलाव किए थे। उन्होंने अश्विनी कुमार,वाहनावती,पूर्व अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल हरेन रावल,पीएमओ और कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव शत्रुघन सिंह और ए के भल्ला से हुई मुलाकातो की जानकारी भी कोर्ट में दी।
मुलाकातों का ब्यौरा देते हुए सिन्हा ने बताया कि इन लोगो ने ही ड्राफ्ट रिपोर्ट मे सुझावो के साथ ही उसमें बदलाव किए थे। हालांकि अपने नौ पन्नों के शपथ पत्र मे सीबीआई के निदेशक ने कहा कि रिपोर्ट मे किसी भी आरोपी के खिलाफ जो भी सबूत हैं,उनके साथ छेड़खानी नहीं की गई है और स्टेटस रिपोर्ट के केन्द्रीय विषय में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
लिपिक भर्ती प्रक्रिया पर रोक
लिपिक भर्ती प्रक्रिया पर रोक
भीलवाड़ा। जिला परिषद में कनिष्ठ लिपिक भर्ती प्रक्रिया में संविदा कार्मिकों को बोनस अंक देने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अनुभव के आधार पर इन आवेदकों को 10 से 30 अंक बोनस देने पर रोक लगा दी है। इससे लिपिक भर्ती का मामला एक बार फिर अटक गया है।
पंचायत राज विभाग ने मामले से जुड़े सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेज भेजने के लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देशित किया है। इसके बाद जिला परिषद के अधिकारी संबंधित दस्तावेज तैयार करने में जुट गए हैं। इस मामले में सुनवाई 10 मई को होगी।
मांगी है जानकारी
प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से लगे संविदा कार्मिकों के लिए जिला परिषद में मैन्युअल आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए पंचायत राज विभाग ने मैन्युअल आवेदन करने वाले आवेदकों की जानकारी मंगवाई है। इसे भेजने की तैयारी की जा रही है।
केसी मीणा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, भीलवाड़ा
मां भी पुत्र की आश्रित: हाईकोर्ट
जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने मृतक सरकारी कर्मचारी के आश्रितों को नियुक्ति देने के मामले में मां को भी आश्रित की श्रेणी में माना है। न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने श्रीमती लक्ष्मीदेवी की याचिका मंजूर करते हुए अजमेर विद्युत वितरण निगम को ओदश दिया कि एक माह के भीतर मृतक सुशील कुमार के स्थान पर उसकी माता को नियुक्ति प्रदान करे।
उच्च न्यायालय ने आश्रितों की नियुक्ति के मामले में सरकारी कर्मचारी के आश्रित में उसके अविवाहित पुत्र, विधवा पुत्री तथा कानूनी रूप से गोद लिए पुत्र व पुत्री के अलावा मृत सरकारी कर्मचारी के जीवनकाल में उस पर आश्रित व्यक्ति शामिल है। हाईकोर्ट ने कहा कि एक मां अपने बेटे के स्थान पर अनुकम्पा नियुक्ति पाने का पूर्ण अधिकार रखती है।
सरकार व आरपीएससी को दिया नोटिस
नर्सिग ग्रेड-द्वितीय भर्ती परीक्षा-2010 में तीन सवालों के जवाब सही होने के बावजूद गलत माने जाने के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार व राजस्थान लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बीकानेर निवासी सुलोचना की ओर से अधिवक्ता परवेज मोयल ने रिट याचिका पेश कर कहा कि उक्त परीक्षा में उच्च न्यायालय के आदेश पर उसने आंसर-शीट व ओएमआर शीट का अवलोकन किया था। जिसमें पता चला कि उसके तीन सवालों के जवाब सही होने के बावजूद आरपीएससी ने गलत मान रखे हैं। सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने सरकार व आरपीएससी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने पूछा, कैसे पारित हुआ अध्यादेश
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती में धांधली और विवि द्वारा पारित अध्यादेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार एवं यूजीसी से पूछा है कि यूजीसी नियमों के विपरीत यह अधिकार किसने दिया? हाईकोर्ट ने सभी पक्षों से 16 मई तक जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता शिक्षक भर्ती संघर्ष समिति के ओमप्रकाश भाटी एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
भीलवाड़ा। जिला परिषद में कनिष्ठ लिपिक भर्ती प्रक्रिया में संविदा कार्मिकों को बोनस अंक देने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अनुभव के आधार पर इन आवेदकों को 10 से 30 अंक बोनस देने पर रोक लगा दी है। इससे लिपिक भर्ती का मामला एक बार फिर अटक गया है।
पंचायत राज विभाग ने मामले से जुड़े सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेज भेजने के लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देशित किया है। इसके बाद जिला परिषद के अधिकारी संबंधित दस्तावेज तैयार करने में जुट गए हैं। इस मामले में सुनवाई 10 मई को होगी।
मांगी है जानकारी
प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से लगे संविदा कार्मिकों के लिए जिला परिषद में मैन्युअल आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए पंचायत राज विभाग ने मैन्युअल आवेदन करने वाले आवेदकों की जानकारी मंगवाई है। इसे भेजने की तैयारी की जा रही है।
केसी मीणा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, भीलवाड़ा
मां भी पुत्र की आश्रित: हाईकोर्ट
जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने मृतक सरकारी कर्मचारी के आश्रितों को नियुक्ति देने के मामले में मां को भी आश्रित की श्रेणी में माना है। न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने श्रीमती लक्ष्मीदेवी की याचिका मंजूर करते हुए अजमेर विद्युत वितरण निगम को ओदश दिया कि एक माह के भीतर मृतक सुशील कुमार के स्थान पर उसकी माता को नियुक्ति प्रदान करे।
उच्च न्यायालय ने आश्रितों की नियुक्ति के मामले में सरकारी कर्मचारी के आश्रित में उसके अविवाहित पुत्र, विधवा पुत्री तथा कानूनी रूप से गोद लिए पुत्र व पुत्री के अलावा मृत सरकारी कर्मचारी के जीवनकाल में उस पर आश्रित व्यक्ति शामिल है। हाईकोर्ट ने कहा कि एक मां अपने बेटे के स्थान पर अनुकम्पा नियुक्ति पाने का पूर्ण अधिकार रखती है।
सरकार व आरपीएससी को दिया नोटिस
नर्सिग ग्रेड-द्वितीय भर्ती परीक्षा-2010 में तीन सवालों के जवाब सही होने के बावजूद गलत माने जाने के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार व राजस्थान लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बीकानेर निवासी सुलोचना की ओर से अधिवक्ता परवेज मोयल ने रिट याचिका पेश कर कहा कि उक्त परीक्षा में उच्च न्यायालय के आदेश पर उसने आंसर-शीट व ओएमआर शीट का अवलोकन किया था। जिसमें पता चला कि उसके तीन सवालों के जवाब सही होने के बावजूद आरपीएससी ने गलत मान रखे हैं। सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने सरकार व आरपीएससी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने पूछा, कैसे पारित हुआ अध्यादेश
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती में धांधली और विवि द्वारा पारित अध्यादेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार एवं यूजीसी से पूछा है कि यूजीसी नियमों के विपरीत यह अधिकार किसने दिया? हाईकोर्ट ने सभी पक्षों से 16 मई तक जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता शिक्षक भर्ती संघर्ष समिति के ओमप्रकाश भाटी एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
कैदी एक साल में कमाएंगे ढाई करोड़ रूपए
कैदी एक साल में कमाएंगे ढाई करोड़ रूपए
जयपुर। अगले एक साल में प्रदेश की आठ सेट्रल जेलों में बंद कैदी ढाई करोड़ से अधिक की कमाई करेंगे। राजस्थान पुलिस ने राजस्थान कारागार विभाग को निवार और दरियों का ऑर्डर दिया है।
सूत्रों के अनुसार राजस्थान पुलिस के जवान और अफसर अब कैदियों के हाथ बनी निवार और दरियों का प्रयोग करेंगे। यह निवार और दरियां अगले साल के मध्य तक राजस्थान पुलिस को सौंप दी जाएंगी।
इन निवार और दरियों से राजस्थान कारागार विभाग को ढाई करोड़ रूपए की आमदनी होगी। कैदियों को मिले इस काम से जेल अफसर भी काफी खुश हैं। ऎसा पहली बार हुआ है कि राजस्थान के कैदियों को इतना बड़ा कांट्रेक्ट मिला है।
बारह सौ से ज्यादा कैदी करेंगे काम
राजस्थान की आठ सैंट्रल जेलों में कठोर कारावास की सजा भुगत रहे कैदियों को दरियां और निवार बनाने का काम सौंपा गया है। सिर्फ जयपुर और जोधपुर सैंट्रल जेल में ही निवार और दरियां बनाने की मशीने लगी हुई हैं। इन दोनों जेलों में बंद कठोर कारावास भुगत रहे करीब बारह सौ से ज्यादा कैदियों को एक साल में इस ऑर्डर को पूरा करना है। कारागार विभाग भी इसके लिए आवश्यक रॉ मैटेरियल खरीदने की तैयारी कर रहा है।
फर्नीचर और कूलर से कमाए 70 लाख
पिछले कुछ सालों में प्रदेश की सेंट्रल जेलों में बंद कैदी विभिन्न वस्तुओं का निर्माण कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं।
निवार और दरियां बनाने के लिए साथ ही यहां फर्नीचर और कूलर बनाने का काम भी चल रहा है। पिछले पांच सालों में राजस्थान की जेलों में बना सामान करीब सत्तर लाख रूपए से भी ज्यादा में बिक चुका है। हर साल कूलर और फर्नीचर बनाने का काम भी बढ़ता जा रहा है।
यह राजस्थान की जेलों में बंद कैदियों की मेहनत का ही फल है कि उन्हें एक साथ ढाई करोड़ रूपए का ऑर्डर मिला है। कैदियों को पुलिस के लिए निवार और दरियां बनानी हैं।
ओमेन्द्र भारद्वाज, महानिदेशक, राजस्थान कारागार विभाग
जयपुर। अगले एक साल में प्रदेश की आठ सेट्रल जेलों में बंद कैदी ढाई करोड़ से अधिक की कमाई करेंगे। राजस्थान पुलिस ने राजस्थान कारागार विभाग को निवार और दरियों का ऑर्डर दिया है।
सूत्रों के अनुसार राजस्थान पुलिस के जवान और अफसर अब कैदियों के हाथ बनी निवार और दरियों का प्रयोग करेंगे। यह निवार और दरियां अगले साल के मध्य तक राजस्थान पुलिस को सौंप दी जाएंगी।
इन निवार और दरियों से राजस्थान कारागार विभाग को ढाई करोड़ रूपए की आमदनी होगी। कैदियों को मिले इस काम से जेल अफसर भी काफी खुश हैं। ऎसा पहली बार हुआ है कि राजस्थान के कैदियों को इतना बड़ा कांट्रेक्ट मिला है।
बारह सौ से ज्यादा कैदी करेंगे काम
राजस्थान की आठ सैंट्रल जेलों में कठोर कारावास की सजा भुगत रहे कैदियों को दरियां और निवार बनाने का काम सौंपा गया है। सिर्फ जयपुर और जोधपुर सैंट्रल जेल में ही निवार और दरियां बनाने की मशीने लगी हुई हैं। इन दोनों जेलों में बंद कठोर कारावास भुगत रहे करीब बारह सौ से ज्यादा कैदियों को एक साल में इस ऑर्डर को पूरा करना है। कारागार विभाग भी इसके लिए आवश्यक रॉ मैटेरियल खरीदने की तैयारी कर रहा है।
फर्नीचर और कूलर से कमाए 70 लाख
पिछले कुछ सालों में प्रदेश की सेंट्रल जेलों में बंद कैदी विभिन्न वस्तुओं का निर्माण कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं।
निवार और दरियां बनाने के लिए साथ ही यहां फर्नीचर और कूलर बनाने का काम भी चल रहा है। पिछले पांच सालों में राजस्थान की जेलों में बना सामान करीब सत्तर लाख रूपए से भी ज्यादा में बिक चुका है। हर साल कूलर और फर्नीचर बनाने का काम भी बढ़ता जा रहा है।
यह राजस्थान की जेलों में बंद कैदियों की मेहनत का ही फल है कि उन्हें एक साथ ढाई करोड़ रूपए का ऑर्डर मिला है। कैदियों को पुलिस के लिए निवार और दरियां बनानी हैं।
ओमेन्द्र भारद्वाज, महानिदेशक, राजस्थान कारागार विभाग
जयपुर।अश्लील फोटो खींच रचाई शादी!
अश्लील फोटो खींच रचाई शादी!
जयपुर। 16 साल की एक युवती के अश्लील फोटो खींच उस पर दो साल तक शादी का दबाव बनाया,उसके 18 साल के होने पर आर्य समाज में शादी की और 19 साल की उम्र में दहेज के लिए उसे घर से निकाल दिया।
कुछ ऎसी ही करतूत
सामने आई है शास्त्री नगर थाने पर तैनात एक कांस्टेबल के पुत्र की। बीते दिन इस्तागासा से प्राप्त मामले को महिला थाना (उत्तर) ने दर्ज किया गया। मामले की जांच कर रहे महिला थाना (उत्तर) उपनिरीक्षक बजरंग सिंह ने बताया कि झुंझुनूं की खेतड़ी तहसील निवासी 19 वर्षीय विवाहिता ने दर्ज कराए मामले में आरोप लगाया है कि शास्त्री नगर थाने पर तैनात एक कांस्टेबल के पुत्र ने उसके नाबालिगहोने का फायदा उठाकर अश्लील फोटो खींच लिए और दबाव बनाकर अपने साथ गुजरात भगा ले गया।
आरोप है कि यहां पीडिता की इच्छा विरूद्ध उससे ज्यादती की गई। इसके बाद दबाव बनाकर युवक ने गत वष्ाü अक्टूबर महीने में आर्य समाज में उसके साथ शादी की। शादी के बाद से ही आरोपी विवाहिता से दहेज की मांग करने लगा। पिछले दिनों उसने दहेज को लेकर विवाहिता से मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया।
थाना प्रभारी ने बनाया दबाव
पीडिता का आरोप है कि घटनाक्रम के बारे में जब वह जानकारी देने के लिए शास्त्री नगर थाने पहुंची तो थाना प्रभारी नाथूलाल ने थाने पर तैनात आरोपी के पिता कांस्टेबल को फायदा पहुंचाने की नीयत से रिपोर्ट दर्ज नहीं की और राजीनामा करने के लिए दबाव बनाया।
पीडिता ने थाने में पति व अन्य की ओर से मारपीट करने की रिपोर्ट दी थी। हमने आरोपी पति को धारा 151 में गिरफ्तार कर लिया था। दोनों पक्षों में राजीनामे की स्थिति बन गई थी। पीडिता के मुझपर लगाए आरोप निराधार हैं।
नाथूलाल, थानाप्रभारी, शास्त्री नगर
जयपुर। 16 साल की एक युवती के अश्लील फोटो खींच उस पर दो साल तक शादी का दबाव बनाया,उसके 18 साल के होने पर आर्य समाज में शादी की और 19 साल की उम्र में दहेज के लिए उसे घर से निकाल दिया।
कुछ ऎसी ही करतूत
सामने आई है शास्त्री नगर थाने पर तैनात एक कांस्टेबल के पुत्र की। बीते दिन इस्तागासा से प्राप्त मामले को महिला थाना (उत्तर) ने दर्ज किया गया। मामले की जांच कर रहे महिला थाना (उत्तर) उपनिरीक्षक बजरंग सिंह ने बताया कि झुंझुनूं की खेतड़ी तहसील निवासी 19 वर्षीय विवाहिता ने दर्ज कराए मामले में आरोप लगाया है कि शास्त्री नगर थाने पर तैनात एक कांस्टेबल के पुत्र ने उसके नाबालिगहोने का फायदा उठाकर अश्लील फोटो खींच लिए और दबाव बनाकर अपने साथ गुजरात भगा ले गया।
आरोप है कि यहां पीडिता की इच्छा विरूद्ध उससे ज्यादती की गई। इसके बाद दबाव बनाकर युवक ने गत वष्ाü अक्टूबर महीने में आर्य समाज में उसके साथ शादी की। शादी के बाद से ही आरोपी विवाहिता से दहेज की मांग करने लगा। पिछले दिनों उसने दहेज को लेकर विवाहिता से मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया।
थाना प्रभारी ने बनाया दबाव
पीडिता का आरोप है कि घटनाक्रम के बारे में जब वह जानकारी देने के लिए शास्त्री नगर थाने पहुंची तो थाना प्रभारी नाथूलाल ने थाने पर तैनात आरोपी के पिता कांस्टेबल को फायदा पहुंचाने की नीयत से रिपोर्ट दर्ज नहीं की और राजीनामा करने के लिए दबाव बनाया।
पीडिता ने थाने में पति व अन्य की ओर से मारपीट करने की रिपोर्ट दी थी। हमने आरोपी पति को धारा 151 में गिरफ्तार कर लिया था। दोनों पक्षों में राजीनामे की स्थिति बन गई थी। पीडिता के मुझपर लगाए आरोप निराधार हैं।
नाथूलाल, थानाप्रभारी, शास्त्री नगर
कर्नाटक विधानसभा चुनावः कांग्रेस को बढ़त, दस साल बाद सत्ता में वापसी के आसार
कर्नाटक में वोटों की गिनती का काम शुरू हो चुका है. मतगणना के लिए बनाए गए सभी 36 केंद्रों पर सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किए गए हैं. अभी 168 सीटों के रुझान आए हैं, जिनमें से कांग्रेस 71, बीजेपी 37, जेडीएस 36 और केजेपी 11 सीटों पर आगे है. शुरुआती रुझान में कांग्रेस को मिल रही बढ़त से उसके दस साल बाद सत्ता में वापसी के आसार दिखने लगे हैं.
5 मई को कर्नाटक में 223 सीटों पर वोट डाले गए थे. राज्य में कुल 224 सीटें हैं, लेकिन 1 बीजेपी उम्मीदवार का निधन हो जाने की वजह से वहां मतदान नहीं हुआ. बहुमत के लिए 113 के आंकड़े की जरूरत है. राज्य के करीब 4.35 करोड़ मतदाताओं में 70.23 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था.
विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, विधानभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और जेडीएस प्रदेश इकाई के अध्यक्ष एच.डी. कुमारस्वामी शामिल हैं.
राज्य में मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस के बीच है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा की अगुवाई वाली कर्नाटक जनता पार्टी की मौजूदगी ने सभी दलों की मुश्किल बढ़ा दी हैं.
दक्षिण भारत में बीजेपी की अब तक की पहली सरकार पिछले विधानसभा चुनाव में कर्नाटक में बनी थी इसीलिए यह राज्य पार्टी के लिए खास महत्व रखता है. लेकिन चुनाव अनुमानों के मुताबिक, संकट में घिरी बीजेपी की स्थिति डांवाडोल है जबकि कांग्रेस के मजबूती के साथ उभरने की संभावना है.
पिछली विधानसभा में बीजेपी के 110 विधायक थे और यह संख्या बहुमत से तीन कम थी. पार्टी पांच निर्दलीय उम्मीदवारों के बल पर राज्य में सरकार चला रही थी जिन्हें मंत्रालय में शामिल किया गया था. कांग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 28 सीटें थीं.
मैसूर जिले की पेरियापटना विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार की मौत के चलते मतदान की तारीख बढ़ा दी गई है. वहां 28 मई को मतदान होगा. मतदान के बाद हुए एक्जिट पोल ने जहां इस बार कांग्रेस का पलडा भारी दिखाया है वहीं पहले से ही आंतरिक खींचतान और भ्रष्टाचार के आरोपों में उलझी बीजेपी की संभावनाओं में, अपने मूल दल से अलग हुई पार्टियां- पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस येदियुरप्पा की कर्नाटक जनता पक्ष और पूर्व मंत्री बी. श्रीरामुलू द्वारा गठित बीएसआर कांग्रेस, के सेंध लगाने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
5 मई को कर्नाटक में 223 सीटों पर वोट डाले गए थे. राज्य में कुल 224 सीटें हैं, लेकिन 1 बीजेपी उम्मीदवार का निधन हो जाने की वजह से वहां मतदान नहीं हुआ. बहुमत के लिए 113 के आंकड़े की जरूरत है. राज्य के करीब 4.35 करोड़ मतदाताओं में 70.23 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था.
विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, विधानभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और जेडीएस प्रदेश इकाई के अध्यक्ष एच.डी. कुमारस्वामी शामिल हैं.
राज्य में मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस के बीच है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा की अगुवाई वाली कर्नाटक जनता पार्टी की मौजूदगी ने सभी दलों की मुश्किल बढ़ा दी हैं.
दक्षिण भारत में बीजेपी की अब तक की पहली सरकार पिछले विधानसभा चुनाव में कर्नाटक में बनी थी इसीलिए यह राज्य पार्टी के लिए खास महत्व रखता है. लेकिन चुनाव अनुमानों के मुताबिक, संकट में घिरी बीजेपी की स्थिति डांवाडोल है जबकि कांग्रेस के मजबूती के साथ उभरने की संभावना है.
पिछली विधानसभा में बीजेपी के 110 विधायक थे और यह संख्या बहुमत से तीन कम थी. पार्टी पांच निर्दलीय उम्मीदवारों के बल पर राज्य में सरकार चला रही थी जिन्हें मंत्रालय में शामिल किया गया था. कांग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 28 सीटें थीं.
मैसूर जिले की पेरियापटना विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार की मौत के चलते मतदान की तारीख बढ़ा दी गई है. वहां 28 मई को मतदान होगा. मतदान के बाद हुए एक्जिट पोल ने जहां इस बार कांग्रेस का पलडा भारी दिखाया है वहीं पहले से ही आंतरिक खींचतान और भ्रष्टाचार के आरोपों में उलझी बीजेपी की संभावनाओं में, अपने मूल दल से अलग हुई पार्टियां- पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस येदियुरप्पा की कर्नाटक जनता पक्ष और पूर्व मंत्री बी. श्रीरामुलू द्वारा गठित बीएसआर कांग्रेस, के सेंध लगाने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
सिरोही तस्करी के आरोपी को कठोर कारावास
सिरोही तस्करी के आरोपी को कठोर कारावास
सिरोही. विशिष्ठ न्यायाधीश (एनडीपीएस) ने मादक पदार्थो की तस्करी के मामले में एक आरोपी को दस साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 7 जुलाई, 2008 को अनादरा थाना पुलिस ने गुलाबगंज के समीप से एक वाहन से डोडा-पोस्त बरामद किया था।
मामले में पुलिस ने जालोर के करड़ा निवासी अशोकुमार पुत्र ईसराराम विश्नोई, अरणाय निवासी गोपाराम पुत्र बाबूलाल दर्जी व डीगांव-करडा निवासी किशनाराम विश्नोई को गिरफ्तार किया। अनुसंधान के बाद अशोक कुमार व गोपाराम को तस्करी में दोषी करार दिया गया। मामले में न्यायाधीश ने अशोक कुमार को दस साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपए के अर्थदंड से दंडित किया। गोपाराम न्यायालय में हाजिर नहीं होने से वारंट सजा के बिंदु पर सुनने के लिए जारी किया गया। किशनाराम विश्नोई को तस्करी मामले से बरी कर दिया गया। सरकार की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक (एनडीपीएस) करणसिंह देवड़ा ने बहस की।
सिरोही. विशिष्ठ न्यायाधीश (एनडीपीएस) ने मादक पदार्थो की तस्करी के मामले में एक आरोपी को दस साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 7 जुलाई, 2008 को अनादरा थाना पुलिस ने गुलाबगंज के समीप से एक वाहन से डोडा-पोस्त बरामद किया था।
मामले में पुलिस ने जालोर के करड़ा निवासी अशोकुमार पुत्र ईसराराम विश्नोई, अरणाय निवासी गोपाराम पुत्र बाबूलाल दर्जी व डीगांव-करडा निवासी किशनाराम विश्नोई को गिरफ्तार किया। अनुसंधान के बाद अशोक कुमार व गोपाराम को तस्करी में दोषी करार दिया गया। मामले में न्यायाधीश ने अशोक कुमार को दस साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपए के अर्थदंड से दंडित किया। गोपाराम न्यायालय में हाजिर नहीं होने से वारंट सजा के बिंदु पर सुनने के लिए जारी किया गया। किशनाराम विश्नोई को तस्करी मामले से बरी कर दिया गया। सरकार की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक (एनडीपीएस) करणसिंह देवड़ा ने बहस की।
सहायक श्रम आयुक्त एसीबी के शिकंजे में
सहायक श्रम आयुक्त एसीबी के शिकंजे में
चित्तौड़गढ़। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चित्तौड़गढ़ ने मंगलवार रात केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त कोटा के पास 2.15 लाख रूपए की राशि मिलने पर पूछताछ शुरू की है। एसीबी को शिकायत मिली थी कि सहायक श्रम आयुक्त ने यह राशि औद्योगिक इकाइयों से वसूल की है। उसके कोटा व मध्यप्रदेश स्थित मकानों पर जांच के लिए टीमें भिजवाई गई है।
एसीबी चित्तौड़गढ़ को सूचना मिली कि बांसवाड़ा क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों से वसूली कर श्रम विभाग का एक अधिकारी कोटा की ओर जा रहा है। एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्रसिंह के निर्देश पर सीआई जयमलसिंह कार्रवाई के लिए पहुंचे। टीम ने रिठोला चौराहे के निकट एक निजी कार को रूकवा कर तलाशी ली। कार में केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त कोटा गट्टूसिंह पुत्र बच्चूसिंह राठौड़ सवार थे। कार की तलाशी में वहां रखे सूटकेस में लिफाफों में अलग-अलग 2 लाख 15 हजार रूपए रखे हुए थे। एक कागज पर कुछ औद्योगिक इकाइयों के नाम लिखे थे जिन पर निशान लगा रखे थे। एसीबी की टीम उसे जांच के लिए कार्यालय ले आई।
जांच में सामने आया कि गट्टूसिंह मूलत: मध्यप्रदेश के केरवासा गांव का रहने वाला है वह औद्योगिक इकाइयों की जांच के लिए बांसवाड़ा गया था। एसीबी की प्रारंभिक पूछताछ में सहायक श्रम आयुक्त ने यह राशि माइंस के निरीक्षण में वहां की कमियों के बदले लाने की बात कही। एएसपी भूपेन्द्रसिंह चुण्डावत ने बताया कि टीम ने कोटा में किराए के तथा रतलाम जिले में उसके मकान की तलाशी के लिए टीमें रवाना कर दी है। एक बार तो वसूली के रूप में राशि लाने की बात स्वीकार की। लेकिन अब वह कृषि उपज की राशि लाने की बात कह रहा है। जबकि उसकी जमीन से आने वाली उपज के मुकाबले राशि ज्यादा है।
केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त वर्तमान में कोटा, बूंदी, झालावाड़, बांसवाड़ा, बांरा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, टौंक, करौली तथा धोलपुर जिले का प्रभारी है। एसीबी की टीम ने कार चालक से पूछताछ की तो उसने बताया कि बांसवाड़ा जिले में बजवाना स्थित कोरोमण्डल त्रिनेत्र सीमेंट में उसकी टैक्सी लगी हुई है। मंगलवार सुबह कम्पनी के अधिकारियों ने अधिकारी को कोटा छोड़ने जाने की बात कही। मार्ग में वे बांसवाड़ा के पालोदा रूके थे जहां कई मांईस क्षेत्र है। सुबह 10.30 बजे पालोदा मांइस क्षेत्र में पहुंचे वहां से कोटा के लिए रवाना हुए।
चित्तौड़गढ़। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चित्तौड़गढ़ ने मंगलवार रात केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त कोटा के पास 2.15 लाख रूपए की राशि मिलने पर पूछताछ शुरू की है। एसीबी को शिकायत मिली थी कि सहायक श्रम आयुक्त ने यह राशि औद्योगिक इकाइयों से वसूल की है। उसके कोटा व मध्यप्रदेश स्थित मकानों पर जांच के लिए टीमें भिजवाई गई है।
एसीबी चित्तौड़गढ़ को सूचना मिली कि बांसवाड़ा क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों से वसूली कर श्रम विभाग का एक अधिकारी कोटा की ओर जा रहा है। एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्रसिंह के निर्देश पर सीआई जयमलसिंह कार्रवाई के लिए पहुंचे। टीम ने रिठोला चौराहे के निकट एक निजी कार को रूकवा कर तलाशी ली। कार में केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त कोटा गट्टूसिंह पुत्र बच्चूसिंह राठौड़ सवार थे। कार की तलाशी में वहां रखे सूटकेस में लिफाफों में अलग-अलग 2 लाख 15 हजार रूपए रखे हुए थे। एक कागज पर कुछ औद्योगिक इकाइयों के नाम लिखे थे जिन पर निशान लगा रखे थे। एसीबी की टीम उसे जांच के लिए कार्यालय ले आई।
जांच में सामने आया कि गट्टूसिंह मूलत: मध्यप्रदेश के केरवासा गांव का रहने वाला है वह औद्योगिक इकाइयों की जांच के लिए बांसवाड़ा गया था। एसीबी की प्रारंभिक पूछताछ में सहायक श्रम आयुक्त ने यह राशि माइंस के निरीक्षण में वहां की कमियों के बदले लाने की बात कही। एएसपी भूपेन्द्रसिंह चुण्डावत ने बताया कि टीम ने कोटा में किराए के तथा रतलाम जिले में उसके मकान की तलाशी के लिए टीमें रवाना कर दी है। एक बार तो वसूली के रूप में राशि लाने की बात स्वीकार की। लेकिन अब वह कृषि उपज की राशि लाने की बात कह रहा है। जबकि उसकी जमीन से आने वाली उपज के मुकाबले राशि ज्यादा है।
केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त वर्तमान में कोटा, बूंदी, झालावाड़, बांसवाड़ा, बांरा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, टौंक, करौली तथा धोलपुर जिले का प्रभारी है। एसीबी की टीम ने कार चालक से पूछताछ की तो उसने बताया कि बांसवाड़ा जिले में बजवाना स्थित कोरोमण्डल त्रिनेत्र सीमेंट में उसकी टैक्सी लगी हुई है। मंगलवार सुबह कम्पनी के अधिकारियों ने अधिकारी को कोटा छोड़ने जाने की बात कही। मार्ग में वे बांसवाड़ा के पालोदा रूके थे जहां कई मांईस क्षेत्र है। सुबह 10.30 बजे पालोदा मांइस क्षेत्र में पहुंचे वहां से कोटा के लिए रवाना हुए।
सीकर ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर की थी युवक ने आत्महत्या
ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर की थी युवक ने आत्महत्या
सीकर। तासर बड़ी गांव में ढाई माह पहले ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर युवक ने आत्महत्या की थी। युवक को गांव का एक युवक व युवती ब्लैकमेल कर रहे थे। यह आरोप युवक की पत्नी ने सदर थाने में इस्तगासे से मामला दर्ज करवा कर लगाया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार तासर बड़ी निवासी ममता का पति राजेन्द्र गांव में दूध बेचने का काम करता था। राजेन्द्र ने 21 फरवरी को खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। ममता ने आरोप लगाया है कि राजेन्द्र से गांव के एक युवक की मित्रता थी। उसने गांव की एक महिला से राजेन्द्र को मिलवा दिया। बाद में महिला व युवक राजेन्द्र को समाज में बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रूपए ऎंठने लगे। साथ ही मोबाइल पर भी धमकियां देना शुरू कर दिया। इससे परेशान होकर राजेन्द्र ने आत्महत्या कर ली। राजेन्द्र ने मरने से पहले गांव के कुछ लोगों को भी यह परेशानी बताई थी। आत्महत्या के बाद परिजनों ने पुलिस को भी बताया, लेकिन पुलिस ने तवज्जो नहीं दी।
सीकर। तासर बड़ी गांव में ढाई माह पहले ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर युवक ने आत्महत्या की थी। युवक को गांव का एक युवक व युवती ब्लैकमेल कर रहे थे। यह आरोप युवक की पत्नी ने सदर थाने में इस्तगासे से मामला दर्ज करवा कर लगाया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार तासर बड़ी निवासी ममता का पति राजेन्द्र गांव में दूध बेचने का काम करता था। राजेन्द्र ने 21 फरवरी को खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। ममता ने आरोप लगाया है कि राजेन्द्र से गांव के एक युवक की मित्रता थी। उसने गांव की एक महिला से राजेन्द्र को मिलवा दिया। बाद में महिला व युवक राजेन्द्र को समाज में बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रूपए ऎंठने लगे। साथ ही मोबाइल पर भी धमकियां देना शुरू कर दिया। इससे परेशान होकर राजेन्द्र ने आत्महत्या कर ली। राजेन्द्र ने मरने से पहले गांव के कुछ लोगों को भी यह परेशानी बताई थी। आत्महत्या के बाद परिजनों ने पुलिस को भी बताया, लेकिन पुलिस ने तवज्जो नहीं दी।
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