रिश्वत लेते बाबू,डॉक्टर सहित 5 गिरफ्तार
जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) ने जयपुर और बांसवाड़ा में कार्रवाई करते हुए बुधवार को तीन लोगों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। राजधानी में जयपुर नगर निगम का एक बाबू पट्टा पट्टा वितरण शिविर में ढाई हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया तो बांसवाड़ा में विद्युत वितरण निगम लिमिटेड(एवीवीएनएल) के एक तकनीकी सहायक और ठेकाकर्मी 4700 रूपए की रिश्वत लेते धरा गया।
झुंझुनूं में पटवारी और अजमेर में डॉक्टर भी धरे
बुधवार को ही ब्यूरो ने झुंझुनूं और अजमेर मं भी कार्रवाई करते हुए एक पटवारी और एक डॉक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। झुंझुनूं की चिड़ावा तहसील में पटवारी संतराम ने जमीन का नामान्तरण खोलने के एवज में 500 रूपए की रिश्वत ली। वहीं,अजमेर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डॉक्टर शरद जैन को मरीज से 3 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों धरा।
निगम के शिविर में रिश्वत का खेल
जयपुर में विद्याधर नगर बस स्टैंड पर जयपुर नगर निगम की ओर से आयोजित पट्टा वितरण शिविर में कनिष्ठ लिपिक मदनलाल बागड़ा ने स्थानीय निवासी रईस खान से उसका पट्टा जारी करने के एवज में रिश्वत ली। एसीबी(जयपुर) की महानिरीक्षक स्मिता श्रीवास्तव के अनुसार परिवादी रईस खान ने ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका पट्टा जारी करने के एवज में निगम का कनिष्ठ लिपिक मदनलाल बागड़ा 4 हजार रूपए की रिश्वत मांग रहा है। रिश्वत की राशि बाद में ढाई हजार रूपए तय हुई और ब्यूरो की टीम ने मामले के सत्यापन के बाद कार्रवाई को अंजाम देते हुए आरोपी बाबू को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
बिजली कनैक्शन के बदले ली रिश्वत
बांसवाड़ा के ठिकरिया औद्योगिक क्षेत्र के पास एसीबी ने कार्रवाई करते हुए निगमकर्मी लवकुमार धाकड़ और ठेकाकर्मी मोहम्मद यूनुस को रिश्वत के 4700 रूपए के साथ धरा। ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपति महावर के निर्देशन में हुई इस कार्रवाई को अंजाम देने वाले सीआई वीरेन्द्र सिंह हाडा ने बताया कि ब्यूरों के पास दो दिन पूर्व हीराबाग कॉलोनी निवासी आशाीष कुमार व्यास ने शिकायत की थी। पीडित ने बताया था कि उनकी फर्म "व्यास बेकरी" पर तीन फेज का बिजली कनैक्शन देने के लिए निगमकर्मी रिश्वत मांग रहे हैं। जबकि कनैक्शन के लिए जरूरी तमाम प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और डिमांड राशि 12 हजार रूपए भी जमा कराए जा चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके निगमकर्मी कनैक्शन के लिए 6 हजार रूपए मांग रहे हैं।
मांगे थे 6 हजार फिर 4700 में सौदा तय
एसीबी ने इस शिकायत को गंभीरता लेते हुए सत्यापन किया। मामले की पुष्टि होने के बाद बुधवार को आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने का जाल बिछाया गया। इस दौरान ओरोपियों के साथ पीडित की बातचीत में 6 हजार का सौदा 4700 रूपए में तय हुआ। इसके बाद ठिकरिया औद्योगिक क्षेत्र स्थिति सहायक अभियन्ता कार्यालय के पास कार्रवाई को अंजाम देते हुए आरोपियों को रिश्वत की राशि सहित गिरफ्तार कर लिया गया।
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