सहायक श्रम आयुक्त एसीबी के शिकंजे में
चित्तौड़गढ़। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चित्तौड़गढ़ ने मंगलवार रात केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त कोटा के पास 2.15 लाख रूपए की राशि मिलने पर पूछताछ शुरू की है। एसीबी को शिकायत मिली थी कि सहायक श्रम आयुक्त ने यह राशि औद्योगिक इकाइयों से वसूल की है। उसके कोटा व मध्यप्रदेश स्थित मकानों पर जांच के लिए टीमें भिजवाई गई है।
एसीबी चित्तौड़गढ़ को सूचना मिली कि बांसवाड़ा क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों से वसूली कर श्रम विभाग का एक अधिकारी कोटा की ओर जा रहा है। एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्रसिंह के निर्देश पर सीआई जयमलसिंह कार्रवाई के लिए पहुंचे। टीम ने रिठोला चौराहे के निकट एक निजी कार को रूकवा कर तलाशी ली। कार में केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त कोटा गट्टूसिंह पुत्र बच्चूसिंह राठौड़ सवार थे। कार की तलाशी में वहां रखे सूटकेस में लिफाफों में अलग-अलग 2 लाख 15 हजार रूपए रखे हुए थे। एक कागज पर कुछ औद्योगिक इकाइयों के नाम लिखे थे जिन पर निशान लगा रखे थे। एसीबी की टीम उसे जांच के लिए कार्यालय ले आई।
जांच में सामने आया कि गट्टूसिंह मूलत: मध्यप्रदेश के केरवासा गांव का रहने वाला है वह औद्योगिक इकाइयों की जांच के लिए बांसवाड़ा गया था। एसीबी की प्रारंभिक पूछताछ में सहायक श्रम आयुक्त ने यह राशि माइंस के निरीक्षण में वहां की कमियों के बदले लाने की बात कही। एएसपी भूपेन्द्रसिंह चुण्डावत ने बताया कि टीम ने कोटा में किराए के तथा रतलाम जिले में उसके मकान की तलाशी के लिए टीमें रवाना कर दी है। एक बार तो वसूली के रूप में राशि लाने की बात स्वीकार की। लेकिन अब वह कृषि उपज की राशि लाने की बात कह रहा है। जबकि उसकी जमीन से आने वाली उपज के मुकाबले राशि ज्यादा है।
केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त वर्तमान में कोटा, बूंदी, झालावाड़, बांसवाड़ा, बांरा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, टौंक, करौली तथा धोलपुर जिले का प्रभारी है। एसीबी की टीम ने कार चालक से पूछताछ की तो उसने बताया कि बांसवाड़ा जिले में बजवाना स्थित कोरोमण्डल त्रिनेत्र सीमेंट में उसकी टैक्सी लगी हुई है। मंगलवार सुबह कम्पनी के अधिकारियों ने अधिकारी को कोटा छोड़ने जाने की बात कही। मार्ग में वे बांसवाड़ा के पालोदा रूके थे जहां कई मांईस क्षेत्र है। सुबह 10.30 बजे पालोदा मांइस क्षेत्र में पहुंचे वहां से कोटा के लिए रवाना हुए।
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