बुधवार, 24 अप्रैल 2013

सरपंच रिश्वत लेते गिरफ्तार

सरपंच रिश्वत लेते गिरफ्तार

राजसमन्द। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के दल ने बुधवार को राजसमन्द जिले के देवगढ़ में जमीन का पट्टा देने एवं एक अन्य भूमि का नामंतरण खोलने के एवज में साढ़े तेईस हजार रूपए की रिश्वत लेते ग्राम पंचायत मियाला के सरपंच को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

इस मामले में कुल राशि करीब पौने दो लाख रूपए तय हुई थी और पकड़ी गई राशि पेशगी के तौर पर ली गई थी। एसीबी के पुलिस उपअधीक्षक गोपाल स्वरूप मेवाड़ा ने बताया कि भीम निवासी दिनेश कुमार जैन ने ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई कि देवगढ़ पंचायत समिति के मियाला ग्राम पंचायत में उसे भूमि का पट्टा देने एवं एक अन्य रजिस्ट्रीशुदा भूमि का नामान्तरण खोलने के एवज में मियाना सरपंच शंकर लाल कलाल उससे पौने दो लाख रूपए मांग रहा है।

शिकायत के सत्यापन के बाद एसीबी ने बुधवार दोपहर बाद कार्रवाई करते देवगढ़ में शिकायत कर्ता को साढ़े बारह हजार रूपए पट्टे व 11 हजार रूपए नामन्तरण खोलने के लिए नोट देकर भेजा। सरपंच शंकर लाल ने जैसे ही राशि ली तो एसीबी टीम ने उसे दबोच लिया और रिश्वत राशि बरामद कर ली।

जिला कलक्टर ने लगाई अधिकारियों को फटकार


जिला कलक्टर ने लगाई अधिकारियों को फटकार
पानी-बिजली के प्रबन्धों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
       जैसलमेर, 24 अप्रेल/जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने बिजली एवं पानी से संबंधित समस्याओं के निराकरण में ढिलाई के लिए  दोनों विभागों के अधिकारियों को फटकार लगाई है और सख्त हिदायत दी है कि विभागीय कामकाज में सुधार लाएं और बिजली-पानी की समस्याओं को तत्काल प्रभाव से हल करें। इसके साथ ही विभागीय योजनाओं में समय पर कार्यवाही सुनिश्चित करने तथा योजनाओं का लाभ जनता को समय पर पहुंचाने के प्रति गंभीर रहने को कहा गया है।
       जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने बुधवार को जिले में पानी-बिजलीलोक स्वास्थ्य और सम सामयिक हालातों पर केन्दि्रत साप्ताहिक समीक्षा बैठक में इन दोनों महकमों के अधिकारियोें की खिंचाई की और कहा कि जनता को पानी एवं बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए तथा बार-बार सामने आने वाले व्यवधान और समस्याओं पर जल्द से जल्द लगाम कसी जाए ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े।
      अधिकारी गंभीरता बरतें
       जिला कलक्टर ने बिजली-पानी से संबंधित विभागों की समस्याओं को गंभीर बताया और कहा कि इन दोनों महकमों को गर्मी के दौरान विशेष सतर्क एवं गंभीर रहने की आवश्यकता है। इसके लिए पूरे विभाग में हर स्तर पर अधिकारियों एवं कार्मिकों को सक्रिय एवं जनसमस्याओं के निराकरण के प्रति संवेदनशील बनाए जाने की जरूरत है।
      उपखण्डस्तरीय बैठकों को प्रभावी बनाएं
       उन्होेंने पानी-बिजली एवं लोक स्वास्थ्य विषयों पर उपखण्डस्तरीय साप्ताहिक बैठकों में भी सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की भागीदारी पर जोर दिया।
       जिला कलक्टर ने जिला मुख्यालय की साप्ताहिक समीक्षा बैठक के प्रति गंभीर रहने के निर्देश अधिकारियों को दिए तथा आज की बैठक में अनुपस्थित रहे अधिकारियों को नोटिस जारी करने को कहा।
       जिला कलक्टर ने जीएडी कॉलोनी की पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनानेरूपसी में पाईप लाईन का कार्य एक सप्ताह में शुरू कर देने अथवा कार्य में देरी कर रहे ठेकेदार को राज्य स्तर पर ब्लेक लिस्टेड कराने  की कार्यवाही करनेपेयजल के लिए प्रयुक्त होने वाले नहरी पानी का दुरुपयोग रोकनेगड़ीसर तालाब को हर हाल में 30 अप्रेल तक पानी से भरनेपात्र लोगों को बिजली कनेक्शन दिए जाने आदि के निर्देश दिए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए कि पेयजल के ज्यादा से ज्यादा नमूने लेकर जांच कराए।
      यों खुल गई पोल
       बैठक में जिला कलक्टर ने बिजली से संबंधित समस्याओं के पर चर्चा करते हुए कहा कि इसका कंट्रोल रूम संचालन लापरवाहियों से घिरा हुआ है। बिजली समस्या के बारे में फोन करने पर या तो उठाया नहीं जाता अथवा फोन का चोगा उठाकर रख दिया जाता है।
       इस पर बिजली अधिकारियों ने यह तर्क दिया कि नियंत्रण कक्ष 24 घण्टे बेहतर ढंग से काम कर रहा है। इस पर जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने पास ही बैठे अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका से फोन लगाने को कहा। इस पर दोपहर 12.45 बजे फोन किया गया लेकिन 252311 पर घण्टी बजती रही लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। स्पीकर ऑन किए हुए मोबाइल से बैठक में मौजूद सभी अधिकारियों ने नो रिप्लाई की स्थिति सुनी।
      निलंबित करें कार्मिक को
       इस पर जिला कलक्टर ने संबंधित कार्मिक को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए। बिजली अधिकारियों ने बैठक से ही तत्काल किसी अभियंता को फोन किया और इसके बाद जिला कलक्टर को तर्क दे डाला कि फोन ही खराब हो रहा है।
       इस पर जिला कलक्टर ने कह दिया कि कंट्रोल रूम का यदि फोन भी खराब हो गया है तो ठीक कराने की जिम्मेदारी से निगम क्यों बच रहा है। यह भी अपने आप में लापरवाही ही है। जिला कलक्टर ने सख्त हिदायत दी कि कंट्रोल रूम का संचालन ठीक ढंग से किया जाए। इस मामले में किसी भी प्रकार की ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
      शहर को दें पूरा पानी
       जिला कलक्टर ने जलदाय विभाग के अधिकारियों से कहा कि जैसलमेर शहर में सभी क्षेत्रों में पूरा पानी पर्याप्त प्रेशर के साथ दिया जाए। जिला कलक्टर ने कहा कि अब पानी की कोई कमी नहीं है तथा नहरी पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है लेकिन विभाग की ढिलाई और लापरवाही के कारण शहरवासियों को पर्याप्त पानी से वंचित किया जा रहा हैजो अच्छी बात नहीं है।  
      अधिशासी अभियंता के खिलाफ हो कार्यवाही
       जिला कलक्टर ने जलदाय विभाग के फिल्टर प्लांट के पिछले चार माह से बंद पड़ा है और शहर के लोगों को गंदा नहरी पानी पीने को विवश होना पड़ रहा है। जिला कलक्टर ने कहा कि स्वीकृति मिले काफी समय हो जाने के बाद अब विभाग के अधिकारी फिर टैण्डर लगाने की बात कह रहे हैं और यह बात भी 10मार्च की है।
       उन्होंने कहा कि इस मामले में देरी के लिए संबंधित अधिशासी अभियन्ता के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए। जिला कलक्टर ने कहा कि लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं दे सकते तो जलदाय विभाग की जरूरत ही क्या है। उन्होंने कहा कि विभाग को चाहिए कि ढंग से काम करेंसमय पर काम पूर्ण करे तथा शहरवासियों के धैर्य की परीक्षा न ले। जिला कलक्टर ने सख्त निर्देश दिए कि शहर में सभी भागों में रोजाना एक बार पर्याप्त मात्रा में पेयजल वितरण किया जाए।
       शुचि त्यागी ने जलदाय अधिकारियों को बताया कि इन दिनों जिले के गांवों और ढाणियों में पेयजल संकट की जानकारी सामने आ रही है। इस स्थिति में तत्काल समस्या समाधान के प्रयास किए जाकर जिला प्रशासन को सूचित किया जाए। जहां बहुत जरूरी हो वहां टैंकरों से जल परिवहन किया जाए।
      पोकरण में बिजली लाईनें ठीक करेंं
       पोकरण में बस्तियों के ऊपर से गुुुुुुुजर रही बिजली लाइनों से बचाव के लिए बिजली अधिकारियों को जल्द कार्यवाही करने को कहा गया। बिजली अधिकारियों ने तर्क दिया कि आधा खर्च बिजली कंपनी और आधा खर्च उपभोक्ता वहन करे तो बिजली लाईनों को ठीक किया जा सकता है। बिजली अधिकारियों ने कहा कि बिजली लाईनों के नीचे मकान बनान अपराध है और इसके लिए सख्त नियम बने हुए हैं जिनमें सजा का प्रावधान भी है। उन्होंंने शहर और गांवों में बिजली व्यवस्था में आ रहे व्यवधान पर चिंता व्यक्त की और तत्काल सुचारू बनाने के निर्देश दिए।
       बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका ने विभिन्न समस्याओं पर विभागीय कार्यवाही के लिए अधिकारियों को बिन्दुवार निर्देश दिए। बैठक मेंं संबंधित अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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       जैसलमेर, 24 अप्रेल/जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने बिजली एवं पानी से संबंधित समस्याओं के निराकरण में ढिलाई के लिए  दोनों विभागों के अधिकारियों को फटकार लगाई है और सख्त हिदायत दी है कि विभागीय कामकाज में सुधार लाएं और बिजली-पानी की समस्याओं को तत्काल प्रभाव से हल करें। इसके साथ ही विभागीय योजनाओं में समय पर कार्यवाही सुनिश्चित करने तथा योजनाओं का लाभ जनता को समय पर पहुंचाने के प्रति गंभीर रहने को कहा गया है।
       जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने बुधवार को जिले में पानी-बिजलीलोक स्वास्थ्य और सम सामयिक हालातों पर केन्दि्रत साप्ताहिक समीक्षा बैठक में इन दोनों महकमों के अधिकारियोें की खिंचाई की और कहा कि जनता को पानी एवं बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए तथा बार-बार सामने आने वाले व्यवधान और समस्याओं पर जल्द से जल्द लगाम कसी जाए ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े।
      अधिकारी गंभीरता बरतें
       जिला कलक्टर ने बिजली-पानी से संबंधित विभागों की समस्याओं को गंभीर बताया और कहा कि इन दोनों महकमों को गर्मी के दौरान विशेष सतर्क एवं गंभीर रहने की आवश्यकता है। इसके लिए पूरे विभाग में हर स्तर पर अधिकारियों एवं कार्मिकों को सक्रिय एवं जनसमस्याओं के निराकरण के प्रति संवेदनशील बनाए जाने की जरूरत है।
      उपखण्डस्तरीय बैठकों को प्रभावी बनाएं
       उन्होेंने पानी-बिजली एवं लोक स्वास्थ्य विषयों पर उपखण्डस्तरीय साप्ताहिक बैठकों में भी सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की भागीदारी पर जोर दिया।
       जिला कलक्टर ने जिला मुख्यालय की साप्ताहिक समीक्षा बैठक के प्रति गंभीर रहने के निर्देश अधिकारियों को दिए तथा आज की बैठक में अनुपस्थित रहे अधिकारियों को नोटिस जारी करने को कहा।
       जिला कलक्टर ने जीएडी कॉलोनी की पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनानेरूपसी में पाईप लाईन का कार्य एक सप्ताह में शुरू कर देने अथवा कार्य में देरी कर रहे ठेकेदार को राज्य स्तर पर ब्लेक लिस्टेड कराने  की कार्यवाही करनेपेयजल के लिए प्रयुक्त होने वाले नहरी पानी का दुरुपयोग रोकनेगड़ीसर तालाब को हर हाल में 30 अप्रेल तक पानी से भरनेपात्र लोगों को बिजली कनेक्शन दिए जाने आदि के निर्देश दिए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए कि पेयजल के ज्यादा से ज्यादा नमूने लेकर जांच कराए।
      यों खुल गई पोल
       बैठक में जिला कलक्टर ने बिजली से संबंधित समस्याओं के पर चर्चा करते हुए कहा कि इसका कंट्रोल रूम संचालन लापरवाहियों से घिरा हुआ है। बिजली समस्या के बारे में फोन करने पर या तो उठाया नहीं जाता अथवा फोन का चोगा उठाकर रख दिया जाता है।
       इस पर बिजली अधिकारियों ने यह तर्क दिया कि नियंत्रण कक्ष 24 घण्टे बेहतर ढंग से काम कर रहा है। इस पर जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने पास ही बैठे अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका से फोन लगाने को कहा। इस पर दोपहर 12.45 बजे फोन किया गया लेकिन 252311 पर घण्टी बजती रही लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। स्पीकर ऑन किए हुए मोबाइल से बैठक में मौजूद सभी अधिकारियों ने नो रिप्लाई की स्थिति सुनी।
      निलंबित करें कार्मिक को
       इस पर जिला कलक्टर ने संबंधित कार्मिक को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए। बिजली अधिकारियों ने बैठक से ही तत्काल किसी अभियंता को फोन किया और इसके बाद जिला कलक्टर को तर्क दे डाला कि फोन ही खराब हो रहा है।
       इस पर जिला कलक्टर ने कह दिया कि कंट्रोल रूम का यदि फोन भी खराब हो गया है तो ठीक कराने की जिम्मेदारी से निगम क्यों बच रहा है। यह भी अपने आप में लापरवाही ही है। जिला कलक्टर ने सख्त हिदायत दी कि कंट्रोल रूम का संचालन ठीक ढंग से किया जाए। इस मामले में किसी भी प्रकार की ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
      शहर को दें पूरा पानी
       जिला कलक्टर ने जलदाय विभाग के अधिकारियों से कहा कि जैसलमेर शहर में सभी क्षेत्रों में पूरा पानी पर्याप्त प्रेशर के साथ दिया जाए। जिला कलक्टर ने कहा कि अब पानी की कोई कमी नहीं है तथा नहरी पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है लेकिन विभाग की ढिलाई और लापरवाही के कारण शहरवासियों को पर्याप्त पानी से वंचित किया जा रहा हैजो अच्छी बात नहीं है।  
      अधिशासी अभियंता के खिलाफ हो कार्यवाही
       जिला कलक्टर ने जलदाय विभाग के फिल्टर प्लांट के पिछले चार माह से बंद पड़ा है और शहर के लोगों को गंदा नहरी पानी पीने को विवश होना पड़ रहा है। जिला कलक्टर ने कहा कि स्वीकृति मिले काफी समय हो जाने के बाद अब विभाग के अधिकारी फिर टैण्डर लगाने की बात कह रहे हैं और यह बात भी 10मार्च की है।
       उन्होंने कहा कि इस मामले में देरी के लिए संबंधित अधिशासी अभियन्ता के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए। जिला कलक्टर ने कहा कि लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं दे सकते तो जलदाय विभाग की जरूरत ही क्या है। उन्होंने कहा कि विभाग को चाहिए कि ढंग से काम करेंसमय पर काम पूर्ण करे तथा शहरवासियों के धैर्य की परीक्षा न ले। जिला कलक्टर ने सख्त निर्देश दिए कि शहर में सभी भागों में रोजाना एक बार पर्याप्त मात्रा में पेयजल वितरण किया जाए।
       शुचि त्यागी ने जलदाय अधिकारियों को बताया कि इन दिनों जिले के गांवों और ढाणियों में पेयजल संकट की जानकारी सामने आ रही है। इस स्थिति में तत्काल समस्या समाधान के प्रयास किए जाकर जिला प्रशासन को सूचित किया जाए। जहां बहुत जरूरी हो वहां टैंकरों से जल परिवहन किया जाए।
      पोकरण में बिजली लाईनें ठीक करेंं
       पोकरण में बस्तियों के ऊपर से गुुुुुुुजर रही बिजली लाइनों से बचाव के लिए बिजली अधिकारियों को जल्द कार्यवाही करने को कहा गया। बिजली अधिकारियों ने तर्क दिया कि आधा खर्च बिजली कंपनी और आधा खर्च उपभोक्ता वहन करे तो बिजली लाईनों को ठीक किया जा सकता है। बिजली अधिकारियों ने कहा कि बिजली लाईनों के नीचे मकान बनान अपराध है और इसके लिए सख्त नियम बने हुए हैं जिनमें सजा का प्रावधान भी है। उन्होंंने शहर और गांवों में बिजली व्यवस्था में आ रहे व्यवधान पर चिंता व्यक्त की और तत्काल सुचारू बनाने के निर्देश दिए।
       बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका ने विभिन्न समस्याओं पर विभागीय कार्यवाही के लिए अधिकारियों को बिन्दुवार निर्देश दिए। बैठक मेंं संबंधित अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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जैसलमेर प्रशासनिक समाचार ..आज की खबरें

जैसलमेर प्रशासनिक समाचार ..आज की खबरें 


रासला में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित
बाल विवाहों की रोकथाम के लिए लोकजागरण जरूरी
जैसलमेर, 24 अप्रेल/जिला विधिक सेवा प्राधिकरणजैसलमेर द्वारा बुधवार को गांव रासला में जिला एवं सैशन न्यायाधीश गोरधन लाल मीना की अध्यक्षता में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया जाकर लोगों को अक्षय तृतीया के अबूझ सावे पर होने वाले संभावित बाल विवाहों की रोकथाम के लिए जागरूक किया गया ।
       शिविर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सोनीअतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेटपोकरण ओमप्रकाशन्यायिक मजिस्टे्रट राजेश कुमार आदि जिले के सभी न्यायिक अधिकारियों ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों की कानूनी जानकारी प्रदान कर लोगों को विधिक रूप से जागरूक किया।
       शिविर को सम्बांधित करते हुए जिला एवं सैशन न्यायाधीश गोरधनलाल मीना ने बताया कि बाल विवाह कानूनी अपराध होने के साथ एक सामाजिक बुराई है व बालकाें के शारीरिक व मानसिक विकास में बाधक है।
       मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट विनोद कुमार सोनी ने बताया कि 18 वर्ष के कम उम्र की लड़की व 21वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह करना दण्डनीय अपराध है। और ऎसे विवाह करने वाले और विवाह में सम्मिलित होने वाले सभी दण्ड के भागी होते हैं।
       अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट पोकरण ओमप्रकाश ने बताया कि बाल विवाह आयोजित होने से पूर्व विवाह रोकने हेतु मजिस्टे्रट न्यायालय में शपथ पत्र व सबूत के साथ आवेदन किया जा सकता है और न्यायालय ऎसे विवाह रोकने हेतु आदेश जारी कर सकता है।
       न्यायिक मजिस्टे्रट राजेश कुमार ने कहा कि बाल विवाह में सहयोग करने वाले व्यक्ति जैसै हलवाई,बैण्ड बाजापण्डितबाराती निमतर््ांण पत्र छापने वाले व्यक्ति भी दोषी माने जाते हैं। अतः किसी भी सूरत में बाल विवाह नहीं होने दें ।
       शिविर में बाल विवाहों के बारे मे दी गई कानूनी जानकारी व बाल विवाहों के दुष्परिणामों से पे्ररित होकर गांववासियों ने बाल विवाह नहीं होने देने का संकल्प लिया तथा अपने आस-पास के क्षेत्रों में भी लोगाें में जागरूकता लाने का आश्वासन दिया । शिविर में थाना अधिकारी सांगड़ ओमप्रकाश गोदारारासला ग्राम पंचायत की संरपच गीता देवी व अधिवक्ता श्रवण कुमार सहित ग्रामीण उपस्थित थे।
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राजकाज मेंं लापरवाही परउपनिवेशन तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी
       जैसलमेर, 24 अप्रेल/जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने राजस्व मंडल अजमेर को प्रेषित की जाने वाली फसल कटाई तालिका भिजवाने में लापरवाही को लेकर रामगढ़1,2 के उप निवेशन तहसीलदार सरदारमल भोजक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
       जिला कलक्टर द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि यह तालिका 20 फरवरी तक भिजवायी जानी थी लेकिन उनसे संबंधित तहसीलों से फसल कटाई प्रयोग की तालिका नंबर एक अब तक जिला सांख्यिकी अधिकारी जैसलमेर को नहीं भिजवाई गई है।
       जिला कलक्टर ने भोजक को आदेशित किया है कि वे नोटिस प्राप्त होते ही तत्काल वांछित प्रपत्र जिला सांख्यिकी अधिकारी को भिजवाएं तथा देरी के कारणों से जिला कलक्टर को अवगत कराएं।
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पंचायत समिति जैसलमेर की साधारण सभा की आम बैठक शुक्रवार को
       जैसलमेर ,24 अप्रेल / पंचायत समिति जैसलमेर की साधारण सभा की आम बैठक 26 अप्रेल,शुक्रवार को प्रातः 930 बजे पंचायत समिति जैसलमेर प्रधान मूलाराम चौधरी की अध्यक्षता में डी.आर.डी.ए.सभागार में रखी गयी हैं।
       पंचायत समिति जैसलमेर के विकास अधिकारी जयमलसिंह इन्दलिया ने बताया कि इस महत्वपूर्ण बैठक में जिले की पेयजल चिकित्सा विद्युत तथा आवागमन  की सुविधाओं एवं अन्य आमजन के विकास के मुद्दों की समीक्षा एवं समस्याओं के समाधान पर विस्तार से विचार-विमर्श किया जाएगा।
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प्रतिभा खोज ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में एथलेटिक्स व हैण्डबॉल खेल भी शामिल
       जैसलमेर ,24 अप्रेल /राज्य क्रीड़ा परिषद के निर्देशानुसार जिले की खेल प्रतिभाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए  सभी जिला मुख्यालयों पर 26 अप्रेल -शुक्रवार से प्रतिभा खोज प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे है॥
       जिला खेल अधिकारी लक्ष्मणसिंह तंवर ने बताया कि आयोजित होने वाले शिविर में इंदिरा स्टेडियम जैसलमेर में बॉस्केटबाल के साथ एथलेटिक्स व हैण्डबाल खेल को भी शामिल किया गया है।  उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर में सम्मिलित होने वाले खिलाड़ी अपना रजिस्टे्रशन इंदिरा स्टेडियम में प्रातः से 11 बजे तथा सायं से 730 बजे तक करवा सकते है।
       तंवर ने बताया कि शिविर में भाग लेने के लिए खिलाड़ी की आयु 16 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। छात्राओं के लिए  स्वराक्षात्मक प्रशिक्षण शिविर भी  लगाया जाएगा। जो भी ईच्छुक छात्राएँ अपना पंजीयन करवाना चाहती हैं वे रजिस्टे्रेशन करवा सकती हैं। इस सम्बन्ध में ईच्छुक पात्र खिलाड़ी अधिक जानकारी के लिए कार्यालय जिला खेल-कूद प्रशिक्षण केन्द्र, ( इंदिरा इण्डोर स्टेडियम ) जैसलमेर  से सम्पर्क कर सकते हैं।
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छठी आर्थिक जनगणना 2012 के सफल क्रियान्वयन एवं समयबद्ध कार्य सुसम्पादन् के लिए
समस्त चार्ज अधिकारियों एवं मास्टर ट्रेनरों का दो दिवसीय प्रशिक्षण शुक्रवार व शनिवार को
       जैसलमेर ,24 अप्रेल /राज्य सरकार के निर्देशानुसार छठी आर्थिक गणना 2012 के इस जिले में सफल क्रियान्वयन एवं समयबद्ध कार्य निष्पादन करने के लिए  जिले के समस्त चार्ज अधिकारियों एवं मास्टर ट्रेनरों का 26 अप्रेल शुक्रवार एवं 27 अप्रेल शानिवार को प्रातः 11 बजे डी.आर.डी.सभागार में दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन रखा गया है।
       जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने बताया कि आयोजित होने वाले इस दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान जिले के समस्त चार्ज अधिकारीगण और मास्टर ट्रेनरों को डॉ. बृजलाल मीणा ,सदस्य सचिव छठी आर्थिक गणना जिला स्तरीय समिति द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
       जिला कलक्टर त्यागी ने समस्त चार्ज अधिकारियों एवं मास्टर ट्रेनरों को निर्देशित किया गया हैं कि छठी आर्थिक जनगणना के सफल क्रियावन एवं समयबद्ध कार्यक्रम संपादन के लिए वे इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण में अवश्य ही भाग लेना सुनिश्चित करें।
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ई-ग्राम प्रभारियों एक दिवसीय प्रशिक्षण गुरुवार को
       जैसलमेर ,24 अप्रेल / जिले के ई-ग्राम परियोजना से जुड़े ग्राम प्रभारियों का राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना ( आरएसबीआई) के तहत पंचायत समिति सम में 25 अप्रेल गुरुवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन रखा गया है। उपखण्ड अधिकारी जैसलमेर ने बताया कि इस आयोजनीय प्रशिक्षण में जिले के सभी ई-ग्राम प्रभारी नियत समय पर आवश्यक रुप से उपस्थित होकर प्रशिक्षण में सम्मिलित होने को कहा गया है। 

राजधानी में गफूर अहमद और शमा खान ने दिया उद्बोधन

समाज के हर आदमी का जुडाव हो पंचायती राज से - अययर

-राजधानी में गफूर अहमद और शमा खान ने दिया उद्बोधन

" आजादी नीचे से शुरू होनी चाहिये । हर एक गांव में जम‍हूरी सल्‍तनत या पंचायत का राज होगा उसके पास पूरी सत्‍ता और ताकत होगी । इसका मतलब यह है क‍ि हर एक गांव को अपने पांव पर खडा़ होना होगा – अपनी जरूरतें खुद पुरी लेनी होगी, ताक‍ि वह अपना कारोबार चला सके । य‍हां तक क‍ि वह सारी दुनिया के खिलाफ अपनी रक्षा खुद कर सके। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के ये शब्द बदलते वक्त के साथ भी आज गाव की जरूरत है यह कहना है पूर्व केन्द्रीय मंत्री मणिशंकर अययर का . उन्होंने यह बात विज्ञानं भवन नै दिल्ली में आयोजित पंचायती राज के पुरष्कार समारोह के बाद देश भर से पंचायती राज से जुड़े जनप्रतिनिधियों के से ग्रुप मंत्रणा के दोरान कही . बाड़मेर के कार्यवाहक जिला प्रमुख गफूरअहमद ने ग्राम सभा की शक्तियो और पंचायती राज संस्थाओ में उनका किरदार विषय पर देश भर से आये जनप्रतिनिधियों के सामने अपने विचार रखे उन्होंने कहा की लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण’ में पंचायती राज संस्थाओं की अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। पंचायतों की परिकल्पना अपने देश में कोई नवीन नहीं, अपितु यह प्राचीन काल से ही मानव समाज के ताने-बाने का अभिन्न हिस्सा रही है। पंचायती राज संस्थाएँ भारत के ग्रामीण विकास में जो सहयोग प्रदान कर रही हैं वह किसी भी प्रकार कम नहीं है। पंचायती राज संस्थाओं का महत्त्व इस तथ्य से स्वतः स्पष्ट हो जाता है कि अभी हाल में ही भारत सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के वर्तमान स्वरूप में एकरूपता लाने, उनको सुसंगठित एवं प्रभावी बनाने के उद्देश्य से भारतीय संविधान में संशोधन करके पंचायती राज अधिनियम 1993 को क्रियान्वित किया। वही चोहटन प्रधान शम्मा खान को केंद्र सर्कार द्वारा प्रायोजित स्कीम में पंचायते विषय पर अपने विचार रखे . उन्होंने कहा की पाँच व्यक्तियों की सभा एवं पंचायत हमारा बहुत प्राचीन और सुन्दर शब्द है, जिसके साथ प्राचीनता की मिठास जुड़ी हुई हैं। ‘‘पाँच बोले परमेश्वर’–पाँचों पंच जब एक साथ से कोई निर्णय देते थे तो वह परमेश्वर की आवाज मानी जाती थी। प्राचीन काल से ही भारत में पंचायतों को असीमित स्वतन्त्रता प्राप्त थी। ग्रामों की पंचायतें व संस्थायें ‘भारत में सर्वप्रथम प्रारम्भ हुई और संसार के सभी देशों के मुकाबले यहाँ ही सबसे अधिक दिनों तक स्थापित रहीं।’ पाँच पंच ग्राम की जनता द्वारा निर्वाचित होते थे, जिसके द्वारा भारत के असंख्य ग्राम लोकराज्यों का शासन चलता था। भारतीय समाज में ‘पंच परमेश्वर’ न केवल कुछ प्रशासकीय कार्य ही करते थे वरन् आपसी विवादों को हल करने एवं विकास सम्बन्धी कार्यों को करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। और एस आज भी जरी है जो की सुकह्द है इससे पहले देश भर में पंचायती राज के माध्यम से बेहतर कार्य करने वाले राज्यों , जिलो और पंचायतो को इनामो से नवाजा गया . बाड़मेर से कार्यवाहक जिला पर्मुख गफूर अहमद , शम्मा खान के अल्वा नवोद बेर के सरपंच रोशन अली ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की

पटवारी को 2 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

पटवारी को 2 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार को बीकानेर के पटवारी मोहनलाल सिंघल को दो हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है।

एसीबी महानिरीक्षक स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि परिवादी धर्मपाल ने ब्यूरो में शिकायत की थी कि उसकी जमीन का नामांतरकरण दर्ज करने की एवज में पटवार हल्का बज्जू जिला बीकानेर के मोहनलाल सिंघल ने तीन हजार रूपए रिश्वत की मांग की थी।

मामला दो हजार रूपए में तया हुआ। शिकायत पर ब्यूरो टीम ने कार्रवाई करते हुए मोहनलाल को पटवार कार्यालय में दो हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।

घोटालों की सरकार है कांग्रेस सरकार: वसुन्धरा

घोटालों की सरकार है कांग्रेस सरकार: वसुन्धरा

अटरू/बारां। भाजपा की प्रदेशाध्यक्ष वसुन्धरा राजे ने कांग्रेस की कहा है कि कैग की रिपोर्ट मनरेगा में 13 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है। ये सरकार घोटालों की सरकार है,इसमें कोल घोटाला,2जी स्पेक्ट्रम घोटाला,हैलीकॉप्टर जैसे अनगिनत घोटाले हुए हैं।


राजे बारां जिले के अटरू कस्बे में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि ये सरकार किसान,व्यापारी,महिला,नौजवान विरोधी सरकार है। इसमें प्रदेश का कोई भी वर्ग खुश नहीं है। अपने साढे चार साल के कार्यकाल में सरकार ने और कुछ नहीं किया,प्रदेश को गaे में जरूर डाल दिया। उस प्रदेश को जिसे हमारी सरकार ने अपने कार्यकाल में देश के विकसित प्रदेशों में शुमार करवाया था। बीमारू की श्रेणी से बाहर निकालकर खुशहाल बनाया था।


उन्होंने कहा कि इस सरकार की लोकतंत्र में आस्था नहीं है। प्रधानमंत्री ने यहां तक कह दिया भाजपा हम पर कितने भी आरोप लगाए हम कुछ एक्शन लेने वाले नहीं है।


गोयल की पार्थिव देह पर चढ़ाए पुष्प चक्र

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुन्धरा राजे बुधवार को सुबह अन्ता से कोटा पहुंची,जहां पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं जनसंघ के प्रदेशाध्यक्ष स्व. कृष्ण कुमार गोयल की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र चढ़ाए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। राजे ने शोक संतप्त परिवार को ढांढ़स बंधाया।


बाद में उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब उन्होंने झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा तब गोयल साहब ही पहले व्यक्ति थे,जिन्होंने उन्हें मार्गदर्शन और आशीर्वाद दिया। स्व. भैरोंसिंह जी शेखावत ने स्व. गोयल साहब को मुझे चुनाव में जीतने की जिम्मेदारी सौंपी थी,जिसे गोयल साहब ने बखूबी निभाया। तब से लेकर आज तक मैं समय-समय पर गोयल साहब का मार्गदर्शन लेती रही। उन्होंने मुझे झालावाड़ बारां संसदीय क्षेत्र के बारे में उस वक्त बताया था कि इस क्षेत्र को परिवार समझोगी तो क्षेत्रवासी जीवन पर्यन्त रिश्ता निभाएंगे और हुआ भी यही।


मालाएं नहीं पहनी


राजे ने बुधवार को अपनी यात्रा के दौरान फूल मालाएं नहीं पहनी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि आज उनके मार्गदर्शक का स्वर्गवास होने से वे आहत है,इसलिए कोई भी कार्यकर्ता उन्हें फूल माला नहीं पहनाए।

चरित्र पर शक हुआ तो कर दी पत्नी की हत्या

चरित्र पर शक हुआ तो कर दी पत्नी की हत्या

जयपुर/नरैना। पांच दिन पहले थाना इलाके के गांव पालवास में हुई विवाहिता की हत्या की गुत्थी पुलिस ने बीती शाम सुलझा ली। पुलिस ने हत्या के आरोप में मृतका के पति व उसके एक साथी को गिरफ्तार किया है। विवाहिता की हत्या चरित्र पर शक के आधार पर की गई थी।

पुलिस के अनुसार दूदू थाने के गांव अख्ौपुरा निवासी ग्यारसी देवी(19) अपने दादाजी की मौत हो जाने पर अपने पीहर पालवास आई हुई थी। यहां घर से बकरियां चराने को कह निकली ग्यारसी देवी का शव संदिग्ध परिस्थितियों में गांव के समीप पड़ा मिला।

पोस्टमार्टम में सामने आया कि विवाहिता की मौत गला दबाने से हुई है। इसकी जांच के लिए पुलिस ने पांच सदस्यीय दल का गठन किया। जांच में पता चला कि घटना के दिन विवाहिता ने अपने पति अख्ौगढ़ निवासी राम सहाय(20) से मोबाइल पर बात की थी।

इसे आधार मानते हुए पुलिस ने पति को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में राम सहाय ने चरित्र के शक पर पत्नी की हत्या करने की बात कबूली। वारदात में आरोपी पति के साथ उसका मित्र दिनेश कुमार भी शामिल था।

स्मृति शेष रचनात्मक कर्मयोगी श्री शंभूदान रतनू मरुभूमि आहत है उनके असमय चले जाने पर


स्मृति शेष
रचनात्मक कर्मयोगी श्री शंभूदान रतनू
मरुभूमि आहत है उनके असमय चले जाने पर
डॉ. दीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,
जैसलमेर

जैसलमेर के लिए मंगलवार की रात अमंगल की खबर ले कर आयी। खबरों के सर्जक और खबरों के जरिये लोक जागरण के प्रणेता रहे पूर्व जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारीस्वतंत्र पत्रकार श्री शंभूदान रतनू के महाप्रयाण की खबर सभी को विचलित कर गई।
छब्बीस वर्ष तक की जैसलमेर की सेवा
श्री शंभूदान रतनू राजस्थान सूचना एवं जनसंपर्क सेवा के ऎसे अधिकारी रहे हैं जिन्होंने अकेले जैसलमेर में जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी के रूप में 26 साल तक अपनी सेवाएं दीं और मरुभूमि की बहुआयामी सेवा का कीर्तिमान कायम किया।  श्री शंभूदान रतनू का जन्म जुलाई 1948 को जोधपुर जिला अन्तर्गत उनके पैतृक गांव चौपासनी चारणान में पिता हिंगलाजदान रतनू के घर हुआ।
कई जिलों में रहे जनसंपर्क अधिकारी
साधारण परिवार के श्री रतनू की शिक्षा-दीक्षा जोधपुर में हुई।  हिन्दी तथा इतिहास विषय में एम.ए. की उपाधि हासिल करने के बाद सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में सहायक जन संपर्क अधिकारी के रूप में नियुक्त पायी तथा इस पद पर उन्होंने जोधपुरअजमेरजैसलमेर में कार्य किया। इसके बाद उन्होंने नागौर,चित्तौड़गढ़झालावाड़ में जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दीं तथा  21 अक्टूबर1977 से लेकर 31 जुलाई 2008 तक के अलग-अलग समयावधि के कुल पांच कार्यकालों को मिलाकर कुल 26साल तक जैसलमेर में जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी के रूप में अपनी उल्लेखनीय एवं उत्कृष्ट सेवाओें का इतिहास कायम किया।
जैसलमेर के इतिहास में कर्मठ एवं बहुआयामी प्रतिभाशाली अधिकारी के रूप में अविस्मरणीय सेवाओं के पूर्ण होने पर वे जैसलमेर से ही 31 जुलाई 2008 को सेवानिवृत्त हुए।
मरुभूमि की सेवा का अनूठा ज़ज़्बा
मरुभूमि की सेवा का जज्बा और समर्पण का उनका अतिरेक देखने लायक था। जैसलमेरवासियों से मिले अपार प्रेमस्नेह और आदर का ही परिणाम था कि उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय जैसलमेर की सेवाओं के लिए समर्पित कर दिया। यहाँ तक कि उन्होंने जैसलमेर की सेवाओं को निरन्तर जारी रखने के उद्देश्य से विभागीय पदोन्नतियाँ तक ठुकरा दी।
महानरेगा को दिया राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार
श्रेष्ठ जनसंपर्क अधिकारी के रूप में उनका कार्यकाल जैसलमेर के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। सेवानिवृत्ति के उपरान्त भी उन्होंने अपने कर्मयोग को निरन्तर जारी रखा तथा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के आईईसी प्रभाग में जिला समन्वयक(प्रचारके पद पर दो वर्ष तक अपनी उल्लेखनीय सेवाएं दीं और महानरेगा की गतिविधियों को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर उभारा तथा श्रेय दिलवाया।
अतिरिक्त कार्यभार ने दी नई पहचान
श्री शंभूदान रतनू की सेवाएं भारत सरकार के क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय ने भी प्राप्त की तथा उन्हें जैसलमेर में ही क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी के पद पर प्रतिनियुक्ति पर लगाया। इस पद पर उन्होंने डेढ़ वर्ष सेवाएं दीं। कर्मनिष्ठ अधिकारी के रूप में उनकी बेहतर सेवाओं को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा नेहरू युवा केन्द्र में जिला युवा समन्वयकमहिला एवं बाल विकास विभाग में बाल विकास परियोजना अधिकारी(सम ब्लॉक) आदि का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा जिसे उन्होंने बखूबी निभाया और इन विभागों की गतिविधियों को भी नई पहचान दी।
लोक कलाकारों के विकास में भागीदारी
कला और संस्कृति जगत के प्रति उनका समर्पण इतना प्रगाढ़ था कि स्थानीय कलाकारों को संरक्षण प्रदान करनेउन्हें सरकारी और गैर सरकारी प्रचार गतिविधियों से जोड़नेकलाकारों को प्रोत्साहित करने तथा मंच प्रदान करने आदि के लिए उनकी भूमिकाओं को सदियों तक याद रखा जाएगा।
सन् 1988 में तत्कालीन जिला कलक्टर श्री ललित के. पंवार के कार्यकाल में जैसलमेर के गरीब लोक कलाकारों को अत्यन्त अल्प दरों पर भूखण्ड आवंटन करा कर कलाकार कॉलोनी बसवाने में उनकी सक्रिय भूमिका रही जिसके लिए कलाकार उन्हें आज भी श्रद्धा और आदर के साथ याद करते हैं।
उनकी भूमिका की बदौलत आज जैसलमेर के कलाकारों को आवासीय सुकून मिला तथा प्रादेशिक,राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर पहचान कायम करने के अवसर प्राप्त हुए।
जैसलमेर को दी ख्यात
कर्म के प्रति समर्पण का भाव उनमें इतना प्रगाढ़ था कि उन्होंने विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले तथा देश के सर्वाधिक क्षेत्रफल में फैले जैसलमेर जिले के सभी क्षेत्रों का खूब भ्रमण किया तथा यहां की लोक संस्कृतिकलाओंस्थानीय परंपराओं आदि की जानकारी पाने और सरहदी जिले की खासियतों को देश भर में प्रचारित करने में अतुलनीय भागीदारी निभायी। इन ढाई दशकों के कार्यकाल में उन्होंने सरकारी गतिविधियों का अपूर्व प्रचार किया और जन-जन तक सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी पहुंचायी।
मानवीय संवेदनाओं की प्रतिमूत्रि्त
सादगी की प्रतिमूत्रि्तसरलसहज एवं सौम्य व्यक्तित्व के धनीनिश्छल एवं उदात्त स्वभाव वाले श्री शंभूदान रतनू का मानवीय पक्ष संवेदनाओं का पर्याय तो था ही सामाजिक सरोकारों के प्रति उनकी समर्पित भागीदारी अनुकरणीय रही।
जो उनके पास किसी काम से आता वे अत्यन्त सहजतापूर्वक संपादित कर दिया करते। इतने बड़े जिलाधिकारी के रूप में लोकप्रिय होने के बावजूद निराभिमानी रहे श्री शंभूदान रतनू में लेश मात्र भी अहंकार नहीं था जैसा कि आजकल मामूली पद-प्रतिष्ठा पाने वालों में सर चढ़कर बोलने लगता है।
लोकस्पर्शी व्यक्तित्व
आम जन से लेकर विशिष्टजनों तक में आत्मीय भावों के साथ सर्वस्पर्शी छवि रखने वाले श्री रतनू और पीआरओ पद जैसलमेर जिले के लिए एक दूसरे के पर्याय ही हो चुके थे। जिला प्रशासन से लेकर विभागीय अधिकारियों तक में उनकी छवि बेहतर अधिकारी के रूप में थी और यही वजह है कि उन्हें अपने से ऊपर के अधिकारियों से हमेशा पृष्ठबल और स्नेह प्राप्त होता रहा।
अपने मातहत कर्मचारियों के साथ उनका आत्मीय रिश्ता और हर सुख-दुःख में पूरी भागीदारी निभाना तथा सभी के साथ माधुर्यपूर्ण व्यवहार उनके जीवन की वह विशेषता थी जिसकी वजह से लोग उन्हें सच्चे मन से आदर देते थे।
जनसंपर्क विधा से इतने लम्बे समय तक जुड़े रहे श्री रतनू का मीडियाकर्मियोंं से भी बेहतर संबंध रहा तथा मीडियाकर्मी भी उन्हें पूरा आदर-सम्मान  एवं श्रद्धा देते थे। उनका शुचितापूर्ण जीवन इतना पाक-साफ था कि वे सार्वजनिक जीवन में खूब रमे होने के बावजूद किसी भी प्रकार का नशा उन्हें छू तक नहीं पाया।
मस्त मौला स्वभाव के धनी
उनके स्वभाव में धीर-गंभीरताशांति और अपनी ही मस्ती में रमे रहना शामिल था। खुले विचारों वाले श्री रतनू हमेशा मस्त रहने वाले उन बिरले लोगों में थे जिन्हें शायद ही किसी ने तनाव या गुस्से में देखा हो। जनसंपर्क के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए उन्हें कई बार सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया।
सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्होंने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के आयोजनों तथा विभिन्न गतिविधियों में आत्मीयता के साथ सहयोग प्रदान किया और अपनी सेवाओं से दिल जीता।
पारिवारिक दायित्वों का बखूबी निर्वाह
अपने पारिवारिक दायित्वों को पूरा करते हुए श्रेष्ठतम अभिभावक के रूप में उन्होंने हर क्षण को सार्थक किया। इसे पूर्वाभास कहें या कुछ औरलेकिन यह सच है कि अपने अंतिम समय से एक माह पूर्व तक भी उनकी इच्छा रही कि वे अपने बच्चों को स्थापित कर दें और इसी वजह से उन्होंने कुछ दिन पहले जोधपुर में अपने मकान में रहने का मानस बनाया और जैसलमेर से पूरे परिवार सहित वहाँ शिफ्ट हो गए। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था । इस कारण वे जोधपुर में बालसमंद नगर स्थित अपने मकान में मात्र तेरह दिन से ज्यादा नहीं रह पाए। बाह्य आडम्बरों से दूर लेकिन ईश्वर के प्रति भीतरी आसक्ति रखने वाले श्री शंभूदान रतनू भगवान श्रीराम के परम भक्त थे। कुल देवी करणी माता के प्रति उनकी अटूट आस्था थी।
भावपूर्ण श्रद्धांजल
जैसलमेर को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले हर दिल अजीज श्री शंभूदान रतनू  का हमारे बीच से चले जाना मरु अंचल के लिए वह क्षति है जिसकी पूत्रि्त नहीं की जा सकती। मरुभूमि आज अपने इस रत्न को खोकर अत्यन्त आहत अनुभव कर रही है। मरु रत्न श्री शंभूदान रतनू के महाप्रयाण पर कोटि-कोटि श्रद्धांजलि .....।

जैसलमेर के पूर्व पीआरओ श्री शंभूदान रतनू का निधन


जैसलमेर के पूर्व पीआरओ श्री शंभूदान रतनू का निधन


जैसलमेर में शोक की लहर
शोक संवेदना व्यक्तभावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित


जैसलमेर, 24 अप्रेल/जैसलमेर के पूर्व जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी श्री शंभूदान रतनू का मंगलवार रात जोधपुर में दिल का दौरा पड़ने से आकस्मिक निधन हो गया। वे 65 वर्ष के थे।
श्री रतनू को बुधवार रात 8.30 बजे जोधपुर में हृदयाघात की शिकायत हुई। इस पर उन्हें सत्यम हॉस्पिटल में भर्ती किया गया जहाँ डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका और रात10 बजे खून की उल्टी होते ही हृदय ने काम करना बंद कर दिया जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
श्री रतनू कुछ दिन से बीमार चल रहे थे और उन्हें पीलिया से ग्रसित बताया गया। श्री शंभूदान रतनू अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
श्री रतनू का अंतिम संस्कार बुधवार को जोधपुर में विधिविधान के साथ कर दिया गया। उनकी चिता को ज्येष्ठ पुत्र श्री सुरेन्द्र रतनू ने मुखाग्नि दी।
जैसलमेर जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय में बुधवार को पूर्व पीआरओ श्री शंभूदान रतनू के निधन पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इसमें श्री रतनू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की गई तथा शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
सभा में श्री रतनू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. दीपक आचार्य ने कहा कि श्री रतनू जैसलमेर की सरजमीं पर रचनात्मक प्रवृत्तियों के पर्याय थे जिन्होंने जनंसपर्क क्षेत्र के माध्यम से जैसलमेर को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
इस अवसर पर जनसंपर्ककर्मियों ईश्वरदान कवियाओमप्रकाशशिवलाल सेवक तथा मीडियाकर्मियों आदि ने पूर्व पीआरओ श्री शंभूदान रतनू के आकस्मिक महाप्रयाण पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

खुदाई में 13 प्राचीन जैन प्रतिमाएं मिली

खुदाई में 13 प्राचीन जैन प्रतिमाएं मिली
जहाजपुर (भीलवाड़ा)। जहाजपुर में मंगलवार को मकान की नींव की खुदाई के दौरान करीब आठ सौ वर्ष पुरानी 13 जैन प्रतिमाएं मिली। महावीर जयन्ती के अवसर पर प्रतिमा खुदाई में मिलने की जानकारी मिलते ही वहां लोग उमड़ पड़े। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर स्थिति संभाली और बाद में सभी प्रतिमाएं कब्जे में ले ली। इसके बाद नींव की खुदाई बंद करवा दी गई। इन प्रतिमाओं को सुपुर्द करने की मांग को लेकर जैन समाज ने मौके पर धरना शुरू कर दिया। रात तक समाज के लोगों और प्रशासन में मूर्तियों की सुपुर्दगी को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई थी।

प्रतिमाओं की कीमत करोड़ों रूपए आंकी गई है। कस्बे में शीतला माता मन्दिर के निकट अब्दुल रशीद मकान के निर्माण के लिए मंगलवार को अपने भूखण्ड पर नींव की खुदाई करवा रहा था। दोपहर में करीब डेढ़ बजे संगमरमर की एक प्रतिमा का हिस्सा देख कर मजदूर चौंक पड़ा। उसने इसकी जानकारी अब्दुल रशीद को दी। रशीद ने जैन समाज के लोगों को इस मूर्ति के बारे में बताया।

जेसीबी मशीन मंगवाकर नींव की खुदाई शुरू की। इसके बाद वहां एक के बाद एक करके 13 प्रतिमाएं निकली। इनमें से अधिकांश की लम्बाई साढे चार फीट थी। इनमें महावीर स्वामी, बाहुबली, पार्श्वनाथ व पद्मावती की प्रतिमा थी। खुदाई में मन्दिर मेहराब, लाटे भी निकली। खुदाई में निकली प्रतिमाओं को प्रशासन ने अपने कब्जे मे ले लिया। धरना देर रात तक जारी था।

पुरातत्व की टीम को बुलाया
जिला कलक्टर ओंकार सिंह ने बताया कि खुदाई में मिली 13 मूर्तियों की जांच के लिए पुरातत्व विभाग जयपुर की टीम को बुलाया गया है। मूर्तियां जैन समाज को सौंपे जाने के प्रावधानों की समीक्षा की जा रही है। उपखण्ड अधिकारी ओमप्रकाश फुलवारियां ने बताया कि खुदाई में मिली संगमरमर से निर्मित नक्काशीदार पद्मावती माता की दो मूर्तियों व महावीर स्वामी की एक काले पत्थर की मूर्ति की अनुमानित कीमत करीब 3 करोड़ रूपए बताई जा रही है।

दुष्कर्म के आरोपी की पिटाई से मौत

दुष्कर्म के आरोपी की पिटाई से मौत

हनुमानगढ़/संगरिया। जिले के संगरिया थाना क्षेत्र में मंगलवार को सात वर्षीय बालिका से दुष्कर्म करने के आरोपी की पिटाई के बाद देर रात उसकी मौत हो गई। संगरिया के पुलिस उप अधीक्षक धर्माराम पूनिया ने बताया कि क्षेत्र के गुडिया गांव में त्रिलोक सिंह बावरी(53) पुत्र भोलासिंह ने एक सात वर्षीय बालिका को पहले खाने की चीज दिलवाई फिर उसे बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया।

जहां उसने बालिका के साथ लश्लील हरकतें करनी शुरू कर दी। नशे में धुत त्रिलोकसिंह केवहशीपन से बालिका के चहरे व दांए हाथ पर कई निशान व खरोचें आ गई।

बालिका के चीखने पर आसपास के ग्रामीण उसके घर पहूंचे गए और उन्होंने उसकी जमकर धुनाई की। उन्होने बताया कि उसे घायलवस्था में सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां अंरूनी चोटों की वजह से रात करीब साढ़े दस बजे उसकी मौत हो गई।

पूनिया ने बताया कि रात करीब ढ़ाई बजे उसकी बहन हीरा देवी बावरी ने माइकल मुसलमान,पूरण सिंह,सुलकखन सिंह,प्रेम सिंह,सुंदर सिंह,नानकसिंह,दर्शन सिंह,मल्कीत सिंह सहित करीब 15 अन्य ग्रामीणों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया।

पहले भी लगा था आरोप
पुलिस के अनुसार आरोपी आदतन अपराधी है। पहले भी वह एक महिला से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के मामले में 27 वर्ष जेल में रह चुका है। आरोपी करीब छह महिनों से एक कमरे के मकान में अकेला रह रहा था। उसकी दो बçच्चयां शादीशुदा है। आपसी कलह के कारण उसकी पत्नी अपनी छोटी बेटी को लेकर पीहर में गई हुई थी।

सदाबहार गानों की मलिका पद्मश्री शमशाद बेगम नहीं रहीं

मुंबई. सदाबहार गानों की मलिका पद्मश्री शमशाद बेगम नहीं रहीं। ले के पहला-पहला प्यार, कहीं पे निगाहें कहीं पर निशाना..., कजरा मोहब्बत वाला... जैसे गानों को गाने वाली शमशाद बेगम का जन्‍म भी इसी महीने हुआ था।

पि‍छले वर्ष से ही शमशाद बेगम की तबि‍यत नासाज थी। उन्‍हें सुनाई भी कम देता था। उम्र उनकी सेहत पर हावी हो चुकी थी। शमशाद बेगम की बेटी उषा ने बताया कि वह पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ थीं और अस्पताल में थीं। पिछली रात उनका निधन हो गया। उनके जनाजे में सिर्फ कुछ मित्र मौजूद थे। वर्ष 1955 में अपने पति गणपत लाल बट्टो के निधन के बाद से शमशाद मुंबई में अपनी बेटी उषा रात्रा और दामाद के साथ रह रही थीं। उनकी नजदीकी इंदौर नि‍वासी डॉ.रायसिंघानी कहती हैं उनके कमरें में ढेरों ट्राफियां और अवाड्र्स करीने से सजाकर रखे गए हैं लेकिन उन्होंने खासतौर पर हमेशा ग्रेट गोल्डन अवार्ड दिखाया।
अपने को खबूसूरत नहीं मानती थीं, इसलिए फोटो खिंचवाने से परहेज करती थीं शमशाद बेगम
शमशाद बेगम का जन्म 14 अप्रैल, 1919 को लाहौर में हुआ था। ये बचपन से ही के.एल. सहगल की बिग फैन थीं और इन्होंने 'देवदास' फिल्म 14 बार देखी थी। शमशाद बेगम ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत 16 दिसंबर, 1947 को पेशावर रेडियो से शुरू किया था। इनकी सम्मोहक आवाज ने महान संगीतकार नौशाद और ओ.पी. नैय्यर का ध्यान अपनी ओर खींचा और इन्होंने फिल्मों में प्लेबैक सिंगर के रूप में इन्हें ब्रेक दिया। इसके बाद तो शमशाद बेगम की सुरीली आवाज ने लोगों को इनका दीवाना बना दिया। 50, 60 और 70 के दशक में ये म्यूज़िक डायरेक्टर्स की पहली पसंद बनी रहीं। शमशाद बेगम ने ऑल इंडिया रेडियो के लिए भी गाया। इन्होंने अपना म्यूज़िकल ग्रुप 'द क्राउन थिएट्रिकल कंपनी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट' बनाया और इसके माध्यम से पूरे देश में अनेकों प्रस्तुतियां दीं। इन्होंने कुछ म्यूज़िक कंपनियों के लिए भक्ति गीत भी गाए।


उन्होंने हिंदी-उर्दू फिल्मों में पांच सौ से ज्यादे गाने गाये, जिनमें से दर्ज़नों गाने आज भी पुराने फ़िल्मी गीत-प्रेमियों की पसंद बने हुए हैं। उनके गाये कुछ सदाबहार गीत हैं - 'छोड़ बाबुल का घर', 'होली आई रे कन्हाई', 'गाडी वाले गाडी धीरे हांक रे' ( मदर इंडिया ), 'तेरी महफ़िल में क़िस्मत आज़मा कर' ( मुग़ल-ए-आज़म ), 'मेरे पिया गए रंगून' ( पतंगा ), 'कभी आर कभी पार' ( आर पार ), 'लेके पहला पहला प्यार', 'कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना' ( सी .आई .डी ), 'मिलते ही आंखें दिल हुआ दीवाना किसी का' ( बाबुल ), 'बचपन के दिन भुला न देना' ( दीदार ), 'दूर कोई गाए' ( बैजू बावरा ), 'सैया दिल में आना रे' ( बहार ), 'मोहन की मुरलिया बाजे', 'धरती को आकाश पुकारे' ( मेला ), 'नैना भर आये नीर' ( हुमायूं ), 'मेरी नींदों में तुम' ( नया अंदाज़ ), 'कजरा मुहब्बत वाला' ( क़िस्मत ) आदि। फिल्म संगीत में योगदान के लिए भारत सरकार ने 2009 में उन्हें 'पद्मभूषण' से नवाज़ा।

फोटो खिंचाने से परहेज करती थीं शमशाद बेगम

शमशाद बेगम के बारे में कहा जाता है कि ये अपने-आप को खूबसूरत नहीं मानती थीं, इसलिए अपना फोटो खिचवाने से परहेज करती थीं। इनके बहुत कम ही फोटो उपलब्ध हैं। इन्होंने गनपतलाल बट्टो से शादी की थी। उनका निधन 1955 में ही हो गया था। इसके बाद से वह अपने दामाद और बेटी ऊषा रात्रा के साथ मुंबई में रहती हैं। इनके साथ एक कॉन्ट्रोवर्सी भी जुड़ गई। 1998 में यह खबर आई कि इनका निधन हो गया, पर वो दूसरी शमशाद बेगम थीं, नसीम बानो की मां, जिनकी बेटी सायरा बानो हिंदी फिल्मों की मशहूर एक्ट्रेस और बॉलीवुड आइकॉन दिलीप कुमार की वाइफ हैं।

बाड़मेर बलात्कार के सदमे में दलित महिला ने की आत्महत्या

ब्रेकिंग न्यूज़ सरहदी गाँव शाहदाद का पार में



बाड़मेर बलात्कार के सदमे में दलित महिला ने की आत्महत्या


 बाड़मेर बाड़मेर जिले के सरहदी गडरा थाना क्षेत्र के शहदाद का पार गाँव में एक अनुसूचित जाती की महिला ने बलात्कार के बाद आत्महत्या कर ली .प्राप्त जानकारी के अनुसार शहदाद का पार गाँव में एक अनुसूचित जाती की विवाहित महिला के साथ मेहुलाराम नामक व्यक्ति ने बलात्कार किया था जिसके चलते मंगलवार को महिला ने आत्महत्या कर ली .महिला द्वारा आत्महत्या करने के बाद गाँव में लोगो में जबरदस्त आक्रोश हें .लोग आरोपी की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हें जबकि अभी मामला दर्ज नहीं हुआ हें ,घटना की पूर्ण जानकारी आना शेष हे .