सोमवार, 7 जनवरी 2013

हेलिकॉप्टर कॉम्प्लेक्स का शुभारंभ

हेलिकॉप्टर कॉम्प्लेक्स का शुभारंभ

फलौदी (जोधपुर)। भारतीय वायुसेना प्रमुख एअर मार्शल एनएके ब्राउन ने सोमवार को यहां मीडियम लिफ्ट हेलिकॉप्टर कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया।


बेहतरीन इंजीनियरिंग से निर्मित ये हैंगर भारतीय वायुसेना मेंं अपने तरीके के सर्वाधिक बडे1 हैंगर है। यह कॉम्प्लेक्स वायुसेना के एमआई 17 वी5 हेलिकॉप्टर के नए स्क्वैड्रन के लिए भारत-पाकसीमा पर फलौदी में बनाया गया है।


इस कॉम्प्लेक्स से नए एअर बेस की संचालन क्षमता में बढ़ोतरी होगी। इस कॉम्ल्पेक्स का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसके निर्माण से वायुसेना पाक सीमा पर अपने स्क्वैड्रन की तैनाती कर अपनी उपस्थिति में मजबूती ला सकती है।


रक्षा प्रवक्ता कर्नल एसडी गोस्वामी ने कहा कि यहां से हेलिकॉप्टर किसी भी मौसम में उड़ान भर सकते हैं। एमआई-17वी 5 सशस्त्र हेलिकॉप्टर की श्रेणी में आता है। एअर चीफ मार्शल ने इस अवसर पर कहा कि यह एक साल के दौरान देश की छठी हेलिकॉप्टर यूनिट तैनात की गई है। शीघ्र ही महाराष्ट्र में भी ऎसी यूनिट स्थापित की जाएगी। यह यूनिट स्थाई रूप से यहां तैनात रहेगी। उन्होंंने कहा कि देश में अनेक स्थानों पर हेलिकाप्टर की 59 यूनिटों की स्थापना के लिए आदेश हो चुके हंै।


ब्राउन ने कहा कि फलौदी एअरबेस सामरिक दृष्टि से काफी मायने रखता है और हम तेज गति से इसे विशेष रूप से विकसित कर रहे हैं। व्राउन ने बताया कि आने वाले तीन सालों में इस एअरबेस पर विवाहित वायुसैनिकों के आवासीय सुविधा तैयार कर देंगे। उन्होंंने कहा कि इस साल फरवरी एवं अप्रैल में होने वाले युद्धाभ्यासों में फलौदी एअरबेस की अहम भूमिका रहेगी।

वायुसेना स्टेशन फलौदी में वायुसेनाध्यक्ष के आगमन पर दक्षिण-पश्चिम वायु कमान के वायु अफसर कमांडिग इन चीफ एअर मार्शल ए के गोगोई तथा वायु सेना स्टेशन फलौदी के स्टेशन कमांडर ग्रुप कैप्टन प्रशांत मोहन ने उनकी अगवानी की।

गांव-ढाणी से राज्य स्तर तक महिला सशतीकरण के नये आयाम - प्रभात गोस्वामी


राजीव गांधी किशोरी बालिका सशतीकरण योजना राज्य के 10 जिलों, भीलवाड़ा, जोधपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, झालावाड़, डूंगरपुर, बीकानेर, जयपुर, बाड़मेर एवं श्रीगंगानगर का पायलट आधार पर चयन


घर की चार दीवारी के भीतर अपने परिवार के उत्थान् के साथ-साथ अब महिलाएं प्रदेश के विकास में भी सक्रिय भूमिका अदा कर रही हैं। ग्राम पंचायत से लेकर जिला परिषद तक और नगर पालिका से लेकर नगर निगम तक महिलाओं ने विकास की शानदार पताका फहराई है। प्रशासनिक सेवाएं हों या कोई अन्य सेवा, उद्योग व्यवसाय से लेकर जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का डंका बजाया है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने महिलाओं के प्रति सम्मान के साथ उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से प्रदेश में महिला अधिकारिता निदेशालय का गठन करने के साथ ही उनके सामाजिक सशतीकरण की दिशा में सात सूत्रीय कार्यक्रम लागू किया। आज राजस्थान की महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में ना केवल आगे बढ़ रही हैं अपितु प्रदेश के विकास को परवान चढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही। प्रदेश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं सशतीकरण के उद्देश्य से लागू किये गये सात सूत्रीय कार्यक्रम से महिलाओं में आत्म विश्वास बढ़ा है। राज्य में सामूहिक विवाह को प्रोत्साहन एवं नियमन के उद्देश्य से “राजस्थान सामूहिक विवाह नियमन एवं अनुदान नियम, 2009” लागू किये गये। इसके तहत प्रति जोड़ा 6000 रुपये अनुदान का प्रावधान है। जिसमें से 75 प्रतिशत राशि वधु के नाम सावधि जमा की जा रही है। सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत आयोजक संस्था एवं वधु को दिये जाने वाले अनुदान की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई है। महिला विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत कार्यरत साथिनों एवं आशा सहयोगिनियों के मानदेय में वर्ष 2011-12 से 2012-13 के मध्य 650 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई है। राज्य में जेण्डर की अवधारणा को प्रोन्नत करने एवं विभिन्न विभागों के बजट को जेण्डर उन्मुखी (जी.आर.बी.) बनाने के उद्देश्य से महिला अधिकारिता निदेशालय में “जेण्डर प्रकोष्ठ” की स्थापना की गई है। विभागों के बजट की समीक्षा के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। राष्ट्रीय महिला सशतीकरण मिशन के अन्तर्गत राज्य के पाली जिले का चयन किया गया है। मिशन पूर्ण शति के तहत पायलट प्रोजेट का शुभारम्भ 16 सितम्बर, 2011 को किया गया। इसके तहत जिले के 150 चयनित गांवों में संदर्भ केन्द्र प्रारम्भ किये जा चुके हैं। इस मिशन का प्रमुख लक्ष्य केन्द्र एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और मंत्रालयों द्वारा संचालित उसकी विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों को जोड़कर महिलाओं का सशतीकरण करना है। राज्य सरकार की बजट घोषणा 2010-11 के अनुसार कलेवा योजना को सभी 368 सामुदायिक केन्द्रों पर लागू किया गया था। अब इसका विस्तार करते हुए सभी राजकीय अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सेटेलाइट हॉस्पीटलों पर भी प्रसूता महिलाओं को निःशुल्क आहार की सुविधा सुलभ करवाई जा रही है। अब तक सात लाख 25 हजार प्रसूताओं को लाभान्वित किया जा चुका है। राज्य में महिलाओं के आर्थिक सशतीकरण के लिए भी अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये गये। अब तक राज्य में कुल 2 लाख 30 हजार 315 स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है। जिनमें से 1 लाख 86 हजार 986 समूहों को 552.52 करोड़ रुपये के बैंक ऋण उपलध करवाये जा चुके हैं। राज्य में प्रियदर्शिनी आदर्श स्वयं सहायता समूह योजना की क्रियान्विति भी निरन्तर की जा रही है। इसके तहत प्रत्येक जिले से चिन्हित 10 स्वयं सहायता समूहों को प्रियदर्रि्शनी आदर्श स्वयं सहायता समूह के रूप में विकसित किया जाता है। राज्य में सभी जिलों में कुल 330 समूहों का विभिन्न स्वयं सेवी संगठनों द्वारा क्षमतावद्र्धन किया जा रहा है। इन समूहों के आदर्श स्थिति में पहुंचकर स्वरोजगार से जुड़ने तक 25 हजार रुपये प्रोत्साहन स्वरूप नकद प्रदान किये जाते हैं। अमृता पुरस्कार योजना की शुरूआत वर्ष 2009-10 में की गई थी। इसके तहत राज्य स्तर पर एक श्रेष्ठ स्वयं सहायता समूह को 50 हजार रुपये तथा एक श्रेष्ठ गैर सरकारी संगठन को 20 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। राज्य में विधवा एवं परित्यकत्ता महिलाओं को स्वरोजगार उपलध कराकर स्वावलम्बी बनाने के लिए “स्वावलम्बन योजना” के तहत 7 हजार 88 महिलाओं को गैर सरकारी संगठन के माध्यम से पारम्परिक तथा गैर पारम्परिक व्यवसायों में आय जनक गतिविधि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री की बजट घोषणा वर्ष-2010-11 के अन्तर्गत महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए 30 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लिये जाने वाले बैंक ऋणों पर 50 प्रतिशत याज अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है। इसके तहत अब तक 16 हजार 283 समूहों को लाभान्वित कर एक करोड़ 66 लाख रुपये का याज अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जा चुका है। महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से ही राशन की दुकानें आवंटित करने का निर्णय लिया गया। अब तक विभिन्न जिलों में 44 राशन की दुकानें महिला स्वयं सहायता समूहों को आवंटित की जा चुकी हैं। इन समूहों को प्रति दुकान 75 हजार रुपये की राशि कॉर्पस राशि के रूप में स्वीकृत की जाती है। जिससे समूह प्रतिमाह राशन सामग्री का क्रय कर सकते हैं। इन समूहों को सुदृढ़ कर इन्हें स्थायित्व प्रदान करने एवं माइक्रो फाइनेंस द्वारा स्वावलंबन के लिए प्रेरित करने के लिए मिशन ग्राम्याशति की स्थापना की गई है। बजट वर्ष 2011-12 में सहरिया महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की गई थी। इस पैकेज में बारां जिले के किशनगंज एवं शाहबाद में सहरिया जाति की महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों का गठन कर इनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए याज अनुदान तथा प्रोत्साहन प्रदान किये जा रहे हैं। अब तक 1360 सहरिया महिला समूहों का गठन एवं 830 समूहों को बैंक ऋण प्रदान किये जा चुके हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित सामग्री की सरकारी खरीद में प्राथमिकता देने के लिए सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियमों में आवश्यक प्रावधान किये गये हैं। राज्य में महिलाओं की सुरक्षा एवं संरक्षण की ओर भी उचित कार्यवाही कर महिलाओं को शोषण एवं उत्पीड़न से बचाने के साथ ही उन्हें संरक्षण प्रदान करने के लिए राज्य सरकार संवेदनशील प्रयास कर रही है। इस दिशा में राजस्थान महिला (अत्याचार निवारण) विधेयक-2012 प्रक्रियाधीन है। महिलाओं को शोषण एवं उत्पीड़न से बचाने के साथ उन्हें संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य महिला आयोग के तत्वावधान में “महिला हैल्प लाईन” स्थापित की गई है जो 24 घंटे कार्य कर रही है। महिला अधिकारिता निदेशालय ने एक “विशेष महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ” की स्थापना की गई है। राज्य के सभी 39 पुलिस जिलों में एक-एक महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र की स्थापना की गई है। ये केन्द्र गैर शासकीय संस्थाओं के माध्यम से चलाये जाते हैं। इसके लिए महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र नियमन एवं अनुदान योजना-2010 लागू की गई है। केन्द्र के संचालन हेतु 3 लाख रु तक का अनुदान दिया जा रहा है। महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाने, उन्हें संरक्षण दिये जाने और राहत एवं आपातकाल में संरक्षण प्रदान करने के लिए राज्य में घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम-2005 का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके लिए 607 अधिकारियों को संरक्षण अधिकारियों के रूप में अधिकृत किया गया है। साथ ही 13 संस्थाओं को आश्रय गृह के रूप में अधिसूचित किया गया है। राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों को चिकित्सा सुविधा के लिए अधिसूचित किया गया है। शोषित एवं उत्पीड़ित महिलाओं को अविलम्ब राहत देने, आवश्यक सहायता तथा मार्गदर्शन प्रदान करने तथा शोषण के प्रकरणों का पुनरीक्षण कर शीघ्र कार्यवाही करवाने के उद्देश्य से समस्त जिलों में जिला प्रमुख की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय महिला सहायता समिति का गठन किया गया है। इसकी पूरक इकाई के रूप में खण्ड स्तर पर भी सहायता समितियां गठित की जा रही है ताकि महिलाओं को स्थानीय स्तर पर यह सुविधा मिल सके। महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए भी अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। समेकित बाल विकास सेवा कार्यक्रम, राजीव गांधी किशोरी बालिका सशतीकरण योजना (सबला योजना) का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा राजीव गांधी किशोरी बालिका सशतीकरण योजना के तहत राज्य की 11-15 वर्ष आयु की स्कूल नहीं जाने वाली तथा 15-18 वर्ष की सभी बालिकाओं को वर्ष में 300 दिन पूरक पोषाहार जिसमें 600 किलो कैलोरी एवं 18-20 ग्राम माइक्रो न्यूट्रिएन्ट की मात्रा होगी, उपलध करवाई जा रही है। योजना के तहत प्रथम चरण में राज्य के 10 जिलों, भीलवाड़ा, जोधपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, झालावाड़, डूंगरपुर, बीकानेर, जयपुर, बाड़मेर एवं श्रीगंगानगर का पायलट आधार पर चयन किया गया है। वर्तमान में सबला कार्यक्रम के अन्तर्गत लगभग 6.68 लाख किशोरी बालिकाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना के तहत राज्य के 2 जिलों उदयपुर एवं भीलवाड़ा में 19 वर्ष या इससे अधिक की आयु की महिलाओं को मां एवं बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण से जुड़ी कुछ निर्धारित शर्तें पूरी करने पर 4 हजार रुपये की नकद राशि 2 प्रसवों तक प्रदान की जा रही है। इसके तहत 11 हजार 643 महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार के गंभीर प्रयासों का ही परिणाम है कि आज प्रदेश में महिलाएं सामाजिक रूपान्तरण एवं चेतना में सक्रिय भूमिका निभाते हुए विकास की मुख्य धारा में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफल हो रही है।

प्रमुख शासन सचिव डॉ. मालोविका पंवार से वीडियो कांफ्रेंसिंग



प्रमुख शासन सचिव डॉ. मालोविका पंवार से वीडियो कांफ्रेंसिंग

जैसलमेर जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने दी तैयारियों की जानकारी


जैसलमेर, 7 जनवरी/ प्रमुख शासन सचिव राजस्व श्रीमती मालोविका पंवार ने सोमवार को जैसलमेर जिला कलक्टर शुचि त्यागी सहित विभिन्न जिलों के जिला कलक्टरों एवं संभागीय आयुक्तों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये चर्चा करते हुए दस जनवरी से शुरू हो रहे प्रशासन गांवों के संग अभियान के बारे में अब तक की तैयारियों की विस्तार से जानकारी ली और अभियान को आशातीत सफलता प्रदान करने के निर्देश दिए।

जैसलमेर जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने प्रमुख शासन सचिव को जैसलमेर जिले में प्रशासन गांवों के संग अभियान को लेकर जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यापक तैयारियों की जानकारी दी और विश्वास दिलाया कि जिले में इस अभियान का बेहतर क्रियान्वयन किया जाकर इसे अधिक से अधिक उपादेय बनाया जाएगा।

जिला कलक्टर ने प्रमुख शासन सचिव को जानकारी दी कि जिले में बारानी भूमि के आवंटन पर रोक हटाने के लिए ग्रामीणों की मांग है वहीं काफी पहले आवंटित हो चुकी किन्तु कब्जा और पट्टा विहीन और अब मूल्य बढ़ोतरी से संबंधित भूमि के बारे में राज्य सरकार के निर्देशों की प्रतीक्षा है। जिला कलक्टर ने बताया कि अभियान के अन्तर्गत आपसी सहमति से बंटवारों के मामले सर्वाधिक आने की उम्मीद है। शुचि त्यागी ने प्रमुख शासन सचिव को बताया कि अभियान को देखते हुए अतिरिक्त जिला कलक्टर कार्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा चुका है तथा जन प्रतिनिधियों की कार्यशाला भी हो चुकी है।

इस दौरान् एनआईसी के वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष में अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका, उपखण्ड अधिकारी रमेशचन्द्र जैन्थ, ओमप्रकाश के साथ ही विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे।

राज्य स्तर से व्यापक प्रबन्ध सुनिश्चित

वीडियो कॉफ्रेिंसंग में बताया कि इस अभियान में 21 विभागों को जोड़ा गया है और सभी विभागों के कार्यों को स्पष्ट कर दिया गया है। शिविर प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर लगेगा जो दो दिन का होगा। एक दिन तैयारी शिविर होगा और दूसरे दिन सभी समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास किया जायेगा।

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि इन शिविरों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने से ही इसका सही लाभ मिल पायेंगा और राज्य सरकार की मंशा की भी पूर्ति होगी। राज्य के सभी जिलों से ग्राम पंचायतवार शिविर का कार्यक्रम तय कर लिया गया है। उन्होेंने अभियान के बारे में सभी जनप्रतिनिधियों को जानकारी देने, ग्रामीणों की पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित करने और शिविरों को बहुद्देशीय उपादेयताजनक बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर अभियान की प्रभारी अधिकारी श्रीमती स्नेहलता पंवार उप शासन सचिव राजस्व को बनाया गया है। दो पारियों में जयपुर में नियंत्रण कक्ष चलेगा जिसमें जिलों से मांगे जाने वाले मार्गदर्शन और जानकारी 24 घंटे में उपलब्ध करा दी जायेगी। इसके लिए प्रभारी अधिकारी उप शासन सचिव (रूल्स) लेखराज तोषवाड़ा को लगाया है।

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प्रशासन गांवों के संग अभियान 10 जनवरी से

जैसलमेर जिले में ग्राम पंचायतवार शिविर लगेंगे

जिला प्रशासन ने की व्यापक तैयारियाँ


जैसलमेर, 7जनवरीै/आम लोगों की दिक्कतों एवं समस्याओं के त्वरित समाधान के उद्देश्य से जैसलमेर जिले में 10 जनवरी, गुरुवार से आरंभ होगा। यह अभियान 28 फरवरी,2013 तक चलेगा। इन शिविरों का समय सोमवार से शनिवार तक रोजाना प्रातः 10.00 बजे से सांय 5.00 बजे तक रहेगा।

जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने बताया कि ”प्रशासन गांवों के संग अभियान” के तहत सभी 128 ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित किये जायेंगे। जैसलमेर जिले में अभियान की तैयारियों के साथ सभी आवश्यक प्रशासनिक व्यवस्थाएं पूरी की जा चुकी हैं।

इस अभियान के संचालन में शामिल सभी 21 विभाग अपने समन्वित प्रयासों से मौके पर ही ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करना सुनिश्चित करेंगे। ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर आयोजित किये जाने वाले शिविरों में अभियान के दिन ग्राम पंचायत की बैठक बुलाई जायेगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर शिविर का आयोजन दो दिन होगा।

अभियान के दौरान राजस्व विभाग से संबंधित बिन्दुओं के अलावा उपनिवेशन विभाग, सैनिक कल्याण विभाग, ऊर्जा विभाग, समेकित बाल विकास विभाग, सहकारिता विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग, जल संसाधन विभाग, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, आयुर्वेद विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं पशुपालन विभाग जिनका ग्रामीण समुदाय से सीधा संबंध है के कार्य बिन्दुओं को भी शामिल किया गया है।

इस अभियान के दौरान राजस्व, ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, समेकित बाल विकास एवं सहकारिता विभाग द्वारा आमजन को राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के साथ जन कल्याणकारी कार्यक्रमों एवं विकास योजनाओं की जानकारी दी जायेगी। साथ ही सभी विभागों द्वारा समन्वित प्रयासों से मौके पर ही ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित कार्यवाही की जायेगी।

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जैसलमेर जिला परिषद की बैठक स्थगित
जैसलमेर, 7 जनवरी/ जैसलमेर जिला परिषद की 8 जनवरी, मंगलवार को होने वाली बैठक अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई है। यह जानकारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी बलदेवसिंह उज्ज्वल ने दी।

बाड़मेर बालोतरा में प्रदर्शनकारी दलितों पर लाठियां भांजी पुलिस ने

बाड़मेर बालोतरा में प्रदर्शनकारी दलितों पर लाठियां  भांजी पुलिस ने 

बाड़मेर बालोतरा में चार दिन पूर्व एक युवक हुई मारपीट में घायल हुए युवक की कल देर शाम मौत से गुस्साए लोगो ने उपखंड कार्यालय के सामने शव रख कर प्रदर्शन किया !छगनलाल पुत्र ओमप्रकाश मेगवाल निवासी नेहरू कोलोनी बालोतरा से 4जनवरी को उसके पड़ोस में रहने वाले स्वजाति लोगो ने मारपीट की जिससे उसे गंभीर चोटे आई परजनो उसे नाहटा राजकीय अस्पताल जहा उसकी गंभी हालत को देखते हुए उसे जोधपुर रेफर कर दिया जहा कल उसने दम तोड़ दिया ! युवक के परिजनों ने आरोप लगाया की मारपीट की घटना के वक्त पुलिस को फोन किया था पुलिस मौके पर भी पहुची लेकिन उन्होंने उस युवक को बचाने की कोई कोशिश नहीं की लोगो ने दोषी पुलिस कर्मियों के निलंबन व् मारपीट करने वाले सात नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की की !हंगामे की सुचना मिलने पर बालोतरा पुलिस उपाधीक्षक रामेश्वर मेगवाल ,कार्यवाह उपखंड अधिकारी विवेक व्यास ,थानाधिकारी कैलास चन्द्र मीणा वहा पहुचे और लोगो से समझाईस लेकिन बड़ी संख्या में जमा लोग अपनी मागो को लेकर अड़े रहे और उपखंड कार्यालय के सामने रास्ता जाम कर दिया और जैम कर नारेबाजी की मामले की सुचना मिलाने पर पचपदरा विधायक मदन प्रजापत भी वह पहुचे और लोगो से समझाईस की, इस बिच कुछ युवको ने रस्ते पर पत्थर डाल हंगामा किया जिस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उत्पाती युवको को खदेड़ा करीब चार घंटे के हंगामे के बाद उनके प्रतिनिधिओ ने विधायक ,पुलिस उपाधीक्षक कार्यवाह उपखंड अधिकारी से वार्ता कर शव उठाया

बाड़मेर पर्दाफास शिव के पास हुई हत्या का पर्दाफाश



पर्दाफास  शिव  के पास हुई हत्या का पर्दाफाश 

एक महिला सहित दो गिरफ्तार गिरफ्तार
बाड़मेर तीन रोज पूर्व  पुलिस थाना शिव के हल्खा क्षेत्र में भीयाड. जाने वाली सड़क पर सरहद बीसूखुर्द में खारिया ट्यूबवैल के पास एक आदमी की लाश मिलने पर थानाधिकारी शिव मय जाब्ता के घटनास्थल पर पहुंच कर जानकारी की। सूचना मिलने पर जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया। मृतक के पास मिले पहचान पत्र व मोबाईल के बिल के आधार पर तथा मौके पर उपस्थित लोगों से मृतक की पहचान भूराराम पुत्र श्री रामजीराम जाति जाट उम्र 18 वर्ष निवासी रतेऊ के रूप में हुई। घटनास्थल पर मिले दो संदिग्ध व्यक्तियों के फुट मोल्ड एम. ओ. बी. टीम बुलाकर उठवाये गये । मृतक के चाचा हरदानराम पुत्र श्री मुकनाराम जाति जाट निवासी रतेऊ की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज किया गया।

अज्ञात मुलजिम होने से प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक द्वारा वृत्ताधिकारी बाड़मेर श्री नाजिम अली के नेतृत्व में श्री सुखाराम नि.पु. थानाधिकारी शिव व श्री मनीष देव उ.नि. थानाधिकारी बायतू मय जाब्ता की विशोष टीम गठित की जाकर आवश्यक निर्देश दिये गये। टीम द्वारा मुलजिमान का पता लगाने के लिए संदिग्ध लोगों से पूछताछ की व मृतक श्री भूराराम के मोबाईल नम्बर की कॉल डिटेल निकलवाई गई। सी. डी. आर. में संदिग्ध मिले नम्बरों के आधार पर देवाराम पुत्र श्री हनुमानराम जाति जाट उम्र 22 साल निवासी रतेऊ व उसकी बहिन हीरां पुत्री हनुमानराम जाति जाट निवासी रतेऊ की भूमिका संदिग्ध पायी गयी। जिस पर थानाधिकारी शिव मय जाब्ता ने दिनांक 06.01.2013 को बालोतरा से कानि0 परीक्षा समाप्ति के पश्चात संदिग्ध देवाराम को बालोतरा से दस्तयाब किया जाकर गहन पूछताछ की गई तो देवाराम द्वारा अपनी बहिन हीरां के साथ मिलकर मृतक भूराराम को ससुराल चलने का कहकर अपनी मोटरसाईकिल पर बैठाकर दिनांक 01.01.2013 को सरहद बीसू खुर्द में खारिया ट्यूबवैल के पास सूर्यास्त के पश्चात सिर पर लाठी का वार करके व गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया। देवाराम से हुई पूछताछ व कॉल डिटेल के आधार पर उसकी बहिन हीरां को आज प्रातः थानाधिकारी शिव व थानाधिकारी बायतू की टीम द्वारा रतेऊ स्थित उसकी ाणी से महिला कानि0 की उपस्थिति में दस्तयाब कर पूछताछ की गई तो अपना जुर्म स्वीकार करने पर हीरां पुत्री हनुमानराम जाति जाट उम्र 24 साल व उसके भाई देवाराम निवासी रतेऊ को गिरफ्तार किया गया। इस प्रकार जिला पुलिस द्वारा भरषक प्रयास कर अज्ञात मुलजिमानो का पता लगाकर हत्या के अज्ञात प्रकरण को मात्र 3 दिन में ही पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की गई।

अब एनडीपीएस मामलों की सुनवाई होगी बाड़मेर में



अब एनडीपीएस मामलों की सुनवाई होगी बाड़मेर में


प्रमुख शासन सचिव ने रजिस्‍ट्रार जनरल राजस्‍थान उच्‍च न्‍यायालय जोधपुर को दिए निर्देश

बाड़मेर। बाड़मेर अधिवक्‍ता संघ के लम्‍बे समय से चली आ रही मांग के बाद प्रमुख शासन सचिव विधि एंव विधिक कार्य विभाग राजस्‍थान सरकार ने राजस्‍थान उच्‍च न्‍यायालय जोधपुर रजिस्‍ट्रार जनरल को एनडीपीएस मामलों की सुनवाई बाड़मेर में ही करवाने के निर्देश दिए है। गौरतलब है कि अब तक बाड़मेर में दर्ज होने वाले एनडीपीएस मामलों की सुनवाई जोधपुर में होती थी। बाड़मेर के वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता यज्ञदत्‍त जोशी के मुताबिक एनडीपीएस मामलों की सुनवाई जोधपुर में होने के कारण ऐसे मामलों में लोगों को अपने मामलों की पैरवी के लिए जोधपुर जाना पड़ता था, जिससे समय और धन की बर्बादी के साथ ही न्‍याय मिलने में भी देरी होती है।


जोशी ने बताया कि बीते दिना बाड़मेर बार एशोसिएसन के अध्‍यक्ष सोहनलाल चौधरी के अध्‍यक्षता में एक प्रतिनिधि मंडल ने जयपुर में मुख्‍यमंत्री से मिलकर एनडीपीएस मामलों की सुनवाई जोधपुर के बजाय बाड़मेर में करवाने की मांग की थी। जोशी ने बताया कि बाड़मेर अधिवक्‍ता संघ की मांग पर मुख्‍यमंत्री ने तत्‍काल ही प्रमुख शासन सचिव विधि एंव विधिक कार्य विभाग राजस्‍थान सरकार को अधिवक्‍ता संघ की मांग पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे।

जोशी ने बताया कि मुख्‍यमंत्री के निर्देशों के बाद प्रमुख शासन सचिव विधि एंव विधिक कार्य विभाग राजस्‍थान सरकार ने बीती 31 दिसम्‍बर को राजस्‍थान उच्‍च न्‍यायालय जोधपुर रजिस्‍ट्रार जनरल को एनडीपीएस मामलों की सुनवाई बाड़मेर जिला मुख्‍यालय स्थित अपर जिला एवं सेशन न्‍यायालय अथवा विशिष्‍ट न्‍यायालय अनुसूचित जाति जनजाति (अत्‍याचार निवारण प्रकरण) बाड़मेर को सूपुर्द करने के लिए पत्र लिखा है।

स्वर्ण नगरी में देह व्यापार को मिल रहा है खाकी का प्रश्रय…



-जैसलमेर से सिकंदर शेख़||

स्वर्ण नगरी जैसलमेर विश्व् मानचित्र पर पर्यटन नगरी के नाम से विख्यात है, देश दुनिया से लाखों की संख्या में पर्यटक हर वर्ष इसको निहारने यहाँ आते हैं जिससे इस शहर की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा सुदृढ़ है, आज भी यहाँ के बाशिंदे अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए खासे जाने जाते हैं. लेकिन कुछ एक वर्षों से यहाँ अपराधिक गतिविधियाँ ज्यादा बढ़ गयी है, चाहे वो चोरी की हो, लूट की हो, यहाँ तक की हत्या जैसी भी घटनाये यहाँ बढ़ गयी है, पुलिस की बात की जाए तो वो एक नाकर सिस्टम के साथ यहाँ बैठी है, चाहे हरीश हत्याकांड हो, डालूराम हत्याकांड या फिर हाल ही में होटल काम्प्लेक्स के पास मिला एक युवक का शव , इन सारी हत्याओं के पीछे कोई न कोई तथ्य जरूर रहा है मगर पुलिस इन हत्याकांडों की गुथियाँ सुलझाने में असमर्थ ही रही है या यूँ कहे की अपनी ड्यूटी को निभाने में वो असफल रही है ,सभी हत्याओं पर गौर किया जाय तो सबके पीछे कोई ना कोई वजह जरूर रही होगी, लेकिन पुलिस का मानना है की इन सब हत्याओं के पीछे अवैध संबंधों की बू आती है.

अब बात यहाँ आ पहुंची है तो गौर करने वाली बात ये है की पिछले कुछ समय से जैसलमेर में ऐसा कौन आ गया जिसके पीछे हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया जो कि इस जैसलमेर जैसे शांत वातावरण में ज़हर घोलने का कार्य कर रहा है

इसका सबसे बड़ा उदाहरण है यहाँ बाहर से आई वो महिलाएं जो शहर के विभिन्न हिस्सों में देह व्यापार का कारोबार फैला कर बैठी है, कच्ची बस्तियों में इस तरह का व्यापर आम बात हो गयी है, ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी पुलिस या प्रशासन को नहीं है , जानकारी है मगर सूत्र बताते हैं की इन महिलाओं का नेटवर्क इतना तगड़ा है की पुलिस भी इनपर हाथ डालने से घबराती है, पहले इस तरह के कार्य रात के अँधेरे में होते थे मगर आज कल तो दिन में खुलेआम देह व्यापार का कार्य होता देखा जा सकता है

गफूर भट्टा हो बब्बरमगरा हो, वहाँ रात दिन वासना का खेल पैसे लेकर खेला जाता है, आस पड़ोस के लोगों का तो जीना ही मुहाल हो गया है. मगर पुलिस में शिकायत करने से भी घबराने वाले लोग दबी जुबां में कहते हैं कि यहाँ तो ऐसे लोगों को भी आते देखा है जो की काफी ऊंची पहुँच वाले है तो इन महिलाओं का हौसला इतना बुलंद है कि बेचारा पडोसी किसी मामले में फंस न जाय, इससे ये शिकायत करते भी घबरा जाता है.

यहाँ के युवाओं को भटकाती ये बाहर से आई देह व्यापार करने वाली महिलाएं उन्हें इस गर्त में धकेल रही है साथ ही साथ इनका नेटवर्क भी इतना बढ़ गया है कि जोधपुर और अहमदाबाद से लडकियां लाकर यहाँ सप्लाई की जाती है , और पर्यटन सीजन में तो ये लड़कियों को होटलों और बाहर बने रिसोर्ट में भी भेजती है जिससे बाहर से आने वाले पर्यटक को सीधे लडकियां सप्लाई की जाती है ,

गफूर भट्टे पर भी एक बाहर से आई महिला इस तरह का कारोबार करती है मज़े की बात तो ये है की वो जिस मकान में रहती है वो पूरा अतिक्रमण है. ना तो उसका कोई सर्वे हो रखा है और न ही कोई पट्टा है, मगर फिर भी वो महिला धड़ल्ले से वहाँ रह रही है और बेखोफ देहव्यापार का कारोबार चला रही है.

नगरपरिषद जहाँ एक और गरीबों के झोंपड़े तोड़ रहा है वहीँ, इस महिला के अतिक्रमण पर उसकी कोई नज़र भी नहीं जाती है और पुलिस तो यहाँ आये ही क्यों? क्योंकि यहाँ तो उसका कोई काम ही नहीं है, कहने वाले कहते हैं कि कई खाकी वर्दी वाले भी यहाँ रात को मंडराते दिखाई पड़ते हैं, मगर कोई कार्रवाई करने नहीं अपितु……! सुनने में तो ये भी आया था की एक बुजुर्ग को इस महिला ने काफी समय से ब्लैकमेल कर रखा था जो कि अभी इन दिनों यहाँ आया था और उसने बड़ी मुश्किल से इस महिला से पीछा छुड़ाया. क्योंकि इस महिला ने उससे काफी रकम भी ऐंठ रखी थी और काफी लम्बे समय से ब्लैकमेल भी कर रही थी बेचारे उस बुजुर्ग के लड़के ने यहाँ आकर उससे पीछा छुड़ाने के लिए जिन लोगों से मध्यस्थता करवाई वो भी सब लोगों को पता चल चुकी है कि कौन लोग थे. इन महिलाओं को आप जिला कलेक्ट्रेट में भी बिना हिचक घुमते देख सकते है.

गौरतलब है की जैसलमेर में बढ़ रहे अपराधों में इस तरह के देह व्यापार का भी बहुत अहम् हाथ है ये एक तरह की वो काली स्याही है जो धीरे धीरे समाज में एक बिमारी की तरह फ़ैल रही है अगर समय रहते इसे रोका ना गया तो इसका हश्र क्या होगा ये कोई नहीं जानता.

90 साल के शख्स ने नाबालिग से की शादी

90 साल के शख्स ने नाबालिग से की शादी
दुबई। सऊदी अरब के 90 साल के एक शख्स ने 15 साल की लड़की से निकाह किया है। अल अरेबिया के मुताबिक निकाह से नाराज लड़की ने खुद को कमरे में बंद कर दिया और दो दिन तक शौहर को बेडरूम में घुसने नहीं दिया।

बाद में लड़की अपने पिता के घर चली गई। उधर लड़की के शौहर का कहना है कि उसका निकाह कानूनी तौर पर वैध है। उसने निकाह के लिए लड़की के परिजनों को 17 हजार डॉलर दिए थे। उसने लड़की के घर वालों से कहा है कि या तो वे अपनी बेटी को उसके घर भेज दें नहीं तो उसके पैसे लौटाएं।

लड़की के पिता यमन मूल के हैं जबकि मां सऊदी अरब की है। मीडिया में खबर आने के बाद मानवाधिकार संगठन इस निकाह का विरोध कर रहे हैं। सोशन नेटवर्किग साइट्स पर भी लोग लड़की को इंसाफ दिलाने के लिए अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। उनका कहना है कि लालची माता-पिता ने पैसों की खातिर अपनी बेटी का सौदा कर दिया।

रेपिस्टों की पेशी,वकीलों का हंगामा

रेपिस्टों की पेशी,वकीलों का हंगामा

नई दिल्ली। दिल्ली गैंग रेप मामले की सुनवाई बंद कमरे में होगी। अदालती कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिग की जाएगी। मीडिया मामले की सुनवाई की रिर्पोटिंग नहीं कर पाएगा। साकेत कोर्ट ने पुलिस की अर्जी पर इसकी इजाजत दे दी। इससे पहले गैंग रेप के पांच आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। पेशी से पहले कोर्ट में उस वक्त हंगामा हो गया जब दो वकील आरोपियों का केस लड़ने के लिए तैयार हो गए।

अन्य वकीलों ने इसका जमकर विरोध किया। उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। गौरतलब है कि साकेत बार एसोसिएशन के सदस्यों ने फैसला किया था कि कोई भी वकील आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा। वकील एमएल शर्मा ने कहा कि आरोपियों का परिवार केस लड़ने की गुहार लेकर उनके पास आया था।

पुलिस ने कहा,गवाह की जरूरत नहीं

इस बीच पुलिस सूत्रों ने कहा है कि उसे सरकारी गवाह की जरूरत नहीं है क्योंकि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। आरोपियों को दोषी साबित करने के लिए उनके पास पर्याप्त फोरेंसिक सबूत हैं। अगर आरोपियों को दोषी करार दिया जाता है तो उन्हेे फांसी की सजा भी हो सकती है। गौरतलब है कि दो आरोपियों ने रविवार को साकेत कोर्ट में जज के सामने सरकारी गवाह बनने की इच्छा जताई थी।

आरोपी पवन गुप्ता और विनय शर्मा ने कानूनी मदद लेने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उन्हें सरकारी गवाह बनने दिया जाए। बाकी दो आरोपी राम सिंह और उसके भाई मुकेश ने अपनी पैरवी के लिए वकील की मांग की थी। इस केस में पुलिस ने चार्जशीट दायर कर दी हैए जिसके बाद कोर्ट ने छह में से पांच आरोपियों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया था।

बेटी, यह धर्म है पाप नहीं, कुंवारी कन्या बाप का मुंह देखती रह गई!



राजस्थानी धोरों के आगोश में हजारों प्रेम कहानियां खामोश छिटकीं पड़ी हैं। हवा के सर्द झोंके जब धोरों में सिहरन पैदा करते हैं तो फिजां में प्रेम आख्यान गूंजने लगते हैं। ऐसे ही प्रेम आख्यानों में से एक है जेठवा उजली की प्रेम कहानी, जब प्रेम में समर्पण की बात आती है लोगों की जुबां पर उजली का नाम होता हैं। राजस्थान के प्रसिद्ध साहित्यिक हस्तियों में से एक लक्ष्मीकुमारी चूड़ावत ने जेठवा उजली के प्रेम पर आधारित कहानी भी रची हैं। .जेठवा-उजली के उस अमर प्रेम की दास्तान..जहां समर्पण ही सबकुछ है...
बेटी, यह धर्म है पाप नहीं, कुंवारी कन्या बाप का मुंह देखती रह गई!
एक दिन बरड़े की पहाडिय़ों में जबर्दस्त आंधी, तूफान के साथ मूसलाधार बारिश हुई। बरसात ऐसी कि इस तलहटी में अपने पशु चराने आए चारणों के परिवारों के बच्चे सहम गये और अपनी मांओं की छातियों से चिपक गए। बूढ़ों को लगा जैसे आज ही काल आ गया। क्या औरत, क्या आदमी और क्या बच्चे सब ईश्‍वर से प्रार्थना करने लगे कि प्रभु अपनी इस प्रकोपी बरसात को वापस ले लो। एक कामचलाउ झोंपड़ी में अस्सी बरस का बूढ़ा अमरा चारण अपनी गुदड़ी में दुबका, ठिठुरता हुआ माला के मनके फर रहा था।
बेटी, यह धर्म है पाप नहीं, कुंवारी कन्या बाप का मुंह देखती रह गई!
आधी रात का वक्त इस भयानक बारिश में कब आ गया पता ही न चला। ऐसे ही वक्त अमरा को झोंपड़ी के बाहर घोड़े की टापों की आवाज सुनाई दी। थोड़ी देर में आवाज झोंपड़ी के बाहर आकर रूक गई। घोड़े की हिनहिनाहट सुनाई दी। बूढ़े अमरा ने अपनी जवान बेटी को आवाज दी, बेटी उजली! उठकर जरा बाहर तो देख, इस तूफानी रात में कौन आया है।ठण्ड में कांपती उजली ने गुदड़ी फेंकी और बाहर देखा तो एक घोड़ा खड़ा था। घुड़सवार घोड़े के पांवों के पास गठरी हुआ पड़ा था, बिल्कुल अचेत, पानी में तर बदन और आंखें बंद। उजली ने बापू को सारा दृश्‍य बताया तो बूढ़ा बाप बाहर आया और देखा कि नौजवान घुड़सवार की नाड़ी चल रही है। दोनों बाप-बेटी जैसे-तैसे नौजवान को झोंपड़ी के भीतर लाए।

बाप ने बेटी से कहा कि इस नौजवान को बचाना है तो इसका शरीर गर्म करना पड़ेगा, नहीं तो ठण्ड के मारे बदन अकड़ जाएगा। उजली ने बापू से कहा कि गुदडी़ तो एक ही है, बाकी सब बरसात में गीली हो गई हैं। पिता ने कहा कि चूल्हे में आग जला कर भी गर्मी पैदा की जा सकती है। उजली ने बताया कि थोड़ी-सी लकडिय़ां हैं।लेकिन वो भी गीली हैं। भयानक बारिश के बीच यह एक और भयानक संकट। 

घर आया अतिथि मर जाए तो भयानक पाप के भागी होंगे बाप-बेटी।पिता ने आखिरी उपाय सोचकर कहा, बेटी अगर यह मर गया तो नरक में भी जगह नहीं मिलेगी। घर आए मेहमान की जान बचाना हमारी जिम्मेदारी है। अब तो एक ही उपाय है कि अपने बदन की गर्मी से इसकी जान बचाई जाए। मेरे बूढ़े शरीर में तो गर्मी है नहीं, तू अपने बदन की गर्मी इसे देकर बचा सकती है। बेटी बाप का मुंह देखती रह गई। बाप ने कहा, इस बेहोश नौजवान के साथ भांवरें ले और ईश्‍वर को साक्षी मान कर कह कि आज से यही मेरा पति है। उजली ने पिता की बात मानी और परदेसी के साथ भांवर ले भगवान को प्रणाम कर अनजान परदेसी को पति स्वीकार किया और गुदड़ी में उसे लेकर सो गई।

उजली के बदन की गर्मी से नौजवान परदेसी की बेहोशी टूटी और फिर टूट गये सब बंधन। दो अनजान बदन एक ही रात में एक दूजे के हो गए। पोरबंदर का राजकुमार जेठवा गरीब अमरा चारण की उजली का संसार हो गया। सुबह बारिश थमने के बाद दोनों के बीच मिलन और धूमधाम से शादी के वायदे हुए। कुछ दिन उजली के साथ बिताकर जेठवा वापस चला गया।
उधर, उजली जेठवा की राह तकती रही। वह सुबह से लेकर शाम तक पोरबंदर की तरफ जाने वाली राह पर जेठवा के घोड़े की टापों की आवाज सुनने और जेठवा को देखने के लिए बैठी रहती। कभी उस राह कोई घुड़सवार आता तो उसकी आंखों में चमक आ जाती लेकिन जब वो पास आता तो जेठवा को ना पाकर फिर निराश हो जाती। रातों में वो चांद सितारों से जेठवा को लेकर बातें करतीं। लेकिन अब ना तो जेठवा को आना था और न ही वो आया।

उजली के दिल का दर्द काव्य की लड़ी में गुंथता जाता, उसकी जबान से दोहों और सोरठों की झड़ी लगने लगती। उसे सारा संसार ही जेठवामय दिखाई देता। पशु, पक्षी, ताल, तलैया, सारी प्रकृति में उसे जेठवा घुलामिला लगता। खेत में सारस का एक जोड़ा चुग रहा था। उजली रो पड़ी, संसार में प्रेम को निभाने वाला सारस का जोड़ा या फिर चकोर पक्षी। जेठवा, मुझे तो तीसरा कोई प्रेम निभाने वाला दिखाई नहीं देता।


आषाढ़ के बादल फिर आए और बरसने लगे। उजली के मन पर बरसात की बूंदें अंगारों की तरह पड़ने लगीं। विरही उजली के दिल में विरह के गीत गूंजने लगे। उजली ने अपने रचे सोरठे जेठवा के पास भेजे, जवाब में जेठवा ने कहला भेजा, ‘तू चारण की बेटी, मैं राजपूत, मेरे लिए तू बहन समान, भूल जा मुझे और कर ले किसी चारण से ब्याह।’ उजली ने जवाब में कहलवाया, ‘जिससे मन लग जाए वही प्रेम और पति होता है, जात-पांत का कोई भेद नहीं होता प्रेम में।’ लेकिन जेठवा का पत्थर दिल जरा भी नहीं पिघला। उसने उजली को कहला भेजा कि अगर तुझे जात-पांत की परवाह नहीं तो मुझसे भी बड़े राजा हैं, कर ले उनसे ब्याह।‘
उजली के तन-मन में आग लग गई। गुस्से से भरी उजली एक दिन निकल पड़ी पैदल ही पोरबंदर की राह। महल के बाहर भूखी-प्यासी पड़ी रही तीन दिन तक। तीसरे दिन जेठवा ने झरोखे से झांकते हुए कहा, ‘उजली तू किसी चारण के बेटे से शादी कर ले और मुझसे आधा राज ले ले।’ सुनकर उजली उठी, पास ही रत्नाकर सागर लहरा रहा था, उजली गई और सीधे सागर में कूद गई।

महाराष्ट्र : धुले में संघर्ष के दौरान पुलिस गोलीबारी में चार मरे, 176 घायल

मुम्बई: महाराष्ट्र के धुले में रविवार को दो समुदायों में संघर्ष के बाद भीड़ पर पुलिस की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई जबकि 176 अन्य घायल हो गए जिनमें अधिकतर पुलिसकर्मी हैं। घायलों में 63 स्थानीय लोग व 113 पुलिसकर्मी शामिल हैं।महाराष्ट्र : धुले में संघर्ष के दौरान पुलिस गोलीबारी में चार मरे, 176 घायल
एक होटल में छोटी-मोटी बात को लेकर हिंसा शुरू हो गई जो माचिबाजार और माधवपुरा इलाके में फैल गई।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार की रात बताया कि माधवपुरा इलाके में दो गुटों में हिंसक संघर्ष छिड़ जाने के बाद पुलिस ने गोलियां चलाई जिसमें 4 व्यक्तियों की जान चली गई।

अधिकारी के अनुसार हिंसा में 48 पुलिसकर्मी घायल हो गए। एक पुलिसकर्मी समेत दो व्यक्तियों की हालत गंभीर है।

अधिकारी ने कहा कि संघर्ष की वजह चार लोगों के समूह द्वारा होटल के बिल का भुगतान नहीं करना है। जब होटल के कर्मचारियों ने उन्हें पीट दिया तब वे चले गए और बड़ी संख्या में लोगों को लेकर आए। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण एवं गृहमंत्री आरआर पाटिल ने शांति की अपील की है।

85 वर्षीय वृद्ध ने खोली गड़बड़ी की पोल

85 वर्षीय वृद्ध ने खोली गड़बड़ी की पोल

नागौर। 85 वर्ष की उम्र है मेरी। अपनी लाठी के सहारे चलता हूं। मेरी आंखें भले ही मुझे धोखा देने लग गई, लेकिन जब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, मुझे चैन नहीं मिलने वाला। जयपुर तक जाकर आ गया हूं, मुख्यमंत्री से भी मिला, उनके आदेशों के बावजूद स्थानीय अधिकारी कार्रवाई नहीं करते। पूरे कुएं में भांग मिली हुई है। अब भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो मैं दिल्ली तक जाऊंगा। यह पीड़ा है फिड़ौद गांव के 85 वर्षीय कंवराराम की, जो पिछले दो-ढाई साल से जिला परिषद कार्यालय में अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।

ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं पेयजल स्वच्छता योजना के तहत भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए विकास कार्यो की मॉनिटरिंग के लिए दिल्ली से तीन अधिकारी 2 जनवरी को नागौर आए थे। रविवार को सर्किट हाउस में नेशनल लेवल मॉनिटर आरएन ओझा ग्रामीणों की शिकायतें सुन रहे थे।

इस दौरान वहां पहुंचे वृद्ध कंवराराम ने जब राजस्थानी में उनसे फिड़ौद ग्राम पंचायत में हुए गड़बड़झाले की शिकायत करनी चाही तो वे समझ नहीं पाए और जिला परिषद के सुरेश दाधीच को पूरा मामला बताने के लिए कहा। दाधीच ने जब पूरे मामले की जानकारी उन्हें दी तो उन्होंने लिखित में शिकायत मांगी, लेकिन कंवराराम अनपढ़ होने के साथ आंखों की रोशनी भी काफी हद तक खो चुके हैं।

अनपढ़ हैं लेकिन कार्य शिक्षित से बेहतर
दरअसल, कंवराराम अनपढ़ है और पूर्व सरपंच के कार्यकाल में कुछ कार्यो में किए गए गड़बड़झाले से काफी आहत हैं। अधिकारियों की मिलीभगत से जो भुगतान बिना काम के हुआ उसकी विभागीय जांच एवं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पिछले दो-ढाई साल से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। कंवराराम का कहना है कि पूर्व सरपंच द्वारा साढ़े तीन लाख का भुगतान सीसी सड़क के नाम पर उठाया गया, जबकि वहां इंटरलॉकिंग की हुई है।

विभागीय जांच में यह साबित भी हो चुका है, लेकिन न तो तत्कालीन सरपंच के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई और न ही उस राशि की वसूली हुई, जो सीसी सड़क के नाम पर जारी की गई थी। दूसरा मामला गांव के गंदे पानी को निकालने के लिए बनाए गए नाले का है। कंवराराम का कहना है कि नाले की ढाल उल्टी होने के कारण गंदा पानी बाहर जाने की बजाए वापस आता है। ऎसे कई मामलों के दस्तावेज अपने थैले में लिए घूमने वाले कंवराराम का जज्बा आज भी युवाओं से ज्यादा एवं बेहतर है।

जांच नहीं मॉनिटरिंग है : ओझा
ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से करवाए गए विकास कार्यो की मॉनिटरिंग करने नागौर पहंुचे के नेशनल लेवल मॉनिटर आरएन ओझा ने पत्रिका से विशेष बातचीत में बताया कि उन्होंने पिछले चार दिनों में लाडनूं, मकराना व कुचामन पंचायत समितियों का दौरा कर विकास कार्यो की मॉनिटरिंग की।

ओझा ने बताया कि इस दौरान उन्होंने योजना से लाभान्वित होने वाले लोगों से भी बात की तथा योजना लागू करने वाले अधिकारियों की कार्यशैली के बारे में भी जाना। ओझा ने बताया कि उनका काम सिर्फ मॉनिटरिंग करना है। मॉनिटरिंग की रिपोर्ट तैयार कर वे मंत्रालय को सौंपेंगे तथा उसकी एक कॉपी जिला कलक्टर को भी भेजी जाएगी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट या मॉनिटरिंग के बारे में फिलहाल कुछ भी बताने से असमर्थतता जताते हुए कहा कि ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों की शिकायतें एवं सुझाव उन्होंने अपनी रिपोर्ट में शामिल कर लिए हैं।

एक मामला ऐसा भी जहां रेप करने वाला हुआ आजाद, पीड़िता के लिए मांगी गई 'मौत'!

मुंबई। पिछले महीने देश की राजधानी दिल्ली में एक छात्रा के साथ हुए क्रूर बलात्कार ने सारे देश का ध्यान आकर्षित किया और यह घटना दुनियाभर में नाराजगी का कारण बनी।
एक मामला ऐसा भी जहां रेप करने वाला हुआ आजाद, पीड़िता के लिए मांगी गई 'मौत'! 
लेकिन, जहां दिल्ली में हुई घटना सुर्खियां बनीं वहीं, सुर्खियों में आने के बाद भी ऐसी ही कई घटनाएं मीडिया और लोगों की याददाश्त से गायब हो गईं।

एक ऐसे देश में जहां लगभग हर 21 मिनट पर किसी नारी की आबरू तार-तार की जाती है वहां, बलात्कार की कई ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं जो मानवता को शर्मिंदा कर देने वाली हैं।

पीड़िता और उनका परिवार आज भी उस जंग को लड़ तो रहा है लेकिन, बिलकुल अकेला और एकांत में। आइए, निगाह डालते हैं ऐसे ही कुछ दहला देने वाले रेप केस जिन्हें भुला दिया गया है...
एक मामला ऐसा भी जहां रेप करने वाला हुआ आजाद, पीड़िता के लिए मांगी गई 'मौत'!
केस 1: मुंबई में नर्स का काम करने वाली अरुणा शानबाग 27 नवम्बर 1973 को अपनी ड्यूटी पर आईं। उसे क्या पता था कि यहीं काम करने वाले एक क्लीनर सोहनलाल भरता वाल्मिकी की उसपर निगाह है। अकेले में पाते ही सोहनलाल ने अरुणा पर हमला कर दिया। उसके साथ बेहद अप्राकृतिक ढंग से बलात्कार किया। लेकिन उसकी हैवानियत यहीं ख़त्म नहीं हुई। सबूत मिटाने के लिए उसने अरुणा को जान से मारने का भी प्लान बना रखा था। उसने अरुणा के गले में लोहे की चेन बांधी और गला घोटने की कोशिश की। जब उसे लगा कि वो मर चुकी है तो छोड़ फरार हो गया। लेकिन अरुणा मरी नहीं। बेहद प्रताड़ित किये जाने की वजह से वह कोमा में चली गई। इस दौरान जांच में पुलिस को कुछ सुराग हाथ लगे और सोहनलाल गिरफ्तार कर लिया गया।

एक मामला ऐसा भी जहां रेप करने वाला हुआ आजाद, पीड़िता के लिए मांगी गई 'मौत'!एक मामला ऐसा भी जहां रेप करने वाला हुआ आजाद, पीड़िता के लिए मांगी गई 'मौत'!


अरुणा पुलिस को ये भी नहीं बता सकी कि उसके साथ किस कदर दरिंदगी के साथ एक घिनौने अपराध को अंजाम दिया गया। सोहनलाल पर लूटपाट और हत्या के प्रयास का केस चला और सात साल की छोटी सी सजा दी गई। लेकिन यहां से शुरू होती है इस भयंकर अपराध की सबसे डरा देने वाली सच्चाई।इस वारदात को हुए 39 साल बीत चुके हैं। अरुणा आज भी जिन्दा है लेकिन, न तो बोल सकती है न सुन सकती न ही हिल सकती है। पिछले 39 साल से वह अस्पताल में पड़ी हुई है। वह जिन्दा तो है लेकिन, एक लाश की तरह। वह अपनी बेहद प्राकृतिक क्रियाएं भी खुद नहीं कर सकती जबकि, उसे इस भयानक अंजाम पर पहुंचाने वाला दरिंदा आज भी इसी समाज में छुट्टा घूम रहा है। अगर सूत्रों की माने तो सोहनलाल अपना नाम बदल कर दिल्ली के एक अस्पताल में आज भी एक वार्डबॉय का काम कर रहा है। दरिंदा बाहर घूम रहा है जबकि, पीड़िता आज भी उसके गुनाहों की सजा भुगत रही है। ये भी पता नहीं कि कब तक उसकी सजा जारी रहेगी। पेशे से जर्नलिस्ट और लेखिका पिंकी विरानी, अरुणा की इस दास्तान पर किताब लिख रही हैं। उन्होंने काफी कोशिश की कि अरुणा के साथ हुए इस गुनाह की सजा सोहनलाल को दिला सकें, लेकिन वह असफल रहीं।
एक मामला ऐसा भी जहां रेप करने वाला हुआ आजाद, पीड़िता के लिए मांगी गई 'मौत'!
अरुणा की तकलीफ को देखते हुए पिंकी विरानी ने उनके लिए सुप्रीम कोर्ट में इच्छा मृत्यु की मांग की लेकिन, कोर्ट ने उसे अस्वीकार कर दिया। दरिंदगी की यह दास्तां यहीं ख़त्म नहीं होती बल्कि, बदस्तूर जारी है। इस श्रृंखला की अगली कड़ी में हम आपको बतायेंगे दिल्ली में घटी एक दर्दनाक घटना के बारे में।

आसाराम बापू ने दिल्‍ली गैंगरेप की शिकार को ही बताया दोषी !

नई दिल्‍ली। संत आसाराम बापू ने दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म मामले को दुखद बताया है। लेकिन वे इसके लिए पीडि़त छात्रा और दुष्कर्मियों दोनों को दोषी मानते हैं। आसाराम ने रविवार को कहा, ‘मैंने उस बेटी (पीडि़त छात्रा) के परिजनों को संदेश भिजवाया है कि वे खुद को अकेला न समझें। जो बेटी मरी है वह उनके घर में अकेली कमाने वाली थी। अब दिक्कतें आ सकती हैं। मुझे बेटा मान लें।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन सच यह भी है कि घटना के लिए वे शराबी पांच-छह लोग भर दोषी नहीं थे। ताली दोनों हाथों से बजती है। छात्रा किसी को भाई बनाती, पैर पड़ती और बचने की कोशिश करती।’ आसाराम ने कड़े कानून का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि कड़े कानून का दुरुपयोग भी हो सकता है। आसाराम बापू ने दिल्‍ली गैंगरेप की शिकार को ही बताया दोषी ! 

सरकारी गवाह बनना चाहते हैं दो आरोपी

गैंगरेप के बाद निर्दयता से पिटाई कर पैरामेडिकल छात्रा को मौत की नींद सुलाने वाले छह में से दो आरोपी अब सजा से बचने के लिए सरकारी गवाह बनना चाहते हैं। रविवार को साकेत कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ज्योति क्लेर के समक्ष पेश किए जाने के बाद पवन गुप्ता और विनय शर्मा नामक दो आरोपियों ने सरकारी गवाह बनने की इच्छा जाहिर की है। वहीं, इस मामले के दो अन्य आरोपियों राम सिंह और उसके भाई मुकेश ने अदालत के समक्ष बचाव के लिए सरकारी वकील की मदद देने की गुहार लगाई है। चारों आरोपियों की दलील सुनने के बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने चारों आरोपियों की न्यायिक हिरासत को 19 जनवरी तक बढ़ाते हुए 7 जनवरी को संबंधित कोर्ट के समक्ष पेश करने का आदेश दिया है।

राम सिंह और मुकेश की याचिका पर विचार करने के बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों के पास कोई वकील नहीं है। लिहाजा अपने बचाव के लिए आरोपी सरकारी वकील की मदद ले सकते हैं। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा कि आरोपी पवन और विनय सरकारी गवाह बनने के लिए संबंधित अदालत में उचित आवेदन दायर कर सकते हैं। इस मामले के पांचवे आरोपी अक्षय ठाकुर को सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा। वह नौ जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में है। मामले के छठे आरोपी के नाबालिग होने की वजह से मुकदमे की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड करेगा।

रविवार, 6 जनवरी 2013

photo ...बाड़मेर परीक्षार्थियों पर बिना आदेश लाठीचार्ज कर फंसे यातायात प्रभारी




बाड़मेर परीक्षार्थियों पर बिना आदेश लाठीचार्ज कर फंसे यातायात प्रभारी



बाड़मेर बाड़मेर में पुलिस भारती की परीक्षा में शामिल होने आये परीक्षार्थियों ने वापसी के समय रेलवे स्टेशन पर भरी हंगामा खडा कर दिया जिसके चलते यातायात प्रभारी उगमराज सोनी ने आपा खो दिया तथा पुपुलिस्कर्मियो को लाठीचार्ज के आदेश दे दिए .पुलिसकर्मी परीक्षार्थियों पर पिल पड़े ऐसे में रेलवे स्टेशन पर भगदड़मच गई ,परीक्षार्थी बदहवास होकर इधर उधर भागने लगे ,परीक्षार्थियों में महिलाए भी शामिल थी ,यातायात प्रभारी की इस हरकत से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र सिंह नाराज़ हो गए उन्होंने उगमराज को जबर लताड़ लगाई ,उन्होंने उगमराज को लताड़ पिलाते हुए कहा की कान्हा जरुरत थी लाठीचार्ज की .ये लड़के तुम्हारा क्या ले रहे थे .लाठीचार्ज से एक बारगी स्टेशन पर भगदड़ मच गई बाद में उसे नियंत्रित कर दिया .