बुधवार, 7 नवंबर 2012

750 करोड़ के लिए पटौदी फैमिली में जंग

750 करोड़ के लिए पटौदी फैमिली में जंग

नई दिल्ली। पटौदी के नए नवाब सैफ अली खान के नाम 750 करोड़ रूपए की पूर्वजों की प्रोपर्टी है। पटौदी महल और परिवार की अन्य प्रोपर्टी की कीमत 750 करोड़ आंकी गई है।

सूत्रों के मुताबिक दिवंगत मंसूर अली खान ज्यादातर शेयर अपने बेटे सैफ के नाम कर गए हैं। वसीयत में बेटी सोहा और सबा का भी नाम है। दोनों को भी लाभ मिलेगा। हालांकि इस प्रपोर्टी को लेकर पटौदी परिवार में झगड़ा भी शुरू हो गया है।

साल 2003 में पटौती की दो बहनों सलीहा और सबीहा ने प्रोपर्टी में अपना हिस्सा मांगा था। यह मामला अभी तक नहीं सुलझ पाया है। सूत्रों के मुताबिक सैफ की करानी से शादी के बाद पहला पटौदी परिवार मिल बैठकर विवाद को सुलझाने की कोशिश में लगा है। शर्मिला टैगोर अपने पति मंसूर अली खान पटौदी को रिप्रजेंट करेगी।

शर्मिला टैगोर जल्द से जल्द विवाद को सुलझाना चाहती है। उधर सैफ का कहना है कि प्रोपर्टी की जीतन कीमत आंकी गई है,उतनी नहीं है। वह नहीं जानते कि असल में प्रोपर्टी की कीमत कितनी है लेकिन इतना जरूर पता है कि इसकी कीमत बहुत ज्यादा है।

सेना में अंदरूनी घुसपैठ की फिराक में आईएसआई

नौशाद के खुलासे के बाद सेना के शीर्ष अधिकारी सकते में
जोधपुर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारतीय थलसेना में सेंध लगाने की फिराक में है। इसके लिए पढ़े-लिखे युवकों को अपने जाल में फांस कर भारतीय थलसेना में भर्ती होने के लिए तैयार कर रही हैं, जिससे उसे सेना के अंदर की सटीक सूचनाएं मिल सके। हाल में जोधपुर से पकड़े गए नौशाद अली ने गुजरात क्राइम ब्रांच की हिरासत में सेना से जुड़ी शीर्ष खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में यह रहस्योद्घाटन किया है। वह कराची जाने के बाद ही आईएसआई का एजेंट बना था और वहीं उसे थलसेना में भर्ती होने के लिए तैयार किया गया था। इसके बाद ही उसने जोधपुर में साइबर कैफे खोला था। उसने यह भी खुलासा किया है कि आईएसआई ने ऐसे और भी एजेंटों को सेना में भर्ती होने के लिए तैयार किया है। आईएसआई के इस नए पैंतरे के बाद सेना का शीर्ष नेतृत्व सकते में है।

थलसेना में भर्ती होना चाहता था नौशाद : नौशाद ने भारतीय थल सेना में भर्ती होने का प्रयास किया था। आईएसआई ने उसे सेना में भर्ती होकर अंदरूनी सूचनाएं पहुंचाने का जिम्मा सौंपा था। इसके लिए गत वर्ष वह रातानाडा स्थित सेना भर्ती कार्यालय भी गया था और भर्ती रैली की जानकारी ली थी। सेना में भर्ती होने के लिए वह दौड़ व अन्य तैयारी कर रहा था। इसके लिए उसने प्रशिक्षण भी लिया था। गुजरात में पकड़े गए मोहम्मद अयूब, इदरीश और सिराजुद्दीन आदि के मुकाबले नौशाद ज्यादा शिक्षित है। उसके स्नातक होने के कारण कराची में स्थित आईएसआई के अफसर ताहिर खान ने ही उसे थलसेना में भर्ती होने को कहा था।

पार्टी ने दी क्लीन चिट,बच गई कुर्सी

पार्टी ने दी क्लीन चिट,बच गई कुर्सी

नई दिल्ली। वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के मद्देनजर पार्टी के भीतर से सतह पर उठ रही आवाजों को नजरअंदाज करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कहा कि वह अपने अध्यक्ष नितिन गडकरी के साथ खड़ी है और उसे उनपर पूरा भरोसा है। पार्टी ने साथ ही अपने नेताओं को हिदायत दी कि वे इस मसले पर सार्वजनिक चर्चा ना करें। पार्टी ने गडकरी पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने न तो कानूनी तौर पर और न ही नैतिक आधार पर कुछ गलत किया है।

गडकरी पर लगे आरोपों और जाने-माने अधिवक्ता राम जेठमलानी की ओर से उठाए गए मुद्दों पर भाजपा नेताओं की दिन भर चली आपसी मुलाकातों के दौर के बाद शाम को मुख्यालय में पार्टी के शीर्ष नेताओं की एक बैठक हुई। पार्टी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी इस बैठक से दूर रहे।

बैठक के बाद प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने एक संयुक्त बयान जारी किया है। इसके मुताबिक पूर्ति समूह की जिन 18 कम्पनियों को लेकर गडकरी पर सवाल उठाए गए हैं, उनमें गडकरी ने कानूनी या नैतिक रूप से कुछ भी गलत नहीं किया है। पार्टी को गडकरी पर पूरा भरोसा है। उन्होंने खुद आगे आकर जांच की बात कही है।

पार्टी गडकरी के तर्कों से सहमत

भाजपा नेताओं की इस बैठक में एस. गुरूमूर्ति विशेष रूप से उपस्थित थे। बैठक के दौरान उन्होंने गडकरी पर लगे आरोपों से सभी भाजपा नेताओं को अवगत कराया। प्रसाद ने कहा कि गुरूमूर्ति एक जाने माने चार्टर्ड अकाउंटेट और वित्तीय विश्लेषक हैं। वह गडकरी पर लगे आरोपों को कानूनी रूप से देख रहे हैं। गडकरी की अनुपस्थिति में उन्होंने पूरे मामले से भाजपा नेताओं को अवगत कराया। पार्टी उनके तर्को से सहमत हुई। प्रसाद के मुताबिक गुरूमूर्ति इस बारे में सुबह ही वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को अवगत करा चुके थे इसलिए वह शाम की बैठक में उपस्थिति नहीं हुए जबकि मामला गडकरी से जुड़ा था, इसलिए वह जानबूझकर इस बैठक से दूर रहे।

उड़ती रही इस्तीफे की खबरें

इससे पहले दिन भर इस प्रकार की खबरें उड़ती रही कि गडकरी किसी भी वक्त इस्तीफा दे सकते हैं। इन खबरों को जाने-माने अधिवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी के बगावती तेवरों ने बल दिया जिसमें उन्होंने सीधे गडकरी के इस्तीफे की मांग की थी। गडकरी के खिलाफ खुले तौर पर बगावत का झंडा बुलंद करते हुए जेठमलानी ने दावा किया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह और शत्रुघ्न सिन्हा भी उनके साथ हैं। जेठमलानी के मुताबिक ये सभी चाहते हैं कि गडकरी अपना पद छोड़ दें।

जेठमलानी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि वे भी वैसा ही कदम उठाएंगे। हम एकमत हैं और मुझे इसमें कोई संशय नहीं है। उन्होंने अपने विचार सार्वजनिक नहीं किए हैं, मैं उम्मीद करता हूं कि वे जल्द ही अपने विचार प्रकट करेंगे। जेठमलानी ने इस सिलसिले में आडवाणी को पत्र भी लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा है कि गडकरी का अध्यक्ष पद पर बने रहना भाजपा और देश के लिए एक त्रासदी है।

जेठमलानी ने अपने पत्र में कहा कि गडकरी को तुरंत इस्तीफा देने के लिए कहा जाना चाहिए और यदि पार्टी संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने तक इंतजार करती है तो यह देश के साथ विश्वासघात होगा। उन्होंने कहा कि लोगों को संदेह होने लगा है कि भाजपा के प्रमुख नेता भ्रष्ट सत्ताधारियों से मिले हुए हैं।

जानेमाने अधिवक्ता ने संवाददाताओं से कहा कि इसके अलावा, लोकसेवकों के इस्तीफे का दर्शन सरकारी कर्मचारियों के जीवन से मेल खाता है। यदि किसी लोकसेवक के खिलाफ कोई जांच चल रही होती है तो आमतौर पर उसे निलंबित कर दिया जाता है और दोषमुक्त हो जाने पर इज्जत के साथ उसे बुला लिया जाता है, गडकरी के साथ ठीक ऎसा ही होना चाहिए।

दिनभर मेल मुलाकात का दौर

इसके कुछ घंटों बाद ही भाजपा में बैठकों और मिलने जुलने का दौर शुरू हो गया। गडकरी ने लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली से अलग-अलग मुलाकात की। उधर कुछ नेताओं ने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी मुलाकात की। इस बीच, गुरूमूर्ति यशवंत सिन्हा और जसवंत सिंह से भी मिले। गुरूमर्ति ने आडवाणी से उनके आवास पर भी मुलाकात की।

इन मेल-मुलाकातों के बीच, सुषमा स्वराज ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर लिखा, "इस तरह की मीडिया रिपोर्ट बिल्कुल गलत है कि मैं नितिन गडकरी का समर्थन नहीं कर रही हूं। मैंने हमेशा उनका समर्थन किया है और मैं एक बार फिर उनके प्रति अपना समर्थन जाहिर करती हूं।"

विवेकानंद पर टिप्पणी,मांगी माफी

गडकरी की एक कम्पनी पर हाल ही में वित्तीय गड़बड़झाला का आरोप लगा है। उनके खिलाफ जांच चल ही रही है, इस बीच रविवार को बुद्धिमत्ता के स्तर पर स्वामी विवेकानंद और भगोड़ा अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की तुलना कर वह एक नए विवाद में फंस गए। विवेकानंद पर की गई टिप्पणी पर खेद जताते हुए गडकरी ने एक बयान में कहा, "मैं दोहराना चाहता हूं कि मैंने कभी भी स्वामी विवेकानंद की तुलना किसी से नहीं की। स्वामी विवेकानंद को उनकी छवि से किसी भी रूप में कमतर दिखाने का मेरा कोई इरादा नहीं था। यदि स्वामी विवेकानंद के सम्बंध में मेरे शब्दों से किसी भी रूप में लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करता हूं।"

मनाने के बाद भी नहीं आए आडवाणी

माना जा रहा है कि आडवाणी गडकरी को अध्यक्ष पद पर दूसरी पारी देने के इच्छुक नहीं थे। उन्हें भनक लग गई थी कि बैठक में गडकरी के समर्थन में प्रस्ताव आएगा। इसलिए वे बैठक में नहीं गए। सुषमा से लेकर गुरूमूर्ति तक उन्हें मनाने गए। करीबियों की मानें तो आडवाणी भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति मानते हैं।

कुएं में गिरने से वृद्धा सहित दो की मौत

कुएं में गिरने से वृद्धा सहित दो की मौत 

जालोर तखतगढ़। थाना क्षेत्र के बसंत गांव में मंगलवार शाम विद्युत मोटर उतारते समय कुएं में गिरने से वृद्धा की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि चैन पुल्ली से विद्युत मोटर बाहर निकालते समय बसंत निवासी सायरकंवर रस्सी में उलझकर कुएं में गिर गई। डूबने से उसकी मौत हो गई। पुलिस ने देर शाम शव निकालकर तखतगढ़ स्वास्थ्य केन्द्र की मोर्चरी में रखवाया। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा। 

इसी तरह रायपुर मारवाड़। थाना क्षेत्र के आसन जिलेलाव गांव में मंगलवार को कुएं में डूबने से एक युवती की मौत हो गई। पुलिस ने करीब सात घंटे की मशक्कत के बाद शव कुएं से बाहर निकाला। थानाधिकारी यशवन्त सिंह यादव ने बताया कि आसन जिलेलाव निवासी अणदू रावल की पुत्री उसके साथ कृषि कुएं पर कार्य कर रही थी।

इस दौरान पैर फिसलने से वह कुएं में गिर गई। पानी ज्यादा होने के चलते डूबने से उसकी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शव बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस पर दोपहर में कुएं पर मोटर लगाकर कुआं खाली किया गया उसके बाद शव बाहर निकाला जा सका।

महिला थाना प्रभारी व उनकी पुत्री को डेंगू

महिला थाना प्रभारी व उनकी पुत्री को डेंगू


जालोर जिला मुख्यालय पर डेंगू के दो और रोगियों की पुष्टि हुई है। जानकारी के अनुसार महिला थाना प्रभारी अनिता रानी व उनकी तीन वर्षीय बेटी में जांच के दौरान डेंगू की पुष्टि हुई। जिसके बाद उनका डॉ. हेमंत जैन की देखरेख में उपचार चल रहा है।

जिला मुख्यालय पर डेंगू का यह तीसरा रोगी मिला है। इससे पहले शहर की रामदेव कॉलोनी में डेंगू का रोगी मिला था। वहीं जिले में अब तक डेंगू के रोगियों का आंकड़ा 33 के पार पहुंच गया है। गौरतलब है कि जिला अस्पताल से कुछ ही दूरी पर एसडीएम के निवास के पास ही सरकारी क्वार्टर बने हुए हैं, जहां महिला थाना प्रभारी का निवास है। डेंगू की पुष्टि के बाद विभागीय टीम मौके पर पहुंची और मरीज के परिजनों समेत आस पास रहने वालों की ब्लड स्लाइड्स ली गई। साथ ही स्प्रे और नालों में छिड़काव किया गया।

भीनमालत्न शहर के एक निजी अस्पताल में एक ही परिवार के दो सदस्य डेंगू से ग्रसित पाए गए हैं। जानकारी के अनुसार धोराढ़ाल निवासी शैतानसिंह (14) व गजेंद्रसिंह (19) पुत्र भवसिंह राजपूत को बुखार आने पर एक निजी अस्पताल में रक्त की जांच करवाने पर डेंगू पॉजिटिव होना पाया गया। जिन्हें उच्च इलाज के लिए रेफर किया गया।

सायलात्न शहर में में डेंगू का एक मामला सामने आया है। मरीज को डेंगू की पुष्टि होने के बाद चिकित्सक ने उसे इलाज के लिए आगे रेफर कर दिया। जानकारी के अनुसार सायला निवासी बारह वर्षीय नीतेश कुमार पुत्र वागमल पुरोहित को पिछले दो तीन दिनों से बुखार आ रहा था। जिस पर परिजन मंगलवार को उसे यहां के सूरज अस्पताल में इलाज के लिए लेकर आए। इधर, डेंगू होने के संदेह पर जांच की गई तो बालक को डेंगू होने की पुष्टि हुई। इस पर चिकित्सक ने उसे आगे रेफर कर दिया।

चलते ऑटो से बीच सड़क गिरा स्कूली बच्चा,



चलते ऑटो से बीच सड़क गिरा स्कूली बच्चा, 

ड्राइवर को पता ही नहीं चला

शहर के एक प्राइवेट स्कूल में अध्ययनरत 6 वर्षीय छात्र ऑटो रिक्शा से गिरने के कारण हुआ घायल, काफी दूर तक जाने के बाद लोगों ने रुकवाया चालक को, ओवरलोड था ऑटो, ड्राइवर को सुनाई खरी खोटी

जालोर शहर के कलेक्ट्रेट के सामने मुख्य मार्ग पर मंगलवार को एक स्कूली बच्चा चलते ऑटो रिक्शा से बीच सड़क पर गिर गया। जिससे उसके पैर और सिर पर चोटें आई हैं। हालांकि प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया। ऑटो रिक्शा से गिरे इस स्कूली बच्चे के बारे में वाहनचालक को पता तक नहीं चला। ऐसे में मार्ग से गुजर रहे कुछ लोगों ने बच्चे को उठाया और काफी दूर तक जाने के बाद ऑटो रिक्शा चालक को रुकवाकर उसे खूब खरी खोटी सुनाई। जानकारी के अनुसार शहर के गांधी चौक निवासी मानस (6) पुत्र हेमंत श्रीमाली सेंट पॉल स्कूल की तीसरी कक्षा में पढ़ता है। स्कूल से छुट्टी के बाद ऑटो रिक्शा में घर आ रहा था। इस दौरान कलेक्ट्रेट के सामने वह ऑटो से गिर गया, जिसे लोगों ने राजकीय अस्पताल पहुंचाया। वहीं ऑटो चालक को लोगों ने कुछ ही दूरी पर रुकवाकर लताड़ लगाई।


स्कूल संचालकों के पास नहीं है बसें

देखा जाए तो जिला मुख्यालय ही नहीं, बल्कि जिले भर में संचालित होने वाली कई प्राइवेट स्कूलों में बालवाहिनी या बच्चों के सुरक्षित परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में स्कूल में पढऩे वाले सैकड़ों बच्चे रोजाना ऑटो रिक्शा में असुरक्षित रूप से स्कूल से घर और घर से स्कूल जाते हैं। गौरतलब है कि स्कूली बच्चों के सुरक्षित परिवहन को लेकर परिवहन विभाग की ओर से बाल वाहिनी योजना शुरू की गई थी, लेकिन इस योजना को शुरू हुए पांच साल बीतने के बावजूद स्कूल संचालकों के पास बालवाहिनी की कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं इस संबंध में परिवहन कार्यालय में अब तक जिले भर के साठ से सत्तर प्राइवेट स्कूलों में बालवाहिनी का पंजीकरण हो रखा है।

आप भी बरतें सावधानी

हालांकि यह हादसा यहीं तक टल गया, लेकिन इससे सभी को सबक मिलता है कि बच्चों को टैक्सी के जरिए स्कूल भेजते समय सावधानी जरूर बरती जाए। आपने यदि किसी ऑटो टैक्सी को हायर किया है तो यह ध्यान अवश्य रखें कि कहीं टैक्सी चालक नियमों को तोड़कर टैक्सी में अधिक बच्चे तो नहीं बैठा रहा है। साथ ही वह बच्चों को किस प्रकार से बैठाता है। इसका भी ध्यान रखें। अधिकांश टैक्सी वाले वाहन के चारों ओर बस्ते लटका देते हैं और ड्राइवर सीट से लेकर पीछे तक छोटे से टैंपो में 10 से 15 बच्चे बैठा लेते हैं जो गलत है। यदि आपका बच्चा भी ऐसी ही स्थिति में स्कूल आता जाता है तो सावधानी बरतें। टैक्सी चालक को मना करें कि वह आवश्यकता से अधिक बच्चों को ना बैठाएं।

अभिभावकों में नहीं है जागरूकता

देखा जाए तो शहर की विभिन्न प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को अभिभावक खुद ऑटो रिक्शा में ही स्कूल भेजते हैं। उनकी ओर से यह भी तय नहीं किया जाता है कि ऑटो रिक्शा चालक और वाहन की स्थिति क्या है और सुरक्षित परिवहन को लेकर वह वाहन सही है भी या नहीं। ऐसे में खुद अभिभावक अगर बालवाहिनी में बच्चों को स्कूल में भेजें तो इस प्रकार के हादसों पर अंकुश लग सकता है।

बच्चे को चोट आने पर ले गए सरकारी अस्पताल, उपचार के बाद दी छुट्टी

निजी स्कूलों में लगे ऑटो चालक बरत रहे लापरवाही, जोखिम में डाल रहे स्कूली बच्चों की जान

पांच साल पहले जारी हुए थे बाल वाहिनी चलाने के आदेश, अभी भी जिले भर की कई प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे जाते हैं ऑटो रिक्शा में

परिवहन विभाग ने कहा सभी स्कूलों के संचालकों को जारी किया था पत्र, इसके बावजूद बालवाहिनी के बजाय ऑटो रिक्शा का हो रहा संचालन
पुलिस और परिवहन विभाग है जिम्मेदार

सरकार की ओर से 21 जुलाई 1998 को बालवाहिनी योजना लागू की गई थी। जिसके तहत बच्चों के सुरक्षित परिवहन को लेकर संचालक को अनुबंधित बस, मिनी बस, टैक्सी, मैक्सी व ऑटो रिक्शा वाहनों की सूची, उनके पंजीयन नंबर, विद्यालय का पूरा नाम पता व चालक का विवरण जिसमें चालक का लाइसेंस पांच वर्ष पुराना होना चाहिए की सूचना परिवहन अधिकारी के समक्ष पेश करने का नियम था। ऐसा नहीं करने पर दुर्घटना के दौरान विद्यालय प्रशासन को इसका जिम्मेदार ठहराया जाएगा। साथ ही परिवहन और पुलिस विभाग की ओर से वाहन जब्त कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

सख्ती से की जाएगी कार्रवाई

॥इस प्रकार की घटना होना वाकई में चिंताजनक है। यह गंभीर मामला है। भविष्य में ऐसी घटनाएं वापस न हो इसके पूरे प्रयास किए जाएंगे, लेकिन इसके साथ ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों में भी जागरूकता जरूरी है। उन्हें चाहिए कि वे थोड़े से पैसों के लालच में इस प्रकार के ऑटो रिक्शा हायर न करें जो जरूरत से ज्यादा बच्चों को बिठाते हों। घटना की रोकथाम के लिए हम ऑटो रिक्शा चालकों से भी बातचीत करेंगे। दीपक कुमार, एसपी एवं अध्यक्ष बाल वाहिनी समिति

ऐसी होनी चाहिए बाल वाहिनी

विद्यालयों में संचालित बाल वाहिनी का रंग पीला होना चाहिए और इस पर आसमानी रंग की पट्टी होनी भी जरूरी है। साथ ही वाहन पर बालवाहिनी भी लिखना होगा। इस गाड़ी के शीशों और खिड़कियों पर ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे कोई छात्र वाहन से अपना शरीर का कोई अंग बाहर न निकाल पाए। इस वाहन में स्पीड गवर्नर मशीन भी लगी होनी चाहिए, जिससे इसकी स्पीड कंट्रोल हो सके, जिससे निर्धारित गति से ही यह वाहन चल पाए।

मंगलवार, 6 नवंबर 2012

कार्यकर्ताओं से मिले मानवेन्‍द्र


कार्यकर्ताओं से मिले मानवेन्‍द्र

बाड़मेर। पूर्व सांसद मानवेन्‍द्र सिंह ने मंगलवार को स्‍थानीय सर्किट हाउस में जिले भर से भाजपा के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। मानवेन्‍द्र से मुलाकात करने वालो में शिव के पूर्व विधायक जालमसिंह रावलोत, एडवोकेट रूपसिंह राठौड़, चौहटन से भाजपा नेता तरूणराय कागा, भाजपा नेता मूलाराम, ब्रदी शारदा सहित दर्जनों लोग शामिल थे।

कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान पूर्व सांसद ने जिले में पार्टी की मौजुदा स्थिति के बारे में फीडबैक लेने के साथ कार्यकर्ताओं को आगामी चुनावों के मदेनजर अभी से तैयार रहने की बात कही। मानवेन्‍द्र ने कहा कि राज्‍य में कांग्रेस की मौजुदा सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने में पूरी तरह से विफल रही है। उन्‍होनें कहा कि राज्‍य में पार्टी के पक्ष में पूरा माहौल बना हुआ है और लोग भाजपा से उम्‍मीद लगाए बैठै है। पूर्व सांसद ने कहा कि कांग्रेस सरकार की विफलताओं को जनता के बीच ले जाएं।

इस मौके पर उपस्थिति कार्यकर्ताओं ने भी पूर्व सांसद के सुझावों पर सहमति व्‍यक्‍त करते हुए क्षेत्र में पार्टी को और अधिक मजबूत करने में पूरजोर सहयोग करने की बात कही।

सौदे से पहले पकड़े गए हथियारों के सौदागर


सौदे से पहले पकड़े गए हथियारों के सौदागर





भीलवाड़ा। हथियार बेचने मध्यप्रदेश से आए दो युवकों को स्थानीय एक युवक सहित भीमगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनसे दो पिस्टल व आठ जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। तीनों आरोपी सौदे से पहले हथियारों की परख करते समय पुलिस के हत्थे चढ़ गए।


एसपी डॉ. नितिनदीप बल्लगन ने बताया कि भीमगंज थाना प्रभारी नेमीचंद चौधरी सोमवार शाम तिलकनगर आउटर में गश्त कर रहे थे। सिद्धि विनायक अस्पताल के पीछे सुनसान जगह पर मौजूद तीन युवक पुलिस को देख झाडिय़ों में छिपने का प्रयास करने लगे। पुलिस ने तीनों को पकड़ा और पूछताछ की। युवकों ने खुद को मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के गांव दोरार निवासी सुगर सिंह उर्फ अमन पाल पुत्र गोपीराम, राममोहन पाल पुत्र सवाईलाल पाल तथा भीलवाड़ा के भवानी नगर निवासी हरीश पुत्र छगन भरावा बताया। संदेह के आधार पर पुलिस ने इनकी तलाशी ली।


सुगर सिंह व राम मोहन के पास एक-एक पिस्टल व तीन-तीन कारतूस, जबकि हरीश के पास दो जिंदा कारतूस मिले। पुलिस ने हथियार बरामद कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। ग्वालियर के युवकों ने पुलिस को बताया कि वे हरीश के मार्फत हथियार बेचने के लिए यहां आए थे। हरीश भीमगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ पहले भी हथियारों की खरीद-फरोख्त व वाहन चोरी के मामले दर्ज हैं। उल्लेखनीय है कि भीमगंज पुलिस ने ही 16 जुलाई को पांच लोगों को गिरफ्तार कर चार हथियार बरामद किए थे।
लोडेड थी पिस्टल: भीमगंज थाना प्रभारी का कहना है कि पुलिस ने जब पिस्टल बरामद कर चेक की तो इनमें तीन-तीन कारतूस लोड थे। ये, दोनों फायर कर हरीश को हथियारों की परख कराने की फिराक में थे तभी पुलिस वहां पहुंच गई।

उदयपुर जेल में हुई पहचान: हरीश वाहन चोरी के मामले में करीब एक-डेढ़ साल पहले उदयपुर जेल में बंद था। इस दौरान मध्यप्रदेश के भी कुछ युवक जेल में थे। इन युवकों से मिलने के लिए सुगर सिंह व राम मोहन वहां आते थे। जेल में बंद युवकों के मार्फत इन दोनों से हरीश की पहचान हो गई। इनके बीच धंधे की बात भी हुई। हरीश ने इनसे बेचने के लिए हथियार मंगवाए थे।

25-25 हजार में बेचनी थी पिस्टल: आरोपियों ने पूछताछ में कबूला कि उन्होंने ये दोनों पिस्टल मध्यप्रदेश में विजय सिंह नाम के एक व्यक्ति से 15-15 हजार रुपए में खरीदी थी। वे ये दोनों पिस्टल 25-25 हजार रुपए में यहां बेचने वाले थे। सौदे के बाद मिलने वाली राशि में से हरीश को कमीशन देना था।

जैसलमेर थानाधिकारी फलसुण्ड तीन जने निलम्बित

थानाधिकारी फलसुण्ड तीन जने निलम्बित

जैसलमेर जैसलमेर पुलिस अधीक्षक ममता राहुल ने फलसुंड थानाधिकारी सहित तीन जनों को आज निलंबित कर दिया ,निलंबन के दौरान तीनो का मुख्यालय पुलिस लाइन जैसलमेर किया गया हें ,पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता राहुल को सुचना मिली की 420 भादस के मामले में एक व्यक्ति को पुलिस थाना फलसुण्ड में पुछताछ हेतु लाये जाने की सुचना पर पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता राहुल के निर्देशानुसार वृताधिकारी वृत पोकरण कल्याणमल बंजारा द्वारा पुलिस थाना फलसुण्ड को अचानक चैक करने पर सुचना की पुष्टी होने पर थानाधिकारी पुलिस थाना फलसुण्ड कमलिंकशोर उनि, हैड कानि0 बांकसिंह एवं कानि0 वीरसिंह को तुरंत प्रभाव से निलम्बित कर तीनो का मुख्यालय पुलिस लाईन जैसलमेर रखा गया।

हजारिका से 'लव अफेयर' के दावों पर कोर्ट जाएंगी लता मंगेशकर

सिंगर और कंपोजर भूपेन हजारिका से लव अफेयर की खबरें आने के बाद लता मंगेशकर ने अदालत का दरवाजा खटखटाने का मन बनाया है। दरअसल भूपेन हजारिका की पहली बरसी पर एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में उनकी पत्नी प्रियंवदा ने कहा था कि लता मंगेशकर के हजारिका के साथ संबंध थे।
हजारिका से \'लव अफेयर\' के दावों पर कोर्ट जाएंगी लता मंगेशकर 


प्रियंवदा के इन आरोपों के बाद से ही लता मंगेशकर बेहद खफा हैं। यही नहीं भूपेन हजारिका के साथ ४० साल तक रहीं फिल्म निर्माता कल्पना लाजिमी भी प्रियंवदा के इस बयान से गुस्से में हैं। उन्होंने भी कोर्ट जाने की बात कही है।


असम के एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में प्रियंवदा ने कहा था कि भूपेन हजारिका का साथ छोड़ने का एक कारण लता मंगेशकर से उनके प्रेम संबंध थे। प्रियंवदा करीब 50 साल पहले भूपेन हजारिका से अलग हो गईं थी। प्रियंवदा ने कहा कि लता जब कोलकाता आईं थी तब उनके ही तीन बेडरूम के मकान में ठहरी थी। पुराने वक्त को याद करते हुए प्रियंवदा ने कहा, 'मेरे पति ने मुझसे कहा था कि भारत में संगीतकार को तरक्की करने के लिए लता से गाने गवाना जरूरी है। और वो लता के साथ एक ही कमरे में सोते थे।'


आजकल कनाडा के ओटावा में रह रही प्रियंवदा के आरोपों से स्तब्ध लता मंगेशकर ने मानहानि का मुकदमा करने की बात कही है। उन्होंने कहा, 'मैं इस महिला से सिर्फ एक ही बार मिली हूं, मैं नहीं जानती उसने यह सब बातें क्यों कहीं हैं लेकिन मैं निश्चित तौर पर उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने जा रही हूं।'



गौरतलब है कि भूपेन हजारिका ने अपनी आत्मकथा 'मोई एती जाजाबर' में अपनी जिंदगी में एक बड़ी महिला कलाकार के होने का जिक्र किया था। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा कि कोलकाता एयरपोर्ट पर एक बड़ी कलाकार को देखकर मेरी पत्नी प्रियंवदा रोने लगी थी।

PICS: श्वेता किन्नर है रिवॉल्वर के लिए क्रेजी, छूटते हैं लोगों के पसीने

PICS: श्वेता किन्नर है रिवॉल्वर के लिए क्रेजी, छूटते हैं लोगों के पसीनेPICS: श्वेता किन्नर है रिवॉल्वर के लिए क्रेजी, छूटते हैं लोगों के पसीनेPICS: श्वेता किन्नर है रिवॉल्वर के लिए क्रेजी, छूटते हैं लोगों के पसीनेPICS: श्वेता किन्नर है रिवॉल्वर के लिए क्रेजी, छूटते हैं लोगों के पसीने


मऊ. आपने बहुत से मर्दो को हवा में हथियार लहराते हुए देखा होगा, हवा में हथियार लहराकर गोलियो चला कर अपनी मर्दानगी का नमूना पेश करते हैं। शहर में मर्द नहीं, औरत भी नहीं, श्वेता किन्नर की कुछ ऐसी धाक है कि उसको देखकर हेकड़ीदार मर्दों के भी पसीने छूट जाते हैं। श्वेता का शौक असलहों से खेलना है, उसकी समाजसेवा के लिए उसे मऊ में लगभग सारी महिलाएं जानती हैं।

श्वेता की खाशियत ये है की वो स्त्री शक्ित के लिए आवाज उठाने के लिए हर पल तैयार रहती है। श्वेता के पास दो-दो लाइसेंसी असलहे हैं। जिसकों उसने ऐसे मर्दों को सबक सिखाने के लिए रखा है जो समाज में बंदूक के सहारे दहशत पैदा करते हैं।
 यही नहीं श्वेता लोगों के घर जब नाच गाने के लिए पहुंचती है तो वो ठुमके भी रिवाल्वर लेकर ही लगाती है। श्वेता की मानें तो सबसे ज्यादा अपराध महिलाओं के साथ हो रहे हैं। कई बार असलहों के दम पर मर्द महिलाओं से बदतमीजी करते हैं। उन्हें अगर कहीं से यह बात पता चलती है तो वह अपना रिवाल्वर लेकर मदद को निकल पड़ती हैं। श्वेता का कहना है की कई बार ऐसे दबंग मिल जाते हैं, जिनके पास कई असलहे होते हैं। उनके लिए मेरे दो ही असलहे काफी हैं, जिसकों देखकर दबंगों को पसीने आने लगते हैं। श्वेता बताती है कि वह ग्रेजुएट हैं और बलिया से प्रधानमंत्री स्व.चन्द्रशेखर के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुकी हैं। स्व.चन्द्रशेखर के खिलाफ चुनाव लड़ने के बाद श्वेता की पहचान पूर्वांचल में बन गई थी। श्वेता रिवाल्वर साड़ी के पल्लू में लगा कर नाचती और गाती हैं। एडवोकेट गोपाल निषाद बताते हैं कि वह साड़ी पर रिवाल्वर लगा कर मर्दों की तरह मर्दानगी दिखाते हुए चलती हैं तो हथियारधारी मर्द अपने हथियार को छिपा लेते हैं। बुजुर्ग महिला सरोज केसरवानी बताती है कि हम लोग काफी दिनों से श्वेता को जानते हैं। जब भी कोई फंक्शन होता है तो उसकों जरुर बुलाया जाता है। यही नहीं कई बार तो वो बिन बुलाये ही जिले में महिलाओ के मदद को पहुच जाती है। नगर पालिका पूर्व चेयरमैन अरसद जमाल ने बताया की श्वेता को जिले में शायद ही ऐसा कोई हो, जो न जानता हो। असलहों के साथ नाच गाकर लोगों को बधाई देने का ये नायाब तरीका है।

'सेक्स' की लड़ाई, सड़क तक आई, तस्वीरों में देखिए पति की धुनाई

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वाराणसी. जिला मुख्यालय पर रोज की तरह लोगों की गहमागहमी के बीच एक शादीशुदा महिला को जबरदस्ती खींच कर ले जाने वाले व्यक्ति की उस महिला ने जमकर पिटाई कर दी। वह व्यक्ति खुद को उस महिला का पति बता रहा था। पर महिला ने रौद्र रूप धारण कर लिया। महिला ने तथाकथित पति को दौड़ा-दौड़ा कर लात चप्पल घूसों से जमकर पीटा। अचानक हुई इस घटना से मुख्यालय पर अफरा तफरी मच गयी। लोगों ने जब पिटे पति की दास्तान सुनी तो उनकी आखें भीग गईं। लेकिन कुछ ही देर में दोनों पति पत्नी वहां मौजूद भीड़ को एडस के प्रति जागरुकता का संदेश देने लगे। उन्होंने बताया कि ये पूरा एक अभियान है जो एड्स जागरूकता के लिए चलाया जा रहा है । तथाकथित पति संजय सैदपुरी ने बताया की एड्स के बाद पत्नी के साथ सेक्स नहीं करना चाहिए। अगर किसी तरह की जबरदस्ती पति करे तो उसका यही हाल होना चाहिए जो ड्रामा प्ले में मेरा हुआ। पत्नी का रोल प्ले करने वाली मधु ने बताया की ऐसे मर्दों की ऐसे ही धुनाई होनी चाहिए जो शादी के बाद भी दूसरी औरतों से अवैध सम्बन्ध रखते है । मधु ने बताया की रियल प्ले का मकसद लोगों को जागरूक करना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस बीमारी से बच सकें। वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शंकर ने बताया कि मुख्यालय के बाहर का दृश्य देखकर सभी लोग सहम गए कि पत्नी ने पति की जमकर सरेराह पिटाई कर दी। किसी को कुछ नहीं समझ में आ रहा था, लेकिन इनका मकसद नेक है। वही दूसरे वरिष्ठ अधिवक्ता गौरी शंकर ने बताया कि ये तो किसी को पता ही नहीं था कि ये एक ड्रामा प्ले किया जा रहा है। सबने बस यही सोचा कि पति पत्नी की लड़ाई घर से सड़क तक पहुच गई।

बगावत तेज: आडवाणी होंगे नए भाजपा अध्‍यक्ष? गडकरी ने मांगी माफी

नई दिल्‍ली. दुनिया का सबसे ताकवर देश अमेरिका जहां नया राष्‍ट्रपति चुन रहा है, वहीं भारत की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी भाजपा को नया अध्‍यक्ष चुनना पड़ सकता है।
 
भ्रष्‍टाचार के आरोपों से घिरे भाजपा अध्‍यक्ष नितिन गडकरी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। गडकरी  के खिलाफ पार्टी में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। अध्‍यक्ष पद को लेकर बीजेपी के भीतर मंथन तेज हो गया है। सियासी पारा चढ़ने के साथ ही सुषमा स्‍वराज और नितिन गडकरी की मुलाकात हुई है। सुषमा से पहले अरुण जेटली से मिलने वाले गडकरी आज ही लाल कृष्‍ण आडवाणी से भी मिलने वाले हैं। आडवाणी के घर भाजपा की कोर कमेटी की बैठक है।

इसी बीच विवेकानंद की तुलना दाऊद इब्राहिम से करने वाले बयान पर गडकरी ने लिखित बयान जारी कर माफी मांग ली है। गडकरी ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने विवेकानंद की दाऊद से तुलना नहीं की थी लेकिन फिर भी किसी की भावनाएं आहत हुईं हैं तो वो माफी मांगते हैं।


वहीं टीवी रिपोर्टों के मुताबिक सुषमा ने गडकरी से साफ साफ कह दिया है कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर पार्टी अब और उनका बचाव नहीं कर सकती है। माना जा रहा है कि सुषमा ने गडकरी से कहा कि पार्टी के सबसे बुजुर्ग और बुद्धिमान शख्‍स को अध्‍यक्ष पद बनाया जाना चाहिए। ऐसे में सुषमा ने इसके संकेत दिए कि यदि गडकरी हटते हैं तो आडवाणी को पार्टी का नया अध्‍यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि सुषमा ने ट्वीट कर कहा, 'मीडिया में आ रही यह खबर बिल्‍कुल गलत है कि मैं नितिन गडकरी का समर्थन नहीं कर रही हूं। मैंने हमेशा उनका समर्थन किया है और आज भी इसे दोहराती हूं।'

बेटे महेश जेठमलानी के इस्‍तीफे के बाद बाद अब खुद राम जेठमलानी भी गडकरी के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गए हैं। सीनियर बीजेपी नेता और राज्‍यसभा सांसद जेठमलानी ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जसवंत सिंह, यशवंत सिंह और शत्रुघ्‍न सिन्‍हा भी गडकरी के इस्‍तीफे की मांग में उनके साथ हैं।

जेठमलानी के मुताबिक लंदन में उन्‍होंने गडकरी के मसले पर आरएसएस नेता गुरुमूर्ति से बात की तो उन्‍होंने शांत रहने के लिए कहा था, लेकिन जब वह दिल्‍ली लौटे तो गुरुमूर्ति से उनकी मुलाकात ही नहीं हो सकी। उन्‍होंने कहा, 'मुझे लगा था कि गडकरी अपने आप इस्‍तीफा दे देंगे, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं।'

राम जेठमलानी का कहना है कि गडकरी कभी भी कोई वादा नहीं निभाते हैं। उनके मुताबिक, 'बहुत पहले उन्‍होंने मुझसे मिलने का वादा किया था लेकिन आज तक नहीं मिले।' राम जेठमलानी का कहना है विवेकानंद पर गडकरी के दिए गए बयान के बाद हम उनसे कोई संबंध नहीं रखना चाहते हैं। उनके बेटे महेश जेठमलानी ने भी सोमवार को गडकरी के खिलाफ खुले आम बगावत की थी।सूत्रों का कहना है कि भाजपा के वरिष्‍ठ नेता जसवंत सिंह और यशवंत सिन्‍हा की संघ विचारक गुरुमूर्ति के दो घंटे लंबी बातचीत हुई है। बातचीत ऐसे वक्‍त में हुई, जब कुछ वक्‍त पहले ही एक चैनल को दिए साक्षात्‍कार में राम जेठमलानी ने इस बात का खुलासा किया था कि पार्टी के कुछ वरिष्‍ठ नेता गडकरी को हटाना चाहते हैं। भाजपा में चल रहे विवाद पर पार्टी की प्रवक्‍ता निर्मला सीतारमन का कहना है कि मैं नहीं जानती हूं कि क्‍या हो रहा है। लेकिन जैसे ही पार्टी कोई फैसला लेगी, मीडिया को सूचित कर दिया जाएगा।

बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा कि जेठमलानी के बयानों का कोई महत्‍व नहीं है इसलिए उन्‍हें कोई तवज्‍जो नहीं दी जानी चाहिए। उन्‍होंने यह भी कहा कि नितिन गडकरी के मसले पर बीजेपी में किसी तरह का असंतोष नहीं है।

दूसरी ओर, भाजपा के विवाद पर कांग्रेस महासचिव दि‍ग्‍गविजय सिंह ने अब चुप्‍पी साध ली है। उनका कहना है कि यह भाजपा का अंदरुनी मसला है। इसके बारे में मैं कुछ नहीं जानता।

जाटव रैंगर महासभा के प्रदेश संगठन मंत्री नियुक्त

जाटव रैंगर महासभा के प्रदेश संगठन मंत्री नियुक्त
बाड़मेर 6 नवम्बर। अखिल भारतीय रैंगर महासभा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मोडूलाल वर्मा ने एक आदेश जारी कर छगनलाल जाटव को अखिल भारतीय रैंगर महासभा राजस्थान का प्रदेश संगठन मंत्री नियुक्त किया हैं। इस दौरान जाटव को प्रदेश संगठन मंत्री नियुक्त करने पर पूर्व पार्षद बस्तीराम बांकोलिया, अखिल भारतीय रैंगर महासभा के जिलाध्यक्ष मोहनलाल कुर्डिया, जटिया समाज के अध्यक्ष मोहन गोसाईवाल, कांग्रेस कच्ची बस्ती प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष भेरूसिंह फुलवारिया, जटिया समाज के कोषाध्यक्ष ईश्वरचंद नवल, धोरीमन्ना ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश कुलदीप, चंदन जाटोल, नाथूलाल चौहान, अमृतलाल जाटोल, लक्ष्मण कुर्डिया, प्रेम बांकोलिया, सहित रैंगर समाज के सैकड़ो लोगो ने खुशी जाहिर करतें हुए अखिल भारतीय रैंगर महासभा के, राष्ट्रीय अध्यक्ष टी आर वर्मा, राष्ट्रीय महासचिव के एल कमल व प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मोडूराम वर्मा का आभार व्यक्त किया।

पुलिस के चंद आला अधिकारीगण अपराधियों के गुलाम की तरह कार्य करते हैं

एकलव्य सिंह  का खुलासा ...
पुलिस के चंद आला अधिकारीगण अपराधियों के गुलाम की तरह कार्य करते हैं 


राज्य के वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी अजीत कुमार सिंह के पुत्र एकलव्य सिंह ने आज एक प्रेस कॉन्फे्रन्स कर नितीश कटारा हत्याकांड की याद ताजा करते हुए यह उजागर किया कि कुछ अपराधियों से उसकी जान एवं स्वतंत्रता के ऊपर घोर खतरा उमड़ रहा है। अपराधीगण अत्यन्त ही प्रभावशाली व्यक्ति हैं। इनका राज्य एवं राष्ट्र स्तरीय राजनेताओं के साथ घनिष्ठ सम्बन्ध है। पुलिस के चंद आला अधिकारीगण अपराधियों के गुलाम की तरह कार्य करते हैं, जिससे पूरे पुलिस विभाग की बदनामी होती है। एकलव्य सिंह द्वारा अपराधियों के विरूद्ध दायर एफ.आई.आर. के प्रकरण में पुलिस अधिकारियों ने सारे कानून को दरकिनार करते हुए, राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री के निर्देश पर एफ.आर. लगा दी।   एकलव्य सिंह के अनुसार पुलिस द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत दस्तावेजों से स्पष्ट है कि राज्य के इस वरिष्ठ मंत्री के ऊपर कांग्रेस पार्टी के एक राष्ट्रस्तरीय प्रभावशाली राजनेता, जो पूर्व में केन्द्र सरकार में मंत्री रहे हैं, द्वारा दबाव बनाया गया था। राज्य के एक  विधायक के द्वारा भी आई.ए.एस. अधिकारी के ऊपर दबाव डाला गया था, एवं विधान सभा में प्रश्न उठाकर बदनाम करने की धमकी दी गई थी। इसके अतिरिक्त कई वर्तमान एवं पूर्व मंत्रियों द्वारा भी अपराधियों के साथ समझौता करने का दबाव डाला गया। 


पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारी ने प्रकरण में गृह विभाग के आदेश की अवहेलना कर एस.ओ.जी. शाखा से अनुसंधान नहीं होने दिया, एवं यह झूठी दलील दी कि उसके ऊपर माननीय मुख्य मंत्री का दबाव था। इस आला अधिकारी ने माननीय मुख्य मंत्री के नाम को बदनाम करने में कोई भी हिचकिचाहट नहीं की। एकलव्य सिंह ने उल्लेख किया कि समस्या की जड़ अपराधियों द्वारा फर्जी दस्तावेज की कूट रचना कर उसे भागीदारी फर्म से बाहर करने और उसके हिस्से को अपराधी देवेन्द्र कुमार द्वारा हड़प लेने के कारण पुलिस थाना गॉधीनगर (जयपुर) में दायर की गई एफ.आई.आर. सं. 183/2009 है।

अपराधियों के आला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भी घनिष्ठ सम्बन्ध हैं। इनकी सांठगांठ के कारण जैसलमेर में सारे नियमकानूनों को दरकिनार करते हुए, शहर की कीमती भूमि का भूपरिवर्तन कर उसी दिन ही अपराधियों को आवंटित कर दी गयी। इसी प्रकार सारे नियमों का उल्लघंन कर, जैसलमेर नगरपालिका के कमिश्नर ने अपराधियों द्वारा बनाये जा रहे होटल की ऊॅचाई की 40’ फीट करने की अनुमति दे दी, जबकि नगर नियोजन विभाग ने एवं स्वयं नगरपालिका मंडल ने मात्र 25’ फीट की ऊॅचाई स्वीकृत की थी। अपराधी देवेन्द्र कुमार के भाई पृथ्वीराज ने एक वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी का नाम लेकर, जैसलमेर में पर्यटन के क्षेत्र में कार्यरत एक विदेशी कम्पनी के मालिक को उसी के देश में जाकर कम्पनी में भागीदारी मांगी एवं धमकी दी कि ऐसा नहीं होने पर कई तकलीफें भुगतनी पड़ेगी। विदेशी मालिक के मना करने पर अपराधियों ने कम्पनी को काफी परेशान किया। अन्ततः प्रकरण में मालिक को मुख्य सचिव की शरण लेनी पड़ी।

एकलव्य सिंह ने यह भी बताया कि आरोपियों की विधि अधिकारियों के साथ भी सांठगांठ है। एकलव्य सिंह और अपराधियों के मध्य विचाराधीन दिवानी प्रकरण में एक महत्वपूर्ण फैसले की तारीख के कुछ दिन पूर्व, राज्य के एक अतिरिक्त महाधिवक्ता (॥ळ) ने यह धमकी दी कि राजीनामा किया जावे, वरना वह अपने प्रभाव का उपयोग कर माननीय उच्च न्यायालय में स्टे करा देगा एवं फाईल को ’कोल्ड स्टोरेज॔ में बंद करा देगा। इस संदर्भ में एकलव्य सिंह ने यह भी बताया कि विधि विभाग ने अपने आदेश दि. 23.11.2010 द्वारा नोटरी श्री दान सिंह मेहता एवं नोटरी श्रीमती बसन्ती माथुर का लाईसेन्स रद्द कर दिया है एवं नोटरी पेशा से आजीवन विवर्जित कर दिया है। दोनो नोटरी के खिलाफ यह कार्यवाही इसलिए की गई थी, क्योंकि इन्होंने अवैधिक रूप से दस्तावेजों का सत्यापन उन दिवसों को किया था, जिन तिथियों को एकलव्य सिंह विदेश में था। इन दस्तावेजों में से एक के द्वारा एकलव्य सिंह को अपराधियों ने भागीदारी फर्म से रिटायर दिखाकर उसके हिस्से को हड़प लिया था। इस संदर्भ में उल्लेखनीय है कि नोटरी अधिनियम के अनुसार विधि विभाग का सक्षम अधिकारी ही नोटरी के विरूद्ध एफ.आई.आर. प्रेषित कर सकता है। परन्तु कई आवेदनों उपरान्त करीब दो वर्ष का समय व्यतीत होने के पश्चात भी अपराधियों के प्रभाव के कारण विधि विभाग के अधिकारियों द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गई है।

एकलव्य सिंह ने यह भी बताया कि अपराधियों ने उसे और उसके पिता को ब्लैकमेल करने के लिए न्यायालय में एक इस्तगासा कर एफ.आई.आर. दर्ज करायी। प्रकरण में अनुसंधान उपरान्त न्यायालय में एफ.आर. प्रस्तुत करने के उपरान्त, अपराधियों के घनिष्ठ पुलिस आयुक्त, जयपुर ने न्यायालय से पत्रावली को पुनः अनुसंधान हेतु मंगा ली। पुनः अनुसंधान पश्चात अन्वेषण अधिकारी द्वारा पुनः एफ.आर. प्रस्तावित की गई, परन्तु पुलिस आयुक्त ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए कनिष्ठ अधिकारियों को एफ.आर. स्वीकृत नहीं करने का निर्देश दिया एवं यह झूठी दलील दी कि माननीय मुख्य मंत्री की ऐसी ही इच्छा है। इस संदर्भ में यह उल्लेखनीय है कि पुलिस आयुक्त की अपराधियों से दोस्ती तब से है जब वह जैसलमेर में पुलिस अधीक्षक थे। कुछ अपराधियों को पुलिस हिरासत में लेने के दिन वह सी.बी.आई., चण्डीग़ में पदस्थापित थे। इन्होंने उस समय भी अपराधियों के पक्ष में राज्य के आला पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाया था। प्रकरण में पुलिस आयुक्त ने कई बार मुख्य मंत्री कार्यालय एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह को झूठी सूचनाऐं भी दी है। दूसरी तरफ अपराधियों द्वारा एकलव्य सिंह का गाड़ी में पीछा करने के सम्बन्ध में दर्ज कराई गयी शिकायत पर पुलिस कमिश्नर के दबाव के कारण आदिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

अपराधीगण विचाराधीन दिवानी वाद के महत्वपूर्ण पहलु पर जिला न्यायाधीश न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय में हार चुके हैं। विचाराधीन आपराधिक प्रकरण में भी जल्द ही सजा होने की पूर्णतः उम्मीद है। अतः अपराधीगण बौखला गये हैं। दूसरी तरफ पुलिस, प्रशासन एवं विधि के आला अधिकारियों एवं राज्य तथा राष्ट्र स्तरीय राजनेताओं के साथ सांठगांठ के कारण इनके हौसले बुलन्द है। तीन अपराधी भाईयों में से एक मानसिक रूप से अस्थाई प्रकृति का है। अतः अपराधियों द्वारा मेरे जीवन पर अत्यन्त खतरा मंडरा रहा है। पुलिस आयुक्त भी ऐन केन प्रकरेण मुझे हिरासत में लेना चाहते हैं। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में एकलव्य सिंह ने माननीय मुख्य मंत्री से आग्रह किया है कि अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावे। उन आला पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जावे जिन्होंने झूठ बोलकर माननीय मुख्य मंत्री के तथाकथित निर्देश पर अवैधानिक कृत्य किया है, एवं माननीय मुख्य मंत्री को बदनाम किया है। इसके अतिरिक्त नियम विरूद्ध अपराधियों को किए भूमि आवंटन एवं होटल भवन की ऊॅचाई ब़ाने की स्वीकृति निरस्त की जावे। एकलव्य सिंह ने सम्बन्धित अतिरिक्त महाधिवक्ता (॥ळ) के विरूद्ध भी कार्यवाही करने की प्रार्थना की, ताकि अपराधियों का मनोबल कमजोर हो और उसके जीवन एवं स्वतंत्रता की सुरक्षा हो सके।