श्वेता की खाशियत ये है की वो स्त्री शक्ित के लिए आवाज उठाने के लिए हर पल तैयार रहती है। श्वेता के पास दो-दो लाइसेंसी असलहे हैं। जिसकों उसने ऐसे मर्दों को सबक सिखाने के लिए रखा है जो समाज में बंदूक के सहारे दहशत पैदा करते हैं। यही नहीं श्वेता लोगों के घर जब नाच गाने के लिए पहुंचती है तो वो ठुमके भी रिवाल्वर लेकर ही लगाती है। श्वेता की मानें तो सबसे ज्यादा अपराध महिलाओं के साथ हो रहे हैं। कई बार असलहों के दम पर मर्द महिलाओं से बदतमीजी करते हैं। उन्हें अगर कहीं से यह बात पता चलती है तो वह अपना रिवाल्वर लेकर मदद को निकल पड़ती हैं। श्वेता का कहना है की कई बार ऐसे दबंग मिल जाते हैं, जिनके पास कई असलहे होते हैं। उनके लिए मेरे दो ही असलहे काफी हैं, जिसकों देखकर दबंगों को पसीने आने लगते हैं। श्वेता बताती है कि वह ग्रेजुएट हैं और बलिया से प्रधानमंत्री स्व.चन्द्रशेखर के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुकी हैं। स्व.चन्द्रशेखर के खिलाफ चुनाव लड़ने के बाद श्वेता की पहचान पूर्वांचल में बन गई थी। श्वेता रिवाल्वर साड़ी के पल्लू में लगा कर नाचती और गाती हैं। एडवोकेट गोपाल निषाद बताते हैं कि वह साड़ी पर रिवाल्वर लगा कर मर्दों की तरह मर्दानगी दिखाते हुए चलती हैं तो हथियारधारी मर्द अपने हथियार को छिपा लेते हैं। बुजुर्ग महिला सरोज केसरवानी बताती है कि हम लोग काफी दिनों से श्वेता को जानते हैं। जब भी कोई फंक्शन होता है तो उसकों जरुर बुलाया जाता है। यही नहीं कई बार तो वो बिन बुलाये ही जिले में महिलाओ के मदद को पहुच जाती है। नगर पालिका पूर्व चेयरमैन अरसद जमाल ने बताया की श्वेता को जिले में शायद ही ऐसा कोई हो, जो न जानता हो। असलहों के साथ नाच गाकर लोगों को बधाई देने का ये नायाब तरीका है।
मंगलवार, 6 नवंबर 2012
PICS: श्वेता किन्नर है रिवॉल्वर के लिए क्रेजी, छूटते हैं लोगों के पसीने
श्वेता की खाशियत ये है की वो स्त्री शक्ित के लिए आवाज उठाने के लिए हर पल तैयार रहती है। श्वेता के पास दो-दो लाइसेंसी असलहे हैं। जिसकों उसने ऐसे मर्दों को सबक सिखाने के लिए रखा है जो समाज में बंदूक के सहारे दहशत पैदा करते हैं। यही नहीं श्वेता लोगों के घर जब नाच गाने के लिए पहुंचती है तो वो ठुमके भी रिवाल्वर लेकर ही लगाती है। श्वेता की मानें तो सबसे ज्यादा अपराध महिलाओं के साथ हो रहे हैं। कई बार असलहों के दम पर मर्द महिलाओं से बदतमीजी करते हैं। उन्हें अगर कहीं से यह बात पता चलती है तो वह अपना रिवाल्वर लेकर मदद को निकल पड़ती हैं। श्वेता का कहना है की कई बार ऐसे दबंग मिल जाते हैं, जिनके पास कई असलहे होते हैं। उनके लिए मेरे दो ही असलहे काफी हैं, जिसकों देखकर दबंगों को पसीने आने लगते हैं। श्वेता बताती है कि वह ग्रेजुएट हैं और बलिया से प्रधानमंत्री स्व.चन्द्रशेखर के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुकी हैं। स्व.चन्द्रशेखर के खिलाफ चुनाव लड़ने के बाद श्वेता की पहचान पूर्वांचल में बन गई थी। श्वेता रिवाल्वर साड़ी के पल्लू में लगा कर नाचती और गाती हैं। एडवोकेट गोपाल निषाद बताते हैं कि वह साड़ी पर रिवाल्वर लगा कर मर्दों की तरह मर्दानगी दिखाते हुए चलती हैं तो हथियारधारी मर्द अपने हथियार को छिपा लेते हैं। बुजुर्ग महिला सरोज केसरवानी बताती है कि हम लोग काफी दिनों से श्वेता को जानते हैं। जब भी कोई फंक्शन होता है तो उसकों जरुर बुलाया जाता है। यही नहीं कई बार तो वो बिन बुलाये ही जिले में महिलाओ के मदद को पहुच जाती है। नगर पालिका पूर्व चेयरमैन अरसद जमाल ने बताया की श्वेता को जिले में शायद ही ऐसा कोई हो, जो न जानता हो। असलहों के साथ नाच गाकर लोगों को बधाई देने का ये नायाब तरीका है।
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