बाड़मेर की सहकारी सोसायटियो के खिलाफ मुख्यमंत्री ने दिए थे जांच के आदेश
मुख्यमंत्री के आदेशो की धज्जिय उड़ा रहा हें जिला प्रशासन
चिट फंड कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की प्रशासन ने
बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले में सहकारी समितियों ने आम लोगो को लूटने का धंधा बड़े जोरो से चला रखा हें रिजर्व बेंक के प्रावधानों तथा नियमो को धत्ता बता कर चिट फंड कंपनियों की तर्ज पर करोडो रुपये आम जनता से ऐंठ लिए .इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन ,जिला पुलिस प्रशासन ,सहित मुख्यमंत्री तक को आम जनता ने ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर पत्र भी लिखे ,इन पत्रों के आधार पर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव को जांच सौंपी गयी हे वाही पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस उप अधीक्षक को जांच दी गयी ,बाड़मेर जिले में इस प्रकार की तीन दर्जन से अधिक सहकारी समितिया अवेध रूप से नॉन बैंकिंग कार्य कर रही हें ,आम जनता को ज्यादा ब्याज और लोक लुभावनी योजनाये बता कर सरे आम ठगा जा रहा हें .इसके बावजूद जिला प्रशासन इनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रहा ,मुख्यमंत्री कार्यालय से जांच के आदेशो के बाद जिला प्रशासन ने उप खंड अधिकारी ,महाप्रबंधक बाड़मेर सेन्ट्रल को ओपरेटिव बैंक तथा पुलिस उप अधीक्षक की एक कम्मेटी का गठन जांच के लिए कर अपने फर्ज की इतिश्री कर ली ,मुख्यमंत्री के आधेशो की धज्जिय उदा रही हें ,बाड़मेर में संचालित कई सहकारी सोसायटिया भारतीय रिज़र्व बैंक के नियमो की पालना नहीं कर रही वन्ही लगभग सभी बनके आर बी आई से बिना पंजीयन के ही संचालित की जा रही हें ,राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकता से आम जनता के साथ ठगी कर पैसा हड़पने वाली निवेशक कम्पनियों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। इस सन्दर्भ में बाड़मेर जिले में दो दर्जन से अधिक कॉपरेटिव सोसायटी गैर काूननी तरीके से अवैध रूप से आम जनता को गूमराह कर धन संग्रहण कर रही है। इन सोसायटीयों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित नियमों की पालना नही की जा रही है। जिसके कारण आम जनता का पैसा डूबने की पूरी संभावना है तथा बाड़मेर जिले में संचालित कॉऑपरेटिव सोसायटियों निम्नलिखित नियम जो आर.बी.आई. द्वारा निर्धारित की पालना की जा रही है यदि नही तो इनके खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही कर जाकर आम जनता को धोखाधड़ी से बचाया जाए।
.आर बी आई के नियमानुसार सोसायटी खातेदार को हिस्साधारक बनाता है या मात्र नॉमिनल सदस्य बनाया जाता है?
सोसाइटी द्वारा प्राप्त जमाओं के अनुपात में न्यूनतम 10 प्रतिशत स्वंय का फण्ड डंपदजंपद किया जाता है? संचालित सोसाइटी विगत वर्षो से लाभ में है? सोसाइटी द्वारा अपने सदस्यों को लाभांश दिया जाता है। सोसाइटी आपको आपके निवेश के बदले एफडीआर दी जाती है, या लुभवाने सपने दिखाए जाते है? जैसा की कई संस्थाओं द्वारा जमीन, भेंड, बकरी, गाय, भैस आदि के प्रमाणपत्र दिये जाते है? सोसाइटी का नियंत्रण करने वाले लोग की आर्थिक,इ सामाजिक व भौतिक पृष्ठभूमि क्या है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इन्हे अनापति प्रमाणपत्र जारी किए गए है। संचालितसोसायटीयों द्वारा अपनी जमा पूंजी के 10 प्रतिशत से ज्यादा धन प्राप्त किया गया है। संचालित सोसायटियों आरबीआई द्वारा निर्धारित ब्याज दर से अधिक ब्याज के सपने आम जनता को दिखा रही है। संचालित सोसायटियों जमा राशि का निवेश कहां कर रही है। संचालित सोसायटियों आयकर चुकता कर रही है। संचालित सोसायटियों ऋणकर्ताओं से 8 से 10 की मिति से ब्याज दर वसूल रही है।
उपरोक्त नियमों के ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री कार्यालय ने एल एस जी विभाग को जांच के आदेश दिए हें .इन बेंको की संदिघध कार्य प्रणाली को लेकर मुख्यंत्री कार्यालय को शिकायत भेजी गयी थी जिसने मुख्यमंत्री को लिखा गया था की बाड़मेर में संचालित कॉपरेटिव सोसायटियों पर कार्यवाही कर आमजनता को इन से बचाया जाए।
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