नई दिल्ली. सहयोगी दलों और विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद केंद्र सरकार सख्त फैसले पर आमादा है। तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि यूपीए-2 कांग्रेस की जागीर नहीं है। वहीं यूपी की पूर्व सीएम और बसपा मुखिया मायावती ने केंद्र सरकार के फैसलों को जनविरोधी करार दिया है। उन्होंने आशंका जताई है कि केंद्र के ताजा फैसलों से देश में महंगाई और बढ़ेगी। बसपा ने 9 अक्टूबर को लखनऊ में महारैली का ऐलान किया। समय मिला तो उसी दिन नहीं तो अगले दिन बीएसपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी जिसमें केंद्र के हालिया फैसलों पर चर्चा होगी। इसके बाद बीएसपी फैसला करेगी कि केंद्र सरकार को बाहर से फैसला जारी रखा जाए या नहीं।
इस तरह ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने 24 घंटे में तीन बड़े फैसले लेकर मुसीबत मोल लिया है। शुक्रवार को मल्टी ब्रांड रिटेल मार्केट में 51 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी गई। सरकार ने एयरलाइंस, प्रसारण और पावर एक्सचेंज में भी एफडीआई को हरी झंडी दी है। महंगे डीजल और रसोई गैस के सस्ते सिलेंडर में कटौती से जली-भुनी ममता बनर्जी ने शुक्रवार को सरकार को 72 घंटे में रोलबैक का अल्टीमेटम दे दिया। नहीं तो आखिरी फैसले की धमकी दी है। मुकुल रॉय ने सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से बात की है और ममता का यूपीए अध्यक्ष को संदेश पहुंचा दिया।
ममता बनर्जी ने शनिवार शाम अपनी रैली में कहा कि वो यूपीए में स्थायित्व चाहती हैं। केंद्र को कोसते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि आम जनता की आर्थिक दिक्कतों का उन्हें भी एहसास है। हालांकि ममता ने सरकार से अलग होने के ठोस संकेत नहीं दिए। इससे पहले तृणमूल सांसद कुणाल घोष का कहना है कि ममता अपने फैसले से एक इंच पीछे नहीं हटेंगी। कांग्रेस को सहयोगी दलों की बात चुननी चाहिए और वह तृणमूल के विरोध को नजरअंदाज नहीं कर सकती। तृणमूल यूपीए को समर्थन जारी रखने पर मंगलवार को आखिरी फैसला करेगी। डीएमके भी कोई बड़ा ऐलान कर सकती है, लेकिन पीएम डीजल के दाम बढ़ाने और रीटेल में एफडीआई के फैसले पर अड़े हुए हैं। मनमोहन सिंह ने शनिवार को योजना आयोग की बैठक में कहा कि डीजल के दाम बढ़ाना सही कदम है और विकास के लिए विदेशी निवेश जरूरी है। इससे पहले मनमोहन सिंह ने सहयोगियों के विरोध को नजरअंदाज करते हुए कहा कि यदि जाना ही होगा तो लड़कर जाएंगे। उन्होंने कहा, 'बड़े फैसले लेने का वक्त आ गया है। हम जानते हैं कि इसकाविरोध होगा। लेकिन हम विरोध का सामना करने को तैयार हैं। हमें सत्ता से हटना भी पड़ा तो हम लड़ते हुए सत्ता से जाएंगे।'
यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि सपा रीटेल में एफडीआई के पक्ष में नहीं है और इसे सूबे में लागू नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार को समर्थन के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि इस बारे में नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ही फैसला करेंगे। एफडीआई (क्या होगा असर?) के विरोध में आधा हिंदुस्तान उठ खड़ा हुआ है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स और भारत उद्योग व्यापार मंडल सहित अनेक व्यापार संगठनों ने 18 सितंबर को भारत व्यापार बंद का ऐलान किया है। इस दिन देश भर के व्यापारी कामकाज बंद रखेंगे। व्यापार संगठनों ने तमाम राजनीतिक दलों से इस बंद को समर्थन देने की अपील की है। डीजल के दाम बढ़ाए जाने के खिलाफ दिल्ली में ट्रांसपोर्टर आज चक्का जाम कर रहे हैं। केंद्र के ताबड़तोड़ फैसले से तृणमूल कांग्रेस नाराज है। रेल मंत्री मुकुल रॉय आज दिल्ली में हो रही योजना आयोग की बैठक में भी नहीं आएंगे। हालांकि ऐसे कड़े फैसलों से पहले ही सरकार ने राजनीतिक 'गुणाभाग' कर रखा है। इस समय तृणमूल के पास 19, सपा के पास 22 , बसपा के पास 21, द्रमुक के पास 18, राकांपा के पास 9, रालोद के पास 5, राजद के पास 4 और जनता दल-एस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 3-3 सीटें हैं। एक कांग्रेसी नेता का कहना है, ऐसा संभव ही नहीं है कि 'नेताजी' (मुलायम सिंह) और बहनजी (मायावती) सरकार गिराने जैसी मुद्दे पर एक साथ हों।
इस तरह ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने 24 घंटे में तीन बड़े फैसले लेकर मुसीबत मोल लिया है। शुक्रवार को मल्टी ब्रांड रिटेल मार्केट में 51 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी गई। सरकार ने एयरलाइंस, प्रसारण और पावर एक्सचेंज में भी एफडीआई को हरी झंडी दी है। महंगे डीजल और रसोई गैस के सस्ते सिलेंडर में कटौती से जली-भुनी ममता बनर्जी ने शुक्रवार को सरकार को 72 घंटे में रोलबैक का अल्टीमेटम दे दिया। नहीं तो आखिरी फैसले की धमकी दी है। मुकुल रॉय ने सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से बात की है और ममता का यूपीए अध्यक्ष को संदेश पहुंचा दिया।
ममता बनर्जी ने शनिवार शाम अपनी रैली में कहा कि वो यूपीए में स्थायित्व चाहती हैं। केंद्र को कोसते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि आम जनता की आर्थिक दिक्कतों का उन्हें भी एहसास है। हालांकि ममता ने सरकार से अलग होने के ठोस संकेत नहीं दिए। इससे पहले तृणमूल सांसद कुणाल घोष का कहना है कि ममता अपने फैसले से एक इंच पीछे नहीं हटेंगी। कांग्रेस को सहयोगी दलों की बात चुननी चाहिए और वह तृणमूल के विरोध को नजरअंदाज नहीं कर सकती। तृणमूल यूपीए को समर्थन जारी रखने पर मंगलवार को आखिरी फैसला करेगी। डीएमके भी कोई बड़ा ऐलान कर सकती है, लेकिन पीएम डीजल के दाम बढ़ाने और रीटेल में एफडीआई के फैसले पर अड़े हुए हैं। मनमोहन सिंह ने शनिवार को योजना आयोग की बैठक में कहा कि डीजल के दाम बढ़ाना सही कदम है और विकास के लिए विदेशी निवेश जरूरी है। इससे पहले मनमोहन सिंह ने सहयोगियों के विरोध को नजरअंदाज करते हुए कहा कि यदि जाना ही होगा तो लड़कर जाएंगे। उन्होंने कहा, 'बड़े फैसले लेने का वक्त आ गया है। हम जानते हैं कि इसकाविरोध होगा। लेकिन हम विरोध का सामना करने को तैयार हैं। हमें सत्ता से हटना भी पड़ा तो हम लड़ते हुए सत्ता से जाएंगे।'
यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि सपा रीटेल में एफडीआई के पक्ष में नहीं है और इसे सूबे में लागू नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार को समर्थन के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि इस बारे में नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ही फैसला करेंगे। एफडीआई (क्या होगा असर?) के विरोध में आधा हिंदुस्तान उठ खड़ा हुआ है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स और भारत उद्योग व्यापार मंडल सहित अनेक व्यापार संगठनों ने 18 सितंबर को भारत व्यापार बंद का ऐलान किया है। इस दिन देश भर के व्यापारी कामकाज बंद रखेंगे। व्यापार संगठनों ने तमाम राजनीतिक दलों से इस बंद को समर्थन देने की अपील की है। डीजल के दाम बढ़ाए जाने के खिलाफ दिल्ली में ट्रांसपोर्टर आज चक्का जाम कर रहे हैं। केंद्र के ताबड़तोड़ फैसले से तृणमूल कांग्रेस नाराज है। रेल मंत्री मुकुल रॉय आज दिल्ली में हो रही योजना आयोग की बैठक में भी नहीं आएंगे। हालांकि ऐसे कड़े फैसलों से पहले ही सरकार ने राजनीतिक 'गुणाभाग' कर रखा है। इस समय तृणमूल के पास 19, सपा के पास 22 , बसपा के पास 21, द्रमुक के पास 18, राकांपा के पास 9, रालोद के पास 5, राजद के पास 4 और जनता दल-एस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 3-3 सीटें हैं। एक कांग्रेसी नेता का कहना है, ऐसा संभव ही नहीं है कि 'नेताजी' (मुलायम सिंह) और बहनजी (मायावती) सरकार गिराने जैसी मुद्दे पर एक साथ हों।
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