शनिवार, 4 अगस्त 2012

पति की दीर्घायुकी कामनाके साथ मनाया जाता हें कजली तीज कात्यौहार

पति की दीर्घायुकी कामनाके साथ मनाया जाता हें कजली तीज कात्यौहार 
कजली तीज व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला स्त्रियों का प्रमुख पर्व है। यह व्रत नारी के सौभाग्य की रक्षा करता है। हरितालिकाव्रत के संबंध में ऐसी आस्था है कि भगवान शिव को पतिस्वरूपमें प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम पार्वती जी ने यह व्रत किया था। उसी समय से यह व्रत स्त्रियों द्वारा सुख, अक्षय सौभाग्य की लालसा के लिए आरंभ कर दिया गया। भाद्रपद तृतीया को निर्जलाव्रत रहकर स्त्रियां शाम को तिल के पत्ते से सिर भीजकरनए-नए वस्त्रों और आभूषणों को धारण करती हैं। घर की लिपाई-पुताई करके केले के खंभे गाडकर तोरण पताकाओं से मंडप बनाया जाता है। चौकी पर शंकर-पार्वती को स्थापित कर विशेष रूप से शंकर-पार्वती के पार्थिव पूजन की परंपरा है। इसके साथ गणेश की स्थापना कर चंदन,अक्षत,धूप-दीप, फल-फूल आदि से षोडशोपचारपूजन किया जाता है। मेवा मिष्ठान, पकवान आदि का प्रसाद तथा गौरी जी पर सिंदूर, चूडी, बिन्दी, चुनरी, महावर, पायल, बिछुआआदि सुहाग की सारी सामग्री चढाई जाती है। रात्रि में भजन, कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार (प्रारम्भ, मध्य और अंत) में आरती की जाती है। शिव-पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है। इसके बाद वस्त्र, स्वर्ण और गौ का दान किया जाता है। स्त्रियां सुहाग की चढाई गई सामग्री ब्राह्मण को दान देकर कुछ अपने पास सौभाग्य की रक्षा हेतु रख लेती हैं। स्त्रियां शिव से प्रार्थना करती हैं कि मेरे पति दीर्घायु हों, मेरा सुहाग अटल हो। कुंवारी कन्याएं शिव से विनम्र प्रार्थना करती हुई वर मांगती हैं कि उनका होने वाला पति सुंदर और सुयोग्य हो। इस प्रकार चतुर्थी को स्नान पूजा कर सूर्योदय के बाद वे पारण कर व्रत तोडती हैं। पावस की हरियाली और प्रकृति के मनोहारी सौन्दर्य में कजली गाई जाती है। अत:इसे कजली तीज भी कहा जाता है। भविष्य पुराण की एक कथा के अनुसार राजा हिमवान की पुत्री पार्वती जन्म-जन्मान्तर शंकर जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कृत संकल्प थी। अपने पिता द्वारा भगवान विष्णु से अपने विवाह की बात सुनकर पार्वती ने दु:खी होकर अपनी एक सखी से कहा कि चाहे मेरा शरीर छूट जाय परंतु मेरा महादेव जी को पति रूप में पाने का निश्चय नहीं छूट सकता। तब सखी पार्वती जी को एक सघन वन में ले गई जहां उन्होंने एकांत कन्दरामें रहते हुए घोर तप आरंभ किया। उन्होंने बारह वर्षो तक वायु सेवन करते हुए चौबीस वर्ष तक मात्र सूखे पत्ते ही खाया। वैसाखमास की तपती धूप में पंचघूनीके कठोर ताप को सहन कर अग्नि सेवन किया। माघ में जल में निवास और श्रावण मास में निराहाररहकर बाहर निवास किया। पार्वती ने भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्ति नक्षत्र में बालू की शिव मूर्ति स्थापित कर निराहारव्रत करके बडी श्रद्धा से पूजन कर रात को प्रेम वन्दना के गीत गाते हुआ जागरण किया। इससे शंकर जी का आसन हिल गया और उन्होंने प्रसन्न होकर पार्वती को अपनी अद्र्धागिनी बनाने की स्वीकृति दे दी। पार्वती जी की सखी (अलि) उन्हें हरण कर सघन वन में ले गई थी अत:इस व्रत का नाम हरित-अलिका अर्थात हरितालिका पड गया। धार्मिक दृष्टि से यह व्रत सौभाग्य प्रदायक और मंगल दाता है। ब्रह्म (शिव) की ओर अग्रसर होने पर सांसारिक विभूति (विष्णु) उधर से हटाने का प्रयत्‍‌न करती है। किंतु पूर्ण निश्चय पर दृढ रहने पर मानव की सखी बुद्धि की सहायता से मनोरथ सफल हो जाता है। हरितालिकाव्रत करने वाली स्त्रियों को व्रत में पूर्ण निष्ठा अनिवार्य है। वेदों में इस व्रत के विषय में कहा गया है कि इस व्रत के दिन फल खाने वाली स्त्रियां अगले जन्म में बंदरी, जल पीने वाली जोंक, दूध पीने वाली सर्पिणी, दही खाने वाली बिल्ली, मिठाई खाने वाली चींटी तथा मक्खी होती है। तीज के दिन जागरण न करने वाली अजगरी दूसरे जन्म में बनती हैं। यह व्रत परम संयम और भक्तियुक्तहोता है। इस व्रत की कथा सुनने से सौभाग्य मिलता है। इस व्रत की महत्ता के विषय में वर्णित है कि जैसे नक्षत्रों में चन्द्रमा ग्रहों में सूर्य,वर्णो में विप्र, देवों में विष्णु, नदियों में गंगा पुराणों में महाभारत, वेदों में सामवेद तथा इन्द्रियों में मन श्रेष्ठ है उसी प्रकार सभी व्रतों में हरितालिकाका व्रत श्रेष्ठ है।

सोनिया ने नकारा बाल विवाह

सोनिया ने नकारा बाल विवाह 
बाड़मेर बालोतरा। अब अशिक्षा का अंधेरा मिटने लगा है। घर व खेत में ही काम कर बड़ी होने पर माता-पिता की इच्छा से ब्याही जाने वाली थार की बेटियां अब शिक्षित होकर इस मिथक को तोड़ने लगी है। शुक्रवार को एक ऎसी ही शिक्षित किशोरी ने बाल विवाह के फैसले को ठुकराते हुए पुलिस, प्रशासन से जातीय पंचों के खिलाफ कार्रवाई कर न्याय दिलाने की मांग की। गुड़ामालानी क्षेत्र के गांव सोढ़ो की ढाणी रतनपुरा निवासी सोनिया पुत्री हेमाराम व उसके भाई भंवरलाल ने शुक्रवार को पुलिस उप अधीक्षक कार्यालय में पुलिस उप अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा।

इसमें उसने बताया कि दो वर्ष की उम्र में उसके ही गांव के हीराराम पुत्र दमाराम के साथ उसकी शादी की गई थी। इस दौरान उसके भाई का भी विवाह उसके हीराराम की बहिन हरखूदेवी के साथ किया गया था। बाल्यावस्था में परिवारजनों द्वारा उनके किए गए इस विवाह के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। वर्तमान में वह अपने भाई भंवरलाल के साथ बीकानेर में पढ़ रही है।

उसका भाई भी बीकानेर में इंजीनियरिंग कर रहा है। उसके व उसके भाई द्वारा नाबालिग अवस्था में की गई शादी को मानने से इंकार करने पर समाज वाले उनसे नाराज है। पांच दिन पहले उसके कथित ससुरालवालों व समाज के पंच प्रतिनिधियों ने उसके घर में पंचायती कर परिवारजनों पर मुकलावा करने के लिए दबाव डाला। ऎसा नहीं करने पर समाज से बहिष्कृत व हुक्का पानी बंद करने व जान से मारने की धमकी दी।

इस पर दोनों भाई बहिनों द्वारा मुकलावा करने का इंकार करने पर पंच नाराज हो गए। उन्होंने अपहरण कर मुकलावा करने की धमकी दी। उन्होने अन्य कई बातों का जिक्र करते हुए सुरक्षा उपलब्ध करवाने व मुलजिमों को पाबंद करने की मांग की है।

कार्रवाई के निर्देश दिए है : किशोरी अपने भाई के साथ आज कार्यालय में उपस्थित हुई थी। उसने घटनाक्रम की जानकारी देते हुए सुरक्षा उपलब्ध करवाने व दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की। मामला गुड़ामालानी क्षेत्र थाना का होने पर इस संबंध में वहां के पुलिस अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए। इस संबंध मे कानून सम्मत उचित कार्यवाही की जाएगी।
-रामेश्वरलाल मीणा, डिप्टी, बालोतरा

शुक्रवार, 3 अगस्त 2012

राजस्थान के लोक देवता जहरवीर गोगा जी

 

गोगाजी राजस्थान के लोक देवता हैं जिन्हे जहरवीर गोगा जी के नाम से भी जाना जाता है । राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का एक शहर गोगामेड़ी है। यहांभादव शुक्लपक्ष की नवमी को गोगाजी देवता का मेला भरता है। इन्हे हिन्दु और मुस्लिम दोनो पूजते है|


वीर गोगाजी गुरुगोरखनाथ के परमशिस्य थे। चौहान वीर गोगाजी का जन्म विक्रम संवत 1003 में चुरू जिले के ददरेवा गाँव में हुआ था सिद्ध वीर गोगादेव के जन्मस्थान, जो राजस्थान के चुरू जिले के दत्तखेड़ा ददरेवा में स्थित है। जहाँ पर सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग मत्था टेकने के लिए दूर-दूर से आते हैं।कायम खानी मुस्लिम समाज उनको जाहर पीर के नाम से पुकारते हैं तथा उक्त स्थान पर मत्‍था टेकने और मन्नत माँगने आते हैं। इस तरह यह स्थान हिंदू और मुस्लिम एकता का प्रतीक है।मध्यकालीन महापुरुष गोगाजी हिंदू, मुस्लिम, सिख संप्रदायों की श्रद्घा अर्जित कर एक धर्मनिरपेक्ष लोकदेवता के नाम से पीर के रूप में प्रसिद्ध हुए। गोगाजी का जन्म राजस्थान के ददरेवा (चुरू) चौहान वंश के राजपूत शासक जैबर (जेवरसिंह) की पत्नी बाछल के गर्भ से गुरु गोरखनाथ के वरदान से भादो सुदी नवमी को हुआ था। चौहान वंश में राजा पृथ्वीराज चौहान के बाद गोगाजी वीर और ख्याति प्राप्त राजा थे। गोगाजी का राज्य सतलुज सें हांसी(हरियाणा) तक था।

लोकमान्यता व लोककथाओं के अनुसार गोगाजी को साँपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। लोग उन्हें गोगाजी चौहान, गुग्गा, जाहिर वीर व जाहर पीर के नामों से पुकारते हैं। यह गुरु गोरक्षनाथ के प्रमुख शिष्यों में से एक थे। राजस्थान के छह सिद्धों में गोगाजी को समय की दृष्टि से प्रथम माना गया है।

जयपुर से लगभग 250 किमी दूर स्थित सादलपुर के पास दत्तखेड़ा (ददरेवा) में गोगादेवजी का जन्म स्थान है। दत्तखेड़ा चुरू के अंतर्गत आता है। गोगादेव की जन्मभूमि पर आज भी उनके घोड़े का अस्तबल है और सैकड़ों वर्ष बीत गए, लेकिन उनके घोड़े की रकाब अभी भी वहीं पर विद्यमान है। उक्त जन्म स्थान पर गुरु गोरक्षनाथ का आश्रम भी है और वहीं है गोगादेव की घोड़े पर सवार मूर्ति। भक्तजन इस स्थान पर कीर्तन करते हुए आते हैं और जन्म स्थान पर बने मंदिर पर मत्‍था टेककर मन्नत माँगते हैं।आज भी सर्पदंश से मुक्ति के लिए गोगाजी की पूजा की जाती है. गोगाजी के प्रतीक के रूप में पत्थर या लकडी पर सर्प मूर्ती उत्कीर्ण की जाती है. लोक धारणा है कि सर्प दंश से प्रभावित व्यक्ति को यदि गोगाजी की मेडी तक लाया जाये तो वह व्यक्ति सर्प विष से मुक्त हो जाता है. भादवा माह के शुक्ल पक्ष तथा कृष्ण पक्ष की नवमियों को गोगाजी की स्मृति में मेला लगता है. उत्तर प्रदेश में इन्हें जहर पीर तथा मुसलमान इन्हें गोगा पीर कहते हैं

हनुमानगढ़ जिले के नोहर उपखंड में स्थित गोगाजी के पावन धाम गोगामेड़ी स्थित गोगाजी का समाधि स्थल जन्म स्थान से लगभग 80 किमी की दूरी पर स्थित है, जो साम्प्रदायिक सद्भाव का अनूठा प्रतीक है, जहाँ एक हिन्दू व एक मुस्लिम पुजारी खड़े रहते हैं। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा से लेकर भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा तक गोगा मेड़ी के मेले में वीर गोगाजी की समाधि तथा गोगा पीर व जाहिर वीर के जयकारों के साथ गोगाजी तथा गुरु गोरक्षनाथ के प्रति भक्ति की अविरल धारा बहती है। भक्तजन गुरु गोरक्षनाथ के टीले पर जाकर शीश नवाते हैं, फिर गोगाजी की समाधि पर आकर ढोक देते हैं। प्रतिवर्ष लाखों लोग गोगा जी के मंदिर में मत्था टेक तथा छड़ियों की विशेष पूजा करते हैं।

प्रदेश की लोक संस्कृति में गोगाजी के प्रति अपार आदर भाव देखते हुए कहा गया है कि गाँव-गाँव में खेजड़ी, गाँव-गाँव में गोगा वीर गोगाजी का आदर्श व्यक्तित्व भक्तजनों के लिए सदैव आकर्षण का केन्द्र रहा है।

गोरखटीला स्थित गुरु गोरक्षनाथ के धूने पर शीश नवाकर भक्तजन मनौतियाँ माँगते हैं।विद्वानों व इतिहासकारों ने उनके जीवन को शौर्य, धर्म, पराक्रम व उच्च जीवन आदर्शों का प्रतीक माना है।लोक देवता जाहरवीर गोगाजी की जन्मस्थली ददरेवा में भादवा मास के दौरान लगने वाले मेले के दृष्टिगत पंचमी (सोमवार) को श्रद्धालुओं की संख्या में और बढ़ोतरी हुई। मेले में राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश व गुजरात सहित विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

जातरु ददरेवा आकर न केवल धोक आदि लगाते हैं बल्कि वहां अखाड़े (ग्रुप) में बैठकर गुरु गोरक्षनाथ व उनके शिष्य जाहरवीर गोगाजी की जीवनी के किस्से अपनी-अपनी भाषा में गाकर सुनाते हैं। प्रसंगानुसार जीवनी सुनाते समय वाद्ययंत्रों में डैरूं व कांसी का कचौला विशेष रूप से बजाया जाता है। इस दौरान अखाड़े के जातरुओं में से एक जातरू अपने सिर व शरीर पर पूरे जोर से लोहे की सांकले मारता है। मान्यता है कि गोगाजी की संकलाई आने पर ऐसा किया जाता है।गोरखनाथ जी से सम्बंधित एक कथा राजस्थान में बहुत प्रचलित है। राजस्थान के महापुरूष गोगाजी का जन्म गुरू गोरखनाथ के वरदान से हुआ था। गोगाजी की माँ बाछल देवी निःसंतान थी। संतान प्राप्ति के सभी यत्न करने के बाद भी संतान सुख नहीं मिला। गुरू गोरखनाथ ‘गोगामेडी’ के टीले पर तपस्या कर रहे थे। बाछल देवी उनकी शरण मे गईं तथा गुरू गोरखनाथ ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया और एक गुगल नामक फल प्रसाद के रूप में दिया। प्रसाद खाकर बाछल देवी गर्भवती हो गई और तदुपरांत गोगाजी का जन्म हुआ। गुगल फल के नाम से इनका नाम गोगाजी पड़ा|

सुधार गृह से भागे 6 बाल अपचारी

सुधार गृह से भागे 6 बाल अपचारी
जयपुर। ट्रांसपोर्ट नगर थाना इलाका स्थित बाल सुधार गृह से एक बार फिर छह बाल अपचारी भाग निकले। गुरूवार शाम को खाना खाने के बाद भागे इन बाल अपचारियों का 12 घंटे बाद भी पुलिस पता नहीं लगा सकी है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार भागने वालों में तीन उत्तर प्रदेश और तीन जयपुर के बाल अपचारी हैं। इन पर चोरी, लूट व हत्या जैसे गंभीर आरोप थे।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक शाम करीब 7.30 बजे रात का खाना होने के बाद बाल अपचारी भाग गए। बताया जा रहा है कि सुधार गृह में दो मुख्य दरवाजे हैं,जहां सिर्फ एक गार्ड नियुक्त है। बीती शाम को गार्ड ने गलती से दोनों गेट खुले छोड़ दिए। आमतौर पर उसे दूसरा गेट खोलने से पहले पहला गेट बंद करना होता है। गार्ड नया था और उसे व्यवस्था की पूरी जानकारी नहीं थी। ऎसे में मौका पाकर बाल अपचारी भाग निकले।

भागे गए बाल अपचारियों में से दो पर हत्या जैसे संगीन आरोप भी हैं। इनमें हसनपुरा निवासी अपचारी के खिलाफ सदर थाने में और मेरठ निवासी बालक के खिलाफ बगरू थाने में हत्या का मामला दर्ज है। जवाहर सर्किल और प्रताप नगर के दो थानों में दो अन्य बाल अपचारियों के खिलाफ चोरी के मामले दर्ज हैं। इसी तरह गाजियाबाद निवासी फरार अपचारी के खिलाफ विश्वकर्मा थाने में लूट का मामला दर्ज है।

पहले भी भागे हैं अपचारी
गौरतलब है कि पहले भी इस तरह की वारदातें हो चुकी हैं जिसमें बाल अपचारी दीवार कूदकर या दूसरे तरीकों से सुधारगृहों से भागते रहे हैं। हर घटना के बाद सुरक्षा और निगरानी कड़ी करने की बात की जाती है, लेकिन कल हुई घटना के बाद ऎसा आभास होता है कि पिछली घटनाओं से सबक नहीं लिया गया।

विजय ने शूटिंग में जीता"सिल्वर मैडल"

विजय ने शूटिंग में जीता"सिल्वर मैडल"
लंदन। लंदन ओलंपिक में भारत को दूसरा मैडल मिल गया है। यह पदक भी भारत को शूटिंग में ही हासिल हुआ है। निशानेबाज विजय कुमार ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में सटीक निशाने लगाते हुए सिल्वर मैडल हासिल किया। यह मुकाबला शुक्रवार शाम हुआ। शूटिंग में भारत को यह दूसरा पदक हासिल हुआ है। पहला पदक गगन नारंग के नाम रहा था।

मूलत हिमाचल प्रदेश के रहने वाले विजय की जीत की खबर आते ही खुशी की लहर दौड़ गई। उनके निवास पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। विजय की जीत पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने एक करोड़ रूपए देने की घोषणा की है।

जैसलमेर जुआ खेलते हुए गिरफ्तार :


जुआ खेलते हुए गिरफ्तार : 

जैसलमेर जिला पुलिस अधीक्षक जैसलमेर ममता राहुल ने बताया कि शहर जैसलमेर में जुआरियों व सट्टे बाजों की धरपकड़ हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत आज दिनांक 03.08.12 को कस्बा चौकी जैसलमेर से श्री नरेश कुमार मुख्य आरक्षक मय कानि0 हुकमदान, राजूसिंह व कृष्णकुमार द्वारा सत्यदेव पार्क सार्वजनिक स्थान पर पर्चीयों पर अंक लगा कर गुबाखाई करते अपराधी प्रवीणकुमार पुत्र श्री भगवानदास जाति खत्री नि0 दर्जी पाड़ा हाल इन्द्रा कोलोनी जैसलमेर के कब्जा से जुआ राशि 160 रूपये मय जुआ आशियाय बरामद किया जाकर अभियुक्त के खिलाफ धारा 13 आरपीजीओ के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करवाया हैं।

अनशन खत्म, अब चुनावी जंग में जुटेगी टीम अन्ना



नई दिल्ली. टीम अन्‍ना के मंच से अब यह साफ हो गया है कि टीम राजनीति में उतरेगी। अरविंद केजरीवाल ने यह स्पष्ट कर दिया कि वो राजनीति में उतरेंगे और देश को नया राजनीतिक विकल्प देंगे। अन्ना हजारे और उनकी टीम का अनशन समाप्त हो गया है। पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने टीम का अनशन समाप्त करवाया।
LIVE: अनशन खत्म, अब चुनावी जंग में जुटेगी टीम अन्ना 
पार्टी बनाने के फैसले पर मुहर लगाते हुए अन्ना हजारे ने कहा, '1975 में मैं सेना से वापस आ गया। आज 35 साल हो गए और यह लड़ाई जारी है। इस लड़ाई में 400 से ज्यादा भ्रष्ट अफसर घर चले गए। व्यस्था परिवर्तन हो, सिस्टम हो इसलिए यह लड़ाई है। मैंने निर्णय लिया था कि मैं कोई पक्ष और पार्टी नहीं निकालूंगा, मैं इलेक्शन नहीं लड़ूंगा लेकिन देश की जनता के लिए मैं राजी हो गया हूं क्योंकि वीके सिंह और देश के बड़े और वरिष्ठ लोगों ने मुझसे अपील की। इसी कारण हमने अनशन छोडऩे का निर्णय लिया है। अभी मैंने यह तय किया है कि लोगों को राजनीतिक विकल्प देने के लिए पूरे देश में मैं घूमता रहूंगा। जनता अगर जाग गई तो मुझे विश्वास है कि जरूर जनता विकल्प के बारे में सोचेगी और गद्दार लोगों को घर भेज देगी।'


वहीं दो महीने पहले ही सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए जनरल वीके सिंह ने अन्‍ना को राजनीति में उतरने की सलाह दी। उन्‍होंने कहा कि आज देश में 1975 जैसे हालात हैं। इसे बदलने के लिए जरूरी है कि स्‍वच्‍छ छवि के लोग राजनीति में आएं। सिंह ने कहा, 'ऐसे में आपके (जनता) माध्‍यम से अन्‍ना जी ने राजनीति में उतरने की हमारी अपील मानी है, इसके लिए शुक्रिया। हमने ये अपील की कि ये आंदोलन ठीक है लेकिन आपको एक और बड़ा आंदोलन करना है। वो आंदोलन है राजनीति को बदलने का, एक ऐसा राजनीतिक विकल्प रखना जिसमें सही लोकतंत्र जनता के सामने आए।'


आज देश में बहुत समस्याएं हैं जिनमें सबसे बड़ी समस्या भ्रष्टाचार है। अनुसाशन और प्रशासन कमजोर हो रहा है, महंगाई लोगों की कमर तोड़ रही है। ऐसा लग रहा है शायद हम दिशाहीन हो गए हैं। उन्‍होंने कहा कि आपदा के समय सेना काफी अच्‍छा काम करती है तो सरकार क्‍यों नहीं कर सकती। उन्‍होंने जंतर मंतर पर जुटी जनता को संबोधित करते हुए कहा कि जो जज्‍बा सेना के पास है, वही आपके पास भी है। इसलिए आप चाहें तो तस्‍वीर बदल सकती है।


इससे पहले टीम अन्‍ना के सदस्‍य गोपाल राय और योगेंद्र यादव ने भी चुनावी राजनीति में उतरने की खुली वकालत की है। उनका कहना है कि 2014 में उनके लोग चुनाव जीत कर आएंगे तो मौजूदा सरकार के सभी 15 'भ्रष्‍ट मंत्री' जेल में होंगे।

मोहनगढ बाड़मेर लिफ्ट केनाल का नाम सिद्व श्री खेमा बाबा करने की मांग

मोहनगढ बाड़मेर लिफ्ट केनाल का नाम सिद्व श्री खेमा बाबा करने की मांग  
राज्यपाल को भेजा ज्ञापन


महाराजा सूरजमल फाउण्डोन के प्रभारी चौधरी देव पाबड़ा ने महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर बाड़मेर जिले की महत्वी जल परियोजना मोहनगढ बाड़मेर लिफ्ट केनाल का कार्य शुरू होने के साथ महाराजा सूरजमल फाउण्डोन की ओर से सिद्व श्री खेमा बाबा लिफ्ट केनाल करने की मांग की जा चुकी है ।
सिद्ध श्री खेमा बाबा बाड़मेर जैसलमेर जिले के आम जन के आराध्य देव है । हर गांव में आराधना की जाती है। सर्व समाज के लोग बाबा की पुजा करते है। लिफ्ट केनाल के भाुरूआत मोहनग में भी सिद्ध श्री खेमा बाबा का मंदिर है तथा हर गांव कस्बें में सिद्ध श्री खेमा बाबा का नाम है। आम जन की भावना को देखते हुए महाराजा सूरजमल फाउण्डोन की ओर से लिफ्ट केनाल भाुरू होने पर ही नाम सिद्ध श्री खेमा बाबा करने हेतू मोहनगबाड़मेर लिफ्ट केनाल का नाम सिद्ध श्री खेमा बाबा करने की मांग की जा चुकी है।
महाराजा सूरजमल फाउण्डोन की मांग है कि केनाल का नाम सर्व समाज की भावना को मध्यनजर रखते हुए सर्व समाज के आराध्य देव सिद्ध श्री खेमा बाबा लिफ्ट केनाल परियोजना करवाने का आदो फरमावें।
महाराजा सूरजमल फाउण्डोन के प्रभारी चौधरी देव पाबड़ा ने सभी समाज के लोगो स अपील की है कि सिद्व श्री खेमा बाबा लिफ्ट केनाल नाम करवाने में सहयोग करे।
श्री सिद्ध श्री खेमा बाबा मंदिर, मोहनगढ में भक्तों ने लिफ्ट केनाल का नाम सिद्ध श्री खेमा बाबा करने की मांग को दिया समर्थन


जैसलमेर के मोहनगढ में स्थित सिद्ध श्री खेमा बाबा मंदिर में रात्रि जागरण का आयोजन हुआ जिसमें सिद्ध श्री खेमा बाबा के भक्तों ने मोहनगढ बाड़मेर लिफ्ट केनाल का नाम सिद्ध श्री खेमा बाबा लिफ्ट केनाल करने का प्रस्ताव सर्व सहमति से पारित किया। तथा मांग की बाड़मेरजैसलमेर के जनजन के आराध्य देव जिनकी हर गांवकस्बे में पुजा की जाती है तथा लिफ्ट केनाल भी बाबा के मंदिर के पास से जा रही है जिसका नाम सिद्ध श्री खेमा बाबा लिफ्ट केनाल होना चाहिए।

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बालक के साथ मारपीट करने वाला पुलिस कर्मी निलम्बित

पुलिस की छवि ख़राब करने वाले पुलिसकर्मी बर्दास्त नहीं ..ममता


बालक के साथ मारपीट करने वाला पुलिस कर्मी निलम्बित


जैसलमेर जैसलमेर पुलिस अधीक्षक ने एक पुलिसकर्मी द्वारा एक बालक के साथ मारपीट करने तथा उसे जान से मरने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस की छवि ख़राब करने वाले पुलिसकर्मी को निलंबित कर पुलिस कर्मियों को सन्देश दिया की जनता के बीच छवि ख़राब करने वालो से कड़ाई से निपटा जाएगा .गुरूवार को देवीलाल पुत्र श्री गिरधारी लाल जाति माली नि0 कच्ची बस्ती डेडांसर रोड़ जैसलमेर ने हाजर थाना होकर एक लिखित रिपोर्ट पेश की कि मेरा पुत्र अक्षय दुध लेने घर से बाहर गया था रास्ते में हाथीसिंह नामक पुलिस का सिपाही मिला मेरे पुत्र को जबरदस्ती उठाकर ले गया रास्ते में उसके साथ मारपीट की बच्चे की आवाज सुनकर माली समाज के कुछ लोगों ने तोलाराम, विजयकुमार आवाज सुनकर वहां पहुंचे। हाथीसिंह ने मेरे बच्चे को गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की बच्चा वहां बेहोश हो गया। लोगों ने हाथीसिंह को पकड़ लिया बच्चा बेहोश होने से रिपोर्ट कर रहा हूं। उक्त रिपोर्ट पर पुलिस थाना जैसलमेर में धारा 365,323 भादस के मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया जाकर मुल्जिम हाथीसिंह पुत्र खंगारसिंह जाति राजपूत उम्र 52 साल नि0 बड़ोडा गांव हाल कानि0 452 पुलिस लाईन जैसलमेर को गिरफ्तार किया गया।
उक्त घटना की जानकारी जिला पुलिस अधीक्षक जैसलमेर ममता राहुल को मिलने पर पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस कर्मी द्वारा वर्दी में इस प्रकार की वारदात को अंजाम देकर पुलिस छवि खराब करने को गम्भीरता से लेते हुए। पुलिस कर्मी हाथीसिंह को तुरंत प्रभाव से निलम्बित किया गया। पुलिस अधीक्षक द्वारा थानाधिकारी पुलिस थाना जैसलमेर विरेन्द्रसिंह निपु को उक्त पुलिस कर्मी के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने के भी आदेश दिये।
पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त घटना को गम्भीरता से लेते हुए जिले के समस्त पुलिस विभाग को भी निर्देशित किया कि आईन्दा किसी भी पुलिस कर्मी द्वारा पुलिस की छवि खराब करने संबंधी किसी भी प्रकार की कोई वारदात को अंजाम देने की कोशिश नहीं करें। जिससे जनता में पुलिस की छवि खराब हो। अगर किसी भी पुलिस कर्मी द्वारा जनता में पुलिस छवि खराब करने संबंधी कोई वारदात की गई तो उसके विरूद्ध कठोर कानूनी एवं विभागीय कार्यवाही की जावेंगी।

बाड़मेर दहेज़ प्रताड़ना सहित कई मामले दर्ज अनुसन्धान शुरू

बाड़मेर दहेज़ प्रताड़ना सहित कई मामले दर्ज अनुसन्धान शुरू 
अवेध हथकड़ी शराब सहित एक गिरफ्तार

जिले में अवेध शराब की रोकथाम हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत श्री चुतराराम हैड कानि. मय पुलिस पार्टी थाना चौहटन द्वारा रामसर फांटा पर मुलजिम मोहनलाल पुत्र खींमाराम नि. चौहटन आगोर को दस्तयाब कर उसके कब्जा से 4 बोतल हथकड़ी ाराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना चौहटन पर आबकारी अधिनिमय के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।


वाहन पलटने से एक की मौत
बाड़मेर अमृत भाई पुत्र नेनाजी ठाकुर नि. कुबड़थल ने मुलजिम दीपक भाई पुत्र रमन भाई पटेल नि. कुबड़थल के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा वाहन जीजे 1 केएच 2155 को तेजगति व लापरवाही से चलाकर पलटी खिलाने से चालक स्वयं दीपक भाई व गोपालभाई की मृत्यु होना व अन्य के चोटे आना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सिणधरी पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

चोरी का मामला दर्ज
बाड़मेर मन्जुदेवी पत्नि गोतम सोनी नि. रॉयकालोनी बाड़मेर ने मुलजिम पूर्णसिंह उर्फ अजीतसिंह राजपूत नि. चुली वगेरा 2 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा रात्रि के समय मुस्तगीसा की दुकान में प्रवेश कर अन्दर रखा सामान चुराकर ले जाना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली बाड़मेर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।


जमीन हड़पने का मुकदमा दर्ज
बाड़मेर नरसिंगाराम पुत्र सोनाराम मेगवाल नि. भीयाड़ ने मुलजिम प्रहलादराम पुत्र सोनाराम मेगवाल नि. भीयाड़ वगेरा 5 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस के साथ धोखाधड़ी कर कुटरचित दस्तावेज तैयार कर जमीन हड़पना व मारपीट करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना शिव पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
दहेज़ प्रताड़ना का मामला दर्ज


बाड़मेर श्रीमति ममता पत्नि महेन्द्र दर्जी नि. बालोतरा ने मुलजिम महेन्द्र पुत्र आसुजी दर्जी नि. तालियाना जालोर वगेरा 4 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीसा को दहेज के लिए तंग व परेशान कर प्रताड़ित कर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना बालोतरा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

बाड़मेर युवती को भगा ले गए


बाड़मेर युवती को भगा ले गए 

बाड़मेर बाड़मेर जिले के असाडा से एक युवती को बहला फुसला कर भगा कर ले जाने का मामला दर्ज किये गए हें .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की चन्द्रप्रकाश पुत्र डुंगराराम मेगवाल नि. टापरा ने मुलजिम माणक पुत्र हड़मानराम मेगवाल नि. असाड़ा वगेरा तीन के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस की बहिन को शादी करने की नियत से बहला फुसलाकर भगाकर ले जाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना बालोतरा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

वर्दी पर दागः पुलिस वाले ने की मासूम के साथ घिनौनी हरकत, मामला दर्ज



जयपुर. ग्रामीण पुलिस लाइन में तैनात एक सिपाही बुधवार शाम को 15 वर्षीय बालक को बल्ब मंगवाने के बहाने अपने क्वार्टर में ले गया और उसके साथ अभद्रता करने लगा। मौका देखकर बालक कमरे की कुंदी खोल भाग निकला। घर जाकर परिजनों को घटना की जानकारी दी। इसके बाद बालक की रिपोर्ट पर ब्रह्मपुरी पुलिस ने आरोपी सिपाही के खिलाफ बंधक बनाने और मारपीट करने का मामला दर्ज किया है।
 

पुलिस ने बताया कि पीडि़त मनीष कुमार गुर्जर घाटी ब्रम्हपुरी का रहने वाला है। मनीष ने पुलिस बयानों में बताया कि बुधवार शाम को वह ट्यूशन पढ़ कर घर जाकर जा रहा था। रास्ते में जलमहल के पास पुलिस लाइन में तैनात सिपाही ज्ञानचंद मिला। उसने बीस रुपए देकर बल्ब लाने को कहा। पास की दुकान से वह बल्ब खरीदकर ज्ञानचंद के पास गया तो वह उसे लेकर पुलिस लाइन में अपने क्वार्टर में ले गया। वहां बालक के साथ गलत हरकतें करने लगा। बालक ने किसी तरह से कमरे की कुंदी खोली और घर जाकर परिजनों को बताया। तब परिजन उसे लेकर ब्रम्ह्पुरी थाने गए।

सांप्रदायिक सदभाव की मिशाल .....हिन्दू भी रख रहे हें रोजे

रोजे छोड़ते हिन्दू 

पाकिस्तान  स्थित पीर पिथोरा का मंदिर 

सांप्रदायिक  सदभाव की मिशाल .....हिन्दू भी रख रहे हें रोजे

बाड़मेर: भारत-पाकिस्तान सरहद पर बसे राजस्‍थान के बाड़मेर जिले के पाकिस्तान से सटे सरहदी गांव सांप्रदायिक सद्भावना की अनुठी मिसाल पेश करते हैं। एक तरफ जहां मुस्लिम, हिंदुओं के त्‍योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं, वहीं हिंदू परिवार रमजान के पवित्र माह में रोजे रख मुस्लिम भाइयों की खुशी में शरीक होते हैं।

बाड़मेर जिले के सरहदी गांवों में हिंदू परिवारो द्वारा रोजे रखने की पुरानी परम्परा हैं। भारत-पाकिस्तान विभाजन एवं उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान पाकिस्तान से भारत आए हिंदू और मुस्लिम परिवारों में समान रीति रिवाज हैं। हिंदुओं में, विशेष कर मेघवाल जाति के परिवार सिन्ध के महान संत पीर पिथोरा के अनुयायी हैं। सिन्धी मुसलमान भी पीर पिथोरा में समान आस्था रखते हैं। पीर पिथोरा के जितने भी अनुयायी हैं, वे पीर पिथोरा के उपदेशों की पालना के तहत रमजान के महीने में श्रद्धानुसार रोजे रखते हैं।

पाकिस्‍तान की सीमा से सटे बाड़मेर के गौहड का तला, रबासर, साता, सिहानिया, बाखासर, केलनोर सहित सैकडों गांवों के हिंदू रोजे रख सांप्रदायिक सद्भावना का परिचय दे रहे हैं। नवातला निवासी पाताराम ने बताया कि वह अपनी समझ के साथ हर साल रोजे रखते हैं और रोजे के दौरान बाकायदा नमाज भी पढ़ते हैं।

सरहद पर रह रहे हिन्दू और मुस्लिम परिवारों के रीति-रिवाजों भी कोई ज्यादा फर्क नहीं है। शादी, विवाह, मृत्यु, तीज-त्‍योहार, खान-पान, पहनावा तथा भाषा समान है। हिंदू परिवारों के छोटे-छोटे बच्चे भी रोजे रखते हैं। मौलवी हनीफ मोहम्मद ने बताया कि सरहद पर हिंदू और मुस्लिम भाईचारे के साथ रहते हैं। दोनों के रीति-रिवाजों में इतनी समानता है कि कई बार भेद करना मुश्किल हो जाता है। रमजान में तो हिंदू और मुस्लिम साथ-साथ रोजे रखते हैं। एक दूसरे के यहां इफ्तार भी करते हैं।

हालांकि, पीर पिथोरा का धार्मिक स्थल पाकिस्तान में है, मगर उनके अनुयाइयों ने बाड़मेर जिले के जयसिंधर गांव के समीप जेता की जाल नामक धार्मिक स्थल बनाया, जहां पीर पिथोरा की पूजा होती है। पीर पिथोरा की पूजा मुसलमान भी करते हैं। यही वजह है कि बाड़मेर जिले के सरहदी गांव सांप्रदायिक सद्भावना के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं।सरहद पार पकिस्तान में भी हिन्दू देवी देवताओ के प्रति मुस्लिम समुदाटी में जबरदस्त आस्था हें ,राजस्थान के लोक देवता बाबा रामदेव ,पाबूजी ,वीर तेज्ज़ ,माता हिंगलाज ,माता रानी भटीयानिजी,आदी लोक देवो के प्रति आस्था झलकती हें .राजस्थान के बाड़मेर जिले के सरहदी इलाको में बसे हिन्दू भी परंपरागत रूप से रमजान के पवित्र महीने में रोजे रखते हें ,

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Jaswant Singh to challenge Hamid Ansari for Vice-President's post

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उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में राजग अब सम्मानजनक मुकाबले की कोशिश में


यूपीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हामिद अंसारी के मुकाबले काफी पीछे दिखने के बावजूद भाजपा का प्रयास है कि राजग उम्मीदवार जसवंत सिंह के लिए अधिक से अधिक समर्थन जुटा कर इस मुकाबले को कुछ हद तक सम्मानजनक बना दिया जाए। इसी प्रयास के तहत सिंह के छह अगस्त को अन्ना द्रमुक की प्रमुख जयललिता से भेंट किए जाने की संभावना है ताकि पार्टी से समर्थन की औपचारिक घोषणा करवाई जा सके। जसवंत सिंह की टीम को अन्ना द्रमुक के साथ-साथ बीजद का भी समर्थन मिलने का भरोसा है। इसी सिलसिले में भाजपा तेलुगु देशम पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के संपर्क में भी है ताकि ज्यादा से ज्यादा समर्थन जुटाने की कोई कोशिश बाकी न रह जाए।

भाजपा के सूत्रों का कहना है कि जसवंत सिंह अन्ना द्रमुक का औपचारिक समर्थन पाने के प्रयास के तहत संभवत: छह अगस्त को चेन्नई जाकर अन्ना द्रमुक की नेता और राज्य की मुख्यमंत्री जयललिता से मिलेंगे।

मुख्य विपक्षी दल को उम्मीद है कि राष्ट्रपति चुनाव में अन्ना द्रमुक और बीजद के उम्मीदवार पीए संगमा को उसकी ओर से समर्थन दिए जाने को देखते हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में ये दोनों दल उसके उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। साथ ही भाजपा तेलुगु देशम पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के संपर्क में भी है। वह इन दोनों दलों से जसवंत सिंह के पक्ष में समर्थन जुटाने या फिर उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है।

जसवंत सिंह के प्रचार में जुटी उनकी टीम की हर रोज विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के निवास पर बैठक होती है जिसमें ताजा स्थिति का जायजा लेने के साथ भविष्य की रणनीति पर विचार किया जाता है। इन बैठकों में एसएस आहलुवालिया, अनंत कुमार और शाहनवाज हुसैन सहित पार्टी के कई दूसरे नेता मौजूद होते हैं।