रविवार, 8 जुलाई 2012

इंदिरा की आंख से कांप उठता था पाक

इंदिरा की आंख से कांप उठता था पाक
मुंबई। शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ करते हुए कहा है कि लिखा है कि इंदिरा की त्योरियां चढ़ते ही पाकिस्तान कांप उठता था। ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र सामना में "लातों के भूत बातों से नहीं मानते" शीर्षक से संपादकीय में लिखा है कि पाकिस्तान से दुश्मनी हिंदुस्तान की मजबूरी है। पाकिस्तान का जन्म ही हिंदुस्तान के द्रोह की बुनियाद पर हुआ है। उसकी दुश्मनी का परिणाम हमें बीता साठ सालों में लगातार भोगना पड़ा है।

महाराष्ट्र के बीड़ जिले का रहने वाला आतंकी सैयद जबीउद्दीन उर्फ अबू हमजा उर्फ अबू जिंदाल हिंदुस्तान से हथियारों की बरामदगी के बाद फरार हो जाता है। पाकिस्तान जाकर उसे वहां की नागरिकता और पासपोर्ट मिल जाता है। वह जिंदाल से रियासत अली बन जाता है। क्या पाकिस्तान के सरकारी तंत्र के बिना यह संभव था? जब उसे सऊदी अरब में गिरफ्तार किया गया तो पाकिस्तान ने उसे अपना नागरिक बताकर बचाने की कोशिश की। रियासत अली के लिए पाकिस्तान का यह प्रेम क्या आईएसआई के दबाव के बिना संभव है? यह वहां के आतंकियों के आका के रूप में काम कर रही आईएसआई या सत्ता में बैठे लोगों के बिना संभव नहीं है।

सारे ठोस सबूत होने के बाद हिंदुस्तान को पाकिस्तान से सीधी बात करनी चाहिए कि वह मुंबई हमले में शामिल आतंकियों को ईमानदारी से सौंपेगा या फिर भारत की संप्रभुता पर प्रहार करने के लिए जंग झेलेगा। ठाकरे लिखते हैं कि अगर आज इंदिरा गांधी का शासनकाल होता तो भारतीय राजनय की भाषा कुछ इसी प्रकार होती। इंदिरा गांधी हिंदुस्तानी थी। इसलिए उनके अंतर्मन में हिंदुस्तानियों की मौत पर प्रतिशोध का भाव उठता था। इंदिरा की त्योरियां चढ़ेते ही पाक कांप जाता था। मुंबई हमले के बाद प्रणब मुखर्जी ने ऎसी ही भाषा बोली थी तो पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी आईएसआई के तत्कालीन चीफ शुजा पाशा को भारत भेजने पर राजी हुए थे। लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ढीले रवैए के कारण जरदारी पलट गए।

रूस की महिला से गैंगरेप, पीड़िता मेडिकल जांच नहीं कराने की जिद पर अड़ी


 
नई दिल्‍ली. रूस की एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसके साथ पांच अज्ञात लोगों ने रेप किया। महिला की शिकायत पर सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने रविवार को बताया कि यह घटना उस वक्‍त हुई जब महिला अपने पति के साथ यहां स्थित मजनू का टीला गई। महिला ने सुबह करीब आठ बजे रेप की शिकायत दर्ज कराई।

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने महिला की शिकायत का हवाला देते हुए कहा कि जब विदेशी महिला अपने पति के साथ मजनू का टीला इलाके में घूम रही थी तभी कुछ लोगों ने उसके साथ जबरदस्‍ती की और सुनसान जगह पर ले जाकर रेप किया।

हालांकि अधिकारी के मुताबिक पीडित महिला को जब केस दर्ज करने के बाद मेडिकल जांच के लिए अरुणा आसफ अली अस्‍पताल ले जाया गया तो उसने जांच कराने से इनकार कर दिया।

इसके बाद पुलिस ने दिल्‍ली महिला आयोग की अधिकारी शुभ्रा मेहदीरत्‍ता की मदद ली ताकि महिला की मेडिकल जांच कराई जा सके, लेकिन विदेशी महिला मेडिकल जांच नहीं कराने की जिद पर अड़ी रही। विदेशी महिला से बात करने के लिए दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में रूसी भाषा के जानकार शिव कुमार की भी मदद ली गई लेकिन, पीडिता ने पुलिस को लिखकर दे दिया कि वह इस मामले को ज्‍यादा तूल नहीं देना चाहती है।

पुलिस अधिकारी ने बताया, 'हमने महिला की शिकायत के बारे में रूसी दूतावास को खबर कर दी है। हमने यह भी बता दिया कि महिला इस केस को आगे बढ़ाना नहीं चाहती है।'




अधिकारी ने बताया कि उन्‍होंने रूसी महिला के कॉन्‍टैक्‍ट डिटेल ले लिए हैं और पुलिस के नंबर भी दे दिए हैं। पीडि़त महिला जब भी चाहे, पुलिस से संपर्क कर सकती है।



रूसी महिला बीते 28 फरवरी को दिल्‍ली आई थी जबकि 15 दिन बाद उसका पति यहां पहुंचा था।

पढ़िए, 16 साल की लड़की और 19 साल के प्रेमी का एक खूंखार प्लान!



नासिक। कम उम्र का बहकना और आवेश में आकर रिश्ते की मर्यादा को भूल जाने का यह दर्दनाक और दिल दहला देने वाला मामला है.

एक 16 साल की लड़की 19 साल के लड़के के प्रेम में ऐसा फंसती है कि अपनी मां को ही सबसे बड़ा दुश्मन समझ बैठती है. इसके बाद जो होता है वह पढ़कर शायद आपके रोंगटे खड़े हो जायें.
 

16 साल की इस लड़की ने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर अपनी विधवा मां का मर्डर सिर्फ इसलिए कर दिया क्योंकि उसे इन दोनों की दोस्ती मंजूर नहीं थी। मर्डर के बाद इन दोनों ने लाश को ठिकाने भी लगा दिया। वाकया नासिक से 70 किमी दूर कसरा घाट इलाके का है।

भद्रकाली पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर सी. ए. बरावकार ने बताया कि लड़की के बॉयफ्रेंड की उम्र 19 साल है। 02 जुलाई को लड़की ने अपने बॉयफ्रेंड को घर बुलाया। लड़के ने पहले चाकू मारा फिर गला दबाकर उसकी मां का मर्डर कर दिया। इसके बाद इन दोनों ने लाश को कार में डालकर उसे कसरा घाट के पास ठिकाने लगा दिया।

इसके बाद लड़की थाने पहुंची और अपनी मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई। तफ्तीश के बाद पुलिस ने खुलासा किया कि लड़की ने ही अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर अपनी मां की हत्या कर दी है।

पुणे में सेक्‍स रैकेट का भंडाफोड़, दो एक्‍ट्रेस गिरफ्तार


पुणे.फिल्‍म और टीवी की ग्‍लैमरस दुनिया का बदरंग चेहरा एक बार फिर सामने आया है। पुणे के एक आलीशान होटल से दो अभिनेत्रियों को सेक्‍स रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये फिल्‍मों में छोटे-मोटे रोल करने वाली अभिनेत्रियां हैं।
पुलिस को फिल्‍मों में स्‍पॉट ब्‍वॉय का काम करने वाले एक युवक पर इन अभिनेत्रियों का एजेंट होने का शक हुआ। पुलिस ने जाल बिछाया और 'कस्‍टमर' के तौर पर उससे लड़कियां मुहैया कराने को कहा। सीनियर पुलिस इंस्‍पेक्‍टर भानुदास बर्गे ने बताया कि होटल पर छापा मारकर दो अभिनेत्रियों को गिरफ्तार किया गया है। ये अभिनेत्रियां सी ग्रेड की फिल्‍मों में काम करती थीं।

पोकरण की ख़बरें

पोकरण की  ख़बरें 

पुलिस से धक्कामुक्की युवती को जेल भेजा
पोकरण। रेलवे स्टेशन क्षेत्र में शुक्रवार रात व्यक्ति से मारपीट करने के आरोप में पुलिस ने युवक को गिरफ्तार किया। वहीं शांतिभंग करने व पुलिस से बद्तमीजी करने के आरोप में एक युवती को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार रेलवे स्टेशन क्षेत्र निवासी मांगीलाल चौधरी ने शनिवार शाम रिपोर्ट दी कि रेलवे स्टेशन निवासी नेपालसिंह, रतनसिंह पुत्र घेवरसिंह तथा संजूकंवर व किरणकंवर पुत्री घेवरसिंह ने उससे मारपीट की। जिस पर उपनिरीक्षक गंगाराम चौधरी उनके निवास पर गए।

इसी दौरान किरणकंवर ने पुलिस से धक्का मुक्की व बद्तमीजी की। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां उसे न्यायिक अभिरक्षा में रखने के आदेश दिए गए। पुलिस ने रविवार को मारपीट के आरोपी नेपालसिंह को भी गिरफ्तार किया। जिस सोमवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।





दिन दहाड़े चोरी नगदी व गहने पार
पोकरण। कस्बे के गुराणियो के बास में शनिवार को एक मकान में अज्ञात चोरों ने दिन दहाड़े घुसकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया। पुलिस के अनुसार जोधपुर निवासी राजेश पुत्र मदनलाल ने बताया कि वह गत कई महिनों से पोकरण में एक दुकान पर नौकरी करता है। गुराणियों की गली में एक किराए के मकान में निवास करता है। शनिवार को सुबह नौ बजे मकान के ताले देकर वह दुकान पर चला गया।

घर के अन्य सदस्य दो दिन से जोधपुर गए हैं। वह जब वह दोपहर दो बजे बाद खाना खाने घर आया, तो अंदर के कमरे का ताला टूटा हुआ था। कमरे का सामान अस्त व्यस्त बिखरा हुआ पड़ा था। जिस पर उसने पड़ौसियों व पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौका मुआयना किया। पुलिस को दी गई रिपोर्ट के अनुसार संदूक में रखे 11 हजार रूपए नकद, आधा तोला सोने की अंगूठी व करीब 27 तोला चांदी की पायल चोरी होना बताया गया है।

आरटेट में राजस्थानी भाषा शामिल करने को लेकर आज होगी बैठक


आरटेट में राजस्थानी भाषा शामिल करने को लेकर आज होगी बैठक
बाड़मेर. सितंबर माह में होने वाली राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा में राजस्थानी भाषा को भाषा विषय के रूप में शामिल करने के लिए चलाए जाने वाले अभियान की तैयारी को लेकर उत्तरलाई रोड स्थित जयनारायण व्यास बीएड कॉलेज में रविवार सुबह 11 बजे संघर्ष समिति की जिला बैठक आयोजित होगी। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी ने बताया कि प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बारहठ के निर्देशानुसार आरटेट में राजस्थानी भाषा को बतौर भाषायी विषय शामिल करने को लेकर बाड़मेर में भी अभियान को छेड़ा जाएगा। बैठक में समिति से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ ही मोटियार परिषद, राजस्थानी महिला परिषद, चिंतन परिषद व छात्र परिषद के पदाधिकारी व आरटेट परीक्षार्थी शामिल होंगे।

अवतार सिंह इंद्रोई छात्र परिषद के महासचिव मनोनीत: अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के आनुषांगिक संगठन राजस्थानी छात्र परिषद के जिलाध्यक्ष अशोक सारला ने कार्यकारिणी की घोषणा की। सारला ने बताया कि समिति के संभाग उप पाटवी चंदनसिंह भाटी व मोटियार परिषद के पाटवी रघुवीरसिंह तामलोर के निर्देशानुसार तरुण मुखी, राणूसिंह आगोर व श्रवणसिंह लखा को उपाध्यक्ष व अवतार सिंह इंद्रोई को महासचिव बनाया गया है। वहीं सह सचिव गणेश भील व शिवराजसिंह आगोर तथा तरुणसिंह सोढ़ा, जीतू फुलवारी, अचला राम माली, ललित भील व नरेंद्र अणखिया को बतौर कार्यकारिणी सदस्य शामिल किया है।

वृंदावन भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली

वृंदावन भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली

वृंदावन उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला के अंतर्गत आता है। यह भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली था। वह अपने सखाओं के साथ गाय चराने और खेलने के लिए यहां आया करते थे। यहां पर मंदिरो की संख्या काफी अधिक है। पूरे वृंदावन में लगभग पांच हजार मंदिर है। क्षेत्रफल के अनुपात में यह संख्‍या काफी अधिक है। यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण को काफी प्रिय था। ज्यादा लीलाये भगवान कृष्ण ने यही पर ही रचाई थीं। मथुरा और वृंदावन आपस में अंर्तसंबंधित है। कहा जाता है भगवान कृष्ण वृंदावन छोड़कर नही गये है वह आज भी वृंदावन में है।

कृष्ण भक्तो के लिए यह महत्वपूर्ण स्थान है। प्रत्येक व्यक्ति की यह इच्छा होती है कि वह देह त्याग से पूर्व एक बार वृंदावन जरूर आये। भगवान श्रीकृष्ण ने अपना अधिकांश समय यहीं पर व्‍यतीत किया था। इसी कारण वृंदावन को अन्य धार्मिक स्थलो से अलग माना जाता है। चैतन्य महाप्रभु का कहना था कि वृंदावन वह धाम है, जहां पर कण-कण में भगवान कृष्ण बसते है। यहां के पेड़ो, पत्तो आदि के अन्दर भी भगवान श्रीकृष्ण का वास है। इसे प्रधान धाम भी कहा जाता है। प्रत्येक व्यक्ति यहां पर आकर ही जीवन के सत्य को जान पाता है। वृंदावन में आकर सभी को आध्यात्मिक आंनद की प्राप्ति होती है।

वृंदावन परिक्रमा
वृंदावन परिक्रमा की प्रथा प्रचीन काल से चली आ रही है। भगवान श्रीकृष्ण के भक्त वृंदावन की परिक्रमा करते है। परिक्रमा मार्ग शहर के बाहरी हिस्से में है।

इस परिक्रमा मार्ग से पूरे वृंदावन की परिक्रमा की जा सकती है। परिक्रमा मार्ग इस्‍कॉन मंदिर से प्रारंभ होता है। परिक्रमा करने में तीन से चार घंटे का समय लगता है। परिक्रमा मार्ग 10 कि.मी. का है। परिक्रमा मार्ग मे काफी सारे दर्शनीय स्थल पड़ते है। इन दर्शनीय स्‍थलों में प्रमुख है, कालिया घाट, मदन मोहन मंदिर, ईमली ताल, श्रृंगार वट, केसरी घाट। वैसे तो परिक्रमा पूरे महीने चलती है परन्तु एकादशी के दिन परिक्रमा करने का विशेष महत्व है।

क्या देखें
निधि वन
यह सेवा कुंज की तरह का ही एक बगीचा है। नृत्य लीला और रास लीला के बाद राधा-कृष्ण ने यहां पर विश्राम किया था। यहां पर रंग महल है, जिसे राधा-कृष्ण का शयन कक्ष कहा जाता है। मान्यता है अभी भी राधा-कृष्ण यहां पर आकर विश्राम करते है। प्रत्येक रात्रि को यहां पर राधा-कृष्ण के लिए सेज सजाई जाती है। यहां पर राधा जी के श्रृंगार का सामान, चार लड्डू और दो दांतुन रखे जाते है। सुबह के वक्त जब पुजारी मंदिर के कपाट खोलते है, तो श्रृंगार का सामान इस्तेमाल किया हुआ, लड्डू फूटे हुए तथा दांतुन किया हुआ मिलता है।

निधि का अर्थ होता है वह स्थान जहां पर आमूल्य रत्न पाये जाते है। निधिवन के अन्दर ही विशाखा कुण्ड है। जिसे भगवान कृष्ण ने अपनी मुरली से खोदकर राधाजी कि सखी विशाखा के लिए बनाया था। कहा जाता है कि रास लीला करते - करते जब विशाखा को प्यास लगी तो उन्होंने भगवान कृष्ण से कहा हमे पानी चाहिए। तब उन्ही के अनुरोध पर भगवान कृष्ण ने इसका निर्माण किया।

निधि वन के मुख्य द्वार के पास ही स्वामी हरिदास जी की समाधि है। उन्ही ने अपनी साधना के फलस्वरूप बांके बिहारी जी की मूर्ति प्रकट कराई थी। स्वामी हरिदास का जन्म 1535 मे हुआ था। उनके पिता का विवाह रायपुर गांव मे एक ब्राहमण की बेटी के साथ हुआ था, जो कि वृंदावन के पास है।

तानसेन राजा अकबर के दरबार मे संगीत वादक थे। वह स्वामी हरिदास जी के पसंदीदा शिष्य थे। एक समय की बात है स्वामी हरिदास जी यमुना किनारे भजन गा रहे थे। उसी समय अकबर वहां से गुजरे उन्हे हरिदास जी का भजन काफी पसंद आया और वह उनके दिल को छू गया। उन्होंने अपनी नाव को रोका और हरिदास जी से कहा, वह उनके यहां पर संगीत अध्यापक के रूप मे कार्य करें। अकबर के अनुरोध पर उन्होंने तानसेन को अपना शिष्य बना लिया।


पूरे निधि वन में तुलसी के वृक्ष पाये जाते है। यहां की मिट्टी को श्रद्धालु अपने साथ प्रसाद के रूप में ले जाते है। मान्यता है कि अभी भी भगवान कृष्ण प्रत्येक रात्रि को गोपियो के साथ यहां पर रास रचाते है। यहां पर आने वाले श्रद्धालु की संख्या काफी अधिक है।

रमण रेती
रमण रेती वह स्थान है जहां पर भगवान कृष्ण और बलराम अपने सखाओं के साथ गाय चराने आया करते थे। यह भगवान कृष्ण और राधा की मिलन स्थली भी था। द्वारका जाने से पूर्व भगवान प्रत्येक रात्रि को यहां पर राधा से मिला करते थे। रमण रेती कुछ कि.मी. मे ही फैला हुआ है। कृष्ण-बलराम मंदिर भी रमण रेती में ही स्थित है।

कृष्ण-बलराम वृक्ष
रमण रेती में ही दो वृक्ष है जिन्हे कृष्ण-बलराम वृक्ष के नाम से जाना जाता है। परिक्रमा मार्ग में ही यह वृक्ष है। यह इस्कॉन मंदिर से 6 मिनट दूरी पर स्थित है। ये वृक्ष आपस में जुड़े हुए है, जिसमें एक का रंग काला और दूसरे का रंग सफेद है। काला वृक्ष भगवान कृष्ण को दर्शाता है जबकि सफेद वृक्ष बलराम को दर्शाता है।

यमुना नदी
यमुना नदी भारत की पवित्र नदियों में से एक है। यह नदी वृंदावन से होकर बहती है। यमुना की उदगम स्थली यमनोत्री है। जो उत्तरी हिमालय में स्थित है। यहां से यमुना नीचे आकर ब्रज मण्डल में प्रवेश करती है। यमुना नदी पर बना हुआ प्रत्येक घाट भगवान कृष्ण की लीलाओं से संबंधित है। यमुना प्रत्यक्ष रूप से भगवान कृष्ण से संबंधित है। जन्म से लेकर किशोरावस्था तक भगवान श्रीकृष्ण ने अधिकतर लीलायें यमुना किनारे ही रची थी। श्रीकृष्ण के जन्म के समय उनकी रक्षा के लिए वसुदेव कृष्ण को गोकुल ले जा रहे थे तब यमुना तेज गति से बह रही थी। परन्तु श्रीकृष्ण के चरण स्‍पर्श कर वह शांत हो गई और सामान्य गति में बहने लगी। यमुना में भगवान कृष्ण अपने सखाओं के साथ स्नान किया करते थे। वह अपनी गायो को भी यमुना में स्नान कराया करते थे। जिस यमुना घाट पर भगवान कृष्ण ने गोपियों के वस्‍त्र चुराये थे वह चीर घाट नाम से प्रसिद्ध है।

यमुना में स्नान का महत्व
यमुना में एक स्नान गंगा के सौ स्नानो के बराबर है। इसके पीछे यह कारण है गंगा केवल भगवान विष्णु के चरणो से निकलती है। पर भगवान कृष्ण तो अपने अवतार काल में यमुना में अपने सखाओ के साथ स्नान ही नही किया करते थे बल्कि अपनी गायो को भी स्नान कराया करते थे। स्‍नान के लिए केसरी घाट महत्वपूर्ण है, भगवान कृष्ण ने केसरी नामक असुर को मारने के पश्चयात यहां पर स्नान किया था,केसरी घाट पर यमुना का प्रवाह काफी अच्छा है। वारह पुराण के अनुसार गंगा और यमुना के जल में कोई अन्तर नही है, दोनो ही एक समान है। यमुना में स्नान से भक्तो को भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। यमुना में स्नान से व्यक्ति की कष्ट बधाये दूर हो जाती है। कृष्ण भगवान के चरण कमल यमुना में पांच हजार वर्ष पडे थे।

यमुना मे विशेष स्नान
यमुना सूर्य की पुत्री है और यमराज की बहन है। यमुना को यमराज का वरदान है, जो व्यक्ति भईया दूज के दिन यमुना में स्नान करता है उसे मृत्यु का भय नहीं रहता है। इसलिए भईया दूज के दिन यमुना में विशेष स्नान होता है जिसमे भारी संख्या मे श्रद्धालु इस स्नान में शामिल होते है। वैसे तो प्रत्येक पूर्णिमा और एकादशी को स्नान होता रहता है।

वृंदावन में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार
होली
वैसे तो वृंदावन में सभी त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाये जाते हैं, परन्तु होली और जन्माष्टमी अधिक धूमधाम से मनाये जाते है। होली का त्यौहार फल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली का त्यौहार पूरे ब्रज में 45 दिनो तक मनाया जाता है। पर मुख्य उत्सव होली के दिन ही होता है। ब्रजवासी एक-दूसरे पर गुलाल लगाते है। वैसे तो होली पूरे उत्तर भारत मे मनाई जाती है। पर ब्रज की होली अनूठी होती है। यहां पर लठ मार होली होती है। ब्रजवासी नाच गा कर होली मनाते है।


जन्माष्टमी
जन्माष्टमी वृंदावन का मुख्य त्यौहार है। जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण भगवान का जन्म हुआ था। यह त्यौहार वृंदावन में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन वृंदावन में कृष्ण लीला के जरिए भगवान श्रीकृष्ण को याद किया जाता है। इन लीलाओं में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर किशोर अवस्था तक की लीलाओं का मंचन किया जाता है। सभी मंदिरों में भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मध्य रात्रि को 12 बजे मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने मध्य रात्रि को रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था इसी कारण यह उत्सव रात्रि में मनाया जाता है। मंगल गान और बधाई गीतो के साथ मंदिरों के कपाट रात्रि 12 बजे खोले जाते है।

बांके बिहारी जी का प्रकटोउत्सव
बांके बिहारी जी का प्रकटोउत्सव माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इसी दिन बांके बिहारी जी की मूर्ति निधि वन से प्रकट हुई थी। इस दिन बांके बिहारी मंदिर में फूलो का बंगला लगाया जाता है। बांके बिहारी मंदिर में मंगल गान व नृत्य किया जाता है। बांके बिहारी जी की मूर्ति को प्रकट कराने का श्रेय स्वामी हरिदास जी को जाता है।

वृंदावन में बसंत पंचमी, शिव रात्रि, गुरु पूर्णिमा, अक्षय तृतीया, राम नवमी, राधाष्‍टमी, हरियाली तीज, दीपावली तथा गोर्वधन त्‍यौहार भी धूमधाम से मनाए जाते हैं।

वृंदावन के प्रमुख मंदिर
वृंदावन में लगभग साढे पांच हजार मंदिर है। परन्तु बांके बिहारी मंदिर सबसे अधिक प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण 1864 में हुआ था। इस मंदिर में प्रार्थना करने के लिए एक विशाल आंगन है। यहीं पर भक्त बिहारी जी के दर्शन करते है। मंदिर के अंदर बांके बिहारी जी की मूर्ति काफी सुंदर और मनमोहक है। बांके बिहारी जी की मूर्ति प्रकृतिक है, जोकि निधिवन से प्रकट हुई थी। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक है। मंदिर के अंदर प्रत्येक दिन फूल सज्‍जा की जाती है। जिसे देख यहां आने वाले श्रद्धालु कृतार्थ हो जाते है।


वृंदावन का मौसम
वृंदावन गर्मियो के दिनो मे गर्म रहता है। सामान्य तौर पर गर्मियो का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस रहता है। जून से सितम्बर के महीनों में यहा पर अच्छी वर्षा होती है। नवम्बर से मार्च के महीनो में यहा पर सर्दी पड़ती है।

कब जाए
वृंदावन जाने का उपयुक्त समय अगस्त से मार्च तक का है। इस समय यहां का मौसम ठीक होता है। यदि आप अगस्त से मार्च के बीच में जाते है तो वृंदावन के उत्सवों का आंनद उठा सकते है।

राजस्थान दर्शन ...बूंदी शौर्य की दंतव्‍य कहानि‍यों का साक्षी

राजस्थान दर्शन ...बूंदी शौर्य की दंतव्‍य कहानि‍यों का साक्षी 

बुंदी भव्‍य प्रासाद और वि‍शाल कि‍लों, महान लड़ाइयों और शौर्य की दंतव्‍य कहानि‍यों का साक्षी है । जगह - जगह पर लबालब लहलाती चमकदार नदियां, झीलें और मंत्रमुग्‍ध करने वाले झरने, प्रक़ति‍ ने उदारतापूर्वक अतुल्‍य प्राक़ति‍क वैभव प्रदान किया है। मनमोहक हरीति‍मा और वि‍भि‍न्‍न प्रकार की अनूठी वनस्‍पति‍ व जीव पुन:पुन: आने के लि‍ए बाध्‍य करते है। महान चि‍त्रकारो,लेखकों और कलाकारो जि‍नमें नोबल पुरूस्‍कार वि‍जेता गुरूदेव रबि‍न्‍दनाथ टेगौर से लेकर रूडयार्ड कि‍पलि‍ग तक के लि‍ए बून्‍दी प्रेरणादायी रही है। नि‍:सन्‍देह इसे स्‍वर्ग के दूसरे नाम से जाना जाता है।
बूंदी एक प्राकृतिक घाटी में बसा हैं। इस घाटी को बून्दु का नाला कहते हैं। सन् 1342 में राव देवा ने इस नाले के बीच बूंदी कस्बे की स्थापना की। 1991 में यह राजस्थान का एक नवीन जिला बना। कोटा से 35 किलोमीटर दूर स्थित बूंदी इस जिले का एक प्रमुख ऐतिहासिक नगर हैं। मीणा प्रमुख बूंदा के नाम पर इस शहर का नाम बूंदी पडा हैं। बूंदी अनेक शहरों जैसे कोटा, टोंक, जयपुर और अजमेर से सडक मार्ग से जुडा हुआ हैं। यहाँ पर्यटकों के लिये अनेक आकर्षण हैं। पहाडी के ऊपर हाडाओं का प्रसिद्व किला स्थित हैं जिसका निर्माण 1354 ईस्वी में राव राजा बरसिंह ने करवाया था। कोटा-अजमेर सडक मार्ग से बूंदी का भव्य दृश्य दर्शनीय हैं।
 

भौगोलिक स्थिति
एक अनियमित, समतल व चतुर्भुजाकार का बूंदी जिला मुख्यतः पहाड़ी क्षेत्र हैं, पश्चिमी भाग में अरावली की पहाडि़यां हैं। जिले में विन्ध्यांचल और अरावली दोनों पहाड़ी श्रेणियां हैं। फूलसागर, दुगारी, वर्धा, नमाना, हिण्डोली, गंगासागर, दादूर, जेतसागर, चांदोलिया तथा रोठेदा आदि जिले के प्रमुख तालाब हैं। जिले में रामगढ जीव अभयारण्य व दुगारी में एक पक्षी अभयारण्य भी हैं।

दर्शनीय पर्यटन स्‍थल
चौरासी खम्भों की छतरी - बूंदी शहर से लगभग डेढ किलोमीटर दूर कोटा मार्ग पर यह भव्य छतरी स्थित हैं। राव राजा अनिरूद्व सिंह के भाई देवा द्वारा सन् 1683 में इस छतरी का निर्माण करवाया गया था। चौरासी स्तम्भों की यह विशाल छतरी नगर के दर्शनीय स्थलों में से एक हैं।
तारागढ दुर्ग - बूंदी शहर का प्रसिद्व दुर्ग जो पीले पत्थरों का बना हुआ हैं, तारागढ के दुर्ग के नाम से प्रसिद्व हैं। इसका निर्माण राव राजा बरसिंह ने 1354 में बनवाया था।.
रामेश्वर-बूंरी से 25 किलोमीटर दूर रामेश्वर प्रसिद्व पर्यटक स्थल हैं। यहाँ का जल प्रपात और शिव मंन्दिर प्रसिद्व हैं।
खटखट महादेव-बूंदी नैनवा मार्ग पर खटखट महादेव का प्रसिद्व मंदिर स्थित हैं। यहाँ का शिवलिंग खटखट महादेव के नाम से प्रसिद्व हैं।
इन्द्रगढ- यह पश्चिमी-मध्य रेल्वे के सवाईमाधोपुर-कोटा रेल खण्ड पर स्थित हैं। यहाँ से 20-25 किलोमीटर दूर इन्द्रगढ की माता जी का मंदिर स्थित हैं जहाँ प्रतिवर्ष एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता हैं।
नवलसागर-तारागढ दुर्ग की पाहाडी की तलहटी में स्थित नवलसागर तालाब प्रसिद्व हैं। इसके बीच में एक मंदिर तथा छतरी बनी हुई हैं। इसका निर्माण महाराव राज उम्मेद सिंह द्वारा करवाया गया ।
रानी जी की बावडी- बूंदी को बावडियों का शहर भी कहते हैं। राव राजा अनिरूद्व सिंह की रानी नाथावती द्वारा 1699 में इस बावडी का निर्माण कराया था।
जैतसागर-शहर के निकट जैतसागर तालाब स्थित है। इसका निर्माण जैता मीणा द्वारा करवाया गया था। इसकी पाल पर सुख् महल बना हुआ हैं। जिसका निर्माण राजा विष्णु सिंह ने करवाया था। तालाब के किनारे पहाडी ढलान पर एक मनोरम टेरेस गार्डन बना हुआ है । जैतसागर तालाब में पैडल बोट के द्वार नौका विहार का 
आनन्द लिया जा सकता है।......
फूलसागर- बूंदी शहर से 7 किलोमीटर दूर स्थित फूलसागर तालाब स्थित हैं। इसका निर्माण राव राजा भोज सिंह की पत्नि फूल लता ने 1602 में करवाया था।......
भीरासाहब की दरगाह -बूंदी शहर में निकट की पहाडी चोटी पर मीरा साहब की दरगाह बनी हुई हैं। यह दरगाह दूर से ही दिखाई देती हैं।
बाण गंगा- बूंदी के उत्तर में शिकार बुर्ज के पास बाण गंगा एक प्रसिद्व धार्मिक स्थल हैं। यह स्थान कैदारेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता हैं।
क्षारबाग -बूंदी राज्य के भूतपूर्व राजाओं की अनेक छतरियाँ जैतसागर औ शिकार बुर्ज के मध्य स्थित हैं। इन्हें क्षारबाग की छतरियों के नामे जाना जाता हैं।
शिकार बुर्ज - जैतसागर से 3 किलोमीटर दूर शिकार बुर्ज स्थित हैं। इसका निर्माण शिकार खेलने के लिए करवाया गया था। शिकार बुर्ज के निकट ही चौथ माता का मन्दिर स्थित हैं।
भीमलूत- बूंदी से 24 किलोमीटर दूर भीमलत एक धार्मिक और प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। यहाँ का जल प्रपात 150 फीट ऊंचा हैं। बरसात के दिनों में यहाँ का दृश्य बहुत ही मनोहारी होता हैं। नीच े एक शिव मंदिर बना हुआ हैं।
लाखेरी-बूंदी से 60 किलोमीटर दूर पश्चिमी-मध्य रेल्वे के दिल्ली-मुम्बई रेलमार्ग पर स्थित हैं। राजस्थान की पहली सीमेंट फैक्ट्री 1912-13 में यहाँ स्थापित की गई थी। यहाँ से तुगलक कालीन सिक्के भी प्राप्त हुए हैं।
केशोरायपाटन-(46 किमी) यह एक प्राचीन शहर हैं जो चम्बल नदी के किनारे स्थित हैं।यहाँ जो लेख पाये जाते हैं वो 1 शताब्दी ईस्वी के हैं। नदी के किनारे केसरिया जी (विष्णु का स्वरूप) का प्रसिद्व मंदिर स्थित हैं। यहाँ एक चीनी मील कार्यरत हैं जो सहकारी क्षेत्र में स्थित हैं।
अभयारण्य - बुन्दी जिले मे वन क्षेत्र राज्य के औसत 9 प्रतिशत से कहीं अधिक है। जिले के कुल भौगो‍लिक क्षेत्रफल 5530 वर्ग किलामीटर में से 1569.28 वन क्षेत्र है जो कि लगभग 28 प्रतिशतहै। जिले में विन्ध्याचल एवं अरावली पर्वतमाला है, परन्तु ज्यादातर भाग विन्धयाचल पर्वतमाला का है। यहां के वन पतझड़ वाले शुल्क वन श्रेणी के है जिनमे मुख्य वृक्ष प्रजाति धोक है। मुख्य वनस्पति: धाके , पलाश, खेर, करे , सालर, विलायती बबलू है जबकि मुख्य वन्यप्राणी: तेन्दुआ, भालु, कृष्ण मृग, सांभर, चीतल, बिज्जु, काली पुछं का नेवला, जंगली सुअर है। मुख्य पक्षी: सारस, जंगली मुर्गा है।
जिले मे कुल तीन अभयारण्य है।
रामगढ़ - रामगढ़ अभयारण्य: रामगढ़ अभयारण्य की स्‍थापना 20 मई 1982 को हुई। इसका क्षेत्रफल 307 वर्ग कि.मी. है। इसके मुख्य आर्कषण में सघन वन, रामगढ़ महल एंव मजे नदी है। बाघ यहां नब्बे के दशक तक था। उसका स्थान अब तेन्दुआ ने ले लिया है। रामगढ़ में कई ट्रेकिगं रास्ते है जिनके द्वारा इसकी जैव विविधता का आनन्द उठाया जा सकता है। इसमें प्रवेश के लिये फिलहाल टिकिट व्यवस्था मण्डल कार्यालय बुन्दी से ही है।
राष्ट्रीय घड़ियाल अभयारण्य : चम्बल नदी के एक किमी. चोडी पट्टी मे यह अभयारण्य केशोराय पाटन से आरम्भ होकर
सवाईमाधोपुर की सीमा तक है। घडिय़ाल व मगर संरक्षण वास्ते इस क्षेत्र का अभयारण्य घोषित किया है।
जवाहर सागर - जवाहर सागर अभयारण्य का नियंत्रण वन मण्डल कोटा (वन्यजीव) द्वारा होता है।

शनिवार, 7 जुलाई 2012

वरिष्ठ आईएएस डॉ. ललित के. पंवार को 40 साल से नहीं मिली मजदूरी!



बाड़मेर सरकार की विभिन्न योजनाओं में मेहनत कर मजदूरी पाने वालों को भुगतान लेने में कितनी और कैसी समस्याएं आती है, इसका प्रमाण वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और भारतीय पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन डॉ. ललित के. पंवार के जीवन के एक किस्से से सामने आता है। संघर्ष के दिनों में राजस्थान के रेगिस्तानी जिले बाड़मेर के बालोतरा निवासी पंवार ने गरीबी के दिनों में अकाल राहत कार्यो में बतौर मिस्त्री सड़क निर्माण का काम किया था, बीते चार दशक से वे सरकारी खजाने में बकाया चल रही 35 रुपये की अपनी मजदूरी के लिए कई बार सरकारी दफ्तर के चक्कर काट चुके हैं। आईएएस अफसर बनने के बाद भी पंवार सार्वजनिक निर्माण विभाग, बालोतरा के अधिकारियों से आज तक भुगतान नहीं ले सके। पंवार के मन में सरकारी अधिकारियों के इस रवैये को लेकर आज तक टीस है। भारतीय पयर्टन विकास निगम में चेयरमैन बनने के बाद पहली बार अपने गांव आए पंवार ने बताया कि उन्होंने वर्ष 1972-73 में अकाल राहत के तहत नवोड़ा बेरा से नवातला तक सड़क निर्माण कार्यस्थल पर बतौर मिस्त्री कुछ दिन के लिए मजदूरी की थी। इसका मेहनताना तत्कालीन दरों के हिसाब से 35 रुपये बना था। उस जमाने में यह रकम काफी बड़ी मानी जाती थी। इस बात को चालीस साल बीत चुके हैं। प्रशासनिक सेवा में आने से पूर्व की अवधि के दौरान उन्होंने कई बार राजस्थान सार्वजनिक निर्माण विभाग कार्यालय बालोतरा के चक्कर काटे, लेकिन अधिकारियों ने आज तक उनकी बकाया पारिश्रमिक राशि का भुगतान नहीं किया है। वर्ष 1979 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ.पंवार के परिवार की आर्थिक स्थिति साधारण थी और इनके पिता जयशंभु पंवार कपड़ों की सिलाई का काम करते थे। बाद में इनके पिता और माता का सरकारी सेवा में अध्यापक के पद चयन हो गया था। आईएएस अधिकारी बनने से पहले पंवार ने मजदूरी करने के साथ ही छोटे बच्चों को पढ़ाने का काम भी किया और वे आज भी आम लोगों के बीच रहना पसंद करते है।

अब फेसबुक पर जॉब वेकेंसी की जानकारी भी

Job Vekensi tell about Facebook 

नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक अब यूजर्स को जॉब वेकेंसी के बारे में भी बताएगी। अलग-अलग जगहों पर नौकरियों के लिए कितनी वेकेंसी है, फेसबुक इस बारे में समय-समय पर विस्तार से जानकारी देगी। इस फीचर के लिए फेसबुक अभी कंपनियों के साथ गठजोड़ करने में लगी हुई है।

वर्तमान में फेसबुक की यूजर संख्या 90 करोड़ है। यानि अब कंपनी 90 करोड़ लोगों को जॉब के बारे में जानकारी देगी। सूत्रों के हवाले से मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, इस सुविधा के लिए फेसबुक ब्राचआउट, जॉबविटे और वर्कलैब्स जैसी नामी 3 कंपनियों के साथ हाथ मिला रही है।

दिलचस्प है कि लिंकडेन की बढ़ती साख और उसके सोशल नेटवर्किग की तेजी से फैलती दुनिया के चलते फेसबुक ने ऐसा किया है। जॉब के पोस्ट न्यूज फीड के रूप में दिखाई देंगे या नहीं, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हैं। शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, नौकरियों की जानकारी देने का बाजार 4.3 अरब डॉलर का है और सारी कंपनी इसमें अपना हिस्सा बनाना चाह रही है।

कुआ ढहने से दो श्रमिक दबे,निकालने के लिए राहत कार्य जारी



कुआ ढहने से दो श्रमिक दबे,निकालने के लिए राहत कार्य जारी



बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना थाना क्षेत्र के कितनोरिया पंचायत के एक गाँव में कच्चा कुआ ढह जाने से दो श्रमिक दब गए ,श्रमिको को निकालने के प्रयास किये जा रहे हें .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की कितनोरिया पंचायत के भाटो का डेर गाँव में एक खेत में कृषि कुआ खोद रहे दो मजदूर कुआ ढह जाने से दब गए ,मजदूरों में मेरे खान और झबरू खान निवासी कितनोरिया को निकालने के प्रयास किये जा रहे हें मौके पर थाना अधिकारी लूण सिंह भाटी और उप खंड अधिकारी जीतेन्द्र सिंह नरुका की देख रेख में दबे हुए मजदूरों को निकालने के लिए राहत कार्य चलाया जा रहा हें कुआ करीब तीस फीट गहरा था .

राहुल द्रविड़ को मिलेगा खेल रत्न !

राहुल द्रविड़ को मिलेगा खेल रत्न !
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट जगत के मिस्टर भरोसेमंद राहुल द्रविड़ को जल्द ही खेल जगत का प्रतिष्ठित पुरस्कार "खेल रत्न" मिल सकता है। इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके पूर्व कप्तान द्रविड़ का नाम केन्द्रीय खेल मंत्रालय को भेजने पर अंतिम मुहर लग गई है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) अगले सप्ताह राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए द्रविड़ और अर्जुन पुरस्कार के लिए विश्व कप के "मैन ऑफ द मैच" युवराज सिंह का नाम भेजने जा रहा है। हालांकि यह पुरस्कार किसकों मिलेंगे इसपर अंतिम फैसला खेल मंत्रालय पर निर्भर करेगा।

उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय खेल मंत्रालय के अर्जुन पुरस्कारों के लिए नामांकन की अंतिम तारीख बढ़ाये जाने के बाद बीसीसीआई ने पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को राजीव गांधी खेल रत्न और विश्व कप के मैन आफ द टूर्नामेंट युवराज सिंह को अर्जुन पुरस्कार के लिए नामांकित करने का फैसला किया है।

द्रविड ने इस वर्ष आस्ट्रेलियाई दौरे के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था जबकि युवराज अमरीका में कैंसर से जंग जीतने के बाद अब राष्ट्रीय टीम में वापसी की कोशिशों में जुटे हुए हैं।

पुरस्कार मिलने पर मुझे खुशी होगी : युवी

युवराज ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान इस बारे में कहा .. मुझे कभी अर्जुन पुरस्कार नहीं मिला है1 यह प्रतिष्ठित पुरस्कार है और मुझे बहुत खुशी होगी यदि मुझे यह पुरस्कार मिलता है। विश्व कप में मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और उम्मीद करूंगा कि इस बार मुझे यह पुरस्कार मिल सके।

असली हकदार हैं द्रविड़

पूर्व भारतीय बल्लेबाज गुंडप्पा विश्वनाथ ने बेंगलूर में कहा , द्रविड खेल रत्न बनने के सच्चे हकदार हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट की 17-18 वर्षो तक अनवरत सेवा कर उसे ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

तीसरे क्रिकेटर बन सकते हैं द्रविड़

भारत के लिए 164 टेस्ट और 344 वनडे खेलने वाले द्रविड यदि यह सम्मान पाते हैं तो वह मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (1997-98) तथा मौजूदा कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी (2007-08) के बाद यह पुरस्कार पाने वाले तीसरे क्रिकेटर बन जाएंगे। द्रविड के नाम टेस्ट और वनडे क्रिकेट में कुल 24 हजार से ज्यादा रन हैं। भारतीय क्रिकेट में श्रीमान भरोसेमंद के नाम से मशहूर द्रविड को वर्ष 2000 में क्रिकेट की बाइबल कहे जाने वाले विज्डन के शीर्ष पांच खिलाडियों में चुना गया था और क्रिकेट के आस्कर कहे जाने वाले आईसीसी पुरस्कारों के पहले वर्ष में उन्हें प्लेयर आफ द ईयर के साथ साथ टेस्ट प्लेयर आफ द ईयर भी चुना गया था।

टि्वटर ट्रेंड्स में टॉप पर "रेपिस्ट राहुल"

टि्वटर ट्रेंड्स में टॉप पर "रेपिस्ट राहुल"
नई दिल्ली। अपहरण और रेप के आरोपों से घिरे कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश कर भले ही खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया हो लेकिन सोशल नेटवर्किग साइट्स पर उन पर कीचड़ उछालने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। माइक्रो सोशल साइट टि्वटर पर "हैस रेपिस्ट राहुल" ट्रेड शनिवार को ट्रेड लिस्ट में टॉप पर पहुंच गया। इस ट्रेंड पर हर मिनट दजर्नो ट्वीट्स किए जा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है इनमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की फर्जी आईडी "पीएमऑफ इंडिया" से भी लगातार राहुल पर निशाना साधा जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व सपा विधायक किशोर समरीते ने राहुल गांधी पर अमेठी की एक लड़की का अपहरण कर रेप करने का मामला दर्ज कराया गया। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस राहुल गांधी की छवि खराब करने वालो इन आरोपों का खारिज कर किशोर पर 50 लाख रूपए का जुर्माना लगा दिया। इस फैसले को चुनौती देते हुए किशोर समरीते ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 2011 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस बाबत राहुल को नोटिस जारी किया गया, इसी के जबवा में राहुल गांधी ने हलफनामा पेश कर खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। राहुल ने इस हलफनामा में कहा है कि उनपर दायर यह केस खारिज किया जाए।

राहुल के खिलाफ पीएम को फर्जी खाता

टि्वटर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का फर्जी खाते का इस्तेमाल करते हुए हैस रेपिस्ट राहुल ट्रेंड पर लगातार ट्वीट किए जा रहे हैं। राहुल पर आरोपों की छड़ी लगाने के साथ ही इस खाते से अश्लील शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया है। ऎसे में पीएम का यह फर्जी खाता सोशल नेटवर्किग साइट्स पर सरकारी निगरानी और अंकुश का खुले आम मखौल भी उठाता नजर आ रहा है।

मोदी को कातिल कहना क्या?

पीएम मनमोहन सिंह के खाते से हैस रेपिस्ट राहुल के साथ किए ट्वीट में राहुल गांधी के आरोपों की तुलना करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर दोषारोपण की बात भी उठाई गई है। एक ट्वीट में कहा गया है, यदि हैस रेपिस्ट राहुल को ट्रेंड करना साजिश है क्यों कि राहुल पर आरोप साबित नहीं हुए हैं, तो फिर सेक्युलर और मीडिया यह बताए कि नरेन्द्र मोदी को कातिल कहना क्य है? अन्य टि्वट्स में भी कहा गया है कि जब नरेन्द्र मोदी को महज आरोपों के आधार पर कातिल कहा जा रहा है तो फिर राहुल गांधी को आरोपों के मुताबिक रेपिस्ट क्यों नहीं कहा जा सकता।

विधायक को ब्लेकमेल करने के तीनो आरोपी पांच दिन के रिमांड पर



कथित अश्लील सी डी काण्ड 

विधायक को ब्लेकमेल करने के तीनो आरोपी पांच दिन के रिमांड पर


बाड़मेर बाड़मेर के कथित बहुचर्चित असलील सी डी काण्ड में क्षेत्रीय विधायक को ब्लेकमेल करने के तीनो आरोपियों को बाड़मेर पुलिस शनिवार शाम को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जहां नयायाधीश जीतेन्द्र सिंह गुलिया ने आरोपियों को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया . गौरतलब हें की तीनो आरोपियों को शुक्रवार को बीकानेर से दस्तयाब कर लिया था .पुलिस सूत्रों ने बताया कि विधायक मेवाराम जैन ने सिटी कोतवाली में एक स्थानीय समाचार पत्र के संपादक महावीर जैन ,उसके सहयोगी हरीश चांडक और जगदीश खत्री के खिलाफ समाचार के बदले उससे दस लाख रुपये मांगने का आरोप लगा कर मुक़दमा दर्ज कराया था .जिस पर बाड़मेर के पुलिस उप अधीक्षक नाजिम अली खान के नेतृत्व में एक दल का गठन कर उनकी तलास की जा रही थी .सब इन्स्पेक्टर सुमेर सिंह के दल ने तीनो आरोपियों को बीकानेर शहर से एक धरम शाळा से शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया था .तीनो को आज बाड़मेर लाया जा कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया ,-

बाड़मेर दहेज़ के कारण दो विवाहितो को जहर देकर हत्या के मामले


दहेज़ के कारण दो विवाहितो को जहर देकर हत्या के मामले 
बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले मई दहेज़ के कारण अलग अलग दो मामलो में विवाहितो को प्रताड़ित कर ज़हर देकर मारने के मामले दर्ज कराये गए हें .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की चूनाराम पुत्र घमडाराम जाट नि. बायतू ने मुलजिम उम्मेदाराम पुत्र पूराराम जाट नि. भाड़खा वगेरा 5 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस की बहन बसन्तीदेवी को दहेज हेतु प्रताड़ित करना व जहर देकर मारना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। इसी तरह नेनाराम पुत्र खेमाराम पुरोहित नि. सिवाना ने मुलजिम विजयसिंह पुत्र वरधाजी पुरोहित नि. अरथन्डी के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस की पुत्री कमला को दहेज हेतु प्रताड़ित करना व जहरीला पदार्थ खिलाकर हत्या करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सिवाना पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।