शनिवार, 16 जून 2012
टेलीविजन की चर्चित बहू के इस लेस्बियन किस पर मचा बवाल!
सीरियल 'बिदाई' से पहचान बनाने वाली चर्चित टेलीविजन बहू सारा खान इन दिनों विवादों में हैं|विवाद की वजह उनके द्वारा पोस्ट की गई एक लेस्बियन किस की फोटो है| इस फोटो में सारा अपनी साथी कलाकार और दोस्त पूजा बोस को किस करती नजर आ रही हैं|सारा ने खुद इस तस्वीर को अपने ब्लैकबेरी फ़ोन के डिस्प्ले पर डाला था| हालांकि उन्होंने इसे कुछ ही घंटों के भीतर हटा लिया मगर तब तक इसकी चर्चा पूरे मीडिया में जोर शोर से होने लगी| एक अख़बार को दिए इंटरव्यू में सारा ने इस लेस्बियन किस की तस्वीर पर उठे विवाद के बारे में सफाई देते हुए कहा, पूजा मेरी बहुत अच्छी दोस्त हैं,मैं मानती हूं उन्होंने अपने होठों से मेरे होठों को छुआ..मगर इसमें गलत क्या है| वैसे सारा चलिए माना कि इसमें कुछ गलत नहीं था मगर फिर आपने यह तस्वीर हटाई क्यों?कहीं आपका मकसद केवल पब्लिसिटी बटोरना तो नहीं था?इसका जवाब तो सारा ही बेहतर ही जानें|
मोर का शिकार, चार गिरफ्तार
मोर का शिकार, चार गिरफ्तार
भंवरानी। वारणी गांव में कुछ लोगों ने मोरों को मार दिया। पुलिस के अनुसार वारणी निवासी जीवाराम ने मामला दर्ज करवाया कि वारणी ओरण व नाडी के आसपास रात करीब दो बजे बन्दूक से फायर हुए एक के बाद एक फायर होने से ग्रामीणों ने जाकर देखा तो जीप में पांच लोग मोरों पर गोलियां चला रहे थे। इससे चार मोर मारे गए। इसकी सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी। पुलिस ने इस मामले में नोसरा निवासी शेरनाथ, सुरभनाथ व जबरनाथ व पप्पुनाथ जोगी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मोरों का पोस्टर्माटम करवाया।
भंवरानी। वारणी गांव में कुछ लोगों ने मोरों को मार दिया। पुलिस के अनुसार वारणी निवासी जीवाराम ने मामला दर्ज करवाया कि वारणी ओरण व नाडी के आसपास रात करीब दो बजे बन्दूक से फायर हुए एक के बाद एक फायर होने से ग्रामीणों ने जाकर देखा तो जीप में पांच लोग मोरों पर गोलियां चला रहे थे। इससे चार मोर मारे गए। इसकी सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी। पुलिस ने इस मामले में नोसरा निवासी शेरनाथ, सुरभनाथ व जबरनाथ व पप्पुनाथ जोगी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मोरों का पोस्टर्माटम करवाया।
सरपंच पति को जेल
रामसीन। करीब एक साल पहले लूर-रोटा मार्ग पर दुघर्टना के बाद लोगों को उकसाने व बस जलाने के आरोप मेे पुलिस ने शुक्रवार को तवाव सरपंच पति को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे जेल भेजा गया है। थानाधिकारी गुमानाराम ने बताया कि 25 मई 2011 को लूर-रोटा मार्ग पर दुघर्टना में दो व्यक्तियों की मौत हो गईथी। इसके बाद मौके पर खड़ी भीड़ को उकसाकर बस जलाने व राजकार्य मे बाधा पहुंचाने वाले 12 लोगो के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया। इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने छह व्यक्तियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। जबकि तवाव सरपंच पति मंगलाराम पुरोहित को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर न्यायालय मे पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
"जंगलराज"!
"जंगलराज"!
वन विभाग में बाड़मेर। चिंकारा, मोर और राज्य व राष्ट्रीय महत्व के अनेक वन्य जीवों की बहुतायत में संख्या के कारण मायने रखने वाले बाड़मेर जिले के वन क्षेत्र में मानो "जंगलराज" हो गया है। राज्य सरकार ने यहां पद और संसधनों की स्वीकृति की लंबी चौड़ी फेहरिस्त दे रखी है लेकिन वास्तव में न सुविधाएं है न संसाधन। मैनपॉवर और मशीन पॉवर के लिए तरस रहे महकमे के लिए 587 वर्ग किलोमीटर हेक्टेयर में फैले वनक्षेत्र में गश्त और सुरक्षा करना मुश्किल हो रहा है।
कौन संभाले व्यवस्था
बाड़मेर, बालोतरा, सिणधरी, और शिव में फोरेस्ट रेंजर के पद खाली होने से इन रेंज को फिलहाल संभालने वाला कोई नहीं है। बायतु, सिवाना, धोरीमन्ना व चौहटन के रेंजर को अतिरिक्त कार्यभार दिया हुआ है। इसी तरह सहायक वन संरक्षक के पद भी किसी ने ज्वाइन नहीं किया गया है। केवल रेंजर ही नहीं वन संरक्षक जिनके पास गश्त और निगरानी का संपूर्ण जिम्मा है, जिले में 41 में से 19 पद रिक्त है। इसका खामियाजा वन क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर उठाना पड़ रहा है। वन विभाग द्वारा लाखों रूपए और सालों की मेहनत से जिन पौधों को पेड़ बनाया गया है उनकी सुरक्षा के प्रबंध करने में परेशानी आ रही है। वहीं वन क्षेत्र में शिकार के लिए भी लगातार निगरानी आवश्यक है, वो भी नहीं हो पा रही है।
पैदल चले तो
विभाग के पास संसधनों की भी यही स्थिति है। जिले में केवल एक गाड़ी व दो पुराने ट्रैक्टर है जो 1980 के मॉडल के है। इसके अलावा कोई संसाधन नहीं है। जबकि जरूरत दो गाड़ी, एक मिनी ट्रक, हर रेंज में एक ट्रैक्टर और हर रेंज में एक मोटर साइकिल की जरूरत है। मोटर साइकिल लंबे समय से आवंटित नहीं हो रही है न ट्रैक्टर दिए जा रहे हैं। इससे पौधे पहुंचाने और अधिकारियों के लिए निगरानी करने में मुश्किल हो रही है। किराए के वाहन के लिए इतना बजट नहीं दिया जा रहा है कि सारे अधिकारियों व सुरक्षा कर्मियों के पूरा पड़े।
मूक पशु के लिए एक भी नहीं
जहां राज्य सरकार द्वारा 108,102 व अन्य कई एम्बुलेंस की सेवाएं प्रारंभ कर इंसानों की पूरी खैर खबर ली जा रही है वहीं मूक पशुओं के शिकार होने, बीमार होने व अन्य घटना के लिए वन विभाग को इत्तिला करने के बावजूद कई बार वाहन नहीं पहुंच पाते हैं। दरअसल इसके लिए एक रेस्क्यू वाहन की जरूरत है। राज्य सरकार द्वारा यह वाहन उपलब्ध नहीं करवाया गया है। आठ दस लाख के इस वाहन के लिए वन विभाग की ओर से जिला कलक्टर के मार्फत केयर्न एनर्जी व अन्य कंपनियों से भी आग्रह किया गया है, लेकिन अभी तक वाहन नहीं मिले हैं।
योजनाएं भी सिमटी
वन विभाग हर साल बारिश से पहले लाखों पौधे तैयार करने के साथ उनको रोपने की योजना भी बनाता है। इस साल मरू प्रसार रोक योजना के साथ कई योजनाएं बंद हो चुकी है। ग्राम पंचायतों के माध्यम से कार्य होना है, लिहाजा वन विभाग की अपनी कोई प्लानिंग ही नहीं है। ऎसे में रेगिस्तान को नखलिस्तान मे तब्दील करने की विभाग की मंशा पर भी पानी फिरा हुआ है।
फिर भी यह हाल
पिछले दो साल में बाड़मेर में वन विभाग की ओर से तीन बड़े प्रकरण सामने लाए गए है। बहुचर्चित चिंकारा प्रकरण में सेना के जवानों को चिंकारा के कटे सिर के साथ पकड़कर मामला दर्ज किया गया। ग्यारह मोरों के शिकार का एक मामला सामने आया और इसके अलावा चिंकारा के शिकार के भी मामले का खुलासा किया। इतने मामलों के बाद यहां संसाधन बढ़ने चाहिए लेकिन इनको घटा दिया गया है।
पद खाली और संसाधनों का टोटा है
पद खाली है और संसाधनों का टोटा है। इससे कार्य प्रभावित होता है। रेस्क्यू वाहन की भी जरूरत है।
- बी आर भादू, उप वन संरक्षक, बाड़मेर
वन विभाग में बाड़मेर। चिंकारा, मोर और राज्य व राष्ट्रीय महत्व के अनेक वन्य जीवों की बहुतायत में संख्या के कारण मायने रखने वाले बाड़मेर जिले के वन क्षेत्र में मानो "जंगलराज" हो गया है। राज्य सरकार ने यहां पद और संसधनों की स्वीकृति की लंबी चौड़ी फेहरिस्त दे रखी है लेकिन वास्तव में न सुविधाएं है न संसाधन। मैनपॉवर और मशीन पॉवर के लिए तरस रहे महकमे के लिए 587 वर्ग किलोमीटर हेक्टेयर में फैले वनक्षेत्र में गश्त और सुरक्षा करना मुश्किल हो रहा है।
कौन संभाले व्यवस्था
बाड़मेर, बालोतरा, सिणधरी, और शिव में फोरेस्ट रेंजर के पद खाली होने से इन रेंज को फिलहाल संभालने वाला कोई नहीं है। बायतु, सिवाना, धोरीमन्ना व चौहटन के रेंजर को अतिरिक्त कार्यभार दिया हुआ है। इसी तरह सहायक वन संरक्षक के पद भी किसी ने ज्वाइन नहीं किया गया है। केवल रेंजर ही नहीं वन संरक्षक जिनके पास गश्त और निगरानी का संपूर्ण जिम्मा है, जिले में 41 में से 19 पद रिक्त है। इसका खामियाजा वन क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर उठाना पड़ रहा है। वन विभाग द्वारा लाखों रूपए और सालों की मेहनत से जिन पौधों को पेड़ बनाया गया है उनकी सुरक्षा के प्रबंध करने में परेशानी आ रही है। वहीं वन क्षेत्र में शिकार के लिए भी लगातार निगरानी आवश्यक है, वो भी नहीं हो पा रही है।
पैदल चले तो
विभाग के पास संसधनों की भी यही स्थिति है। जिले में केवल एक गाड़ी व दो पुराने ट्रैक्टर है जो 1980 के मॉडल के है। इसके अलावा कोई संसाधन नहीं है। जबकि जरूरत दो गाड़ी, एक मिनी ट्रक, हर रेंज में एक ट्रैक्टर और हर रेंज में एक मोटर साइकिल की जरूरत है। मोटर साइकिल लंबे समय से आवंटित नहीं हो रही है न ट्रैक्टर दिए जा रहे हैं। इससे पौधे पहुंचाने और अधिकारियों के लिए निगरानी करने में मुश्किल हो रही है। किराए के वाहन के लिए इतना बजट नहीं दिया जा रहा है कि सारे अधिकारियों व सुरक्षा कर्मियों के पूरा पड़े।
मूक पशु के लिए एक भी नहीं
जहां राज्य सरकार द्वारा 108,102 व अन्य कई एम्बुलेंस की सेवाएं प्रारंभ कर इंसानों की पूरी खैर खबर ली जा रही है वहीं मूक पशुओं के शिकार होने, बीमार होने व अन्य घटना के लिए वन विभाग को इत्तिला करने के बावजूद कई बार वाहन नहीं पहुंच पाते हैं। दरअसल इसके लिए एक रेस्क्यू वाहन की जरूरत है। राज्य सरकार द्वारा यह वाहन उपलब्ध नहीं करवाया गया है। आठ दस लाख के इस वाहन के लिए वन विभाग की ओर से जिला कलक्टर के मार्फत केयर्न एनर्जी व अन्य कंपनियों से भी आग्रह किया गया है, लेकिन अभी तक वाहन नहीं मिले हैं।
योजनाएं भी सिमटी
वन विभाग हर साल बारिश से पहले लाखों पौधे तैयार करने के साथ उनको रोपने की योजना भी बनाता है। इस साल मरू प्रसार रोक योजना के साथ कई योजनाएं बंद हो चुकी है। ग्राम पंचायतों के माध्यम से कार्य होना है, लिहाजा वन विभाग की अपनी कोई प्लानिंग ही नहीं है। ऎसे में रेगिस्तान को नखलिस्तान मे तब्दील करने की विभाग की मंशा पर भी पानी फिरा हुआ है।
फिर भी यह हाल
पिछले दो साल में बाड़मेर में वन विभाग की ओर से तीन बड़े प्रकरण सामने लाए गए है। बहुचर्चित चिंकारा प्रकरण में सेना के जवानों को चिंकारा के कटे सिर के साथ पकड़कर मामला दर्ज किया गया। ग्यारह मोरों के शिकार का एक मामला सामने आया और इसके अलावा चिंकारा के शिकार के भी मामले का खुलासा किया। इतने मामलों के बाद यहां संसाधन बढ़ने चाहिए लेकिन इनको घटा दिया गया है।
पद खाली और संसाधनों का टोटा है
पद खाली है और संसाधनों का टोटा है। इससे कार्य प्रभावित होता है। रेस्क्यू वाहन की भी जरूरत है।
- बी आर भादू, उप वन संरक्षक, बाड़मेर
आज बनेगा दुर्लभ कालसर्प योग, ये असर होगा आप पर..
शनिवार, 16 जून की रात 10 बजे सारे ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाएंगे। जिससे सैकड़ों साल बाद दुर्लभ कालसर्प योग बनेगा। ग्रहों की यह स्थिति 1 जुलाई तक रहेगी। इसी दौरान 26 जून को शनि भी अपनी चाल बदलेगा। ये घटना बहुत ही दुर्लभ है। पिछले 100 से अधिक सालों में ऐसा देखने में नहीं आया कि शनिवार को शुरू होने वाले कालसर्प योग के चलते शनि ने अपनी चाल बदली हो। कालसर्प योग खत्म होने के कुछ ही दिनों पहले शनि सीधा होगा। कालसर्प के इन 15 दिनों में से 10 दिन तो शनि टेढ़ा ही चलेगा। जो कि अशुभ फल देने वाला रहेगा।राहु और केतु के कारण कालसर्प योग बनता है। राहु और केतु शनि के दोनों हाथ है। शनि किसी को भी कर्मो का फल देता है तो राहु और केतु के द्वारा ही देता है। शनिवार को ही राहु और केतु के कालसर्प योग बनने और वक्री शनि के चाल बदलने के कारण ये घटना बहुत बड़ी और असरदार रहेगी।क्या होगा देश दुनिया में-
राहु-केतु परेशानियां और दुर्घटनाओं के कारक होते हैं। वर्तमान में देश-दुनिया के स्तर पर देखा जाए तो कर्काेटक नाम का कालसर्प दोष बन रहा है जो बहुत अशुभ माना जाता है। भारत की कुंडली और राशि के अनुसार देखा जाए तो तक्षक नाम का कालसर्प योग बन रहा है। देश-दुनिया में कई बड़े बदलाव होने के योग बनेंगे। राहु-केतु रेल दुर्घटना या कोई बड़ी दुर्घटना की ओर इशारा कर रहे हैं। इस कालसर्प में देश-दुनिया में कहीं कोई प्राकृतिक आपदाएं आने के योग बन रहे हैं। राहु मुख्य रूप से भूकंप का कारक भी होता है। भारत के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में तेज बारिश होने के योग हैं। कालसर्प और शनि की चाल बदलने से महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के संबंध में षडय़ंत्र या कुछ गोपनीय बातें सामने आने के योग बन रहे हैं। भ्रष्टाचार आम जनता के सामने आएगा। आम जनता का केंद्र सरकार पर विश्वास और कम हो जाएगा। बड़े संत-महात्माओं के कारण धर्म और आस्थाओं को ठेस पहुंचेगी। सीमा रेखा पर तनाव होने के योग बन रहे हैं। अपने देश की सीमाओं से जुड़ें राष्ट्रों में भी तनाव की स्थिति पैदा होगी।राहु खनिज और भूमिगत चीजों का कारक है इसलिए खनिज वस्तुओं में तेजी आएगी। सोना-चांदी में कुछ तेजी के साथ गिरावट आना संभव है। शेयर बाजार की स्थिति भी असामान्य रहेगी। इस समय में जनता के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। सरकार के सहयोग से कोई बिल या विधेयक पास होगा जो आने वाले समय में जनता के लिए प्रभावशाली रहेगा। टेलीकॉम सेक्टर में भी बड़े बदलाव होने के योग बन रहे हैं।
क्या होता है कालसर्प दोष-
सौर मंडल में सात ग्रह है। सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि इसके अलावा दो छाया ग्रह है राहु और केतु। ज्येातिष की भाषा में राहु को सांप का मुंह माना जाता है और केतु को सांप की पूंछ। किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में जब राहु-केतु के बीच में सारे ग्रह आ जाते हैं तो वह कुंडली कालसर्प दोष से ग्रस्त मानी जाती है। काल सर्प दोष अनिर्णय या असमंजस की स्थिति पैदा करता है। इससे पीडि़त व्यक्ति महत्वपूर्ण मौकों पर निर्णय लेते समय गफलत की स्थिति में आ जाता है और इससे उसका नुकसान हो जाता है।काल का अर्थ समय और सर्प का मतलब ग्यारह रुद्रों को माना जाता है, विभिन्न लोगों ने अपने अपने विवेक और बुद्धि से कालसर्प योगों की व्याख्या की है, लेकिन भूतडामर तंत्र के अनुसार कालसर्प का पूरा ब्यौरा भगवान रुद्र (शिव) के प्रति ही माना गया है, इस प्रकार का दोष ही भगवान शिव के द्वारा अभिशापित माना जाता है, जिस प्राणी को जो सजा देनी होती है उसे उसी के अनुसार कालसर्प दोष होता है। कुछ विद्वानों ने कुंडली के पहले भाव को विष्णु और बाकि ग्यारह भावों को एकादश रूद्र का रूप माना है। ग्यारह रूद्रों के नामों के अनुसार कालसर्प दोषों को बांटा गया है।
कितने तरह के होते हैं कालसर्प दोष
कुंडली में खास तौर से बारह तरह के कालसर्प दोष बताए गए हैं। मतभेद के अनुसार कुछ विद्वानों के मतानुसार कालसर्प 3456 प्रकार के होते हैं। इनमें से कर्कोटक, विषधर, घातक और शंखचूड यह सबसे दुष्प्रभावी कालसर्प योग होते हैं। बाकी के कालसर्प योग कम नुकसान दायक होते है। इनका पूजन पाठ कराने से ये शांत हो जाते हैं। कालसर्प दोष जिस व्यक्ति को होता है। वह हमेशा असमंजस में रहता है तथा कोई कार्य ठीक ढंग़ से नही कर पाता हमेशा भयग्रस्त रहता है। कुछ विद्वानों ने रूद्र और नाग लोक के नागों के नाम पर कालसर्प योग के नाम बताए है।
मेष (चु, चे, चो, ला, ली, लू, ल, लो, अ)-
इन दिनों कालसर्प का असर आप पर पूरी तरह रहेगा। धन के घर तक कालसर्प बनने के कारण आपको अचानक हानि हो सकती है। आर्थिक रूप से आप परेशान रहेंगे। अचानक पैसा डूबने का योग भी बनेगा। ये कालसर्प आपकी गोपनीयता भंग कर सकता है। आपकी छुपी हुई बातें सामने आ सकती हैं। अचानक यात्राओं का योग बनेगा। दुर्घटनाओं का योग भी बन रहा है। संभल कर रहें।
वृष ( इ, उ, ऐ, ओ, व, वि, वू, वे, वो ) -
वृष राशि वालों के लिए भी कालसर्प अशुभ फल देने वाला रहेगा। इस राशि वालों को खास तौर से सावधान रहना चाहिए। इस राशि वालों के वैवाहिक जीवन में मतभेद होने और परेशान होने के पूरे योग बनेंगे। साझेदारी के कामों में नुकसान और असफलता का सामना करना पड़ सकता है। मुंह और दांत के रोग हो सकते हैं। अचानक यात्राएं करना पड़ सकती है। इन दिनों में कभी पुराने दोस्त मिलें तो उनसे कुछ लाभ जरूर हो सकता है।
मिथुन ( का, की, कू, घ, ङ:, छ, के, को, ह )-
इस राशि वालों के लिए राहु-केतु शुभ फल देने वाले रहेंगे। यात्राओं के योग बनेंगे और उन यात्राओं से लाभ भी होगा। धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं। धन लाभ के लिए नए रास्ते खुलेंगे। आपको इन दिनों में दुश्मनों पर विजय मिलेगी। पुराने विवाद या उलझनें जो चली आ रही हैं वो खत्म होंगे। प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद भी सामने आ सकते हैं। इन दिनों आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी।
कर्क ( हि, हु, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो ) -
इस राशि वालों को कालसर्प के प्रभाव से परेशान होना पड़ सकता है। आपकी संतान पर भी इसका असर होगा, संतान को कष्ट होने के योग बनेंगे। इस समय में जो भी महत्वपूर्ण काम आप करने की सोच रहे हैं वो टाल दें। राहु-केतु का असर आपके दिमाग पर पड़ेगा। दिमाग में दस तरह की सोच-विचार रहेंगे। जिनके कारण आप उलझनों में फंसे रह सकते हैं और आपके काम प्रभावित होंगे। आपकी सेहत थोड़ी नरम रहेगी। ध्यान रखें वरना बड़ी बिमारी से परेशान हो सकते हैं।
सिंह ( मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे ) -
मन और माता के घर में कालसर्प योग बनने से माता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है साथ आपके अपना भी ध्यान रखना चाहिए। चिढ़चिढ़ापन, गुस्सा और तनाव बढ़ेगा। सिंह राशि के लोग राहु-केतु से प्रभावित रहेंगे इसलिए कोई भी नया काम शुरू करें। आप पर राहु का असर होगा और पुराने घटनाक्रम सामने आएंगे। जिनसे आप विवाद में पड़ सकते हैं, सावधान रहें। आर्थिक हानि होने के भी योग बन रहे हैं।
कन्या ( टा, पा, पी, पू, षा, ण, ठ, पे, पो ) -
आपके लिए कालसर्प योग शुभ फल देने वाला रहेगा। दोस्तों से फायदा होगा। कार्यक्षेत्र में आपकी उपयोगिता साबित होगी। आप अपनी श्रेष्ठता का परिचय देंगे। कालसर्प योग के दौरान आपके यात्राओं से लाभ होगा। नए संबंध बनेंगे। इस समय कार्यक्षेत्र में चलने वाले मुख्य काम के साथ अन्य काम करने की योजना भी बना सकते हैं। एक्स्ट्रा इनकम से आपको फायदा होने वाला है।
तुला ( रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते ) -
तुला राशि वालों को धन हानि होने के योग है। आपको पता भी नहीं चलेगा अचानक आपका पैसा कहां खर्च हो गया। अचानक धन हानि होने के योग बनेंगे। प्रतिकूल परिस्थितियां सामने आएंगी। आपके स्वभाव में बदलाव आएगा। वाणी पर संयम रखें वरना विवादों से घिर सकते हैं। आपको सबसे ज्यादा ध्यान धन संबंधित बातों में रखना चाहिए। धन जोखिम में न डालें।
वृश्चिक ( तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यूं ) -
आपके लिए कालसर्प दोष पूरी तरह अशुभ फल देने वाला ही रहेगा। इन दिनों आपको हिम्मत से काम लेना चाहिए। कालसर्प के कारण बने बनाए काम बिगड़ सकते हैं। आपकी राशि, राहु की नीच राशि है। अभी राहु अपनी नीच राशि में आ गया है इसलिए आपको स्वास्थ्य संबंधित बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। धन हानि होगी। योजनाएं असफल होने से मानसिक तनाव, द्वंद और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता ेहै।
धनु ( ये, यो, भा, भी, भू, ध, फ, ढ, भे ) -
धनु राशि वालों को अचानक धन लाभ होने के योग बनेंगे। दूर स्थानों की यात्राओं के योग भी बन सकते हैं जिनसे आपको कोई बड़ा लाभ होगा। पुराने लोगों या पुराने दोस्तों की मदद से आपका कोई ऐसा काम पूरा हो जाएगा जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होगा। धन लाभ होने के ज्यादा योग बन रहे हैं। इस राशि वालों को धन, मान, प्रतिष्ठा और सम्मन मिलेगा। दुश्मनों पर विजय प्राप्त करेंगे लेकिन इस राशि के लोगों को सावधान रहना चाहिए क्योंकि कोई महत्वपूर्ण चिज खो जानें के पूरे योग बन रहे हैं।
मकर ( भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, ग, गी ) -
मकर राशि वालों के लिए कालसर्प योग अच्छा फल देने वाला रहेगा। इस राशि वालों को पुराने लोगों और मित्रों से सहयोग और धन लाभ होने के योग बनेंगे। छोटे समय के लिए लाभ की योजना बन रही है या बन सकती है। वाणी की चतुरता से आप अपना फायदा कर लेंगे। आपके लिए समय अनुकूल रहेगा। कार्यक्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता साबित करेंगे।
कुंम्भ ( गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा ) -
आपकी राशि के लिए ये कालसर्प दोष कुंडली के दसवें भाव से चौथे भाव तक बनेगा। इन दिनों में आप निवास स्थान या परिवार से दूर हो सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आचनक सफलता मिलने के योग बन रहे हैं। कालसर्प से माता-पिता का स्वास्थ्य प्रभावित होगा। इस राशि वालों को कार्यस्थल से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पदोन्नति या स्थान परिवर्तन होगा।
मीन ( दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची ) -
मीन राशि वालों को राहु-केतु पूरी तरह प्रभावित करेंगे। इस राशि वालों को कालसर्प के कारण पैतृक व्यवसाय में हानि हो सकती है। भूमि, भवन और सम्मत्ति के मामलों में खास तौर से सावधान रहें। मीन राशि वालों को मेहनत से और पुराने मित्रों से लाभ होने के योग है। अपने अनुभव का उपयोग करें तो शुभ परिस्थितियां बनेंगी। समय के साथ विचरों में बदलाव होगा और सफलता मिलेगी।
राशि अनुसार कालसर्प दोष उपाय
मेष- इस राशि के लोग कालसर्प से बचने के लिए बैल को जौ खिलाएं।
वृषभ- वृष राशि के लोग किसी मंदिर या धर्म स्थल पर सफेद ध्वजा चढ़ाएं।
मिथुन- मिथुन राशि के लोग गाय को हरे मूंग खिलाएं।
कर्क- पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें और शिवलिंग के नाग की पूजा करें।
सिंह- सिंह राशि के लोग एक मुठ्ठी जौ को गौमूत्र से धोकर लाल कपड़े में बांधे और अपने ही घर में किसी वजनदार वस्तु के नीचे दबाएं।
कन्या- इस राशि के लोग हाथी दांत से बनी कोई वस्तु हमेशा अपने पास रखें।
तुला- हनुमान जी को रक्त चंदन यानी लाल चंदन चढ़ाएं।
वृश्चिक- इस राशि के लोग गौमूत्र पिएं और गौमूत्र से स्नान भी करें।
धनु- धनु राशि वालों को इस कालसर्प योग में बहते पानी में जौ प्रवाहित करने चाहिए।
मकर- मकर राशि के लोग रूद्राभिषेक करें और खुद रूद्र पाठ भी करें तो अच्छा है।
कुंभ- रात में सिरहाने एक कटोरी दूध रखें और सुबह वो दूध कुत्ते को पीला दें।
मीन- मीन राशि के लोग मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। या दानें डालें।
किस कालसर्प के लिए क्या उपाय करें-
अनन्त
- अनन्त कालसर्प दोष होने पर किसी शुभ वार को एकमुखी, आठमुखी या नौमुखी रुद्राक्ष धारण करें।
- यदि स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है तो रांगे से बना सिक्का पानी में प्रवाहित करें।
कुलिक
- कुलिक नामक कालसर्प दोष होने पर दो रंग वाला कंबल अथवा गर्म वस्त्र दान करें।
- चांदी की ठोस गोली बनवाकर उसकी पूजा करें और उसे अपने पास रखें।
वासुकि
- वासुकि कालसर्प दोष होने पर रात्रि को सोते समय सिरहाने पर थोड़ा बाजरा रखें और सुबह उठकर उसे पक्षियों को खिला दें।
- नागपंचमी के दिन लाल धागे में तीन, आठ या नौमुखी रुद्राक्ष धारण करें।
शंखपाल
- शंखपाल कालसर्प दोष के निवारण के लिए 400 ग्राम साबूत बादाम बहते पानी में प्रवाहित करें।
- शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें।
पद्म
- पद्म कालसर्प दोष होने पर 40 दिनों तक रोज सरस्वती चालीसा का पाठ करें।
- जरुरतमंदों को पीले वस्त्र का दान करें और तुलसी का पौधा लगाएं।
महापद्म
- महापद्म कालसर्प दोष के निदान के लिए हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें।
- यथाशक्ति ब्राह्मण को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।
तक्षक
- तक्षक कालसर्प योग के निवारण के लिए 11 नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
- सफेद वस्त्र और चावल का दान करें।
कर्कोटक
- कर्कोटक कालसर्प योग होने पर बटुकभैरव के मंदिर में जाकर उन्हें नैवेद्य चढ़ाएं और पूजा करें।
- शीशे के आठ टुकड़े पानी में प्रवाहित करें।
शंखचूड़
- शंखचूड़ नामक कालसर्प दोष की शांति के लिए रात्रि को सोते समय सिरहाने जौ रखें और उसे अगले दिन पक्षियों को खिला दें।
- नागपंचमी के दिन पांचमुखी, आठमुखी या नौमुखी रुद्राक्ष धारण करें।
घातक
- घातक कालसर्प दोष के निवारण के लिए पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल पर रखें।
- चारमुखी, आठमुखी और नौमुखी रुद्राक्ष हरे रंग के धागे में धारण करें।
विषधर
- विषधर कालसर्प दोष के निदान के लिए परिवार के सदस्यों की संख्या के नारियल लेकर एक-एक नारियल पर उनका हाथ लगवाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
- भगवान शिव के मंदिर में जाकर यथाशक्ति दान-दक्षिणा दें।
शेषनाग
- शेषनाग कालसर्प दोष होने पर रात्रि को लाल कपड़े में सौंफ बांधकर सिरहाने रखें और उसे अगले दिन सुबह खा लें।
- दिन दूध-जलेबी का दान करें।
'उच्च शिक्षा के लिए 12वीं पास विद्यार्थियों को हर महीने मिलेंगे 500 रु'
सीकर.उच्च शिक्षा के लिए सरकार 500 रुपए प्रति महीने मुहैया कराएगी। यह योजना 12वीं पास एक लाख उन युवाओं के लिए है, जिनके परिवार की आमदनी सालाना एक लाख रुपए से कम है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को खंडेला में आयोजित किसान सम्मेलन में यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने यहां शहीद की मूर्ति का अनावरण, आईटी सेंटर व जीएसएस का उद्घाटन भी किया। बिजली के मामले में उन्होंने कहा कि बिजली कटौती में राहत दी जाए।यह जानकारी में है कि बिजली की कमी महसूस की जा रही है। लेकिन, यह स्थिति पूरे उत्तर भारत में है। कोशिश रहे हैं कि बिजली कटौती में राहत दी जाए। किसानों को यदि मुश्किल आई तो खरीद कर बिजली उपलब्ध कराएंगे। राजस्थान तेज गति से विकास कर रहा है, जिसमें गांव- गांव में पानी बिजली बचाकर सहयोग करें। केंद्र व राज्य सरकार की तमाम तरह की योजनाएं हैं, जिनका अधिक से अधिक लाभ लें। यदि किसी तरह की कमी लगती है तो जानकारी में लेकर आएं। विद्यार्थियों को स्कूलों से जोड़े रखने के लिए 12 वीं, दसवीं व मिडिल स्कूलों के लिए 30 हजार लेपटॉप वितरित किए जाने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कोटा की तरह सीकर कोचिंग व निजी स्कूलों से अर्थव्यवस्था बदल रही है। सरकार ऐसे कोचिंग संस्थानों व स्कूलों को हरसंभव मदद को तैयार है। सीकर में मेडिकल कॉलेज की संभावना तलाश कर रहे हैं। यदि बन सकती है तो इसे बनाया जाएगा।कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डा. चंद्रभान ने कहा कि लोगों की आमदनी बढ़ने से महंगाई बढ़ी है। महंगाई बढ़ी तो कुछ आमदनी किसान की भी बढ़ी है, लेकिन महंगाई पर पूरी बहस होनी चाहिए है। इसमें किसानों की बात हो। सरकारों को किसानों की स्थाई आमदनी तय करनी पड़ेगी। इस मौके पर ऊर्जा मंत्री डा. जितेंद्रसिंह, उद्योग मंत्री राजेंद्र पारीक, आपदा एवं राहत राज्य मंत्री बृजेंद्रसिंह ओला, किसान आयोग अध्यक्ष नारायण सिंह व केंद्रीय राज्य मंत्री महादेव सिंह खंडेला ने भी संबोधित किया।
पाक ने बढ़वाई थार में तीन बोगियां
.मुनाबाव-खोखरापार के रास्ते भारत व पाकिस्तान के बीच चलने वाली साप्ताहिक ट्रेन थार एक्सप्रेस में पाकिस्तान की डिमांड पर तीन डिब्बे बढ़ाए गए हैं। शुक्रवार को 596 यात्री थार एक्सप्रेस में पाकिस्तान गए। इस फेरे में यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ जाने से शहर के उपनगरीय भगत की कोठी स्टेशन पर काउंटर कम पड़ गया।
यहां के काउंटर पर तकनीकी कारणों से भी दो घंटे तक टिकट जारी नहीं हो सके। ऐसे में रेलवे प्रशासन ने दोपहर दो से रात आठ बजे तक मुख्य आरक्षण केंद्र में अतिरिक्त काउंटर खोलकर यात्रियों को टिकट जारी किए। रात 8 बजे कंप्यूटर पर टिकट बनना बंद हो जाने के मद्देनजर इसके बाद 17 यात्रियों को मैन्युअल टिकट जारी किए गए।
इस फेरे में शुक्रवार देर रात एक बजे रवाना होने वाली थार एक्सप्रेस के लिए सुबह काउंटर खुलते ही यात्रियों की कतार लग गई। दोपहर तक तो भगत की कोठी स्टेशन पर यात्रियों की इतनी भीड़ हो गई कि काउंटर की व्यवस्था लड़खड़ाने लगी। इस बीच पाकिस्तान सरकार ने भारत के विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया कि 15 व 22 जून के फेरे के लिए तीन-तीन बोगी अतिरिक्त जोड़ी जाए।
पाकिस्तान से बड़ी संख्या में धार्मिक जत्थे भारत आ रहे हैं। इन्हें थार एक्सप्रेस में दिक्कत नहीं हो इसलिए रेलवे ने पाकिस्तान सरकार की मांग मान ली। बोगी बढ़ाने के साथ रेलवे ने सिटी रेलवे स्टेशन के नजदीक मुख्य आरक्षण केंद्र में अतिरिक्त काउंटर खोल दिया।
यहां के काउंटर पर तकनीकी कारणों से भी दो घंटे तक टिकट जारी नहीं हो सके। ऐसे में रेलवे प्रशासन ने दोपहर दो से रात आठ बजे तक मुख्य आरक्षण केंद्र में अतिरिक्त काउंटर खोलकर यात्रियों को टिकट जारी किए। रात 8 बजे कंप्यूटर पर टिकट बनना बंद हो जाने के मद्देनजर इसके बाद 17 यात्रियों को मैन्युअल टिकट जारी किए गए।
इस फेरे में शुक्रवार देर रात एक बजे रवाना होने वाली थार एक्सप्रेस के लिए सुबह काउंटर खुलते ही यात्रियों की कतार लग गई। दोपहर तक तो भगत की कोठी स्टेशन पर यात्रियों की इतनी भीड़ हो गई कि काउंटर की व्यवस्था लड़खड़ाने लगी। इस बीच पाकिस्तान सरकार ने भारत के विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया कि 15 व 22 जून के फेरे के लिए तीन-तीन बोगी अतिरिक्त जोड़ी जाए।
पाकिस्तान से बड़ी संख्या में धार्मिक जत्थे भारत आ रहे हैं। इन्हें थार एक्सप्रेस में दिक्कत नहीं हो इसलिए रेलवे ने पाकिस्तान सरकार की मांग मान ली। बोगी बढ़ाने के साथ रेलवे ने सिटी रेलवे स्टेशन के नजदीक मुख्य आरक्षण केंद्र में अतिरिक्त काउंटर खोल दिया।
गुजराती स्कूलों में पढ़ाए जा रहे हैं अश्लील जोक्स
गुजरात में स्कूलों में बच्चों को अश्लील जोक्स पढ़ाए जा रहे हैं। यह चौंकाने वाला सच गुजरात के सरकारी प्राइमरी स्कूलों का है, जहां पिछले दो महीनों से बच्चे अश्लील जोक्स पढ़ रहे हैं। इन स्कूलों में पढ़ रहे अभिभावकों को इस बात की चिंता है कि इससे उनके बच्चों की मानसिकता पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।
दरअसल, सर्व शिक्षा अभियान के तहत पांचवीं तक के बच्चों को बाल साहित्य के नाम पर एक पत्रिका बांटी गई है, जिसमें ऐसे चुटकुले हैं, जिन्हें बच्चे क्या बड़े भी पढ़कर शर्मा जाएं। बच्चों को बांटी गई इस पत्रिका को लेकर गुजरात में शिक्षा से जुड़े लोगों में गुस्सा है। लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा तो प्रकाशक ने पत्रिका को वापस लेने और इसके लिए जिम्मेदार शख्स के खिलाफ कार्रवाईकी बात कही है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कुछ स्कूलों में हिंदी वर्णमाला में 'च' से चाकू और 'ब' से बम पढ़ाया जा रहा था। इस पर आपत्ति जताई गई थी, जिसके बाद किताबों में बदलाव किया गया।
दरअसल, सर्व शिक्षा अभियान के तहत पांचवीं तक के बच्चों को बाल साहित्य के नाम पर एक पत्रिका बांटी गई है, जिसमें ऐसे चुटकुले हैं, जिन्हें बच्चे क्या बड़े भी पढ़कर शर्मा जाएं। बच्चों को बांटी गई इस पत्रिका को लेकर गुजरात में शिक्षा से जुड़े लोगों में गुस्सा है। लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा तो प्रकाशक ने पत्रिका को वापस लेने और इसके लिए जिम्मेदार शख्स के खिलाफ कार्रवाईकी बात कही है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कुछ स्कूलों में हिंदी वर्णमाला में 'च' से चाकू और 'ब' से बम पढ़ाया जा रहा था। इस पर आपत्ति जताई गई थी, जिसके बाद किताबों में बदलाव किया गया।
गोपा चौक से जैसलमेर डायरी न्यूज़ इन बॉक्स ...
गोपा चौक से जैसलमेर डायरी न्यूज़ इन बॉक्स ...
शहर के तालरिया पाडा निवासी एक व्यक्ति ने अपने ही घर में फंदा लगा इहलीला समाप्त कर ली। कोतवाली थानाधिकारी विरेंदर सिंह ने बताया कि तालरिया पाडा निवासी तानामल (40) घर में फंदा लगा झूल गए। परिजनों को जानकारी मिलने पर फंदे से उतार अस्पताल ले गए जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने मर्ग दर्जकर जांच शुरू कर दी है।
वसूली प्राथमिकता से करने के निर्देश जैसलमेर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित राजस्व एवं उपनिवेशन अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर शुचि त्यागी ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे क्षेत्र की प्रत्येक घटना के प्रति चौकस रहे एवं सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंच कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे लोगों की समस्याएं संवेदनशीलता के साथ सुने एवं राहत पहुंचाने का पूरा प्रयास करें। बैठक में अतिरिक्त कलेक्टर परशुराम धानका, मुख्य कार्यकारी अधिकारी बलदेव सिंह उज्जवल, उपायुक्त उपनिवेशन रामावतार मीणा के साथ ही राजस्व अधिकारी उपस्थित थे। बकाया राजस्व वसूली पर जोर दें: कलेक्टर त्यागी ने राजस्व वसूली की चर्चा करते हुए राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बकाया राजस्व वसूली पर विशेष ध्यान दें एवं समय पर वसूली अर्जित करें। उन्होंने रोडा एक्ट के मामले में भी वसूली करवाने में बैंकर्स को पूर्ण सहयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने धारा 91 में दर्ज प्रकरणों का भी प्राथमिकता से निस्तारण करने पर विशेष जोर दिया। मोबाइल टावरों का करें सर्वे उन्होंने तहसीलदारों को निर्देश दिए कि जिले में जहां पर भी मोबाइल टॉवर लगे हुए हैं उनका सर्वे कर पंद्रह दिवस में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि जहां पर भी टॉवर लगे हैं उस भूमि के भू रुपांतरण की कार्रवाई भी कराएं। |
प्रधान ने कहा, घूस मांगता है बाबू ने कहा, थप्पड़ मारा !
प्रधान ने कहा, घूस मांगता है बाबू ने कहा, थप्पड़ मारा !
प्रधान ने कहा, घूस मांगता है बाबू ने कहा, थप्पड़ मारा !
उपनिवेशन मोहनगढ़ में कार्यरत एलडीसी ने लगाए प्रधान मूलाराम चौधरी पर आरोप
जैसलमेर उपायुक्त कार्यालय जैसलमेर में शुक्रवार को किसी बात को लेकर प्रधान मूलाराम चौधरी और मोहनगढ़ बी में कार्यरत एलडीसी अनंत साही के बीच विवाद हो गया। एलडीसी साही ने प्रधान पर उसे थप्पड़ मारने का आरोप लगाया। वहीं प्रधान मूलाराम चौधरी का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था सामान्य बातचीत ही हुई थी। मामले को लेकर इतनी गहमागहमी हो गई कि दोपहर तक रामगढ़, मोहनगढ़ व नाचना के उपनिवेशन कार्मिकों ने काम करना बंद कर दिया और गाडिय़ों में भरकर जैसलमेर आ गए।
क्या है मामला
मोहनगढ़ उपनिवेशन तहसील नं. 2 में कार्यरत एलडीसी अनंत साही ने बताया कि वह शुक्रवार को किसी काम से जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय में आया था। उस दौरान प्रधान मूलाराम चौधरी भी वहां आए और डीसी साहब के बारे में पूछा, इस पर साही ने उन्हें बताया कि डीसी साहब मीटिंग में गए हुए हैं। साही ने बताया कि इस दौरान प्रधान चौधरी ने अपने साथ लाए काश्तकार को पूछा कि यही बाबू तुम्हें तंग करता है और देखते ही देखते हुए मारपीट शुरू कर दी। साही ने बताया कि प्रधान चौधरी ने उनके साथ गाली गलौच कर मारपीट की और धक्का देकर नीचे पटक दिया। साही ने बताया कि ऐसा करके प्रधान चौधरी वहां से रवाना हो गए।
प्रधान ने लगाए रिश्वत लेने के आरोप
गौरतलब है कि इन दिनों ब्याजमाफी के चलते उपनिवेशन कार्यालयों में किसानों की भीड़ उमड़ रही है। प्रधान मूलाराम चौधरी ने बताया कि खातेदारी व किश्तें जमा करवाने जा रहे किसानों से वसूली हो रही है और कई बार किसान इस संबंध में शिकायत दे चुके हैं। प्रधान चौधरी ने आरोप लगाया कि एलडीसी अनंत साही किसानों को प्रधान व प्रमुख के नाम से पैसे ले रहा है। गौरतलब है कि प्रधान चौधरी इस मामले को कई बार प्रशासन की बैठकों में भी उठा चुके हैं।
घटना के विरोध में उपनिवेशन रामगढ़, मोहनगढ़ व नाचना के कार्मिक काम छोड़कर पहुंचे जिला मुख्यालय
डीसी ऑफिस काम से आया था। वहां पर आए प्रधान मूलाराम चौधरी ने मुझ पर आरोप लगाते हुए मेरे साथ गाली गलौच कर मारपीट करनी शुरू कर दी।
अनंत साही, एलडीसी, उपनिवेशन तहसील नं. 2 मोहनगढ़
मूलाराम चौधरी
उपनिवेशन के कार्मिक इन दिनों दिन भर किसानों की सेवा में काम कर रहे हैं। रोजाना 12 से 13 घंटे काम चल रहा है। ऐसे में यदि कोई मारपीट करे तो सरासर गलत है। घटना के दौरान मैं मीटिंग में गया हुआ था, मुझे सूचना दी गई कि प्रधान चौधरी ने एलडीसी अनंत साही के साथ मारपीट की है।
रामावतार मीणा,
डीसी, उपनिवेशन जैसलमेर
रामावतार मीणा,
डीसी, उपनिवेशन जैसलमेर
लाशों के ढेर में ढूंढते रहे जिंदगी
रुदन और चीत्कार में बदला माहौल
हादसा उन्नीस जिंदगियों की अंतिम यात्रा, बस बन गई चिता
सिवाड़ा के समीप इस हादसे ने हर किसी का दिल दहला दिया। जिसने भी सुना। सुनकर ही रो पड़ा। मात्र आधे घंटे पहले यह बस सांचौर से रवाना हुई थी। यात्रियों को अपने घर पहुंचना था। ये वे लोग थे जो जिले के अलावा पड़ोसी बाड़मेर जिले के गांवों से रोजाना मजदूरी या अन्य जरूरी कामों से सांचौर आते हैं और शाम को इसी बस से रवाना होते हैं। यही इनका रोजाना का काम था, लेकिन रोजाना की तरह इनका यह सफर पूरा नहीं हो पाया। हाईवे पर सिवाड़ा चौकी से मात्र कुछ ही दूरी पर यह हादसा हो गया। घायलों की मानें तो यह जोरदार धमाका था और इसी के साथ बस में आग लग गई। इसके बाद तेज लपटों में देखते ही देखते 19 लोग जिंदा जल गए। जब सब कुछ शांत हुआ तो मौके पर हर ओर शव ही नजर आए। परिजनों को सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे तो मन में किसी अनिष्ट की आशंका तो थी, लेकिन यह दुआ भी थी कि काश लाशों के इस ढेर में अपना कोई ना हो। बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया गया। सांचौर से दमकल पहुंची उससे पहले लोगों ने काफी प्रयास किए, लेकिन लपटें इतनी तेज थी कि पास ही नहीं जाया जा सका। दमकल पहुंचने के बाद आग को बुझाया गया। जैसे ही लपटें शांत हुई मौके पर जोर से चीत्कारें गूंज उठी। मौके पर मौजूद लोग लाशें देखकर चीत्कार उठे। इतना भयावह दृश्य। लगा जैसे ईश्वर ने क्रूर मजाक किया हो। बस के आगे, पीछे, अंदर सीटों पर और नीचे जले हुए शव पड़े थे। कुछ शव सड़क पर कुछ दूरी पर मिले। मनों बचने के लिए भागे हों, लेकिन फिर दम तोड़ दिया। शव इतनी बुरी तरह से झुलसे हुए थे कि उन्हें पहचाना भी नहीं जा सका। रिश्तेदार और परिजन मौके पर काफी देरी से पहुंच पाए। जब शवों को देखा तो बिलख पड़े। हर कोई यही दुआ करता रहा कि काश इन लाशों में हमारा कोई ना हो, लेकिन फिर अपनों की आशंका से खुद भी बेसुध से हो गए। पूरे घटना स्थल पर हर ओर चीत्कार सुनाई दे रही थी। हादसे में मृतक और घायलों में से अधिकांश लोग बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना, बांड और रामजी का गोल गांव के रहने वाले हैं। ये लोग अपने दैनिक कार्यों से सांचौर आते हैं और इस बस से वापस लौट जाते हैं। सिवाडा गांव के निकट शुक्रवार शाम हुए हादसे में बस में सवार यात्री आग की लपटों से घिर गए और उन्हें बस से बाहर निकलने का रास्ता तक नहीं मिला। आखिरकार एक-एक कर 19 जिंदगियां दम तोड़ गई। हादसे के बाद घटनास्थल पर रुदन और चीत्कार का माहौल नजर आया
आंखो-देखी
मदद मांगते रहे आग से लिपटे यात्री
मैं बस की चौथी सीट पर बैठा पास वाले से बातचीत कर रहा था। मैंने अपने पैर आगे की सीट से सटाकर रखे हुए थे। तभी अचानक विस्फोट हुआ। बस की टक्कर होने से मैं सीट के बीच में फंस गया। पास वाला भी आगे की सीट से टकरा गया जिससे वह बेहोश हो गया। घटना के समय मेरा मुंह आगे की सीट से दब गया। विस्फोट के बाद बस में आग लगती हुई दिखाई दे रही थी। साथ ही घटना के बाद पीछे के लोग आगे की तरफ आने लगे। मैंने बस जलती देखकर जैसे-तैसे हिम्मत बांधी और खिड़की का कांच तोड़ा। इसके बाद पास में बैठे व्यक्ति को खिड़की से बाहर की तरफ फेंक दिया और मैं भी बस से कूद गया। इसके बाद पूरी बस धू धूंकर जलने लगी। बस में मौजूद लोगों के चिल्लाने की आवाजें आ रही थी। वे मदद के लिए चिल्ला रहे थे। जिंदा इंसान आग से लिपटे हुए बस में इधर उधर दौड़ रहे थे, लेकिन हम कुछ नहीं कर पाए। देखते ही देखते उन्होंने दम तोड़ दिया।
हरिंगाराम विश्नोई, कोटड़ा, बस यात्री
यह हुए घायल
सिवाड़ा के पास बस ट्रेलर में हुए हादसे में लाभूराम (50) पुत्र भैराराम जाट निवासी पहाड़पुरा बरवाला, गोपाराम (36) पुत्र बेचराराम जाट गांधीनगर बाड़मेर, किशोरसिंह (32) पुत्र तेजाराम जाट खड़ी रामसर, सिरिया देवी (53) पत्नी लाभराम जाट निवासी बाखासर, रावताराम (60) पुत्र खेदाराम पुरोहित निवासी आमली सांचौर, लिखमाराम (30) पुत्र प्रतापाराम जाट गुड़ामालानी, हाजीमली (60) पुत्र ईलियास निवासी देरासर, सवाईदान (30) पुत्र हरिदान चारण निवासी छोटा ईटादा, गेमराराम (50) पुत्र गंगाराम जाट हाथीतला, हरिराम (42) पुत्र श्रीराम निवासी धोरिमन्ना, धोली (30) पत्नी जगदीश विश्नोई धोरीमन्ना, झमकू (45) पत्नी हरिराम विश्नोई निवासी कोजा, मीरा (40) पत्नी तुलछाराम जटिया लीलसर चौहटन, कंचन (18) पुत्री तुलछाराम जटिया निवासी लीलसर, मीनाक्षी पुत्री मसराराम जटिया हरियाली सांचौर, हरलाल (35) पुत्र सुखराम विश्नोई सिवाना, पीराराम (70) पुत्र जांवताराम मेघवाल पीपराली, रमेश (22) पुत्र चंदाराम मेघवाल खुर्द सिढ़ा, हरुराम (55) पुत्र सोनाराम निवासी पिठड़ा, भंवराराम (20) पुत्र हरूराराम मेघवाल, तुलछाराम (45) पुत्र नेनूराम जटिया निवासी लीलासर, पदमाराम (40) पुत्र सगतसिंह निवासी लांगेरा, अमरूदेवी (30) पत्नी गोरधनराम निवासी पीपराली, जेठी (35) देवी पत्नी किशनाराम सोनी निवासी बासड़ाऊ, किशनाराम (40) पुत्र पुरखाराम सोनी निवासी बासड़ाऊ, डालूराम (70) पुत्र नारणाराम जाट निवासी ढिमणी गुड़ामालानी, श्रीराम (69) पुत्र केशरीमल खत्री निवासी धोरीमन्ना, बाबूलाल (40) पुत्र धर्माराम विश्नोई निवासी विरावा चितलवाना, हरिराम (46) पुत्र ठाकराराम विश्नोई निवासी कोजा धोरीमन्ना, बबरी (40) पत्नी करनाराम जाट निवासी रताऊ, गोरखाराम (20) पुत्र अर्जुनराम निवासी सोभोला का गोलिया, रमेश (22) पुत्र चन्दाराम निवासी मिठड़ा, भंवराराम (20) पुत्र हरिराम मेघवाल निवासी मिठड़ा, पारसी (35) पत्नी देवीलाल निवासी चैनपुरा, मदनपुरी (50) पुत्र रावतपुरी गोस्वामी निवासी बायतू, रूगनाथ राम (36) पुत्र वगताराम विश्नोई निवासी विरावा चितलवाना, हनुमानाराम (35) पुत्र लालाराम जाट निवासी राडेरिया, कानाराम (25) पुत्र भाखराराम मेघवाल निवासी डावल, कमल (30) पत्नी रूगनाथ विश्नोई निवासी वाड़ाभाड़वी, लहरा देवी (22) पत्नी कानाराम मेघवाल निवासी डावल, कालाराम (65) पुत्र केहराराम जाट राडेरिया गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए नगर के निजी व सरकारी अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। गंभीर रूप से घायल हीरालाल पुत्र श्रीराम खत्री निवासी धोरीमन्ना, श्रीराम पुत्र केसरीमल खत्री निवासी धोरीमन्ना को गंभीर रूप से घायल होने पर गुजरात रेफर किया गया।
हादसा उन्नीस जिंदगियों की अंतिम यात्रा, बस बन गई चिता
सिवाड़ा के समीप इस हादसे ने हर किसी का दिल दहला दिया। जिसने भी सुना। सुनकर ही रो पड़ा। मात्र आधे घंटे पहले यह बस सांचौर से रवाना हुई थी। यात्रियों को अपने घर पहुंचना था। ये वे लोग थे जो जिले के अलावा पड़ोसी बाड़मेर जिले के गांवों से रोजाना मजदूरी या अन्य जरूरी कामों से सांचौर आते हैं और शाम को इसी बस से रवाना होते हैं। यही इनका रोजाना का काम था, लेकिन रोजाना की तरह इनका यह सफर पूरा नहीं हो पाया। हाईवे पर सिवाड़ा चौकी से मात्र कुछ ही दूरी पर यह हादसा हो गया। घायलों की मानें तो यह जोरदार धमाका था और इसी के साथ बस में आग लग गई। इसके बाद तेज लपटों में देखते ही देखते 19 लोग जिंदा जल गए। जब सब कुछ शांत हुआ तो मौके पर हर ओर शव ही नजर आए। परिजनों को सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे तो मन में किसी अनिष्ट की आशंका तो थी, लेकिन यह दुआ भी थी कि काश लाशों के इस ढेर में अपना कोई ना हो। बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया गया। सांचौर से दमकल पहुंची उससे पहले लोगों ने काफी प्रयास किए, लेकिन लपटें इतनी तेज थी कि पास ही नहीं जाया जा सका। दमकल पहुंचने के बाद आग को बुझाया गया। जैसे ही लपटें शांत हुई मौके पर जोर से चीत्कारें गूंज उठी। मौके पर मौजूद लोग लाशें देखकर चीत्कार उठे। इतना भयावह दृश्य। लगा जैसे ईश्वर ने क्रूर मजाक किया हो। बस के आगे, पीछे, अंदर सीटों पर और नीचे जले हुए शव पड़े थे। कुछ शव सड़क पर कुछ दूरी पर मिले। मनों बचने के लिए भागे हों, लेकिन फिर दम तोड़ दिया। शव इतनी बुरी तरह से झुलसे हुए थे कि उन्हें पहचाना भी नहीं जा सका। रिश्तेदार और परिजन मौके पर काफी देरी से पहुंच पाए। जब शवों को देखा तो बिलख पड़े। हर कोई यही दुआ करता रहा कि काश इन लाशों में हमारा कोई ना हो, लेकिन फिर अपनों की आशंका से खुद भी बेसुध से हो गए। पूरे घटना स्थल पर हर ओर चीत्कार सुनाई दे रही थी। हादसे में मृतक और घायलों में से अधिकांश लोग बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना, बांड और रामजी का गोल गांव के रहने वाले हैं। ये लोग अपने दैनिक कार्यों से सांचौर आते हैं और इस बस से वापस लौट जाते हैं। सिवाडा गांव के निकट शुक्रवार शाम हुए हादसे में बस में सवार यात्री आग की लपटों से घिर गए और उन्हें बस से बाहर निकलने का रास्ता तक नहीं मिला। आखिरकार एक-एक कर 19 जिंदगियां दम तोड़ गई। हादसे के बाद घटनास्थल पर रुदन और चीत्कार का माहौल नजर आया
आंखो-देखी
मदद मांगते रहे आग से लिपटे यात्री
मैं बस की चौथी सीट पर बैठा पास वाले से बातचीत कर रहा था। मैंने अपने पैर आगे की सीट से सटाकर रखे हुए थे। तभी अचानक विस्फोट हुआ। बस की टक्कर होने से मैं सीट के बीच में फंस गया। पास वाला भी आगे की सीट से टकरा गया जिससे वह बेहोश हो गया। घटना के समय मेरा मुंह आगे की सीट से दब गया। विस्फोट के बाद बस में आग लगती हुई दिखाई दे रही थी। साथ ही घटना के बाद पीछे के लोग आगे की तरफ आने लगे। मैंने बस जलती देखकर जैसे-तैसे हिम्मत बांधी और खिड़की का कांच तोड़ा। इसके बाद पास में बैठे व्यक्ति को खिड़की से बाहर की तरफ फेंक दिया और मैं भी बस से कूद गया। इसके बाद पूरी बस धू धूंकर जलने लगी। बस में मौजूद लोगों के चिल्लाने की आवाजें आ रही थी। वे मदद के लिए चिल्ला रहे थे। जिंदा इंसान आग से लिपटे हुए बस में इधर उधर दौड़ रहे थे, लेकिन हम कुछ नहीं कर पाए। देखते ही देखते उन्होंने दम तोड़ दिया।
हरिंगाराम विश्नोई, कोटड़ा, बस यात्री
यह हुए घायल
सिवाड़ा के पास बस ट्रेलर में हुए हादसे में लाभूराम (50) पुत्र भैराराम जाट निवासी पहाड़पुरा बरवाला, गोपाराम (36) पुत्र बेचराराम जाट गांधीनगर बाड़मेर, किशोरसिंह (32) पुत्र तेजाराम जाट खड़ी रामसर, सिरिया देवी (53) पत्नी लाभराम जाट निवासी बाखासर, रावताराम (60) पुत्र खेदाराम पुरोहित निवासी आमली सांचौर, लिखमाराम (30) पुत्र प्रतापाराम जाट गुड़ामालानी, हाजीमली (60) पुत्र ईलियास निवासी देरासर, सवाईदान (30) पुत्र हरिदान चारण निवासी छोटा ईटादा, गेमराराम (50) पुत्र गंगाराम जाट हाथीतला, हरिराम (42) पुत्र श्रीराम निवासी धोरिमन्ना, धोली (30) पत्नी जगदीश विश्नोई धोरीमन्ना, झमकू (45) पत्नी हरिराम विश्नोई निवासी कोजा, मीरा (40) पत्नी तुलछाराम जटिया लीलसर चौहटन, कंचन (18) पुत्री तुलछाराम जटिया निवासी लीलसर, मीनाक्षी पुत्री मसराराम जटिया हरियाली सांचौर, हरलाल (35) पुत्र सुखराम विश्नोई सिवाना, पीराराम (70) पुत्र जांवताराम मेघवाल पीपराली, रमेश (22) पुत्र चंदाराम मेघवाल खुर्द सिढ़ा, हरुराम (55) पुत्र सोनाराम निवासी पिठड़ा, भंवराराम (20) पुत्र हरूराराम मेघवाल, तुलछाराम (45) पुत्र नेनूराम जटिया निवासी लीलासर, पदमाराम (40) पुत्र सगतसिंह निवासी लांगेरा, अमरूदेवी (30) पत्नी गोरधनराम निवासी पीपराली, जेठी (35) देवी पत्नी किशनाराम सोनी निवासी बासड़ाऊ, किशनाराम (40) पुत्र पुरखाराम सोनी निवासी बासड़ाऊ, डालूराम (70) पुत्र नारणाराम जाट निवासी ढिमणी गुड़ामालानी, श्रीराम (69) पुत्र केशरीमल खत्री निवासी धोरीमन्ना, बाबूलाल (40) पुत्र धर्माराम विश्नोई निवासी विरावा चितलवाना, हरिराम (46) पुत्र ठाकराराम विश्नोई निवासी कोजा धोरीमन्ना, बबरी (40) पत्नी करनाराम जाट निवासी रताऊ, गोरखाराम (20) पुत्र अर्जुनराम निवासी सोभोला का गोलिया, रमेश (22) पुत्र चन्दाराम निवासी मिठड़ा, भंवराराम (20) पुत्र हरिराम मेघवाल निवासी मिठड़ा, पारसी (35) पत्नी देवीलाल निवासी चैनपुरा, मदनपुरी (50) पुत्र रावतपुरी गोस्वामी निवासी बायतू, रूगनाथ राम (36) पुत्र वगताराम विश्नोई निवासी विरावा चितलवाना, हनुमानाराम (35) पुत्र लालाराम जाट निवासी राडेरिया, कानाराम (25) पुत्र भाखराराम मेघवाल निवासी डावल, कमल (30) पत्नी रूगनाथ विश्नोई निवासी वाड़ाभाड़वी, लहरा देवी (22) पत्नी कानाराम मेघवाल निवासी डावल, कालाराम (65) पुत्र केहराराम जाट राडेरिया गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए नगर के निजी व सरकारी अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। गंभीर रूप से घायल हीरालाल पुत्र श्रीराम खत्री निवासी धोरीमन्ना, श्रीराम पुत्र केसरीमल खत्री निवासी धोरीमन्ना को गंभीर रूप से घायल होने पर गुजरात रेफर किया गया।
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