जूनागढ़ में धंधुका व बिलखा भाटियों का इतिहास पुस्तक का विमोचन
जैसलमेर इतिहासकार नंदकिशोर शर्मा की पुस्तक धंधुका व बिलखा के भाटियों का इतिहास का विमोचन गत दिनों सोडवदरा जूनागढ़ में किया गया। पुस्तक का विमोचन डॉ. संत साधनानंद महाराज ने किया। इस अवसर पर भाटियों के गुरु सुरजकुंड के नारायण गिरी एवं कवि कलाकार लाखणसिंह गढ़वी सहित जूनागढ़ के चारण कवि, राजकोट, मोरवी, गोंडल तथा अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान आयोजकों द्वारा धंधुका व बिलखा भाटियों का इतिहास लिखने पर शर्मा का आभार प्रकट किया गया तथा उनका सम्मान किया गया। शर्मा ने बताया कि गिरनार जूनागढ की तहलटी में बसे जैसलमेर के संस्थापक चन्द्रवंशी यादव भाट्टी कुल के जैतसिंह प्रथम के वंशज अलाउद्दीन खिलजी के प्रथम शाके के बाद गुजरात की और जाकर बस गए थे। वहां जैतसिंह के पौत्र मूलराज के पुत्र धनु ने अहमदाबाद के पास धंधुका नाम से छोटे से भाटी राज्य की स्थापना 1357 संवत् के आस-पास की थी। इन्होंने अपने बाहुबल से अपने साम्राज्य का विस्तार किया। उस समय गुजरात में प्रवेश करने वाले समस्त नाकों पर इनकी निगरानी थी। चूड़ासमा यादव, गुहिल, काठि, जाड़ेजा आदि से अपने संबंध स्थापित कर भाटी मान-मर्यादा ओर संस्कृति के साथ निवास करने लगे। उन्होंने बताया कि धंधुका भाटी गौरी, शाह अकबर, महमूद बेगड़ा व जूनागढ़ के बांबियों के साथ संघर्ष करते हुए गिरते-उठते अपने अस्तित्व को बना रखा। उन्होंने बताया कि सौराष्ट्र के बीलखा, सोड़वदर, पसवाना, वीरवान आदि 24 गांवों में खेतीहर, व्यापारी, तथा अन्य कामों के साथ अपनी भाषा रीति-रिवाज के साथ निवास कर रहे हैं। इन्होंने अपने भाटी समाज के संगठन का नाम श्रीगढ़ जैसलमेर दरबार भाटी समाज रखा है। पुस्तक लिखने में सहयोग देने पर जोरावरसिंह, हकुमतसिंह, भगतसिंह, दिलीपसिंह, गभीरसिंह तथा उनके सहयोगियों का भी सम्मान किया गया।
नहर में मिले चार शव
मोहनगढ़ मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र 175 एसएलडी में शुक्रवार शाम को चार शव मिले। प्राप्त जानकारी के अनुसार एसएलडी की 175 आरडी पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर पुलिस को चार अलग-अलग शव मिले। आरसीपी द्वारा रिपोर्ट दर्ज करवाने पर मौके पर पहुंची पुलिस को एक बच्ची, दो महिलाएं तथा एक पुरूष की लाश मिली। डॉ. केआर पंवार द्वारा मौके पर ही चारों शवों का पोस्टमार्टम किया गया। पुलिस द्वारा इनका अंतिम संस्कार कर दिया। डॅा. पंवार के अनुसार यह शव 15 से 20 दिन पुराने हैं।
दुर्घटना में घायल युवक की मौत
मोहनगढ़ पिछले दिनों सड़क दुर्घटना में घायल हुए एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। गौरतलब है कि बुधवार की रात्रि में काणोद रोड पर ट्रैक्टर के पीछे ट्रोली जोड़ते वक्त पीछे से आ रही क्रेन की टक्कर से मकबूल पुत्र नूर मोहम्मद व सिकंदर पुत्र निजामुदीन निवासी डेगाना नागौर गंभीर घायल हो गए थे। इलाज के दौरान मकबूल की मौत हो गई। पुलिस ने कार्रवाई कर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
जैसलमेर इतिहासकार नंदकिशोर शर्मा की पुस्तक धंधुका व बिलखा के भाटियों का इतिहास का विमोचन गत दिनों सोडवदरा जूनागढ़ में किया गया। पुस्तक का विमोचन डॉ. संत साधनानंद महाराज ने किया। इस अवसर पर भाटियों के गुरु सुरजकुंड के नारायण गिरी एवं कवि कलाकार लाखणसिंह गढ़वी सहित जूनागढ़ के चारण कवि, राजकोट, मोरवी, गोंडल तथा अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान आयोजकों द्वारा धंधुका व बिलखा भाटियों का इतिहास लिखने पर शर्मा का आभार प्रकट किया गया तथा उनका सम्मान किया गया। शर्मा ने बताया कि गिरनार जूनागढ की तहलटी में बसे जैसलमेर के संस्थापक चन्द्रवंशी यादव भाट्टी कुल के जैतसिंह प्रथम के वंशज अलाउद्दीन खिलजी के प्रथम शाके के बाद गुजरात की और जाकर बस गए थे। वहां जैतसिंह के पौत्र मूलराज के पुत्र धनु ने अहमदाबाद के पास धंधुका नाम से छोटे से भाटी राज्य की स्थापना 1357 संवत् के आस-पास की थी। इन्होंने अपने बाहुबल से अपने साम्राज्य का विस्तार किया। उस समय गुजरात में प्रवेश करने वाले समस्त नाकों पर इनकी निगरानी थी। चूड़ासमा यादव, गुहिल, काठि, जाड़ेजा आदि से अपने संबंध स्थापित कर भाटी मान-मर्यादा ओर संस्कृति के साथ निवास करने लगे। उन्होंने बताया कि धंधुका भाटी गौरी, शाह अकबर, महमूद बेगड़ा व जूनागढ़ के बांबियों के साथ संघर्ष करते हुए गिरते-उठते अपने अस्तित्व को बना रखा। उन्होंने बताया कि सौराष्ट्र के बीलखा, सोड़वदर, पसवाना, वीरवान आदि 24 गांवों में खेतीहर, व्यापारी, तथा अन्य कामों के साथ अपनी भाषा रीति-रिवाज के साथ निवास कर रहे हैं। इन्होंने अपने भाटी समाज के संगठन का नाम श्रीगढ़ जैसलमेर दरबार भाटी समाज रखा है। पुस्तक लिखने में सहयोग देने पर जोरावरसिंह, हकुमतसिंह, भगतसिंह, दिलीपसिंह, गभीरसिंह तथा उनके सहयोगियों का भी सम्मान किया गया।
नहर में मिले चार शव
मोहनगढ़ मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र 175 एसएलडी में शुक्रवार शाम को चार शव मिले। प्राप्त जानकारी के अनुसार एसएलडी की 175 आरडी पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर पुलिस को चार अलग-अलग शव मिले। आरसीपी द्वारा रिपोर्ट दर्ज करवाने पर मौके पर पहुंची पुलिस को एक बच्ची, दो महिलाएं तथा एक पुरूष की लाश मिली। डॉ. केआर पंवार द्वारा मौके पर ही चारों शवों का पोस्टमार्टम किया गया। पुलिस द्वारा इनका अंतिम संस्कार कर दिया। डॅा. पंवार के अनुसार यह शव 15 से 20 दिन पुराने हैं।
दुर्घटना में घायल युवक की मौत
मोहनगढ़ पिछले दिनों सड़क दुर्घटना में घायल हुए एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। गौरतलब है कि बुधवार की रात्रि में काणोद रोड पर ट्रैक्टर के पीछे ट्रोली जोड़ते वक्त पीछे से आ रही क्रेन की टक्कर से मकबूल पुत्र नूर मोहम्मद व सिकंदर पुत्र निजामुदीन निवासी डेगाना नागौर गंभीर घायल हो गए थे। इलाज के दौरान मकबूल की मौत हो गई। पुलिस ने कार्रवाई कर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया।