रविवार, 15 जनवरी 2012

कश्मीर न तो कभी पाकिस्तान का हिस्सा रहा है और न ही भविष्य में पाकिस्तान के साथ उसके विलय होने की कोई संभावना हैपीर पगारो

ऐसा कहा था पीर पगारो ने
कश्मीर न तो कभी पाकिस्तान का हिस्सा रहा है और न ही भविष्य में पाकिस्तान के साथ उसके विलय होने की कोई संभावना है

। सिंध प्रांत के अग्रणी राजनेता पाकिस्तान मुस्लिम लीग के सैयद शाह मर्दान शाह पीर पगारो ने ' डेली टाइम्स ' में रविवार को प्रकाशित एक विशेष भेंट वार्ता में यह बात कही।

वरिष्ठ सिंधी नेता का यह बयान पाकिस्तान के सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के तमाम उन नेताओं के अनवरत प्रचार अभियान के बिल्कुल विपरीत है जिसके तहत वे कश्मीर के पाकिस्तान का अंग होने का राग अलापते रहते हैं। जब सिंधी नेता पीर पगारो का ध्यान इस तथ्य की ओर आकृष्ट किया गया कि पाकिस्तान की विदेश नीति तो कश्मीर विवाद पर ही आधारित है जिसमें सेना की अहम भूमिका है तो उन्होंने कहा कि उन्हें इन बातों की तो कोई जानकारी नहीं है लेकिन सच्चाई यह है कि कश्मीर कभी पाकिस्तान का हिस्सा रहा ही नहीं और न ही भविष्य में इसकी कोई संभावना है।

सैयद पीर पगारो ने कहा कि मुस्लिम लीग के विभिन्न धड़े इसके लिए एकजुट हो गए हैं। उन्होंने अपनी पार्टी के भारी बहुमत के साथ जीतने की भविष्यवाणी की। सैयद पीर पगारो ने मुल्लाओं की दाढ़ी पर चुटकी लेते हुए कहा कि अब मुल्लाओं के बुरे दिन आने वाले हैं और नाइयों का धंधा चमकने वाला है। उन्होंने कहा कि इस्लामीकरण की मांग करने वाली मजहबी पार्टियां अब लोकतंत्र की बात करने लगी हैं और वे जल्दी ही बिल्कुल खामोश हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि जब मुल्ला शांत हो जाएंगे , तब पाकिस्तान में एक नए युग का सूत्रपात होगा।

प्रेमी जोड़े ने की शादी: अब परिजनों से जान बचाते फिर रहे


अम्बाला. कैथल. एक प्रेमी जोड़े ने शहर की हनुमान वाटिका में प्रेम विवाह रचा लिया। इसके बाद वे दो दिनों तक अपने परिजनों से जान बचाते फिरते रहे। लड़की के परिजनों की ओर से खतरा बताते हुए प्रेमी युगल ने कोर्ट की शरण ली। अदालत ने सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। सेशन जज डीएस श्योराण की कोर्ट ने प्रेमी जोड़े को सुरक्षा मुहैया करवा कर सेफ हाउस में रखा है।
 
चाबा निवासी लखविंद्र (29) और पटियाला निवासी अमनप्रीत (19) की रिश्तेदार की शादी में मुलाकात हुई थी। इसके बाद उनका मोबाइल फोन से संपर्क जारी रहा। कई बार मुलाकात भी हुई। दोनों ने शादी करने का फैसला लिया। लखविंद्र के घर वाले तो शादी को मान गए, लेकिन लड़की के घर वाले राजी नहीं हुए। दोनों ने घर से भागकर 12 जनवरी को हनुमान वाटिका में प्रेम विवाह कर लिया।

अमनप्रीत ने बताया कि उसके घर वाले शादी से खुश नहीं थे और बार-बार जान से मारने की धमकी दे रहे थे। उसके भाई और मां-बाप से उन्हें जान का खतरा है। शनिवार को प्रेमी जोड़े ने जान का खतरा बताते हुए कोर्ट में पुलिस सहायता के लिए आवेदन किया। सेशन जज डीएस श्योराण की कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई। एडवोकेट रूचि सिंगला ने बताया कि प्रेमी जोड़े को कोर्ट ने पुलिस प्रोटेक्शन दे दी है।

आर्मी में किन्नर रेजीमेंट की मांग

आर्मी में किन्नर रेजीमेंट की मांग

नई दिल्ली। अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी के सलाहकार ताको डाबी ने सेना में किन्नरों के लिए अलग रेजीमेंट की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और योजना आयोग को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि किन्नर भी देश की अच्छी सेवा कर सकते हैं। अपने प्रस्ताव को लेकर ताको डाबी जल्द ही गृह मंत्री पी.चिदंबरम से मुलाकात करने वाले हैं।

पत्र लिखने की पुष्टि करते हुए ताको डाबी ने कहा कि किन्नरों का कोई घर बार नहीं होता। न ही उन पर कोई भावनात्मक दबाव होता है इसलिए वे बेहतर लड़ाके साबित हो सकते हैं। अगर उनको मौका दिया जाए तो वे आम सैनिकों से अच्छे साबित होंगे। ताकि को अरूणाचल में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है। ताको ने किन्नर रेजीमेंट बनाने संबंधी प्रस्ताव छह महीने पहले भेजा था जब वह अरूणाचल के गृह मंत्री थे।

ताको ने कहा कि किन्नर रेजीमेंट बनाकर उनको समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सकता है। अगर किन्नरों को पुलिस में शामिल किया जाता है तो वे आम ट्रैफिक पुलिस वालों के मुकाबले बेहतर सेवा दे सकते हैं। लम्बाई और ऊंचाई के कारण किन्नरों को वीवीआईपी की डयूटी में लगाया जा सकता है।

बीएसएफ का हेलिकॉप्टर माना में गिरा

रायपुर। नक्सल आपरेशन में इस्तेमाल किया जा रही बीएसएफ का एमआई 17 हेलिकॉप्टर रविवार दोपहर करीब 12 बजे क्रैश हो गया। इसमें पायलट, को पायलट समेत तीन लोग घायल हैं। रायपुर के एसएसपी दिपांशु काबरा के अनुसार को पायलट पीडी तिवारी की हालत गंभीर है। तीनों को तुरंत अस्पताल के लिए रवाना किया गया है। हादसा हेलिकॉप्टर की लैंडिंग के वक्त हुआ।

जमीन से करीब सौ फीट ऊपर अचानक इंजन में कुछ समस्या आ गई और हेलिकॉप्टर तेजी से नीचे गिरने लगा। पायलट को उसे संभालने का मौका ही नहीं मिला। चापर के सामने और पिछले हिस्से को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। सीआरपीएफ के आईजी आपरेशन पंकज कुमार ने हादसे की पुष्टि की पर वजह के बारे में वह भी कुछ नहीं बता पा रहे।

उनका कहना है कि जांच के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि क्रैश क्यों हुआ। माना में किसी निजी या सुरक्षा बल के हेलिकॉप्टर क्रेश होने की हाल की यह पहली घटना है। सूचना मिलते ही पुलिस और सुरक्षा बलों के अधिकारी तुरंत घटनास्थल पहुंच गए।

गैंगरेप में नाकाम रहने पर महिला को जिंदा जलाने की कोशिश

 
फतेहपुर. यहां एक महिला को जिंदा जलाने की कोशिश का मामला सामने आया है। आरोप है कि गैंगरेप में नाकाम रहने पर कुछ युवकों ने एक महिला को जिंदा जलाने की कोशिश की। घटना के बाद से चारों आरोपी फरार हैं जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।

मीडिया में आ रही खबर के मुताबिक यह महिला शनिवार शाम को अपने घर लौट रही थी कि उसके साथ कुछ युवकों ने गैंगरेप करने की कोशिश की। जब आरोपी इस में नाकाम रहे तो उन्‍होंने महिला को जलाने की कोशिश की।
40 फीसदी जल गई इस महिला को अस्‍पताल में भर्ती कराना पड़ा, जहां उसका इलाज चल रहा है। अभी वह इस स्थिति में नहीं है कि उसका बयान दर्ज किया जा सके। पुलिस का कहना है कि महिला की हालत कुछ ठीक होते ही बयान दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने आरोपी युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

अनादरा के पांच मंदिरों में चोरी

अनादरा के पांच मंदिरों में चोरी  

देर रात चोरों ने मंदिरों के साथ एक सूने मकान को भी बनाया निशाना

मंदिरों के चांदी के छत्र, पीतल के नाग और दानपात्र की चोरी

पुलिस ने चोरी के आरोपियों की तलाश में कराई नाकाबंदी


अनादरा हाथल गांव में शुक्रवार देर रात चोरों ने पांच मंदिरों में चोरी की वारदात अंजाम देने के साथ एक सूने मकान को भी निशाना बनाया।मंदिरों से चोरों ने चांदी के छत्र, पीतल के नाग और दानपात्र की चोरी की, वहीं मकान से हजारों रुपए का माल लेकर फरार हो गए।सूने मकान के परिजनों के जिले के बाहर होने के कारण चोरी गए माल की कीमत की जानकारी उनके लौटने के बाद ही हो सकेगी।



अंबाजी मंदिर

मंदिर का ताला तोड़ कर चोर चांदी के दो छत्तर चुरा ले गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मंदिर का जायजा लिया। पुलिस ने चोरों की तलाश में जिलेभर में नाकाबंदी करवाई है।



सारणेश्वर मंदिर

सारणेश्वर मंदिर के ताले तोड़ कर चोर कई दशक पुराना पीतल का नाग, चांदी के दो छत्र व नकदी चुरा ले गए। पुजारी कानाराम ने बताया कि चोरों ने देर रात वारदात अंजाम दी।सुबह वारदात का पता चला।



लक्ष्मी नारायण मंदिर

चोरों ने देर रात ताला तोड़ा, लेकिन उन्हें वहां कुछ नहीं मिला। पुजारी ने बताया कि इस मंदिर में दो बार पूर्व में भी चोरी की वारदात हो चुकी है। उन वारदातों का खुलासा आज तक नहीं हो पाया है।



ब्रह्माजी मंदिर

चोरों ने ब्रह्माजी मंदिर को निशाना बनाते हुए ताला तोड़ कर दानपात्र उठा ले गए।सुबह दानपात्र नदी किनारे मिला, जिसमें से पूरी नकदी गायब थी।पुजारी ने बताया कि दानपात्र में हजारों रुपए चुरा ले गए।

रामदेव मंदिर के पुजारी देसा राम ने बताया कि चोरों ने दानपात्र तोड़ कर उसमें रखे करीब 600 रुपए चुरा ले गए। पुलिस ने यहां भी मौका मुआयना किया। पुलिस ने चोरों की तलाश तेज कर दी है।


इनका कहना है

॥ग्रामीणों की सूचना पर घटनास्थल का निरीक्षण कर जांच शुरू कर दी है। -राजेंद्र सिंह पुरोहित, थानाधिकारी, अनादरा

श्रम से सींच रहे शिक्षा की बुनियाद

श्रम से सींच रहे शिक्षा की बुनियाद

जालोर/हाड़ेचा। अमरीका के एक्वायर्ड विश्वविद्यालय से जिले के सरहदी गांव आकोडिया में पहुंचा छात्रों का दल शिक्षा की अलख जगाने के लिए विद्यालय भवन निर्माण में श्रमदान कर अनोखी मिसाल कायम कर रहा है। ये छात्र सुबह से शाम तक कारीगरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं।

गौरतलब है कि एक्वायर्ड विश्वविद्यालय का तेरह सदस्यीय दल एक स्वयंसेवी संगठन की पहल पर आकोडिया गांव में पहुंचा है। दल में शामिल स्टूडेंट्स सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक श्रमदान कर ना केवल यहां झाडियां साफ कर रहे हैं, बल्कि कारीगरों के साथ भवन निर्माण में भी हाथ बंटा रहे हैं। स्टूडेंट्स पत्थर उठाने के साथ ही नींव और दीवार निर्माण में भी सहयोग कर रहे हैं। यह दल 22 जनवरी तक आकोडिया गांव में रूकेगा।

झाडियां हटाकर बनाएंगे मैदान
आकोडिया गांव में भवन निर्माण स्थल के समीप ही विदेश दल की ओर से झाडियां साफ की जा रही हैं। यहां झाडियों को हटाकर खेल मैदान बनाया जाएगा। शनिवार को दिनभर स्टूडेंट्स ने यहां झाडियां हटाने का कार्य किया।

पंचायत को सौपेंगे भवन
स्वयंसेवी संस्था की ओर से निर्माण के बाद इस भवन को ग्राम पंचायत को सुपुर्द किया जाएगा। बाद में यहां विद्यालय खोलने के लिए सरकार से मांग की जाएगी।

इनका कहना...
संस्थान की ओर से यहां भवन बनाकर पंचायत को सुपुर्द किया जाएगा। इसके बाद सरकार से विद्यालय खोलने के लिए मांग की जाएगी। फिलहाल, विदेशी छात्रों का दल श्रमदान कर रहा है।
-विक्रम मेहता संचालक स्वयंसेवी संस्थान

मंत्री को दिखाए काले झण्डे

मंत्री को दिखाए काले झण्डे

शिव (बाड़मेर)। ग्राम पंचायत स्वामी का गांव में शनिवार को राजीव गांधी सेवा केन्द्र का उद्घाटन करने पहुंचे अल्पसंख्यक मामलात व वक्फ राज्य मंत्री अमीन खां को मॉडल स्कूल संघर्ष समिति के युवा कार्यकर्ताओं ने काले झण्डे दिखाए और प्रदर्शन किया।

मंत्री सुबह उद्घाटन के बाद ग्रामीणों को सम्बोधित कर रहे थे। तभी 60-65 कार्यकर्ता दस जीपों में वहां पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने उन्हें कार्यक्रम स्थल से दूर रोक लिया और एसडीएम नखतदान बारहठ ने उनसे समझाइश की। कार्यक्रम के बाद उप स्वास्थ्य केन्द्र में संघर्ष समिति के 5-6 कार्यकर्ताओं से मंत्री ने बातचीत और आश्वस्त किया कि नए शैक्षणिक सत्र में शिव मुख्यालय पर नए मॉडल स्कूल की स्वीकृति हो जाएगी।

लेकिन कार्यकर्ता अड़े रहे कि वर्तमान निर्माणाधीन मॉडल स्कूल मुख्यालय पर ही खुलना चाहिए। मना करने पर कार्यकर्ता भड़क उठे और नारे लगाने लगे। बाद में मंत्री अमीन खां के रवाना होने पर कार्यकर्ताओं ने उनकी गाड़ी का घेराव किया और काले झण्डे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कुछ दूर तक मंत्री की गाड़ी का पीछा भी किया। अतिरिक्त पुलिस जाब्ता पहुंचने के बाद स्थिति सामान्य हुई।

नहर से पानी चोरी, किसान परेशान

नहर से पानी चोरी, किसान परेशान

 

भीनमाल  निकटवर्ती तवाव में बांडी सिणधरा बांध की वितरिकाएं टूटने व नहर से पानी चोरी होने की घटनाओं से किसान परेशान हैं। इस संबंध में शनिवार को तवाव के किसानों में कलेक्टर को ज्ञापन भेजकर समस्या के शीघ्र समाधान की मांग की है।

तवाव निवासी छैलसिंह काबावत के नेतृत्व में भेजे ज्ञापन में बताया कि बांडी सिणधरा बांध से पानी के लिए दो वितरिकाएं बनी हुई हैं। तवाव और थूर के बीच स्थित गांवों के किसानों द्वारा नहर में दर्जनों स्थानों पर कट्टे डालकर पानी रोकने के बाद पानी को डीजल पंप के जरिए चुराकर खेती की जा रही है। इस कारण पानी की आवक कम हो रही है। साथ ही जगह-जगह वितरिकाएं टूटने के कारण पानी भी रास्ते में व्यर्थ बह रहा है। ज्ञापन में बताया कि पिछले लंबे समय से यह स्थिति बनी हुई है। इस कारण सरहद तवाव सहित आस-पास के गांवों में हजारों बीघा भूमि पर खड़ी अरंडी, जीरा, ईसबगोल, रायड़ा और गेहूं की फसल पानी के अभाव में खराब हो रही है। जिसको लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत करवाने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है।


इस प्रकार करते है चोरी

सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता बाबूलाल माथुर ने बताया कि सरहद थूर में किसानों द्वारा नहर के बीच कट्टे डालकर पानी रोक लिया जाता है। जिसके बाद डीजल पंप की सहायता और कई स्थानों पर नहर के नीचे अंडरग्राउंड पाइप डालकर पानी की चोरी कर फसल को पिलाया जा रहा है। नहर में रेती से भरे कट्टे डालकर पानी रोकने के कारण वे कई जगहों से टूट भी गई हैं।

॥पानी की चोरी रोकने के लिए किसानों से कई बार समझाइश की, लेकिन वे नहीं मान रहे है। आज मैं स्वयं जिला कलेक्टर के पास शिकायत करने जा रहा हूं। ॥ -बाबूलाल माथुर, कनिष्ठ अभियंता, बाडी सिणधरा बांध





जैसलमेर: मुरार चौकी पर पारा जमाव के आसपास


जैसलमेर: मुरार चौकी पर पारा जमाव के आसपास

 

ऑपरेशन सर्द हवा : रात में पारा लुढ़क जाता है, इस सबके बावजूद मुस्तैदी से डटे हैं जवान

जैसलमेर  पश्चिमी सीमा क्षेत्र की मुरार चौकी पर इन दिनों रात में तापमान शून्य के करीब पहुंच रहा है। बावजूद इसके ऑपरेशन सर्द हवा के दौरान बीएसएफ के जवान सीमाओं की रक्षा में डटे हैं। तारबंदी के करीब पूरी रात गश्त करते जवान दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखे हुए हैं। बीएसएफ के अधिकारी भी गश्त में शामिल हैं। डीआईजी बीएसएफ बी.आर. मेघवाल भी अलग अलग चौकियों पर निरीक्षण कर रहे है। मुरार चौकी पर कंपनी कमांडर नंदाराम, असि. कमांडर राकेश अपनी टीम के साथ तैनात थे। सरहद पर इन दिनों पेट्रोलिंग सख्त कर दी गई है। गश्त के दौरान जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस नजर आए।

॥'ऑपरेशन सर्द हवा के दौरान गश्त बढ़ाने के साथ अधिकारियों को भी सीमा पर भेजा है। जवानों को अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध करवाए गए हैं। ऑपरेशन सर्द हवा आगामी 24 जनवरी तक चलेगा।डॉ. बी.आर. मेघवाल, डीआईजी, बीएसएफ

नजदीकी गांवों में रियर नाके

ऑपरेशन सर्द हवा के दौरान पोस्ट पर केवल एक जवान ही तैनात रहता है और बाकी सब गश्त करते हैं। इस दौरान पोस्ट के तीन किलोमीटर दायरे में स्थित गांवों में रियर नाके भी लगाए गए हैं जहां गश्त और चैकिंग की जाती है। इसके अलावा रूटीन खुर्रा चैकिंग भी की जा रही है।

यह तो कुछ भी नहीं है

मुरार चौकी पर तैनात एक जवान ने बताया कि हमारे देश की सुरक्षा अहम है। हमारे कई साथी जम्मू कश्मीर की लगती सीमा पर माइनस 10 से 30 डिग्री के दौरान गश्त करते हैं, उनके सामने तो यह कुछ भी नहीं है।

सद्भाव मानव धर्म का मूलमंत्र : रोलसाहबसर


सद्भाव मानव धर्म का मूलमंत्र : रोलसाहबसर

सीमा सद्भावना संदेश यात्रा का हुआ समापन


बाड़मेर सीमा सद्भावना संदेश यात्रा का समापन शनिवार को एनएच 15 स्थित राजपूत छात्रावास में हुआ। समारोह को संबोधित करते हुए क्षत्रिय युवक संघ के संघ प्रमुख भगवान सिंह रोलसाहबसर ने कहा कि सृष्टि में केवल एक ही धर्म है, मानव धर्म जिसका मूलमंत्र सद्भावना है। उन्होंने कहा कि हम जात-पात, प्रदेश संप्रदाय आदि के प्रपंचों को भूल देश एवं समाज की प्रगति में आपसी सद्भाव को बनाते हुए सच्चे मनुष्य धर्म का पालन करें। सद्भावना यात्रा के संयोजक राजेंद्र सिंह भिंयाड़ ने बताया कि यात्रा के समापन पर राजपूत छात्रावास के व्यवस्थापक व संघ के नगर प्रमुख दीप सिंह रणधा ने संघ प्रमुख का अभिनंदन किया। वहीं छात्रों ने संघ प्रमुख का मुंह मीठा करवाकर सीमा सद्भावना संदेश यात्रा की सफलता पर बधाई दी। संघ प्रमुख ने गुजरात व राजस्थान के सीमांत जिलों की यात्रा करते हुए विभिन्न जगहों पर सभा आयोजित कर गीता की प्रतियां वितरित कीं। 

साथ ही उन्होंने सीमांत लोगों को परस्पर सद्भाव, प्रेम, भाईचारा को बनाए रखने का संदेश दिया।यात्रा के समापन पर सागसिंह लूणू, नरपत सिंह, बजरंग सिंह, शंभू सिंह, अशोक सहित समाज के गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

मकर संक्रांति [15 जनवरी] को देवताओं का सूर्योदय

मकर संक्रांति [15 जनवरी] को देवताओं का सूर्योदय माना जाता है। यह पर्व आसुरी [नकारात्मक] विचारों को छोडकर दैवी [सकारात्मक] विचारों को अपनाने का है। डॉ. अतुल टण्डन का आलेख..

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर-संक्रांति कहलाता है। संक्रांति के लगते ही सूर्य उत्तरायण हो जाता है। मान्यता है कि मकर-संक्रांति से सूर्य के उत्तरायण होने पर देवताओं का सूर्योदय होता है और दैत्यों का सूर्यास्त होने पर उनकी रात्रि प्रारंभ हो जाती है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि यह पर्व देवताओं [सकारात्मकता] का नव-प्रभात और दैत्यों [नकारात्मकता] की संध्या है। धर्मग्रंथों में मकर से मिथुन राशि तक सूर्य की स्थिति को उत्तरायण यानी देवताओं का दिन कहा गया है, इससे तात्पर्य है दैवी चेतना [सद्गुणों] की जागृति और संभवत:यही उत्तरायण के माहात्म्य का कारण है। महाभारत में उल्लेख है कि शर-शय्या पर लेटे भीष्म पितामह ने प्राण त्यागने के लिए सूर्य के उत्तरायण होने की प्रतीक्षा की थी।

उत्तरायण में दिन की अवधि [दिनमान] की नित्य बढोतरी होती है, जबकि रात की अवधि [रात्रिमान] कम होने लगती है। यानी उत्तरायण में दिन क्रमश:बडे और रात छोटी होती है। दिन के बडे होने का मतलब है- ज्यादा समय तक सूर्य के प्रकाश और ताप की उपलब्धता। अतएव उत्तरायण के सूर्य को विशेष महत्व दिए जाने के पीछे प्राकृतिक कारण भी है। पृथ्वी पर जीवन के लिए सूर्य की वैज्ञानिक महत्ता छिपी नहीं है।

भौगोलिक दृष्टि से भूमध्य रेखा के उत्तर तथा दक्षिण में सूर्य की स्थिति के कारण क्रमश:उत्तरायण और दक्षिणायनहोते हैं। मकर-संक्रांति लगते ही उत्तरायण में सर्दी कम होने लगती है। शीतलहरकी प्रचंडतामकर-संक्रांति लगते ही थम जाती है। जाडे में कमी आने का तात्पर्य सूर्य की उष्णतामें वृद्धि है। इससे लोगों की चेतना जाग्रत होती है और कार्यक्षमता भी बढती है।

संसार की सभी संस्कृतियों में सूर्य को प्रकाश और ऊष्मा का देवता माना गया है। धर्म और विज्ञान, दोनों ही सूर्य की महत्ता को मानते हैं। बिजली और पेट्रोल के बढते दामों को देखते हुए नि:शुल्क सौर ऊर्जा का प्रयोग अब लोकप्रिय हो गया है।

सूर्य की मकर-संक्रांति को महापर्वका दर्जा दिया गया है। उत्तर प्रदेश में मकर-संक्रांति के दिन खिचडी बनाकर खाने तथा खिचडी की सामग्रियों को दान देने की प्रथा होने से यह पर्व खिचडी के नाम से प्रसिद्ध हो गया है। बिहार-झारखंड एवं मिथिलांचलमें यह धारणा है कि मकर-संक्रांति से सूर्य का स्वरूप तिल-तिल बढता है, अत:वहां इसे तिल संक्रांति कहा जाता है। प्रतीक स्वरूप इस दिन तिल तथा तिल से बने पदार्थो का सेवन किया जाता है। महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिलता है। वहां तिल से बने मिष्ठान्न का वितरण करते हुए यह त्योहार मनाया जाता है। राजस्थान में सुहागिनें घेवर, लड्डू और मट्ठी अपनी सास को वायन[बायना] के रूप में देकर उनका सम्मान करती हैं। मकर-संक्रांति के दिन तीर्थराज प्रयाग के त्रिवेणी-संगम में असंख्य श्रद्धालु स्नान करके अनुचित विचारों को छोड अच्छे मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।

उत्तरायण का सूर्य हमें दृढ, संकल्पवानऔर कर्मयोगी बनने के लिए प्रेरित करता है। उत्तरायण हमें आसुरी [नकारात्मक] वृत्तियोंको त्यागकर दैवी [सकारात्मक] गुणों को ग्रहण करने की प्रेरणा देता है। अत:मकर-संक्रांति नकारात्मकतापर सकारात्मकताकी विजय का महापर्वहै। बस जरूरत है इस त्योहार में छिपे आध्यात्मिक संदेश को समझने और उसे आत्मसात करने की।

आस्था का प्रमुख ..हिंगलाज मंदिर- शक्तिपीठ..पाकिस्तान






पाकिस्तान के बलूचिस्तान राज्य में हिंगोल नदी के समीप हिंगलाज क्षेत्र में स्थित हिंगलाज माता मंदिर हिन्दू भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र और प्रधान 51 शक्तिपीठों में से एक है. पौराणिक कथानुसार जब भगवान शंकर माता सती के मृत शरीर को अपने कंधे पर लेकर तांडव नृत्य करने लगे, तो ब्रह्माण्ड को प्रलय से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता के मृत शरीर को 51 भागों में काट दिया. मान्यतानुसार हिंगलाज ही वह जगह है जहां माता का सिर गिरा था. यहां माता सती कोटटरी रूप में जबकि भगवान भोलेनाथ भीमलोचन भैरव रूप में प्रतिष्ठित हैं. माता हिंगलाज मंदिर परिसर में श्रीगणेश, कालिका माता की प्रतिमा के अलावा ब्रह्मकुंड और तीरकुंड आदि प्रसिद्ध तीर्थ हैं.हिंगलाज पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रदेश के दक्षिण में मकरान मरुभूमित में स्थित एक महत्वपूर्ण तीर्थ-स्थल है । यहाँ हिगलाज माता का मन्दिर है, इसको 51 में से एक शक्तिपीठों में गिना जाता है । देवी का नाम बांग्ला, असमिया और सस्कृत में इसी नाम से जाना जाता है । आय़ुर्वेद शास्त्र में भी यह नाम आता है । कराची के यह कोई २५० किलोमीटर उत्तर पश्चिम में आता है । अधिकतर श्रद्धालु सिन्ध से आते हैं ।
 
यह शक्तिपीठ 25.3डिग्री. अक्षांश, 65.31डिग्री. देशांतर के पूर्वमध्य, सिंधु नदी के मुहाने पर (हिंगोल नदी के तट पर) पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के हिंगलाज नामक स्थान पर, कराची से 144 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। कराची से फ़ारस की खाड़ी की ओर जाते हुए मकरान तक जलमार्ग तथा आगे पैदल जाने पर 7वें मुकाम पर चंद्रकूप तीर्थ है। अधिकांश यात्रा मरुस्थल से होकर तय करनी पड़ती है, जो अत्यंत दुष्कर है। आगे 13वें मुकाम पर हिंगलाज है। यहीं एक गुफा के अंदर जाने पर देवी का स्थान है। यहाँ शक्तिरूप ज्योति के दर्शन होते हैं। गुफा में हाथ व पैरों के बल जाना होता है। मुसलमान हिंगुला देवी को 'नानी' तथा वहाँ की यात्रा को 'नानी का हज' कहते हैं। पूरे बलूचिस्तान के मुसलमान भी इनकी उपासना व पूजा करते हैं।
 
हिंगलाज की यात्रा कराची से प्रारंभ होती है। कराची से लगभग 10 किलोमीटर दूर हॉव नदी है। वस्तुतः मुख्य यात्रा वहीं से होती है। हिंगलाज जाने के पहले लासबेला में माता की मूर्ति का दर्शन करना होता है। यह दर्शन छड़ीदार (पुरोहित) कराते हैं। वहाँ से शिवकुण्ड (चंद्रकूप) जाते हैं, जहाँ अपने पाप की घोषणा कर नारियल चढ़ाते हैं। जिनकी पाप मुक्ति हो गई और दरबार की आज्ञा मिल गई, उनका नारियल तथा भेंट स्वीकार हो जाती है वरना नारियल वापस लौट आता है।
   
पुराणों में हिंगलाज पीठ की अतिशय महिमा है। श्रीमद्भागवत के अनुसार यह हिंगुला देवी का प्रिय महास्थान है- हिंगुलाया महास्थानम्'। ब्रह्मवैवर्त पुराणमें कहा गया है कि हिंगुला देवी के दर्शन से पुनर्जन्म कष्ट नहीं भोगना पड़ता है। बृहन्नील तंत्रानुसार यहाँ सती का "ब्रह्मरंध्र" गिरा था। यहाँ पर शक्ति "हिंगुला" तथा शिव "भीमलोचन" हैं-ब्रह्मरंध्रं हिंगुलायां भैरवो भीमलोचनः। कोट्टरी सा महामाया त्रिगुणा या दिगम्बरी॥हिंगुलाज को 'आग्नेय शक्तिपीठ तीर्थ' भी कहते हैं, क्योंकि वहाँ जाने से पूर्व अग्नि उगलते चंद्रकूप पर यात्री को जोर-जोर से अपने गुप्त पापों का विवरण देना पड़ता है तथा भविष्य में उसकी पुनरावृत्ति न करने का वचन भी देना पड़ता है। इसके बाद चंद्रकूप दरबार की आज्ञा मिलती है।चंद्रकूप तीर्थ पहाड़ियों के बीच में धूम्र उगलता एक ऊँचा पहाड़ है। वहाँ विशाल बुलबुले उठते रहते हैं। आग तो नहीं दिखती किंतु अंदर से यह खौलता, भाप उगलता ज्वालामुखी है।

देवी के शक्तिपीठों में कामाख्या, काँची, त्रिपुरा, हिंगुला प्रमुख शक्तिपीठ हैं। हिंगुला का अर्थ सिंदूर है। हिंगलाज खत्री समाज की कुल देवी हैं। कहते हैं, जब 21 बार क्षत्रियों का संहार कर परशुराम आए, तब बचे राजागण माता हिंगुला की शरण में गए और अपनी रक्षा की याचना की। तब माँ के उन्हें ब्रह्मक्षत्रिय कहकर अभयदान दिया।

माँ के मंदिर के नीचे अघोर नदी है। कहते हैं कि रावण वध के पश्चात् ऋषियों ने राम से ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति हेतु हिंगलाज में यज्ञ करके कबूतरों को दाना चुगाने को कहा। श्रीराम ने वैसे ही किया। उन्होंने ग्वार के दाने हिंगोस नदी में डाले। वे दाने ठूमरा बनकर उभरे, तब उन्हें ब्रह्महत्यादोष से मुक्ति मिली। वे दाने आज भी यात्री वहाँ से जमा करके ले जाते हैं।

माँ की गुफा के अंतिम पड़ाव पर पहुँच कर यात्री विश्राम करते हैं। अगले दिन सूर्योदय से पूर्व अघोर नदी में स्नान करके पूजन सामग्री लेकर दर्शन हेतु जाते हैं। नदी के पार पहाड़ी पर माँ की गुफा है। गुफा के पास ही अतिमानवीय शिल्प-कौशल का नमूना माता हिंगलाज का महल है, जो यज्ञों द्वारा निर्मित माना जाता है। एक नितांत रहस्यमय नगर जो प्रतीत होता है, मानो पहाड़ को पिघलाकर बनाया गया हो। हवा नहीं, प्रकाश नही, परंतु रंगीन पत्थर लटकते हैं। वहाँ के फर्श भी रंग-बिरंगे हैं। दो पहाड़ियों के बीच रेतीली पगडण्डी। कहीं खजूर के वृक्ष, तो कही झाड़ियों के बीच पानी का सोता। उसके पार ही है माँ की गुफा। सचमुच माँ की अपरम्पार कृपा से भक्त वहाँ पहुँचते हैं। कुछ सीढ़ियाँ चढ़कर, गुफा का द्वार आता है तथा विशालकाय गुफा के अंतिम छोर पर वेदी पर दिया जलता रहता है। वहाँ पिण्डी देखकर सहज ही वैष्णो देवी की स्मृति आ जाती है। गुफा के दो ओर दीवार बनाकर उसे एक संरक्षित रूप दे दिया गया है। माँ की गुफा के बाहर विशाल शिलाखण्ड पर, सूर्य-चंद्र की आकृतियाँ अंकित हैं। कहते हैं कि ये आकृतियाँ राम ने यहाँ यज्ञ के पश्चात स्वयं अंकित किया था।


इसके पास ही एक राष्ट्रीय उद्यान भी है।


माता हिंगलाज मंदिर में पूजा-उपासना का बड़ा महत्व है. कहा जाता है कि इस प्रसिद्ध मंदिर में माता की पूजा करने को गुरु गोरखनाथ, गुरु नानक देव, दादा मखान जैसे महान आध्यात्मिक संत आ चुके हैं. आस्थावान भक्तों में मान्यता है कि जो यहां श्रद्धा और भक्तिपूर्वक माता की आराधना करता है, वह इस लोक में सारे सुख को भोगकर परमलोक में स्थान प्राप्त करता है.

शनिवार, 14 जनवरी 2012

एक मां ने अपनी ही बेटी के साथ रेप किया


सिडनी।। एक मां ने अपनी ही बेटी के साथ रेप किया और इसका विडियो भी बनाया। इस आरोप में उसे चार साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
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घटना ऑस्ट्रेलिया की है। चार बच्चों की 37 साल की मां ने अपनी सबसे छोटी 11 साल की बेटी के साथ ऐसा किया।

दरअसल उसने सेक्स एजुकेशन के लिए ऐसा किया। कुछ सवालों के जवाब जानने के लिए उसने इसका एक्स्पेरिमेंट अपनी ही बच्ची पर कर डाला। उसने बच्ची के साथ कई सेक्शुअल ऐक्टिविटी कीं और उसे मोबाइल में फिल्माया भी।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा गया कि महिला ने खुद के स्वार्थ के लिए अपनी ही बच्ची के साथ ऐसा किया। अपनी ही बच्ची के साथ मां के रेप करने की घटनाएं कम ही देखी जाती हैं, यह एक सीरियस ऑफेंस है। कोर्ट ने उसे चार साल की जेल की सजा सुनाई है।

रेलवे स्‍टेशन पर लगे टीवी में चली ब्‍लू फिल्‍म

भुवनेश्वर. ओड़ीशा की राजधानी भुवनेश्‍वर में रेलवे स्‍टेशन पर शनिवार को अजीब घटना हुई। स्टेशन पर लगे 24 टेलिविजन सेटों में 10 मिनट तक अश्लील फिल्म चलती रही। यह फिल्‍म टेलीविजन ऑपरेटर के मोबाइल कैमरे में थी। उसने इसे टेलीविजन सर्वर के मुख्‍य चैनल में डाल दिया था। उसने ऐसा क्‍यों किया, यह पता नहीं चल सका है।  
ऑपरेटर एक प्राइवेट इंस्टिट्यूट का कर्मचारी, 21 साल का आशुतोष स्वेन है। उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

रेलवे पुलिस फोर्स के इंस्पेक्टर वरुण बेहरा ने बताया, ' यह घटना शाम करीब साढ़े तीन बजे घटी। प्लेटफॉर्म, वेटिंग रूम और रिजर्वेशन सेंटर्स पर लगे सभी टीवी सेटों में एकाएक अश्लील फिल्म की एक क्लिप करीब 10 मिनट तक चली।' उन्होंने बताया कि टेलिविजन ऑपरेटर को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।

बेहरा ने बताया कि स्वेन ने अपने मोबाइल से अश्लील क्लिप को रेलवे टेलिविजन सर्वर के मुख्य चैनल में डाल दिया था।