नहर से पानी चोरी, किसान परेशान
भीनमाल निकटवर्ती तवाव में बांडी सिणधरा बांध की वितरिकाएं टूटने व नहर से पानी चोरी होने की घटनाओं से किसान परेशान हैं। इस संबंध में शनिवार को तवाव के किसानों में कलेक्टर को ज्ञापन भेजकर समस्या के शीघ्र समाधान की मांग की है।
तवाव निवासी छैलसिंह काबावत के नेतृत्व में भेजे ज्ञापन में बताया कि बांडी सिणधरा बांध से पानी के लिए दो वितरिकाएं बनी हुई हैं। तवाव और थूर के बीच स्थित गांवों के किसानों द्वारा नहर में दर्जनों स्थानों पर कट्टे डालकर पानी रोकने के बाद पानी को डीजल पंप के जरिए चुराकर खेती की जा रही है। इस कारण पानी की आवक कम हो रही है। साथ ही जगह-जगह वितरिकाएं टूटने के कारण पानी भी रास्ते में व्यर्थ बह रहा है। ज्ञापन में बताया कि पिछले लंबे समय से यह स्थिति बनी हुई है। इस कारण सरहद तवाव सहित आस-पास के गांवों में हजारों बीघा भूमि पर खड़ी अरंडी, जीरा, ईसबगोल, रायड़ा और गेहूं की फसल पानी के अभाव में खराब हो रही है। जिसको लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत करवाने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है।
इस प्रकार करते है चोरी
सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता बाबूलाल माथुर ने बताया कि सरहद थूर में किसानों द्वारा नहर के बीच कट्टे डालकर पानी रोक लिया जाता है। जिसके बाद डीजल पंप की सहायता और कई स्थानों पर नहर के नीचे अंडरग्राउंड पाइप डालकर पानी की चोरी कर फसल को पिलाया जा रहा है। नहर में रेती से भरे कट्टे डालकर पानी रोकने के कारण वे कई जगहों से टूट भी गई हैं।
॥पानी की चोरी रोकने के लिए किसानों से कई बार समझाइश की, लेकिन वे नहीं मान रहे है। आज मैं स्वयं जिला कलेक्टर के पास शिकायत करने जा रहा हूं। ॥ -बाबूलाल माथुर, कनिष्ठ अभियंता, बाडी सिणधरा बांध
भीनमाल निकटवर्ती तवाव में बांडी सिणधरा बांध की वितरिकाएं टूटने व नहर से पानी चोरी होने की घटनाओं से किसान परेशान हैं। इस संबंध में शनिवार को तवाव के किसानों में कलेक्टर को ज्ञापन भेजकर समस्या के शीघ्र समाधान की मांग की है।
तवाव निवासी छैलसिंह काबावत के नेतृत्व में भेजे ज्ञापन में बताया कि बांडी सिणधरा बांध से पानी के लिए दो वितरिकाएं बनी हुई हैं। तवाव और थूर के बीच स्थित गांवों के किसानों द्वारा नहर में दर्जनों स्थानों पर कट्टे डालकर पानी रोकने के बाद पानी को डीजल पंप के जरिए चुराकर खेती की जा रही है। इस कारण पानी की आवक कम हो रही है। साथ ही जगह-जगह वितरिकाएं टूटने के कारण पानी भी रास्ते में व्यर्थ बह रहा है। ज्ञापन में बताया कि पिछले लंबे समय से यह स्थिति बनी हुई है। इस कारण सरहद तवाव सहित आस-पास के गांवों में हजारों बीघा भूमि पर खड़ी अरंडी, जीरा, ईसबगोल, रायड़ा और गेहूं की फसल पानी के अभाव में खराब हो रही है। जिसको लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत करवाने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है।
इस प्रकार करते है चोरी
सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता बाबूलाल माथुर ने बताया कि सरहद थूर में किसानों द्वारा नहर के बीच कट्टे डालकर पानी रोक लिया जाता है। जिसके बाद डीजल पंप की सहायता और कई स्थानों पर नहर के नीचे अंडरग्राउंड पाइप डालकर पानी की चोरी कर फसल को पिलाया जा रहा है। नहर में रेती से भरे कट्टे डालकर पानी रोकने के कारण वे कई जगहों से टूट भी गई हैं।
॥पानी की चोरी रोकने के लिए किसानों से कई बार समझाइश की, लेकिन वे नहीं मान रहे है। आज मैं स्वयं जिला कलेक्टर के पास शिकायत करने जा रहा हूं। ॥ -बाबूलाल माथुर, कनिष्ठ अभियंता, बाडी सिणधरा बांध
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