युद्घाभ्यास के लिए वायु एवर परिवहन
बाड़मेर पश्चिमी सरहद पर वायु सेना और थल सेना के संयुक्त युद्ध अभ्यास महागुज्राज में भाग लेने आये वायु सेना के एवर आज वापस लौट आये .सरहद पर युद्ध अभ्यास के अंतिम चरण में पंहुचने पर पुनः एवर लौट आये हें कुछ समय से, दक्षिणपश्चिम वायु कमान एवं सेना की दक्षिणी कमान ॔महागुजराज’ / ॔सुदर्शनशक्ति’ नामक संयुक्त अभ्यास में जुटे हुए हैं। इस अभ्यास के अंतर्गत आज भारतीय सेना की पैराशूट बटालियन के पैराट्रूप्स को वायुसेना के ऐवरो, ए एन32 और आई एल76 परिवहन जहाजों से अभ्यास केन्द्र के बीच उतारा। यह कार्य दोनों कमानों ने तालमेल के साथ पूरा किया। परिवहन जहाजों के साथ वायुसेना के सू30 लड़ाकू विमानों को भी भेजा गया, जिनका कार्य था दुश्मन के लड़ाकू विमानों से सारी फौज को बचाना। यह कार्य बिना किसी समस्या के सही समय पर पूरा किया गया, जिसके पश्चात सभी परिवहन जहाज सुरक्षा के साथ वापस लौट आए। यह संपूर्ण कार्य वायु सेना बेस, जोधपुर द्वारा संचालित किया गया।
जमीन नहीं देने को लामबंद किसान
लंगेरा में आवासन मंडल की विशेष अधिकारी का घेराव , बैरंग लोटी टीम
बाड़मेर 12 दिसम्बर ! बाड़मेर शहर के निकटवर्ती ईलाको में सैकड़ो बीघा जमीन को राजस्थान आवासन मंडल के द्वारा अधिग्रहित करने की योजना के खिलाफ अब किसान लामबंद हो गए हैं और किसानो ने प्रशासन और सरकार को चेताते हुए कहा हैं की किसानो की लाशें बिछ जाएगी अगर उनकी जमीनों पर सरकार ने नज़र डाल दी तो ! सोमवार को इस जमीन के सर्वे के लिए बाड़मेर के लंगेरा गाँव के पास पहुंची राजस्थान आवासन मंडल की विशेष अधिकारी दीप्ति कछवाहा को भी किसानो ने खरी खरी सुनाते हुए कहा कि सरकार किसानो कि जमीनों पर अधिकार जमाने का प्रयास नहीं करे वरना दूसरा सिंगूर बाड़मेर में में भी पैदा हो जाएगा और किसानो कि लाशें जमीनों को बचाने के लिए बिछ जाएगी ! इस दौरान वाहन मौजूद लूणकरण जैन ने कहा कि सरकार की हिटलरशाही से बाड़मेर के किसान त्रस्त हैं , पहले राजवेस्ट फिर कैयर्न के लिए हजारो बीघा जमीन को अवाप्त करने के लिए कई आन्दोलनों को झेल चुकी सरकार अब हाउसिंग बोर्ड के नाम पर किसानो के साथ लड़ाई छेड़ चुकी हैं जबकि किसान सरकार को चेतावनी देने से पीछे नहीं हैं किसानो का स्पष्ट कहना हैं कि वे जमीन नहीं जान जरूर दे देंगे ! बाड़मेर के आसपास कि करीब पांच सौ बीघा जमीन राजस्थान आवासन मंडल किसानो से हथियाने के फिराक में हैं जो किसानो के लिए पिछले तीन सौ सालो से दो जून कि रोटी का असर बनी हुई हैं ! सोमवार को इस जमीन के सर्वे के लिए पहुंची राजस्थान आवासन मंडल की विशेषाधिकारी दीप्ति कछवाहा को किसानो का रोष झेलना पड़ा और वहां से उनको बैरंग ही लौटना पड़ा हालाँकि किसानो ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं की वो जमीन बचाने के लिए जान भी दे देंगे ! यहाँ के निवासी तार सिंह लंगेरा के मुताबिक एक तरफ सरकार किसानो के विकास की बड़ी बड़ी बाते कर रही हैं दूसरी तरफ वो किसानो को उजाड़ना चाहती हैं जो सरकार की कथनी और करनी में भेद को दर्शा रहा हैं ! वही गोपाल सिंह महाबार ने भी सरकार के किसान विरोधी हमे पर क्षोभ व्यक्त किया और कहा की वन विभाग के पास काफी जमीन हैं और सरकार चाहे तो आवासन मंडल को सरकारी जमीन उपलब्ध करवा सकती हैं !
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दक्षिण भारत का भगवान
कोई ऎसा स्टार नहीं हुआ जिसकी मंदिरों में पूजा होती हो, या फिर जिसकी फिल्म रिलीज होने पर रात से ही फैंस टिकट खरीदने के लिए जुटने लगते हों, लेकिन सुपरस्टार रजनी की दीवानगी में फैंस ये सबकुछ करते हैं। रजनी के फैंस सिर्फ साउथ ही नहीं पूरे देश में हैं। उनकी स्टारडम इतनी है फिर भी वे जमीन से जुड़े हुए हैं, शायद यही वजह है कि रजनी इस उम्र में भी हर दिल पर राज कर रहे हैं।
"रोबोट" जैसी सुपरहिट फिल्म देकर रजनी ने साबित कर दिया कि उनकी बराबरी शायद ही कोई और स्टार कर सके। रजनी का स्वास्थ्य जब बिगड़ा तो मंदिरों में उनके लिए दुआएं की जाने लगी। अब उनके फैंस को इंतजार है कि वे जल्द परदे पर दिखे। वैसे रजनी भले ही सुपरस्टार हों लेकिन उन्होंने भी अपना फिल्मी सफर शुरू करने से पहले काफी संघर्ष किया।
कंडक्टर का काम किया : रजनीकांत बस कंडक्टर का काम किया करते थे। 1975 में डायरेक्टर बालाचंदर ने उन्हें एक बस में टिकट काटते देखा और बस उन्हें फिल्म ऑफर कर दी। अपने खास स्टाइल और एक्शन के अनोखे अंदाज से रजनी साउथ के सुपरस्टार बन गए।
रिकॉर्ड बनाया शिवाजी: द बॉस ने : रजनीकांत की फिल्म शिवाजी द बॉस बेहद लोकप्रिय हुई। फिल्म ने 128 करोड़ का बिजनेस किया। फिल्म के लिए उन्होंने 26 करोड़ फीस ली थी जो अब तक किसी एक्टर द्वारा ली गई सबसे ज्यादा फीस थी। इसके बाद रोबोट के लिए रजनी ने 45 करोड़ लिए। वे जैकी चेन के बाद सबसे महंगे स्टार माने जाते हैं।
थ्री डी फिल्म की शूटिंग शुरू : रजनीकांत की थ्री डी फिल्म कोचादाइयां की शूटिंग शुरू हो चुकी है। इस फिल्म को उनकी छोटी बेटी सौंदर्या डायरेक्ट कर रही हैं। रजनी हालांकि अभी एक्शन सीन नहीं कर रहे हैं क्योंकि डॉक्टरों ने उन्हें मना किया है। इसी के चलते फिल्म राणा भी रूकी हुई है। कोचादाइयां में उन तकनीकों का इस्तेमाल होगा जो पहले किसी भारतीय फिल्म में नहीं हुआ। ऎसी तकनीकें अब तक जेम्स कैमरून की फिल्म "अवतार" और स्टीवन स्पीलबर्ग की टिनटिन में दिखीं हैं।
पद्भूषण से नवाजा : रजनीकांत को 2000 में पद्मभूषण से नवाजा गया था। उनकी फिल्मों के टिकिट कुछ ही घंटों में बिक जाते हैं और लोग रात से कतार में लगे रहते हैं।
प्रशंसकों ने मुंडवाए थे सिर : रजनीकांत की सेहत बिगड़ने पर उनके 1008 प्रशंसकों ने सिर मुंडवा लिए थे। सभी उनकी सेहत के लिए कामना कर रहे थे। रजनी की सेहत 13 मई को बिगड़ी थी। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई थी। रजनी ने सिंगापुर जाकर इलाज करवाया था और वहीं एक महीने तक रहे। जब वे स्वदेश लौटे तो उनके फैंस ने उनका जोरदार स्वागत किया था।
योगा में दिलचस्पी : रजनीकांत हिंदू धर्म, अध्यात्म और योगा में रूचि रखते हैं। वे इनसे संबंधित किताबें पढ़ने का शौक भी रखते हैं। अपनी हर फिल्म की रिलीज से पहले वे कुछ खास मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं।
निम्बाहेड़ा पुलिस पर धारदार हथियारों से हमला
चित्तौडगढ़। राजस्थान में चित्तौडगढ जिले के निम्बाहेडा थाना पुलिस पर बीती रात बिनोता ग्राम में कुछ लोगों ने धारदार हथियारों और पत्थरो से हमला कर दिया,जिसमें थाना प्रभारी सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। थाने में कुछ लोगों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया गया है लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई।
सूत्रों के मुताबिक क्षेत्रत्र के बिनोता गांव और समीप के सुखपुरा गांव के दो परिवारों में चल रहे भूमि विवाद के कारण रविवार को झगड़ा हो गया। सूचना मिलने पर रात को करीब दस बजे थानाधिकारी वीराराम चौधरी अन्य पुलिस कर्मियों के साथ वहां पहुंचे लेकिन अचानक पुलिस जीप पर पथराव कर दिया गया और अंधेरे में पुलिस बल पर धारदार हथियारों से हमला किया गया।
हमले में चौधरी सहित सहायक उप निरीक्षक महावीर सिंह और कांस्टेबल राम निवास को सिर, पांव तथा मुंह पर चोटें चोंटे आई। घायल पुलिसकर्मियों को निम्बाहेड़ा अस्पताल लाया गया। उनकी चोटें गहरी होने के कारण टांके लगाए गए। घटना के बाद पुलिस के अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक हमलावर भाग चुके थे। बाद में चौधरी ने अपने ही थाने में अज्ञात लोगों के विरूद्ध पुलिस कर्मियों पर जानलेवा हमला करने और राजकार्य में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया।
केबीसी विनर अभी तक नहीं मिले 5 करोड़
मोतिहारी। रियलिटी शो कौन बनेगा करोड़पति में पांच करोड़ रूपए जीतने वाले बिहार के सुशील कुमार परेशान हैं। एक तो उन्हें अभी तक इनाम की राशि नहीं मिली है, ऊपर से देश-विदेश से मदद मांगने वालों की बाढ़ आ गई है। सुशील इस बात से परेशान है कि इन हालत से कैसे निपटा जाए। मोतीहारी के सुशील कुमार ने बताया कि उन्हें चैनल से अभी तक एक पैसा नहीं मिला है।
चैनल ने यह भी नहीं बताया है कि पैसा कब तक मिल जाएगा। सुशील ने कहा कि उसे यह भी नहीं पता कि टैक्स चुकाने के बाद उसे कितनी रकम मिलेगी। इस बीच, सुशील कुमार को देश-विदेश से ढेरों पत्र मिल रहे हैं। पत्र लिखने वाले आर्थिक मदद की गुहार कर रहे हैं। कई लोगों ने पांच से 6 लाख रूपए तक की मदद मांगी है। सुशील कुमार ने बताया कि सोमवार को उसे श्रीलंका से एक पत्र मिला। सुशील कुमार का कहना है कि मदद मांगने वाले कई बार तो घर में घुस जाते हैं। कई बार तो ऎसा भी हुआ है कि जब वह घर पर नहीं थे तब भी लोग उनके घर में घुस गए। इस तरह लोगों के घर में घुसने से बच्चे और पत्नी असुरक्षित महसूस कर रही है।
मदेरणा को 24 तक न्यायिक हिरासत में भेजा
जोधपुर। भंवरीदेवी अपहरण मामले में आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और लूणी विधायक मलखान सिंह विश्नोई के भाई परसराम को 24 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। दोनों को स्थानीय सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने दोनों को 24 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
इस बीच सीबीआई ने मलखान सिंह विश्नोई को पूछताछ के लिए सोमवार को फिर से तलब किया है। अगर मलखान सिंह विश्नोई पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए तो उनको गिरफ्तार किया जा सकता है।
सीबीआई चार बार मलखान से पूछताछ कर चुकी है। अब तक हुए अनुसंधान व बरामद सबूतों ने भी मलखान के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सीबीआई ने दो दिन पूर्व समन देकर मलखान को शनिवार को तलब होने के निर्देश दिए थे, लेकिन वे नहीं आए। सीबीआई इसे समन की अवहेलना के तौर पर देख रही है। विश्नोई यदि सोमवार को भी उपस्थित नहीं होते हैं, तो सीबीआई अदालत की शरण लेकर गिरफ्तारी वारंट जारी करवा सकती है। सीबीआई की मुख्य प्रवक्ता धारिणी मिश्रा ने बताया कि यदि मलखान पेश नहीं होते हैं तो सीबीआई आगे की कार्रवाई करेगी।
भंवरी के शव को लेकर सात घंटे भटकते रहे
जयपुर। भंवरीदेवी अपहरण मामले में सीबीआई ने अपहर्ताओं के मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर उनके रूट लाइन को ट्रेस तो कर लिया है लेकिन देश की शीष्ाü जांच एजंसी भंवरी के शव का घटना के करीब चार माह बाद भी सुराग नहीं लगा पाई है। सीबीआई अभी इसी सवाल में उलझी दिखाई दे रही है कि आखिर अपहर्ता भंवरी की हत्या के बाद उसके शव को लेकर मथानियां से औंसियां के राजमार्ग पर भटकते क्यों रहे। बताया जाता है कि अपहर्ता करीब सात घंटे तक इस मार्ग पर अपनी बोलेरो को लेकर भागते रहे और बाद में अपहर्ताओं ने भंवरी के शव को औसिंयां के पास दूसरी गैंग को सौंप दिया।
सीबीआई सूत्रों कहना है कि गिरफ्तार सोहनराम और शहाबुद्दीन ने भंवरी के अपहरण के करीब तीन घंटे बाद उसका काम तमाम कर दिया था। उसके बाद शहाबुद्दीन एंड पार्टी भंवरी के शव को लेकर करीब सात घंटे तक माथानियां से औसिंयां राजमार्ग पर भटकते रहे। सूत्रों का कहना है कि रात करीब ग्यारह बजे शहाबुद्दीन एंड पार्टी से भंवरी के शव को औंसियां के पास मेगा हाइवे पर दूसरी गैंग को सौंप दिया। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान मुख्य ष्ाड़यंत्रकर्ता सहीराम अपने ही मोबाइल से अपर्ताओं से लगातार संपर्क में था।
सूत्रों ने बताया कि सितंबर में घटना वाले दिन शाम करीब साढ़े चार बजे शहाबुद्दीन एंड पार्टी ने भंवरी का बोलेरो में अपहरण कर लिया था। इसके बाद अपहर्ता बिलाड़ा से सोजत रोड, मथानियां और औसिंया के राजमार्ग में ही घूमते रहे। अपहरण के बाद बोलेरो को इधर-उधर भगाने के बाद अपहर्ता नागौर रूट पर भी चले गए थे लेकिन थोड़ी देर बाद वे वापस ख्ौजड़ा के कच्चे रास्ते होते हुए औसिंयां की ओर आ गए। इस दौरान अपहर्ता करीब 45 किलोमीटर तक नेवटा-ख्ौजड़ा के कच्चे रास्ते पर भी भटके। बारिश का दौर शुरू हो जाने से अपहर्ता वापस कच्चे रास्ते से औसियां की ओर आ गए।
रात आठ बजे लगा दिया था ठिकाने
सूत्रों ने बताया कि अपहरण करने के बाद घटना वाले दिन करीब तीन घंटे तक शहाबुद्दीन एंड पार्टी भंवरी को बोलेरो में ही टॉर्चर करते रहे। इस दौरान भंवरी के साथ बुरी तरह से मारपीट भी की गई, जिससे उसके मुंह और नाक से खून भी निकल आया था। अपहर्ताओं ने भंवरी से जबरन खाली दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाने के बाद रात करीब आठ बजे के आस-पास उसकी गला दबा कर हत्या कर दी थी।
50 देश-5500 प्रतियोगी, सबको पल्टी मार 'पलक' बनी विश्व विजेता
उज्जैन/भोपाल. राजस्व कॉलोनी में रहने वाली पलक ने 4 दिसंबर को विश्व चैंपियनशिप में 50 देशों के 5500 के करीब प्रतिस्पर्धियों को मात देकर विश्व विजेता का गौरव हासिल किया।
पलक ने बताया जुलाई में राष्ट्रीय चैंपियन का खिताब मिलने के बाद ही आत्मविश्वास से भर गई थी कि विश्व विजेता भी बनूंगी। यही हुआ भी। ट्रॉफी हाथों में आई तो यूं लगा कि बादलों में परी की तरह उड़ रही हूं, जिसका हर सपना पूरा हो रहा है। जीत की खुशियां मम्मी-पापा के साथ मलेशिया व सिंगापुर का भ्रमण कर मनाई। घर आने के बाद से लगातार मुझे व मम्मी-पापा को मोबाइल से बधाई संदेश मिल रहे हैं।
सात मिनट में हल किए 200 सवाल : यूसीमास (युनिवर्सल कंसेप्ट मेंटल अर्थमेटिक सिस्टम) द्वारा आयोजित मेंटल मैथ्स विश्व चैंपियनशिप में पलक ने जोड़, घटाव, भाग, गुणा के 200 सवाल 7 मिनट में हल कर विजेता का खिताब पाया। इन सवालों को हल करने के लिए 8 मिनट का समय निर्धारित था।
शहर की शान पलक :
हाफ कॉलम
नाम : पलक मकवाणा
शिक्षा : सेंट मेरी स्कूल में चौथी की छात्रा
पिता : प्रो. सुरेश मकवाणा, माधव कॉलेज
माता : शिल्पा मकवाणा, गृहिणी
शौक : किताबें पढ़ना और क्लासिकल नृत्य
लक्ष्य : साइंटिस्ट बनना
इनका कहना-
पलक ने जो विश्व कीर्तिमान रचा है इससे समाज में मैसेज जाता है कि वाकई प्रतिभा की उम्र छोटी हो चली है। बच्चों पर भरोसा कर बेहतर प्लेटफार्म मुहैया कराया जाए तो वे एक से बढकर एक कीर्तिमान रचते रहेंगे।
-वरुण गुप्ता, शिक्षाविद्
वॉशिंगटन. फॉर्मूला वन रेस में इस्तेमाल होने वाली कारें अगर भविष्य में सोडा-कैंडी के मिश्रण से तैयार ईंधन से दौड़ें तो आश्चर्य नहीं होगा। जी हां, कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है फ्रिट्ज ग्रोब और स्टीफन वोल्ट्ज ने।
इन्होंने कोक, मेंटोस और सोडा से तैयार तरल कैंडी मिश्रण के ईंधन से एक ऐसी कार तैयार की जो 239 फीट तक दौड़ने में सफल रही। इस सिंगल सीटर ‘रॉकेट कार’ को दौड़ाने के लिए दोनों ने करीब 100 से भी ज्यादा प्रयोग किए।
ग्रोब और वोल्ट्ज के मुताबिक पिछले साल इस प्रयोग में रॉकेट कार करीब 220 फीट तक दौड़ी थी, जबकि इस बार उन्हें इसे करीब 20 फीट ज्यादा दौड़ाने में सफलता मिली। ग्रोब और वोल्ट्ज का यह प्रयोग आगे भी जारी रहेगा। अगर सबकुछ ठीक रहा तो भविष्य में ईंधन के लिए सिर्फ पेट्रोल, डीजल पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है।
ऐसे की तैयार
वोल्ट्ज के मुताबिक उन्होंने एक साधारण पिस्टन और सिलेंडर को एक मशीनी प्रक्रिया के तहत जोड़ा। इसके बाद कार को गति देने के लिए ईंधन के तौर पर कोक जीरो और मेंटोस के साथ सोडा व कैंडी पावडर के मिश्रण का इस्तेमाल किया।
ऐसे करती है काम
इस प्रयोग में कोक जीरो, मेंटोस और सोडा के मिश्रण के चलते एक रासायनिक क्रिया होती है, जिसे न्यूक्लियस कहते हैं। इस प्रक्रिया में सोडा से निकलने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड मेंटोस को अपनी ओर तेजी से खींचती है। परिणामस्वरूप दबाव बनने के कारण सोडा तेजी से उड़ने लगता है। सोडा में मौजूद कार्बाइड ऑक्साइड किसी भी सतह पर बबल्स बना सकती है, जिससे दबाव बढ़ जाता है।
पेशे से कलाकार हैं ग्रोब व वोल्ट्ज
येल यूनिवर्सिटी में अध्ययन के दौरान ग्रोब सरकस में काम करते थे। वे पेशे से करतबबाÊा हैं। वहीं वोल्ट्ज मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी में ट्रॉयल लॉयर से पहले एक हास्य कलाकार थे और सड़कों पर लोगों का मनोरंजन करते थे।
घर पर न दोहराएं प्रयोग
वोल्ट्ज व ग्रोब ने लोगों को यह प्रयोग घर पर न करने की सलाह दी है। उनके मुताबिक इससे होने वाली तेज रासायनिक क्रिया से नुकसान हो सकता है।
जम्मू. रियासी जिले में तैनात डीएसपी हेडक्वार्टर मोहम्मद असलम पर एडीशनल एसपी रियासी अनीता शर्मा के साथ बदतमीजी करने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि डीएसपी ने इस महिला अधिकारी के साथ कार्यक्रम में कई लोगों के सामने अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जिससे मामला तनावपूर्ण हो गया। महिला अधिकारी की शिकायत पर रियासी पुलिस ने शनिवार देर रात को डीएसपी के खिलाफ एफआईआर नंबर 186 में आरपीसी की धारा २११, 294,186 व 50९ के तहत मामला दर्ज कर लिया है। शनिवार देर रात को ही डीएसपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
जानकारी के अनुसार रियासी परेड ग्राउंड में शनिवार को केन्द्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला का कार्यक्रम था। यहां ड्यूटी पर तैनात डीएसपी मोहम्मद असलम ने एक वीआईपी की गाड़ी को अंदर आने से रोका। जिसका महिला एएसपी अनीता शर्मा ने विरोध किया। उन्होंने डीएसपी को कहा कि गाड़ी को अंदर आने दें। क्योंकि यह मंत्री के काफिले की गाड़ी है। इस बात पर दोनों अधिकारियों में बहस शुरू हो गई। बताया जा रहा है कि डीएसपी ने सारी हदें लांघते हुए अपनी सीनियर आफिसर के साथ बदतमीजी से बोलना शुरू कर दिया। उसने महिला अधिकारी पर कई आरोप लगाए।
इसपर एएसपी कार्यक्रम छोड़ कर वापस आ गईं। बाद में महिला अधिकारी ने मामले की जानकारी आला अधिकारियों को दी। इसपर कड़ा संज्ञान लेते हुए आला अधिकारियों ने तुरंत इस संदर्भ में मामला दर्ज करने के आदेश दिए। शनिवार देर रात डीएसपी को उसके निवास से ही पकड़ लिया गया। इस बारे में एडीशनल एसपी अनीता शर्मा का कहना है कि विभागीय मामला है। विभाग अपने स्तर पर कार्रवाई कर रहा है।
एसपी, एएसपी व डीएसपी अटैच
सरकार ने रियासी में महिला पुलिस अधिकारी तथा डीएसपी के बीच हुए मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए एसपी रियासी सहित एएसपी अनीता शर्मा और डीएसपी मोहम्मद असलम चौधरी को आईजी आफिस में अटैच कर दिया है। उनके स्थान पर नये अधिकारियों को लगा दिया गया है। कार्रवाई का कारण अधिकारियों की सही कमांड न होना बताया जा रहा है।सरकारी आदेश में कहा गया है कि अगर कमांड सही तरीके से चल रही होती तो इस तरह की घटना नहीं होती। आदेश में आईजी दिलबाग सिंह को कहा गया है कि वह आगे मामले की जांच करे। उसकी रिपोर्ट सरकार को दी जाए। रियासी से तीनों आला अधिकारियों को हटाए जाने के बाद तुरंत अतुल गोयल को एसपी रियासी, मोहम्मद शरीफ चौहान को अतिरिक्त एसपी तथा अजीथा बैगम को डीएसपी हेडक्वार्टर लगाया गया है। आईजी जम्मू दिलबाग सिंह देर रात रियासी पहुंचे और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की।
जोधपुर. भंवरी देवी अपहरण मामले में सीबीआई के समन को नजरअंदाज करते हुए लूणी से विधायक मलखानसिंह विश्नोई रविवार को भी पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए। सीबीआई की मुख्य प्रवक्ता ने बताया कि दूसरा समन जारी कर मलखान सिंह को सोमवार को तलब किया गया है।
मलखान से संपर्क नहीं होने पर सीबीआई ने उनके बेटे महेंद्र को बुला कर सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक करीब 6 घंटे तक पूछताछ की। सीबीआई ने बेटे को सलाह दी है कि दूसरा समन अनदेखा करने पर मलखान के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी किया जा सकता है, इसलिए पिता से संपर्क कर उन्हें पूछताछ के लिए हाजिर होने की इत्तला कर दें।
उधर, पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा, परसराम विश्नोई और भंवरी के पति अमरचंद से रविवार को दिनभर पूछताछ चली। मदेरणा-परसराम रविवार तक ही रिमांड पर हैं। 3 दिसंबर को उन्हें 7 दिन के रिमांड पर लेकर 9 दिसंबर को पुन: कोर्ट में पेश किया गया था। इस बार उनका रिमांड 3 दिन बढ़ाया गया जो रविवार को पूरा हो गया। सोमवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीबीआई इन दोनों को अभी 4 दिन और रिमांड पर ले सकती है।
पक्ष की नजर में बेहतर सरकार विपक्ष ने बताया कमजोर
जैसलमेरजिले के दोनों विधायकों की सरकार के प्रति अलग- अलग राय है। पोकरण कांग्रेस विधायक सालेह मोहम्मद जहां सरकार के तीन साल के कार्यकाल को बेहतर बता रहे हैं वहीं जैसलमेर के भाजपा विधायक छोटूसिंह भाटी प्रदेश सरकार को कमजोर बता रहे हैं। प्रदेश सरकार के तीन साल के कार्यकाल पर दोनों विधायकों से बातचीत के अंश :-
ईस्ट इंडिया कंपनी जैसा व्यवहार
जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी के अनुसार प्रदेश सरकार किसानों, पशुपालकों और जिले की जनता के साथ ईस्ट इंडिया कंपनी जैसा व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष के कार्यकाल में केवल ख्वाबी पुलाव, थोथी घोषणाएं एवं ऊपरी आवरण में पारदर्शिता दिखाने के अलावा और कोई कार्य नहीं किया है। भाटी ने बताया कि उनके द्वारा जिले की उठाई गई समस्याओं की तरफ सरकार ने बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि जिले में खारे पानी की समस्या से सरकार को अवगत करवाया गया लेकिन आज दिन तक कोई हल नहीं निकला है। वहीं पवन ऊर्जा के नाम पर जनता के साथ छल किया जा रहा है। जिले में प्राकृतिक चारागाह क्षेत्र, कृषि योग्य भूमि, ओरण भूमि को पवन ऊर्जा के नाम पर विभिन्न कंपनियों को आवंटित कर जिले के पशुधन के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा किया जा रहा है। वहीं पिछले 35 वर्षों से कृषि भूमि की आस लगाए बैठे हजारों भूमिहीनों के साथ विश्वासघात कर उन्हें बारानी भूमि आवंटन पर रोक लगा दी गई है। भाटी ने बिजली की समस्या के संबंध में कहा कि पैदा भी हम करे और तरसे भी हम। इसके अलावा चिकित्सा क्षेत्र में जैसलमेर जिला पिछड़ा हुआ है। सरकार द्वारा योजनाएं तो बना दी गई लेकिन मोनिटरिंग का अभाव है। प्रशासनिक दृष्टि से सरकार की पकड़ एकदम कमजोर है। जैसलमेर में कई अधिकारियों के पद लम्बे समय से रिक्त पड़े हैं।
आम आदमी की सरकार
पोकरण विधायक सालेह मोहम्मद के अनुसार सरकार के तीन सालों के कार्यकाल में आम आदमी को सुविधाओं के रूप में कई तोहफे मिले हैं। गहलोत सरकार का जैसलमेर की तरफ विशेष ध्यान रहा है। 1200 करोड़ की पोकरण फलसूंड योजना, यूआईटी, रोडवेज डिपो,पॉलिटेकनिक कॉलेज, दुग्ध डेयरी जैसी कई योजनाएं जैसलमेर को मिली है। इसके अलावा कच्ची बस्तियों के लिए आवास निर्माण की योजना, दूरस्थ इलाकों में नहरी पानी के विभिन्न योजनाएं और शहर के लिए भी आरयूआईडीपी के तहत करोड़ों की योजनाएं संचालित की जा रही है। जिले में 108 एंबुलेंस की बढ़ोतरी भी लोगों को राहत दे रही है। सालेह मोहम्मद ने बताया कि प्रदेश सरकार ने आम आदमी की नब्त पकडऩे का प्रयास किया है जिसमें वे काफी हद तक सफल भी हुए हैं। मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, ग्रामीण आवास योजना, बीपीएल परिवारों को दो रुपए किलो गेहूं जननी शिशु सुरक्षा योजना, भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए लोक सेवा गारंटी कानून जैसी जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की गई है।
जैसलमेर जिला मुख्यालय पर मनाई जाएगी तनसिंह जयंती
जैसलमेर क्षत्रिय युवक संघ की ओर से 25 जनवरी को तनसिंह जयंती जिला मुख्यालय पर मनाई जाएगी। तनसिंह जयंती के आयोजन के संबंध में रविवार को तनाश्रम में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में संभाग प्रमुख रामसिंह कहा कि इस बार तनसिंह जयंती जिला मुख्यालय पर भव्य रूप से मनाई जाएगी। जयंती के आयोजन के संबंध में बैठक में जैसलमेर व पोकरण के स्वयं सेवकों को दायित्व सौंपे गए। बैठक में रेवंतसिंह, लखसिंह, गोपालसिंह, सांवलसिंह, बाबूसिंह, पूनमसिंह, सावंलसिंह, गणपतसिंह, सवाईसिंह, तारेन्द्रसिंह, चंदनसिंह, रतनसिंह, पदमसिंह, हाकमसिंह, गिरधरसिंह, सुरेन्द्रसिंह सहित अन्य स्वयंसेवक उपस्थित थे।
जैसलमेर के दो बाल वैज्ञानिकों को किया सम्मानित
आकांशा राजावत एवं कामिनी जंगा राष्ट्रीय स्तर की बाल विज्ञान कांग्रेस में राजस्थान का करेंगे प्रतिनिधित्व
जैसलमेर गत 6 से 7 दिसम्बर को उदयपुर में संपन्न हुए राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में जिले की दो बालिकाओं आकांशा राणावत तथा कामिनी जंगा का राज्य के प्रथम तीन बाल वैज्ञानिकों में चयन हुआ है। बाल विज्ञान कांग्रेस के समन्वयक तथा कल्पना चावला वैज्ञानिक संस्थान के अध्यक्ष संजयसिंह ने बताया कि चितौड़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग उदयपुर के तत्वावधान मेें हुई राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांगे्रस में जैसलमेर से तीन बाल वैज्ञानिकों कामिनी जंगा, आकांशा राणावत तथा प्रद्युमन जेठा ने भाग लिया था। शिक्षक मानव व्यास के निर्देशन में उन्होंने उर्वरक और खाद के साथ अपनी तुलना की उपयोग के प्रभाव तथा चूना पत्थर खनन के आसपास मिट्टी पर प्रभाव पर अपने समूह में काम किया था।
कामिनी के समूह में प्रिया व्यास, रिया व्यास, येश्वी राठी एवं महिमा भूतड़ा तथा बाल वैज्ञानिक आकांशा राणावत के समूह में रवीना जंगा, अनंता शर्मा, रक्षिता बिस्सा एवं आयुशी गुप्ता ने कार्य किया। दोनों बाल वैज्ञानिक जयपुर में दिनांक 27 से 31 दिसम्बर तक राष्ट्रीय स्तर की बाल विज्ञान कांग्रेस में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करेंगे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा दोनों बाल वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया है।
तीन साल में किए नए आयाम स्थापित
बाड़मेर। प्रदेश की कांग्रेसनीत सरकार को तीन साल पूरे हुए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार ने गरीब तबके को दो रूपए किलो गेहूं, दस लाख बीपीएल परिवारों के लिए आवास, मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना, राजीवगांधी विद्युतकरण, अल्पसंख्यक हितार्थ नए विभाग की स्थापना सहित कई विकास कार्य करवाकर नए आयाम स्थापित किए। विधानसभा चुनाव में जनता से जो वादे किए थे, वे भी पूरे हुए है और हो रहे हैं।
यह बात विधायक मेवाराम जैन ने राज्य सरकार के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में रविवार को संवाददाताओं से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि पंचायतीराज विभाग को मजबूत करने, भूमि अवाप्ति का मुआवजा किसानों को प्रति बीघा तीन लाख रूपए दिलवाने, आठ बजे के बाद शराब की दुकानें बंद रखने के निर्णय का फायदा मिल रहा है। सभी योजनाएं आमजन तक पहुंचे। उन्होंने अपने तीन साल के कार्यकाल की उपलब्घियां बताते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव के दौरान पेयजल समस्या के समाधान, कच्ची बस्ती नियमन, ओवरब्रिज निर्माण आदि का वायदा किया था। मोहनगढ़- बाड़मेर लिफ्ट परियोजना से इस गर्मी तक बाड़मेर शहर व आसपास के गांवों को मीठा पानी उपलब्ध हो जाएगा।
शहर में दो ओवरब्रिज की स्वीकृति मिली है और एक का निर्माण कार्य चल रहा है तो दूसरे का कार्य भी शीघ्र आरम्भ होगा। शिक्षा, सिवरेज, चिकित्सा और सड़क आदि को लेकर भी विशेष उपलब्घियां रही है। उन्होंने कहा कि राजकीय चिकित्सालय में सिटी स्क्रेन शीघ्र उपलब्ध होगी तथा चिकित्सकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि कच्ची बस्ती नियमन को लेकर शीघ्र प्रशासन शहरों के संग अभियान चलाया जाएगा जिसमें 15 अगस्त 2009 से पहले तक रह रहे लोगों को पट्टे दिए जाएंगे। जैन ने शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने को लेकर कार्य योजना बनाने की बात भी कही।