भंवरी के शव को लेकर सात घंटे भटकते रहे
जयपुर। भंवरीदेवी अपहरण मामले में सीबीआई ने अपहर्ताओं के मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर उनके रूट लाइन को ट्रेस तो कर लिया है लेकिन देश की शीष्ाü जांच एजंसी भंवरी के शव का घटना के करीब चार माह बाद भी सुराग नहीं लगा पाई है। सीबीआई अभी इसी सवाल में उलझी दिखाई दे रही है कि आखिर अपहर्ता भंवरी की हत्या के बाद उसके शव को लेकर मथानियां से औंसियां के राजमार्ग पर भटकते क्यों रहे। बताया जाता है कि अपहर्ता करीब सात घंटे तक इस मार्ग पर अपनी बोलेरो को लेकर भागते रहे और बाद में अपहर्ताओं ने भंवरी के शव को औसिंयां के पास दूसरी गैंग को सौंप दिया।
सीबीआई सूत्रों कहना है कि गिरफ्तार सोहनराम और शहाबुद्दीन ने भंवरी के अपहरण के करीब तीन घंटे बाद उसका काम तमाम कर दिया था। उसके बाद शहाबुद्दीन एंड पार्टी भंवरी के शव को लेकर करीब सात घंटे तक माथानियां से औसिंयां राजमार्ग पर भटकते रहे। सूत्रों का कहना है कि रात करीब ग्यारह बजे शहाबुद्दीन एंड पार्टी से भंवरी के शव को औंसियां के पास मेगा हाइवे पर दूसरी गैंग को सौंप दिया। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान मुख्य ष्ाड़यंत्रकर्ता सहीराम अपने ही मोबाइल से अपर्ताओं से लगातार संपर्क में था।
सूत्रों ने बताया कि सितंबर में घटना वाले दिन शाम करीब साढ़े चार बजे शहाबुद्दीन एंड पार्टी ने भंवरी का बोलेरो में अपहरण कर लिया था। इसके बाद अपहर्ता बिलाड़ा से सोजत रोड, मथानियां और औसिंया के राजमार्ग में ही घूमते रहे। अपहरण के बाद बोलेरो को इधर-उधर भगाने के बाद अपहर्ता नागौर रूट पर भी चले गए थे लेकिन थोड़ी देर बाद वे वापस ख्ौजड़ा के कच्चे रास्ते होते हुए औसिंयां की ओर आ गए। इस दौरान अपहर्ता करीब 45 किलोमीटर तक नेवटा-ख्ौजड़ा के कच्चे रास्ते पर भी भटके। बारिश का दौर शुरू हो जाने से अपहर्ता वापस कच्चे रास्ते से औसियां की ओर आ गए।
रात आठ बजे लगा दिया था ठिकाने
सूत्रों ने बताया कि अपहरण करने के बाद घटना वाले दिन करीब तीन घंटे तक शहाबुद्दीन एंड पार्टी भंवरी को बोलेरो में ही टॉर्चर करते रहे। इस दौरान भंवरी के साथ बुरी तरह से मारपीट भी की गई, जिससे उसके मुंह और नाक से खून भी निकल आया था। अपहर्ताओं ने भंवरी से जबरन खाली दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाने के बाद रात करीब आठ बजे के आस-पास उसकी गला दबा कर हत्या कर दी थी।
जयपुर। भंवरीदेवी अपहरण मामले में सीबीआई ने अपहर्ताओं के मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर उनके रूट लाइन को ट्रेस तो कर लिया है लेकिन देश की शीष्ाü जांच एजंसी भंवरी के शव का घटना के करीब चार माह बाद भी सुराग नहीं लगा पाई है। सीबीआई अभी इसी सवाल में उलझी दिखाई दे रही है कि आखिर अपहर्ता भंवरी की हत्या के बाद उसके शव को लेकर मथानियां से औंसियां के राजमार्ग पर भटकते क्यों रहे। बताया जाता है कि अपहर्ता करीब सात घंटे तक इस मार्ग पर अपनी बोलेरो को लेकर भागते रहे और बाद में अपहर्ताओं ने भंवरी के शव को औसिंयां के पास दूसरी गैंग को सौंप दिया।
सीबीआई सूत्रों कहना है कि गिरफ्तार सोहनराम और शहाबुद्दीन ने भंवरी के अपहरण के करीब तीन घंटे बाद उसका काम तमाम कर दिया था। उसके बाद शहाबुद्दीन एंड पार्टी भंवरी के शव को लेकर करीब सात घंटे तक माथानियां से औसिंयां राजमार्ग पर भटकते रहे। सूत्रों का कहना है कि रात करीब ग्यारह बजे शहाबुद्दीन एंड पार्टी से भंवरी के शव को औंसियां के पास मेगा हाइवे पर दूसरी गैंग को सौंप दिया। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान मुख्य ष्ाड़यंत्रकर्ता सहीराम अपने ही मोबाइल से अपर्ताओं से लगातार संपर्क में था।
सूत्रों ने बताया कि सितंबर में घटना वाले दिन शाम करीब साढ़े चार बजे शहाबुद्दीन एंड पार्टी ने भंवरी का बोलेरो में अपहरण कर लिया था। इसके बाद अपहर्ता बिलाड़ा से सोजत रोड, मथानियां और औसिंया के राजमार्ग में ही घूमते रहे। अपहरण के बाद बोलेरो को इधर-उधर भगाने के बाद अपहर्ता नागौर रूट पर भी चले गए थे लेकिन थोड़ी देर बाद वे वापस ख्ौजड़ा के कच्चे रास्ते होते हुए औसिंयां की ओर आ गए। इस दौरान अपहर्ता करीब 45 किलोमीटर तक नेवटा-ख्ौजड़ा के कच्चे रास्ते पर भी भटके। बारिश का दौर शुरू हो जाने से अपहर्ता वापस कच्चे रास्ते से औसियां की ओर आ गए।
रात आठ बजे लगा दिया था ठिकाने
सूत्रों ने बताया कि अपहरण करने के बाद घटना वाले दिन करीब तीन घंटे तक शहाबुद्दीन एंड पार्टी भंवरी को बोलेरो में ही टॉर्चर करते रहे। इस दौरान भंवरी के साथ बुरी तरह से मारपीट भी की गई, जिससे उसके मुंह और नाक से खून भी निकल आया था। अपहर्ताओं ने भंवरी से जबरन खाली दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाने के बाद रात करीब आठ बजे के आस-पास उसकी गला दबा कर हत्या कर दी थी।
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