सोमवार, 12 दिसंबर 2011

सोडा ईंधन से दौड़ने वाली ‘रॉकेट कार’

वॉशिंगटन. फॉर्मूला वन रेस में इस्तेमाल होने वाली कारें अगर भविष्य में सोडा-कैंडी के मिश्रण से तैयार ईंधन से दौड़ें तो आश्चर्य नहीं होगा। जी हां, कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है फ्रिट्ज ग्रोब और स्टीफन वोल्ट्ज ने।
इन्होंने कोक, मेंटोस और सोडा से तैयार तरल कैंडी मिश्रण के ईंधन से एक ऐसी कार तैयार की जो 239 फीट तक दौड़ने में सफल रही। इस सिंगल सीटर ‘रॉकेट कार’ को दौड़ाने के लिए दोनों ने करीब 100 से भी ज्यादा प्रयोग किए।

ग्रोब और वोल्ट्ज के मुताबिक पिछले साल इस प्रयोग में रॉकेट कार करीब 220 फीट तक दौड़ी थी, जबकि इस बार उन्हें इसे करीब 20 फीट ज्यादा दौड़ाने में सफलता मिली। ग्रोब और वोल्ट्ज का यह प्रयोग आगे भी जारी रहेगा। अगर सबकुछ ठीक रहा तो भविष्य में ईंधन के लिए सिर्फ पेट्रोल, डीजल पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है।

ऐसे की तैयार

वोल्ट्ज के मुताबिक उन्होंने एक साधारण पिस्टन और सिलेंडर को एक मशीनी प्रक्रिया के तहत जोड़ा। इसके बाद कार को गति देने के लिए ईंधन के तौर पर कोक जीरो और मेंटोस के साथ सोडा व कैंडी पावडर के मिश्रण का इस्तेमाल किया।

ऐसे करती है काम

इस प्रयोग में कोक जीरो, मेंटोस और सोडा के मिश्रण के चलते एक रासायनिक क्रिया होती है, जिसे न्यूक्लियस कहते हैं। इस प्रक्रिया में सोडा से निकलने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड मेंटोस को अपनी ओर तेजी से खींचती है। परिणामस्वरूप दबाव बनने के कारण सोडा तेजी से उड़ने लगता है। सोडा में मौजूद कार्बाइड ऑक्साइड किसी भी सतह पर बबल्स बना सकती है, जिससे दबाव बढ़ जाता है।

पेशे से कलाकार हैं ग्रोब व वोल्ट्ज

येल यूनिवर्सिटी में अध्ययन के दौरान ग्रोब सरकस में काम करते थे। वे पेशे से करतबबाÊा हैं। वहीं वोल्ट्ज मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी में ट्रॉयल लॉयर से पहले एक हास्य कलाकार थे और सड़कों पर लोगों का मनोरंजन करते थे।

घर पर न दोहराएं प्रयोग

वोल्ट्ज व ग्रोब ने लोगों को यह प्रयोग घर पर न करने की सलाह दी है। उनके मुताबिक इससे होने वाली तेज रासायनिक क्रिया से नुकसान हो सकता है।

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