मशहूर गायक भूपेन हजारिका के निधन से संगीत के साथ कवी और लेखक खो दिया....श्रद्धांजलि
शनिवार, 5 नवंबर 2011
मशहूर गायक भूपेन हजारिका का मुंबई के अस्पताल में निधन
वे मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती थे और डायलिसिस पर थे। निमोनिया होने के बाद 23 अक्टूबर को हजारिका की हालत बिगड़ गई थी। उनकी एक मामूली सर्जरी करनी पड़ी। उन्हें संक्रमण था।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण से नवाजे जा चुके 86 वर्षीय हजारिका का 29 जून से अस्पताल में उपचार चल रहा था। हजारिका देश के ऐसे विलक्षण कलाकार थे, जो अपने गीत खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते थे।
हजारिका का जन्म असम के सादिया में हुआ था। बचपन में ही उन्होंने अपना प्रथम गीत लिखा और दस वर्ष की आयु में उसे गाया। साथ ही उन्होंने असमिया चलचित्र की दूसरी फिल्म इंद्रमालती के लिए 1939 में बारह वर्ष की आयु में भी काम भी किया।
‘गांधी टू हिटलर’ फिल्म में महात्मा गांधी के भजन ‘वैष्णव जन’ में अपनी आवाज देने वाले हजारे की शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें दक्षिण एशिया के सांस्कृतिक दूतों में से एक माना जाता है।
उन्होंने न सिर्फ गीत लिखे बल्कि कविता लेखन, पत्रकारिता, गायन, फिल्म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में काम किया।
हजारे को इस साल अपना जन्मदिन भी अस्पताल में ही मनाना पड़ा। उनका जन्मदिन आठ सितंबर को पड़ता था। इस दिन वे अस्पताल में ही भर्ती थे।
बेनजीर हत्याकाण्ड में सात दोषी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो हत्याकाण्ड में रावलपिंडी के पूर्व मुख्य पुलिस अधिकारी सौद अजीज और पूर्व पुलिस अधीक्षक खुर्राम शहजाद सहित सात लोगों को शनिवार को दोषी करार दिया।
मीडिया की रिपोर्टो के अनुसार एटीसी रावलपिंडी ने अदियाला जेल में मामले की सुनवाई करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या में शामिल सात लोगों को दोषी करार दिया। दोषियों ने हालांकि आरोपों को खारिज कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 19 नवम्बर को होगी जिस दौरान अदालत ने दोषियों को गवाहों को पेश करने की हिदायत दी है। मामले के मुख्य दोषी अजीज और शहजाद इस समय जमानत पर हैं।
रिपोर्ट के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर इस मामले में कोई आरोप साबित नहीं हुए हैं। श्रीमती भुट्टो की 27 दिसम्बर 2007 को रावलपिंडी में एक चुनाव रैली के दौरान हत्या कर दी गई। उनके वाहन के सामने एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था। घटना के बाद हमले में बुरी तरह से घायल श्रीमती भुट्टो कोअस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई थी।
मीडिया की रिपोर्टो के अनुसार एटीसी रावलपिंडी ने अदियाला जेल में मामले की सुनवाई करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या में शामिल सात लोगों को दोषी करार दिया। दोषियों ने हालांकि आरोपों को खारिज कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 19 नवम्बर को होगी जिस दौरान अदालत ने दोषियों को गवाहों को पेश करने की हिदायत दी है। मामले के मुख्य दोषी अजीज और शहजाद इस समय जमानत पर हैं।
रिपोर्ट के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर इस मामले में कोई आरोप साबित नहीं हुए हैं। श्रीमती भुट्टो की 27 दिसम्बर 2007 को रावलपिंडी में एक चुनाव रैली के दौरान हत्या कर दी गई। उनके वाहन के सामने एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था। घटना के बाद हमले में बुरी तरह से घायल श्रीमती भुट्टो कोअस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई थी।
गोधरा कांड के गवाह की सरेआम हत्या
गोधरा कांड के गवाह की सरेआम हत्या
अहमदाबाद। 2002 में गुजरात में हुए हिंसा के गवाह और आरटीआई कार्यकर्ता नदीम सैयद की शनिवार को सरेआम हत्या कर दी गई। पुलिस के मुताबिक शनिवार सुबह नदीम सैयद जुहापुरा इलाके से जा रहे थे तभी कुछ लोगों ने उन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। हमले के बाद नदीम की मौके पर ही मौत हो गई।
कहा जा रहा है कि चार अज्ञात लोगों ने नदीम पर हमला किया था। हालांकि इस मामले में अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस ने बताया कि नदीम गुजरात में 2002 में हुए गोधरा कांड का चश्मदीद गवाह था। बताया जा रहा है कि उन्हें लगातार धमकी भी मिलती थी। उन्हें 2002 से ही पुलिस ने सुरक्षा दे रखी थी। मामले को दर्ज कर जांच किया जा रहा है।
अहमदाबाद। 2002 में गुजरात में हुए हिंसा के गवाह और आरटीआई कार्यकर्ता नदीम सैयद की शनिवार को सरेआम हत्या कर दी गई। पुलिस के मुताबिक शनिवार सुबह नदीम सैयद जुहापुरा इलाके से जा रहे थे तभी कुछ लोगों ने उन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। हमले के बाद नदीम की मौके पर ही मौत हो गई।
कहा जा रहा है कि चार अज्ञात लोगों ने नदीम पर हमला किया था। हालांकि इस मामले में अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस ने बताया कि नदीम गुजरात में 2002 में हुए गोधरा कांड का चश्मदीद गवाह था। बताया जा रहा है कि उन्हें लगातार धमकी भी मिलती थी। उन्हें 2002 से ही पुलिस ने सुरक्षा दे रखी थी। मामले को दर्ज कर जांच किया जा रहा है।
बाथरूम में कपड़े उतार कर रही थी अश्लील हरकत, वो बना रहे थे MMS
पश्चिमी सिंहभूम.जिले के चक्रधरपुर में इन दिनों एक एमएमएस चर्चा में है। बताया जा रहा है कि इस एमएमएस क्लिपिंग में एक लड़की अपने बाथरूम में नहा रही है। लगभग पांच मिनट का यह क्लिपिंग काफी उत्तेजक है।
बाथरूम में लड़की को कपड़े उतारते और इसके बाद कुछ अन्य अश्लील हरकत करते फिल्माया गया है। इसके बाद इस क्लिपिंग को सर्कुलेट कर दिया गया। जिससे तरह-तरह की चर्चाएं बाजार में हैं। बताया जा रहा है कि क्लिपिंग में दिख रही लड़की इलाके के एक बड़े व्यवसायी घराने से ताल्लुक रखती है।
हालांकि, इस सम्बन्ध में अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। लेकिन, यह क्लिपिंग तेज़ी से फैलता जा रहा है।
लिव इन में सेक्स संबंध, अब कहा-वो मेरी प्रेमिका नहीं-दोस्त की मां है
भोपाल। वो मेरी प्रेमिका नहीं है, बल्कि मेरे दोस्त की मां है। मुझे ब्लैकमेल करके मेरी शादी में अडंगा डालना चाहती है। यह व्यथा एक युवक ने शुक्रवार को महिला थाने के परामर्श केंद्र में आवेदन देकर सुनाई। युवक की शिकायत पर जब महिला को थाने में बुलाया गया तो पता चला कि वह युवक महिला के साथ पिछले पांच साल से लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहा था। महिला ने इस बात के कई सबूत भी पेश किए।
जब महिला ने युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया तो थाने से उसे भगा दिया गया। काउंसलर के हस्तक्षेप के बाद उसका आवेदन लिया गया। दरअसल इब्राहिमपुरा निवासी रमेश (बदला हुआ नाम) ने महिला थाने में आवेदन दिया था कि एक महिला आशी (परिवर्तित नाम) उसे ब्लैकमेल कर परेशान कर रही है।
महिला थाने ने जब आशी को बुलाया तो पता चला कि युवक महिला के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में पिछले पांच सालों से रह रहा था। आशी ने रमेश के खिलाफ थाने में आवेदन दिया, तो उसे यह कहकर भगा दिया गया कि तुम्हारी उम्र युवक से ज्यादा है। तुमने उसे फंसाया है न कि उसने तुम्हें। इस पर काउंसलर आफताब अहमद ने आवेदन लेकर मामले को काउंसलिंग में रखवाया।
आशी ने काउंसलर को बताया कि वो दिल्ली की एक होटल में गायिका है और रमेश से उसकी दोस्ती मोबाइल के जरिए हुई थी। उसका पहला पति विदेश चला गया था। दस साल इंतजार करने के बाद भी जब वह नहीं लौटा तो उसने रमेश को अपना लिया। आशी ने बताया कि रमेश ने शिर्डी में मांग भरकर उससे शादी की थी। अब रमेश दूसरी शादी करने जा रहा है। रमेश को 7 अक्टूबर को होने वाली काउंसलिंग में सुनवाई के लिए बुलाया गया है।
कार्रवाई चाहती हूं
परामर्श केंद्र में लिव-इन-रिलेशनशिप के एक अन्य मामले की सुनवाई भी हुई। इसमें शाहीन (बदला हुआ नाम) ने शिकायत की थी कि उसका प्रेमी हसन (बदला हुआ नाम) पिछले तीन साल से शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण कर रहा है। युवती ने हसन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मामला अंडर काउंसलिंग है। परामर्श केंद्र में शुक्रवार को कुल सात मामले रखे गए। इसमें से तीन मामलों में समझौता हुआ
जब महिला ने युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया तो थाने से उसे भगा दिया गया। काउंसलर के हस्तक्षेप के बाद उसका आवेदन लिया गया। दरअसल इब्राहिमपुरा निवासी रमेश (बदला हुआ नाम) ने महिला थाने में आवेदन दिया था कि एक महिला आशी (परिवर्तित नाम) उसे ब्लैकमेल कर परेशान कर रही है।
महिला थाने ने जब आशी को बुलाया तो पता चला कि युवक महिला के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में पिछले पांच सालों से रह रहा था। आशी ने रमेश के खिलाफ थाने में आवेदन दिया, तो उसे यह कहकर भगा दिया गया कि तुम्हारी उम्र युवक से ज्यादा है। तुमने उसे फंसाया है न कि उसने तुम्हें। इस पर काउंसलर आफताब अहमद ने आवेदन लेकर मामले को काउंसलिंग में रखवाया।
आशी ने काउंसलर को बताया कि वो दिल्ली की एक होटल में गायिका है और रमेश से उसकी दोस्ती मोबाइल के जरिए हुई थी। उसका पहला पति विदेश चला गया था। दस साल इंतजार करने के बाद भी जब वह नहीं लौटा तो उसने रमेश को अपना लिया। आशी ने बताया कि रमेश ने शिर्डी में मांग भरकर उससे शादी की थी। अब रमेश दूसरी शादी करने जा रहा है। रमेश को 7 अक्टूबर को होने वाली काउंसलिंग में सुनवाई के लिए बुलाया गया है।
कार्रवाई चाहती हूं
परामर्श केंद्र में लिव-इन-रिलेशनशिप के एक अन्य मामले की सुनवाई भी हुई। इसमें शाहीन (बदला हुआ नाम) ने शिकायत की थी कि उसका प्रेमी हसन (बदला हुआ नाम) पिछले तीन साल से शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण कर रहा है। युवती ने हसन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मामला अंडर काउंसलिंग है। परामर्श केंद्र में शुक्रवार को कुल सात मामले रखे गए। इसमें से तीन मामलों में समझौता हुआ
पर्यटकों को परेशान करता लपका गिरफ्तार
पर्यटकों को परेशान करता लपका गिरफ्तार
जैसलमेर। पर्यटकों को परेशान करने एवं उनके साथ छीना-झपटी करने वाले एक लपके को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार पर्यटक सुरक्षा दल ने गश्त के दौरान देखा कि एक लपका जोधपुर की तरफ से आने वाली पर्यटकों की गाड़ी के पीछे अपनी मोटरसाइकिल दौड़ा कर उन्हें परेशान कर रहा था। इस पर पर्यटक सुरक्षा दल के प्रभारी शैतानसिंह ने उसका पीछा कर उसे रेवतसिंह की ढाणी के पास पकड़ लिया। उसने अपना नाम दीपसिंह निवासी हाबुर बताया।
शांति भंग करने पर चार जने पुलिस गिरफ्त में
पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में चार जनों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार पुलिस थाना जैसलमेर के हल्का क्षेत्र में गुरूवार को गड़ीसर चूंगी नाके के पास लड़ाई-झगडे पर उतारू सुराराम, प्रेमाराम, मोतीराम और पृथ्वीराम निवासी कीता को शांति भंग के आरोप में 151 सीआरपीसी के तहत गिरफ्तार किया गया।
जैसलमेर। पर्यटकों को परेशान करने एवं उनके साथ छीना-झपटी करने वाले एक लपके को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार पर्यटक सुरक्षा दल ने गश्त के दौरान देखा कि एक लपका जोधपुर की तरफ से आने वाली पर्यटकों की गाड़ी के पीछे अपनी मोटरसाइकिल दौड़ा कर उन्हें परेशान कर रहा था। इस पर पर्यटक सुरक्षा दल के प्रभारी शैतानसिंह ने उसका पीछा कर उसे रेवतसिंह की ढाणी के पास पकड़ लिया। उसने अपना नाम दीपसिंह निवासी हाबुर बताया।
शांति भंग करने पर चार जने पुलिस गिरफ्त में
पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में चार जनों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार पुलिस थाना जैसलमेर के हल्का क्षेत्र में गुरूवार को गड़ीसर चूंगी नाके के पास लड़ाई-झगडे पर उतारू सुराराम, प्रेमाराम, मोतीराम और पृथ्वीराम निवासी कीता को शांति भंग के आरोप में 151 सीआरपीसी के तहत गिरफ्तार किया गया।
तीन विदेशी जोड़ों ने हिंदू रीति रिवाज से रचाया ब्याह
लिया संतों से आशीर्वाद : विवाह के बाद नवविवाहित जोड़ों ने महामंडलेश्वर से आशीर्वाद लिया। आश्रम में मौजूद बड़ों को भी प्रणाम किया। विवाह समारोह देखने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
जमानत मिलते ही ऑफिस पहुंच गए एसडीओ
जमानत मिलते ही ऑफिस पहुंच गए एसडीओ
पाली एसीबी द्वारा 30 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार रोहट के उपखंड अधिकारी चूनाराम विश्नोई और कनिष्ठ लिपिक मोहम्मद उमर को कोर्ट से जमानत मिल गई है। एक दिन एसीबी की हिरासत तथा दो दिन जेल में बिताने के बाद शुक्रवार दोपहर को दोनों कर्मचारी रोहट स्थित कार्यालय पहुंचे। दोनों ने उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर किए। एसडीओ ने तो वेतन व अन्य बिलों पर भी हस्ताक्षर किए। तीन घंटे ऑफिस में बिताने के बाद शाम को एसडीओ पाली में कलेक्टर ऑफिस भी पहुंचे। गुरुवार की शाम तक हालांकि न तो कार्मिक प्रशासनिक विभाग से दागी अफसर व बाबू के निलंबन के आदेश मिले और न ही एसीबी की कार्रवाई का पत्र मिला। इस असमंजस की स्थिति में जयपुर से दिशा निर्देश नहीं मिलने तक कलेक्टर नीरज के पवन ने एसडीओ व क्लर्क को ऑफिस नहीं जाने की हिदायत देकर अवकाश पर रहने के निर्देश दिए हैं।
5 दिन बीते, निलंबन क्यों नहीं ?
असल में एसीबी की टीम गत 31 अक्टूबर को दोपहर में रोहट स्थित उपखंड कार्यालय से आरएएस अधिकारी चूनाराम विश्नोई तथा कार्यालय के कनिष्ठ लिपिक कम रीडर मोहम्मद उमर को गिरफ्तार कर ले गई। कार्रवाई के चार दिन बाद 4 नवंबर को दोनों दागी ऑफिस पहुंचे और सामान्य दिनों की तरह कामकाज किया। शुक्रवार शाम को हालांकि कलेक्टर ने दोनों आरोपियों को दफ्तर में नहीं जाने का कहते हुए अवकाश पर भेज दिया, लेकिन एसीबी की कार्रवाई के 5 दिन बाद भी दागी अफसरों का निलंबन आदेश नहीं मिलना सरकारी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है।
रोहट के एसडीओ व लिपिक को एसीबी द्वारा रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार करने की जानकारी तो है, लेकिन अधिकारिक तौर पर एसीबी ने इसकी कोई सूचना नहीं दी। आरएएस अफसर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का अधिकार कार्मिक विभाग जयपुर के पास है, जहां से इनके निलंबन अथवा कार्रवाई को लेकर निर्देश मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। आरोपी एसडीओ व लिपिक को अग्रिम आदेश तक अवकाश पर जाने को कहा गया है। -नीरज के पवन, कलेक्टर
॥ 31 अक्टूबर को एसीबी द्वारा गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई, जबकि 1 नवंबर को दोनों आरोपियों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया। उसी दिन आरोपी आरएएस व लिपिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्रावली एसीबी मुख्यालय जयपुर को भेज दी गई, जबकि कार्मिक विभाग को भी कार्रवाई से अवगत करा दिया गया। पांच दिन बाद भी आरोपियों के निलंबन आदेश नहीं मिलने अथवा ऑफिस में ज्वाइन करने के मसले पर हम क्या कह सकते हैं। -जोगाराम, एसीबी टीम प्रभारी एवं डीएसपी, सिरोही चौकी
भारत निर्माण अभियान के दूसरे दिन आयोजित हुए कई कार्यक्रम
रैली में जमकर थिरके कलाकार
भारत निर्माण अभियान के दूसरे दिन आयोजित हुए कई कार्यक्रम
बालोतरा भारत निर्माण जन सूचना अभियान में आमजन की भागीदारी बढ़ाने का संदेश देने के लिए क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय की ओर से अभियान स्थल पंचायत समिति मैदान से शुक्रवार प्रात: 11 बजे भारत निर्माण रैली का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसपी बुंदेल एवं नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान ने रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
रैली के आयोजक राजेश मीणा ने बताया कि रैली के दौरान बच्चों ने नारे लगाते हुए आमजन को सरकारी योजनाओं का संदेश दिया।इसमें राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय माध्यमिक विद्यालय गांधीपुरा के लगभग 500 बच्चों ने भाग लिया। रैली अभियान स्थल से रवाना होकर उपखंड अधिकारी कार्यालय, पुराना बस स्टैण्ड, सदर मार्केट एवं छतरियों का मोर्चा होते हुए वापस पंचायत समिति मैदान पंहुची।
समापन आज
पत्र सूचना कार्यालय जोधपुर की ओर से बालोतरा में आयोजित तीन दिवसीय भारत निर्माण जन सूचना अभियान का समापन समारोह शनिवार को सांय 4 बजे होगा। मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर बाड़मेर डॉ. वीणा प्रधान होंगी।
भारत निर्माण अभियान के दूसरे दिन आयोजित हुए कई कार्यक्रम
बालोतरा भारत निर्माण जन सूचना अभियान में आमजन की भागीदारी बढ़ाने का संदेश देने के लिए क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय की ओर से अभियान स्थल पंचायत समिति मैदान से शुक्रवार प्रात: 11 बजे भारत निर्माण रैली का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसपी बुंदेल एवं नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान ने रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
रैली के आयोजक राजेश मीणा ने बताया कि रैली के दौरान बच्चों ने नारे लगाते हुए आमजन को सरकारी योजनाओं का संदेश दिया।इसमें राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय माध्यमिक विद्यालय गांधीपुरा के लगभग 500 बच्चों ने भाग लिया। रैली अभियान स्थल से रवाना होकर उपखंड अधिकारी कार्यालय, पुराना बस स्टैण्ड, सदर मार्केट एवं छतरियों का मोर्चा होते हुए वापस पंचायत समिति मैदान पंहुची।
समापन आज
पत्र सूचना कार्यालय जोधपुर की ओर से बालोतरा में आयोजित तीन दिवसीय भारत निर्माण जन सूचना अभियान का समापन समारोह शनिवार को सांय 4 बजे होगा। मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर बाड़मेर डॉ. वीणा प्रधान होंगी।
शहर को साफ रखना सबकी जिम्मेदारी: कलेक्टर
शहर को साफ रखना सबकी जिम्मेदारी: कलेक्टर
बैठक : कलेक्टर ने दिए आवारा पशुओं की धरपकड़ के निर्देश
बाड़मेर आखिर ये गंदगी होती कैसे है। आप सभी अपने घर को तो एकदम साफ-सुथरा रखते हो, फिर शहर के बारे में क्यों नहीं सोचते। शहर को साफ रखना भी सबकी जिम्मेदारी है। ये बात शुक्रवार को कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने नगरपालिका में आयोजित बैठक में कही। यह बैठक शहर के प्रबुद्ध नागरिकों से शहर की व्यवस्थाएं सुधारने के संबंध में सुझाव लेने के लिए बुलाई गई थी। बैठक में उन्होंने शहर में घूम रहे आवारा पशुओं का शहर से बाहर निस्तारण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि छोटी चीज से शुरूआत करने से सफलता मिलती है। हमारे पास जो संसाधन है उसी से व्यवस्थाएं सुधारनी होगी। नए सफाईकर्मी भर्ती प्रक्रिया के बारे में नियुक्त हो पाएंगे। इससे पहले व्यवस्थाएं कैसे सुधारनी है यह अहम है। बैठक में प्रबुद्ध नागरिकों ने कई सुझाव प्रस्तुत किए। इस मौके जिला प्रमुख मदन कौर, विधायक मेवाराम जैन, नगरपालिका अध्यक्ष उषा जैन, आयुक्त राकेश कुमार चौधरी, प्रतिपक्ष नेता सुरेश मोदी, सहित कई पार्षद मौजूद थे।
ये दिए सुझाव
कलेक्टर ने आमजन की सफाई व्यवस्था के प्रति भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक घर से बीस रुपए लेने का प्रस्ताव रखा, जिसे विरोध के बाद वापिस ले लिया गया।
पूर्व पार्षद मिरचूमल कृपलानी ने सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए दो सेनेट्री इंस्पेक्टर, 10 जमादार और 400 सफाईकर्मी लगाने का सुझाव दिया।
बैठक में नगरपालिका के प्रतिपक्ष नेता सुरेश मोदी ने सुझाव दिया कि शहर के बाहर स्थित गोशालाएं किसी न किसी तरह से सरकारी अनुदान या सहायता पर निर्भर है। इसलिए शहर से पकड़े जाने वाले आवारा पशुओं को इन गोशालाओं में अनुपात के हिसाब से भेजा जाए, ताकि एक गोशाला में पशु संख्या नहीं बढ़े।
पार्षद अमृतलाल खत्री ने शहर के विभिन्न वार्डों में चल रहे सफाई ठेकों की तर्ज पर अन्य वार्डों में भी व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव रखा।
बैठक में सफाई व्यवस्था के लिए मॉनिटरिंग कमेटी बनाने का सुझाव रखा गया।
बैठक में काजी हाउस के लिए नई जमीन के लिए भी प्रस्ताव आया।
सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए कचरा उठाने वाले ट्रैक्टर और टैक्सी संचालकों को पाबंद करने का प्रस्ताव रखा गया।
बूढी मां को घर में किया कैद, लगाई आग और फरार हो गई बेटी!
पुलिस ने उसकी बेटी कल्पना को गिरफ्तार कर लिया है। कल्पना ने कबूल कर लिया है कि उसने अपनी मां संध्या रानी को पहले घर में बंद किया और बाद में आग लगाकर उदयपुर चली गई। मां के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना दिए जाने के बाद भी वह उदयपुर से नहीं लौटीं। शुक्रवार को मां की सांसें उखड़ते ही वह जोधपुर आ गई।
घर में आग लगाने के बाद कल्पना को बाहर निकलते हुए पड़ोसियों ने देख लिया था। कल्पना अपने पति प्रवीण शर्मा से सात साल से अलग रह रही है। उसकी बड़ी बहन विदेश में रहती है।
कैसा है घर आपका---------
कैसा है घर आपका---------
घर की बनावट, उसकी दिशा, घर के सामान, पेड-पौधे बताते हैं कि घर किस ग्रह के प्रभाव में है। आमतौर पर देखा जाता है कि घर की दिशा क्या है और उसे संबंधित ग्रह के हवाले कर दिया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है। पूर्व मुखी घर में भी राहू की समानताएं हो सकती हैं और पश्चिम मुखी घर में बुध की। इससे पहले की घर पर ग्रहों के विशद प्रभाव की चर्चा करूं मैं सरसरी तौर पर बता देना चाहता हूं कि पारंपरिक पध्दति में दिशा और ग्रह का क्या संबंध है।
सूर्य का घर:
आमतौर पर पूर्व की दिशा में जिन घरों का मुंह होता है उन्हें सूर्य से प्रभावित घर कहते हैं। इनमें परिवार का मुखिया पुरुष होता है यानि पितृ सत्तात्मक परिवार इसमें निवास करता है। पुरुषों की संख्या अधिक होती है और महिलाएं कष्ट पाती हैं। घर के वर्किंग मैम्बर्स का संबंध राजकीय सेवाओं से होता है चाहे नौकरी के तौर पर हो या ठेकेदारी से।
बुध का घर:
इन घरों का मुंह उत्तर दिशा में होता है। इनमें कंसल्टेंट रहते हैं लेकिन चिकित्सक नहीं। उत्तर दिशा का संबंध क्रिएटिविटी से जोडा गया है। ऐसे में आर्कीटेक्ट, कैरियर काउंसलर, इंटीरियर डेकोरेटर, बैंकिंग सेवाओं से जुडे और मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले लोगों का स्थान बताया गया है। इन घरों में बच्चे अच्छी संख्या में होते हैं और धमाचौकडी मचाते रहते हैं।
शनि का घर:
इन घरों का मुंह पश्चिम दिशा में होता है। नौकरी पेशा लोगों के रहने की जगह। दिन में किसी सरकारी या निजी प्रतिष्ठान में बंधुआ मजदूर की तरह काम करके आने के बाद लोग इस घर में आराम, आमोद-प्रमोद करते हैं और सुख-दुख की बातें होती हैं। ये लोग खुद निर्णय लेने वाले लोग नहीं होते। जैसे जिन्दगी इन्हें धक्का देती है ये उसी रास्ते पर निकल पडते हैं। किसी एक की समस्या पूरे परिवार के लिए मिशन बन जाती है। एक समस्या निपटाने के बाद दूसरी समस्या निपटाने की तैयारी शुरू हो जाती है।
मंगल का घर:
इन घरों का मुंह दक्षिण दिशा में होता है। इसमें चिकित्सक और लौंडे मजे करते हैं और आम आदमी दुख पाता है। आमतौर पर हॉस्टल या अस्पताल का मुंह दक्षिण में शुभ होता है। सबसे सफल हॉस्टल भी दक्षिण दिशा में ही हो सकता है। इन घरों से कोई प्यार नहीं करता। न मकान मालिक और न ही रहवासे। लौंडे दिनभर के थके मांदे आते हैं और उल्टी-सीधी हरकतें करने के बाद सो जाते हैं। अगले दिन बिना किसी देख-रेख के इसे छोड जाते हैं। चिकित्सक सुबह और शाम के समय पूजा पाठ की बजाय लोगों के दुख दर्द सुनता है और पैसा बनाता है। घर का ध्यान नौकर या नौकरानी रखते हैं।
इन चार प्रमुख दिशाओं के आधार पर घरों को शुभ या अशुभ बताया जाता है। हालांकि इसके अलावा गुरू, चंद्रमा, राहू और शुक्र की भी दिशाएं होती है लेकिन मोटे तौर पर उन्हें नजर अंदाज कर दिया जाता है---
गुरू की दिशा – उत्तर पूर्व
शुक्र की दिशा– दक्षिण पूर्व
चंद्रमा की दिशा– उत्तर पश्चिम
राहू की दिशा– दक्षिण पश्चिम
घर और घर का वातावरण----
घर के वातावरण और आस-पास के वातावरण के आधार पर घर पर ग्रह के प्रभाव की- ---
1. गुरू का घर:--
इस घर में एयर सर्कुलेशन बेहतरीन होगा। यानि चारों ओर से भले ही खुला न हो लेकिन हवा का असर हर कमरे और कोठरी में देखने को मिलेगा। इस घर का दरवाजा प्राय: उत्तर पूर्व में होता है। या फिर किनारे में होगा लेकिन बीच में नहीं होता। घर के आस-पास धार्मिक स्थान होता है। पीपल का पेड भी हो सकता है।
2. सूर्य का घर: ---
इस घर में प्राकृतिक रोशनी के उत्तम साधन होते हैं। घर के हर कोने में सूर्य की रोशनी पहुंचती है। चाहे अंडरग्राउंड ही क्यों न हो। घर के मुख्य द्वार का संबंध पूर्व दिशा से होता है और मकान के दाहिने हाथ की ओर पानी निकासी की व्यवस्था होती है। एक बात और ऐसे मकान में डिप्रेशन का मरीज अधिक दिन नहीं रह सकता। अगर रहेगा तो जल्दी ही ठीक भी हो जाएगा। इसमें ऊर्जा का प्रवाह जबरदस्त होता है। इसे संभाल लेने की क्षमता मुखिया में होती है इसी कारण आमतौर पर इस परिवार का मुखिया मैनेजमेंट या प्रशासन में होता है। निर्णय लेने वाले लोगों की ऐशगाह।
3. चंद्र का मकान:--
इस मकान में पानी की पूर्ति पूरी रहती है। कई बार तो घर के भीतर ही बोरिंग कर पानी की व्यवस्था की गई होती है। अन्यथा घर से थोडी ही दूरी पर पानी का बडा स्रोत अवश्य होता है। इस मकान में बडे परिवार रहते हैं। घर की महिलाओं के लिए मुखिया की आज्ञा अंतिम आदेश होती है। अधिकांशत: ऐसे मकान का मुंह उत्तर पश्चिम होता है और मुखिया के बैठने की जगह भी उत्तर पश्चिम होती है। ये लोग मिल जुलकर काम करने वाले लोग होते हैं। आमतौर पर इस घर में शांति रहती है लेकिन छोटी-मोटी घटना भी इन लोगों को अन्दर तक झकझोर देती है।
4. शुक्र का मकान: ----
बनावट आलीशान वरना कच्ची जमीन के बीच बना हुआ आशियाना। दक्षिण पूर्व में इसका मुंह होने से मंगल और सूर्य की विशेषताएं लेकर शुक्र यहां आमोद करता है। यहां रहने वाले लोग नाजुक स्वभाव के और तरक्की पसंद होते हैं। इन घरों को कभी दक्षिण में गिन लिया जाता है तो कभी पूर्व में। लेकिन शुक्र का अपना रोल होता है। वह या तो मकान को हद तक खूबसूरत बना देता है या फिर कच्ची मिट्टी के बीच बना शांत स्थान। दोनों की मामलों में घर के भीतर का वातावरण खुशनुमा रहता है। इस घर में लाल रंग का अधिक उपयोग होता है। महिलाएं तेजी से तरक्की करती हैं और पतियों पर राज करती हैं।
5. मंगल का मकान: ---
ऐसे मकान चिकित्सकों के लिए होते हैं। यह आग रखने का स्थान है। इसके उपचार के लिए दक्षिण की दीवार पर मंदिर बनाकर आग जलाए रखने से घर की कलह में कुछ हद तक कमी आती है। किस्मत वाले लोगों को ऐसा घर बनाने के बाद भी इसमें रहने का अवसर नहीं मिल पाता है। अत: यह किराए पर अधिक रहता है।
6. बुध का मकान:----
इस घर का मुंह प्राय: उत्तर दिशा में ही होगा लेकिन इसकी विशेषता होगी हर कोने का खुला होना। यानि मालिक अपना घर जमीन के बीचों-बीच बनाने की कोशिश करता है। घर में कच्ची जमीन होती है और न भी हो तो पेड पौधों के लिए गुंजाइश रखी जाती है। चाहे गमले में ही क्यों न हो। हरी पत्तियों के बीच बैठा इंसान लगातार सोचता है। भले ही आगे बढने की न सोचे पर अपने और दूसरों को जीवन को बेहतर बनाने के बारे में विचार करता रहता है। क्रिएटिव माइंड और कंसल्टेंसी इसकी फितरत है।
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7. शनि का मकान:------
घर का बडा दरवाजा पश्चिम दिशा में होगा। घर के भीतर घुसते ही दांयी ओर बनी कोटडी में रोशनी कम होगी। इस कोटडी को जब भी नीम अंधेरे में रखा जाएगा मकान मालिक का दिन अच्छा जाएगा। मकान में पत्थर गडा होता है। पुराना सा दिखाई देता है। बनाने के कुछ ही दिनों के भीतर ऐसा दिखाई देने लगता है जैसे सालों पहले बनाया हो और अब इसे रंग रोगन की जरूरत है। कितना ही संवार लो सुंदरता आ नहीं पाती। ताजगी का एकांतिक अभाव रहता है। इस घर में बडा गर्डर या खम्भे की गुंजाइश हमेशा होती है जो इसे हल्की भव्यता प्रदान करती है।
8. राहू का मकान: ---
राहू का काम ही गुमनामी का है। आप समझ सकते हैं कि घर के भीतर जाते ही ऐसा महसूस होगा कि जो कुछ दिखाई दे रहा है इससे इतर कुछ और इस मकान में है। भले ही सीधा-सादा मकान ही क्यो न हो। मुख्य द्वार में प्रवेश करने के बाद दाहिनी ओर गुमनाम गड्ढा होने की संभावना होती है। प्रवेश द्वार के नीचे से घर का गंदा पानी बहता हुआ बाहर निकलता है। सामने का घर या तो खाली होगा या उस मकान के मालिक के कोई संतान नहीं होगी। मकान की दीवारें वही रहती हैं और छत बदलती रहती है। मकान के बिल्कुल पास धुंआ छोडने वाली भट्टी होती है या गंदा पानी जमा करने का गड्ढा। कॉमन सेप्टिक टैंक भी हो सकता है जिसमें इलाके के कई घरों का गंदा पानी एकत्र होता हो।
9. केतू का मकान: ----
ऐसा घर जिसकी दीवारें दो गलियों से लगी हों। यानि कोने का मकान और तीन तरफ से खुला। इस घर में हवा आती है लेकिन कहां से पता नहीं लगता। साथ का एक मकान या तो गिरा हुआ होगा या फिर बर्बाद हुआ होगा। साथ के मकान में कुत्तों के टट्टी जाने का स्थान होगा। केतू के मकान में नर संतान तीन या तीन से कम होती है। इससे अधिक नहीं हो पाती।
घर की बनावट, उसकी दिशा, घर के सामान, पेड-पौधे बताते हैं कि घर किस ग्रह के प्रभाव में है। आमतौर पर देखा जाता है कि घर की दिशा क्या है और उसे संबंधित ग्रह के हवाले कर दिया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है। पूर्व मुखी घर में भी राहू की समानताएं हो सकती हैं और पश्चिम मुखी घर में बुध की। इससे पहले की घर पर ग्रहों के विशद प्रभाव की चर्चा करूं मैं सरसरी तौर पर बता देना चाहता हूं कि पारंपरिक पध्दति में दिशा और ग्रह का क्या संबंध है।
सूर्य का घर:
आमतौर पर पूर्व की दिशा में जिन घरों का मुंह होता है उन्हें सूर्य से प्रभावित घर कहते हैं। इनमें परिवार का मुखिया पुरुष होता है यानि पितृ सत्तात्मक परिवार इसमें निवास करता है। पुरुषों की संख्या अधिक होती है और महिलाएं कष्ट पाती हैं। घर के वर्किंग मैम्बर्स का संबंध राजकीय सेवाओं से होता है चाहे नौकरी के तौर पर हो या ठेकेदारी से।
बुध का घर:
इन घरों का मुंह उत्तर दिशा में होता है। इनमें कंसल्टेंट रहते हैं लेकिन चिकित्सक नहीं। उत्तर दिशा का संबंध क्रिएटिविटी से जोडा गया है। ऐसे में आर्कीटेक्ट, कैरियर काउंसलर, इंटीरियर डेकोरेटर, बैंकिंग सेवाओं से जुडे और मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले लोगों का स्थान बताया गया है। इन घरों में बच्चे अच्छी संख्या में होते हैं और धमाचौकडी मचाते रहते हैं।
शनि का घर:
इन घरों का मुंह पश्चिम दिशा में होता है। नौकरी पेशा लोगों के रहने की जगह। दिन में किसी सरकारी या निजी प्रतिष्ठान में बंधुआ मजदूर की तरह काम करके आने के बाद लोग इस घर में आराम, आमोद-प्रमोद करते हैं और सुख-दुख की बातें होती हैं। ये लोग खुद निर्णय लेने वाले लोग नहीं होते। जैसे जिन्दगी इन्हें धक्का देती है ये उसी रास्ते पर निकल पडते हैं। किसी एक की समस्या पूरे परिवार के लिए मिशन बन जाती है। एक समस्या निपटाने के बाद दूसरी समस्या निपटाने की तैयारी शुरू हो जाती है।
मंगल का घर:
इन घरों का मुंह दक्षिण दिशा में होता है। इसमें चिकित्सक और लौंडे मजे करते हैं और आम आदमी दुख पाता है। आमतौर पर हॉस्टल या अस्पताल का मुंह दक्षिण में शुभ होता है। सबसे सफल हॉस्टल भी दक्षिण दिशा में ही हो सकता है। इन घरों से कोई प्यार नहीं करता। न मकान मालिक और न ही रहवासे। लौंडे दिनभर के थके मांदे आते हैं और उल्टी-सीधी हरकतें करने के बाद सो जाते हैं। अगले दिन बिना किसी देख-रेख के इसे छोड जाते हैं। चिकित्सक सुबह और शाम के समय पूजा पाठ की बजाय लोगों के दुख दर्द सुनता है और पैसा बनाता है। घर का ध्यान नौकर या नौकरानी रखते हैं।
इन चार प्रमुख दिशाओं के आधार पर घरों को शुभ या अशुभ बताया जाता है। हालांकि इसके अलावा गुरू, चंद्रमा, राहू और शुक्र की भी दिशाएं होती है लेकिन मोटे तौर पर उन्हें नजर अंदाज कर दिया जाता है---
गुरू की दिशा – उत्तर पूर्व
शुक्र की दिशा– दक्षिण पूर्व
चंद्रमा की दिशा– उत्तर पश्चिम
राहू की दिशा– दक्षिण पश्चिम
घर और घर का वातावरण----
घर के वातावरण और आस-पास के वातावरण के आधार पर घर पर ग्रह के प्रभाव की- ---
1. गुरू का घर:--
इस घर में एयर सर्कुलेशन बेहतरीन होगा। यानि चारों ओर से भले ही खुला न हो लेकिन हवा का असर हर कमरे और कोठरी में देखने को मिलेगा। इस घर का दरवाजा प्राय: उत्तर पूर्व में होता है। या फिर किनारे में होगा लेकिन बीच में नहीं होता। घर के आस-पास धार्मिक स्थान होता है। पीपल का पेड भी हो सकता है।
2. सूर्य का घर: ---
इस घर में प्राकृतिक रोशनी के उत्तम साधन होते हैं। घर के हर कोने में सूर्य की रोशनी पहुंचती है। चाहे अंडरग्राउंड ही क्यों न हो। घर के मुख्य द्वार का संबंध पूर्व दिशा से होता है और मकान के दाहिने हाथ की ओर पानी निकासी की व्यवस्था होती है। एक बात और ऐसे मकान में डिप्रेशन का मरीज अधिक दिन नहीं रह सकता। अगर रहेगा तो जल्दी ही ठीक भी हो जाएगा। इसमें ऊर्जा का प्रवाह जबरदस्त होता है। इसे संभाल लेने की क्षमता मुखिया में होती है इसी कारण आमतौर पर इस परिवार का मुखिया मैनेजमेंट या प्रशासन में होता है। निर्णय लेने वाले लोगों की ऐशगाह।
3. चंद्र का मकान:--
इस मकान में पानी की पूर्ति पूरी रहती है। कई बार तो घर के भीतर ही बोरिंग कर पानी की व्यवस्था की गई होती है। अन्यथा घर से थोडी ही दूरी पर पानी का बडा स्रोत अवश्य होता है। इस मकान में बडे परिवार रहते हैं। घर की महिलाओं के लिए मुखिया की आज्ञा अंतिम आदेश होती है। अधिकांशत: ऐसे मकान का मुंह उत्तर पश्चिम होता है और मुखिया के बैठने की जगह भी उत्तर पश्चिम होती है। ये लोग मिल जुलकर काम करने वाले लोग होते हैं। आमतौर पर इस घर में शांति रहती है लेकिन छोटी-मोटी घटना भी इन लोगों को अन्दर तक झकझोर देती है।
4. शुक्र का मकान: ----
बनावट आलीशान वरना कच्ची जमीन के बीच बना हुआ आशियाना। दक्षिण पूर्व में इसका मुंह होने से मंगल और सूर्य की विशेषताएं लेकर शुक्र यहां आमोद करता है। यहां रहने वाले लोग नाजुक स्वभाव के और तरक्की पसंद होते हैं। इन घरों को कभी दक्षिण में गिन लिया जाता है तो कभी पूर्व में। लेकिन शुक्र का अपना रोल होता है। वह या तो मकान को हद तक खूबसूरत बना देता है या फिर कच्ची मिट्टी के बीच बना शांत स्थान। दोनों की मामलों में घर के भीतर का वातावरण खुशनुमा रहता है। इस घर में लाल रंग का अधिक उपयोग होता है। महिलाएं तेजी से तरक्की करती हैं और पतियों पर राज करती हैं।
5. मंगल का मकान: ---
ऐसे मकान चिकित्सकों के लिए होते हैं। यह आग रखने का स्थान है। इसके उपचार के लिए दक्षिण की दीवार पर मंदिर बनाकर आग जलाए रखने से घर की कलह में कुछ हद तक कमी आती है। किस्मत वाले लोगों को ऐसा घर बनाने के बाद भी इसमें रहने का अवसर नहीं मिल पाता है। अत: यह किराए पर अधिक रहता है।
6. बुध का मकान:----
इस घर का मुंह प्राय: उत्तर दिशा में ही होगा लेकिन इसकी विशेषता होगी हर कोने का खुला होना। यानि मालिक अपना घर जमीन के बीचों-बीच बनाने की कोशिश करता है। घर में कच्ची जमीन होती है और न भी हो तो पेड पौधों के लिए गुंजाइश रखी जाती है। चाहे गमले में ही क्यों न हो। हरी पत्तियों के बीच बैठा इंसान लगातार सोचता है। भले ही आगे बढने की न सोचे पर अपने और दूसरों को जीवन को बेहतर बनाने के बारे में विचार करता रहता है। क्रिएटिव माइंड और कंसल्टेंसी इसकी फितरत है।
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7. शनि का मकान:------
घर का बडा दरवाजा पश्चिम दिशा में होगा। घर के भीतर घुसते ही दांयी ओर बनी कोटडी में रोशनी कम होगी। इस कोटडी को जब भी नीम अंधेरे में रखा जाएगा मकान मालिक का दिन अच्छा जाएगा। मकान में पत्थर गडा होता है। पुराना सा दिखाई देता है। बनाने के कुछ ही दिनों के भीतर ऐसा दिखाई देने लगता है जैसे सालों पहले बनाया हो और अब इसे रंग रोगन की जरूरत है। कितना ही संवार लो सुंदरता आ नहीं पाती। ताजगी का एकांतिक अभाव रहता है। इस घर में बडा गर्डर या खम्भे की गुंजाइश हमेशा होती है जो इसे हल्की भव्यता प्रदान करती है।
8. राहू का मकान: ---
राहू का काम ही गुमनामी का है। आप समझ सकते हैं कि घर के भीतर जाते ही ऐसा महसूस होगा कि जो कुछ दिखाई दे रहा है इससे इतर कुछ और इस मकान में है। भले ही सीधा-सादा मकान ही क्यो न हो। मुख्य द्वार में प्रवेश करने के बाद दाहिनी ओर गुमनाम गड्ढा होने की संभावना होती है। प्रवेश द्वार के नीचे से घर का गंदा पानी बहता हुआ बाहर निकलता है। सामने का घर या तो खाली होगा या उस मकान के मालिक के कोई संतान नहीं होगी। मकान की दीवारें वही रहती हैं और छत बदलती रहती है। मकान के बिल्कुल पास धुंआ छोडने वाली भट्टी होती है या गंदा पानी जमा करने का गड्ढा। कॉमन सेप्टिक टैंक भी हो सकता है जिसमें इलाके के कई घरों का गंदा पानी एकत्र होता हो।
9. केतू का मकान: ----
ऐसा घर जिसकी दीवारें दो गलियों से लगी हों। यानि कोने का मकान और तीन तरफ से खुला। इस घर में हवा आती है लेकिन कहां से पता नहीं लगता। साथ का एक मकान या तो गिरा हुआ होगा या फिर बर्बाद हुआ होगा। साथ के मकान में कुत्तों के टट्टी जाने का स्थान होगा। केतू के मकान में नर संतान तीन या तीन से कम होती है। इससे अधिक नहीं हो पाती।
साफ-सफाई का सब रखें ध्यान : मदन कौर
साफ-सफाई का सब रखें ध्यान : मदन कौर
बाड़मेर स्वच्छता के प्रति जागरूक रहना जरूरी है। सफाई रखने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। स्वस्थ नागरिक ही देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह बात जिला प्रमुख मदन कौर ने चौहटन पंचायत समिति की सेडवा पंचायत मुख्यालय में स्वच्छता अभियान के समापन समारोह में कही। उन्होंने कहा सावधान रहने से बीमारी से बचने के साथ आर्थिक नुकसान भी नहीं होगा। उन्होंने कहा ग्रामीण अपने घरों में शौचालय का निर्माण जरूर कराएं।
चौहटन पंचायत की प्रधान शमा बानो ने कहा स्वच्छता अभियान में आमजन की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा स्वच्छता अभियान एवं मनरेगा के तहत मुख्यमंत्री बीपीएल आवास एवं इंदिरा आवास के लाभार्थियों को निशुल्क शौचालय निर्माण से लाभान्वित किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास अधिकारी नींबा राम बारूपाल ने कहा स्वच्छता को अपनाकर जीवन को स्वस्थ रखें। विकास अधिकारी भोपाल सिंह जोधा ने कहा जरूरतमंद को सरकार योजनाओं का फायदा पहुंचाने का प्रयास जारी हैं। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी रघुनाथ विश्नोई ने कहा स्वच्छता अपनाकर निरोगी रहा जा सकता है।
इस दौरान सेडवा सरपंच धाईदेवी, कॉ-आपरेटिव सहकारी बैंक के चेयरमैन कालू खान, सहायक अभियंता संदीप जैन, रामलाल जैन, देवीसिंह चौधरी सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे। समारोह में प्रश्नोतरी के विजेताओं को सम्मानित किया गया। समारोह में स्वच्छता समन्वयक देवीसिंह चौधरी ने स्वच्छता के बारे में प्रायोगिक जानकारी दी। समारोह में स्वरूप पंवार एंड पार्टी के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।
बाड़मेर स्वच्छता के प्रति जागरूक रहना जरूरी है। सफाई रखने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। स्वस्थ नागरिक ही देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह बात जिला प्रमुख मदन कौर ने चौहटन पंचायत समिति की सेडवा पंचायत मुख्यालय में स्वच्छता अभियान के समापन समारोह में कही। उन्होंने कहा सावधान रहने से बीमारी से बचने के साथ आर्थिक नुकसान भी नहीं होगा। उन्होंने कहा ग्रामीण अपने घरों में शौचालय का निर्माण जरूर कराएं।
चौहटन पंचायत की प्रधान शमा बानो ने कहा स्वच्छता अभियान में आमजन की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा स्वच्छता अभियान एवं मनरेगा के तहत मुख्यमंत्री बीपीएल आवास एवं इंदिरा आवास के लाभार्थियों को निशुल्क शौचालय निर्माण से लाभान्वित किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास अधिकारी नींबा राम बारूपाल ने कहा स्वच्छता को अपनाकर जीवन को स्वस्थ रखें। विकास अधिकारी भोपाल सिंह जोधा ने कहा जरूरतमंद को सरकार योजनाओं का फायदा पहुंचाने का प्रयास जारी हैं। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी रघुनाथ विश्नोई ने कहा स्वच्छता अपनाकर निरोगी रहा जा सकता है।
इस दौरान सेडवा सरपंच धाईदेवी, कॉ-आपरेटिव सहकारी बैंक के चेयरमैन कालू खान, सहायक अभियंता संदीप जैन, रामलाल जैन, देवीसिंह चौधरी सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे। समारोह में प्रश्नोतरी के विजेताओं को सम्मानित किया गया। समारोह में स्वच्छता समन्वयक देवीसिंह चौधरी ने स्वच्छता के बारे में प्रायोगिक जानकारी दी। समारोह में स्वरूप पंवार एंड पार्टी के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।
स्कूल में शराब पीती पकड़ीं तीन छात्राएं!
स्कूल में शराब पीती पकड़ीं तीन छात्राएं!
. अजमेर शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में शुक्रवार को 11वीं क्लास की तीन छात्राएं शराब पीते रंगे-हाथों पकड़ी गईं। स्कूल प्रशासन ने तुरंत इनके परिजनों को बुला घटना की पूरी जानकारी दी गई।
सूत्रों के मुताबिक स्कूल में ये छात्राएं बैग के साथ पानी की बोतल भी लाईं, उसमें शराब भरी थी। तीनों ही कक्षा से बाहर निकल-निकल कर पढ़ाई के दौरान शराब पीती रहीं। वे बार-बार डियो कपड़ों पर लगा रही थीं। किसी तरह शिक्षिकाओं तथा प्राचार्य को इसकी भनक लग गई। छात्राओं से पानी की बोतलें जब्त कर ली गईं। उन्हें कक्षा से बाहर निकाल कर अलग से बैठाया गया। इस बारे में स्कूल प्रबंधन से देर रात्रि तक संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बेसिक फोन किसी ने नहीं उठाया। प्राचार्य का मोबाइल बंद रहा।
इंदौर में भी हुई घटना : पिछलों दिनों ऐसा ही वाकया मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भी सामने आया था। यहां की एक कॉलेज की तीन-चार छात्राएं भी कॉलेज में अपनी कक्षा में ही शराब का सेवन करती पकड़ी गई थी।
मामले का खुलासा तब हुआ जब उनमें से एक छात्रा ने नशा चढऩे के बाद कक्षा कक्ष में ही उल्टी कर दी और शराब की बदबू फैल गई। व्याख्याता ने इसके बाद कॉलेज प्रशासन को जानकारी दी, बाद में उन सभी छात्राओं को कॉलेज से निकाल दिया गया।
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