शनिवार, 5 नवंबर 2011

लिव इन में सेक्स संबंध, अब कहा-वो मेरी प्रेमिका नहीं-दोस्त की मां है

भोपाल। वो मेरी प्रेमिका नहीं है, बल्कि मेरे दोस्त की मां है। मुझे ब्लैकमेल करके मेरी शादी में अडंगा डालना चाहती है। यह व्यथा एक युवक ने शुक्रवार को महिला थाने के परामर्श केंद्र में आवेदन देकर सुनाई। युवक की शिकायत पर जब महिला को थाने में बुलाया गया तो पता चला कि वह युवक महिला के साथ पिछले पांच साल से लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहा था। महिला ने इस बात के कई सबूत भी पेश किए।
जब महिला ने युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया तो थाने से उसे भगा दिया गया। काउंसलर के हस्तक्षेप के बाद उसका आवेदन लिया गया। दरअसल इब्राहिमपुरा निवासी रमेश (बदला हुआ नाम) ने महिला थाने में आवेदन दिया था कि एक महिला आशी (परिवर्तित नाम) उसे ब्लैकमेल कर परेशान कर रही है।

महिला थाने ने जब आशी को बुलाया तो पता चला कि युवक महिला के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में पिछले पांच सालों से रह रहा था। आशी ने रमेश के खिलाफ थाने में आवेदन दिया, तो उसे यह कहकर भगा दिया गया कि तुम्हारी उम्र युवक से ज्यादा है। तुमने उसे फंसाया है न कि उसने तुम्हें। इस पर काउंसलर आफताब अहमद ने आवेदन लेकर मामले को काउंसलिंग में रखवाया।

आशी ने काउंसलर को बताया कि वो दिल्ली की एक होटल में गायिका है और रमेश से उसकी दोस्ती मोबाइल के जरिए हुई थी। उसका पहला पति विदेश चला गया था। दस साल इंतजार करने के बाद भी जब वह नहीं लौटा तो उसने रमेश को अपना लिया। आशी ने बताया कि रमेश ने शिर्डी में मांग भरकर उससे शादी की थी। अब रमेश दूसरी शादी करने जा रहा है। रमेश को 7 अक्टूबर को होने वाली काउंसलिंग में सुनवाई के लिए बुलाया गया है।

कार्रवाई चाहती हूं

परामर्श केंद्र में लिव-इन-रिलेशनशिप के एक अन्य मामले की सुनवाई भी हुई। इसमें शाहीन (बदला हुआ नाम) ने शिकायत की थी कि उसका प्रेमी हसन (बदला हुआ नाम) पिछले तीन साल से शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण कर रहा है। युवती ने हसन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मामला अंडर काउंसलिंग है। परामर्श केंद्र में शुक्रवार को कुल सात मामले रखे गए। इसमें से तीन मामलों में समझौता हुआ

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