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नई दिल्ली।। विकिलीक्स के एक खुलासे के मुताबिक कांग्रेस के अंदर के लोग मानते हैं कि राहुल गांधी कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते और प्रियंका गांधी राहुल की तुलना में ज्यादा समझदार हैं।
मार्च 2005 में अमेरिकी राजनयिक रॉबर्ट ओ ब्लैक की बातचीत राजनीतिक विश्लेषक सईद नकवी से हुई थी। नकवी ने कहा था कि वह राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी के दोस्त थे और गांधी परिवार के शुभचिंतक हैं। नकवी के मुताबिक कांग्रेस के भीतर की खबर रखने वाले और सोनिया गांधी के बेहद करीबी लोग यह मानते हैं कि कई वजहों से राहुल गांधी कभी भी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। नकवी के मुताबिक राहुल गांधी को इमोशनल और साइकॉलजिकल नेचर की ‘ पर्सनैलिटी प्रॉब्लम्स ’ हैं, जिसकी वजह से वह प्रधानमंत्री के रूप में काम नहीं कर पाएंगे।
नकवी के मुताबिक कांग्रेस में उनके परिचितों ने उन्हें बताया, ‘ अमेठी के एमपी के रूप में राहुल असफल रहे। कांग्रेस को उम्मीद थी कि राहुल गांधी यूपी में बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे लेकिन उन्होंने कुछ अच्छा करने की बजाय पार्टी को नुकसान ही पहुंचाया। राहुल का कोई प्रभाव राज्य के लोगों पर नहीं पड़ा। इससे इस बात की उम्मीद कम है कि कांग्रेस यूपी के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से सत्ता छीन पाए। कांग्रेस के लिए बेहतर होगा कि वह मायावती की पार्टी की जूनियर पार्टनर बन जाए। ’
नकवी ने यह भी कहा कि गांधी परिवार ने हमेशा इस बात को प्राथमिकता दी कि प्रियंका गांधी राजनीति में आएं क्योंकि वह ज्यादा समझदार हैं। सोनिया गांधी के बारे में नकवी ने कहा कि वह भी भारतीय मांओं की तरह अपने बेटे को लेकर चिंतित रहती हैं।
नकवी का यह भी कहना था कि गांधी परिवार में अब कोई भी ऐसा नहीं बचा जिसकी शख्सियत करिश्माई हो। इंदिरा गांधी परिवार की आखिरी प्रभावशाली नेता थीं और अगर उनकी हत्या नहीं हुई होती तो राजीव गांधी भी दोबारा नहीं चुने जाते। नकवी ने कहा कि कांग्रेस में लोग मानते हैं कि राहुल गांधी की राजनीतिक क्षमता अपने पिता राजीव गांधी से बहुत कम है।
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अपनी पहली यात्रा पर जब वे ऋषिकेश आईं थीं तो उन्होंने भारत को जीवंत रंगों की एक भूमि के तौर पाया और दूसरी यात्रा में वे हैंडसम 'बॉडीगार्ड' सलमान खान के प्यार में डूब गईं हैं। यह हैं ऑस्ट्रेलियाई ब्यूटी लिएना वर्नर ग्रे, जो बड़ोदरा के मितेश कुमार पटेल के हॉलीवुड फिल्म 'द मैन इन द मैज' में काम कर रहीं हैं। ग्रे को 2009 में मिस अर्थ ऑस्ट्रेलिया चुना गया था।
उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने अहमदाबाद टूर के दौरान सलमान की हालिया रिलीज फिल्म 'बॉडीगार्ड' का पोस्टर देखा तो वे खुद को सल्लू के चार्म से बचा नहीं पाईं। वे कहती हैं, "सलमान मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। मैं उम्मीद कर रही हूं कि एक दिन मैं उनके साथ काम कर पाउंगी।"
ग्रे अपनी हॉलीवुड फिल्म के प्रोमोशन के लिए भारत आईं हुईं हैं। इसके साथ ही उन्होंने कैटरीना के साथ भी काम करने की इच्छा कुछ इस तरह से बयान की, "मैं कैटरीना के साथ काम करना भी पसंद करूंगी, वे सबसे अलग दिखतीं हैं।"
जब वे 16 साल की थीं तभी वे एक्टिंग में करियर बनाने के लिए ब्रिसबेन आ गईं थीं। जब उनसे पूछा गया कि हॉलीवुड में एक भारतीय निर्देशक के साथ काम करने के बाद क्या वे बॉलीवुड में एक्टिंग करने वाली हैं? उन्होंने कहा, "मैं एक ऐसे फिल्म में काम करना पसंद करूंगी जिसमें एक्शन के साथ लव स्टोरी हो और ढेर सारी डांसिंग व सिंगिंग हो। दुर्भाग्य से किसी भी अन्य फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा नहीं होता है।"
नई दिल्ली।। विकिलीक्स के एक और सनसनीखेज खुलासे से निपटना केंद्र सरकार को भारी पड़ सकता है। विकिलीक्स की ओर से जारी केबल से साफ है कि मुंबई हमलों के आरोपी पाकिस्तानी मूल के आतंकवादी डेविड हेडली के अमेरिका से प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार कभी गंभीर नहीं थी नहीं और जनता को बहकाने के लिए कार्रवाई का ढोंग कर रही थी।
16 दिसंबर 2009 को तत्कालीन सुरक्षा सलाहकार एम. के. नारायणन ने भारत में अमेरिका के राजदूत टिमोथी रोमर से कहा था कि भारत सरकार पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली का प्रत्यर्पण चाहती ही नहीं है। हेडली के प्रत्यर्पण की भारत की मांग सिर्फ भारतीय जनता को गुमराह करने के लिए है।
विकिलीक्स के मुताबिक, नारायणन ने टिमोथी से कहा था कि अगर देश की जनता को ऐसा लगा कि सरकार हेडली के प्रत्यर्पण की कोशिश नहीं कर रही है तो सरकार के लिए समस्या खड़ी हो सकती है। नारायणन ने कहा था कि 'फिलहाल' भारत सरकार यह प्रत्यर्पण नहीं चाहती है।
नारायणन और टिमोथी के बीच की इस टेलिफोनिक बातचीत का टेप विकिलीक्स के पास अगले ही दिन पहुंच गया था। इसके अनुसार, नारायणन ने कहा था कि भारत सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी अगर यह बात खुल गई कि वह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी हेडली के प्रत्यर्पण के मूड में नहीं है।
नारायणन ने कहा था कि हमें कोशिश करते दिखना जरूरी है। दरअसल, नारायणन ने यह सब बातें टिमोथी से तब कहीं जब टिमोथी ने उन्हें यह कहा कि भारत को हेडली के प्रत्यर्पण की मांग से परहेज करना चाहिए। टिमोथी ने यह भी कहा था कि अमेरिका हेडली से गंभीर सूचनाएं हासिल कर सकता है लेकिन अगर भारत उसके प्रत्यर्पण की जिद करेगा तो ऐसा करना मुश्किल होगा।
टिमोथी ने स्पष्ठ किया कि प्रत्यर्पण की मांग के चलते हो सकता है कि हेडली पूछताछ में सहयोग न करे। हेडली पर लगे आरोप पिछले साल साबित हो गए हैं और वह फिलहाल सजा का इंतजार कर रहा है। टिमोथी ने कहा था, अगर हेडली को सजा दे दी जाती है तब भारत की ओर से उसके प्रत्यर्पण के लिए की गई मांग को स्वीकारा नहीं जा सकेगा क्योंकि नियमानुसार अमेरिकी कोर्ट में तय की गई सजा को पूरा करने से पहले उसे भारत को सौंपा नहीं जा सकेगा। और, हो सकता है कि हेडली को कई दशकों की सजा हो।
वैसे इस बारे में जब नारायणन से बात की गई तो उन्होने इन खबरों को 'बेतुका' करार दिया। यहां बता दें कि कि हेडली वर्ष 2008 में 26 नवंबर को हुए मुंबई आतंकी हमले का अभियुक्त है। मुंबई हमले में 160 लोगों की मौत हो गई थी। पाकिस्तानी-अमेरिकी हेडली ने 2006 में अपना नाम दाऊद गिलानी से बदलकर डेविड कोलमैन हेडली रख लिया था।
अहमदाबाद। शहर के अमराईवाडी में बीते शुक्रवार को तीन बदमाश एक युवक को बीच बाजार चाकुओं से गोदते रहे और लोगों की भीड़ तमाशा देखती रही। यह घटना कोई ऐसी घटना नहीं थी, जिसके बारे में आमतौर पर सुना जाता है। यहां पर हत्यारों ने युवक को इतनी नृशंसतापूर्वक मौत के घाट उतारा, जिसे सुनकर ही रूह कांप उठे।
जानकारी के अनुसार याफिज नामक इस मृतक के सिर पर पहले बॉटल मारी गई, जिससे वह जमीन पर गश खाकर गिर पड़ा। इसके बाद उसके शरीर पर बड़े-बड़े चाकुओं से लगभग 70-80 वार किए गए। इस पर हत्यारों का मन नहीं भरा तो मृतक को अपनी सेंट्रो कार से कई बार कुचला। बताया जाता है कि एक बार मृतक कार में फंस गया और लगभग 8-10 फीट तक घसटाता रहा।
इस नृशंस और लंबी चली घटना को लोगों की भीड़ चुपचाप देखती रही और किसी ने भी युवक को बचाने की कोशिश तो दूर, पुलिस को खबर करने तक की भी नहीं सोची। हत्यारे घटना को अंजाम देकर फरार भी हो गए। तीन आरोपियों में से एक आरोपी का नाम दादू बताया जा रहा है।
हनुमानगढ़ में सिपाही ने खुद को गोली मारी
हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ जिला कलक्ट्रेट के कोष कार्यालय में शनिवार रात एक सिपाही ने खुद को गोली मार आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी रविवार सुबह मिली। सूत्रों के मुताबिक सिपाही ने कोष कार्यालय के पास स्थित चालानी रूम में सरकारी राइफल से खुद की कनपटी पर गोली मार दी। आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
मृतक सिपाही का शव मोर्चरी में रखवाया गया है। मृतक सिपाही के परिजनों की घटना की जानकारी दे दी गई है। मृतक का भाई भी पुलिस विभाग में कार्यरत है। परिजनों के आने के बाद ही मामले की जांच की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक मृतक सिपाही पिछले चार पांच रोज से बीमार था। वह दवाईयां ले रहा था।
चंडीगढ़ में मिले आईएएस नवीन जैन
जयपुर। 6 दिन से लापता आईएएस नवीज जैन का पता चल गया है। जैन के चंडीगढ़ में होने की खबर है। निजी चैनलों के मुताबिक नवीन जैन सकुशल हैं। वह अपने किसी रिश्तेदार के यहां रूके हुए हैं। जैन की अपने परिजनों से भी बात हुई है।
बताया जा रहा है कि नवीन जैन चंडीगढ़ से अपने पैतृक निवास के लिए रवाना हो गए हैं। जैन की पत्नी सुनीता की शनिवार दोपहर अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया था। नवीन जैन को जब इसकी खबर मिली तो उन्होंने परिजनों से बात की। इसके बाद उनके चंडीगढ़ में होने की जानकारी मिली।
ऎसे चला घटनाक्रम
30 अगस्त : आईएएस जैन शाहजहांपुर से लापता हुए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गृहमंत्री शांति धारीवाल और सीएस एस. अहमद से जानकारी ली। जैन की पत्नी सुनीता सीएस अहमद से मिलीं।
31 अगस्त : पुलिस टीमें हरियाणा व दिल्ली गई। सुनीता ने मीडिया पर लगाए गलत रिपोर्टिग के आरोप। सुनीता व बेटे गौतम ने की जैन से लौट आने की अपील। पत्नी ने कहा-जैन थे मानसिक रूप से प्रताडित।
1 सितम्बर : सुनीता मुख्यमंत्री,डीजीपी हरीशचंद मीना व जैन संत पुलक सागर महाराज से मिलीं।
2 सितम्बर : पुलिस ने किए जैन के इश्तेहार सार्वजनिक स्थलों पर चस्पाए। पूूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रकरण के जांच की मांग की।
3 सितम्बर : सुनीता ने शाम छह बजे पे्रस वार्ता बुलाई, जिसमें जैन को मानसिक रूप से प्रताडित करने वाले शख्स के नाम का खुलासा करने की बात कही थी। शाम छह बजे मीडियाकर्मी जैन के निवास पहुंचे तो बताया गया कि प्रेस वार्ता स्थगित कर दी गई है क्योंकि सुनीता को एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
4 सितंबर-चंडीगढ़ में होने की खबर मिली। परिजनों से की बात
नई दिल्ली।। भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे का आंदोलन गैर-राजनीतिक था, लेकिन इसका जबर्दस्त राजनीतिक असर दिख रहा है। टीम अन्ना के सदस्यों के खिलाफ जुबानी जंग छेड़ने और बार-बार चुनाव के मैदान में किस्मत आजमाने की चुनौती देने वाले मंत्रियों और नेताओं के लिए ताजा सर्वे के नतीजे चौंकाने वाले हैं।
स्टार न्यूज और मार्केट रिसर्च कंपनी नीलसन के सर्वे में यह बात सामने आई है कि आंदोलन की लहर का फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को मिलता दिख रहा है। अगर अभी लोकसभा के चुनाव हुए तो मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल अपनी सीट भी नहीं बचा पाएंगे। यही नहीं, इसकी वजह से कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी का क्रेज भी घटा है। युवाओं की पसंद भी राहुल नहीं, अन्ना हैं।
आंदोलन से बीजेपी को फायदा
देश के 28 शहरों में कराए गए इस सर्वे में अभी चुनाव होने पर 32 फीसदी लोगों ने बीजेपी को वोट देने की बात कही। सिर्फ 20 % ने कांग्रेस पर भरोसा जताया। सर्वे में चौंकाने वाली बात यह है कि महज तीन महीने में तस्वीर पूरी तरह बदल गई। आंदोलन से पहले मई, 2011 में कराए गए ऐसे ही सर्वे में 30 % लोग कांग्रेस के पक्ष में थे, जबकि सिर्फ 23% ने ही बीजेपी को वोट देने की बात कही थी। 2009 के लोकसभा चुनाव में जिन लोगों ने कांग्रेस पार्टी को वोट दिया था, उनमें से अब 11 % बीजेपी को वोट देने के हक में हैं। वहीं, जिन लोगों ने बीजेपी को वोट दिया था उनमें से महज़ 5% ही उनसे खिसक रहे हैं।
युवाओं का हीरो राहुल नहीं, अन्ना
अन्ना के आंदोलन से कांग्रेस के साथ-साथ राहुल गांधी की भी किरकिरी हुई है। आंदोलन के दौरान चुप्पी साधने वाले राहुल जब संसद में बोले भी तो उनके बयान को जनलोकपाल के खिलाफ माना गया। सर्वे में शामिल 54% लोगों का कहना है कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने का यह सही समय नहीं है। अन्ना 78 % लोगों की पसंद हैं, जबकि सिर्फ 17 % लोग ने ही राहुल को तरजीह दी है।यहां तक कि 18-25 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं में भी राहुल की लोकप्रियता अन्ना से कम है।
किरन बेदी के आगे नहीं टिकेंगे सिब्बल
अगर अभी लोकसभा के चुनाव हुए तो मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल अपनी चांदनी चौक सीट नहीं बचा पाएंगे। अगर उनका सामना पूर्व आइपीएस किरन बेदी से हो गया, तब तो उन्हें बड़ी फजीहत का सामना करना पड़ सकता है। सर्वे में लोगों से यह भी पूछा गया कि किरन बेदी बनाम सिब्बल के मुकाबले में वह किसे चुनेंगे? आश्चर्यजनक रूप से 74 फीसदी ने बेदी को चुना। सिब्बल सिर्फ 14 फीसदी वोट हासिल कर सके।
चिदंबरम पर भारी केजरीवाल
अन्ना के आंदोलन के बाद अरविंद केजरीवाल भी हीरो के तौर पर उभरे हैं। केजरीवाल बनाम गृह मंत्री पी. चिदंबरम के मुकाबले में भी ज्यादातर लोगों ने केजरीवाल का पक्ष लिया। 58 % लोग केजरीवाल के हक में वोट डालने की बात कबूल कर रहे हैं, जबकि 24 % लोग ही चिदंबरम को चुनना पसंद करेंगे। सर्वे में शामिल करीब 62 % लोगों का मानना है कि अरविंद केजरीवाल युवा भारत के नए रोल मॉडल हैं। उत्तर भारत में तो 75% लोग उन्हें रोल मॉडल समझते हैं।
अन्ना के साथ देश की जनता
आलोचक भले ही अन्ना के 'जिद्दी रवैये' की निंदा करते हों, लेकिन जनता पूरी तरह से उनके साथ है। सर्वे में शामिल 82% लोगों का कहना था कि सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिए अन्ना के आमरण अनशन का तरीका वाजिब था। सिर्फ 12% लोगों ने अन्ना के तरीके से असहमति जताई और उसे सरकार के साथ ब्लैकमेलिंग करार दिया। यह मानने वालों की संख्या बड़ी है कि जन लोकपाल विधेयक भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में मील का पत्थर साबित हो सकता है। 54 % लोग मानते हैं कि सरकार का अन्ना के आंदोलन से निपटने का तरीका गलत था। 64 % लोगों का कहना था कि मनमोहन कैबिनेट के बड़े नामों की वजह से ही अन्ना को 12 दिन तक अनशन करना पड़ा। सर्वे में 8,926 लोगों ने अपनी राय दी।
वाशिंगटन. आतंकी गुट लश्करे तैयबा पाकिस्तान स्थित अपने शिविरों में लड़ाकों को कमांडो ट्रेनिंग दे रहा है। वर्जीनिया फेडरल कोर्ट में एफबीआई की एक शिकायत में कहा गया है कि इनमें किशोर भी शामिल हैं।
जांच एजेंसी ने अपनी शिकायत में कहा है कि अमेरिका में वैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी नागरिक जुबेर अहमद के विभिन्न संवादों के विश्लेषण के बाद यह स्पष्ट जानकारी सामने आई है। जुबेर को हाल ही में लश्कर को साजो-सामान मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आव्रजन दस्तावेज से पता चलता है कि उसका जन्म सियालकोट में हुआ था और 19 साल की उम्र तक वह पाकिस्तान में ही रहा था।
रिश्तेदारों के अमेरिकी होने पर मिला वीजा : जुबेर को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस आधार पर वीजा दिया था कि उसके पिता एक अमेरिकी नागरिक के रिश्तेदार थे। वह अपनी मां, पिता और दो छोटे भाइयों के साथ 19 फरवरी 2007 को अमेरिका आया था।
सईद का बेटा तलहा था आका: एफबीआई ने दावा किया है कि लश्कर संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद का बेटा तलहा सईद 24 वर्षीय जुबेर का आका था और उसे निर्देश देता था। जांच एजेंसी के विशेष एजेंट दाऊद शाह एस अंदीश ने अदालत को बताया कि उसके द्वारा बनाए गए प्रचार वीडियो का मकसद इंटरनेट के माध्यम से लश्कर के लिए समर्थन जुटाना और जेहादियों की नियुक्ति करना था।
हालांकि,शिकायत में इसका जिक्र नहीं है कि तलहा ने जुबेर से कैसे बात की। जुबेर ने जो वीडियो यू ट्यूब पर डाला था उसमें हाफिज सईद की तस्वीरें दिखाई गई हैं, जिसमें वह वर्दीधारी अधिकारियों से घिरा हुआ नजर आ रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि उसने वीडियो में ऐसी तस्वीरों का इस्तेमाल तलहा के निर्देश पर ही किया था।
ट्रेंनिंग के तीन स्तर : डोरा सुफा, डोरा आमा और डोरा खास
एफबीआई के अनुसार 2004 में जुबेर ने ‘डोरा सुफा’ कार्यक्रम में धार्मिक हठधर्मिता का प्रशिक्षण लिया। ‘डोरा आमा’ प्रशिक्षण में लड़ाके व्याख्यान सुनते हैं, नमाज अदा करते हैं, कसरत करते हैं और गोला बारूद का प्रशिक्षण लेते हैं। उसने यह भी कहा है कि जहां उसने प्रशिक्षण लिया, वहां अब कमांडो ट्रेनिंग दी जाती है। डोरा आमा के बाद जुबेर ने लश्कर के प्रशिक्षण के अगले चरण के बारे में बताया जिसे ‘डोरा खास’ कहा जाता
कोटा में बाढ़ के हालात,कई बस्तियां डूबी
कोटा। प्रदेश में बारिश का दौर रविवार को भी जारी है। कोटा में शनिवार देर रात शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने शहर में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए। रविवार सुबह कई बस्तियां जलमग्न हो गई। लखावा तालाब से पानी का रिसाव हुआ। बांध की पाल में मिट्टी बहने से करीब दस फीट चौड़ी दरार आ गई। यहां से निकले पानी ने शहर की निचली बस्तियों में हालात और विकट कर दिए।
सूचनाएं मिलने के साथ ही प्रशासनिक अमला हरकत में आया और रेस्क्यू टीमें रवाना की। बस्तियों में भरे पानी की निकासी के प्रयास किए जा रहे थे। शहर के अनंतपुरा, प्रेम नगर द्वितीय व तृतीय, गोविंद नगर, देवली अरब, कंसुआ, बालाकुण्ड बस्ती, जवाहर नगर, पुराने शहर के चंद्रघटा व चश्मे की बावड़ी इलाकों में जलप्लावन जैसी स्थितियां बन गई। लोगों ने बताया कि रात को जैसे-जैसे बारिश होती गई, नाले उफान पर आते गए और तड़के तक ज्यादातर निचले इलाकों में पानी भर गया। लोग सुबह उठे तो कुछ बस्तियों के लोग चौतरफा पानी से घिरे हुए थे।
भाजपा नेताओं ने बच्चों से करवाए बर्तन साफ
पटना। बिहार के पटना में एक समारोह में बाल श्रम कानून की धजि्जयां उड़ाए जाने की घटना सामने आई हैं। यह घटना किसी रेस्टोरेंट या होटल में नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यक्रम में पेश आई, जहां बच्चों से बर्तन साफ करवाने और पानी पिलाने जैसे काम करवाए गए।
सूत्रों के मुताबिक पार्टी के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में हुई इस राष्ट्रीय स्तर की बैठक में 8-12 साल के बच्चे भोजन परोसने और पानी पिलाने का काम कर रहे थे। यहां तक भी उन्हें जूठे बर्तन मांजते भी देखा गया। बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल भी मौजूद थे। हालांकि कार्यकर्ताओं द्वारा ऎसा कुछ होने से साफ इनकार कर दिया गया। सूत्रों की माने तो हर बच्चे को एक दिन के काम के लिए 150 रूपए का भुगतान किया गया।
राज्य के श्रम मंत्री जनार्दन सिंह सेगरीवाल ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि बच्चों से यहां काम करवाया जा रहा है। जांच में इस तरह की बात सामने आने पर वे केटरर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
नई दिल्ली.राजधानी को एक बार फिर शर्मसार होना पड़ा है। दक्षिणी दिल्ली के हौजखास इलाके में स्थित एक गेस्ट हाउस में एक युवक ने 30 वर्षीय विदेशी महिला को अपनी हवस का शिकार बनाया।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, वह मूल रूप से अंडमान निकोबार का रहने वाला है और उसका परिवार मुंबई में रहता है। पीड़ित व आरोपी की मुलाकात शुक्रवार आधी रात के बाद नई दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में स्थित एक डिस्को में हुई थी।
पुलिस के अनुसार शनिवार सुबह लगभग सात बजे सूचना मिली कि हौजखास स्थित एक गेस्टहाउस में एक विदेशी महिला के साथ दुष्कर्म किया गया है। सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची, जहां पीड़ित व आरोपी दोनों मौजूद थे। सूत्रों का कहना है कि महिला फिनलैंड की है, जो पिछले एक माह से दिल्ली में है और यहां नौकरी कर रही है।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार देर रात को उसने ग्रेटर कैलाश में स्थित एक रेस्तरां में खाना खाया था, जहां से वह नई दिल्ली स्थित एक पांच सितारा होटल के डिस्को थेक में चली गई। वहां पर उसने शराब पी, इस दौरान उसकी मुलाकात एल्विस मेनटाना (25) नामक युवक से हुई।
दोनों ने शराब पीने के बाद काफी देर तक डांस किया। इसके बाद विदेशी महिला वहां से वापस लौटने लगी। तड़के लगभग चार बजे वह डिस्को से बाहर निकली और एक कैब को रोका लेकिन एल्विस ने उसे लिफ्ट देने की बात कही।
इसके बाद महिला उसके साथ कार में सवार हो गई। पीड़िता का आरोप है कि एल्विस उसे धोखे से हौजखास स्थित एक गेस्टहाउस में ले गया, जहां उसने महिला की मर्जी के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाए और फिर चुप रहने की बात कहते हुए जान से मारने की धमकी दी।
उस समय तो महिला शांत रही लेकिन सुबह लगभग सात बजे उसने पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने महिला की डॉक्टरी जांच कराई, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हो गई। पुलिस ने एल्विस के खिलाफ आईपीसी की धारा 376/506 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि एल्विस मूल रूप से अंडमान का रहने वाला है और उसका परिवार मुंबई के अंधेरी (ईस्ट) में रहता है। वह फिलहाल दिल्ली में ही रह रहा था। पुलिस ने इस मामले व आरोपी के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी चाणक्यपुरी स्थित फिनलैंड दूतावास को भी दे दी है।
बाबा से पूछा,आश्रम में कैसे रखे विदेशी
हरिद्वार। योग गुरू बाबा रामदेव की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। फेमा के उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज होने के बाद बाबा रामदेव को एक और नोटिस थमाया गया है। रामदेव के हरिद्वार स्थित आश्रम को विदेशी नागरिकों को बिना सूचना के रखने पर यह नोटिस भेजा गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बाबा रामदेव ने अपने आश्रम में बिनी किसी सूचना के बांग्लादेशी नागरिको को शरण दे रखी थी। इनमें एक महिला और बच्चा शामिल है। आरोप है कि बाबा ने इसकी सूचना उत्तराखण्ड पुलिस को नहीं दी। गौरतलब है कि बांग्लादेश से उपचार के लिए भारत आए इन नागरिकों को छह अगस्त को स्वदेश लौटना था।
देहरादून में बस नदी में गिरी,12 मरे
देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून जिले में तिउनी के निकट एक बस के नदी में गिर जाने से उसमें सवार 12 लोगों की मौत हो गई जबकि 18 अन्य घायल हो गए। 30 यात्री लापता हैं। बस में 60 लोग सवार थे। उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमएमसी) सूत्रों ने बताया कि एक व्यक्ति ने सुबह 09.30 बजे इस हादसे की सूचना दी।
इसके बाद घटनास्थल पर पहुंचे राहत कर्मियों ने 18 घायल व्यक्तियों को सुरक्षित नदी से निकाल कर स्थानीय सीएचसी तिउनी राजकीय अस्पताल मे ंदाखिल कराया। बस तिउनी से देहरादून जा रही थी। ड्राइवर का नियंत्रण छूट जाने की वजह से यह अनियंत्रित होकर तोंस नदी में जा गिरी। लापता लोगों को खोजने के लिये तलाश अभियान जारी है।
अन्ना ने ठुकराई जेड श्रेणी की सुरक्षा
रालेगण सिद्धी। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई छेड़ने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने जेड श्रेणी की सुरक्षा लेने से मना कर दिया है। अन्ना इस संबंध में महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल को पत्र लिखेंगे। रालेगण सिद्धी में पद्मा देवी मंदिर के दर्शन के बाद अन्ना ने कहा कि वे सुरक्षा नहीं लेंगे। अन्ना ने कहा कि वह लोगों के बीच रहकर ही काम करेंगे।
अन्ना ने भगत सिंह और राजगुरू का उल्लेखत करते हुए कहा कि उन्होंने अपने काम के लिए किसी तरह की सुरक्षा नहीं ली थी। अन्ना ने कहा कि दिल के दौरे से मरने से बेहतर है देश के लिए मरना। साथ ही अन्ना ने कहा कि उनकी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर अन्ना को जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया था।
इसके तहत चार सशस्त्र सुरक्षाकर्मी और दो निजी सुरक्षा अधिकारी चौबीस घंटे अन्ना की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। अन्ना हजारे जब कभी गांव से बाहर निकलेंगे तो पुलिस का एक वाहन उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगा।