रविवार, 4 सितंबर 2011

'सिर्फ दिखावे के लिए हेडली को सौंपने की मांग कर रहा था भारत'

नई दिल्ली।। विकिलीक्स के एक और सनसनीखेज खुलासे से निपटना केंद्र सरकार को भारी पड़ सकता है। विकिलीक्स की ओर से जारी केबल से साफ है कि मुंबई हमलों के आरोपी पाकिस्तानी मूल के आतंकवादी डेविड हेडली के अमेरिका से प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार कभी गंभीर नहीं थी नहीं और जनता को बहकाने के लिए कार्रवाई का ढोंग कर रही थी।

16 दिसंबर 2009 को तत्कालीन सुरक्षा सलाहकार एम. के. नारायणन ने भारत में अमेरिका के राजदूत टिमोथी रोमर से कहा था कि भारत सरकार पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली का प्रत्यर्पण चाहती ही नहीं है। हेडली के प्रत्यर्पण की भारत की मांग सिर्फ भारतीय जनता को गुमराह करने के लिए है।

विकिलीक्स के मुताबिक, नारायणन ने टिमोथी से कहा था कि अगर देश की जनता को ऐसा लगा कि सरकार हेडली के प्रत्यर्पण की कोशिश नहीं कर रही है तो सरकार के लिए समस्या खड़ी हो सकती है। नारायणन ने कहा था कि 'फिलहाल' भारत सरकार यह प्रत्यर्पण नहीं चाहती है।

नारायणन और टिमोथी के बीच की इस टेलिफोनिक बातचीत का टेप विकिलीक्स के पास अगले ही दिन पहुंच गया था। इसके अनुसार, नारायणन ने कहा था कि भारत सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी अगर यह बात खुल गई कि वह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी हेडली के प्रत्यर्पण के मूड में नहीं है।

नारायणन ने कहा था कि हमें कोशिश करते दिखना जरूरी है। दरअसल, नारायणन ने यह सब बातें टिमोथी से तब कहीं जब टिमोथी ने उन्हें यह कहा कि भारत को हेडली के प्रत्यर्पण की मांग से परहेज करना चाहिए। टिमोथी ने यह भी कहा था कि अमेरिका हेडली से गंभीर सूचनाएं हासिल कर सकता है लेकिन अगर भारत उसके प्रत्यर्पण की जिद करेगा तो ऐसा करना मुश्किल होगा।

टिमोथी ने स्पष्ठ किया कि प्रत्यर्पण की मांग के चलते हो सकता है कि हेडली पूछताछ में सहयोग न करे। हेडली पर लगे आरोप पिछले साल साबित हो गए हैं और वह फिलहाल सजा का इंतजार कर रहा है। टिमोथी ने कहा था, अगर हेडली को सजा दे दी जाती है तब भारत की ओर से उसके प्रत्यर्पण के लिए की गई मांग को स्वीकारा नहीं जा सकेगा क्योंकि नियमानुसार अमेरिकी कोर्ट में तय की गई सजा को पूरा करने से पहले उसे भारत को सौंपा नहीं जा सकेगा। और, हो सकता है कि हेडली को कई दशकों की सजा हो।

वैसे इस बारे में जब नारायणन से बात की गई तो उन्होने इन खबरों को 'बेतुका' करार दिया। यहां बता दें कि कि हेडली वर्ष 2008 में 26 नवंबर को हुए मुंबई आतंकी हमले का अभियुक्त है। मुंबई हमले में 160 लोगों की मौत हो गई थी। पाकिस्तानी-अमेरिकी हेडली ने 2006 में अपना नाम दाऊद गिलानी से बदलकर डेविड कोलमैन हेडली रख लिया था।

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