रविवार, 4 सितंबर 2011

लश्कर के लड़ाकों को पाक में कमांडो ट्रेनिंग

वाशिंगटन. आतंकी गुट लश्करे तैयबा पाकिस्तान स्थित अपने शिविरों में लड़ाकों को कमांडो ट्रेनिंग दे रहा है। वर्जीनिया फेडरल कोर्ट में एफबीआई की एक शिकायत में कहा गया है कि इनमें किशोर भी शामिल हैं।

जांच एजेंसी ने अपनी शिकायत में कहा है कि अमेरिका में वैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी नागरिक जुबेर अहमद के विभिन्न संवादों के विश्लेषण के बाद यह स्पष्ट जानकारी सामने आई है। जुबेर को हाल ही में लश्कर को साजो-सामान मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आव्रजन दस्तावेज से पता चलता है कि उसका जन्म सियालकोट में हुआ था और 19 साल की उम्र तक वह पाकिस्तान में ही रहा था।

रिश्तेदारों के अमेरिकी होने पर मिला वीजा : जुबेर को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस आधार पर वीजा दिया था कि उसके पिता एक अमेरिकी नागरिक के रिश्तेदार थे। वह अपनी मां, पिता और दो छोटे भाइयों के साथ 19 फरवरी 2007 को अमेरिका आया था।

सईद का बेटा तलहा था आका: एफबीआई ने दावा किया है कि लश्कर संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद का बेटा तलहा सईद 24 वर्षीय जुबेर का आका था और उसे निर्देश देता था। जांच एजेंसी के विशेष एजेंट दाऊद शाह एस अंदीश ने अदालत को बताया कि उसके द्वारा बनाए गए प्रचार वीडियो का मकसद इंटरनेट के माध्यम से लश्कर के लिए समर्थन जुटाना और जेहादियों की नियुक्ति करना था।

हालांकि,शिकायत में इसका जिक्र नहीं है कि तलहा ने जुबेर से कैसे बात की। जुबेर ने जो वीडियो यू ट्यूब पर डाला था उसमें हाफिज सईद की तस्वीरें दिखाई गई हैं, जिसमें वह वर्दीधारी अधिकारियों से घिरा हुआ नजर आ रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि उसने वीडियो में ऐसी तस्वीरों का इस्तेमाल तलहा के निर्देश पर ही किया था।

ट्रेंनिंग के तीन स्तर : डोरा सुफा, डोरा आमा और डोरा खास

एफबीआई के अनुसार 2004 में जुबेर ने ‘डोरा सुफा’ कार्यक्रम में धार्मिक हठधर्मिता का प्रशिक्षण लिया। ‘डोरा आमा’ प्रशिक्षण में लड़ाके व्याख्यान सुनते हैं, नमाज अदा करते हैं, कसरत करते हैं और गोला बारूद का प्रशिक्षण लेते हैं। उसने यह भी कहा है कि जहां उसने प्रशिक्षण लिया, वहां अब कमांडो ट्रेनिंग दी जाती है। डोरा आमा के बाद जुबेर ने लश्कर के प्रशिक्षण के अगले चरण के बारे में बताया जिसे ‘डोरा खास’ कहा जाता

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