रविवार, 28 अगस्त 2011

दिलवाड़ा मंदिर, माउंटआबू


















दिलवाड़ा मंदिर, माउंटआबू

संगमरमर में आश्‍चर्य जनक रूप से शिल्‍पकारी द्वारा माउंटआबू (राजस्‍थान) के दिलवाड़ा जैन मंदिर बनाए गए हैं जो विभिन्‍न जैन तीर्थंकरों के मठ हैं। अरासूरी पहाड़ी, अम्‍बाजी के पास, आबू रोड से 23 किलो मीटर की दूरी पर सफेद संगमरमर से निर्मित ये मंदिर जैन मंदिर वास्‍तुकला का असाधारण उदाहरण हैं।

इस समूह के 5 मठों में से 4 का वास्‍तुकलात्‍मक महत्‍व है। इन्‍हें सफेद संगमरमर के पत्‍थर से बनाया गया है, प्रत्‍येक में दीवार से घिरा एक आंगन है। आंगन के मध्‍य में मठ है जिसमें देवी देवताओं और ऋष देव के चित्र लगे हैं। आंगन के आस पास ऐसे कई छोटे छोटे मठ है, जहां तीर्थंकर के सुंदर चित्र के साथ पच्‍चीकारी वाले खम्‍भे की एक श्रृंखला प्रवेश से आंगन तक आती है। गुजरात के सोलंकी शासकों के मंत्रियों ने 11वीं से 13वीं शताब्‍दी तक इन मंदिरों का निर्माण कराया।

विमल वसाही यहां का सबसे पुराना मंदिर है, जिसे प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित किया गया है। विमल शाह, गुजरात के सोलंकी शासकों के मंत्री थे, जिन्‍होंने वर्ष 1031 ए. डी. में इसका निर्माण कराया था। इस मंदिर की मुख्‍य विशेषता इसकी छत है जो 11 समृद्ध पच्‍चीकारी वाले संकेन्द्रित वलयों में बनाई गई है। मंदिर की केन्‍द्रीय छत में भव्‍य पच्‍चीकारी की गई है और यह एक सजावटी केन्द्रीय पेंडेंट के रूप में दिखाई देती है। गुम्‍बद का पेंडेंट नीचे की ओर संकरा होता हुआ एक बिंदु या बूंद बनाता है जो कमल के फूल की तरह दिखाई देता है। यह कार्य का एक अद्भुत नमूना है। यह दैवीय भव्‍यता को नीचे आकर मानवीय आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रतीक है। छत पर 16 विद्या की देवियों (ज्ञान की देवियों) की मूर्तियां अंकित की गई है।

एक अन्‍य दिलवाड़ा मंदिर लूना वासाही, वास्‍तुपाला और तेजपाला हैं, जिन्‍हें गुजरात के वाघेला तत्‍कालीन शासकों के मंत्रियों के नाम पर नाम दिया गया है, जिन्‍होंने 1230 ए. डी. में इनका निर्माण कराया था। बाहर सादे और शालीन होने के बावजूद इन सभी मंदिरों की अंदरुनी सजावट कोमल पच्‍चीकारी से ढकी हुए हैं। इसका सबसे उल्‍लेखनीय गुण इसकी चमकदार बारीकी और संगमरमर की कोमलता से की गई शिल्‍पकारी है और यह इतनी उत्‍कृष्‍ट है कि इसमें संगमरमर लगभग पारदर्शी बन जाता है।

दिलवाड़ा के मंदिर दस्‍तकारी के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक है। यहां की पच्‍चीकारी इतनी जीवंत और पत्‍थर के एक खण्‍ड से इतनी बारीकी से बनाए गए आकार दर्शाती है कि यह लगभग सजीव हो उठती है। यह मंदिर पर्यटकों का स्‍वर्ग है और श्रृद्धालुओं के लिए अध्‍यात्‍म का केन्‍द्र है।

शनिवार, 27 अगस्त 2011

कोई घूस मांगे तो गिफ्ट करें अन्ना टोपीः किरन बेदी

KIRAN-BEDI.jpgनई दिल्ली।। टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने रामलीला मैदान में आए अन्ना समर्थकों से कहा है कि आप हमेशा अन्ना टोपी साथ रखें और कोई आपसे घूस मांगे तो उसे यह गिफ्ट करें। उन्होंने कहा कि अन्ना टोपी को आइडेंटिटी कार्ड बना लेना चाहिए। उन्होंने समर्थकों को हिदायत दी कि अन्ना टोपी पहनकर दादागीरी मत करना। अगर यह टोपी पहनते हो तो हमेशा अन्नागीरी करो।

उन्होने रामलीला मैदान में मौजूद अन्ना समर्थकों से कहा कि आप यहां से संकल्प लेकर जाएं कि निजी जीवन में किसी तरह के भ्रष्टाचार में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि आप न घूस देंगे और न घूस लेंगे और अगर कोई रिश्वत मांगे तो आप उसे अन्ना टोपी गिफ्ट करें और उसे अन्नागीरी की सीख दें। उन्होंने कहा कि आप अन्ना अन्ना की टोपी को हमेशा अपने बैग में रखें और कहीं भी अन्याय हो तो वहां आप अन्नाय करनेवाले को अन्ना की टोपी गिफ्ट करें।

उन्होंने यह भी कहा कि आप दफ्तर में जाएं और वहां आपको ईमानदार अफसर मिले और आपका काम जल्दी कर दे तो उसको भी अन्ना की टोपी गिफ्ट करें और कहें मैं भी अन्ना तू भी अन्ना। इस तरह से आप ईमानदार अफसरों का मनोबल बढ़ा सकते हैं।

रामलीला मैदान में जश्न का माहौल

रामलीला मैदान में जश्न का माहौल

नई दिल्ली। संसद में अन्ना की मांगों पर सरकार और विपक्षी दलों में बनी सहमति तथा लोकसभा में प्रस्ताव पेश किए जाने के साथ ही रामलीला मैदान समेश देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई। शाम होते-होते रामलीला मैदान में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। प्रस्ताव पास होने की सूचना वाला प्रधानमंत्री का पत्र देर शाम केन्द्रीय मंत्री विलासराव देशमुख और संदीप दीक्षित ने अन्ना हजारे को सौंपा। इसके बाद आतिशबाजी का दौर शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा।


अभी आधी जीत, कल तोडूंगा अनशन : अन्ना

जनलोकपाल की तीन प्रमुख मांगों पर संसद में प्रस्ताव पास होने को जनता की जीत बताते हुए अन्ना हजारे के कहा कि जनलोकपाल की अभी आधी जीत हुई है। उन्होंने संसद में पास प्रस्ताव के बारे में प्रधानमंत्री की ओर से पत्र मिलने के बाद रामलीला मैदान में समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दिनरात लोग यहां डटे रहे, देशभर में बच्चे, बूढे, महिलाओं और युवाओं ने समर्थन किया यह उन सभी लोगों की जीत है। उन्होंने मीडिया को भी पूरे आंदोलन में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। इसके बाद अन्ना ने अनशन तोड़ने के लिए अनूठे अंदाज में लोगों से सहमति ली। उन्होंने कहा कि यदि सभी सहमत हों तो अनशन तोड़ दूं। इतना कहते ही रामलीला मैदान में हजारों हाथ उठ गए। अन्ना ने कहा कि रविवार सुबह 11 बजे अनशन तोड़ेंगे।


बीते 12 दिन से अशनरत अन्ना का वजन 7.5 किलो से भी कम हो चुका हैं। उनकी मांसपेशियां कमजोर पड़ने से डाक्टर चिंतित है। डॉ. नरेश त्रेहन ने शनिवार को अन्ना की स्वास्थ्य जांच के बाद बताया कि कमजोरी के कारण अन्ना को बोलने से मना किया गया है। चिकित्सकों ने उन्हें अधिक से अधिक आराम और ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी। चिकित्सक अन्ना के स्वास्थ्य पर बराबर निगरानी रखे हुए हैं। अन्ना की प्रत्येक दो घंटे में स्वास्थ्य जांच की जा रही है।

किरण बेदी ने कहा, यह ऎतिहासिक दिन

टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने रामलीला मैदान में उपस्थित लोगों को कहा कि आज का दिन ऎतिहासिक है जब संसद एक हो गई है। उन्होंने जल्दी ही खुशखबरी की उम्मीद जताई। इसके बाद वहां उपस्थित लोगों ने हर्षध्वनि की और देश प्रेम के नारों का उदघोष किया।

अन्ना ने आईपैड पर देखी संसद की बहस

अनशन स्थल ऎतिहासिक रामलीला मैदान में अन्ना ने संसद में जन लोकपाल विधेयक पर चल रही बहस को अपने छोटे से आईपैड पर देखा और उनकी पहली प्रतिक्रिया थी "बहुत अच्छा है"।

प्रताडि़त पाक हिन्दू ने कहा, जबरन भेजा तो आत्महत्या कर लूंगा











प्रताडि़त पाक हिन्दू ने कहा, जबरन भेजा तो आत्महत्या कर लूंगा

 

पाक डाक्टर का वीजा अवधि पूरी , पुलिस जबरन भेजना चाहती है पाकिस्तान

जोधपुर। पाकिस्तान में प्रताडऩा से दुखी होकर धार्मिक वीजा लेकर आए मीरपुर खास के डाक्टर गोपाल की वीजा अवधि पुरी हो चुकी है। पुलिस व खुफिया एजेंसियां उन्हेंं वापस पाकिस्तान भेजना चाहती है। लेकिन उन्होंने कहा कि मुझे जबरदस्ती भेजने का प्रयास किया गया तो वे आत्महत्या कर लेंगे। वे धार्मिक प्रताडऩा से दुखी होकर भारत में ही बसने के इरादे से आए थे और वहां मेरी जान को खतरा है। इस वजह से उन्होंने वीजा बढ़ाने का आवेदन कर दिया था। गोपाल के वीजा बढ़ाने का मामला गृह मंत्रालय में लंबित है।



एमबीबीएस करने के बाद मीरपुर खास में ही क्लिनिक चलाने वाले डाक्टर गोपाल ने शनिवार को गृहमंत्री को भेजे पत्र में बताया कि लंबे समय से हिंदू होने की वजह से उन्हें काफी प्रताडि़त किया जा रहा था। इस वजह से जोधपुर में बसना चाहते थे,लेकिन उन्हें टूरिस्ट वीजा नहीं मिल पाया। इस पर उन्हे धार्मिक वीजा लेकर जोधपुर आना पड़ा। वे 27 मई को वहां से रवाना होकर जोधपुर पहुंचे। उन्हें 26 जून को वापस पाकिस्तान लौटना था,मगर उन्होंने 24 जून को भारत में स्थाई रूप से बसने के इरादे से वीजा बढ़ाने के लिए आवेदन कर दिया। कलेक्टर के माध्यम से भेजे गए इस आवेदन को गृह मंत्रालय ने एक बार इसलिए खारिज कर दिया कि धार्मिक वीजा बढ़ाने पर प्रतिबंध है।

इस पर उन्होंने फिर कलेक्टर से मिलकर दुबारा आवेदन किया है और बताया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक होने की वजह से उनकी जान को खतरा है और मैं और मेरा परिवार वहां सुरक्षित नहीं रह सकता है। गोपाल ने बताया कि पाकिस्तान में वह अपना सब कुछ नीलाम कर सुकून व इज्जत की जिंदगी गुजारने के लिए यहां आए है। वहां न हिंदू महिलाओं की इज्जत सुरक्षित है और ना पुरुषों के लिए कमाना आसान है। उसे पुलिस व सीआईडी ने जबरन वापस भेजने का प्रयास किया तो में आत्महत्या कर लूंगा। इधर पुलिस व सीआईडी उलझन में है कि आखिर वीजा अवधि खत्म होने के बाद गोपाल व उसके परिवार को कैसे यहां रहने दिया जाए

संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव पास, अन्ना कल तोड़ेंगे अनशन

संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव पास, अन्ना कल तोड़ेंगे अनशन

नई दिल्ली। लोकसभा और राज्य सभा में अन्ना की तीनों मांगों पर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया। प्रस्ताव का सदस्यों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया। इसके बाद यह प्रस्ताव स्टेंडिंग कमेटी को भेज दिया गया है। प्रस्ताव पास होने के तत्काल बाद प्रधानमंत्री का पत्र लेकर केन्द्रीय मंत्री विलासराव देशमुख अन्ना हजारे से मिलने रामलीला मैदान पहुंचे

संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में लोकपाल मुद्दे पर हुई मैराथन बहस के बाद केन्द्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने एक संक्षिप्त निष्कर्ष पेश किया जिसमें यह मतंव्य शामिल था कि सदन सिटिजन चार्टर लागू करने, निचले स्तर के कर्मचारी तंत्र को लोकपाल या लोकायुक्त के अधीन लाने तथा राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति संबंधी अन्ना की तीनों मांगों को सिद्धांत रूप से स्वीकार करता है। सदन में ध्वनिमत से इसे पारित किया गया। तीनों मांगों पर सहमति के बाद स्टेंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया है। प्रणब की तरफ से पेश इस प्रस्ताव पर मतदान नहीं हुआ और संसद सोमवार तक के लिए स्थगित कर कर दी गई।


इससे पहले संसद में जारी बहस के दौरान अन्ना की मांगों पर भाजपा की तरफ से नेताप्रतिपक्ष सुषमता स्वराज की सहमति के बाद कांग्रेस ने भी हामी (सशर्त) भर दी। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में इस प्रस्ताव का ड्राफ्ट तैयार किया गया।

नए प्रस्ताव के बारे में प्रधानमत्री के साथ हुई बैठक में सरकार की तरफ से वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, अरूण जेटली मौजूद थे। भाजपा ने यह कहकर सरकार की मुश्किल आसान कर दी कि अन्ना की मांगों और उनका अनशन तुड़वाने के लिए जो भी प्रस्ताव लाएगी हम सदन के दोनों सदनों में उस प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग करेंगे।


संसद में बनी अन्ना की मांगों पर बनी सहमति

अन्ना की तीनों मांगों को लेकर शनिवार को लोकसभा में तीखी बहस हुई। वित्त प्रणव मुखर्जी के बयान के बाद शुरू हुई चर्चा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने अन्ना की मांगे माने जाने के साथ न्यायपालिका को लोकपाल के दायर से बाहर रखने की वकालत की। सुषमा ने न्यायपालिका के लिए पृथक न्यायिक आयोग के गठन के साथ पीएम को लोकपाल के दायरे में लाने पर पार्टी की सहमति जताई। सुषमा ने कहा कि सदन यदि सीबीआई को लोकपाल के अधीन चाहता है तो भाजपा भी इस पर सहमत है।

सुषमा स्वराज ने सरकार पर लोकपाल बिल पर प्रधानमंत्री के बयान और सर्वदलीय बैठक के निर्णय की अनदेखी का आरोप लगाया है। सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सदन में जो बातें कहीं अब सरकार उनसे पलट गई है, शुक्रवार को कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी ने अपने बयान से सरकार सभी प्रयासों पर पानी फेर दिया है। स्वराज ने कहा कि लोकसभा में लोकपाल विधेयक 9वीं बार पेश हो रहा है, लेकिन अभी तक इसे पास नहीें किया जा सका। सुषमा ने कहा कि हमारे कार्यकाल में भी विधेयक आया था लेकिन पास नहीं होना गलती थी। उन्होंने कहा कि 43 साल से लोकपाल विधेयक हिचकोले खा रहा है। सुषमा ने कहा कि लोकपाल एक जनआंदोलन बन चुका है। अन्ना ने आंदोलन को निचले स्तर तक पहुंचाया।

राहुल गंाधी पर हमला बोलते हुए विपक्षी नेता ने कहा कि शून्यकाल में प्रश्न उठाने का मौका दिया जाता है प्रवचन करने का मौका नहीं दिया जाता है। उन्होंने यहा भी कहा कि राहुल गंाधी का नाम बोलने वालों की लिस्ट मेें नहीं था।

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के बयान के साथ लोकसभा में हुई बहस में सरकार भी कुछ शत्तोü के साथ अन्ना की तीनों मांगों पर सहमत हुई है। इससे पहले प्रणव ने सदन के सामने लोकपाल मुद्दे पर सरकार की तरफ से अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी दी। प्रणव ने कहा कि सशक्त और मजबूत लोकपाल बिल पर सभी दल एकमत है और संविधान की गरिमा बनाए रखने के लिए हमें सर्वदलीय बैठक का सम्मान करना चाहिए। टीम अन्ना की मांगों का सर्वदलीय बैठक में रखा गया था और सियासी दलों ने संविधान की समप्रभुता की वकालत की है। इससे पहले प्रणव ने अपने बयान में अन्ना हजारे से अनशन खत्म करने की अपील की।

प्रणव के अनुसार सरकार और अन्ना के बीच प्रारम्भ में 6 मुद्दों पर मतभेद था, जिनपर सरकार सहमत हो गई। लेकिन बाद में टीम अन्ना ने तीन नई मांगे रख दी। सभी राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति, सिटीजन चार्टन और नीचले स्तर के सभी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में हों। प्रणव ने कहा कि सरकार ने अन्ना से 15 अगस्त को भी अनशन पर न जाने की अपील की थी।

सदन की राय अन्ना तक पहुंचाई जाए : आडवाणी

प्रणव के बयान के तुरंत बाद भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि सदन की राय अन्ना तक पहुंचाई जाए। बहस तभी सार्थक है जब अन्ना का उपवास टूटेगा। इस बीच राष्ट्रीय जनता पार्टी के लालू प्रसाद यादव ने कहा कि इस बहस के मद्देनजर स्टैंडिंग कमेटी को नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

सरकार के खिलाफ गलत माहौल बनाया गया : दीक्षित

सरकार की ओर से सदन में संदीप दीक्षित ने कहा कि अन्ना हजारे और हमारे बीच कोई द्वंद नहीं है, लेकिन सरकार पर सवाल उठाना गलत। सरकार ने वक्त और जरूरत के मुताबिक काफी बदलाव किए हैं। सरकार ने अन्ना हजारे की 40 में 34 बातें मान ली थी। अब लोकपाल चयन समिति पर भी सबकी सहमति हो। दीक्षित ने कहा कि एनजीओ पर भी अंकुश जरूरी है और इन्हें लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए।

जदयू मानी, बसपा का इनकार
जनता दल यूनाइटेड के सांसद शरद यादव ने लोकसभा में अन्ना की तीनों मांगों पर सहमति दर्ज कराई। यादव ने कहा कि टीम अन्ना को बोलने में संयम रखे की बात कही और फिल्म अभिनेता ओम पूरी के बयान की कड़ी आलोचना की। उधर, बसपा ने लोकायुक्त पर अपनी असहमति जाहिर की है, बाकि सभी मांगों पर सहमत।

जेल में पति से मिलने गई पत्नी के साथ गैंग रेप

लखनऊ
यूपी की जेलों में क्या-क्या होने लगा है, जानकर पुलिस ऑफिसर भी हैरान हैं। फर्रुखाबाद की जेल में बंद राजवीर की पत्नी जब उनसे मिलने गईं तो उनके साथ जेल में गैंग रेप हुआ। जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक ने चार बंदीरक्षकों को जेल के अंदर गैंग रेप के आरोप में सस्पेंड कर दिया है। मामले की जांच शुरू हो गई है।

औरेय्या के रहने वाले राजवीर ने बताया कि उसकी पत्नी उनसे मिलने आई थीं। मुलाकात से पहले बंदीरक्षकों कृष्ण मुरारी, मुशर्रफ अली, अजय और विवेक ने सुधा को मुलाकात कराने के बहाने से चाय पिलवाई। चाय पीते ही सुधा बेसुध हो गई। फिर इन सबने उसके साथ गैंग रेप किया। यह घटना शुक्रवार को जिला जेल परिसर में हुई।

राजवीर ने बताया कि उसकी पत्नी ने जब अपनी आपबीती बताई तो उसके होश उड़ गए। जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक के कहने पर पुलिस ने तत्काल यह मामला पीड़िता सुधा की शिकायत पर दर्ज कर लिया है। पुलिस के एक प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी। सभी चार आरोपी बंदीरक्षकों पर कार्यवाही की जा रही है।

आमिर बोले मैं नहीं अन्ना हैं असली हीरो

आमिर बोले मैं नहीं अन्ना हैं असली हीरो

मुंबई/नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले 12 दिनों से अनशन कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे को बॉलीवुड एक्टर आमिर खान भरपूर समर्थन मिल रहा है। शनिवार को आमिर ने रामलीला मैदान पहुंचकर उनके जज्बे को सलाम करते हुए उनसे अनशन खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं नहीं असली हीरो तो अन्ना हैं।

सूत्रों के अनुसार आमिर ने रामलीला मैदान में अन्ना और उनके साथियों के साथ आंदोलन में हिस्सा लिया और अन्ना के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की। आमिर के साथ फिल्म निर्देशक राजकुमार हीरानी भी रामलीला मैदान में जनता को संबोधित किया। गौरतलब है कि आमिर ने ही अन्ना और उनके साथियों को सांसदों के घरों के बाहर धरना देने व उनसे सवाल पूछने के लिए समर्थकों का आह्वान करने का आइडिया दिया था। अन्ना ने आमिर के सुझाव पर अमल करते हुए समर्थको से अपील की थी वो अपने-अपने इलाके में सांसदों के घरों के बाहर धरना दें और उनके पूछे कि जन लोकपाल बिक पर उनकी क्या राय है। अन्ना की इस अपील का व्यापक असर हुआ था। अन्ना के समर्थकों ने देश भर में सांसदों के घरों के बाहर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था, जिससे सरकार काफी मुश्किल में फंस गई।

यहां सभी भाई मिलकर करते हैं एक लड़की से ब्याह

बहू पत्नी प्रथा के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा लेकिन हम आपकों बता रहे हैं बहू पति प्रथा के बारे में। जिस तरह महाभारत के पांच पांडवों ने द्रोपदी से शादी की थी, उसी तर्ज पर आज भी पांच भाई मिलकर एक लड़की से शादी कर रहे हैं।

ऐसा खुशी या फिर भाइयों के आपसी प्यार की वजह से नहीं बल्की मजबूरी में किया जा रहा है। मुरैना से करीब 15 किलोमीटर दूर राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा के नजदीक बसे गांव धौलपुर से कुछ दूरी पर सराय छोला गांव है। यहां रहने वाले ज्यादातर लोग गुर्जर और मीणा समाज के हैं।

इस समाज में लड़कियों की कमी से चलते उन लोगों ने ऐसा नियम बना लिया है कि जिस घर में लड़कों की संख्या एक से ज्यादा है वे सभी मिलकर सिर्फ एक ही लड़की से शादी करेंगे। इसके चलते ज्यादातर घरों में सिर्फ एक ही बहू है जबकि उसके पतियों की संख्या ज्यादा है।

सराय छोला के आसपास भी करीब 12 ऐसे गांव हैं जहां गुर्जर समाज बाहुल्य जनता निवास करती है। समाज में अलिखित तौर पर ये विचित्र नियम लागू हो चुका है। लोगों ने इस पर अमल भी शुरू कर दिया है लेकिन आगे चलकर इसका अंजाम क्या होगा ये किसी ने नहीं सोचा है। प्राकृति के नियमों के खिलाफ इस प्रथा को शायद मेडिकल साइंस भी जायज़ नहीं ठहराएगी। फिर भी अभी तक किसी ने इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की है।

इस इलाके में एक ही परिवार में अगर एक से ज्यादा भाई अविवाहित हैं तो वे सभी मिलकर एक लड़की से शादी कर सकते हैं। इतना ही नहीं अगर कोई भाई अकेले शादी कर दुल्हन ले आता है तो उस पर उसके भाईयों का भी उतना ही हक होगा। ऐसे में लोग झूठ का भी सहारे ले सकते हैं और लड़की वालों को धोखा भी दे सकते हैं। सराय छोला में रहने वाले रामसिंह गुर्जर ने भास्कर को अनौपचारिक तौर पर बताया है कि उनके समाज में लड़कियों की कमी है जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है।

रामसिंह के मुताबिक पूरे गांव में गिने चुने परिवार ही ऐसे हैं जिनमें किसी लड़की का एक ही पति है। वरना पिछले कुछ सालों में जिनती भी शादियां हुई हैं उनमें हर लड़की के एक से ज्यादा पति है। कई लड़कियां तो ऐसी हैं जिनके आठ पति भी हैं। गुर्जर समाज के अलावा मीणा और कुछ अन्य ऐसी जातियां हैं, जो इस प्रथा को धीरे धीरे अपना रही हैं। हालांकि राजस्थान में यह प्रथा पहले ही अपनायी जा चुकी है।

लगातार लड़कियों की हत्याओं से बढ़ा लिंगानुपात

मजबूरी में अपनाई गई इस प्रथा का कारण लोगों की संकीर्ण मानसिक्ता है। इन समाजों में पहलें लड़कियों के पैदा होते ही उनकी हत्या कर दी जाती थी। किसी के घर लड़की पैदा होने को अपशगुन माना जाता था। इस कूप्रथा के चलते इन समाजों में लिंगानुपात काफी बढ़ गया और समाज में लड़कियों की बहुत ज्यादा कमी हो गई है।

अब ये समाज अपने पूर्वजों की गलतियों को समझ चुके हैं इसलिए कन्याओं की हत्या प्रथा बंद हो चुकी है। लेकिन अब भी दूसरे समाज की लड़कियों से विवाह करने को समाज की मान्यता नहीं मिल पायी है जिसकी व-जह से इस नई प्रथा का जन्म हुआ है।

सड़के हैं पर बसें नहीं चलतीं यहां

मुरैना से धौलपुर पहुंचने के बाद जितने भी गांव आते हैं, वहां सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन तो गई हैं लेकिन आज भीं लोगों के आने-जाने का साधन सिर्फ ट्रेक्टर और बैलगाडियां ही हैं। यहां किसी तरह का पब्लिक ट्रांसपोर्ट संचालित नहीं होता, इसकी वजह यहां होने वाली लूटपाट है। कोई अनजान अगर अकेला यहां दिख जाता है और उसके साथ गांव का कोई पहचान वाला व्यक्ति नहीं होता तो उसका लुट जाना तय है।

शिक्षा की कमी है बड़ा कारण

दो राज्यों की सीमा पर बसे इन गांवों में शिक्षा की कमी इनके सामाजिक पिछड़ेपन का सबसे बड़ा कारण है। सुविधाओं के नाम पर गांव में एक प्राथमिक विद्यालय है। आगे की पढ़ाई के लिए युवक-युवतियों को कम से कम 5 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। लिंगानुपात और महिला अधिकार जैसे शब्द ग्रामीणों के लिए अबूझ पहेली की तरह हैं।

सेक्स रैकेट छापा पड़ते ही महिला ने तीसरी मंजिल से छलांग लगाई

सिंगापुर में एक 42 वर्षीय वेश्या तीसरे फ्लोर की खिड़की से गिरकर बुरी तरह घायल हो गई है। ये हादसा तब हुआ जब पुलिस ने वेश्यवृत्ति को भंडाफोड़ करने के लिए एक होटल में छापा मारा।



दरअसल हुआ यूं कि पुलिस को सूचना मिली कि सिंगापुर के गेयलेंग इलाके में एक होटल में अवैध गतिविधियां चल रही हैं। पुलिस सूचना मिलते ही दबिश देने होटल पहुंची। पुलिस छापे का पता चलते ही महिला ने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया।



महिला ने होटल के कमरे में बाथरूम से ही एक छोटी खिड़की से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन पैर फिसलने के कारण वो तीसरी मंजिल से नीचे खड़ी पुलिस वैन पर गिर गई।



नीचे गिरते ही खून से लथपथ महिला को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया गया। उसके चेहरे और बांयी आंख पर गंभीर चोट लगी है। इस छापे में 17 से 42 साल की उम्र की पांच महिलाओं और एक पुरूष को गिरफ्तार किया गया है। जिन्हें ग़ैरकानूनी सेक्स के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

सबसे अमीर "बप्पा" का 222 करोड़ का बीमा

सबसे अमीर "बप्पा" का 222 करोड़ का बीमा

मुंबई। गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (जीएसबी)मंडल के गणपति को सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे देश का सबसे अमीर गणपति माना जाता है। खबर है कि जीएसबी मंडल ने इस बार गणेशोत्सव के लिए 222 करोड़ का बीमा करावाया है। इस बीमा कवर के अंतर्गत बप्पा की मूर्ति, उनके गहनों व पंडाल के साथ ही गणपति के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को भी शामिल किया गया है।

जीएसबी सेवा सदन के ट्रस्टियों के अनुसार गणेशोत्सव के दौरान सुरक्षा के लिए मंडल ने 221.7 करोड़ का बीमा करवाया है। आग से नुकसान व आतंकी हमलों से सुरक्षा के 1.35 करोड़ का बीमा लिया गया है। वहीं, मंडल के सदस्यों व सोने के आभूषणों व स्टैंड्स पर 18.35 करोड़ का बीमा कराय गया है। बप्पा के दर्शन के लिए पंडाल में उमड़ने वाले भक्तों की बात करें, तो एक समय में पंडाल में तकरीबन 1820 भक्त खड़े हो सकते हैं। इस आंकड़े को ध्यान में रखते हुए प्रति भक्त 10 लाख रूपए का दुर्घटना बीमा लिया गया है यानि कुल 182 करोड़ रूपए का बीमा कराया गया है।

गणपति उत्सव के लिए 221.7 करोड़ रूपए का बीमा कराए जाने की पुष्टि करते हुए जीएसबी ट्रस्टी सतीश नायक ने बताया कि "विभिन्न कंपनियों की ओर से बीमा के लिए मंडल को 4 कोटेशन प्राप्त हुए थे। मंडल ने सभी पक्षों पर विचार करने के बाद आखिरकार न्यू इंडिया एस्योरेंस को इंश्योरेंस की जिम्मेदारी सौंपी है। इस बीमा की अवधि 27 अगस्त से शुरू होगी और 15 दिनों तक लागू रहेगी।" गौरतलब है कि पिछले साल जीएसबी मंडल ने महज 49.5 करोड़ रूपए का बीमा करवाया था।

अन्ना की तीन मांगों पर बीजेपी, कांग्रेस जेडी (यू) और बसपा सहमत



नई दिल्ली.अन्ना की तीन मांगों पर बीजेपी,कांग्रेस जेडी (यू)और बसपा सहमत हैं। हालांकि कांग्रेस और बसपा ने इन मांगों पर ज्यादा शर्तें लगाई हैं वहीँ भाजपा और जेडी (यू) कम शर्तों के साथ अन्ना के मांगों पर राजी है।



लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के जन लोकपाल विधेयक के तीनों प्रमुख बिंदुओं पर सहमति जताई है।
अन्ना की पहली मांग एक ही कानून के मुताबित केंद्र में लोकपाल की तरह राज्यों में लोकायुक्तों को नियुक्त करना है। सुषमा ने कहा कि यह कहना कि लोकपाल एवं लोकायुक्त का एक ही कानून के अंतर्गत निर्माण असम्भव है, गलत है।



सुषमा ने कहा, "जब 1968 में पहला लोकपाल विधेयक बना था तब उसका नाम लोकपाल एवं लोकायुक्त विधेयक था।"
नेता विपक्ष ने कहा, "संविधान की धारा 252 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि केंद्र सरकार चाहे तो दो या अधिक राज्यों की सहमति से ऐसा कानून बना सकती है, जो सहमति जताने वाले राज्यों पर भी लागू हो।"

अन्ना की दूसरी मांग शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के निर्माण से सहमति जताते हुए सुषमा ने कहा, "यह कानून नागरिक अधिकार के आधार पर निर्मित लोकसेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम मध्य प्रदेश में पहले से लागू हैं। इसके अलावा इस तरह के कानून हिमाचल प्रदेश, बिहार एवं पंजाब में पहले से लागू हैं।"

सुषमा ने कहा कि इस तरह का कानून अवश्य बनना चाहिए और समय पर काम न होने पर सम्बंधित कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर पीड़ित को भुगतान करना चाहिए।

अन्ना की तीसरी मांग कि सभी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए पर सुषमा ने कहा, "आम जनता के मन बड़े भ्रष्टाचार से क्रोध उत्पन्न अवश्य होता है लेकिन उनका रोज सामना तंत्र के निचले स्तर में व्याप्त भ्रष्टाचार से होता है।"

अन्ना की इस मांग पर सहमति जताते हुए सुषमा ने कहा, "अन्ना के आंदोलन में दिनचर्या में भ्रष्टाचार का सामना करने वाले आम लोगों ने शिरकत की है। उन्हें लगा है कि जन लोकपाल विधेयक उन्हें छोटे स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएगा। अगर लोकपाल के दायरे में निचले स्तर के कर्मचारियों को नहीं लाया जाएगा, तो आम नागरिक अपने को ठगा महसूस करेगा।"

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा ने लोकपाल विधेयक पर लोकसभा में जारी चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने लोकपाल के दायरे में आने की इच्छा जाहिर की थी। मौजूदा प्रधानमंत्री ने भी यह इच्छा जाहिर की है। लिहाजा प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सीबीआई के उपयोग और दुरुपयोग को लेकर तमाम विवाद सामने आए हैं। लिहाजा सीबीआई को भी लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए। सुषमा ने संसद में सांसदों के आचरणों को भी लोकपाल के दायरे में लाए जाने का समर्थन किया।
राष्ट्र चौराहे पर खड़ा है,लोकपाल पर निष्पक्ष चर्चा हो
इससे पहले लोकसभा में सदन के नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को लोकपाल के मुद्दे पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से अनशन तोड़ने की अपील की।

अन्ना प्रभावी लोकपाल के मुद्दे पर दिल्ली के रामलीला मैदान में पिछले 12 दिनों से अनशन पर बैठे हैं।
मुखर्जी ने अन्ना के अनशन से देश में पैदा हुई स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि 25 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और छह राजनीतिक पार्टियों की ओर से लोकपाल के मुद्दे राय प्राप्त हुई थी। सरकार ने इस मुद्दे को गम्भीरता से लेते हुए इस पर संसद में चर्चा कराने का फैसला लिया है।
लोकसभा में सदन के नेता प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को लोकपाल के मसले पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र आज चौराहे पर खड़ा है।
उन्होंने सदन से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रभावी लोकपाल के मुद्दे पर संवैधानिक दायरे में रहते हुए व्यावहारिक और निष्पक्ष चर्चा करने की अपील की।
शनिवार को ऐतिहासिक विशेष सत्र में चर्चा की शुरुआत करते हुए मुखर्जी ने कहा कि अनशन पर बैठे अन्ना हजारे द्वारा उठाए गए मुद्दे काफी महत्वपूर्ण हैं और संसद का ध्यान चाहते हैं।
उन्होंने आशा जताई कि अन्ना हजारे द्वारा प्रस्तावित जन लोकपाल विधेयक के मुद्दों पर सदन में एक राय बन सकेगी ताकि सरकारी लोकपाल विधेयक पर विचार कर रही स्थाई को सदन की भावना से अवगत कराया जा सके।
मुखर्जी ने कहा, "स्थाई समिति इन सुझावों की संवैधानिकता, व्यावहारिकता और क्रियान्वित किए जा सकने की सम्भावना पर विचार कर सकती है।"
उन्होंने कहा, "हम चौराहे पर खड़े हैं। ऐसे कम मौके आते हैं जब सदन की कार्यवाही पर न केवल देश बल्कि सम्भवत: विदेशों में भी नजर रखी जा रही होती है।"
उन्होंने कहा कि वह संसद की सर्वोच्चता से समझौता किए बिना और संविधान के दायरे में एक तथ्यपरक चर्चा की आशा करते हैं ताकि वर्तमान गतिरोध को खत्म किया जा सके।

लोकसभा में 7 घंटे तक होगी लोकपाल पर चर्चा
लोकसभा में अन्ना हजारे के जन लोकपाल विधेयक सहित अन्य विधेयकों पर चर्चा शुरू होने के बाद सदन की अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि इस मसले पर सात घंटे तक चर्चा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
कुमार से सदस्यों से कहा, "यह बहुत की गम्भीर विषय है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए शुरुआत में सात घंटे का समय तय किया जा रहा है। अगर जरूरत पड़ी तो इसे बढ़ाया जा सकता है। क्योंकि कई सदस्य चर्चा में भाग लेना चाहते हैं।"

इससे पहले कुमार ने चर्चा के लिए समय निर्धारित करने के बारे में सदस्यों की राय जानना चाहीं।

42 वर्षो से लटका है लोकपाल विधेयक : स्वराज

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने शनिवार को कहा कि लोकपाल विधेयक पिछले 42 वर्षो से लटका हुआ है। स्वराज ने कहा कि अब समय आ गया है, जब सदन को प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित कर इतिहास रचना चाहिए।
स्वराज ने सदन में लोकपाल विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा, "पहली बार लोकपाल विधेयक संसद में नहीं पेश हुआ है। इसके पहले आठ बार लोकपाल विधेयक सदन में पेश हो चुका है। लेकिन किसी न किसी कारण से अब तक लटकता रहा है। अब 9वीं बार लोकपाल विधेयक सदन में पेश किया गया है।"

स्वराज ने कहा, "इसके पहले जब भी विधेयक पेश किया गया, किसी बुद्धिजीवी की ओर से आया। लेकिन आज यह विधेयक आंदोलन बन गया है।

अन्ना हजारे ने देश की जनता तक इस विधेयक को पहुंचा दिया है। लोग इसके पक्ष में सड़कों पर उतर रहे हैं। स्थिति जटिल है। जनता संसद की ओर देख रही है। आज संसद की जिम्मेदारी है कि वह भ्रष्टाचार से निपटने के लिए जनता को एक प्रभावी लोकपाल दे।"

स्वराज ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के अनशन का जिक्र करते हुए कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता के अनशन के कारण उपजी समस्या से निपटने के लिए सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। लेकिन बैठक में जो प्रस्ताव पारित हुआ, सरकार उस दिशा में आगे नहीं बढ़ी।

उल्लेखनीय है कि मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा में नियम 184 और राज्यसभा में नियम 167 के तहत बहस कराने के लिए नोटिस दिया है। इन नियमों के तहत बहस के बाद मतविभाजन का प्रावधान है।

एक-दो पैग रोज लगाओ, नहीं होगा डिमेंशिया

न्यूयॉर्क। अगर आप रोज एक-दो पैग लगाते हैं तो इसका कोई नुकसान नहीं। बल्कि यह फायदा पहुंचाता है। वृद्धावस्था में ये पैग याददाश्त को दुरुस्त रखते हैं और इनसे डिमेंशिया से बचाव होता है। यह बात दो नई स्टडीज में सामने आई है। विशेषज्ञों का दावा है कि रूटीन में एक-दो पैग पीने वालों को मेमोरी में कमी का खतरा दूसरों के मुकाबले 23 फीसदी कम होता है।



अमेरिकी शोधकर्ताओं ने दावा किया कि अल्कोहल की थोड़ी मात्रा अल्जाइमर व इसके जैसी अन्य बीमारियों से बचाव करती है। लोयोला यूनिवर्सिटी शिकागो ने इस विषय को लेकर किए गए अध्ययनों की समीक्षा की। इस दौरान 365,000 लोगों की पीने की आदतों और उससे होने वाले परिणामों पर नजर रखी गई। इसका ना पीने वालों से तुलनात्मक अध्ययन किया गया। स्टडी में सामने आया कि बीयर से ज्यादा शराब ने फायदा पहुंचाया।

मनीषा बोली मेरा पति मेरा दुश्मन

मनीषा बोली मेरा पति मेरा दुश्मन

नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोईराला की शादीशुदा जिंदगी मंझधार में है। कुछ दिनों पहले माइक्रोब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर पति से तलाक लेने का टि्वट कर बयान वापस लेने वाली मनीषा एक बार फिर सुर्खियों मे है। सूत्रों के मुताबिक मनीषा का कहना है कि उनके पति उनके लिए दुश्मन बन गए हैं।

सूत्रो ने बताया कि गुरूवार को अभिनेत्री ने अपनी प्रोफाइल पर पोस्ट किया कि "मेरे पति मेर दुश्मन बन गए हैं... कोई एक महिला के इतना खराब कैसे हो सकता है? " मनीषा ने नेपाल के बिजनेसमैन सम्राट दहल से 19 जून 2010 में शादी रचाई थी। सम्राट एक्ट्रेस मनीषा से सात साल छोटे हैं। मनीषा ने शादी के कुछ महीनों बाद ही टि्वटर पर लिखा था कि वो सम्राट दहल से तलाक लेने जा रही हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि गुस्से में उन्होंने सोशल नेटवर्किग साइट पर तलाक की बातें लिखी थीं। मनीषा ने कहा था कि दहल के साथ उनकी शादीशुदा जिंदगी काफी बेहतर गुजर रही है और यदि कोई मनमुटाव हुआ भी तो वो मिलबैठ कर उसे सुलझा लेंगे। मनीषा के इस बयान के बाद माना जा रहा था कि एक्ट्रेस अपने पति दहल के साथ अपनी मैरिज लाइफ को दूसरा मौका देने की कोशिश कर रही हैं।

लोकपाल पर प्रणव ने की बहस की शुरुआत

नई दिल्ली।। लोकसभा में अन्ना हजारे की शर्तों और लोकपाल पर बहस की शुरुआत करते हुए सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर संसद और संसद के बाहर काफी बहस चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अन्ना का अनशन आज खत्म हो जाएगा। प्रणव ने कहा कि जनलोकपाल बिल के 40 में से 20 प्रावधानों पर सरकार सहमत है।

सबसे पहले लोकसभा में सदन के नेता प्रणव मुखर्जी बयान देंगे, जिसमें अन्ना हजारे की तीन शर्तों को जिक्र होगा। इसके बाद बहस होगी और चर्चा के बाद निकले निष्कर्ष को लोकपाल कानून का अध्ययन कर रही स्टैंडिंग कमिटी में भेजा जाएगा। संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल ने कहा कि सदन में सिर्फ चर्चा होगी।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने लोकसभा में जाने से पहले कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आज गतिरोध खत्म हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बहस के बाद वह अन्ना हजारे को चिट्ठी भी लिखेंगे।

अन्ना का बीपी गिरा, तबीयत बिगड़ी

अन्ना का बीपी गिरा, तबीयत बिगड़ी

नई दिल्ली। जन लोकपाल के समर्थन में अनशन पर बैठे अन्ना हजारे का ब्लड प्रेसर(बीपी) लगातार गिरता जा रहा है। सात किलो से ज्यादा वजन घटने और बीपी के गिरने से अन्ना की तबीयत बिगड़ने लगी है। इससे उनके समर्थकों की चिंता बढ़ गई है। शनिवार को जारी मेडिकल बुलेटिन में भी डॉ. त्रेहान ने अन्ना के गिरते हुए ब्लड प्रेशर को गंभीर बताया है। अन्ना के अनशन को आज 12वां दिन है और उनका एनर्जी लेवल भी तेजी से गिर रहा है। हालांकि अन्ना की सहयोगी किरण बेदी ने कहा है कि अन्ना तबीयत ठीक है।


ब्लड और यूरीन सेम्पल लिए

अन्ना के स्वास्थ्य की जांच कर रहे डॉ. नरेश त्रेहान ने रामलीला मैदान में बताया कि अन्ना का ब्लड प्रेशर नीचे गिर रहा है और उनका एनर्जी लेवल भी घट रहा है। सतर्कता बरते हुए चिकित्सकों की टीम ने अन्ना का ब्लड व यूरीन सेम्पल लिए हैं। इन सेम्पल्स को लेबोरेट्री में जांच के लिए भेजा गया है।

अन्ना की डॉक्टरी निगरानी हुई दुगुनी

डॉ. त्रेहान के अनुसार एनर्जी लेवल के साथ बीपी गिरने के बाद से अन्ना की निगरानी को दो गुना बढ़ा दिया है। चिकित्सकों को अब शनिवार सुबह जांच के लिए ब्लड और यूरीन नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार है। इन्हीं रिपोर्ट में अन्ना के स्वास्थ्य की सही स्थिति का पता लग पाएगा।