मंगलवार, 29 जनवरी 2019

बाडमेर थार_थळी के सांस्कृतिक त्योहार थार महोत्सव को पुनः आरंभ करे युवा जिला कलेक्टर*

बाडमेर  थार_थळी के सांस्कृतिक त्योहार थार महोत्सव को पुनः आरंभ करे युवा जिला कलेक्टर*

*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक*

*पश्चिमी राजस्थान की लोक कला और संस्कृति देश विदेश में सर चढ़ कर बोलती है।राजस्थान के पर्यटन को नई ऊंचाइयां देने में ऐसे ही सांस्कृतिक महोत्सवों का अहम योगदान रहा है।।आज राजस्थान के लोक कला,संस्कृति,परंपरा और इतिहास का कोई सानी नही।।इसी उद्देश्य को लेकर बाडमेर जिले में जिलाप्रशासन द्वारा कोई 25 साल पहले थार महोत्सव का आययोजन शुरू किया।।धीरे धीरे यह आययोजन परवान चढ़ता गया।।थार थळी की लोक संस्कृति और कला से रूबरू करता थार महोत्सव की बहुत सारी प्रतियोगिताएं खासी लोकप्रिय हुई।।बाडमेर जिला पर्यटन से जुड़ने लगा।।बीच बीच मे थार महोत्सव का आयोजन स्थगित भी हुआ।मगर 2007 की बाढ़ के बाद इसे स्थायो रूप से बन्द कर दिया।जबकि सीमांत सिंह जिले की पहचान बने थार महोत्सव के आययोजन नही होने से लोक कला संस्कृति से जुड़े योग काफी निराश भी हुए।थार महोत्सव को रद्द करने में स्थानीय जिला प्रशासन की अदूरदर्शिता भी शामिल है।पर्यटन समिति में ऐसे लोगो को शामिल किया जिनका थार की लोक कला संस्कृति से कोई दूर का भी सरोकार नही।।विषय विशेषग्यो को दूर रखने से थार महोत्सव को लेकर होटल व्यवसायियों में भी स्वार्थ आ गया।।इन लोगो ने जिले की संस्कृति को बढ़ावा देने की बजाय होटल सीजन को प्रमोट करने में रुचि दिखाई।।साथ ही इनका इंटर फेयर बढ़ने लगा।।होटल व्यवसायी इस महोत्सव को दीवाळी पर करने का सुझाव ले आये जबकि थार महोत्सव का आयोजन जिले के सुविख्यात लोक संस्कृति की परिचायक गैर नृत्य के सर्वाधिक उपयुक्त समय होली के बाद मालाणी पट्टी में आयोजित होने वाले गैर नृत्यों के मेलो के समय है।।यह समय होता है जब मालाणी की धरा गैर नृत्यों की रामक झमक से महक उठता है।कनाना और लाखेटा के गैर मेले अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है।।सके साथ कनाना में शीतल सप्तमी का बड़ा मेला आयोजित होता है।।थार महोत्सव का आगाज़ जिला मुख्यालय से शोभायात्रा के साथ होता है यह सफर आदर्र्श स्टेडियम में मूँछ प्रतियोगिता,साफा बांधो प्रतियोगिता,पनिहारी दौड़,दादा पोता दौड़,थार श्री ,थार सुंदरी जैसी अनेक लोक प्रतोयोगिताए इस मेले को परवान चढ़ती है तो शाम को महाबार के मखमली धोरों में लोक गीत संगीत की सुरमई शाम समझती है जो हर एक को मदहोश कर देती है।।किराडू के प्राचीन मंदिरों में लोक गायिकी इसे परवान चढ़ाती है।।कैमल पोलो,कमल दौड़ का आयोजन भी आकर्षित करता है।।इस आययोजन को जिला प्रशासन के साथ कुछ स्वार्थी और अज्ञानी लोगो के समितियों में जोड़ने से ग्रहण लग गया। लम्बे समय से इसका आययोजन निहि हो  रहा।।

*युवा जज्बे से लबरेज ऊर्जावान कलेक्टर हिमांशु गुप्ता से आग्रह है जिले की लोक कला संस्कृति और लोक गीत संगीत को सरंक्षण देने के उद्देश्य से इसे पुनः आरंभ करें।।पर्यटन समिति में लोक कला संस्कृति से जुड़े युवाओ को जोड़कर इस आययोजन को शुरू कर जिले वासियो को सौगात दे।।*

बाड़मेर :जिला आशा समन्वयक ने किया आंगनवाड़ी केन्द्रों का ओचक निरिक्षण

बाड़मेर :जिला आशा समन्वयक ने किया आंगनवाड़ी केन्द्रों का ओचक निरिक्षण



बाड़मेर :-  मिशन निदेशक एनएचएम् जयपुर के निर्देशानुसार बाड़मेर शहर में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरिक्षण जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी द्वारा किया गया | भाटी ने शहर की आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आशा-सहयोगिनी द्वारा दी जा रही स्वास्थ्य सेवाए जेसे -ग्रह संपर्क के दोरान ड्यू लिस्ट के अनुसार बच्चो का टीकाकरण, 12 सप्ताह में गर्भवती महिला का पंजीयन, चार जाँच पूर्ण करने एवं संस्थागत प्रसव, एसएनसीयु से डिस्चार्ज बच्चो का आशा द्वारा फोलो-अप करना, अति कुपोषित बच्चो की पहचान, ममता कार्ड में पूर्ण जानकारी नोट करना, 104 एवं 108 टोल फ्री नंबर का उपयोग एवं आमजन तक जानकारी देना, मुख्यमंत्री राजश्री योजना की प्रथम एवं दूसरी किश्त का आमजन तक फायदा दिलाने आदि कार्यक्रमों की क्रियान्वयन हेतु आंगनवाड़ी केन्द्र वार्ड संख्या 5,6-प्रथम, दिव्तीय एवं तीसरी, वर्ड संख्या-8,10,22,25 36,37, एवं 38 आंगनवाड़ी केन्द्रों का ओचक निरिक्षण किया गया | निरिक्षण के दोरान आंगनवाड़ी केन्द्र 36 में आशा सहयोगिनी संतोष एवं 37 में नीतू आशा अनुपस्थित पाई गई, जिनको नोटिस जारी किया गया | आंगनवाड़ी केंद्र 22 निर्धारित समय में बंद पाई गई |  निरिक्षण के दोरान राजेश जनागल आशा सुपरवाईजर एवं मुकेश चोधरी एनयुएचएम् उपस्थित रहे | भाटी ने बताया की जिला स्तर से आगामी दिनों में लगातार कन्द्रो का निरिक्षण किया जायेगा एवं जिन आशा सहयोगिनी कार्य में लापरवाही बरती जाएगी उनको नोटिस देकर हटाया जायेगा |

बारमेर धोरीमन्ना । टांके में डूबने से दंपति की मौत।

बारमेर धोरीमन्ना । टांके में डूबने से दंपति की मौत।

धोरीमन्ना । टांके में डूबने से दंपति की मौत। सूचना के बाद धोरीमन्ना पुलिस मौके पर पहुंची, मौत के कारणों का नहीं हो पाया है खुलासा, सीईओ प्यारेलाल मीणा, चौहटन एसडीएम भूपेंद्र यादव भी पहुंचे, बाछडाऊ के रूगपुरा गांव की घटना,जांच में जुटी धोरीमन्ना पुलिस।दोनों की दो साल पहले हुई थी शादी,*

बीकानेर कलेक्टर गौतम पाल को सलाम।।रात दिन जनहित कार्यो के लिए निकल पड़ते है सड़को पे।।*

बीकानेर कलेक्टर गौतम पाल को सलाम।।रात दिन जनहित कार्यो के लिए निकल पड़ते है सड़को पे।।*

*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए खास रिपोर्ट*

*प्रशासनिक अधिकारियों की अपनी काम करने की शैली होती है अपना अंदाज़ होता है।।हर अधिकारी अपने क्षेत्र में बेहतरीन करने काप्रयास करते है। इसी कड़ी में बीकानेर कलेक्टर कुमार गौतम पाल ने अपनी अलग पहचान बनाई है।।बीकानेर कलेक्टर लगने के बाद पहले दिन से अपने को सक्रिय रखाहे।।शहर  का निरीक्षण कड़ाके की ठंड के बावजूद प्रातः करने निकल जाते है।।ऐसा कई बार हो गया।।उन्होंने शहर की व्यवस्थाओं को पैदल ही नाप दिया।।एक कलेक्टर द्वारा शहर की व्यवस्थाओं का आकस्मिक निरीक्षण करने से नीचे की प्रशासनिक मशीनरी स्वतः सक्रिय हो जाती है।।कलेक्टर के निरीक्षण के ख़ौफ़ कार्मिकों में बरकरार रहना जरूरी है। कुमार गौतम पाल बखूबी यह कार्य कर रहे है।।गत रात कुमार पाल स्ट्रिंग पे निकले। राज्य सरकार ने हाल ही में शराब के ठेकों पर रात आठ बजे के बाद के बाद कड़ाई से पाबंदी लागू करने के निर्देश दिए।। ठेकों के बारे में सब जानते है कि आठ बजे के बाद ही ठेके ज्यादा सक्रिय होते है।।शटर के नीचे से या पीछे की तरफ छोटी खिड़की निकाल आर्म से शराब अबैध रूप से बेचते है।।आबकारी और पुलिस विभाग जान कर अनजान बनते है ऐसे में सवाल उठता है कि गलत को रोकेंगे कौन। कल रात कुमार पाल देर रात अचानक बीकानेर के ठेकों के स्ट्रिंग पे निकल पड़े।।यह बड़ा रिस्की भी था। कलेक्टर की जिन्दगि महत्वपूर्ण होती है।।बिना सुरक्षा बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं।हर कोई कलेक्टर को नही पहचानता।।अलबत्ता कुमार पाल स्ट्रिंग के तहत पहले ठेके पर गए तो उन्हें पहचान लिया।।मगर दूसरे ठेके पे उन्होंने सौ रुपये देकर शराब का पव्वा खरीद लिया।।इस खरीद ने आबकारी और पुलिस विभाग के दावों की पोल खुल गई।।आखिर जिन विभागों को जिम्मेदारी सरकार ने दे रखी है उसकी पालन आखिर क्यों नही होती।क्यों एक कलेक्टर को अपनी जिन्दगि खतरे में डाल के जनहित में कदम उठाने पड़ते है।।कुमार गौतम पाल के जज्बे और निष्ठा को दिल की गहराईयों से सलाम की वो जनहित के मुद्दों पर जनता के बीच जाकर राहत देने का प्रयास कर रहे है।उनका यह प्रयास अन्य जिला कलेक्टरों को भी प्रेरित करेगा।।सरकार बदलने का अहसास जनता को होना जरूरी है।।जनता की समस्याओं का समाधान मैराथन बैठकों से संभव नही है।।फील्ड में जाने पर ही वास्तविकता से हाकिम रूबरू होंगे।रात्रि को अचानक अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल की पोल भी खुली।मीटिंगों में सब ठीक है के दावे करने वाले अधिकारियों की हकीकत सामने आने के बाद सुधार की संभावनाएं बढ़ती है।।*

*एक बार पुनः बीकानेर जिलाकलेक्टर कुमार गौतम पाल को  साधुवाद और सलाम*

जैसलमेर जवाहर चिकित्सालय आखिर क्यों नही सुधार हो रहा,पी एम ओ की मनमानी को आखिर कौन रोकेगा*

*जैसलमेर जवाहर चिकित्सालय आखिर क्यों नही सुधार हो रहा,पी एम ओ की मनमानी को आखिर कौन रोकेगा*

*अस्पताल प्रसाशनिक सुधार का जिम्मा हेल्थ मैनेजर को दे*

*जवाहर चिकित्सालय में कई सालों से चल रहे गड़बड़ झाले के कारण चिकित्सा व्यवस्थाएं बुरी तरह प्रभावीत है।।इसके लिए कही न कही पिछली सरकार में राजनीति दबाव में हुई नियुक्तियां भी दोषी है।पी एम ओ हठधर्मी और मनमानी करने वाली वाली महिला है।जो स्टाफ में किसी को फ्री हैंड कार्य करने नही देती।साथ ही चिकित्सको पर अनावश्यक दबाव बनाए रखती है।योजनाओं का बजट जारी करने के लिए भी कमीशन डिमांड करती है।चूंकि पी एम ओ खुद गायनिक विशेषज्ञ है।।खुद प्रेक्टिस करती है।।जिसके कारण दूसरे चिकित्सको को ऐसा करने से रोक नही पाती।।राज्य सरकार ने हाल ही में हेल्थ मैनेजर की नियुक्ति जवाहर अस्पताल में की है मगर पी एम ओ हेल्थ मैनेजर को कार्य करने निहि देती।।कई बार मैनेजर को कलेक्टर और निदेशक के नाम की धमकियां दे दी।।जिसके चलते हेल्थ मैनेजर मेडिकल पर चले गए। जिला कलेक्टर अगर अस्पताल का सुधार चाहते है तो जनहित में पी एम ओ को हटाने के लिए अर्ध प्रशासनिक पत्र निदेशक को लिखना चाहिए।अस्पताल की कोई अतिरिक्त यूनिट कार्य नही कर रही ।।अस्पताल में महिलाओ के प्रसव पर खुलेआम सुविधा शुल्क ली जाती है।।अस्पताल में बजट की कोई कमी नही है मगर इसे खर्च नही किया जा रहा।अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने का कोई प्रयास नही हो रहा।पिछले एक महीने में जिला कलेक्टर ने दो बार,विधायक पुत्र ,जिला प्रमुख अंजना मेघवाल ,प्रधान अमरदीन फकीर ने एक एक बार निरीक्षण कर अखबारों में सुर्खियां जरूर बांटी मगर अस्पताल में कोई सुधार निहि हुआ।अस्पताल में मशीनरी के जंग लग रही है।।सफाई ठेकेदार एक ही टीम से दो यूनिट की सफाई करवा रहा है।।सूत्रों की माने तो अस्पताल का ढांचा राजनीति के चलते ही बिगड़ा है।।पी एम ओ को कोई हटाना नही चाहता। जो पी एम ओ के सामने जवाब देता है उसकी शिकायत हाथों हाथ कलेक्टर या निदेशक से कर लेती है।इसीलिए स्टाफ भी पंगा नही लेता।।जिला कलेक्टर को चाहिए कि अस्पताल में प्रशासनिक सुधार का कार्य प्रभार हेल्थ मैनेजर को देना चाहिए ताकि वो अपना कार्य कर सके।।मरीज और अटेंडर अस्पताल आकर परेशान ही होते है। अस्पताल में डबल पर्ची सिस्टम लागू है एक पर निशुल्क दवा और दूसरी पर बाजर की दवा लिखते है।।जबकि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में निशुल्क दवाओं की सप्लाई शिर है।।ट्रॉमा सेंटर और ओ टी सब पे ताले लगे है।।सड़क हादसों सहित किसी गम्भीर बीमारी में प्राथमिक उपचार नसीब नही होता।।ई सी जी रूम और इक्यूपमेंट का एक बार निरीक्षण स्वयं कलेक्टर कटे।।आदमी उस जगह दो पल खडा नही रह सकता ।।एक टीम एस डी एम के नेतृत्व में गठित कर जवाहर चिकित्सालय को सुधारने काप्रयास किया जाना चाहिए।।