शुक्रवार, 28 अगस्त 2015

भारत पाकिस्तान 1965 युद्ध ,बाड़मेर खेमकरण और मुनाबाओ पर पाकिस्तान का कब्जा




भारत पाकिस्तान 1965 युद्ध ,बाड़मेर खेमकरण और मुनाबाओ पर पाकिस्तान का कब्जा

8 दिसंबर को पाकिस्तान ने मुनाबाओ पर हमला कर दिया। दरअसल पाकिस्तान लाहौर में हमला करने को तैयार भारतीय सेना का ध्यान बंटाना चाहता था। मुनाबाओ में पाकिस्तान को रोकने के लिए मराठा रेजिमेंट भेजी गई। मराठा सैनिकों ने जमकर पाक का मुकाबला किया लेकिन रसद की कमी और कम सैनिक होने के चलते मराठा सैनिक शहीद हो गए। फलस्वरूप 10 दिसंबर को पाकिस्तान ने मुनाबाओ पर कब्जा कर लिया। खेमकरण पर कब्जे के बाद पाकिस्तान अमृतसर पर कब्जा करना चाहता था लेकिन अपने देश में भारतीय सेना की बढ़त देखकर उसे कदम रोकने पड़े। 12 सितंबर तक जंग में कुछ ठहराव आया। दोनों ही देशों की सेना जीते हुए हिस्से पर ध्यान दे रही थी।[

Exclusive foto.1965 में भारत और पाकिस्‍तान युद्ध। कुछ जानकारिया

1965 में भारत और पाकिस्‍तान युद्ध। कुछ जानकारिया 



























आजादी के बाद वर्ष 1965 में भारत और पाकिस्‍तान के बीच जो कुछ भी हुआ वह, कई पीढ़‍ियों को आज भी याद है। दोनों देशों के बीच युद्ध ने दोनों देशों की दिशा और दशा बदलकर रख दी। इस युद्ध को 28 अगस्‍त को 50 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस जंग के 50वें वर्ष पूरे होने पर एक नजर डालिए जंग से जुड़ी कुछ एतिहासिक बातों पर। कच्‍छ सीमा की वजह से पाक था परेशान भारत और पाकिस्‍तान के बीच 65 की जंग की आधारशिला शायद 1947 में आजादी के समय ही तैयार हो गई थी। उस समय कई मुद्दों के बीच ही कश्‍मीर भी दोनों देशों के बीच बड़ा मुद्दा था, जो इस युद्ध के विवाद की वजह था। कश्‍मीर विवाद से अलग गुजरात में मौजूद कच्‍छ के रण की सीमा भी उस समय विवादित थी। इस सीमा पर पाक ने जनवरी 65 से गश्‍त शुरू की थी। इसके बाद यहां पर एक के बाद एक दोनों देशों के बीच आठ अप्रैल से पोस्‍ट्स को विवाद शुरू हो गया। उस समय के ब्रिटिश पीएम हैरॉल्‍ड विल्‍सन ने दोनों देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने में बड़ी भूमिका अदा की थी। इस विवाद को खत्म करने के लिए एक ट्रिब्यूनल का गठन किया गया था। विवाद सन 68 में जाकर सुलझा लेकिन उससे पहले ही दोनों देशों के बीच जंग हो गई। अति आत्‍मविश्‍वास का शिकार पाक पाक को लगने लगा था कि उसके सेना प्रमुख जनरल अयूब खान ने जब कच्‍छ सीमा के विवाद को हल तक पहुंचाने में मदद की है तो फिर वह भारत से कुछ भी हासिल कर सकते हैं। कच्‍छ के बाद पाक ने कश्‍मीर को अपने कब्‍जे में लेने के उसने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी। इस रणनीति की दम पर उसने भारतीय सेना को कश्‍मीर में घेरने की योजना बनाई। लेकिन उसकी एक नहीं चली और भारतीय सेना ने उसे करारा जवाब दिया। जब पार की एलओसी पांच अगस्त 1965 को भारत के 26,000 और पाकिस्तान 33,000 सैनिकों ने लाइन ऑफ कंट्रोल को पार किया था। कश्मीरी लोकल्स के अंदाज में यह सैनिक कश्मीर के कई इलाकों में पहुंच गए। 15 अगस्त को भारतीय सैनिकों ने उस समय तय की हुई सीजफायर लाइन को पार कर डाला। जम्मू पर थी कब्जे की ख्‍वाहिश पाकिस्तान ने कश्मीर के उरी और पुंछ जैसे इलाकों पर अपना कब्जा कर लिया था तो वहीं भारत ने पीआके से करीब आठ किलोमीटर दूरी पर स्थित हाजी पीर पास को अपने कब्जे में कर लिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने एक सितंबर 1965 को ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम के नाम से एक खास मिशन शुरू किया। इसका मकसद जम्मू के अखनूर सेक्टर को अपने कब्जे में लेना था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना को खासा नुकसान पहुंचाया और कई सप्लाई रूट्स को क्षतिग्रस्त कर दिया। पाक को दिखाया आइना पाक की ओर से हो रहे हमलों के बाद भी भारतीय सेनाओं ने पाक को मुंहतोड़ जवाब दिया और हाजी पीर पास को अपने कब्‍जे में कर लिया। पाक की ओर से चलाया गया ऑपरेयान ग्रैंड स्लैम बुरी तरह से फेल हो गया था। अपने ऊपर हमले बढ़ते देखकर पाक ने कश्मीर के साथ ही पंजाब को निशाना बनाना शुरू किया लेकिन इस बार भी उन्हें मुंह की खानी पड़ी। छह सितंबर को भारत की ओर से इस युद्ध की शुरुआत की आधिकारिक घोषणा की गई। यह युद्ध 23 सितंबर 1965 को खत्म हुआ था। पाक के पास थे कई अमेरिकी टैंक्स विशेषज्ञों की मानें तो भारत और पाक के बीच हुई इस जंग में टैंकों का प्रयोग सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद सबसे ज्यादा हुआ था। पाक के पास उस समय अमेरिका में बने कई बेहतरीन टैंक्स थे जिनमें पैटन एम-47, एक-48 और एम-4 शैरमैन टैंक्स खासतौर पर शामिल थे। इन टैंक्स की वजह से पाक ने शुरुआत में भारत पर हावी होने की कोशिशें कीं थीं। दुनिया में भारत का दबदबा यह युद्ध भारत और पाक दोनों के लिए ही इंटेलीजेंस असफलता का सबसे बड़ा उदाहरण था। लेकिन इस युद्ध के बाद दुनिया और एशिया में भारत की एक नई पहचान बनी थी। उस समय टाइम मैगजीन ने लिखा था कि साफ हो गया है कि भारत अब दुनिया में नई एशियन ताकत बनकर उभर रहा है। 17 दिन तक चला युद्ध भारत और पाकिस्‍तान के बीच यह युद्ध 17 दिनों तक चला। दोनों ही पक्षों को जानमाल का काफी नुकसान उठाना पड़ा। वहीं दूसरी ओर उस कई पश्चिमी देश मानने लगगे थे कि इस युद्ध में पाक पूरे समय भारतीय सेना पर हावी रहा। जबकि असल बात कुछ और थी। हालांकि आज तक इस युद्ध को लेकर कई तरह के विवादों का जिक्र होता रहता है।

मरने एक दिन बाद जिंदा हो गई महिला, कब्र तोड़कर निकाला बाहर

मरने एक दिन बाद जिंदा हो गई महिला, कब्र तोड़कर निकाला बाहर


सेंटियागो। चीली में एक महिला की अचानक मौत हो गई जो गर्भवती थी। परिजनों ने उसके मृत शरीर को शादी के जोड़े में दफना दिया।

दफनाने के एक दिन बाद जब उसका पति सीमेंट से बनी उसकी कब्र पर फूल चढ़ाने गया तो उसे कब्र से कुछ अवाजे सुनाई दी। इसके बारे में उसने फौरन लोगों और रिश्तेदारों को बताया। जब सब ने कब्र से आती हुई अवाजें सुनी तो कब्र तोड़कर महिला को बाहर निकाला।



परिजन उसे तुरंत अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टर महिला को बचा नहीं पाए। एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी खबर के अनुसार 16 वर्षीय नेयसी परेज जो कि तीन माह की गर्भवती थी उसकी एक रात अचानक तबियत खराब हो गई। परिजनों को लगा उस पर किसी रूह का साया है और तांत्रिक को बुलाया। जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो उसे अस्‍पताल ले जाया गया जहां उसे डॉक्‍टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद नेयसी को ला-इंट्राडा कब्रिस्‍तान में दफना दिया गया। जब दूसर दिन महिला का पति कब्र पर फूल चढ़ाने गया तो उसने कब्र से ठोकने और चीखने की आवाज सुनी। यह बात उसने फौरन अपने रिश्तदारों से बताया। जब लोगों ने सीमेंट की कब्र तोड़ कर देखा तो कॉफिन में मुंह की और लगे कांच में यह साफ नजर आ रहा था कि महिला ने उसे तोड़ने की कोशिश की है। परिजन जब उसे डॉक्टर के पास ले कर पहुंचे तो डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।

इसके बाद परिवार वालों ने दूबारा महिला को कब्र में दफना दिया। पति ने बताया की उसे कब्र से आ रही अवाज सुनकर जरा भी यकीन नहीं हुआ। डॉक्‍टर्स के अनुसार हमने सारी जांचे की लेकिन उसके जिंदा होने की पुष्टि नहीं हुई। एक अन्‍य डॉक्‍टर के अनुसार संभव है कि महिला को गहरा पेनिक अटैक हुआ हो जिससे उसकी हृदय गति कुछ समय के लिए रूक गई हो और बाद में कब्र में ऑक्सिजन की कमी से उसकी मौत हुई हो।
women
महिला की कजिन कैरोलिना ने बताया कि जब उसे कब्र से बाहर निकाला गया तो उसने उसे छू कर देखा था उसके दिल की धड़कन चल रही थी और उसका शरीर गर्म था। उसके हांथों और सर पे चोट के निशान थे। उसने शायद बाहर निकलने की कोशिश की हो ये चोट के निशान उसी दौरान लगी हो। नेयास की मां के अनुसार डॉक्‍टरों ने उनकी जिंदा बेटी को मृत बता दिया। महिला की मौत के एक दिन बाद तक उसका शरीर नर्म था। उसके शरीर को देख कर ऐसा नहीं लग रहा था कि एक दिन पहले उसकी मौत हुई है। इतने घंटों के बाद भी उसके शरीर से कोई बदबू नहीं आ रही थी। यह असंभव था अगर वो वाकई में एक दिन पहले मर चुकी होती

वॉशिंगटन, अमेरिका चंद्रमा पर भी दफनाए जाएंगे शव! एक बेटे ने मां को सम्मान देने के लिए कराई बुकिंग



वॉशिंगटन, अमेरिका चंद्रमा पर भी दफनाए जाएंगे शव! एक बेटे ने मां को सम्मान देने के लिए कराई बुकिंग

एक अमेरिकी कंपनी ने चंद्रमा की धरती पर शवों को दफनाने की सेवा शुरू की है। 'एलिसियम' नाम की कंपनी ने ये सेवा शुरू की है और इसके लिए उन्‍होंने मेटलिक कैप्‍स्‍यूल्‍स भी बनाए हैं, जिसमें शवों को रखकर चंद्रमा की जमीन तक पहुंचाए जाएंगे।



एलिसियम कंपनी शवों को चंद्रमा तक पहुंचाने के लिए स्‍पेसएक्‍स फैल्‍कन 9 यान का इस्‍तेमाल करेगी। इसके लिए कंपनी ने एस्‍ट्रोबॉटिक कंपनी से भी साझेदारी की है। इस यान में मेटलिक कैप्‍स्‍यूल को रखकर चंद्रमा पर भेजा जाएगा। कंपनी ने पहले 50 आवेदकों के लिए 10000 डॉलर की फीस घोषित की है।





इराक युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना की ओर से शामिल हो चुके इंफेंट्री मैन स्‍टीव जेन्‍क्‍स ने एक कब्र के लिए बुकिंग भी करवाई है। वो चाहते हैं कि उनकी मां के शव को चंद्रमा की जमीन पर दफना दिया जाए।इनकी मां की मृत्‍यु कैंसर की वजह से हो गई थी। वो अपनी मां को सम्‍मान देने के लिए चंद्रमा पर दफनाना चाहते हैं।



दरअसल, जब स्‍टीव इराक युद्ध में तैनात थे, उसी दौरान उनकी मां की मृत्‍यु हो गई थी। अपने आखिरी खते में उनकी मां ने कहा था- 'कभी ये मत सोचना कि तुम अकेले या फिर मुझसे दूर हो। जब भी मुझे देखना चाहो तो चांद की ओर देख लेना।'





वो अपनी मां के इन्हीं आखिरी शब्‍दों को सच बनाना चाहते हैं।

दो गुटों ने उठाई एक-दूसरे की बेटियां, गांव छोड़ भागी बहुएं

दो गुटों ने उठाई एक-दूसरे की बेटियां, गांव छोड़ भागी बहुएं


करौली जिले में 500 की आबादी वाले ससेड़ी गांव में पांच दिन से पहरे पर बैठे 50 से अधिक पुलिसकर्मी भी गांव की बहू-बेटियों में सुरक्षा का भरोसा पैदा नहीं कर पाए।
खौफजदा बहुएं अपनी बेटियों के साथ गांव छोड़ नाते-रिश्तेदारों के यहां चली गई हैं। गांव में सिर्फ बुजुर्ग महिलाएं ही हैं और वो भी डरी सहमी हैं। डर की वजह है-दो पक्षों में जातिगत विवाद।
दरअसल, 17 अगस्त को कुछ लोग एक किशोरी को अगवा कर ले गए। दूसरे पक्ष ने बदला लेने की नीयत से 23 अगस्त को बंदूक के दम पर 11 वर्षीया बालिका को उठा लिया।
तभी से गांव में दो जातियों में तनाव है। अपहरण के भय से सभी जाति के लोगों ने अपनी बहू-बेटियों को गांव से बाहर भेज दिया है। करौली के एएसपी विश्नाराम विश्नोई ने कहा-गांव में पुलिस तैनात है, मैं भी दो बार गया था। आरोपित जल्द गिरफ्तार होंगे।
घरों पर ताले
गांव के अधिकतर घरों पर ताले लगे हैं। चार दिन बाद भी पुलिस अगवा बच्ची और गुनहगारों को ढूंढ़ नहीं पाई है। लोग इस कदर डरे हैं कि न पलायन पर कुछ बोल रहे न अपहरण पर।
स्कूल वीरान
गांव के स्कूल में 533 छात्र हैं, लेकिन गुरुवार को मात्र 40 ही आए। पोषाहार पकाने वाली महिला भी गांव छोड़ गई है। राखी पर लोगों ने अपनी बहन-बेटियों को घर आने से मना कर दिया है।

जम्मू।पाकिस्तान ने फिर की फायरिंग, तीन की मौत, 8 घायल



जम्मू।पाकिस्तान ने फिर की फायरिंग, तीन की मौत, 8 घायल


पाकिस्तान की बिना उकसावे की गई कार्रवाई में जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में तीन नागरिक की मौत हो गई है जबकि कम से कम आठ घायल हो गए हैं।

सीमा सुरक्षा बल के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि पाकिस्तानी रेंजरों ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए आरएस पुरा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अग्रिम भारतीय चौकियों और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाकर आधी रात से फायरिंग शुरू कर दी।

पाकिस्तानी रेंजरों ने पहले तो छोटे हथियारों से फायरिंग की बाद में मोर्टार दागने भी शुरू कर दिए। फायरिंग में तीन नागिरक की मौत हो गई जबकि कम से कम आठ अन्य घायल हो गए।

घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बीएसएफ ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए मुंहतोड जवाब दिया। अंतिम समाचार मिलने तक रूक -रूककर फायरिंग जारी थी ।

जैसलमेर राजशाही तरीकों से मनाया जैसलमेर का 860 वां स्थापना दिवस










जैसलमेर  राजशाही तरीकों से मनाया जैसलमेर का 860 वां स्थापना दिवस

जैसलमेरके 860वें स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सुबह पूर्व महारावल बृजराजसिंह द्वारा भाटियों की कुलदेवी मां स्वांगीया का पूजन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की गई। उसके पश्चात दुर्ग स्थित महल के स्वांगीय चौक में जिले में अमन, चैन खुशहाली के लिए गायत्री यज्ञ का आयोजन किया गया। तत्पश्चात राजमहल स्थित छत पर ध्वज पूजन किया गया। जिसके उपरांत शहर के विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा जैसलमेर का रियासत कालीन ध्वज राज चिन्ह शीर्षक से चित्रकला प्रतियोगिता में मनमोहक चित्र उकेरे गए। जैसलमेर विकास समिति और इंटेक के तत्वाधान में विद्यार्थियों ने जैसलमेर के गौरवशाली इतिहास की जानकारी दी। दुर्ग की तलहटी अखे प्रोल में शाम को मंचासीन अतिथियों ने जैसलमेर के संस्थापक महारावल जैसलदेव के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर पूजन किया। वरिष्ठ प्रबंधक रघुवीरसिंह ने पिछले 35 सालों के समारोहों का प्रतिवेदन पढ़ा।

उत्कृष्ठकार्यों के लिए 20 सम्मानित

जैसलमेरके 860 वें स्थापना दिवस पर सांयकालीन कार्यक्रमों में अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 20 लोगों को सम्मानित किया गया। जिसमें प्रबंधन पर ग्यारह पुस्तकें प्रकाशित डॉ. गौरव बिस्सा को महारावल जैसल पुरस्कार, ललिता छंगाणी को राजकुमारी रत्नावती पुरस्कार, कैप्टन गोरधनसिंह तंवर को अदम्य साहस एवं वीरता के लिए महारावल घड़सी वीरता पुरस्कार, रतनसिंह भाटी बडोड़ा गांव को महारावल हरिराज साहित्य पुरस्कार, कमल स्वामी को महारावल अमरसिंह कला पुरस्कार, मनीष तंवर को अव्वल खिलाड़ी होने के लिए महारावल शालिवाहनसिंह पुरस्कार, मनोहरलाल केला का महारावल जवाहिरसिंह पुरस्कार, मोहन खान को महारावल गिरधरसिंह संगीत पुरस्कार, राजपरिवार के पारिवारिक, सामाजिक सांस्कृतिक आयोजन के लिए धोंकलसिंह भाटी को महारावल रघुनाथसिंह पुरस्कार, राजपरिवार के धार्मिक सांस्कृतिक आयोजन के लिए गिरधरलाल पुरोहित को एवं स्थापना दिवस के प्रचार-प्रसार के लिए इश्वरदान कविया को महारावल विशेष पुरस्कार, पर्यटन विकास में सराहनीय योगदान के लिए भंवरलाल बल्लाणी को जैसलमेर पर्यटन पुरस्कार, रम्मत कला में मेकपमैन के तौर पर निपूण नत्थूसिंह को कवि तेज रम्मत कला पुरस्कार और जिले की अव्वल छात्र के रूप में केंद्रीय विद्यालय डाबला जैसलमेर की कनिका खंत्री को पं. हरिदत्त व्यास पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी कड़ी में शरद व्यास, मनीष रामदेव, सूर्यवीरसिंह तंवर, समाज सेवा के लिए जितेंद्र थानवी, अशोक भाटी मूसे खान को भी सम्मानित किया गया।

37प्रतिभावान विद्यार्थियों को किया सम्मानित

कड़ीमेहनत से जिन विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है उन्हें भी जैसलमेर के 860 वें स्थापना दिवस पर भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के तत्वाधान में पुरस्कृत किया गया। प्रतिभावान विद्यार्थियों में कनिका खत्री, वीना भूतड़ा, तमन्ना, अश्वथी एस, राजल, महेंद्र, रविंद्रदान, खुशबू भाटी, किशनलाल, घनश्याम, कुसुम शर्मा, अशोक सारस्वत, भूपेश पुरोहित, अस्मिता आचार्य, राखी, भागसिंह, सौरभ भाटी, योगेश कुमार, भगवानसिंह, घनश्याम, मनमोहनसिंह, स्वरूपाराम, अमृता, भावना भाटी, सुस्मिता पुरोहित, संजू कुमारी, लीला, प्रियंका, मुकेशसिंह, बरखा, पीयूष तंवर ललिता भाटी को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रमों में पूर्व महारावल बृजराजसिंह, चैतन्यराजसिंह, विधायक छोटूसिंह भाटी शैतानसिंह राठौड़, एयर कमोडोर चंद्रमौली, जिला प्रमुख अंजना मेघवाल, सभापति कविता कैलाश खत्री, पर्यटन अधिकारी खेमेंद्रसिंह जाम, दुष्यंतसिंह, विक्रमसिंह, कंवराजसिंह चौहान, दाउदयाला, चंद्रशेखर, रघुवीरसिंह, उपसभापति रमेश जीनगर, पार्षद सहित कई लोग मौजूद थे।

गुरुवार, 27 अगस्त 2015

एकाउटेंट भर्ती परीक्षा में नकल, आईओ को रिकार्ड पेश करने के निर्देश

एकाउटेंट भर्ती परीक्षा में नकल, आईओ को रिकार्ड पेश करने के निर्देश

जयपुर हाईकोर्ट ने अगस्त के पहले हफ्ते में आयोजित जनियर एकाउटेंट व तहसील रेवेन्यू एकाउटेंट भर्ती परीक्षा में नकल करने के मामले की जांच संबंधी रिकार्ड तलब करने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश मोह मद रफीक ने यह अंतरिम निर्देश विजय कुमार सैन व अन्य की याचिका पर दिए।

कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता इंद्रजीत सिंह को आईओ से रिकार्ड मंगवाने के निर्देश देते हुए सुनवाई 7 सितंबर को तय की है। आरोप है कि आरपीएससी की ओर से दो अगस्त को आयोजित भर्ती परीक्षा में कई अ यर्थियों को ब्लूटूथ के जरिए नकल करते हुए पकड़ा था।

इसके लिए नकल करवाने वाला एक गिरोह काम कर रहा था। पुलिस ने इस संबंध में दर्जनों मुकदमे दर्ज किए हैं व अ यर्थियो की बनियान में लगाए गए ब्लूटूथ व सिम आदि भी बरामद किए हैं। मामले में एसओजी जांच कर रही है। याचिका में भर्ती परीक्षा निरस्त कर नए सिरे से करवाने की गुहार की है।

डूंगरपुर.तलवार से हमला कर मासूम बेटे को मार डाला, पिता गिरफ्तार

डूंगरपुर.तलवार से हमला कर मासूम बेटे को मार डाला, पिता गिरफ्तार

कोतवाली क्षेत्र में एक सनकी पिता ने बुधवार की रात तलवार से हमला कर अपने ही मासूम बेटे को मार डाला। इस लोमहर्षक वारदात पर पुलिस ने आरोपित पिता को गिरफ्तार किया है।
सीआई मनोज सामरिया ने बताया कि वारदात बलवाड़ा फला महादेव गांव में हुई। गांव के पोपटलाल पुत्र हुका बरंडा ने रात्रि में अपने सात साल के बेटे राहुल पर तलवार से हमला कर हत्या कर दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और तुरंत तहकीकात कर आरोपित पोपटलाल को हिरासत में लिया।
परिजनों ने आरोपित का दिमागी संतुलन बिगड़ा हुआ बताया। इसकी रिपोर्ट पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर कार्रवाई की। गुरुवार सुबह मृतक बालक का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंपा गया। प्रकरण में अग्रिम जांच जारी है।
हत्या के बाद माता-पिता के पीछे भी दौड़ा था
पुलिस के अनुसार सनक में हुई वारदात के दौरान तलवार के एक वार से ही मासूम राहुल की चीख निकली और वहीं ढेर हो गया। उसकी आवाज सुनकर दादा-दादी दौड़े, तो आरोपित पोपट उनके पीछे भी तलवार लेकर दौड़ा। दोनों ने अपनी जान बचाकर भागे, तो गांव में एकत्र ग्रामीणों ने उन्हें बचाया।

हैवान बना डॉक्टर, महिला को बेहोश कर साथियों संग किया दुष्कर्म

हैवान बना डॉक्टर, महिला को बेहोश कर साथियों संग किया दुष्कर्म

जयपुर।
राजधानी में एक डॉक्टर ने हैवानियत की सभी सीमाएं लांघ ली। डॉक्टरी पेशे को शर्मसार कर देने वाला वाक्या सामने आया है शहर के हरमाड़ा थाना इलाके में।
यहां एक डॉक्टर ने इलाज के बहाने महिला को बेहोश कर अपने साथियों के साथ उसका गैंगरेप किया। वो यहीं नहीं रूका। इसके बाद उसने महिला की अश्लील क्लिपिंग बनाकर उसे साल भर तक ब्लैकमेल किया।
शोषण से परेशान होकर पीड़िता ने पुलिस की शरण ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार मांचड़ा निवासी 50 वर्षीय महिला मुरलीपुरा में एक डॉक्टर के पास इलाज करवाने गई थी।
आरोप है कि इलाज के दौरान डॉक्टर ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया और अपने साथियों के साथ मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया। आरोपियों ने पीड़िता का अश्लील वीडियो भी बना लिया।

बदनाम करने की धमकी देकर डॉक्टर व उसके साथी एक साल से उसका देहशोषण करते आ रहे थे। इन सब से परेशान होकर पीडि़ता ने इस्तगासे सेे मामला दर्ज करवाया। मामले की जांच एसीपी चौमूं दीपक कुमार रहे हैं।

श्रीनगर।नावेद के बाद जिंदा पकड़ा गया एक और पाक आतंकी, तीन ढेर



श्रीनगर।नावेद के बाद जिंदा पकड़ा गया एक और पाक आतंकी, तीन ढेर


आतंकी नावेद के बाद सुरक्षा बलों ने एक और पाकिस्तानी आतंकवादी को पकडऩे में सफलता पाई है। सेना और पुलिस ने उत्तर कश्मीर में इस आतंकी को पकड़ा है।

पकड़े गए आतंकवादी से पूछताछ की जा रही है। सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों को मार गिराया है। पकड़े गए आतंकी का नाम सज्जाद बताया जा रहा है और इसकी उम्र करीब 22 साल है।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल एनएन जोशी ने बताया कि उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के समीप काजीनाग धार में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिली थी जिसके बाद सेना ने बुधवार को वहां अभियान शुरू किया था।

इलाके में ही सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड में एक आतंकवादी मारा गया था जबकि एक सैनिक घायल हो गया। लगातार चल रही मुठभेड में गुरुवार को तीन और आतंकवादी मारे गए है। उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान नहीं हो सकी है।

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गौरतलब है कि पांच अगस्त उधमपुर में पाकिस्तानी आतंकी नावेद को जिंदा पकड़ा था। नावेद पाकिस्तान के फैसलाबाद के गुलाम मुस्तफाबाद इलाके का रहने वाला है। नावेद और उसके साथियों ने एक बीएसएफ की एक बस पर हमला कर दिया था।

जैसलमेर,सतर्कता समिति में दर्ज प्रकरणों का हो त्वरित निस्तारण: शर्मा


जैसलमेर,सतर्कता समिति में दर्ज प्रकरणों का हो त्वरित निस्तारण: शर्मा

जिला कलक्टर ने जन अभाव अभियोग निराकरण व सतर्कता समिति की बैठक में दिए निर्देष, एसपी डाॅ राजीव पचार, एमएलए छोटूसिंह भाटी भी रहे बैठक में मौजूद

जैसलमेर, 27 अगस्त। जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा ने कहा है कि सतर्कता समिति में दर्ज प्रकरणों का त्वरित निस्तारण होना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि अधिकारी इसमें दर्ज प्रकरणों को गंभीरता से लें और वांछित जांच रिपोर्ट तत्काल पेष करें।

जिला कलक्टर शर्मा गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला पुलिस अधीक्षक डाॅ राजीव पचार, जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी, एडीएम भागीरथ शर्मा, सीईओ बलदेव उज्जवल, डीएफओ डा ख्याति माथुर सहित अधिकारियों की मौजूदगी में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। समिति में दर्ज विभिन्न प्रकरणों की प्रगति समीक्षा करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि कुछ प्रकरणों में अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही नहीं किया जाना परिलक्षित हो रहा है, जो अत्यंत चिंताजनक है और इसे बर्दाष्त नहीं किया जाएगा। इन प्रकरणों मंें अधिकारियों की लापरवाही उन्हें चार्जषीट दिला सकती है। उन्होंने एडीएम को निर्देष दिए कि जिन अधिकारियों से बार-बार निर्देषित किए जाने के बाद भी जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किए हैं, उन्हें तत्काल नोटिस दिए जाएं।

राजकीय आवासों में बाहरी कब्जाधारियों के मामले में षिथिलता बरते जाने से नाराज कलक्टर ने कहा कि इसी सोमवार से इस संबंध में सर्वे की कार्यवाही शुरू हो जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि खाली पड़े आवासों को जिला प्रषासन द्वारा अधिग्रहण किया जाकर जरूरतमंद कर्मचारियों को आवंटन किया जाएगा। इस प्रकरण में विधायक छोटूसिंह भाटी ने कहा कि राजकीय आवासों को अनाधिकृत व्यक्तियों से खाली कराए जाने के बाद इनका आवंटन राजकीय कर्मचारियों को किया जाए तथा इन्हें खाली नहीं रखा जाए। आवंटन के चलते जहां एक तरफ आवंटी कर्मचारियों को राहत मिलेगी, वहीं इन आवासों की देखरेख भी चलती रहेगी।

कलाकार काॅलोनी में आवासीय भूखंड का कब्जा दिलाने के संबंध में दर्ज रूपाराम भील के प्रकरण पर नगर परिषद कमिष्नर ने अवगत कराया कि परिवादी का नाम ना तो 1998 या 2004 की सर्वे सूची में शामिल है और न ही मौके पर कोई कब्जा या निवास है। इस पर जिला कलक्टर ने नगर परिषद आयुक्त को निर्देष दिए कि बारे में तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत कर दें ताकि प्रकरण को निस्तारित किया जा सके। जिला कलक्टर ने नगर परिषद आयुक्त को रमणसिंह की ओर से दर्ज कराए गए अतिक्रमण के प्रकरण में भी समुचित कार्यवाही के निर्देष दिए।

राबाउप्रावि, सांवला में कार्यभार हस्तांतरण के मसले पर जिला कलक्टर ने प्रारंभिक षिक्षा अधिकारी से कहा कि वे तत्काल प्रकरण की जांच कर उन्हें अवगत कराएं। जिला कलक्टर ने कहा कि प्रकोष्ठ में आने वाले जिन भी प्रकरणों के जवाब 15 दिन में नहीं आते हैं, उन्हें सतर्कता समिति के समक्ष विचारार्थ रखा जाना चाहिए। कलक्टर ने सीईओ बलदेव उज्ज्वल से कहा कि वे नरेगा में श्रमिकों की संख्या बढाएं।

एमएलए छोटूसिंह भाटी ने कहा कि सतर्कता समिति में दर्ज प्रकरणों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए तथा समिति में हुए निर्णय की पालना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा जांच में ढिलाई बरते जाने पर निस्तारण में देरी होती है, जो उचित नहीं है। उन्होंने सभी गांवों में महानरेगा कार्य स्वीकृत किए जाने की जरूरत जाहिर की।

जिला पुलिस अधीक्षक डाॅ राजीव पचार ने जिले की कानून व्यवस्था, अनुसूचित जाति व जनजाति सहित कमजोर वर्गों व महिलाओं पर हो रहे अत्याचार तथा यातायात व्यवस्था पर विचार व्यक्त किए। एडीएम भागीरथ शर्मा ने प्रकरणवार समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवष्यक कार्यवाही के निर्देष दिए। जिला परिषद सीईओ बलदेव उज्ज्वल ने नरेगा में अनियमितताओं के संबंध में हुई कार्यवाही पर प्रकाष डाला। डीएसओ ओंकार सिंह कविया ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खाद्य सुरक्षा में लाभान्वितों के सत्यापन पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

ओडीएफ अभियान ‘ऊजळौ जैसाणौ’ पर चर्चा: बैठक में जिला कलक्टर ने जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त किए जाने के संचालित ‘ऊजळौ जैसाणौ’ अभियान पर चर्चा करते हुए सीईओ बलदेव सिंह उज्जवल से कहा कि वे जिन 40 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ किया जाना प्रस्तावित है, उन्हंें प्राथमिकता से लेते हुए समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय बनाने की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों में बालक-बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक शौचालय होने चाहिए। उन्होंने आईईसी गतिविधियां बढाने पर जोर देते हुए कहा कि 3 सितंबर को प्रस्तावित प्रषिक्षण में प्रस्तावित ओडीएफ पंचायतों के सरपंचों को भी शामिल करें।

बैठक में जोधपुर डिस्काॅम के एसई एसएल सुखाड़िया, पीएचईडी एसई ओपी व्यास, नगर परिषद आयुक्त इंद्रसिंह राठौड़, आईसीडीएस उपनिदेषक स्नेहलता चैहान सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

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