रविवार, 26 अप्रैल 2015

दो बुंद जिंदगी की :- शर्मा

दो बुंद जिंदगी की :- शर्मा


उप राष्ट्रीय टीकाकरण प्लस पोलियो का वार्ड संख्या 10 जटीयो का पुराना बास में आगनवाडी केंद्र पर श्रीमान जिला कलक्टर मधुसुदन शर्मा द्वारा बच्चो को दवा पिलाकर सुभारम्भ किया गया | जिला कलक्टर ने बूथ पर उपस्थित आशा सहयोगिनी एवं जीएनएम स्टूडेंट को बताया की इस अभियान के तहत कोई भी बच्चा पोलियो की दवा पिलाये बिना नही रहना चाहिए, ये दो बुंद बच्चे की जिंदगी बचा सकती है, इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुनील कुमार बिस्ट, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ हेमंत सिंघल, आरसीएचओ डॉ खुस्वंत खत्री, जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी, डब्लूएचओ प्रतिनिधि संगामित्रा, केयर्न इण्डिया के ध्रुप नारायण मुखर्जी, केयर इंडिया से तपन कुमार एव आशा सहयोगिनी मंजू, क्रष्णा बडेरा, जीएनएम स्टूडेंट कविता सेनी, उषा यादव उपस्थित रहे | कार्यक्रम में केयर्न इण्डिया एवं केयर इंडिया का सहयोग रहा |

जिला कलेक्टर ने किया बाड़मेर डायरी का विमोचन

जिला कलेक्टर ने किया बाड़मेर डायरी का विमोचन
- बाड़मेर जिले के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगी बाड़मेर डायरी

बाड़मेर, 26 अप्रेल। बाड़मेर डायरी 2015 प्रशासनिक अमले एवं आमजन के लिए खासी मददगार साबित होगी। इसमें बाड़मेर जिले से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां को सहेजने का अनूठा प्रयास किया गया है। बाड़मेर जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने अपने चेम्बर मंे बाड़मेर डायरी 2015 के विमोचन के दौरान कही।
उन्हांेने इस अवसर पर इस प्रकाशन के लिए संपादकीय टीम एवं सहयोगियांे को बधाई दी। जिला कलक्टर शर्मा ने बाड़मेर डायरी 2015 में शामिल बाड़मेर जिले से संबंधित जानकारियांे, विकास योजनाआंे ,महत्वपूर्ण नंबरांे के संकलन की सराहना की। उन्होंने समय-समय पर ऐसे प्रकाशन की जरूरत जताई। इस अवसर पर चंदनसिंह भाटी, बाड़मेर डायरी के संपादक मदन बारूपाल एवं दीपक जैलिया ने बाड़मेर डायरी प्रकाशन के लिए किए गए प्रयासांे की जानकारी दी। बाड़मेर डायरी का पिछले दो सालांे से प्रकाशन हो रहा है। इसमंे विभिन्न सरकारी योजनाआंे की जानकारी, पंचायतीराज सशक्तिकरण के लिए विभिन्न फार्मेट, रक्तदाताआंे की सूची के साथ मंत्रीमंडल, सचिवालय, जन प्रतिनिधियांे के दूरभाष शामिल किए गए है।

श्रीगंगानगर सेना का हैलीकॉप्टर क्रैश, चार चोटिल

Army Helicopter Crash, Four Injured

श्रीगंगानगर सेना का हैलीकॉप्टर क्रैश, चार चोटिल


टिब्बा क्षेत्र में चल रहे सेना के अभ्यास शिविर में शनिवार देर रात सेना का हेलीकॉप्टर एम:35 क्रैश हो गया। घटना में हेलीकॉप्टर सवार एयरफोर्स के दो और सेना के दो अधिकारी चोटिल हो गए। सेना के अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। जानकारी के अनुसार, सूरतगढ़ क्षेत्र में करीब 20 दिन से सेना का अभ्यास शिविर चल रहा है। रात करीब नौ बजे सेना के हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी। दस मिनट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद हेलीकॉप्टर के पंख में तकनीकी खराबी आने से जाम हो गया। और हेलीकॉप्टर जमीन पर आ गिरा। सेना ने दुर्घटना स्थल पर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी व अन्य के प्रवेश पर रोक लगा रखी है।

जैसलमेर गोडावण की हर हरकत पर रहेगी नजर

जैसलमेर
गोडावण की हर हरकत पर रहेगी नजर

Great Indian Bustard will monitor every movement
राज्य पक्षी गोडावण को संरक्षित करने के लिए इनकी हर गतिविधि पर वन्य जीव विशेषज्ञों की नजर रहेगी। विशेषज्ञों का दल जैसलमेर पहुंंच चुका है और शोध कार्य शुरू किया गया है।
पहले चरण में गोडावण के शरीर पर कॉलर आईडी की चिप लगाई जाएगी। गौरतलब है कि भारतीय वन्य जीव संस्थान की ओर से सरहदी जैसलमेर जिले के गोडावण संरक्षित क्षेत्र में यह कवायद शुरू की गई है। संस्थान के वैज्ञानिक वन्यजीव विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर इस संबंध में कार्य कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि गोडावण के शरीर पर चिप व्यवस्थित होने बाद वन्य जीव वैज्ञानिक गोडावण की हर हरकत पर नजर रखकर उनकी सुरक्षा के उपाय करेंगे। राज्य पक्षी गोडावण की हर हरकत, खानपान, रहन-सहन व रहने के क्षेत्र पर नजर रखकर इनको सुरक्षित करने की कार्यवाही की जाएगी।
पहले दो गोडावणों के शरीर में लगेगी चिप
गोडावण पर चल रहे शोध में प्राथमिक तौर पर प्रदेश के जैसलमेर क्षेत्र में दो गोडावणों के शरीर पर आईडी कॉलर चिप लगाई जाएगी। इनके शरीर पर चिप फिट करने के बाद इनकी हर हरकत पर शोध कर इनकी सुरक्षा की योजना बनाई जाएगी। चिप लगाने के बाद वन्यजीव संरक्षण संस्थान के वैज्ञानिक गोडावण की दिनचर्या व रहन-सहन व व्यवहार पर शोध करेंगे। इस दौरान वे गोडावण से संबंधित असुरक्षित क्षेत्रों को भी चिह्नित करेंगे। यही नहीं गोडावण के चलने की गति, खाने की सामग्री, रहने का स्थान, रहन-सहन व आदतों को चिह्नित कर इन्हें संरक्षित करने के उपाय किए जाएंगे।
सात दिन से चल रहा शोध
जैसलमेर के वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र में गोडावण के शरीर पर चिप लगाने के लिए वन्य जीव वैज्ञानिक एक सप्ताह से शोध कर रहे हैं। वे वन्यजीव कार्मिकों के साथ मिलकर गोडावण के शरीर में कॉलर आईडी चिप लगाने के लिए गोडावण की तलाश में जुटे हैं।
प्रवास पर भी नजर
गोडावण के शरीर पर कॉलर आईडी चिप लगने के बाद गोडावण के प्रवास क्षेत्र की जांच की जाएगी। वन्यजीव विशेषज्ञ गोडावण के देश की सीमाओं के बाहर प्रवास करने पर विशेष नजर रखी जाएगी।
महाराष्ट्र में प्रयोग रहा सफल
गोडावण प्रवास क्षेत्र की जानकारी जुटाने और गोडावण क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान ने पूर्व में महाराष्ट्र में मिले गोडावण के शरीर में चिप लगाई है। अब राजस्थान के मरुक्षेत्र में रह रहे गोडावण के शरीर पर चिप लगाने की तैयारी की जा रही है।
जुटाएंगे जानकारी
गोडावण को सुरक्षित करने के लिए राज्य पक्षी गोडावण के शरीर में कॉलर आईडी चिप लगाने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक जैसलमेर के वन्यजीव सुरक्षा क्षेत्र में शोध कर रहे है। चिप लगने के बाद गोडावण के रहन-सहन, दिनचर्या व गोडावण के प्रवास क्षेत्र की जानकारी जुटाई जाकर इन्हें सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
- गोविन्द सागर भारद्वाज, मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव, जोधपुर

बीकानेर श्रीराम-सीता के पांच हजार साल पुराने साक्ष्य मिले



बीकानेर श्रीराम-सीता के पांच हजार साल पुराने साक्ष्य मिले

Ram-Sita's five thousand year old evidence
भगवान श्रीराम व सीया के होने के पांच हजार साल पुराने पुरातात्विक साक्ष्य मिले हैं। यह प्रमाण कालीबंगा में सुरक्षित एक मृण प्रतिमा (मिट्टी की प्रतिमा) में मिले हैं। कालीबंगा में सुरक्षित एक प्राचीन मृण प्रतिमा का अध्ययन करने के बाद पुरातत्वविद् जफर उल्लाह खां ने इसे भगवान श्रीराम और सीता की आकृतियां करार दिया है।

यह मृण प्रतिमा तीन हजार ईसा पूर्व की है। मृण प्रतिमाओं को पुरातात्विक भाषा में टेराकोटा कहा जाता है। इस टेराकोटा में एक पुरुष एवं एक महिला की आकृति का अंकन है। महिला आकृति को पुरुष के बायीं ओर वामांग खड़ी मुद्रा में दर्शाया गया है। इस प्रकार मृण प्रतिमा में देवी सीता को श्रीराम के बांयी तरफ खड़े हुए बताया गया है। देवी सीता के सिर पर बालों की दो चोटियां बंधी हुई है, बालों की चोटियों को सुंदर रूप से गूंथकर बांध रखा है।

देवी सीता ने अपने दोनों हाथों को सीधी मुद्रा में नीचे कर रखा है। वहीं श्रीराम के सिर पर एक जुडा बंधा हुआ है। श्रीराम ने अपना दायां हाथ ऊपर कर रखा है और बायां हाथ नीचे की ओर है। श्रीराम का मुखमण्डल भी बायीं ओर देवी सीता की ओर देखते हुए बनाया गया है। पुरातत्वविद् खां ने बताया कि हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार परम्परागत रूप से प्राचीन काल से एक पुरुष आकृति के साथ बायें हाथ की तरफ खड़ी महिला के अंकन को देवी सीता के रूप में देखा व पहचाना जाता रहा है।

ये मृण प्रतिमा कालीबंगा से मिली है। इस पुरास्थल को चार हजार ईसा पूर्व माना जाता है। उक्त मृण प्रतिमा एवं चिन्हित मुद्राओं पर अंकित मानव आकृति के हाथ व अंगुलियों की बनावट, पुरुष आकृति के सिर पर बंधा जूड़ा एवं महिला आकृति के सिर पर बंधी दोनो चोटियों में एकरूपता व समानता है। इस बारे में कालीबंगा म्यूजियम के प्रभारी प्रवीण से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उक्त मृण प्रतिमा मुद्रा जितनी बड़ी है, जिसे हड्डपाकाल में अच्छे काम की मंजूरी देने के वक्त लगाया जाता था।

जोधपुर दस वर्ष बाद दोस्त की हत्या के आरोप से मिली मुक्ति

जोधपुर दस वर्ष बाद दोस्त की हत्या के आरोप से मिली मुक्ति
out of charge after ten years in friend's murder case
राजस्थान उच्च न्यायालय ने दोस्त की हत्या के मामले में दस वर्ष से सजा काट रहे बीकानेर जिले के हजारीराम को जिला न्यायालय का फैसला पलटते हुए दोषमुक्त कर तत्काल रिहा करने का आदेश दिया हैं। उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास व न्यायाधीश अनुपेन्द्रसिंह ग्रेवाल की खण्डपीठ ने अपीलार्थी की अपील मंजूर करते हुए अपर जिला न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) बीकानेर के 25 फरवरी 2006 को दिए निर्णय को अपास्त करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश की गई परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर और अपीलार्थी से बरामद हथियार के आधार पर उसे अपने दोस्त रामेश्वरलाल की हत्या का दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
खण्डपीठ ने अधीनस्थ न्यायालय के निर्णय को रद्द करते हुए कहा कि न तो अभियोजन पक्ष परिस्थितिजन्य साक्ष्य की सभी कडिय़ां जोड़ पाया है और न ही ऐसी ठोस वजह बता पाने में कामयाब रहा है, जिसके आधार पर अपीलार्थी को अपने दोस्त की हत्या का दोषी ठहराया जा सके।
अभियोजन के तर्क
राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक चन्द्रशेखर का कहना था कि अधीनस्थ न्यायालय का निर्णय पूर्णतया साक्ष्य पर आधारित है। उनका कहना था कि अभियोजन पक्ष के महत्वपूर्ण गवाह भंवरलाल, कनीराम तथा अर्जुनराम की साक्ष्य से यह प्रमाणित है कि 31 मार्च 2005 की रात्रि हजारीराम मृतक रामेश्वरलाल को बुलाकर अपने घर पर ले गया था तथा अंतिम बार उसके साथ शराब पीते हुए उसके घर पर ही देखा गया था। उनका यह भी कहना था कि अपीलार्थी की सूचना पर ही खून भरी कुल्हाड़ी बरामद की गई थी।
अपीलार्थी की दलील
जबकि अपीलार्थी के न्यायमित्र अभिषेक का कहना था कि अभियोजन पक्ष की साक्ष्य व दस्तावेज के आधार पर अधीनस्थ न्यायालय का निर्णय अनुचित है और उनके द्वारा साक्ष्यों की सही विवेचना नहीं की गई है। उनका कहना था कि रामेश्वर की हत्या उसके ससुराल पक्ष द्वारा की गई थी और उन्हीं के मोहल्ले में उसकी लाश मिली थी। अपीलार्थी मृतक का अच्छा दोस्त था। उसकी हत्या करने का कोई कारण नहीं था और न ही अभियोजन कोई कारण बता पाया है। उनका कहना था कि 31 मार्च 2005 को न तो रामेश्वरलाल के घर पर वह गया और न ही अपने घर लाकर उसे शराब पिलाई थी।
तत्काल किया रिहा
सभी पक्षों को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायाधीश व्यास की खण्डपीठ ने अपने 15 पृष्ठों के विस्तृत फैसले में अपीलार्थी हजारीराम को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 के आरोप से दोषमुक्त कर तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।

जोधपुर दीवार पर आई लव यू पापा लिख किशोरी फंदे पर झूली

जोधपुर दीवार पर आई लव यू पापा लिख किशोरी फंदे पर झूली
teenager girl suicide by hanging
रातानाडा एयरफोर्स क्षेत्र के साऊ एनक्लेव स्थित मकान के कमरे में दिवंगत वायुसैनिक की पुत्री ने चुन्नी से फंदा बनाकर पंखे पर झूलकर आत्महत्या कर ली। फंदा लगाने से पहले उसने बाजार गई मां को फोन कर कहा कि वह जा रही है। साथ ही कमरे की दीवार पर आई लव यू पापा भी लिखा। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं लग पाया है।
एएसआई गंगाराम के अनुसार मूलत: यूपी में बरेली जिले के पश्चिम नगरिया नैनीताल रोड हाल रातानाडा एयरफोर्स क्षेत्र में साऊ एनक्लेव निवासी जीनत (17) पुत्री स्व. शमशाद अली शेख डांस सिखाने जाती थी। पिछले कुछ दिनों से वह गुमसुम थी। पति की जगह वायुसेना में नौकरी करने वाली मां नसीमा बानो ने कारण भी पूछा, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया। शुक्रवार रात नसीमा बानो बाजार गई। पीछे से पुत्री जीनत ने उसे फोन किया। तब मां ने कहा कि वह बाजार है। जवाब में जीनत ने कहा कि वह जा रही है। मां ने पूछा कहां, लेकिन पुत्री ने फोन काट दिया।
रात नौ बजे मां घर पहुंची तो मुख्य गेट अंदर से बंद था। धक्का देने पर चिकटनी खुल गई। वह अंदर पहुंची तो कमरे का दरवाजा भी बंद मिला। आवाज लगाने के बावजूद कोई जवाब नहीं आया। तब उसने अपनी दूसरी पुत्री को खिड़की से कमरे में भेजकर दरवाजा खुलवाया। वह अंदर पहुंची तो पुत्री को चुन्नी के फंदे से पंखे पर लटका पाया। कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन जान देने से पहले उसने कमरे की दीवार पर आई लव यू पापा लिखा था।
सूचना मिलने पर वायुसेना के अधिकारी मौके पर पहुंचे। देर रात रातानाडा थाना पुलिस को सूचना दी गई। मध्यरात्रि बाद शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया, जहां शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया। मां की शिकायत पर पुलिस ने मर्ग दर्ज कर जांच शुरू की है। मृतका का मोबाइल पुलिस ने कब्जे में लिया है। कॉल डिटेल निकलवाकर जांच की जाएगी।

लखनऊ बिना पार्टनर मादा तोते ने दिए अंडे, लोग हैरान, लेकिन विशेषज्ञ नहीं परेशान


without making relation with male parrot female parrot produces eggs
लखनऊ बिना पार्टनर मादा तोते ने दिए अंडे, लोग हैरान, लेकिन विशेषज्ञ नहीं परेशान
यूपी की राजधानी लखनऊ के चौक सरांय माली खां इलाके की गलियों में इन दिनों लोगों की भीड़ अक्सर देखी जा सकती है। दरअसल, यहां रहने वाले संजीव रस्तोगी ने एक ऐसा तोता पाल रखा है, जिसने वो कर दिया है, जिसे सुनकर लोग हैरान हो जाते हैं और उनके मन में उसे देखने की इच्छा भी जरूर हो जाती है।

इनके मादा तोते ने 12, 16 और 19 अप्रैल को अंडे दिए, लेकिन बिना किसी नर तोते के नजदीक आए। जाहिर है ये बात तो लोगों को हैरान करेगी ही कि कोई मादा तोता बिना पार्टनर के कैसे अंडे दे सकता है। तोता कई साल से पिंजरे में बंद है।

तोता और उसके 3 अंडे को देखने के लिए आस-पास के लोगों की भीड़ इनके घर के बाहर इकट्ठी हो जाती है। लोग उत्सुकता के साथ देखते हैं और आपस में चर्चा भी करते हैं।

इस तरह से तोते के अंडे देने घटना से लोग जरूर हैरान हैं, लेकिन पशु विशेषज्ञ इस बात से बिल्कुल भी हैरान-परेशान नहीं हैं। उनकी मानें तो वैज्ञानिक आधार पर ऐसा होना संभव है।

विशेषज्ञों का कहना है कि मादा पक्षियों में कई बार ऐसा हार्मोन असंतुलन की वजह से हो जाता है। हालांकि इन अंडों में जीवन नहीं होता और ये अंडे जल्द ही नष्ट भी हो जाते हैं।

जयपुर सोना तस्करी में कई अफसरों के नाम



जयपुर सोना तस्करी में कई अफसरों के नाम  

The names of several officers in gold smuggling
जयपुर एयरपोर्ट पर 21 अप्रेल को तस्करी से लाए गए सोने को दुबई से जयपुर तक पहुंचाने में कई एयरलाइंस के बड़े अधिकारियों का नाम सामने आ रहा है। एयरपोर्ट पर एक करोड़ 51 लाख रुपए कीमत का 5 किलो 600 ग्राम सोना पकड़ा गया था।

कस्टम विभाग की जांच विंग राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) उन अफसरों के फोन काल्स की जांच कर रहा है, जिन्होंने 21 अप्रेल को एयरपोर्ट पर उतरे विमान में डीआरआई टीम को जाने से रोकने की कोशिश की थी।

बताया जाता है कि एक दो-दिन में इनकी गिरफ्तारी संभव है। वहीं पकड़े गए आरोपितों ने पिछले डेढ़ साल में दुबई से जयपुर तक सोना लाने में कई अन्य एयरलाइंस का भी इस्तेमाल किया है। उन सभी एयरलाइंस की भी जांच की जा रही है।

अफसरों की हिदायत का पालन कर रहे थे

21 अप्रेल को शाम 7.50 बजे इंडिगो एयरलाइंस की बेंगलूरु से घरेलू उड़ान जयपुर एयरपोर्ट पहुंची थी। इसमें सोना लेकर पहुंचे मोहम्मद हारून और नजीम को डीआरआई ने गिरफ्तार किया था। डीआरआई को सूचना मिली थी कि इंडिगो की इस उड़ान में दो तस्कर बैठे हैं और सोना लेकर आ रहे हैं।

उड़ान जयपुर आने से एक घंटे पूर्व ही डीआरआई का दल एयरपोर्ट पर पहुंच गया। इंडिगो के कर्मचारियों ने डीआरआई के दल को एयरोब्रिज से पहले ही रोक लिया।

डीआरआई ने कर्मचारियों को अपने पास भी बताए, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। कर्मचारी बार-बार फोन कर उनके अधिकारियों से इस बारे में पूछ रहे थे।

दल की ओर से कार्रवाई की चेतावनी देने पर कर्मचारियों ने मात्र 10 मिनट पहले उसे अंदर जाने की अनुमति दी। अगर जरा सी भी देर होती तो तस्कर वहां से रफूचक्कर हो सकते थे।

डेढ़ साल की तस्करी खंगालेंगे

डीआरआई दोनों तस्करों से पूछताछ कर रही है। बताया जाता है कि दोनों डेढ़ साल में कई बार दुबई से जयपुर सोना लेकर आए और इसके लिए उन्होंने कई एयरलाइन्स का इस्तेमाल किया।