बुधवार, 1 अक्तूबर 2014

गोरखपुर में बरौनी एक्सप्रेस से भिड़ी कृषक, 12 मरे



उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में बरौनी एक्सप्रेस के पटरी से उतरे डिब्बों को बगल की पटरी से गुजर रही कृषक एक्सप्रेस के इंजन ने टक्कर मार दी, जिससे कम से कम 12 यात्रियों की मौत हो गई तथा 45 अन्य जख्मी हो गये। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आलोक सिंह ने बताया कि कल रात 10 बजकर 47 मिनट पर गोरखपुर तथा कैंट रेलवे स्टेशनों के बीच नन्दानगर रेलवे क्रॉसिंग के पास लखनऊ से बरौनी जा रही एक्सप्रेस के पीछे के तीन डिब्बे दुर्घटनावश पटरी से उतर गये थे। बरौनी एक्सप्रेस के इन डिब्बों को बगल की पटरी से गुजर रही कृषक एक्सप्रेस के इंजन ने टक्कर मार दी। उन्होंने बताया कि टक्कर से बरौनी एक्सप्रेस के डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये। इस हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है।

सिंह के अनुसार, दुर्घटना में 45 लोग जख्मी हुए है, जिनमें से 12 की हालत नाजुक बतायी जाती है, लिहाजा मृतकों की संख्या बढने की आशंका है। सिंह ने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स, गोरखा रेजीमेंट तथा रेलवे पुलिस ने मौके पर पहुंच कर, बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए डिब्बों से घायल यात्रियों को निकालने का काम शुरू किया। उन्होंने बताया कि दुर्घटना की जानकारी देने और पूछताछ के लिए हेल्पलाइन नम्बर शुरू किये गये हैं। जो गोरखपुर के लिए 05513303365 और 09794846980, लखनऊ के लिए 05222233042, छपरा के लिए 09006693233 तथा बनारस के लिए 09919041978 हैं।






दुर्घटना के बाद राहत कार्य के लिए गोरखपुर से दुर्घटना चिकित्सा राहत वाहन, दुर्घटना राहत वाहन घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं तथा बचाव कार्य पूरी तेजी से चल रहा है। वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गये हैं। सिंह ने बताया कि कृषक एक्सप्रेस के लोको पायलट राम बहादुर एवं सहायक लोको पायलट सत्यजीत को निलंबित कर दिया गया है। दुर्घटना के फलस्वरूप रेलमार्ग बाधित होने के कारण कई रेलगाड़ियों का संचालन निरस्त कर दिया गया है और अनेक ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है।







रात ढाई बजे तक का मंजर इस तरह था कि बरौनी की दो बोगियों को गैस कटर से काटने का काम शुरू नहीं हो पाया था। दोनों बोगियों में काफी यात्रियों के फंसे होने की आशंका है। कृषक एक्सप्रेस को पीछे से इंजन लगाकर कुसुम्ही रेलवे स्टेशन पर पहुंचा दिया गया था। हादसे के वक्त तेज आवाज हुई। आवाज सुन इलाकाई लोगों के साथ ही पास के एयरफोर्स, गोरखा भर्ती डिपो के जवान और पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंच गई। राहत कार्य तुरन्त शुरू कर दिया गया।







मंगलवार रात करीब 11 बजे गोरखपुर जंक्शन से बरौनी एक्सप्रेस खुली। ट्रेन नंदानगर के आगे कैंची क्रॉसिंग पार कर रही थी। यहां होम सिग्नल पर कृषक एक्सप्रेस को रुकना था, लेकिन ड्राइवर लाल सिग्नल को नजरअंदाज करते आगे बढ़ गया। सिग्नल से करीब दो सौ मीटर आगे कैंची क्रॉसिंग को बरौनी एक्सप्रेस पार कर रही थी। कृषक के इंजन ने बरौनी एक्सप्रेस के आगे से पांचवें अनारक्षित कोच को टक्कर मारी। इंजन कोच को बीचोबीच चीरते हुए बढ़ गया। इस दौरान बरौनी की छठवीं, सातवीं और आठवीं अराक्षित बोगियां भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त होकर पलट गईं।







यात्रियों की चीख-पुकार मच गई। टक्कर की तेज आवाज सुनकर इलाकाई लोग दौड़ पड़े। पुलिस भी पहुंच गई। इस बीच पास स्थित एयरफोर्स स्टेशन का साइरन बजा और वायुसैनिक घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। गोरखा भर्ती डिपो के जवान भी पहुंच गए और तत्काल बचाव कार्य शुरू किया। सबसे बाद में रेलवे की टीम पहुंची। कृषक एक्सप्रेस से वाराणसी से आ रहे गोरखपुर शहर के कारोबारी भीष्म चौधरी ने बताया कि नन्दानगर क्रॉसिंग के पास अचानक ट्रेन दो बार झटका खाई। बर्थ पर बैठे और लेटे यात्री नीचे गिर गए। तभी तेज धमाका हुआ। बाहर निकलने पर पता चला कि कृषक की बरौनी एक्सप्रेस से टक्कर हो गई है।







रेलवे ने जारी किये हेल्पलाइन नंबर
डीएम रंजन कुमार को नंदानगर रेलवे क्रॉसिंग पर दो ट्रेनों के बीच हुई टक्कर की जानकारी मिली, तो वे अपने सहयोगी अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए। राहत और बचाव कार्य में उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को लगा दिया। उन्होंने तत्काल हेल्प लाइन नम्बर 0551-2201796 जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि रेल हादसे सम्बंधित कोई भी सूचना इस नम्बर पर दी जा सकती है। इस नम्बर से लोग घटना के बारे में जानकारी भी कर सकेंगे।







खटाक की आवाज के साथ मचा कोहराम
वाराणसी से गोरखपुर आ रहे पादरी बाजार के मानस विहार निवासी मोहित कृषक एक्सप्रेस के एसी कोच में सवार थे। उनका कहना है कि वे सो रहे थे। अचानक खटाक की आवाज हुई। झटका लगा। कुछ यात्री बर्थ से गिर गए। वे लोग कोच से निकले तो मंजर देख कलेजा दहल उठा। सामने तीन बोगियां पलटी थीं। बुरी तरह क्षतिग्रस्त बोगियों में चीख-पुकार मची थी। कई यात्री बोगियों के नीचे बुरी तरह पिस गए थे। कुछ ही देर में आसपास के लोग जुट गए। दोनों ट्रेनों के यात्री भी निकल गए और बचाव कार्य में जुट गए। करीब 10 मिनट में पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। अंधेरे में दिक्कत के बावजूद पब्लिक और पुलिस बचाव कार्य में जुट गए।






मंगलवार, 30 सितंबर 2014

बाड़मेर। मेहलू महिला मठाधीश की हत्या!

बाड़मेर। मेहलू महिला मठाधीश की हत्या!

बाड़मेर। बाड़मेर ज़िले के गुडामालानी थाना क्षेत्र के अतर्गत मेहलू महिला मठाधीश तोलापुरी की हत्या का मामला सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार रात को अज्ञात लोगो ने मेहलू धर्मपुरी के मंदिर में लूट की वारदात को अन्जाम देने के बाद मेहलू महिला मठाधीश तोलापुरी की हत्या कर दी गई। और मठाधीश तोलापुरी की लाश बाथरूम में मिली। वहा से बोलेरो गाड़ी भी गायब हुई है। मोके पर अंतरिक्त पुलिस अधीक्षक रघुनाथ गर्ग और गुढ़ामालानी सी ओ रमेश मीणा और गुढ़ामालानी थानाधिकारी देवाराम चौधरी मोके पर पहुचे। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। हत्या की खबर आग की तरह फ़ैल गई और आस - पास के गाव से ग्रामीण की भीड़ एकत्रित हो गई।





थाना वसूली मामले में बहस पूरी

थाना वसूली मामले में बहस पूरी


अजमेर। राजस्थान के अजमेर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के विशेष्ा न्यायालय में बहुचर्चित थाना मासिक वसूली प्रकरण में थाना प्रभारियों के खिलाफ पेश आरोप पत्र पर बहस सोमवार को पूरी हो गई।

विशेष न्यायाधीश फूलचंद जांजरिया के समक्ष जांच बहस पूरी होने के बाद में अब आरोपियों को मंगलवार को इस संबंध में लिखित में प्रतिवेदन पेश करने का अवसर दिया गया है। इसके उपरांत संभवत: एक अक्टूबर को प्रकरण पर फै सला सुनाया जा सकता है। 
monthly bribery collection case ajmer

आरोपी के वकील प्रीतम सिंह सोनी ने बताया कि आरोप पत्र पर दोनों पक्षों की ओर से हुई बहस के बाद न्यायाधीश आगामी एक अक्टूबर को अपना फै सला सुनाएंगे।

उल्लेखनीय है कि दो जनवरी 2013 को हुए इस प्रकरण में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजेश मीना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सोनवाल सहित 11 थानाधिकारियों को जेल हो चुकी है और वर्तमान में सभी जमानत पर रिहा हो चुके हैं। - 

सरकारी जांच में ही खुली मुफ्त दवा योजना की पोल

सरकारी जांच में ही खुली मुफ्त दवा योजना की पोल


जयपुर। प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की कमी और मौजूदा अस्पतालों में स्टाफ की कमी के चलते नि:शुल्क दवा योजना का लाभ आमजन को नहीं मिल पा रहा है।

मरीजों के अनुपात में दवा वितरण केन्द्रों की संख्या में कमी और एक दवा केन्द्र पर सभी दवाएं उपलब्ध नहीं होने से मरीजों की परेशानी और बढ़ गई है।

राज्य सरकार के मूल्यांकन संगठन की ओर से नि:शुल्क दवा योजना पर हाल में जारी रिपोर्ट में ये तथ्य बताए गए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि योजना लागू होने के बाद सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

लेकिन अस्पतालों की अत्यधिक कमी, मरीजों के बढ़ते दबाव और चिकित्सक-नर्सिग स्टाफ की कमी से योजना को वांछित सफलता नहीं मिल पा रही है। योजना लागू होने की तिथि 2 अक्टूबर 2011 से मार्च 2013 तक की अवधि में बतौर उदाहरण बूंदी व डंूगरपुर जिले के अस्पतालों का मूल्यांकन किया गया।
Irregularity in Rajasthan free medicine scheme
स्टाफ की इतनी कमी
दोनों जिलों के 16 अस्पतालों में से 12 में से स्टाफ की कमी पाई गई। बूंदी में 20 प्रतिशत व डंूगरपुर 32.94 प्रतिशत पद रिक्त हैं। डूंगरपुर के शहरी क्षेत्र के जिला अस्पताल में स्वीकृत 262 पदों में से 80 पद रिक्त मिले, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के सामुदायिक चिकित्सा केन्द्रों में स्वीकृत 34 में से 22 पद खाली मिले।

भार औसत से अधिक
रिपोर्ट के अनुसार दोनों जिलों के शहरी क्षेत्र के जिला अस्पतालों में दवा वितरण केन्द्रों पर मरीजों की संख्या का भार औसत से कहीं अधिक मिला।

उपचार से नहीं संतुष्ट
योजना का लाभ उठाने वाले 236 लोगों से मूल्यांकन के दौरान फीडबैक लिया गया। इनमें आधे से अधिक 55.93 प्रतिशत लोग चिकित्सकों के दिए उपचार से पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे। लोगों ने कारण बताया कि केवल 3 दिन की दवा लिखी जाती है। दूर से बार-बार आना पड़ता है। जैनेरिक दवाओं से धीमा इलाज होता है और बीमारी पूरी तरह ठीक नहीं होती।

रिपोर्ट में यह कमियां भी आई सामने
बूंदी के चयनित 8 में से 4 अस्पतालों में दवाइयों के भण्डारण की पर्याप्त व्यवस्था का अभाव मिला। केवल 5 अस्पतालों में दवाइयां, इंजेक्शन व फ्लुइड आदि को नियंत्रित तापमान में रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था मिली।

डंूगरपुर के 8 में 4 में कोल्ड स्टोरेज का अभाव मिला। चयनित 24 में से 9 दवा वितरण केन्द्रों पर स्टाफ की कमी और कंप्यूटर के अभाव में दवाइयां व अन्य सामान की उपलब्धता को लेकर व्यवस्थित रिकॉर्ड नहीं मिला।

अक्सर दवा वितरण केन्द्रों पर दवा की कमी के कारण मरीजों को एक केन्द्र से दूसरे केन्द्र पर भटकना पड़ता है। चिकित्सक जितनी मात्रा की दवा लिखते हैं, उतनी केन्द्र पर उपलब्ध नहीं होती।

बहुत कम बीमारियों के इलाज के लिए के लिए दवा उपलब्ध हो पाती है।

फैक्ट फाइल
प्रदेश में चिकित्सकों के स्वीकृत पद-करीब 10 हजार
रिक्त पद-करीब 4 हजार
आवश्यकता-करीब 10 हजार
प्रदेश में नर्सिग स्टाफ के स्वीकृत पद-करीब 35 हजार
रिक्त पद-करीब 5 हजार
आवश्यकता-करीब 50 हजार
प्रदेश में अस्पतालों की स्थिति
जिला अस्पताल-35
सैटेलाइट हॉस्पिटल-5
उपखण्ड अस्पताल-16
शहर डिस्पेंसरी-195
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-551
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र-2066
उप स्वास्थ्य केन्द्र-13227 -

बालोतरा।विवाहिता को उसके ही रिश्तेदारो ने बेचा,पती से धोखाधड़ी से तलाक करवाकर दो बच्चो से किया अलग,न्याय को भटक रही पीडि़ता

बालोतरा।विवाहिता को उसके ही रिश्तेदारो  ने बेचा,पती से धोखाधड़ी से तलाक करवाकर दो बच्चो से किया अलग,न्याय को भटक रही पीडि़ता

रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा

बालोतरा। गिड़ा तहसिल क्षेत्र के लापुदंड़ा गांव में एक विवाहिता को उसके ही दो जेठो द्वारा चार लाख रूपयो में बेचे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामला करीब सात महिने पहले का बताया जा रहा है। पहले तो पीडि़ता के जेठो ने उसका सोदा कर दिया ओर बाद में जिसको बेचा था उसके पास से जबरदस्ती वापिस लापुंदड़ा लाकर खरीदने वाले पर बलात्कार का झूठा मामला बनाकर उससे भी दस लाख रूपये ओर हड़प लिये। पीडि़ता घटना को लेकर मानसिक रूप से बीमार है ओर उसका बालोतरा के राजकिय नाहटा अस्पताल में ईलाज चल रहा है।
 पीडिता ने बताया कि उसके पती का स्वभाव भोला है जिसके कारण उसके जेठ रूपाराम ओर जोगाराम ने जबरदस्ती दोनो का तलाक करवा दिया। बाद में आरोपियो ने पीडि़ता को अखाराम निवासी निवासी नागाणा को चार लाख रूपयो में बेच दिया। तीन माह तक पीडि़तो को नागाणा मे जबरदस्ती रखा गया। बाद में दोनो आरोपियो ने उसे वापस लापुंदड़ा ला दिया ओर अखाराम पर बलात्कार के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाकर उससे दस लाख ओर हड़प लिया। बाद में पीडि़ता ने अपने दोनो बच्चो के साथ पती के साथ रहने की बात कही तो आरोपियो ने उसको घर से बाहर निकाल दिया ओर दोनो बच्चो को उससे अलग कर दिया। आरोपियो की धमकियो के डर से पीडिता ने गिड़ा थाने में पुलिस को आपबीती सुनकार न्याय की मांग की पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नही किया। पीडि़ता ने पुलिस अधिक्षक को भी मिलकर न्याय की मांग की पर कोई सुनवाई नही हो रही है। 

बालोतरा। छात्र महाविद्यालय में छात्र संघ कार्यालय का हंगागेदार उदघाटन

बालोतरा। छात्र महाविद्यालय में छात्र संघ कार्यालय का हंगागेदार उदघाटन

रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा
बालोतरा। बालोतरा के एम.बी.आर. महाविद्यालय के छात्र संघ कार्यालय का सोमवार शाम को हंगामेदार उदघाटन हुआ। दरअसल महाविद्यालय में छात्र संघ का अध्यक्ष एस.एफ.आई. का हैं। समारोह में छात्र संघ के बाकि तीन पदाधिकारियो को समरोह में आमंत्रित नही किया गया था जिसके कारण दोनो ही प्रमुख दलो के कार्यकर्ताओ में समारोह के आयोजन को लेकर रोष व्याप्त था। समारोह के दोरान प्राचार्य विमला आर्य ने पुलिस को तनाव के बारे में अवगत करवा रखा था।



 पुलिस ने ए.बी.वी.पी. के कार्यकर्ताओ को महाविद्यालय में प्रवेष करने से रोक दिया। ए.बी.वी.पी के कार्यकर्ताओ ने कालेज के बाहर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्षन किया। हंगामे से पुर्व एस.एफ.आई के प्रदेष महासचिव मंगेष चैधरी ने छात्र संघ कार्यालय का फीता काटकर उदघाटन किया। समारोह के दोरान महाद्यिालय छावनी बना नजर आया। समारोह के दोरान उपखंड अधिकारी उदयभानु चारण, उप पुलिस अधिक्षक अमृत जीनगर, थाना अधिकारी सुखराम विष्नोई सहित बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात रहा। वही समारोह में ए.बी.वी.पी के हंगामे को लेकर एस.एफ.आई के प्रदेष महासचिव ने जमकर भाजपा सरकार पर टिप्पणियां की। 

सोमवार, 29 सितंबर 2014

पति ने मामा के साथ हम बिस्तर करने को किया मजबूर

बाड़मेर :- बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी थाना क्षेत्र के मेहलू गांव मे इंसानियत की सारी हदे पार करने वाली खबर जिसे आप पढ़कर हैरान रह जायेंगे। मेहलू गांव निवासी विवाहिता को सात जन्मो तक उसका साथ देने वाले उसके पति ने अपने मामा के साथ हम बिस्तर करने पर मजबुर कर दिया। पीडि़ता ने अपने पति व आरोपी के खिलाफ कार्रवाही की मांग को लेकर पुलिस एस पी हेमंत शर्मा को ज्ञापन सौपकर न्याय की गुहार लगाई है। विवाहिता ने अपने पति पर सनसन्नी खेज आरोप लगाते हुए एसपी हेमंत शर्मा को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन मे पीडि़ता ने बताया की कुछ दिन पूर्व उसके पति अपने मामा ससूर को घर पर लेकर आये और उसके पति ने अपने मामा किशनाराम के साथ हमबिस्तर होने को कहा इसको लेकर पीडि़ता ने विरोध शुरू किया तो पीडि़ता के पति ने उसको जबरदस्ती झोपे मे ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म करवाया उसको लेकर पीडि़ता ने अपने छोटे छोटे बच्चो के खातिर जुबान नही खोली और जो भी घटना हुई सहन की। लेकिन एक बार फिर उसके पति ने पीडि़ता को अपने मामा किसनाराम के साथ हम बिस्तर होने को कहा तो पीडि़ता ने साफ तौर से इनकार कर दिया। इससे नाराज उसके पति ने पीडि़ता को बेल्ट से मारपीट कर घर से बेदखल कर दिया है पीडि़ता गुड़ामालानी थाने मे मामला दर्ज करवाने गई मगर पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। थक हार कर पीडि़ता ने न्यायालय के जरिए मामला दर्ज करवाया तो न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को तुरन्त मामला दर्ज करने के आदेश दिए। मगर पुलिस ने न्यायालय के आदेशो को दरकिनार करते हुए दस दिन बाद भी मामला दर्ज नही किया है।

पीडि़ता के वकील 
इस मामले ने गुड़ामालानी पुलिस पर कई सवाल खड़े कर दिए है की आखिर गुड़ामालानी पुलिस न्यायालय के आदेशो को ठेंगा दिखाते हुए इस पीडि़ता की गुहार नही सुन रही है। अब देखने वाली बात ये होगी की क्या वसुन्धरा सरकार के बड़े अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेकर दर दर की ठोकरे खा रही इस पीडि़ता को न्याय दिलाऐंगे। या ये पीडि़ता यूं ही दर दर की ठोकरे खाती रहेगी। 



नवरात्र के 5वें दिन होती है स्कन्द माता की पूजा

Navratri Day 5 Mata Skandmata worshipनवरात्र के 5वें दिन होती है स्कन्द माता की पूजा

जयपुर। दुर्गा मां के पांचवें स्वरूप को स्कन्द माता कहा गया है। भगवान स्कन्द की माता होने के कारण इन्हें स्कन्द माता के नाम से जाना जाता है। इनकी पूजा अर्चना पांचवें दिन की जाती है। इस दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में अवस्थित होता है। सिंह पर सवार स्कन्द माता की अर्चना से मन में शांति और पराक्रम में वृद्धि होती है। ये कमल के आसन पर भी विराजमान होती है। इसलिए इनका नाम पद्मासना देवी भी है।स्कन्दमातृ स्वरूपिणी देवी की चार भुजाएं हैं। ये दाहिनी तरफ की ऊपर वाली भुजा से भगवान स्कन्द को गोद में पकड़े हुए हैं। बायीं तरफ की ऊपर वाली भुजा वरमुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है। उसमें भी कमल-पुष्प ली हुई हैं। स्कन्द माता की उपासना से बालरूप स्कन्द भगवान की उपासना स्वयं हो जाती है। मां स्कन्द माता की उपासना से उपासक की समस्त इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। - 

बालोतरा। कार्यकर्ता एकजुट रहे: सांसद सोनाराम

बालोतरा। कार्यकर्ता एकजुट रहे: सांसद सोनाराम

रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा

बालोतरा। बाड़मेर जेसलमेर के सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने रविवार को बालोतरा के डाक बंग्ले में भाजपा के पदाधिकारियो ओर कार्यकर्ताओ की बैठक ली। बैठक में सांसद ने सभी कार्यकर्ताओ से मन मुटाव भुलाकर निकाय चुनावो की तैयारियो मे जुटने का आव्हान किया। चैधरी ने कहा कि सरकार विकास के लिये किसी भी प्रकार की कोई कमी नही रखेगी इसलिए सरकार की योजनाओ का प्रचार प्रसार कर लोगो तक पहुचे ओर जनहित के कार्य करवाए। बैठक में पचपदरा विधायक अमराराम चैधरी, बायतु विधायक कैलाश चोधरी
,नगरपरिषद सभापती महेश चैहान,निवर्तमान नगर अध्यक्ष मदन चोपड़ा सहित भाजपा कार्यकर्ताओ ने भाग लिया। बैठक के बाद पत्रकारो से बातचीत मे सांसद चोधरी ने कहा कि प्रदेष में भाजपा सरकार चहुमुखी विकास के लिए तत्पर है पर कांग्रेस की गलत नीतियो के कारण राज्य में जो कमजोरिया ओर कमिया पनपी है उन्हे दूर करने में समय लगेगा ओर वसुंधरा सरकार को अभी काम करने के लिए समय ही नही मिला है। सांसद ने पचपदरा में रिफायनरी को लगने को लेकर उठ रहे प्रष्नो पर साफ किया कि कांग्रेस सरकार ने रिफायनी को लगवाने को लेकर एच.पी.सी.एल कंपनी से जो एम.ओ.यु. किया है वो राज्य के हित में नही है इसलिए रिफायनरी के प्रोजेक्ट की नए सिरे से विचार किया जायेगा। उन्होने कहां कि कांग्रेस ने रिफायनरी के मामले में क्षेत्र के लोगो से ठगी की है ओर पचपदरा मे जमीनो की खरीद फरोख्त में घोटले किए है।

बालोतरा। घर में घुसकर दलित दंपती पर किया फायर। दो आरोपियो को ग्रामीणो ने दबोचा। पुलिस जुटी जांच में

बालोतरा। घर में घुसकर दलित दंपती पर किया फायर। दो आरोपियो को ग्रामीणो ने दबोचा। पुलिस जुटी जांच में

रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा

बालोतरा। सिवाना उपखंड के समदड़ी ईलाके में मियो का बाड़ा गांव में शनिवार की देर रात को क्षेत्र के दबंगो ने एक दलित युवक के घर में तलवार ओर बंदुक के साथ प्रवेश किया ओर घर में सो रही दंपती पर फायर कर तलवार से वार कर जान से मारने का प्रयास किया। आरोपियो ने घर के अंदर सो रही ओरतो से भी मारपीट की। चीख पुकार मचने पर मोके पर ग्रामीण इकठ्ठा हो गए। पांच में से तीन आरोपी मोके से फरार हो गये। ग्रामीणो ने दो आरोपियो को पकड़ लिया। मामले की जानकारी समदड़ी पुलिस को दिए जाने पर पुलिस भी एक घंटे की देरी से मोके पर पहुची। पुलिस ने मोके से बंदुक ओर जिंदा कारतुस ओर तलवारे बरामद की है। पुलिस ने आरोपियो के खिलाफ जाने से मारने के प्रयास का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की है। समदडी थाने में किशनाराम पुत्र मंगलाराम मेगवाल ने रिपोर्ट देकर बताया कि आरोपियो मानवेन्द्र सिंह , शिवपालसिंह
, लक्ष्मणसिंह,महावीरसिंह ओर धीरेन्द्रसिंह ढींढस जान से मारने की नियत से फायर किया। साथ ही आरोपियो ने घर में सो रही ओरतो से भी मारपीट की। पीडि़त ने बताया कि पूर्व में दो बार आरोपियो द्वारा उसके साथ मारपीट की जा चुकी है। समदड़ी पुलिस की भुमिका संदिग्ध-आरोपी धीरेन्द्र सिंह ढींढस बहुचर्चित गलाराम चरवाहा हत्याकांड का भी मुख्य आरोपी है। गलाराम हत्याकांड के बाद से ही आरोपी खुले आम समदड़ी इलाके में घूत रहा है ओर लोगो से मारपीट ओर लड़ाई झगड़ा कर रहा है। आरोपी के ठीकानो के बारे में समदड़ी पुलिस को बखुबी मालुम है पर पर भाई भतीतावाद ओर राजनैतिक दबाव में पुलिस आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही कर रही है। गलाराम हत्याकांड में भी समदड़ी पुलिस थाना अधिकारी की लापरवाही सामने आई थी पर मामले को नेताओ ने दबा दिया था। समदड़ी पुलिस की ईलाके के बदमासो से सांठ गांठ के चलते समदड़ी इलाके की शांत आबोहवा में भय का माहोल बनता जा रहा है।

रविवार, 28 सितंबर 2014

बाड़मेर। छत से गिरने पर मजदूर की मौत

बाड़मेर। छत से गिरने पर मजदूर की मौत

बाड़मेर :-बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सिटी कोतवाली थानांतर्गत कृषि मंडी में काम करने के दौरान गिरने से 
उसकी मौत हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक रविवार की रोज सुबह एन एच 15 पर स्थित कृषि मंडी में काम करने के दौरान गिरने से उसकी मौत हो गई मृतक के शिनाख्त भेराराम /नवलाराम मेघवाल निवासी हाथी तला के रूप में हुई।


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बालोतरा। घर में घुसकर युवक पर चलाई गोली

बालोतरा। घर में घुसकर युवक पर चलाई गोली

रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा
बालोतरा। सिवाना उपखंड के समदड़ी इलाके के मियो का बाड़ा गांव में शनिवार की देर रात को कुछ दबंगो द्वारा एक व्यक्ति के घर में घुसकर जान से मारने की नीयत से गोली चलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। समदड़ी थाना अधिकारी ने बताया कि शनिवार की देर रात को गरबो के आयोजन के दोरान यह वारदात हुई है ओर पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पुख्ता सुत्रो के अनुसार मियो के बाड़ा निवासी किसनाराम मेगवाल पर बहुचर्चित गुलाराम चरवाहा हत्याकांड से जुड़े आरोपियो ने पीडि़त के घर में प्रवेष कर उस पर गोली चला दी। किसनाराम ने खुद को कमरे में बंद कर दिया। गोली के दीवार पर लगने से उसकी जान बच गई। बालोतरा के अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक ओर उप पुलिस अधिक्षक समदड़ी पहुच गए है ओर मामले की जांच में जुटे है।

बालोतरा। भाजपा नेताओ ने टटोली कार्यकर्ताओ की नब्ज,एकजुट रहने ओर मनमुटाव छोड़ने का किया आव्हान

बालोतरा। भाजपा नेताओ ने टटोली कार्यकर्ताओ की नब्ज,एकजुट रहने ओर मनमुटाव छोड़ने का किया आव्हान

रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा
बालोतरा। प्रदेष में आगामी निकाय चूनावो को लेकर भाजपा ने कार्यकर्ताओ की नब्ज टटोलनी शुरू कर दी है। निकाय चुनावो में भाजपा को जीत दिलाने के लिये पार्टी के प्रदेष स्तर के पदाधिकारियो ने शनिवार को बालोतरा के भाजपा पदाधिकारियो ओर कार्यकर्ताओ से मुलाकात कर चुनाव पर रणनीती तैयार की ओर आवष्यक दिषा निर्देष दिये।
होटल में आयोजित बैठक में भाजपा प्रदेष उपाध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत, पषु पालन आयोग के अध्यक्ष ओर जिले के प्रभारी जसवंतसिह विष्नोई, प्रदेष महामंत्री कुलदीप धनखड़ ने कार्यकर्ताओ से मनमुटाव भुलाकर चुनाव की तैयारियो में जुटने का आव्हान किया । बैठक में पचपदरा विधायक अमराराम चैधरी, बायतु विधायक कैलाष चैधरी, नगरपरिषद के सभापती महेष चोहान,नगरमंडल के अध्यक्ष मदन चैपड़ा सहित कार्यकताओ ने भाग लिया। बाद में पत्रकारो से बातचीत में प्रदेष उपाध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत ने कहां कि बालोतरा में निष्चित रूप से भाजपा का ही बोर्ड बनेगा। पार्टी में बगावत ओर मनमुटाव के प्रष्न पर उन्होने स्पष्ट किया कि पार्टी के निर्णय के खिलाफ जाने वालो को बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा।

बाड़मेर सिवाना में दुर्गादास स्मारक बनाने का निर्णय


बाड़मेर सिवाना में दुर्गादास स्मारक बनाने का निर्णय

सिवाना


उपखंड क्षेत्र में छप्पन की पर्वत मालाओं में स्थित प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर सिवाना दुर्ग वीर दुर्गादास की वीरता उनके संघर्ष त्याग की प्रतीक पीपलून सरहद में स्थित वीर दुर्गादास की पोल अन्य स्मारक के संरक्षण को लेकर प्रणोनिति प्राधिकरण अध्यक्ष आेंकारसिंह लखावत से मांग की। शनिवार को लखावत ने डाक बंगले में बैठक आयोजित कर दुर्गादास का स्मारक बनाने के लिए स्थानीय विधायक हमीरसिंह भायल, साहित्यकार जीवराज शर्मा, एसडीएम गोमती शर्मा, तहसीलदार प्रकाशचंद्र अग्रवाल ग्रामीणों से सुझाव मांगे। बैठक में वीर दुर्गादास का स्मारक कस्बे में बनाने का निर्णय लिया। लखावत ने स्मारक बनवाने एवं क्षेत्र की ऐतिहासिक प्राचीन धरोहरों का संरक्षण करने के लिए जल्द ही कार्य योजना बनाकर अमल में लाने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण करने के लिए जल्द ही कार्य योजना बनाकर अमल में लाने का भरोसा दिया। बैठक में लखावत ने कहा कि प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरें हमारी सभ्यता शौर्य वीरता का प्रतीक है। इनके संरक्षण के लिए जहां एक ओर सरकार लगातार प्रयास कर रही है। वहीं इनके रखरखाव स्वच्छता के लिए ग्रामीणों के सहयोग की जरूरत है। सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल ने कहा कि ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ जन सहभागिता अतिआवश्यक है।

प्राचीनधरोहरों का किया अवलोकन
बैठकके बाद ओंकारसिंह लखावत ने सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल, एसडीएम, तहसीलदार ग्रामीणों के साथ वीर दुर्गादास स्मारक बनाने के लिए स्थान चयन को लेकर कस्बे के प्राचीन दुर्ग का अवलोकन किया। दुर्ग में प्रवेश करते ही वहां गंदगी नज़र आने पर लखावत ने दुर्ग के चौकीदार को फटकार लगाई और सफाई करने बबूल की झाडिय़ां कटवाने के निर्देश दिए। तत्पश्चात वीर दुर्गादास के ऐतिहासिक प्रसंग से जुड़े कस्बे से सात किमी दूर पीपलून गांव सरहद में स्थित स्मारकों का अवलोकन किया। पीपलून पहुुंचने पर ढोल-नगाड़ों के साथ ग्रामीणों ने स्वागत किया।
पहलेकाम बाद में पहनूंगा माला-साफा!
आेंकारसिंहलखावत के सिवाना आगमन पर स्थानीय भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं ग्रामीणों की ओर से एवं पीपलून में ग्रामीणों की ओर से साफा माल्यार्पण किए जाने पर लखावत ने साफा माला पहनने से इनकार करते हुए कहा कि आपकी ओर से कार्य करवाने की मांग मुझसे की है। पहले उसे पूरा करुंगा उसके बाद साफा माला पहनूंगा। इस मौके पर भाजपा मंडल महामंत्री महेंद्र छाजेड़, भाजयुमो मंडल अध्यक्ष सोहनसिंह भायल, कोजसिंह पीपलून, जोगाराम माली, अनोपसिंह गोलिया, भाजयुमो नगर अध्यक्ष राजेश जोशी, ललित शास्त्री, बाबूसिंह इंद्राणा भावानीसिंह चौहान आदि मौजूद थे।

राजस्वरिकॉर्ड में ही नहीं सिवाना का दुर्ग!

बालोतरा. सिवानाका ऐतिहासिक दुर्ग राजस्व रिकॉर्ड में ही नहीं है। यह सुनने में चौकाने वाला जरूर लगे, मगर सही है। करीब एक हजार वर्ष पुराना यह ऐतिहासिक दुर्ग अपने आप में कई वीरता शौर्य की गाथाएं समेटे हैं, मगर राजस्व महकमा यहां केवल गेर मुमकिन पहाड़ ही दर्शा रहा है। जब यह बात प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकारसिंह लखावत को पता चली तो वे चकित रह गए। उन्होंने पटवारी को निर्देश दिए और आश्वासन दिया कि शीघ्र ही दुर्ग को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाएंगे।

उल्लेखनीय है कि सेटलमेंट के समय यह चूक हुई। लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों ने यहां दुर्ग होना दर्ज ही नहीं किया, जबकि पूरे क्षेत्र को गेर मुमकिन पहाड़ी ही दर्शा दिया। शनिवार को जब प्राधिकरण अध्यक्ष लखावत सिवाना दुर्ग का अवलोकन कर रहे थे तो उन्होंने पटवारी से रिकॉर्ड मांगा तो इस बात का खुलासा हुआ। उन्होंने एसडीएम तहसीलदार से बात कर रिकॉर्ड दुरस्त करवाने के निर्देश दिए।

शनिवार, 27 सितंबर 2014

foto...सैन्य शक्ति रूपेण जैसलमेर की तनोट माता। . सैनिको की अटूट श्रद्धा का केंद्र

सैन्य शक्ति रूपेण जैसलमेर की तनोट माता। . सैनिको की अटूट श्रद्धा का केंद्र 












जैसलमेर से करीब 130 किमी दूर स्थि‍त माता तनोट राय (आवड़ माता) का मंदिर है। तनोट माता को देवी हिंगलाज माता का एक रूप माना जाता है। हिंगलाज माता शक्तिपीठ वर्तमान में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के लासवेला जिले में स्थित है।

भाटी राजपूत नरेश तणुराव ने तनोट को अपनी राजधानी बनाया था। उन्होंने विक्रम संवत 828 में माता तनोट राय का मंदिर बनाकर मूर्ति को स्थापित किया था। भाटी राजवंशी और जैसलमेर के आसपास के इलाके के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी तनोट माता की अगाध श्रद्धा के साथ उपासना करते रहे। कालांतर में भाटी राजपूतों ने अपनी राजधानी तनोट से हटाकर जैसलमेर ले गए परंतु मंदिर तनोट में ही रहा।

तनोट माता का य‍ह मंदिर यहाँ के स्थानीय निवासियों का एक पूज्यनीय स्थान हमेशा से रहा परंतु 1965 को भारत-पाक युद्ध के दौरान जो चमत्कार देवी ने दिखाए उसके बाद तो भारतीय सैनिकों और सीमा सुरक्षा बल के जवानों की श्रद्धा का विशेष केन्द्र बन गई। 

सितम्बर 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हुआ। तनोट पर आक्रमण से पहले श‍त्रु (पाक) पूर्व में किशनगढ़ से 74 किमी दूर बुइली तक पश्चिम में साधेवाला से शाहगढ़ और उत्तर में अछरी टीबा से 6 किमी दूर तक कब्जा कर चुका था। तनोट तीन दिशाओं से घिरा हुआ था। यदि श‍‍त्रु तनोट पर कब्जा कर लेता तो वह रामगढ़ से लेकर शाहगढ़ तक के इलाके पर अपना दावा कर सकता था। अत: तनोट पर अधिकार जमाना दोनों सेनाओं के लिए महत्वपूर्ण बन गया था।

17 से 19 नवंबर 1965 को श‍त्रु ने तीन अलग-अलग दिशाओं से तनोट पर भारी आक्रमण किया। दुश्मन के तोपखाने जबर्दस्त आग उगलते रहे। तनोट की रक्षा के लिए मेजर जय सिंह की कमांड में 13 ग्रेनेडियर की एक कंपनी और सीमा सुरक्षा बल की दो कंपनियाँ दुश्मन की पूरी ब्रिगेड का सामना कर रही थी। शत्रु ने जैसलमेर से तनोट जाने वाले मार्ग को घंटाली देवी के मंदिर के समीप एंटी पर्सनल और एंटी टैंक माइन्स लगाकर सप्लाई चैन को काट दिया था।

दुश्मन ने तनोट माता के मंदिर के आसपास के क्षेत्र में करीब 3 हजार गोले बरसाएँ पंरतु अधिकांश गोले अपना लक्ष्य चूक गए। अकेले मंदिर को निशाना बनाकर करीब 450 गोले दागे गए परंतु चमत्कारी रूप से एक भी गोला अपने निशाने पर नहीं लगा और मंदिर परिसर में गिरे गोलों में से एक भी नहीं फटा और मंदिर को खरोंच तक नहीं आई। 

सैनिकों ने यह मानकर कि माता अपने साथ है, कम संख्या में होने के बावजूद पूरे आत्मविश्वास के साथ दुश्मन के हमलों का करारा जवाब दिया और उसके सैकड़ों सैनिकों को मार गिराया। दुश्मन सेना भागने को मजबूर हो गई। कहते हैं सैनिकों को माता ने स्वप्न में आकर कहा था कि जब तक तुम मेरे मंदिर के परिसर में हो मैं तुम्हारी रक्षा करूँगी। 

सैनिकों की तनोट की इस शानदार विजय को देश के तमाम अखबारों ने अपनी हेडलाइन बनाया।

एक बार फिर 4 दिसम्बर 1971 की रात को पंजाब रेजीमेंट की एक कंपनी और सीसुब की एक कंपनी ने माँ के आशीर्वाद से लोंगेवाला में विश्व की महानतम लड़ाइयों में से एक में पाकिस्तान की पूरी टैंक रेजीमेंट को धूल चटा दी थी। लोंगेवाला को पाकिस्तान टैंकों का कब्रिस्तान बना दिया था।

1965 के युद्ध के बाद सीमा सुरक्षा बल ने यहाँ अपनी चौकी स्थापित कर इस मंदिर की पूजा-अर्चना व व्यवस्था का कार्यभार संभाला तथा वर्तमान में मंदिर का प्रबंधन और संचालन सीसुब की एक ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। मंदिर में एक छोटा संग्रहालय भी है जहाँ पाकिस्तान सेना द्वारा मंदिर परिसर में गिराए गए वे बम रखे हैं जो नहीं फटे थे।
सीसुब पुराने मंदिर के स्थान पर अब एक भव्य मंदिर निर्माण करा रही है।

लोंगेवाला विजय के बाद माता तनोट राय के परिसर में एक विजय स्तंभ का निर्माण किया, जहाँ हर वर्ष 16 दिसम्बर को महान सैनिकों की याद में उत्सव मनाया जाता है। 

हर वर्ष आश्विन और चै‍त्र नवरात्र में यहाँ विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। अपनी दिनोंदिन बढ़ती प्रसिद्धि के कारण तनोट एक पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध होता जा रहा है। 

इतिहास: मंदिर के वर्तमान पुजारी सीसुब में हेड काँस्टेबल कमलेश्वर मिश्रा ने मंदिर के इतिहास के बारे में बताया कि बहुत पहले मामडि़या नाम के एक चारण थे। उनकी कोई संतान नहीं थी। संतान प्राप्त करने की लालसा में उन्होंने हिंगलाज शक्तिपीठ की सात बार पैदल यात्रा की। एक बार माता ने स्वप्न में आकर उनकी इच्छा पूछी तो चारण ने कहा कि आप मेरे यहाँ जन्म लें। 

माता कि कृपा से चारण के यहाँ 7 पुत्रियों और एक पुत्र ने जन्म लिया। उन्हीं सात पुत्रियों में से एक आवड़ ने विक्रम संवत 808 में चारण के यहाँ जन्म लिया और अपने चमत्कार दिखाना शुरू किया। सातों पुत्रियाँ देवीय चमत्कारों से युक्त थी। उन्होंने हूणों के आक्रमण से माड़ प्रदेश की रक्षा की। 

काँस्टेबल कालिकांत सिन्हा जो तनोट चौकी पर पिछले चार साल से पदस्थ हैं कहते हैं कि माता बहुत शक्तिशाली है और मेरी हर मनोकामना पूर्ण करती है। हमारे सिर पर हमेशा माता की कृपा बनी रहती है। दुश्मन हमारा बाल भी बाँका नहीं कर सकता है।
माड़ प्रदेश में आवड़ माता की कृपा से भाटी राजपूतों का सुदृढ़ राज्य स्थापित हो गया। राजा तणुराव भाटी ने इस स्थान को अपनी राजधानी बनाया और आवड़ माता को स्वर्ण सिंहासन भेंट किया। विक्रम संवत 828 ईस्वी में आवड़ माता ने अपने भौतिक शरीर के रहते हुए यहाँ अपनी स्थापना की।

विक्रम संवत 999 में सातों बहनों ने तणुराव के पौत्र सिद्ध देवराज, भक्तों, ब्राह्मणों, चारणों, राजपूतों और माड़ प्रदेश के अन्य लोगों को बुलाकर कहा कि आप सभी लोग सुख शांति से आनंदपूर्वक अपना जीवन बिता रहे हैं अत: हमारे अवतार लेने का उद्देश्य पूर्ण हुआ। इतना कहकर सभी बहनों ने पश्चिम में हिंगलाज माता की ओर देखते हुए अदृश्य हो गईं। पहले माता की पूजा साकल दीपी ब्राह्मण किया करते थे। 1965 से माता की पूजा सीसुब द्वारा नियुक्त पुजारी करता है।