मंगलवार, 30 अक्तूबर 2012

जैसलमेर पुलिस ने बीस लाख की अवेध शराब पकड़ एक को किया गिरफ्तार

जैसलमेर पुलिस ने बीस लाख की अवेध शराब पकड़ एक को किया गिरफ्तार


शराब तस्करो के विरूद्ध एक सप्ताह में जैसलमेर पुलिस की दूसरी बडी कार्यवाही, पुलिस थाना पोकरण में 

दूसरी बार लगभग 20 लाख की अवैध शराब बरामद
ट्रक चालक गिरफतार

जैसलमेर पुलिस अधीक्षक, जिला जैसलमेर ममता राहुल के आदेशानुसार जिले मे अवेध शराब की धरपकड के लिये चलाये जा रहे अभियान के तहत थानाधिकारी रमेशकुमार के निर्देशन मे गंगाराम उ.नि. मय कानि0 भाईराम, सवाईसिह, सुभाषचन्द, किशोरीलाल, आरटी परसुराम मय सरकारी वाहन व चालक भागीरथ मंगलवार को जरिये मुखबिर की सुचना पर ट्रक ट्रर्बो न0 जीजे 09 जी 5582 मे परिवहन कर ले जाई जा रही अवैध अग्रेजी शराब के कुल 139 कार्टन व अवैध बीयर के कुल 138 कार्टुन जब्त कर मुलजिम राजुराम पुत्र वागाराम विश्नोई नि0 हेमागुडा थाना झाब जिला जालोर को गिरफ्तार किया गया है। उक्त शराब पंजाब व हरियाणा निर्मित है जो हरियाणा से भरकर गुजरात की तरफ ले जा रहा था जिसकी अनुमानित किमत करीब 20 लाख रुपये है। इससे पूर्व इसी सप्ताह पुलिस थाना पोकरण के हल्खा क्षैत्र में करिबन 1820 लाख की अवैध शराब से भरा ट्रक पकडने में पुलिस ने काम्याबी हासिल की थी।
तस्करी के लिये ट्रक मे बनाया एक विशेष केबिन
अवैध शराब तस्करी के तस्करो द्वारा नये नये तरीके ईजाद कर पुर्व मे पकडे गये ट्रक की भांति केबिन के पीछे एक ओर केबिननुमा पार्टेशन (हिस्सा) बनाकर उसमे शराब भरकर तस्करी की जा रही थी। ताकि पुलिस व आबकारी टीम को चैकिंग के दौराने कोई शक शुबा नही हो। ट्रक के आगे केबिन से सटे हिस्से मे पाटेशन कर उसमे उक्त शराब छुपाकर ले जाई जा रही थी। ट्रक का पीछे का हिस्सा खाली था। उक्त अग्रेजी शराब व बीयर जब्त प्रकरण आबकारी अधिनियम मे दर्ज किया जाकर रमेशकुमार थानाधिकारी पोकरण द्वारा अनुसंधान किया जा रहा है। तथा मुलजिम राजुराम से उक्त शराब कहा से लाया व किसे डिलेवरी देनी थी के बारे मे विस्तृत अनुसंधान जारी है।

आपसी रंजिश के चलते मारपीट के कई मामले दर्ज

आपसी रंजिश के चलते मारपीट के कई मामले दर्ज


बाड़मेर जिले में बीते चौबीस घंटो में आपसी रंजिश के चलते मारपीट के कई मामले दर्ज किये गए .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट के अनुसार नरसाराम पुत्र ताराजी मेगवाल नि. मोतीसरा ने मुलजिम भावाराम पुत्र नाथाराम देवासी नि. मोतीसरा वगैरा 4 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्त. के भाई व भतीज को रोककर मारपीट करना व खेत में गाये चराकर फसल को नुकशान पहुचाना व जातिगत शब्दो से अपमानित करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना समदड़ी पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
शेरूखां पुत्र आरबखां मुसलमान नि. कोनरा ने मुलजिम लूणेखां पुत्र नसीरखां मुस. वगैरा 8 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा एक राय होकर मुस्तगीस व बच्चे के साथ मारपीट करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना चौहटन पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
चिमनाराम पुत्र मालाराम बागरी नि. भेडाणा ने मुलजिम मांगीलाल पुत्र भगवानाराम बागरी वगैरा 7 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा एक राय होकर मुस्त. के घर मे प्रवेश कर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना गुड़ामालानी पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
श्रीमति मांगीदेवी पत्नि बंजरंगराम जाट नि. चौखाणियो की ाणी ने मुलजिम केसाराम के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्त. को जान से मारने की नियत से लाठी से मारपीट कर चोटे पहुचाना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

प्रशासन जागा जानवरों की पुकार पर

प्रशासन जागा जानवरों की पुकार पर


शिवकर लिग्नाइट परियोजना मामला


बाड़मेर बाड़मेर शहर में कलेक्ट्री के सामने शिवकर लिग्नाइट परियोजना और भूमि अवाप्ति कानून के विरोध में लीगल मित्र के बैनर तले चल रहे धरने की ध्येय वाक्य लाइन देखो मत, बोलो मत, सुनो मत का नारा पिछले आठ दिन से पूरे बाड़मेर जिले के बच्चे बच्चे की जुबान पर है लेकिन प्रशासन धरने के आठवे दिन आयोजित पशु रैली के बाद हरकत में आया दिख रहा है. कल पशु कल्याण बोर्ड के सदस्य मेहरा राम राईका , पशुपालक शम्भू सिंह शिवकर, भाकर सिंह, धौकल सिंह अगोर , किशन सिंह ने धरना स्थल पर पहुँच कर भूमि अवाप्ति से प्रभावित पशु पालकों और उनके पशुओं के अधिकारों के लिए धरने को समर्थन देते हुए पशु रैली का आयोजन किया जिससे प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया. राइका की अगुवाई शिवकर लिग्नाइट परियोजना से प्रभावित गाँव बाड़मेर आगोर से रैली शुरू हुई जिसमें तकरीबन 1500 भेड़, बकरी, गायें, ऊंट, घोड़े, गधे, आदि पशु शामिल थे. कल पशु रैली की सूचना प्रशासन को मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया था. मौके पर प्रशासन मय पुलिस जाप्ते के पहुंचा और रैली को रोकने का प्रयास किया जिसपर पशुपालक अपने पशुओं के साथ सड़क किनारे बैठ गए और कलेक्ट्री के सामने चल रहे धरने पर समर्थन में धरनास्थल तक यह रैली जाने देने की प्रशासन से इजाजत मांगी जिसके लिए इजाजत नहीं दी गई. बाद में लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा, किसान छगन सिंह, पन्ने सिंह शिवकर, खंगार सिंह, द्वारकाराम, जोगराज सिंह एवं धरनार्थियों का शिष्ट मंडल ने मौके पर जा कर पशुपालकों से समर्थन प्राप्त किया और पशुपालको का धन्यवाद ज्ञापित किया इस पर पशुपालको ने धरनार्थियों को कहा कि पशुपालक जमीन और जानवरों को बचाने के लिए हमेशा साथ रहेंगे !
धरने के मीडिया प्रवक्ता स्वरुप सिंह आगोर ने बताया की प्रशासन की ओर से अधिकारी ने धरने स्थल पर आ कर धरनार्थियों की मांगो के लिए समझाइश की पहल की. बाद में पशुपालकों के साथ धरनार्थियों ने कलेक्टर को अवाप्ति से प्रभावित पशुओं के अधिकारों के लिए ज्ञापन सौपा. लीगल मित्र के बाड़मेर परियोजना अधिकारी विक्रम सिंह तारातरा ने बताया कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज धरना समाप्त होना था लेकिन कोई माकूल कार्यवाही नहीं होने के कारण धरने को अनिश्चित काल के लिए बड़ा दिया गया है


लीगल मित्र के कारण टकराव की स्थिति हटी

इस प्रदर्शन के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब धरना स्थल तक पहुंचने की जिद के चलते किसान सड़क किनारे पर अपने पशुओं के साथ बैठ गये और प्रशासन से मांग करने लगे कि उन्हें कलेक्ट्रेट तक जाने दिया जाए लेकिन लीगल मित्र संस्था के सचिव रितेश शर्मा और अन्य सदस्यों ने मौके पर जा कर पशुपालको से समर्थन प्राप्त किया जिसके कारण शहर में जाम की स्तिथि उत्पन होने से बच गयी.


इनका मिला समर्थन


धरने पर श्री क्षत्रिय युवक संघ के संघ प्रमुख श्री भगवान सिंह रोलसाबसर, जिला प्रमुख मदन कौर ने धरने पर पहुँच कर समर्थन दिया. रोलसाबसर से धरने पर मौजूद लोगो को कहा कि उनका यह संघर्ष ना केवल जनहितार्थ हैं बल्कि हजारो मवेशियों के लिए नवजीवन का कारन बनेगा उन्होंने कहा कि अनीति और अन्याय का विरोध करना मनुष्य का कर्तव्य हैं जिसका निर्वहन करना चाहिए इसमें आने वाली बाधाओं से डरने की बजाय उनसे लड़कर मूल लक्ष्य की और अग्रसर होना चाहिए वहीँ जिला प्रमुख मदन कौर ने भी सरकार से बात करने और भूमि अवाप्ति से किसी के साथ अन्याय ना होने देने का आश्वासन दिया

जयपुर में मिनी सचिवालय में रेप की कोशिश!

जयपुर में मिनी सचिवालय में रेप की कोशिश!

जयपुर। बलात्कार व छेड़छाड़ के मामले में कोर्ट में पेशी पर गई एक महिला के साथ मिनी सचिवालय के अंदर ही बलात्कार करने की कोशिश की गई। पीडित महिला का कहना है कि आरोपी ने उसे उस समय टॉयलेट में खींच लिया, जब वह डीसीपी कार्यालय जा रही थी। वैशाली नगर चित्रकू ट निवासी 25 वर्षीया युवती ने सोमवार को इस सिलसिले में बनीपार्क थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

पुलिस के अनुसार, युवती गुरूवार को कोर्ट में पुराने मामले में पेशी पर आई थी और आरोपी अर्जुनलाल यादव भी गया था। युवती की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी अर्जुन लाल से पूछताछ की, तो उसने खुद को ही पीडित बताते हुए कहा कि बस से उतरते ही कुछ अज्ञात लोग उसके पीछे लग गए थे, जिससे डर कर वो मिनी सचिवालय में चला गया था।

जैसलमेर। 20 लाख की अवैध शराब जब्त

20 लाख की अवैध शराब जब्त
जैसलमेर।     जैसमेर पुलिस ने मंगलवार को पोखरण के पास फलसून रोड पर एक ट्रक से 20 लाख रूपए की अवैध शराब जब्त की। पुलिस अधीक्षक ममता राहुल विश्नोई ने बताया की   यह शराब हरियाणा से गुजरात ले जाई जा रही थी। पुलिस ने मौके से भाग रहे ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

दहेज में कुत्ता और गधा ना बाबा ना!


दहेज में कुत्ता और गधा ना बाबा ना!

बाड़मेर। दहेज में कुत्ता एवं गधा देने की बात कही जाए तो शायद हर कोई इसे मजाक समझेगा। लेकिन यह हकीकत है। इतना ही नहीं दो साल तक संभावित औरत को मांगकर खिलाने की शर्त पूरी करने के बाद गर्भावस्था में सियार का मांस ही उनकी खुशहाल जिन्दगी आधार बनता है। यह अलग बात है कि यह परंपरा महज जोगी जाति के कुछ परिवारों तक ही सिमट गई है। पश्चिमी राजस्थान में घुमक्कड़ एवं भीख मांगकर गुजारा चलाने वाली जोगी जाति के परिवारों के लिए ऐसी परंपराएं आम बात रही है। भले ही इन पर दूसरे लोग विश्वास करें या नहीं। प्रतापनाथ को आज भी अपनी शादी का वो दिन याद है जब उसे दहेज में कुत्त्ते के साथ गधा मिला था। कुत्ता उसे अस्थाई ठिकाने के रखवाली एवं शिकार में मदद के लिए। गधा इसलिए कि वो आसानी से अपना बोरियां-बिस्तर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा से। इसे लिए यह बात भी महज दस पुरानी है जब उसने शादी के लिए अपनी औरत रूपो को दो साल तक कमाकर खिलाया था। उसे बाद रूपो की रजामंदी से ही तो उसकी शादी हुई थी। हालांकि उसे अभी भी मलाल है कि वह अपनी औरत को गर्भावस्था के दौरान सियार का मांस नहीं खिला पाया। हालांकि उसने कोशिश तो की थी परंतु सियार उसकी पकड़ में नहीं आया था। प्रतापनाथ के शब्दों में वो रिवाज अब लगभग खत्म होने को है। शादी की बात हो या अन्य कोई काम इने अपने रिवाज है। आजादी के 55 साल बाद भी न तो इने पास जमीन है। नहीं रहने के आशियाने। खुले आसमान में जीवन यापन करने की मजबूरी के साथ ये कई ऐसे दर्द छुपाएं हुए है। जिन्हें वो बताकर अपना दर्द बढ़ाना भी नहीं चाहते। अब तक मांगकर गुजारा करने वाले इन लोगों को अब भीख भी नहीं मिलती। ऐसे में वे परंपरागत काम छोड़कर अन्य काम अपना रहे है। बावजूद इसे इसमें कई दिक्कतें पेश आ रही है। रही सरकारी मदद की बात वो मिले भी कैसे कईयों के नाम तो राशनकार्ड में भी दर्ज नहीं है। कानाता में डेरा डाले एक बुजुर्ग कानाराम बताते है कि राशनकार्ड ऐसे कुछ जोगियों के बनाए गए है जिन्होंने समय-समय पर पटवारियों एवं सरपंचों वगैरह की बेगार निकाली है। इन लोगों को रोजगार एवं जमीन वगैरह की जरूरत तो है। इससे भी अधिक चिन्ता उन्हें इस बात की है कि जिस परंपरा रूपी विरासत को संभाले हुए है,वो खत्म होती जा रही है। बाड़मेर शहर से दो किमी दूर डेरा डाले कुछ जोगियों ने पेट पालने के लिए पत्थर तोड़ने का काम शुरू कर दिया है। केर के पिछवाड़े में रहने वाले इन लोगों ने यहां बूई एवं बबूल की झाड़ियों से बाड़े बनाए है। जिनकी हालत जानवरों के बाड़े से भी बदत्तर है। वहीं कुछ तो ही खुले आसमान के तले गुजारा कर रहे है। इन्हीं बाड़ों में उनकी दुनिया समाई है इसमें कुत्तो,मुर्गे एवं गधे भी शामिल है। अपनी बदलती परंपरा पर प्रकाश डालते हुए एक बुजुर्ग जोगी केसराराम ने बताया कि अन्य समाजों के दबाब के कारण कुछ स्थानों पर सगाई के दौरान 400 एवं शादी के अवसर पर 1000 रुपए लड़के द्वारा लड़की के पिता को देने की शुरूआत की गई है। लड़के के पहले दो साल साथ में रहने का रिवाज धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। उनके अनुसार अन्य समाजों में शादी के दौरान लड़की के पिता को दहेज देना पड़ता है। परंतु उने यहां लड़का पिता लड़की के पिताको दहेज देता है। तभी जाकर उसकी शादी कराई जाती है। बहरहाल जोगी समाज शुरूआत से चली आ रही अपने रिवाजों को जिन्दा रखने की कोशिश तो कर रहा है। फिर भी यह कोशिश कितनी सफल हो पाएगी यह आने वाला वक्त ही बता पाएगा।

अवैध संबंध के संदेह में पति ने तकिये से मुंह दबाकर मार दिया पत्नी को

जोधपुर.सरदारपुरा क्षेत्र में दो दिन पूर्व पत्नी की हत्या करने के आरोपी पति को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि उसने अवैध संबंधों के संदेह में तकिये से मुंह दबाकर मेघा की हत्या कर दी थी। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है। एसीपी (पश्चिम) प्रीति जैन ने बताया कि मुकेश गोदावत को पत्नी मेघा जैन पर शक था, इसीलिए उसने घर में तकिये से मुंह दबाकर मार डाला।
 
पूछताछ के दौरान मुकेश ने यह बात कबूली है। हालांकि मुकेश ने लूट और हत्या की झूठी कहानी गढ़ी थी, लेकिन घर से कोई कीमती वस्तु गायब नहीं होने के कारण पुलिस को मुकेश पर शक हुआ। एसीपी ने बताया कि मुकेश से सख्ती से पूछताछ की तो उसने कबूल कर लिया कि उसने ही मेघा को अवैध संबंध के शक में मारा है। प्रारंभिक पूछताछ में उसने बताया कि मेघा से उसका अक्सर इसी बात को लेकर झगड़ा होता था।

कई बार उसने उसे समझाया भी, लेकिन मेघा कभी नहीं मानी। दो दिन पहले झगड़ा बढ़ गया तो तकिये से मुंह दबाकर मार डाला। उधर, पुलिस जांच में अब तक यह सामने नहीं आया कि मेघा के किससे संबंध थे। उधर, सोमवार को पुलिस ने हत्या व दहेज प्रताड़ना के मामले में मुकेश को गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि 27 अक्टूबर की रात मेघा जैन की घर में हत्या होने के बाद पिता कांतिलाल सिंघवी ने दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।

निशानेबाजी में लहराया परचम, जिंदगी की लड़ाई में कर दिया समर्पण


नागपुर. निशानेबाजी में स्कूल का नाम रोशन करने वाली छात्रा ने सोमवार को फांसी लगा ली। जरीपटका क्षेत्र में हुई इस घटना के बारे में प्रारंभिक तौर पर पता चला है कि परीक्षा की डर से उसने आत्मघाती निर्णय लिया।
 

मृत अभिलाषा पाटील (14) बेझनबाग निवासी थी। सोमवार की सुबह करीब नौ बजे के दौरान उसने बाथरूम में लगी बल्ली को चुन्नी बांधकर फांसी लगा ली।


तीन बहनों में सबसे छोटी अभिलाषा क्षेत्र के ही महात्मा गांधी स्कूल में कक्षा नौवीं में अध्ययनरत थी। पिता विवेन ठेकेदार हैं, जबकि मां मीना गृहिणी है।

निशानेबाजी में जीता कप

अभिलाषा स्कूल में एनसीसी कमांडेंट थी। गत माह पुणो में आयोजित निशानेबाजी प्रतियोगिता में अभिलाषा स्कूल में तीसरे स्थान पर रही। उसे प्रशस्ति-पत्र व कप से सम्मानित किया गया था।


सोमवार से ही शुरू हुई परीक्षा


सोमवार से ही अभिलाषा की परीक्षाएं शुरू हुई हैं। खेल कूद के अलावा पढ़ाई में भी अभिलाषा अव्वल रही है। घटना के पूर्व वह परीक्षा देने जाने की तैयारी में लगी थी।


बहुत समय बाद भी जब बाथरूम से नहीं निकली तो उसके चाचा व बहनों को संदेह हुआ। बहन ने खिड़की से झांक कर बाथरूम में देखा। दृश्य देख बहन अपूर्वा की चीख निकल गई।


इसके बाद खिड़की तोड़कर बाथरूम में प्रवेश किया गया। अभिलाषा को गंभीर हालत में निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां चकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


टीवी पर देखा था फांसी का दृश्य


पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, करीब चार दिन पहले अभिलाषा घर में टीवी पर कोई कार्यक्रम देख रही थी। उसमें एक युवक को फांसी लगाते हुए दिखाया गया था।



उस दृश्य को देखकर अभिलाषा ने दोनों बहनों से पूछा था कि ऐसा करने से व्यक्ति की सच में मौत होती है? इस पर दोनों बहनों ने उसे फटकार भी लगाई थी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की है।

राठी स्‍टील घराने की बहू की रहस्‍यमयी मौत !

नई दिल्ली. इंदौर के औद्योगिक घराने राठी स्टील घराने की बहू आकांक्षा राठी (32) की 23 अक्टूबर को द्वारका स्थित मायके में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
राठी स्‍टील घराने की बहू की रहस्‍यमयी मौत ! 
मायके वालों ने बताया कि उनकी बेटी ने कपड़े से खुद ही अपना गला घोंट लिया है। परिजनों के बयान को पुलिस संदेह से देख रही है। दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस अतिरिक्त आयुक्त एके ओझा ने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया है, अभी रिपोर्ट आना बाकी है।


पुलिस के मुताबिक 22 अक्टूबर मध्य रात्रि को आकांक्षा को अचेत अवस्था में उसके परिवार वाले वसंत कुंज के रॉकलैंड अस्पताल लेकर आए थे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका के गले में कपड़ा लिपटा हुआ था। अस्पताल से पुलिस को मामले की जानकारी मिली। आकांक्षा राठी स्टील की डायरेक्टर भी थीं।

चार सितंबर को पति अनिरुद्ध राठी की मृत्यु हो जाने के बाद से ही आकांक्षा अपने मायका द्वारका सेक्टर-तीन संसद विहार अपार्टमेंट में अपने परिजनों के साथ रह रही थी। पुलिस के मुताबिक आकांक्षा के परिजनों का कहना है कि पति की मौत के बाद से वह काफी दुखी थी।

22 अक्टूबर की रात को जब वह काफी समय तक कमरे से बाहर नहीं आई तो वह उसके कमरे में गए। देखा कि उसने कपड़े से खुद का गला घोंट लिया है। बेहोशी की हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में दम तोड़ दिया।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया पति की मौत से करीब सप्ताह भर पहले मृतका ने इंदौर पुलिस को ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी। साथ ही मृतक द्वारा खुद अपना गला दबाने की बात भी पुलिस के गले नहीं उतर रही है।

एक बार फिर भागा मांजू, तीन थानों की पुलिस भी नहीं पकड़ पाई!

जोधपुर.भाटेलाई सरपंच व हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू सोमवार दोपहर करीब एक बजे एक बार फिर पुलिस की गिरफ्त में आते-आते रह गया। स्पेशल टीम इंचार्ज व तीन थानों के अधिकारी व जवान मिलकर भी मांजू को नहीं पकड़ पाए। मांजू पुलिस की गाड़ियों को टक्कर मारते हुए भाग निकला। आखिर थक-हारकर शाम को पुलिस खाली हाथ लौट आई।मांजू के साथ उसका एक साथी भी था। इससे पूर्व भी दो बार मांजू पुलिस के हाथ आते-आते रह गया था।
 
पुलिस को सूचना मिली कि हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू अपने एक साथी के साथ स्कॉर्पियो में नारवा से बेरु की तरफ जा रहा है। इस पर पुलिस कमिश्नरेट की स्पेशल टीम के इंचार्ज राजवीर सिंह, प्रतापनगर सीआई देरावर सिंह, रातानाडा एसएचओ सुगन सिंह, चौहाबो एसएचओ अमित सिहाग व सब इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश ने जवानों के साथ प्राइवेट गाड़ियों में सवार होकर बेरु रोड स्थित जाखड़ों की ढाणी के पास कैलाश मांजू को घेर लिया, लेकिन कैलाश मांजू इन गाड़ियों को टक्कर मारते हुए भाग छूटा।

करीब दस-पंद्रह मिनट तक चले घटनाक्रम में पुलिस फिर खाली हाथ रह गई। जोधपुर कमिश्नरेट के डीसीपी (पश्चिम) अजयपाल लांबा ने बताया कि पुलिस ने मांजू का केरु रोड तक पीछा किया, लेकिन वह काफी दूर निकल गया।

दो बार शहर से भी भागा था

बालेसर का हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू कुछ समय पूर्व दो बार शहर में आने के बावजूद पुलिस के हाथ नहीं आया। दोनों बार वह अपने परिवार के साथ आया था। उस दौरान भी पुलिस ने उसे पकड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह हाथ नहीं आया।

क्यों दबाया राजीव की हत्या का सबूत?

क्यों दबाया राजीव की हत्या का सबूत?

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से जुड़े अहम सबूत को दबा दिया गया था। यह दावा किया है मामले की जांच से जुड़े अधिकारी के रागोथामन ने। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि उस समय के आईबी चीफ एमके नारायणन ने राजीव गांधी की हत्या से जुड़े वीडियो को दबाए रखा। इस वीडियो में मानव बम धुन को दिखाया गया है,जो श्रीपेरम्बदुर में राजीव गांधी के पहुंचने से पहले मौजूद थी।

उन्होंने बताया कि वीडियो के गायब होने के मामले की प्राथमिक जांच हो चुकी है। विशेष जांच टीम के प्रमुख डीआर कार्तिकेयन ने पश्चिम बंगाल के मौजूदा गर्वनर नारायणन को छोड़ दिया। हाल ही में प्रकाशित पुस्तक "राजीव गांधी की हत्या की साजिश-सीबीआई की फाइलों के हवाले" में दावा किया गया है कि राजीव गांधी की हत्या के बाद आईबी के वीडियोग्राफर को जो टेप मिला था उसे एसआईटी के साथ कभी शेयर नहीं किया गया। गौरतलब है कि 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी।

रागोथामन ने लिखा है कि हत्यारों का दस्ता करीब ढाई घंटे तक सुरक्षित क्षेत्र में घूमता रहा। वे अपने टारगेट का इंतजार कर रहे थे। बाद में तमिलनाडु पुलिस ने दावा किया था कि धनु राजीव गांधी के आने के बाद सुरक्षित क्षेत्र में घुसी थी। अगर वीडियो दिया गया होता तो पुलिस का दावा गलत साबित होता।

रागोथामन के मुताबिक इस सबूत को दबाए जाने का मकसद कांग्रेस को किसी तरह की शर्मिदगी से बचाना था,क्योंकि उस वक्त लोकसभा चुनाव हो रहे थे। नारायणन पर सबूत छिपाना के आरोप में आईपीसी की धारा 201 के तहत मामला बनता है लेकिन शुरूआती जांच के बाद केस को दबा दिया गया।

बाड़मेर विधायक का वाहन दुर्घटनाग्रस्त

बाड़मेर विधायक का वाहन दुर्घटनाग्रस्त

बाड़मेर। बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन का वाहन सोमवार दोपहर को कवास के निकट एक जीप की टक्कर से दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में किसी को चोट नहीं आई,लेकिन वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।
कवास के निकट विधायक मेवाराम जैन किसी शोक सभा में शरीक होने जा रहे थे। इस दौरान सामने से आ रही जीप से टक्कर हो गई। टक्कर में वाहन क्षतिग्रस्त हो गया,लेकिन किसी को भी चोट नहीं पहुंची।

सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

मेरा पति जरुर लौटकर आएगा


मेरा पति जरुर लौटकर आएगा
बाड़मेर. पच्चीस वर्ष पूर्व लक्ष्मी का पति सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया तो उस पर दु:खों का पहाड़ टूट गया। एक तरफ पति का वियोग तो दूसरी तरफ संतान की परवरिश की जिम्मेदारी। इस अग्नि परीक्षा की घड़ी में लक्ष्मी ने हिम्मत नहीं हारी। विकट परिस्थितियों में जिंदगी से संघर्ष शुरु किया। अपनी संतान पर जान न्यौछावर करने वाली लक्ष्मी ने दिहाड़ी मजदूरी से पालन पोषण किया। उसकी पचीस वर्ष की तपस्या से बेटी व दो बेटों की पढ़ाई के साथ विवाह की महत्वूपर्ण जिम्मेदारी बखूबी निभाते हुए उन्हें पिता की कमी का अहसास तक नहीं होने दिया।

पाकिस्तान के छाछारों के पास स्थित पाणियों गांव से आई लक्ष्मी ने वर्ष 1974 में धनाऊ निवासी भगूसिंह से शादी रचाई। महज ग्यारह साल तक पति का साथ मिला। इस बीच सन् 1985 में भगुसिंह पड़ौसी गांव गोहड़ का तला में पशुओं को चराने के साथ खेती करने की बात कहकर गया था। वह पशु चराते वक्त भूल से सीमा पार कर गया। यह दुखद समाचार मिलते ही लक्ष्मी की पैरों तले जमीन खिसक गई। इस गांव में लक्ष्मी के अलावा परिवार का कोई सदस्य नहीं होने से घर की पूरी जिम्मेदारी लक्ष्मी पर आ गई। वह पति के बिछोह का दर्द सहते हुए एक बेटी व दो बेटों के सहारे जिंदगी का सफर शुरु किया।

उसने कशीदाकारी के कार्य के बदले मिलने वाले मेहनताने से संतान का पालन पोषण शुरु किया। इस दौरान कभी काम नहीं मिलने पर वह भूखे ही सो जाती। संघर्ष के सफर में कई चुनौतियां का सामना करते हुए बच्चों की पढ़ाई शुरु करवाई। इसके साथ ही लक्ष्मी कशीदाकारी के साथ दिहाड़ी मजदूरी पर जाने लगी। धीरे -धीरे वक्त बीतता गया लेकिन लक्ष्मी पर दुखों का साया बना रहा। पति के लौटने की आस में हिम्मत से कार्य करती रही।

इस बीच लक्ष्मी पति की खैर खबर जानने सबसे पहले पुलिस थाना चौहटन पहुंची। जहां पर अपनी फरियाद सुनाई तो केवल आश्वासन देकर रवाना कर दिया। लंबे अर्से बाद जब कोई समाचार नहीं मिला तो फिर वह अपनी फरियाद लेकर तहसील कार्यालय की चौखट पहुंची। उसने अपनी पूरी कहानी सुनाते हुए पति का पता लगाने के साथ सहायता की गुहार लगाई।

यहां भी उसे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। थकी हारी लक्ष्मी ने आखिरी दरखवास्त अपने गांव के मौजिज लोगों के सामने दर्ज करवाई। लेकिन सारे प्रयास विफल रहे। किसी ने भगुसिंह की पैरवी नहीं की। उसने ईश्वर पर पूरा भरोसे रखते हुए अपने बूते बेटी की शादी की। इसके बाद दो बेटों का विवाह कर दिया। तीनों की शादियां से लक्ष्मी कर्जदार बन गई। फिर भी उसने मेहनत कर धीरे -धीरे कर्जा उतारा। आज भी मुफलिसी की जिंदगी जी रही लक्ष्मी नरेगा कार्य पर दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण कर रही है।
कलेक्टर का फरमान बेअसर
तत्कालीन जिला कलेक्टर रवि जैन ने वर्ष 2008 में धनाऊ गांव में रात्रि चौपाल आयोजित की। फरियाद लेकर पहुंची लक्ष्मी ने कलेक्टर को अपना दुखड़ा सुनाया। धनाऊ गांव निवासी अचलसिंह व संजय बोहरा बताते है कि पाक जेलों बंद पांच भारतीय रिहा होकर आ गए। लेकिन भगुसिंह के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।

सुख की आस में बेगानी हो गई. पाकिस्तान के छाछरों के पास स्थित पाणियों गांव में लक्ष्मी का बचपन गुजरा। भारत-पाक युद्ध के बाद हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के चलते कई परिवार सुख की आस में हिन्दुस्तान आ गए। इसमें लक्ष्मी का परिवार भी शामिल था। यहां आकर शादी रचाने के ग्यारह साल बाद पति पाकिस्तान चले जाने से उसकी खुशियां गम में बदल गई।
चिट्ठी आई न कोई संदेशपचीस वर्ष पूर्व पाकिस्तान गए भगुसिंह की न तो कोई चिट्ठी आई है और नहीं कोई संदेश। मां के आंचल में पले अर्जुन व प्रताप को विश्वास है उनके पिता के आने का शुभ समाचार आएगा।

मेरा पति जहां कहीं है, वह जरुर लौटकर आएगा। इसकी आस से मैने आज भी सुहाग की प्रतीक चुडियां पहन रखी है। मैने पच्चीस वर्ष तक संघर्ष करते हुए ईश्वर पर भरोसा किया है। वह मेरे साथ न्याय करेगा।
लक्ष्मी कंवर, पत्नी, भगुसिंह धनाऊ

'भ्रष्टाचारी है मेरा बाप, टिकट दिया तो ठीक नहीं होगा'

'भ्रष्टाचारी है मेरा बाप, टिकट दिया तो ठीक नहीं होगा' 

अमरेली (गुजरात)। गुजरात के सावरकुंडला से भाजपा विधायक कालू विराणी के खिलाफ खुद उनकी बेटी ने मोर्चा खोल दिया है। रीता ऊर्फ अल्पा विराणी ने पिता पर भ्रष्टाचारी होने के आरोप लगाते हुए भाजपा व मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से पुन: टिकट न देने की मांग की है। बकौल रीता, उन्हें पिता से जान का खतरा है। वे लगातार धमकी दे रहे हैं। रविवार सुबह भी पिता व उनके भाई ने धमकाया। टिकट न देने की मांग दोहराते हुए रीता ने कहा कि बावजूद इसके टिकट दिया गया तो वे खुद पिता के खिलाफ प्रचार करेंगी। रविवार को रीता ने संवाददाताओं से बातचीत में उक्त आरोप लगाए।
'भ्रष्टाचारी है मेरा बाप, टिकट दिया तो ठीक नहीं होगा' 


विधायक कालूभाई ने आरोपों को खारिज करते हुए बेटी को मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि 20 साल से बेटी का उपचार करवा रहा हूं। मार कैसे डालूंगा? चुनाव सिर पर हैं। निहित स्वार्थी लोग मेरी बेटी को ढाल बना कर मेरे खिलाफ तथ्यहीन आरोप लगाए हैं। 30 वर्षीय बेटी का विभिन्न शहरों के अस्पतालों में उपचार करवाया है किन्तु स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। 900 करोड़ की संपत्ति जुटाई : रीता ने आरोप लगाया कि उनके पिता का सिंगापुर, गोवा एवं दीव में पिता के होटल हैं। उन्होंने 900 करोड़ की संपत्ति जुटाई है। स्विस बैंक में पिता का खाता होने का भी रीता ने दावा किया है। पेशे से फैशन डिजाइनर रीता के अनुसार सूरत-अहमदाबाद एवं सावरकुंडला में भी पिता की बेशुमार संपत्ति है। फिर भी वे हर काम में भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं। रीता ने पिता कालूभाई को पहली पत्नी की मौत के लिए भी जिम्मेदार ठहराया। रीता ने फैशन डिजाइनिंग के अलावा सिंगापुर से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की है। होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए उन्हें सरकार की ओर से मदद भी मिली थी।

दिल्ली-उदयपुर एक्सप्रेस के इंजन में लगी आग, जंगल में डेढ़ घंटे खड़ी रही ट्रेन



भीलवाड़ा। दिल्ली-उदयपुर चेतक एक्सप्रेस के इंजन में सोमवार अल सुबह तकनीकी खराबी आ जाने से आग लग गई। ट्रेन चालक और गार्ड की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। मगर करीब डेढ़ घंटे तक जंगल में अटकी रही चेतक एक्सप्रेस तीन घंटे देरी से उदयपुर के लिए रवाना हो पाई। वहीं भोपाल-जयपुर ट्रेन दो घंटे तक भीलवाड़ा स्टेशन पर अटकी रही।
 


चेतक एक्सप्रेस के इंजन में भीलवाड़ा स्टेशन से सात किलोमीटर पहले जौधड़ास अंडरब्रिज पर सुबह 4 बजे अचानक आग लग गई। चालक ने ट्रेन रोक दी। घटना के बाद इंजन के पास वाले चार डिब्बों में अफरा-तफरी मच गई। चारों डिब्बे देखते ही देखते खाली हो गए। चालक शिशुपाल ओझा, गार्ड दीपक शर्मा और सहायक ड्राइवर किशन रावत ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए बड़ा हादसा टाल दिया। चालक और सहायक ने लोगों की सहायता से जलते इंजन को ट्रेन से अलग कर दूर किया। धकेलने के दौरान ढलान होने से इंजन ट्रेन से दो किलोमीटर दूर चला गया।



कंट्रोल रूम व स्टेशन पर सूचना मिलते ही पुलिस व दमकल मौके पर पहुंची। सुबह 4.10 पर लगी आग पर 5 बजे काबू पाया गया। भीलवाड़ा से दूसरा इंजन भेजकर लाइन खाली कराई गई। लांबिया स्टेशन से मालगाड़ी का इंजन मंगवा दिल्ली-उदयपुर चेतक एक्सप्रेस को मांडल स्टेशन पहुंचाया गया। हादसे के बाद सुबह 4.06 बजे से भीलवाड़ा स्टेशन पर अटकी भोपाल-जयपुर ट्रेन को सुबह 6.30 बजे रवाना किया गया। ट्रैक पर हालात सामान्य होने पर चेतक एक्सप्रेस को उदयपुर के लिए सुबह 7.20 बजे मांडल स्टेशन से रवाना किया गया। घटना के बाद वरिष्ठ मंडल यांत्रिकी अभियंता पावर सत्यवीर सिंह यादव, लोको इंस्पेक्टर दिनेश शर्मा व राजेंद्र बुढ़ाना ने जांच शुरू की। आग का कारण इंजन के रबर फ्यूल पाइप में लीकेज बताया गया है।