जोधपुर.भाटेलाई सरपंच व हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू सोमवार दोपहर करीब एक बजे एक बार फिर पुलिस की गिरफ्त में आते-आते रह गया। स्पेशल टीम इंचार्ज व तीन थानों के अधिकारी व जवान मिलकर भी मांजू को नहीं पकड़ पाए। मांजू पुलिस की गाड़ियों को टक्कर मारते हुए भाग निकला। आखिर थक-हारकर शाम को पुलिस खाली हाथ लौट आई।मांजू के साथ उसका एक साथी भी था। इससे पूर्व भी दो बार मांजू पुलिस के हाथ आते-आते रह गया था।
पुलिस को सूचना मिली कि हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू अपने एक साथी के साथ स्कॉर्पियो में नारवा से बेरु की तरफ जा रहा है। इस पर पुलिस कमिश्नरेट की स्पेशल टीम के इंचार्ज राजवीर सिंह, प्रतापनगर सीआई देरावर सिंह, रातानाडा एसएचओ सुगन सिंह, चौहाबो एसएचओ अमित सिहाग व सब इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश ने जवानों के साथ प्राइवेट गाड़ियों में सवार होकर बेरु रोड स्थित जाखड़ों की ढाणी के पास कैलाश मांजू को घेर लिया, लेकिन कैलाश मांजू इन गाड़ियों को टक्कर मारते हुए भाग छूटा।
करीब दस-पंद्रह मिनट तक चले घटनाक्रम में पुलिस फिर खाली हाथ रह गई। जोधपुर कमिश्नरेट के डीसीपी (पश्चिम) अजयपाल लांबा ने बताया कि पुलिस ने मांजू का केरु रोड तक पीछा किया, लेकिन वह काफी दूर निकल गया।
दो बार शहर से भी भागा था
बालेसर का हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू कुछ समय पूर्व दो बार शहर में आने के बावजूद पुलिस के हाथ नहीं आया। दोनों बार वह अपने परिवार के साथ आया था। उस दौरान भी पुलिस ने उसे पकड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह हाथ नहीं आया।
पुलिस को सूचना मिली कि हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू अपने एक साथी के साथ स्कॉर्पियो में नारवा से बेरु की तरफ जा रहा है। इस पर पुलिस कमिश्नरेट की स्पेशल टीम के इंचार्ज राजवीर सिंह, प्रतापनगर सीआई देरावर सिंह, रातानाडा एसएचओ सुगन सिंह, चौहाबो एसएचओ अमित सिहाग व सब इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश ने जवानों के साथ प्राइवेट गाड़ियों में सवार होकर बेरु रोड स्थित जाखड़ों की ढाणी के पास कैलाश मांजू को घेर लिया, लेकिन कैलाश मांजू इन गाड़ियों को टक्कर मारते हुए भाग छूटा।
करीब दस-पंद्रह मिनट तक चले घटनाक्रम में पुलिस फिर खाली हाथ रह गई। जोधपुर कमिश्नरेट के डीसीपी (पश्चिम) अजयपाल लांबा ने बताया कि पुलिस ने मांजू का केरु रोड तक पीछा किया, लेकिन वह काफी दूर निकल गया।
दो बार शहर से भी भागा था
बालेसर का हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू कुछ समय पूर्व दो बार शहर में आने के बावजूद पुलिस के हाथ नहीं आया। दोनों बार वह अपने परिवार के साथ आया था। उस दौरान भी पुलिस ने उसे पकड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह हाथ नहीं आया।
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