शनिवार, 1 सितंबर 2012

सेक्स के लिए क्लर्क को बनाया मैनेजर!

सेक्स के लिए क्लर्क को बनाया मैनेजर!

जयपुर। राजस्थान की राजधानी में शनिवार को एक अय्यासी की "फेक्ट्री" का भांडाफोड हुआ है। फेक्ट्री मालिक यहां अपनी महिलाकर्मियों को प्रमोशन का लालच देकर हवश का शिकार बनाता था। पुलिस में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार प्रमोशन की इसी योग्यता के आधार पर एक महिला क्लर्क को कंपनी की मैनेजर बना दिया गया। लेकिन अब उसी मैनेजर ने आरोपी उद्योपति के खिलाफ पुलिस थाने पहुंच कर रिपोर्ट दर्ज कराई है।

जयपुर पुलिस के अनुसार यह "फेक्ट्री" यहां विश्वकर्मा इंडस्ट्रीयल एरिया में स्थिति है। फेक्ट्री मालिक पर उसी की मैनेजर ने देहशोषण आरोप लगाया है। महिला की ओर से दर्ज रिपोर्ट में लिखा है कि है कि फैक्ट्री मालिक कई सालों से उसका देहशोष्ाण करता रहा है और ऎसी वह अकेली पीडिता नहीं है।

टोंक फाटक निवासी 38 साल की यह महिला पिछले कई सालों से विश्वकर्मा के रोड न. 9 स्थित इस फैक्ट्री में कार्यरत है। उसने आरोप लगाया है कि क्लर्क के पद पर काम की शुरूआत करने के बाद उसे कई तरह का प्रलोभन देकर फैक्ट्री मालिक ने मैनेजर बना दिया। पिछले तीन-चार साल से फैक्ट्री मालिक उसका देहशोष्ाण करता था।

पैसों के लिए शर्लिन ने किया सेक्स

पैसों के लिए शर्लिन ने किया सेक्स

मुंबई। एडल्ट मैगजीन "प्लेब्वॉय" के लिए न्यूड होने वाली मॉडल शर्लिन चोपड़ा एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वह किसी सैक्सी फोटो को लेकर नहीं बल्कि पैसे लेकर सेक्स करने को लेकर चर्चा में है। खुद शर्लिन ने कहा है कि अब भी उसे इस काम के लिए आफॅर आते हैं।

शर्लिन ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर पहले "जस्ट अ गर्ल" लिखा जिसको स्वीकारते हुए टि्वट किया कि डियर ऑल,सबसे पहले मैं यह क्लियर कर देना चाहती हूं कि इन कनफेशंस का मकसद पब्लिक सिम्पथी बटोरना नहीं है। इनका मकसद यह भी नहीं है कि बुरी लड़की अच्छी बन गई। मैं कुछ बताना चाहती हूं।

उसने लिखा कि मुझे अब भी अपने टि्वटर अकाउंट पर ऎसे कई लोगों के ऑफर मिलते हैं जो पैसे देकर मेरे साथ सेक्स करना चाहते है। वहीं इस बात को भी कबूला कि मैं कई बार पैसों के लिए सेक्स कर चुकी हूं और मैं सेक्स को उस वक्त एंजॉय करती हूं। गौरतलब है कि शर्लिन ने प्लेब्वॉय मैगजीन के लिए कुछ समय पहले न्यूड फोटो शूट करवाया था।

प्रसव के दौरान अस्‍पताल में बनाया महिला का एमएमएस!

प्रसव के दौरान अस्‍पताल में बनाया महिला का एमएमएस!  प्रसव के दौरान अस्‍पताल में बनाया महिला का एमएमएस! 

दुर्ग. छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर आजकल एक अश्‍लील पूल पार्टी आयोजित होने के चलते विवाद और चर्चा में है ही, अब दुर्ग में भी शर्मसार होने वाली एक घटना सामने आई है। यहां के जिला अस्पताल के कर्मचारियों पर एक महिला का प्रसव के दौरान एमएमएस बनाने का आरोप लगा है। हद तो यह है कि आरोपों से नाराज अस्पतालकर्मी मरीजों की जान से खेलने लगे हैं। डॉक्टर्स भी उनका साथ दे रहे हैं। शुक्रवार को अस्‍तपाल के तमाम कर्मचारी और डॉक्‍टर, दोनों कुछ घंटों के लिए हड़ताल पर चले गए। सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक अस्पताल में काम ठप रहा। इस दौरान आए मरीजों, यहां तक कि प्रसव के लिए आईं महिलाओं को भी लौटा दिया गया।


27 अगस्त को कैंप-1 भिलाई की शबनम बानो को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। प्रसव वार्ड में डॉक्टर समेत 11 लोग थे। शबनम की जेठानी खुर्शीद ने यह शिकायत की थी कि शबनम के प्रसव के दौरान वहां मौजूद अस्पताल के स्टाफ द्वारा मोबाइल से वीडियो क्लिपिंग तैयार की जा रही थी। इसका विरोध करने पर वहां मौजूद स्टाफ नर्स ने उनके साथ बदसलूकी की और धमकाया। मामले में 29 अगस्त को खुर्शीद की रिपोर्ट पर 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। अस्पताल प्रबंधन ने उसी दिन 7 लोगों को सस्पेंड कर दिया। अब अस्‍पताल के डॉक्‍टर्स और कर्मचारी निलंबन का विरोध कर रहे हैं।
विरोध में दोनों स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन और डॉक्टर्स के संगठन एक हो गए हैं। शुक्रवार को चिकित्सा अधिकारी संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ व स्वास्थ्य एवं बहुद्देशीय कर्मचारी संघ ने एकजुट होकर जिला अस्पताल से रैली निकाली और नारेबाजी करते हुए कलेक्टरेट पहुंचे। अस्पताल में कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सभी निलंबित कर्मचारियों व इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट्स का निलंबन वापस नहीं लिया गया तो सोमवार को फिर रैली निकालकर विरोध करेंगे।
डॉक्‍टर्स और कर्मचारी दोपहर 12 बजे ड्यूटी पर लौटे। इस दौरान मरीजों को खासी परेशानी हुई। इमरजेंसी के लिए तैनात डॉक्टर्स ने सामान्य मरीजों की जांच न कर उन्हें बैरंग लौटा दिया। इस बीच प्रसव के लिए आईं दो मरीजों को भी सीधे लौटा दिया गया। डॉक्‍टर और कर्मचारी हड़ताल को जायज ठहरा रहे हैं वहीं सिविल सर्जन का कहना है कि आरोपों की जांच करवाई जा रही है और जल्‍द ही स्थिति साफ हो जाएगी। 
 कर्मचारियों ने यह भी मांग की कि यदि जांच में एमएमएस बनाने की बात गलत साबित होती है तो शिकायत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए। जचकी के दौरान काम में बाधा डाली गई। वहां 6 महिलाएं भर्ती थीं। व्यवधान होने से अगर किसी के साथ अप्रिय स्थिति निर्मित होती तो इसका जवाबदार कौन होता। ऐसी हालत में तो कर्मचारी असुरक्षित रहेंगे। कर्मचारियों के बारे में कोई नहीं बोल रहा है। सब अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने में लगे हैं। गलत रंग देकर राजनीति से जुड़े लोगों ने बहुत गलत किया है।   चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष डॉ. अनिल अग्रवाल ने कहा कि एमएमएस बनाने का आरोप बेबुनियाद है। इसे बेवजह तूल दिया गया, जिससे डॉक्टर्स व कर्मचारियों का मनोबल गिरा है। जिला अस्पताल की छवि को आघात लगा है। केवल आरोप लगाने पर ही अस्पताल प्रबंधन ने 11 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। बेहतर होता कि जांच के बाद कार्रवाई की जाती।



गहलोत की सियासती चाल से मारवाड़ की जाट राजनीती में आया भूचाल


गहलोत की सियासती चाल  से मारवाड़ की जाट राजनीती में आया भूचाल

बाड़मेर कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गाँधी के बाड़मेर दौरे ने कांग्रेस में असंतुष्टो की खाई को और छोड़ा कर दिया .सोनिया के दौरे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा संसद हरीश चौधरी को प्रमुख जात नेता के रूप में सोनिया के समक्ष प्रस्तुत कर नए विवाद को जन्म दे दिया .गहलोत की यह चल वरिष्ठ जाट नेताओ राजस्व मंत्री हेमा राम चौधरी ,कर्नल सोनाराम चौधरी ,अल्प्संखयक मामलात मंत्री अमीन खान को तथा उनके समर्थको को फूटी आँख नहीं सुहाया .गहलोत जात विरोधी मने जाते रहे हें ,जिस प्रकार विधान सभा चुनावो में उन्होंने जात उम्मीदवारों का सफाया किया बाद में परसराम मदेरण परिवार को कांग्रेस की राजनीति से दरकिनार किया ,अब वैसी हालत बाड़मेर के जात नेताओ की लग रही हें ,गहलोत ने हेमाराम चौधरी और कर्नल सोनाराम को दरकिनार कर संकेत दिया की उनके समर्थक जात नेताओ की ही उनके राज में चंडी होगी ,सोनिया के दौरे में जात नेताओ के साथ हुए रूखे व्यवहार से समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता खासे नाराज़ हें ,कार्यकर्ताओ का विरोध समाचार पत्रों की दहलीज़ तक पहुँच गया .गहलोत हरीश चौधरी को मारवाड़ की राजनीती में जातो का कद्दावर नेता बनाने में जुटे हें ,ऐसे में कांग्रेस के पुराने वफादार जात नेताओ में अपने राजनितिक भविष्य को लेकर खलबली मच गई हें ,गहलोत का ,मेवाराम जैन को तवज्जो देना नए समीकरणों का आगाज़ हें ,


कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाड़मेर और जयपुर दौरे में पार्टी के अंदरूनी सियासत के तनाव और बदले हुए समीकरण खुलकर सतह पर आए। प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान को जहां मंच पर बिठाने के बावजूद बोलने का मौका नहीं दिया गया, वहीं सरकार में वरिष्ठ मंत्री हेमाराम चौधरी और विधायक कर्नल सोनाराम जैसे नेता नीचे से निहारते रहे।

मंच पर पार्टी के सांसद हरीश चौधरी का सियासी सिक्का चला। इसे हैरानीजनक इसलिए माना गया कि पिछले दिनों सीडी कांड में चर्चित हुए विधायक मेवाराम जैन ने सोनिया का आभार जताया और केंद्रीय मंत्री तथा प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक के बार-बार कुर्ता खींचने के बावजूद सरकार की तारीफों के जमकर पुल बांधे।  कांग्रेस के नए-पुराने प्रमुख नेताओं से बात कर इन समीकरणों को समझने की कोशिश की तो सोनिया के दौरे में कांग्रेस का नया सियासी चेहरा सामने आया। पूरे संसाधन झोंककर भीड़ जुटाने की कोशिश की गई, ताकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पांव और ज्यादा मजबूती से जमाए रख सकें। अलबत्ता, वे जहां बाड़मेर में बेहतर पॉलिटिकल मैनेजर होने का संदेश दे गए, वहीं जयपुर में उनका सफल शो उस समय दरक गया, जब अफसरों की लीपापोती से नाराज लोग सामने आए। पहले गहलोत के न चाहते हुए विरोधी जयपुर में सोनिया का कार्यक्रम बनवाने में सफल रहे। इससे उनके सियासी प्रबंधन को धक्का लगा। अब कांग्रेस के सियासी समीकरण आने वाले दिनों में करवट बदलते नजर आ रहे हैं।

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स्वर्णनगरी में तय हुआ हेरिटेज रूट


स्वर्णनगरी में तय हुआ हेरिटेज रूट



 जैसलमेर   स्वर्णनगरी भ्रमण पर आने वाले सैलानी अब हेरिटेज वॉक करते हुए शहर का भ्रमण करेंगे। रास्ते में कलात्मक हवेलियां, नक्काशीदार मकान और अन्य कई ऐतिहासिक स्थान उन्हें नजर आएंगे। मुख्यमंत्री की बजट घोषणा में जैसलमेर में हेरिटेज वॉक के लिए 50 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। अब तक ठंडे बस्ते में नजर आ रही इस योजना पर अब कार्य शुरू हो गया है। पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन द्वारा हेरिटेज वॉक का रूट तय कर दिया गया है। इस पर प्रस्ताव बनाए जाकर 50 लाख रुपए खर्च होंगे।

यह रहेगा रूट

हेरिटेज वॉक के लिए रूट तय कर दिया गया है। जिसके तहत किले के मुख्य द्वार से होकर सालमसिंह की हवेली, शारदा पाड़ा, पटवा हवेली, नथमल हवेली और मुख्य बाजार होते हुए वापस किले के द्वार तक के मार्ग को हेरिटेज वॉक घोषित किया गया है। सैलानी किले के द्वार से रवाना होकर सालमसिंह की हवेली को देखते हुए शारदा पाड़ा में जैसलमेरवासियों का रहन सहन तथा यहां बने मकानों को निहारेंगे। इसके बाद भीतरी हिस्से से ही पटवों की हवेली पहुंचेंगे और उसके बाद नथमल हवेली को देखते हुए मुख्य बाजार में प्रवेश करेंगे।
हेरिटेज रूट पर भ्रमण करेंगे सैलानी निर्धारित किए गए रास्ते का होगा काया कल्प

50 लाख से होगा कायाकल्प

शहरी क्षेत्र में निर्धारित किए गए हेरिटेज वॉक के रास्ते का 50 लाख की लागत से कायाकल्प किया जाएगा। पर्यटन विभाग की ओर से इस मार्ग पर विशेष इंतजाम किए जाएंगे। आकर्षक लाइटिंग, रोड व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। इस रास्ते पर चलने वाले सैलानी जैसलमेर की कलात्मकता व ऐतिहासिकता से रूबरू होंगे।

वास्तविक जैसलमेर को निहारेंगे सैलानी
हेरिटेज वॉक का उद्देश्य यही है कि यहां आने वाले सैलानियों को वास्तविक जैसलमेर से रूबरू करवाया जाए। सैलानी इस मार्ग पर चलते हुए कलात्मक हवेलियों के साथ साथ यहां के लोगों की जीवन शैली को भी करीब से निहारेंगे। साथ ही इस मार्ग पर पर्यटन व्यवसायियों का अड्डा भी बन जाएगा। रास्ते भर में कई दुकानें व शो रूम खुल सकते हैं।

यह समस्या भी आ सकती है सामने

हेरिटेज वॉक के रास्ते में कई इलाके रहवासी भी है। इन रास्तों में सैलानियों को हेरिटेज लुक से रूबरू करवाना है। ऐसे में यहां के वाशिंदों को अपने मकानों का बाहरी हिस्सा जैसलमेरी शैली में ही रखना होगा। सूत्र बताते हैं कि इस मार्ग पर पुरातत्व विभाग भी देखरेख कर सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि किसी को मकान आदि की मरम्मत व निर्माण करवाने के लिए स्वीकृति लेनी पड़े। वर्तमान में किले के नजदीकी क्षेत्रों में यह परेशानी बनी हुई है और अब हेरिटेज वॉक पर भी यह परेशानी लोगों के सामने आ सकती है।