शनिवार, 1 सितंबर 2012

स्वर्णनगरी में तय हुआ हेरिटेज रूट


स्वर्णनगरी में तय हुआ हेरिटेज रूट



 जैसलमेर   स्वर्णनगरी भ्रमण पर आने वाले सैलानी अब हेरिटेज वॉक करते हुए शहर का भ्रमण करेंगे। रास्ते में कलात्मक हवेलियां, नक्काशीदार मकान और अन्य कई ऐतिहासिक स्थान उन्हें नजर आएंगे। मुख्यमंत्री की बजट घोषणा में जैसलमेर में हेरिटेज वॉक के लिए 50 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। अब तक ठंडे बस्ते में नजर आ रही इस योजना पर अब कार्य शुरू हो गया है। पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन द्वारा हेरिटेज वॉक का रूट तय कर दिया गया है। इस पर प्रस्ताव बनाए जाकर 50 लाख रुपए खर्च होंगे।

यह रहेगा रूट

हेरिटेज वॉक के लिए रूट तय कर दिया गया है। जिसके तहत किले के मुख्य द्वार से होकर सालमसिंह की हवेली, शारदा पाड़ा, पटवा हवेली, नथमल हवेली और मुख्य बाजार होते हुए वापस किले के द्वार तक के मार्ग को हेरिटेज वॉक घोषित किया गया है। सैलानी किले के द्वार से रवाना होकर सालमसिंह की हवेली को देखते हुए शारदा पाड़ा में जैसलमेरवासियों का रहन सहन तथा यहां बने मकानों को निहारेंगे। इसके बाद भीतरी हिस्से से ही पटवों की हवेली पहुंचेंगे और उसके बाद नथमल हवेली को देखते हुए मुख्य बाजार में प्रवेश करेंगे।
हेरिटेज रूट पर भ्रमण करेंगे सैलानी निर्धारित किए गए रास्ते का होगा काया कल्प

50 लाख से होगा कायाकल्प

शहरी क्षेत्र में निर्धारित किए गए हेरिटेज वॉक के रास्ते का 50 लाख की लागत से कायाकल्प किया जाएगा। पर्यटन विभाग की ओर से इस मार्ग पर विशेष इंतजाम किए जाएंगे। आकर्षक लाइटिंग, रोड व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। इस रास्ते पर चलने वाले सैलानी जैसलमेर की कलात्मकता व ऐतिहासिकता से रूबरू होंगे।

वास्तविक जैसलमेर को निहारेंगे सैलानी
हेरिटेज वॉक का उद्देश्य यही है कि यहां आने वाले सैलानियों को वास्तविक जैसलमेर से रूबरू करवाया जाए। सैलानी इस मार्ग पर चलते हुए कलात्मक हवेलियों के साथ साथ यहां के लोगों की जीवन शैली को भी करीब से निहारेंगे। साथ ही इस मार्ग पर पर्यटन व्यवसायियों का अड्डा भी बन जाएगा। रास्ते भर में कई दुकानें व शो रूम खुल सकते हैं।

यह समस्या भी आ सकती है सामने

हेरिटेज वॉक के रास्ते में कई इलाके रहवासी भी है। इन रास्तों में सैलानियों को हेरिटेज लुक से रूबरू करवाना है। ऐसे में यहां के वाशिंदों को अपने मकानों का बाहरी हिस्सा जैसलमेरी शैली में ही रखना होगा। सूत्र बताते हैं कि इस मार्ग पर पुरातत्व विभाग भी देखरेख कर सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि किसी को मकान आदि की मरम्मत व निर्माण करवाने के लिए स्वीकृति लेनी पड़े। वर्तमान में किले के नजदीकी क्षेत्रों में यह परेशानी बनी हुई है और अब हेरिटेज वॉक पर भी यह परेशानी लोगों के सामने आ सकती है।

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