मंगलवार, 2 अगस्त 2011

एस डी एम नयायालय सें फाईलें चोरी


एस डी एम नयायालय सें फाईलें चोरी 

बाडमेर सीमावर्ती बाडमेर जिला मुख्यालय पर स्थ्ति एस डी एम न्यायालय गुउामालानी कार्यालय से महत्वपूर्ण फाईले चोरी होने का मामला मंगलवार को सीटी कोतवाली थानें में दर्ज किया गया जबकि प्राथमिकी उप खण्ड अधिकारी द्घारा सोमवार को ही थानें में दे दी थी।तकनीकि कारण सें कल मामला दर्ज नही हो पाया।जबकि पुलिस ने फाईले चोरी करने के आरोप में सोमवार को ही एक जने को दस्तायाब कर लिया था।उप खण्ड अधिकारी विनीता सिंह नें बताया कि रविवार को कार्यालय से फाईले चोरी होने किी जानकारी कार्मिको द्घारा देने पर सोमवार को थाने में मामला दर्ज कराने के लिऐ प्राथमिकी भिजवा दी थी।मामला दर्ज हो गया हैंहालाकि चोरी के आरोपी को गिरफतार कर फाईले बरामद कर ली हैं।जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि यह गम्भीर मामला हैं।यह कार्यालय कलेक्अर परिसर में हैं,जहॉ दिन भर भीड भाड रहती हैंऐसे में फाईले चोरी होना गम्भीर मामला हें।सोमवार को एफ आई आर देने के बाद भी मामला सोमवार को ही दर्ज हो जाना चाहिऐ था।ऐसा क्यों नही हुआ,इसकी जांच कीाई जाऐगी।पूलिस अधीक्षक संतोश चालके ने बताया कि तकनीकि कमी के कारण सोमवार को मामला दर्ज नही किया एआज मामला दर्ज कर लिया हें हालांकि आरोपी को सोमवार को ही पकड लिया था। 

जज रह गए दंग, 100 साल में बनी ब्यूटी क्वीन

100 साल की फेल्मा श्रिमशायर इस साल की मिस अलबामा नर्सिग होम पेजेंट चुनी गई हैं। बुजुर्ग महिलाओं के इस ब्यूटी कॉन्टेस्ट में 75 महिलाओं ने हिस्सा लिया था।
हूवर के विनफ्रे होटल में प्रतियोगी जमा हुए थे। यहां जजों के सामने उन्हें 15 मिनट का इंटरव्यू देना था। जिसमें जज किसी भी तरह के सवाल पूछ सकते थे।
फेल्मा की कहानी ने जजों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। वे द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सेना में काफी समय काम कर चुकी हैं। इसके बाद वे 1976 में सिविल सर्विसेस जॉब से रिटायर हुईं। अपनी जिंदगी में वे अमेरिका के सभी 50 राज्य, कनाडा के हर प्रांत और लगभग पूरे यूरोप का दौरा कर चुकी हैं।

नाबालिग छात्रा एक युवक के हवस का शिकार...तीन माह का गर्भ


कांकेर.स्कूल जाने के दौरान विगत दस माह से नाबालिग छात्रा एक युवक के हवस का शिकार होती रही। मामला तब उजागर हुआ जब युवती स्कूल में उल्टीयां करने लगी। नाबालिग बेटी को तीन माह का गर्भ ठहरने की बात सुनकर पिता को सदमा लग गया जिसका उपचार चारामा अस्पताल में चल रहा है।

मामले में गांव में बैठक भी अयोजित की गई लेकिन प्रमुखजन पीड़ित छात्रा की मदद के लिए सामने नहीं आए। अंतत: परिवार ने एक समाज सेवी संस्था के कार्यकर्ताओं से संपर्क किया जिसके बाद आरोपी युवक के खिलाफ चारामा थाना में शिकायत दर्ज कराई गई।

घटना चारामा थानांतर्गत ग्राम मयाना के कक्षा सातवीं की एक 14 वर्षीय नाबालिग छात्रा की है। छात्रा अन्य बच्चों की तरह अपने गांव से लिलेझर स्थित स्कूल में पढ़ने जाती थी। ग्राम लिलेझर के युवक ओम कृष्णा उर्फ पिंटु यादव की नजर युवती पर पड़ी। छात्रा के स्कूल आने जाने के दौरान युवक रास्ते उससे छेड़छाड़ करने लगा।

छात्रा डर तथा शर्म के कारण इसकी शिकायत किसी से नहीं कर पाई। अक्टूबर 2010 में गांव स्कूल से लौटने के दौरान युवक ने छात्रा को पकड़ कर नदी में उससे जबरदस्ती संबध बनाया तथा किसी को बताने पर उसे जान से मारकर नदी में गाड़ा देने की धमकी दी।

इसके बाद युवक लगातार छात्रा का शारीरिक शोषण करता रहा। वर्तमान में जब छात्रा को स्कूल उल्टीयां हुई जो बार-बार होती रही। उल्टीयां होने पर छात्रा का स्वास्थ्य खराब समझ कर शिक्षक ने उसे स्कूल से छुट्टी दे दिया तथा परिजनों को सूचना की गई। परिजनों जब छात्रा के स्वास्थ्य की जांच कराई तो उसे तीन महीने का गर्भ ठहरना बताया गया।

घटना से क्षुब्ध पिता ने इसकी जानकारी चारामा की समाज सेविका बसंती ओझा तथा कांकेर की पुष्पा विश्वकर्मा को दी। समाज सेविका के पहल पर छात्रा के पिता ने पुलिस में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ धारा 376 तथा 506 के तहत अपराध पंजीबध्द किया। युवक अब तक पुलिस के गिरफ्त से बाहर है।

गुजरात में परमाणु रियेक्टर में रिसाव

गुजरात में परमाणु रियेक्टर में रिसाव 
 

सूरत। गुजरात के काकरापार परमाणु संयंत्र में विकिरण रिसाव की घटना सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक सूरत के पास काकरापार परमाणु रियेक्टर में काम करने के दौरान चार मजदूर इस रिसाव की जद में आ गए। 

30 मई, 2011 करे सात मजदूर सुरंग में पुताई का काम करने के दौरान यह हादसा हुआ। न्यूक्लियर पावर कोरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड का कहना है कि मानवीय भूल के कारण यह रिसाव हुआ है। 

प्रशासन का कहना है कि विकिरण की जद में आए कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है। गौरतलब है कि कर्मचारियों के जिला प्रशासन को इलाज नहीं करवाने की सूचना पर मामले सामने आया। यह रिसाव सालाना होने वाले रिसाव से छह गुना ज्यादा बताया जा रहा है

बेटे के साथ महिलाकी जलकर मौत

बुलंदशहर के धरारी गांव में 2 साल के बेटे के साथ महिलाकी जलकर मौत हो गई। वहीं , महिला के मायके वालों नेआरोप लगाया है कि दहेज की मांग पूरी न होने पर दोनोंकी हत्या की गई है। पुलिस मामले को खुदकुशी बता रहीहै। अभी घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है।

खुर्जा देहात थाना क्षेत्र के धरारी गांव के रहने वाले योगेंद्रकी शादी 5 साल पहले पूनम से हुई थी। महिला केमायकेवालों का आरोप है कि शादी के बाद से ही योगेंद्र 50हजार रुपये व एक बाइक की मांग कर रहा था। मगर वेइतना दहेज देने की स्थिति में नहीं थे। आरोप है कि दहेजकी मांग पूरी नहीं हुई तो योगेंद्र ने सोमवार सुबह पूनम केऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। जिसमें उसकी व उसके बेटे की मौत हो गई। एसएसपी ने बताया किघरेलू कहल में पूनम ने अपने ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाई। अपनी मां को जलता देख 2 साल काबच्चा अभिषेक उससे लिपट गया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। थानाध्यक्ष संजय पांडे का कहना है कि जांचके बाद रिपोर्ट दर्ज कर ली जाएगी। 

प्रेमी युगल ने कीटनाशक पी लिया


मोहनगढ़। कस्बे के नहरी क्षेत्र में सोमवार सुबह एक प्रेमी युगल ने कीटनाशक पी लिया। दोनों को बेहोशी की हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां उनका उपचार चल रहा है। हनुमानगढ़ के टिबी थाने से आए सहायक उपनिरीक्षक गिरधारीलाल ने बताया कि हनुमानगढ़ निवासी एक व्यक्ति ने अपनी 15 वर्षीया पुत्री के गुमशुुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। खोजबीन करते हुए हनुमानगढ़ का पुलिस दल नहरी क्षेत्र के मसूरिया माइनर पहुंचा, जहां उन्हे झाडियो मे वह बालिका और श्रवण (23) बेहोशी की हालत में मिले।
उनके पास तीन कीटनाशक के डिब्बे भी मिले। लड़के के भाई अनंतराम ने बताया कि करीब सात दिन पहले दोनों ही अपने खेत में पानी लगाने के बहाने निकले थे, लेकिन वापस वहां नहीं पहुंचे। युवक-युवती के अचेत अवस्था मे मिलने की जानकारी मिलने पर सोमवार सुबह करीब 10 बजे मसूरिया माइनर पर पुलिस एएसआई गिरधारीलाल, रणजीतपुरा सरपंच मदनलाल व प्रेमी युगल के परिजन पहुंचे

रानी गिरधर कुमारी का निधन,हार्दिक श्रधांजलि


रानी गिरधर कुमारी का निधन,हार्दिक श्रधांजलि 

जैसलमेर & पूर्व महारावल जवाहरसिंह की पुत्र वधु एवं हुकमसिंह की धर्मपत्नी रानी साहिबा गिरधरकुमारी का निधन सोमवार सुबह 5 बजे जयपुर में हो गया। वे लम्बे समय से अस्वस्थ चल रही थी और उनका जयपुर में इलाज चल रहा था। सोमवार रात्रि तक उनकी पार्थिव देह जैसलमेर लाई जाएगी और मंगलवार की सुबह बड़बाग में अंतिम संस्कार किया जाएगा।जैसलमेर निवासी उनके प्यार और स्नेह से वंचित हो गए ..भगवन उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे 

सीआईडी ने कहा पुलिस की जांच सही


आरटीआई कार्यकर्ता मंगलाराम के साथ मारपीट 
सीआईडी ने कहा पुलिस की जांच सही

बाड़मेर आरटीआई कार्यकर्ता मंगलाराम के साथ मारपीट करने और लंबे समय तक चले धरने प्रदर्शन के बाद सीआईडी से जांच कराने की मांग को लेकर समाप्त हुए धरने में नया मोड़ आ गया है। 

सीआईडी(क्राइम ब्रांच) ने इस पूरे मामले में जांच के बाद जिला पुलिस की ओर से किए गए अनवेक्षण को सही करार दिया है। गौरतलब है कि इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ ही उनके चालान पेश कर दिए थे। मगर आरटीआई कार्यकर्ता ने बामणौर सरपंच गुलाम शाह पर मारपीट का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन कर उसे गिरफ्तार करने की बात मांग की थी। पुलिस ने इस पूरे मामले में आठ बार जांच कराई और हर बार सरपंच गुलाम शाह को निर्दोष माना। बाद में आंदोलन समाप्त करने के लिए इस पूरे मामले की जांच सीआईडी से कराने की बात हुई।
 

ञ्च‘पुलिस की जांच पर सीआईडी ने भी सही की मोहर लगा दी है। पुलिस ने इसे पूरे मामले को संजीदगी से इनवेस्टीगेशन किया था। जिन लोगों को पुलिस पर भरोसा नहीं था उन्हें अब करना चाहिए।’
 

संतोष चालके, एसपी बाड़मेर

 

करंट की दो घटनाओं में युवक व बालिका की मौत


करंट की दो घटनाओं में युवक व बालिका की मौत

बालोतरा
शहर में शास्त्री कॉलोनी व रबारियों का टांका क्षेत्र में अलग-अलग घटनाओं में करंट लगने से एक युवक व एक बालिका की मौत हो गई। शास्त्री कॉलानी में एक मकान में मोटर के वायर जोड़ते समय एक बालिका के करंट लगने से उसकी घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई, वहीं रबारियों का टांका क्षेत्र में कूलर ठीक करते समय युवक ने करंट की चपेट में आकर दम तोड़ दिया।

किशनलाल पुत्र पन्नालाल नाई निवासी गिड़ा हाल शास्त्री कॉलोनी बालोतरा ने रिपोर्ट पेश की कि उनकी पुत्री मनीषा (१२ वर्ष) सोमवार सवेरे करीब 11.45बजे पानी चढ़ाने की मोटर के तार लगा रही थी। इस दरम्यिान उसके करंट आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौका मुआयना किया।
 

परिजनों ने शव पोस्टमार्टम नहीं करवाया और अंतिम संस्कार के लिए शव गांव ले गए। वहीं रबारियों का टांका निवासी भंवरलाल पुत्र कालूराम प्रजापत ने रिपोर्ट पेश की कि सोमवार सवेरे करीब साढ़े सात बजे उसका भतीजा कन्हैयालाल (27वर्ष) पुत्र मोहनलाल निवासी रबारियों का टांका बालोतरा घर पर कूलर ठीक कर रहा था। उस समय करंट की चपेट में आने से उसकी मृत्यु हो गई।

बस की टक्कर से युवक की मौत

बस की टक्कर से युवक की मौत 
 
चौहटन। चौहटन थानान्तर्गत धनाऊ गांव की सरहद से दो किलोमीटर बिसारणियां रोड पर एक बस की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। मृतक तरड़ों का तला (बिसारणियां) से साइकिल पर सवार होकर घरेलू सामान लेने के लिए धनाऊ जा रहा था।
 

नारणाराम पुत्र भोमाराम जाट निवासी तरड़ों का तला ने मामला दर्ज करवाया कि उसका भतीज भभूतसिंह (18) पुत्र गोपालसिंह जाट अपने घर सोमवार शाम को साइकिल पर सवार होकर धनाऊ सामान लेने जा रहा था कि एक बस आरजे 19-3968 के चालक बस को तेज एवं लापरवाही से चलाते हुए उसके भतीज भभूतसिंह को टक्कर मार दी। बस की टक्कर से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 108 एम्बूलेंस में उसे चौहटन अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की है।
 


हत्या की आरोपी सास गिरफ्तार

हत्या की आरोपी सास गिरफ्तार 
 
चौहटन। कस्बे में चार दिन पहले हुई एक विवाहिता की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने आरोपी सास को गिरफ्तार कर न्यायालय में आज पेश किया, यहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पिछले दिनों 28 जुलाई को कस्बे में सोहनी पत्नी दिनेश कुमार की टांके में डूबने से संदिग्ध मौत हो गई थी।

सोहनी के पिता उपरला गांव के पूनमाराम ने दहेज के लिए प्रताडित करने तथा उसकी हत्या कर टांके में डालने का आरोप लगाते हुए सोहनी की सास चम्पादेवी पत्नी वीरमाराम, पति दिनेश कुमार पुत्र वीरमाराम तथा मामा ससुर नारणाराम के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस उप अधीक्षक नरेन्द्र गोदारा ने बताया कि इस मामले में सोहनी की सास चम्पादेवी को गिरफ्तार कर सोमवार को न्यायालय में पेश किया गया। यहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
 

खुद को अविवाहित बताकर की दूसरी शादी

खुद को अविवाहित बताकर की दूसरी शादी 
 
बाड़मेर। धोरीमन्ना के एक युवक ने शादीशुदा होते हुए भी दूसरी शादी कर ली। इतना ही नहीं उसने आर्य समाज से दूसरी शादी करने के दौरान अपने आप को अविवाहित बताया है। युवक की पहली पत्नी ने इसको लेकर जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की।
 

श्रीमती गुड्डी पत्नी मनोहरलाल ने बताया कि उसकी शादी आठ साल पहले धोरीमन्ना निवासी मनोहरलाल के साथ हिन्दू रीति-रिवाज से हुई थी। उसके तीन पुत्रियां हैं। इसके बाद उसका पति उसको दहेज को लेकर तंग कर रहा था। कुछ समय पहले उसने उसे घर से निकाल लिया तथा पिता से एक लाख रूपए लाने की मांग की।

5 जुलाई 2011 को मनोहरलाल धोरीमन्ना निवासी कंचन पुत्री पुरूषोत्तमदास को भगाकर ले गया तथा विवाह कर लिया। इसको लेकर 14 जुलाई को धोरीमन्ना थाने में मामला दर्ज करवाया। बीस दिन बाद भी पुलिस मनोहरलाल का पता लगा नहीं पाई है। इधर मनोहरलाल ने आर्य समाज जोधपुर में शादी की जिसमें उसने अपने को अविवाहित बताया है।
 


राजस्थान दर्शन भाग ......श्री नाकोडा तीर्थ बाड़मेर


श्री नाकोडा तीर्थ


राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र के बाड़मेर जिले के बालोतरा औद्योगिक कस्बे से १२ किलोमीटर दूर पर्वतीय श्रृंखलाओं के मध्य प्राकृतिक नयनाभिराम दृश्यों, प्राचीन स्थापत्य एवं शिल्पकला कृतियों के बेजोड़ नमूनों, आधुनिक साज सज्जा से परिपूर्ण विश्वविख्यात जैन तीर्थ श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ आया हुआ है। राजस्थान का इतिहास अपने त्याग, बलिदान, देशभक्ति एवं शूरवीरता के लिए जगत में स्थान बनाए हुए है। इस प्रदेश के साहित्य, शिल्प एवं स्थापत्य कला में जैन धर्मावलंबियों का विशेष योगदान रहा है। प्रत्येक क्षेत्र में सूक्ष्म शिल्पकलाकृतियों, गगनचुंबी इमारतों के रूप में अनेक जैन तीर्थ स्थल बने हुए हैं। इन धार्मिक श्रृंखलाओं में कड़ी जोड़ने वाला श्वेतांबर जैन तीर्थ नाकोड़ा पार्श्वनाथ आज प्राचीन वैभव सुंदर शिल्पकला, दानदाताओं की उदारता, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, त्याग मुनिवरों का प्रेरणा केंद्र, तपस्वियों की साधना भूमि, पुरातत्व विशेषज्ञों की जिज्ञासा स्थल, जैनाचार्यों द्वारा उपदेश देकर निर्मित अनेक जैन बिम्ब, सैकड़ाें प्राचीन एवं नवनिर्मित जिन प्रतिमाओं का संग्रहालय, पार्श्व प्रभु के जन्म कल्याणक मेले की पुण्य भूमि आज आधुनिक वातावरण से परिपूर्ण देश का गौरव बनी हुई है, साथ ही जन-जन की आस्था के रूप में विख्यात है। तीर्थ के अधिष्ठापक देव भैरुजी के अद्भुत चमत्कारों व मनोवांछित फल प्रदायक से देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का हजारों की संख्या में आवागमन होता है। ऐतिहासिक नाकोड़ा स्थल का प्राचीन इतिहास से गहरा संबंध है। वि. स. ३ में इस स्थान के उदय होने का आभास मिलता है, यद्यपि इस संबंध में कोई प्रत्यक्ष प्रमाण उपलब्ध नहीं है, फिर भी कुछ प्रचीन गीतों, भजनों एवं चारण, भाटों की जनश्रुति के अनुसार वीरमदेव एवं नाकोरसेन दोनों बंधुओं ने क्रमशः वीरमपुर, वीरपुर एवं नाकार नगरों की स्थापना की थी। आचार्य एयुलि भद्रसुरि की निश्रा में वीरमपुर में श्री भगवान चंद्रप्रभु की एवं नाकार में सुविधिनाथ की जिन प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा करवाई गई थी। नाकोड़ा तीर्थ के मुख्य भगवान पार्श्वनाथ मंदिर का विशाल शिखर है तथा आजू-बाजू दो छोटे शिखर हैं। मंदिर में मूल गंभारा, गूढ मंडप, सभा मंडप, नवचौकी, श्रृंगार चौकी और झरोखे बने हुए हैं, जो देखने में साधारण से हैं उन्हें संगमरमर पाषाणों की बारीक शिल्पकलाकृतियों से सजाा गया है। मंदिर में तीर्थोंद्धारक खतरगच्छ आचार्य कीर्तिरत्न सुरिजी की पीत्त पाषाण की प्रतिमा विराजमान है, जिस पर सं. १३५६ का शिलालेख विद्यमान है, इनके ठीक सामने तीर्थ के अधिष्ठायक देव भैरुजी की मनमोहक आकर्षक प्रतिमा प्रतिष्ठित है , जिनके चमत्कारों से इस तीर्थ की दिनोंदिन ख्याति हो रही है। मंदिर में निर्माण संबंधित शिलालेख सं. १६३८, १६६७, १६८२, १८६४ एवं १८६५ के भी मौजूद हैं। मुख्य मंदिर के पीछे ऊंचाई पर प्रथम तीर्थंकर आदेश्वर भगवान का शिल्पकलाकृतियों का खजाना लिए हुए मंदिर विद्यमान है। इस मंदिर का निर्माण वीरमपुर के सेठ मालाशाह की बहिन लाछीबाई ने करवाकर इसकी प्रतिष्ठा सं. १५१२ में करवाई। उस समय इस मंदिर में विमलनाथ स्वामी की प्रतिमा थी, लेकिन अब मूलनायक के रूप में श्वेत पाषाण की राजा संप्रति के काल में बी ऋषभदेव भगवान की प्रतिमा विराजमान है।
मंदिर के विशाल शिखर व खंभों पर विभिन्न आकृतियों की सुंदर प्रतिमाएं शिल्पकला के बेजोड़ नमूने को श्रद्धालु घंटों तक निहारने के बावजूद थकान महसूस नहीं करते। इसके समीप भारत पाक विभाजन के समय सिधु प्रदेश के हानानगर से आई प्रतिमाओं का भव्य चौमुखा मंदिर कांच की कारीगरी का बेजोड़ नमूना है। तीर्थ का तीसरा मुख्य मंदिर १६ वें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथजी का है, जिसका निर्माण सुखमालीसी गांव के सेठ मालाशाह संखलेचा ने अपनी माता की इच्छा पर करवाया। मंदिर के खंभों पर आबू व देलवाड़ा के मंदिरों की कारीगरी का आभास मिलता है। सूरजपोल में प्रवेश करते ही बाईं ओर सफेद संगमरमर की बारीक नक्काशीदार सीढ़यों से मंदिर का मुख्य मार्ग है तथा मंदिर के मुख्य मार्ग पर कलात्मक पटवों की हवेली जैसलमेर जैसे झरोखे बनाए हुए हैं। इस मंदिर की प्रतिष्ठा वि.स. १५१८ में गुरुदेव श्री जिनदत्त सूरि म. सा. ने एक बड़े महोत्सव में करवाई। मंदिर के प्रवेश द्वार बारीक नक्काशीदार के ठीक ऊपर श्रृंगार चौकी बनी हुई है जहां पीत पाषाण से निर्मित देव पुतलिकाएं विभिन्न वाद्य यंत्रों, नृत्य मुद्राओं के साथ संगीतमय उत्सव की झांकी प्रस्तुत करती हैं। इसी के पास नवचौकी के नीचे ही एक पीत पाषाण पर बारीकी कलाकृतिाें के बीच लक्ष्मीदेवी की मूर्ति उत्कीर्ण है। मंदिर के मूल गंभारे में भगवान शांतिनाथ की ३४ इंच प्रतिमा के दाईं ओर भगवान सुपार्श्वनाथजी की २७ इंच व बाईं ओर भगवान चंद्रप्रभुजी की २७ इंच प्रतिमा विराजमान है, जहां की उत्कृष्ट स्थापत्य कला को निहारते हुए सभी पुलकित हो उठते हैं। मूल गंभारे के बाईं ओर गोखले (आलेय) में दादा जिनदत्तसूरिजी विराजमान हैं, जिनकी निश्रा में इस मंदिर की प्रतिष्ठा हुई थी। ऐसे यशस्वी दादा गुरुदेव के पावन पागलिये बाईं ओर के गोखले में सफेद संगमरमर पर स्वर्ण निर्मित हैं। इन प्रतिमाओं एवं पगलियों की प्रतिष्ठा २००८ में दादा जिनदत्त सूरिजी म.सा. ने करवाई थी। मंदिर के पिछवाड़े में श्रीपाल मेयनासुंदरी भव्य अनुपम चौमुखा मंदिर है। इसके आगे चलने पर श्रृंखलाबद्ध खंभों की कतार के मध्य विविध चित्रों के माध्यम से भगवान शांतिनाथजी के १२ भवों के पठों को कलात्मक चित्रों द्वारा उल्लेखित किया गया है। सूरजपोल के बाहर एक ओर महावीर स्मृति भवन स्थित है, जब महावीर स्वामी का २५०० वां निर्वाण महोत्सव वर्ष १९७५ में मनाया गया था तब ट्रस्ट मंडल द्वारा इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था। इशके भीतर भगवान श्री महावीर स्वामी की आदमकद प्रतिमा विराजमान है। प्रतिमा के दोनों ओर भव्य सुसज्जित हाथी अपने मुंह से चंवर ढुलाते, धुपकरते, कलश से जल चढ़ाते, पुष्प अर्जित करते व दीप प्रज्वलित करते दर्शाए गए हैं और साथ ही भगवान की आरती वंदना करते नर-नारी दिखाए गए हैं।
इस आधुनिक भवन निर्माण कला और सुसज्जित विशाल हॉल में दोनों ओर आकर्षक चित्रों के माध्यम से भगवान श्री महावीर स्वामी के जीवन काल की घटनाओं का चित्रण किया गया है। सुरजपोल के ठीक सामने टेकरी पर पूर्व की ओर दादा श्री जिनदत्त सूरिजी म.सा. की दादावाड़ी स्थित है। इसका निर्माण व प्रतिष्ठा संवत २००० में हुई। दादावाड़ी की सीढ़यों पर चढ़ने से पूर्व सफेद संगमरमर के पाषाण का कलात्मक तोरण द्वार है जिसे शिल्पकारों ने अपने अथक कला एवं श्रम से सजाया एवं संवारा है। दादावाड़ी में श्री जिनदत्त सूरिजी, मणिधारी स्री जिनचंद्रसूरिजी, श्री जिनकुशलसूरीजी व श्री युगप्रधान श्री चंद्रसूरिजी के छोटे चरण प्रतिष्ठित हैं। दादावाड़ी से नीचे उतरते सम एक ओर सफेद संगमरमर का श्रृंखलाबद्ध भव्य नवनिर्मित मंगल कलश दृष्टिगोचर होता है। दादावाड़ी के पीछे आचार्य लक्ष्मी सूरिजी भव्य सफेद संगमरमर का गुरु मंदिर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है, इसके आगे श्री कीर्तिरत्नसुरिजी की दादावाड़ी स्थित है। दादावाड़ी के आगे बिखरे खंडहरों की बस्ती एवं कुछ टूटे फूटे मंदिर आज भी प्राचीन वैभव, शिल्पकला एवं इतिहास का स्मरण कराते हैं। मुख्य मंदिर के पीछे १२०० फीट की उंची पहाड़ी पर सफेद रंग की आभा से सुशोभित श्री जिनकुशलसूरिजीकी दादावाड़ी स्थित है। प्राकृतिक थपेड़ाें मुगल शासकों की आक्रमण नीति के अलावा इस तीर्थ की विनाश की एक करुण कहानी भी रही है। सेठ मालाशाह संखलेचा कुल के नानक संखलेचा को स्थानीय शासक पुत्र ने उनकी लंबी सिर की चोटी को काटकर अपने घोड़े के लिए चाबुक बनाने की ठानी। सेठ परिवार ने इसे अपना अपमान समझकर इस स्थान को छोड़कर जैसलमेर की ओर चल दिए, यह घटना १७ वीं शताब्दी की है। उपर्युक्त घटना से वहां का संपूर्ण समाज यहां से विदा हो गया, जिससे तीर्थ की व्यवस्था एवं विकास दो सौ वर्ष तक रुका रहा, उसके बाद में साध्वी सुंदरश्री ने आकर इसके चहुंमुखी विकास में नई जान फूंकी। साध्वी श्री प्रतिमा सांवलिया पार्श्वनाथ जिनालय में विराजमान हैं। तीर्थ के विकास में आचार्य हिमाचलसूरिजी एवं आचार्य जिनकांतिसागर सूरिश्वरजी म.सा. के सहयोग को भी नहीं भुलाया जा सकता। मुख्य मंदिर के समीप सफेद संगमरमर के पाषाण की पेढ़ी एवं सभागार है, जहां पौष दशमी मेले एवं अन्य बैठकों का आयोजन के साथ ट्रस्ट मंडल द्वारा विभिन्न समारोह इसी प्रांगण में आयोजित किए जाते हैं। श्री जैन श्वेतांबर नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ ट्रस्ट मंडल तीर्थ की संपूर्ण सुरक्षा, रख-रखाव, नवनिर्माण, यात्रियों को पूर्ण सुविधाएं, साधु-साध्वियों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवाने में हर समय सक्रिय रहते हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए तीर्थ पर कमरों की लंबी श्रृंखलाओं के साथ भव्य सुविधायुक्त श्रीपाल, भवन, महावीर भवन, आदेश्वर भवन, पार्श्व यात्री निवास के साथ विशाल धर्मशालाएं बनी हुई हैं, उसके बावजूद यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ट्रस्टी मंडल द्वारा और धर्मशालाएं बनाना प्रस्तावित है। तीर्थ पर विशाल भैरव भोजनशाला बनी हुई है तथा मेले के समय विशाल भू-भाग में फैले नवकारसी भवन का उपयोग किया जाता है।

81 की उम्र में बांधेंगे सेहरा

81 की उम्र में बांधेंगे सेहरा 
 
अहमदाबाद। आप यकीन करे या न करें, लेकिन यह सच है। अहमदाबाद के 81 वर्षीय ब्रह्मरलाल जोशी छह बच्चों के पिता होने के बावजूद अब दूसरी शादी करने जा रहे हैं। हाल ही में उनकी 75 वर्षीय पत्नी का स्वर्गवास हुआ है। नई जिंदगी की शुरूआत कर वे इस गम को भुलाना चाहते हैं।

ब्रह्मरलाल ने शादी के लिए मैरिज ब्यूरो से संपर्क किया था। दो माह पहले ही इस बावत उन्होंने अपना बायोडाटा भी जमा कराया। छह उम्रदराज महिलाओं को देखने के बाद जोशी को बड़ोदरा की एक 62 वर्षीय महिला पसंद आई है। जोशी 30 साल तक यहां के स्वामीनारायण आर्ट्स कॉलेज में शिक्षक की भूमिका निभाए हैं और बीते 25 साल से वे गुजरात विश्वविद्यालय में व्याख्याता हैं। जोशी के मुताबिक, शादी के बाद उनकी इच्छा नई-नई और खूबसूरत जगहों के सैर सपाटे की है।
 

30 हजार पेंशन
बकौल जोशी, मैं अभी भी फिट और पूरी तरह स्वस्थ हूं, तो फिर मैं अपने जीवन का सूरज क्यों डुबोऊं। मैं अपने जीवन के अंतिम दिनों को बहुत अच्छी तरह जियूंगा। जोशी की बातों से कहीं भी ऎसा नहीं लग रहा था कि वे अपनी जिंदगी से उदास हैं। एक बंगला, कार के मालिक ब्रह्मरलाल को वर्तमान में 30 हजार रूपए की मासिक पेंशन भी मिलती है।
 

उनके इस फैसले को परिवार के प्रत्येक सदस्य फिर चाहे वह उनका बेटा हो या बेटी या फिर नाती-पोता, सभी ने समर्थन किया है। आज भी सभी एक संयुक्त परिवार में ही जीवन बसर कर रहे हैं। जोशी ने तय किया है कि उनकी मृत्यु के बाद पेंशन का आधा हिस्सा उनकी पत्नी को दिया जाएगा।
 


सोमवार, 1 अगस्त 2011

मिसकॉल से हुआ प्यार, गन्ने के खेत में मना रहे थे रंगरेलियां!


मेरठ। प्रेमिका अपने प्रेमी संग गन्ने के खेत में रंगरेलियां मना रही थी। उसी समय गांव के एक आदमी की नजर संदेहास्पद स्थिति में खेत से बाहर खड़े प्रेमी के भाई पर पड़ी। उसको शक हुआ तो वह उसके पास गया। इतने में राज खुल गया। आदमी ने देखा कि खेत के अंदर लड़के-लड़की निर्वस्त्र हो रंगरेलियां मना रहे थे। उसने शोर मचा कर लोगों को इकठ्ठा कर लिया।

जानकारी के मुताबिक, जिले के समौली गांव में इस प्रेमी युगल को गन्ने के खेत में आपत्तिजनक स्थिति में दबोच लिया गया। लोगों ने प्रेमी और खेत के बाहर निगरानी कर रहे उसके भाई की धुनाई कर पुलिस को सौंप दिया। वहीं, प्रेमिका लोगों से विनती करके भागने में सफल रही।

लोगों ने दोनों लड़को की खूब पिटाई की। लड़की माफी मांगने लगी तो लोगों ने उसे जाने दिया। लड़कों का नाम मोहित और सोनू है। दोनों मंसूरपुर गांव के रहने वाले हैं।

मिसकॉल से परवान चढ़ा प्यार, पहुंचा खेत तक

सोनू के मुताबिक, पांच महिने पहले उसके मोबाइल पर मिस्डकॉल आयी थी। तभी से दोनों की बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया। गांव के बाहर दोनों मिला करते थे। खेत में दोनों पहले से ही रंगरेलियां मनाते रहे हैं। लोगों ने लड़कों को पुलिस को सौंप दिया।