बुधवार, 23 फ़रवरी 2011

पांच वर्ष तक का कोई बच्चा दवा से वंचित नहीं रहे:गोयल


पांच वर्ष तक का कोई बच्चा दवा से वंचित नहीं रहे:गोयल


बाड़मेर

जिले में पल्स पोलियो अभियान 27 फरवरी से आयोजित किया जाएगा। इस दौरान जिले में पांच वर्ष तक की उम्र के चार लाख नब्बे हजार छत्तीस बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी।

जिला कलेक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता में मंगलवार को पल्स पोलियो अभियान के संबंध में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। जिला कलेक्टर ने कहा कि अभियान में पोलियो बूथ पर बच्चों को दवाई पिलाने का कार्य विशेष प्राथमिकता से किया जाए। साथ ही अधिकाधिक बच्चे खुराक ले सके, इसके लिए विशेष प्रयास किए जाए। उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान में जिन विद्यालयों में बूथ बनाया गया है, वे समस्त विद्यालय रविवार को खुले रहेंगे।

गोयल ने कहा कि पांच वर्ष तक का कोई बच्चा पोलियो की दवाई से वंचित नहीं रहे। इसके लिए विशेष प्रयास किए जाए। केंद्र पर नहीं आने पर अगले दिन घर घर जाकर खुराक पिलाने के लिए संबंधित की जवाबदेही तय की जाएगी। उनहोंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि विद्यालयों में प्रार्थना के समय बच्चों को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 27 फरवरी के बारे में अवगत कराया जाए।
 

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गणपतसिंह राठौड़ ने बताया कि अभियान में जिले में कुल 4 हजार 134 बूथों के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में चार लाख पचपन हजार नौ सौ नौ तथा शहरी क्षेत्र में चौंतीस हजार एक सौ सताइस बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। इसके लिए कुल 259 सेक्टर अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि निदेशालय से प्राप्त पल्स पोलियो अभियान के संबंध में आईईसी सामग्री की ओर से व्यापक प्रचार प्रसार करवाया जा रहा है।

जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी एवं पल्स पोलियो प्रभारी डॉ. एम एल मौर्य ने अभियान को सफल बनाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग के लिए अपील की तथा संबंधित खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि वे अभियान को सफल बनाने के लिए बूथ मोबाईलाइजेशन के लिए एनसीसी, स्काउट गाइड का सहयोग लेने तथा प्रत्येक विद्यालय के दस बड़े बच्चों का दल बनाकर बूथ मोबाइलाइजेशन के लिए सहयोग करने के प्रयास करेंगे।

बैठक में डॉ. शेखर सिंघल एसएमओ, एनपीएसपी यूनिट जोधपुर ने पल्स पोलियो की क्रियान्विति के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एवं प्रारंभिक, समस्त खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मत भूलो मायड़ भाषा रो मान’


‘मत भूलो मायड़ भाषा रो मान’
दैनिक भास्कर टॉक शो में साहित्यकारों ने की मायड़ भाषा की पुरजोर पैरवी
भास्कर न्यूज & बाड़मेर
हम ये नहीं कहते कि अंग्रेजी या हिन्दी मत बोलो। हम तो कहते है कि मायड़ भाषा राजस्थानी का अधिक से अधिक चलन हो। मातृ भाषा हिन्दी व अंग्रेजी की जहां बोलने की आवश्यकता अधिक महसूस हो, वहीं उपयोग करें। केंद्र में कई मंत्री अपनी स्टेट की भाषा में ही भाषण देते है। वहीं का पहनावा पहनते है। राजस्थानी भाषा का समृद्ध इतिहास है। संस्कृति, लोककला, खान-पान, रहन सहन, पहनावा सबसे प्यारा और न्यारा है।’ मायड़ भाषा राजस्थानी को मान्यता दिलाने को लेकर यहीं पुरजोर पैरवी मंगलवार को ‘दैनिक भास्कर’ कार्यालय में आयोजित ‘राजस्थानी भाषा को कैसे मिले मान्यता’ विषयक टॉक शो में शहर के नागरिकों ने कही। 

मल्लीनाथ छात्रावास के व्यवस्थापक कमलसिंह महेचा ने कहा ‘राजस्थानी साहित्य सूं समृद्ध है। राजस्थानी री वीर रस, श्रृंगार रस तो कोई सांनी कोनी। राजस्थानी राजस्थान रे कोने-कोने में बोलीजे है। शब्दों रो अंतर है, पण भाव एक ही जेड़ों है।’

राजकीय महाविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. ओंकार नारायणङ्क्षसह ने कहा ‘मायड़ भाषा ने मान्यता दिलावण सांरू ओ प्रयास चोखो है। राजस्थानी मां है, जद की हिंदी उनरी बेटी है। पण आज बेटी मां रो स्थान ले अर बैठी है। राजस्थानी रो भक्ति साहित्य जिणमें पाबूजी री पड़, बाबा रामदेव रो इतिहास, मेवाड़ री वीर गाथा, मीरा रो अरदास किण ही साहित्य हूं कम नी है।’

शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी (प्रा.शि.) डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी ने कहा ‘आजादी रे इत्ता बरसो बाद भी राजस्थानी भाषा ने मान्यता दिलाण सारू आवाज उठाणी पड़े। जद कि इण मायड़ भाषा रो लंबो चौड़ो इतिहास संजोउड़ों है। भाषा रै साथै साथै अठै रो मान, संस्कृति, लोक कला, खान पान पुरी दुनियां मानै है। बाहर रा अंग्रेज अठे आ अठै री संस्कृति देखण सारूं तरसे है। अठै रो पहनाणों मन ने लुभावै।’

राजस्थानीय भाषा मान्यता समिति बाड़मेर के पूर्व अध्यक्ष कन्हैयालाल वक्र ने कहा ‘जिण भाषा में मीरा करी गिरधर री अरदास, बा आपणी राजस्थानी ने सब मान दिलाओ। म्हे खासे बरसों सूं राजस्थानी ने मान्यता दिलाण सारूं प्रयास करूं हूं, इण वास्ते म्हे पत्र पत्रिकाओं में लेख लिख्या। कविता सूं आपरी बात कही। पण आज खुशी है कि सब लोग इण सारूं आगे आया है। तीस मार्च राजस्थान दिवस माथै सगला लोग एक दिन रो उपवास राख न अरदास करें।’

एबीईईओ कमलसिंह राणीगांव ने कहा ‘राजस्थानी रो बोलचाल में ज्यादा सूं ज्यादा प्रयोग होवे। जिण सूं घर परिवार में इण भाषा रै प्रति मोह जागसी। ’

कमठा मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष लक्ष्मण वडेरा ने कहा ‘राजस्थानी मान्यता रो ओ हेलो घर घर से उठावणो पड़सी। राजस्थानी री मान्यता सारूं ईमानदारी, वफादारी सूं काम करणो पड़सी।’

कृष्णा संस्था के चंदनसिंह भाटी ने कहा ‘बाड़मेर सूं चली आ मान्यता री आवाज राजस्थान रै गांव गांव तक पहुंचसी। गांव-गांव सूं उठयूड़ी आवाज विधानसभा और संसद में पहुंच राजस्थानी ने मान्यता दैरासी।’

सामाजिक कार्यकर्ता रणवीरसिंह भादू ने कहा ‘राजस्थानी भाषा ने पाठ्यक्रम में लागू करवाणों पड़सी। छोटी कक्षाओं सूं टाबरों ने इणरो ज्ञान कराणों पड़सी।’

जिला परिषद सदस्य कोसर बानो ने कहा ‘राजस्थानी भाषा ने मान्यता दिलाण सांरी म्हारी दिलीं ख्वाहिश है।’

पार्षद सुरतानसिंह ने कहा ‘राजस्थानी भाषा रै साथै-साथै अठे री परंपरागत देशी ऊन हूं बणन वाला उत्पाद माथै भी संकट है। राजस्थानी भाषा जदै हूं छोड़ी बिण हूं पछै अठै रो पहनावो छूट गो, संस्कृति बिखर गी।’

पूर्व जिला परिषद सदस्य रिड़मलसिंह दांता ने कहा कि ‘मायड़ भाषा री मान्यता सारूं सब लोगों ने मिलजुल प्रयास करनो पड़सी। इणमें ही सगला राजस्थानियों रो मान बढ़सी।

जिला कांग्रेस कमेटी सदस्य युसुफ खान ने कहा कि ‘ऐडो जमाणों आयो है के आपरे टाबरों ने लोग कैवे बेटा मारवाड़ी मत बोलिजे म्हारो मान सम्मान घट जावेला। इण में सुधार लाणो पड़सी। मायड़ भाषा ने बोलण सारूं हिचक छोडऩी पड़सी।’

अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खां ने कहा कि ‘राजस्थानी भाषा, संस्कृति, लोक कला रै सारूं म्हारो विश्व में घणों घणों मान सम्मान होवे। बठै रा लोग अठै रा मीठा गीतों व धुनों ने सुण मस्ती में डूब जावे। अपणी नकल करणे री कोशिश करें। पणे अठे तो इण सूं लोग दूर भागे। नुवां बनड़ा तो राजस्थानी रा बोल ही ना समझै। अबे इण रो बदलाव करणो चाहिजे।’

कलाकार दिलावर खां ने कहा ‘आपरे टाबरों ने भले ही अंग्रेजी या हिंदी स्कूलों में पढ़ावो। पण राजस्थानी रो घरों व व्यवहार में घणों घणों उपयोग होनो चाहिजे। इणरे सारूं सब लोगों ने एको राखणों पड़सी।’

मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011

राजस्थानी भाषा के लिए दिखाई एकजुटता



राजस्थानी भाषा के लिए दिखाई एकजुटता

जैसलमेर 

राजस्थानी भाषा संघर्ष समिति जैसलमेर ने राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग के समर्थन में कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को राजस्थानी भाषा में लिखा ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में बताया गया है कि राजस्थान के 13 करोड़ लोग पिछले 63 वर्षों से अपनी मायड़ भाषा राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
 

सोमवार को संघर्ष समिति के आनंद जगाणी, सिकंदर शेख, गिरिश व्यास, आनंद व्यास, मनीष, ओमप्रकाश, लीलाधर दैया, आदर्श व्यास, बंशीलाल मंगल, मुरलीधर खत्री, रवि शर्मा, भवानीसिंह, चुन्नीलाल माली, योगेश कुमार, आनंद व्यास, आशीष व्यास, अशोकसिंह, राम तंवर, रविन्द्र छंगाणी व राजेन्द्र व्यास सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्र हुए और राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। संघर्ष समिति द्वारा भेजे गए ज्ञापन में बताया गया है कि पूरे देश के बच्चे अपनी मायड़ भाषा में शिक्षा ले रहे हैं लेकिन राजस्थान के बच्चे परभाषा में प्राथमिक शिक्षा लेने को मजबूर है। ज्ञापन में बताया गया है कि राजस्थान विधानसभा से अशोक गहलोत ने राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर लोकसभा में पारित करवाने के लिए भिजवाया गया था। जो प्रस्ताव वहां करीब सात वर्षों से लम्बित पड़ा है। उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की है कि शीघ्र ही इस प्रस्ताव को लोकसभा में पारित करवाया जाकर राजस्थानी को मान्यता दिलवाई जाए।

राजस्थानी भाषा री मान्यता सारू महामहिम राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन जन भावना और सहयोग के साथ ज्ञापन भेजेगे महामहिम कोगौरव

<राजस्थानी भाषा री मान्यता सारू महामहिम राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन जन भावना और सहयोग के साथ ज्ञापन भेजेगे महामहिम कोगौरव बाड़मेर। कृष्णा संस्था, संकल्प एज्यूकेशनल एण्ड सोशियल डवलपमेन्ट सोसायटी तथा गु्रप फोर पीपुल्स के तत्वाधान में राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा मातृभाषा दिवस पर राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की मांग लेकर कमलसिंह महेचा के नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिला कलक्टर गौरव गोयल को ज्ञापन सुपुर्द किया। ज्ञापन देने थारवासियों का हुजुम उमड़ पड़ा। राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति क तत्वाधान में जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन मे ंलिखा है कि राजस्थान रा 13 करोड़ लोग लारला 63 सालां सूं आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठ अनुसूची मेँ भेळण री मांग करता आय रै'या है अनै हाल आंदोलन रै गेड़ मेँ है । आपणी मायड भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण सारू राजस्थान में चाल रैयै आंदोलन सूं आप आच्छी तरियां परिचित हो ! आप राजस्थान में इण पैटै जगरुकता रा पड़तख गवाह भी हो !राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळण सूं होवण आळा घाटा भी आप सूं छाना नीं है ! आज आखो राजस्थान आपणी मायड भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळण रै दुख सूं कितरो दुखी है-आ बात भी आप सूं छानी नीं है ! पूरै देश रा टाबर आपरी मायड भाषा में शिक्षा ले रैया है पण राजस्थान रा टाबर कित्ता निरभागी है कै दुनियां री ऐक लूंठी भाषा रा मालक होंवता थकां परभाषा में प्राथमिक शिक्षा लेवण नै मज़बूर है ! अब "नि:शुल्क एवम अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा अधिनियम" रै आयां तो ओ और भी लाजमी होग्यो कै राजस्थान रा टाबर भी आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी में प्राथमिक शिक्षा लेवै ! पण लेवै तो कीयां लेवै ? हाल आपणी मायड़ भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळीजी है ! आप तो जाणो ई हो कै इण बिना आ बिद नीं बैठै सा ! आप सूं आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी आस राखै कै आप उण री आन-बान-स्यान सारू खेचळ जरूर करस्यो । आपरै छेतर रा लोग भी आस राखै कै आप उणां नै उणां री ज़ुबान दिरावस्यो ! आप नै ध्यान ई है कै राजस्थान विधान सभा सूं मानजोग अशोक जी गहलोत सा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण रो प्रस्ताव सर्वसम्मति सूं पारित कर लोकसभा में पारित करण सारू केन्द्र सरकार नै भेजियो हो । बो प्रस्ताव बठै लारला सात बरस सूं रुळै है ! आप सूं अरज़ है कै आप मानजोग प्रधानमंत्री जी अर गुहमंत्री जी सूं मिल परा बेगै सूं बेगो राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण सारू संविधान संषोधन विधेयक ल्यावण री ताकीद करो सा ! राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळीज्यां आपरो जस सवायो अनै ऊजळो होसी सा राजस्थान री विधान सभा खानी सूं राजस्थानी भाषा नै आठवीँ अनुसूची मेँ भेळण रो संकळप प्रस्ताव ध्वनिमत सूं पास कर परा संसद मेँ पास करण सारु केन्द्र सरकार नै 8 बरस पै'ली खिंदा राखियो है पण केन्द्र सरकार इण पेटै जरूरी संविधान संशोधन विधेयक नीँ ल्याय'र 13 करोड़ राजस्थान्यां रो अपमान कर रै'ई है । आप सूं अरज है कै आप महामहिम रै नाते संघ सरकार नै ओ जरूरी संविधान संशोधन विधेयक संसद रै इणीज सत्र ल्यावण सारु कैय'र राजस्थान्यां नै बां री मायड़ भाषा बख्सावण री किरपा कराओ सा ! ज्ञापन लेकर जिला कलेक्टर गोरव गोयल ने आश्वस्त किया कि जनभावना अनुरूप पूर्ण सहयोग के साथ ज्ञापन महामहिम को प्रेषित किया जाएगा। उन्होने कहा कि जन भावना का पूर्ण आदर होगा। ज्ञापन देने में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष मेजर पर्बतसिंह, लक्ष्मण वडेरा, समिति संयोजक, रिड़मलसिंह दांता, चन्दनसिह भाटी, पार्षद सुरतानसिह देवड़ा, संकल्प संस्था के सचिव विजय कुमार, सांगसिंह लूणू, मांगूसिंह राठौड़, लक्ष्मीनारायण जोशी, दुर्जनसिंह गुडीसर, रहमान खां, कबुल खां, मुस्लिम इंतजामिया कमेमटी के सदर असरफ अली, इन्द्रप्रकाश पुरोहित, बाबुसिह, सरपंच बलवन्तसिह भाटी, भलदान चारण सुरा, रामसिंह बोथिया, दिलावर शेख, मोटाराम चौधरी सरपंच विशाला आगौर, देरासर सरपंच उम्मेदअली राजड़, राणीगांव सरपंच उगमसिह सहित सैकड़ो की तादात में राजस्थानी भाषा प्रेमी साथ थे।




सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

मायड़ भाषा की मान्यता रो काम सवा सू बडी धर्म -स्वामी प्रतापुरी



मायड़ भाषा की मान्यता रो काम सवा सू बडी धर्म -स्वामी प्रतापुरी

बाडमेर राजस्थानी भाषा म्हारी बोली री भाषा है। म्हारे हिये री जडी है इण भाषा की मानता सारू जो प्रयास हो रहा है वो पुनित प्रयास हैं औ काम मानव सेवा से सवा सू बडी धर्म है यह बात तारातरा मठ के स्वामी प्रतापपुरी ने कृष्णा संस्था, संकल्प एज्यूकेद्गान एण्ड सोद्गियल डवलपमेन्ट सोसासटी तथा गु्रप फोर पीपुल्स द्वारा राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति द्वारा
जिला कलेक्टर परिसर के बाहर संचालित हस्ताक्षर अभियान में अपने हस्ताक्षर कर कही। उन्होने कहा कि १३ करोड राजस्थनीयों की मायड भाषा हिन्दी भाषा की जननी है। राज्य सरकार केन्द्र सरकार पर दबाव बनाकर राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाकर जन भावना का आदर करें। उन्होने कहा कि आखो राजस्थान इण पैटे जागरूकता रा प्रमुख गवाह भी हैं आपनी बोली राजस्थानी ने हर हाल में मानता मिलनी चाहिए। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष मेजर पर्बतसिंह राठौड ने कहा कि राजस्थान रा लोग लारले ६३ साल सू आपणी मायड भाषा राजस्थानी ने संविधान री आठवी अनुसूची में भंलण री मांग वास्ते आगे रैया है। पूरे राजस्थानी में राजस्थानी भाषा ने मान्तया देवण सारू अभियान चलाया जा रहा है। मिनखां री भावनाओं से आदर कर राजस्थानी ने मान्यता देवणी दीजै। इस अवसर पर कमलसिंह चूली ने कहा कि मायड भाषा री मानता में इती देरी राजस्थानी लोगो रो अपमान है।दूजे प्रदेशो मेंअपणी अपणी भाषा ने मानता दिया, सरकारी नौकरियों में प्रदेशो री भाषा जरूरी कर दी है। राजस्थानी भाषा भी स्कूलों में प्राथमिक स्तर कार्य राजस्थानी भाषा अनिवार्य करनी चीजै। उन्होने कहा कि २२ प्रादेशिक के लियये ने मानता केन्द्र सरकार दे मगर राजसथानी भाषा ने टालता जावे जो बर्दासानी होवे। हस्ताक्षर अभियान में समिति के चन्दनसिंह भाटी थारवासियो ने पाछै याद दिरायों कि जनगणना में हर थारवासी अपनी मायड़ भाषा रे रूप में राजस्थानी भाषा दर्ज करा भाषा ने मानता रो शुभ काम करावें। इस अवसर संकल्प संस्था के सचिव विजय कुमार ने कहा कि.हिवडे री ने जल्द ही मान्यता मिलनी चाहिऐ। राजस्थानी भाषा राजस्थान इस अवसर पर सरपंच बलवंतसिह भाटी, मोटाराम चौधरी, उम्मेदअली राजड , भलदान सुरा, उगमसिह राठौड , पार्षद अरविन्द जागिड , अद्गाक दर्जी, लक्ष्मीनारायण जोद्गा, वरिष्ठ पत्रकार निखिल व्यास, अद्गाक दवे, मागूसिह राठौड , रोद्गान खलीफा, धोधा खां सहित सात से अधिक थार वासियों ने अपने हस्ताक्षर कर मायड भाषा री मानता के लिये अपना समर्थन दिया। समिति द्वारा चलाए जा रहे अभियान में अब तक तीन से अधिक थारवासियों ने अपने हस्ताक्षर कर अपना समर्थन व सहयोग दिया


राजस्थानी भाषा री मान्यता सारू महामहिम राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन जन भावना और सहयोग के साथ ज्ञापन भेजेगे महामहिम कोगौरव



राजस्थानी भाषा री मान्यता सारू महामहिम राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन
जन भावना और सहयोग के साथ ज्ञापन भेजेगे महामहिम कोगौरव
बाड़मेर। कृष्णा संस्था, संकल्प एज्यूकेशनल एण्ड सोशियल डवलपमेन्ट सोसायटी तथा गु्रप फोर पीपुल्स के तत्वाधान में राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा मातृभाषा दिवस पर राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की मांग लेकर कमलसिंह महेचा के नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिला कलक्टर गौरव गोयल को ज्ञापन सुपुर्द किया। ज्ञापन देने थारवासियों का हुजुम उमड़ पड़ा। राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति क तत्वाधान में जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन मे ंलिखा है कि राजस्थान रा 13 करोड़ लोग लारला 63 सालां सूं आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठ अनुसूची मेँ भेळण री मांग करता आय रै'या है अनै हाल आंदोलन रै गेड़ मेँ है ।
आपणी मायड भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण सारू राजस्थान में चाल रैयै आंदोलन सूं आप आच्छी तरियां परिचित हो ! आप राजस्थान में इण पैटै जगरुकता रा पड़तख गवाह भी हो !राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळण सूं होवण आळा घाटा भी आप सूं छाना नीं है ! आज आखो राजस्थान आपणी मायड भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळण रै दुख सूं कितरो दुखी है-आ बात भी आप सूं छानी नीं है ! पूरै देश रा टाबर आपरी मायड भाषा में शिक्षा ले रैया है पण राजस्थान रा टाबर कित्ता निरभागी है कै दुनियां री ऐक लूंठी भाषा रा मालक होंवता थकां परभाषा में प्राथमिक शिक्षा लेवण नै मज़बूर है ! अब "नि:शुल्क एवम अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा अधिनियम" रै आयां तो ओ और भी लाजमी होग्यो कै राजस्थान रा टाबर भी आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी में प्राथमिक शिक्षा लेवै ! पण लेवै तो कीयां लेवै ? हाल आपणी मायड़ भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळीजी है ! आप तो जाणो ई हो कै इण बिना आ बिद नीं बैठै सा ! आप सूं आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी आस राखै कै आप उण री आन-बान-स्यान सारू खेचळ जरूर करस्यो । आपरै छेतर  रा लोग भी आस राखै कै आप उणां नै उणां री ज़ुबान दिरावस्यो ! आप नै ध्यान ई है कै राजस्थान विधान सभा सूं मानजोग अशोक जी गहलोत सा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण रो प्रस्ताव सर्वसम्मति सूं पारित कर लोकसभा में पारित करण सारू केन्द्र सरकार नै भेजियो हो । बो प्रस्ताव बठै लारला सात बरस सूं रुळै है !
आप सूं अरज़ है कै आप मानजोग प्रधानमंत्री जी अर गुहमंत्री जी सूं मिल परा बेगै सूं बेगो राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण सारू संविधान संषोधन विधेयक ल्यावण री ताकीद करो सा !
राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळीज्यां आपरो जस सवायो अनै ऊजळो होसी सा राजस्थान री विधान सभा खानी सूं राजस्थानी भाषा नै आठवीँ अनुसूची मेँ भेळण रो संकळप प्रस्ताव ध्वनिमत सूं पास कर परा संसद मेँ पास करण सारु केन्द्र सरकार नै 8 बरस पै'ली खिंदा राखियो है पण केन्द्र सरकार इण पेटै जरूरी संविधान संशोधन विधेयक नीँ ल्याय'र 13 करोड़ राजस्थान्यां रो अपमान कर रै'ई है । आप सूं अरज है कै आप महामहिम रै नाते संघ सरकार नै ओ जरूरी संविधान संशोधन विधेयक संसद रै इणीज सत्र ल्यावण सारु कैय'र राजस्थान्यां नै बां री मायड़ भाषा बख्सावण री किरपा कराओ सा !


ज्ञापन लेकर जिला कलेक्टर गोरव गोयल ने आश्वस्त किया कि जनभावना अनुरूप पूर्ण सहयोग के साथ ज्ञापन महामहिम को प्रेषित किया जाएगा। उन्होने कहा कि जन भावना का पूर्ण आदर होगा। ज्ञापन देने में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष मेजर पर्बतसिंह, लक्ष्मण वडेरा, समिति संयोजक, रिड़मलसिंह दांता, चन्दनसिह भाटी, पार्षद सुरतानसिह देवड़ा, संकल्प संस्था के सचिव विजय कुमार, सांगसिंह लूणू, मांगूसिंह राठौड़, लक्ष्मीनारायण जोशी, दुर्जनसिंह गुडीसर, रहमान खां, कबुल खां, मुस्लिम इंतजामिया कमेमटी के सदर असरफ अली, इन्द्रप्रकाश पुरोहित, बाबुसिह, सरपंच बलवन्तसिह भाटी, भलदान चारण सुरा, रामसिंह बोथिया, दिलावर शेख, मोटाराम चौधरी सरपंच विशाला आगौर, देरासर सरपंच उम्मेदअली राजड़, राणीगांव सरपंच उगमसिह सहित सैकड़ो की तादात में राजस्थानी भाषा प्रेमी साथ थे।


जय शिवशंकर केदारनाथ....केदारनाथ मंदिर का शिव लिंग १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक





जय शिवशंकर केदारनाथ

केदारनाथ हिमालय पर्वतमाला में बसा भारत के उत्तरांचल राज्य का एक कस्बा है। यह रुद्रप्रयाग की एक नगर पंचायत है। यह हिन्दू धर्म के अनुयाइयों के लिए पवित्र स्थान है। यहाँ स्थित केदारनाथ मंदिर का शिव लिंग १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक है और हिन्दू धर्म के उत्तरांचल के चार धाम और पंच केदार में गिना जाता है। श्रीकेदारनाथ का मंदिर ३,५९३ फीट की ऊंचाई पर बना हुआ एक भव्य एवं विशाल मंदिर है। इतनी ऊंचाई पर इस मंदिर को कैसे बनाया गया, इस बारे में आज भी पूर्ण सत्य ज्ञात नहीं हैं। सतयुग में शासन करने वाले राजा केदार के नाम पर इस स्थान का नाम केदार पड़ा। राजा केदार ने सात महाद्वीपों पर शासन और वे एक बहुत पुण्यात्मा राजा थे। उनकी एक पुत्री थी वृंदा जो देवी लक्ष्मी की एक आंशिक अवतार थी।वृंदा ने ६०,००० वर्षों तक तपस्या की थी। वृंदा के नाम पर ही इस स्थान को वृंदावन भी कहा जाता है।


यहाँ तक पहुँचने के दो मार्ग हैं। पहला १४ किमी लंबा पक्का पैदल मार्ग है जो गौरीकुण्ड से आरंभ होता है।गौरीकुण्ड उत्तराखंड के प्रमुख स्थानों जैसे ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून इत्यादि से जुड़ा हुआ है। या दूसरा मार्ग है हवाई मार्ग। अभी हाल ही में राज्य सरकार द्वारा अगस्त्यमुनि और फ़ाटा से केदारनाथ के लिये पवन हंस नाम से हेलीकाप्टर सेवा आरंभ की है और इनका किराया उचित है।सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण मंदिर बंद कर दिया जाता है और केदारनाथ में कोई नहीं रुकता। नवंबर से अप्रैल तक के छह महीनों के दौरान भगवान केदा‍रनाथ की पालकी गुप्तकाशी के निकट उखिमठ नामक स्थान पर स्थानांतरित कर दी जाती है


भ्रमण


यहां स्थापित प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ केदारनाथ मंदिर अति प्राचीन है। कहते हैं कि भारत की चार दिशाओं में चार धाम स्थापित करने के बाद जगद्गुरू शंकराचार्य ने ३२ वर्ष की आयु में यहीं श्री केदारनाथ धाम में समाधि ली थी। उन्हीं ने वर्तमान मंदिर बनवाया था। यहां एक झील है जिसमें बर्फ तैरती रहती है इस झील के बारे में प्रचलित है इसी झील से युधिष्ठिर स्वर्ग गये थे। श्री केदारनाथ धाम से छह किलोमीटर की दूरी चौखम्बा पर्वत पर वासुकी ताल है यहां ब्रह्म कमल काफी होते हैं तथा इस ताल का पानी काफी ठंडा होता है। यहां गौरी कुण्ड, सोन प्रयाग, त्रिजुगीनारायण, गुप्तकाशी, उखीमठ, अगस्तयमुनी, पंच केदार आदि दर्शनीय स्थल हैं।


केदारनाथ आने के लिए कोटद्वार जो कि केदारनाथ से २६० किलोमीटर तथा ऋर्षिकेश जो कि केदारनाथ से २२९ किलोमीटर दूर है तक रेल द्वारा आया जा सकता है। सड़क मार्ग द्वारा गौरीकुण्ड तक जाया जा सकता है जो कि केदारनाथ मंदिर से १४ किलोमीटर पहले है। यहां से पैदल मार्ग या खच्चर तथा पालकी से भी केदारनाथ जाया जा सकता है। नजदीक हवाई अड्डा जौली ग्रांट २४६ किलोमीटर दूरी पर स्थित है, यहां से केदारनाथ के लिए हवाई सेवा हाल ही में शुरू हुई है।

एक विवाहिता ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ टांके में कूद कर आत्महत्या कर ली


जीप की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार दो जनों की दर्दनाक मौत
बाड़मेर बालोतरा पचपदरा मार्ग पर रविवार शाम जीप की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार दो जनों की दर्दनाक मौत हो गई। थानाघिकारी मदनलाल चौधरी ने बताया कि रविवार शाम सतीश (30) पुत्र चंपालाल निवासी बालोतरा व सुखदेव (32) पुत्र उमाराम निवासी कनाना मोटरसाइकिल पर सवार होकर बालोतरा की तरफ आ रहे थे। भांतगर हाउस के समीप सामने से आ रही जीप के चालक ने तेज गति से लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी।
भिडंत इतनी जबरदस्त थी कि काफी दूर तक मोटरसाइकिल के पुर्जे बिखर गए। हादसे में गंभीर घायलो को बालोतरा के राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार के दौरान दोनों ने दम तोड दिया। हादसे के बाद आरोपी जीप चालक मौके से फरार हो गया। दुर्घटना का समाचार मिलने पर अस्पताल व घटना स्थल पर बडी संख्या में लोगों की भीड एकत्र हो गई। पुलिस ने जीप क्रमांक आरजे 19 टीए 2891 तथा मोटरसाइकिल क्रमांक आरजे 04 एसबी 3292 को जब्त कर मामला दर्ज किया।


एक विवाहिता ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ टांके में कूद कर आत्महत्या कर ली

बाड़मेर. सदर थानांतर्गत एक विवाहिता को पीहर में होने वाले विवाह समारोह में सुसराल के लोगों द्वारा जाने की अनुमति नहीं देना इतना नागवार गुजरा कि उसने अपने दो मासूम बच्चों के साथ टांके में कूद कर आत्महत्या कर ली। हादसे में विवाहिता के साथ उसके दोनों बच्चों की भी मौत हो गई।

पुलिस ने बताया कि घटना के बाद मृतका के पिता सणाऊ निवासी गुलाराम पुत्र अर्जनराम भील ने मामला दर्ज करवाते हुए बताया कि ससुराल पक्ष की ओर से पीहर(सणाऊ) में होने वाले एक शादी कार्यक्रम में नहीं भेजने से नाराज होकर उसकी पुत्री पालू देवी (23) पत्नी चेतनराम भील अपने दो बच्चों कुमारी चेलू (क्2) व देवाराम (2माह) ससुराल राणीगांव स्थित घर में बने टांके में कूद गई। इससे तीनों की मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

रविवार, 20 फ़रवरी 2011