शनिवार, 5 जुलाई 2014

देवशयनी एकादशी:कर्म की एकाग्रता का समय हुआ शुरू



किसी भी समुदाय की परंपराएं उसके लोग, मौसम, जीवन-शैली, आर्थिक स्थिति और लोगों की मानसिकता को आधार मानकर विकसित की जाती है।

हम इन परंपराओं के पीछे की मान्यता और दर्शन से चाहे अनभिज्ञ हों, लेकिन हम उनका पालन इसलिए करते हैं कि वे हमें विरासत में मिली होती है, लेकिन यदि हम उन परंपराओं के पीछे के दर्शन को भी समझेंगे तो शायद अपनी विरासत के प्रति हममें और सम्मान भी जागेगा।

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को हमारी मान्यता में देवताओं की रात शुरू हो जाती है। ये माना जाता है कि विष्णु इस दिन से शयन में चले जाते हैं। हमारे यहां हर शुभ कार्य में विष्णु की उपस्थिति अनिवार्य मानी जाती है और चूंकि विष्णु शयन में होते हैं, इसलिए इस पूरे अंतराल में सारे शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी के बीच के समय में विष्णु क्षीरसागर चले जाते हैं। इस बीच गृह-प्रवेश, विवाह, देवताओं की प्राण-प्रतिष्ठा, यज्ञ-हवन, संस्कार आदि कार्य नहीं किए जाते हैं। पौराणिक मान्यता ये भी है कि एक-के-बाद-एक देवता शयन की अवस्था में आते हैं। विष्णु के लौटने के बाद शिव इस अवस्था में जाते हैं।

भारतीय संस्कृति में व्रत नियमों एवं पूजा का विधान मौसम एवं प्रकृति को ध्यान में रखकर भी किया गया है। देवशयनी एकादशी का दर्शन भी यही है। इस दिन से चातुर्मास का समय शुरु होता है। चातुर्मास का समय वर्षा ऋतु का होता है। प्राचीन काल से ही भारत कृषि प्रधान देश है।

इसलिए वर्षा ऋतु के चार माह खेती के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस समय में किसान अपने सामाजिक जिम्मेदारियों से दूर रहकर चार महीने अपना खेती का काम निश्चिंत होकर कर सके इसलिए भी यह व्यवस्था की गई है।

साथ ही नदी-नालों के कारण कहीं आवागमन भी संभव नहीं हो पाता था। इसलिए लगातार कृषि कार्य में लगे किसान को चार माह तक खेती के साथ ही अध्यात्म ज्ञान प्राप्ति के लिए समय दिया गया है एवं इस समय में कथा, पुराण, वेद पाठ व धर्म-ग्रंथों पर विचार द्वारा धर्मावलंबियों को प्रेरित करने की परंपरा प्रारंभ की गई।

सभी हिन्दू धर्म स्थानों पर धार्मिक गतिविधियां दिखाई देती है। त्रिदेव ब्रह्मा-विष्णु-शिव में भगवान विष्णु को पालनहार माना गया है। व्यवहार दृष्टि से विचार करें तो किसान को विष्णु के समान सम्मान प्रदान किया गया है, क्योंकि हमारा जीवन अन्ना पर निर्भर होता है और अन्ना किसान ही पैदा करता है।

अत: किसान ही अन्नादाता है। चातुर्मास के समय में धर्म ज्ञान का लाभ ही नहीं वरन शरीर तथा मन को सबल बनाने की क्रियाएं भी शामिल की गई हैं।

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ख़ुदा की इबादत में महीने भर सजदे करना ही रमजान



रमजान का महीना रोजेदारों को अपने आचरण की पवित्रता से आत्मिक शुद्धि का अवसर देता है। इस्लाम में रमजान के महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है। माह-ए-रमजान या रमजानुल मुबारक हमें अपने भीतर के गुणों और अच्छाइयों को परखने व उन्हें निखारने का अवसर देता है।

जब हम रोजा (उपवास) रखकर अच्छाइयों की राह पर चल देते हैं, तो अल्लाह हमसे प्रसन्न हो जाते हैं। जाहिर है, ऐसे में रहमत के दरवाजे खुल जाते हैं और शैतान (बुरी प्रवृत्तियां) बांध दिए जाते हैं।

रोजे रखने का मतलब भूखा-प्यासा रहना ही नहीं है। यह मनुष्य के अंतस में अच्छाइयों और सद्भावनाओं को जगाने की प्रक्रिया है। रोजे के दौरान अपनी इंद्रियों को वश में रखना बहुत जरूरी है। इस दौरान वर्जित और बुरी बातों की तरफ जाना तो दूर, उनके बारे में सोचना भी गुनाह माना जाता है।

रोजे के दौरान बुरा कहने, बुरा देखने और बुरा करने की ही मनाही नहीं, बुरा सोचने, झूठ बोलने, किसी को तकलीफ पहुंचाने, पीठ पीछे बुराई करने की भी मनाही है। रोजेदार को मन, वचन और कर्म से खुद को सात्विक और अनुशासित रखना होता है। आचरण की शुचिता का खयाल रखना होता है। इस दृष्टि से यह आत्मिक शुद्धि का महीना है।

शुरुआत फर्ज की नमाज से होती है, जो सुबह चार-पांच बजे के बीच होती है। रोजेदार सहरी के वक्त कुछ खा लेते हैं और पूरे दिन के उपवास (रोजे) के लिए तैयार हो जाते हैं। वे मस्जिद में फर्ज की नमाज अदा करते हैं और रोजाना के कामों में व्यस्त हो जाते हैं, लेकिन उनके अंतस में रोजे की कैफियत बनी रहती है। पांचों वक्त की नमाज, रात में तरावीह की नमाज में कुरआन का चिंतन व श्रवण आदि। इस्लाम में रोजे को फर्ज माना गया है। रोजे बीमारी, लाचारी या दुख-तकलीफ में ही छोड़े जा सकते हैं।

इस माह में नफ्ल का सवाब फर्ज के बराबर मिलता है और प्रत्येक फर्ज का सवाब 70 गुना बढ़ जाता है। अल्लाह तआला रोजेदारों के पिछले सारे गुनाह माफ कर देता है। जो लोग किसी रोजेदार को इफ्तार करवा देते हैं तो इस कारण उस व्यक्ति के तमाम गुनाह माफ हो जाते हैं।

अल्लाह तआला फरमाते है कि मोमिन की रोजी बढ़ा दी जाती है। रमजानुल मुबारक एक दूसरे के हमदर्दी का भी महीना है। सब्र करने का महीना है रमजानुल मुबारक रमजान त्याग का महीना है। अल्लाह ने अपने बंदों को बुराइयों को त्याग कर अच्छे मार्ग पर चलने का यह सुनहरा मौका प्रदान किया है।

इंसान गलतियों का पुतला है और अक्सर वह गलतियां करता है। इसलिए इस मौके को हाथ से जाने न दें और ईमानदारी से अल्लाह की इबादत करें। बुराइयों को त्यागने वाला ही सही मायनों में अल्लाह की इबादत करने का सच्चा हकदार है। रोजा आत्मा की शुद्धता का सबसे उत्तम साधन है।

रोजेदार के मन में किसी तरह का गलत ख्याल तक नहीं होना चाहिए। रोजे का मतलब भूखे पेट रहकर अल्लाह की इबादत करना नहीं है, बल्कि सही मायनों में जीवन से बुराइयों को मिटाकर अच्छाइयों को अपनाना है, जिससे समाज में शांति और अमन कायम रहे।

रोजा इफ्तार में हिंदू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मो के लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यह समाज में भाईचारा बढ़ाने का एक जरिया है। अल्लाह भी अपने बंदों से यही उम्मीद करता है कि सब मिल-जुलकर रहें। सही मायनों में रमजान प्रेम का महीना है।

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शुक्रवार, 4 जुलाई 2014

बाड़मेर सहित राजस्थान दस रेलवे स्टेसन उड़ाने की धमकी ,हाई अलर्ट पर राजस्थान

बाड़मेर सहित राजस्थान दस रेलवे स्टेसन उड़ाने की धमकी ,हाई अलर्ट पर राजस्थान


बाड़मेर आंतकवादी संगठन ने राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर सहित दस रेलवे स्टेसनो को उड़ने का धमकी भरा पत्र भेजा ,इस पात्र के बाद राजस्थान में हड़कम्प मच गया ,सरकार ने राजस्थान के समस्त जिलो की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर हाई अलर्ट पर रखा हैं ,बाड़मेर के रेलवे स्टेसन की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी हैं।

लश्कर-ए तोयबा के एरिया कमांडर करीम अंसारी ने पंजाब को खून से रंग देने की धमकी देकर सुरक्षा एजेंसियों की एक बार फिर नींद उड़ा दी है। फिरोजपुर डिवीजन के रेलवे मैनेजर एनसी गोयल को 30 जून को भेजे पत्र में उसने पंजाब और राजस्थान के प्रमुख स्टेशनों और जालंधर के देवी तालाब मंदिर समेत प्रमुख धार्मिक स्थानों को एक सप्ताह के भीतर उड़ा देने की धमकी दी है।

अंतर्देशीय पत्र के माध्यम से फिरोजपुर कार्यालय को भेजे अपने पत्र में करीम अंसारी ने पंजाब के दो दर्जन प्रमुख स्थानों का नाम लिया है। उसने लिखा है कि आगामी 10 जुलाई को फिरोजपुर छावनी समेत दर्जन भर प्रमुख स्टेशनों को विस्फोट कर उड़ा दिया जाएगा और 12 जुलाई को जालंधर के प्रमुख मंदिर देवी तालाब समेत दर्जन भर प्रमुख मंदिरों को उड़ा दिया जाएगा।

अंत में उसने लिखा है कि पंजाब को खून से रंग देने पर ही उसे सुकून मिलेगा। फिरोजपुर कार्यालय में पहुंचने के बाद से ही रेलवे ने जीआरपी और आरपीएफ को अलर्ट करते हुए फिरोजपुर, फरीदकोट, भटिंडा, पटियाला, नवांशहर और गुरुदासपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद मांगी है। पत्र में पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश का भी जिक्र है। पत्र भेजने वाले ने अपना नाम करीम अंसारी, एरिया कमांडर, आतंकवादी संगठन लश्करे तैयबा, करांची पाकिस्तान लिखा है।

- पंजाब में फिरोजपुर छावनी, बठिंडा, फरीदकोट, धूली, जोखल, हिसार, पटियाला और राजस्थान में जयपुर, बीकानेर, गंगानगर, बाड़मेर, कोटा, जोधपुर, अलवर और नामची स्टेशनों को 10 जुलाई को उड़ाने की धमकी। इसके साथ ही बठिंडा, फरीदकोट, पटियाला के प्रमुख मंदिर, जालंधर के श्री देवी तालाब मंदिर, लुधियाना का वेद मंदिर, दुर्गा माता मंदिर, फगवाड़ा का हनुमान गढ़ी, पा रावण, अमृतसर का काली मंदिर, रामतीर्थ, बटाला और गुरुदासपुर के प्रमुख मंदिरों को 12 जुलाई को उड़ाने की धमकी दी।

- विभागीय सूत्र बताते हैं कि करीम अंसारी की पिछले दस सालों में यह पांचवीं धमकी है। हर बार वह तरह-तरह से धमकी देकर सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा देता है, लेकिन दूसरी ओर पिछले दस सालों से भारत की खुफिया ब्यूरो उसका पता नहीं लगा पा रही है।

- जीआरपी के एसपी आरएस घुम्मण ने कहा कि सभी संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को सतर्कता बरतने के कड़े निर्देश दे दिए गए हैं। प्लेटफार्म पर और गाड़ियों में रैंडम चेकिंग करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

- उन्होंने आम जनता से अपील की है कि किसी भी प्रकार के संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति के दिखाई देने पर उसकी सूचना तत्काल नजदीकी जीआरपी, आरपीएफ जवान या रेलवे कर्मचारी या फिर 100 नंबर पर दें। जालंधर सिटी स्टेशन समेत आसपास के स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।





भूत ने खींची सेल्फी और पोती को बताया कि मैं परेशान हूं



बुखारेस्ट। सेल्फी यानी मोबाइल फोन के जरिए खुद की खींची तसवीर का क्रेज दुनियाभर में कुछ इस कदर छाया है कि इंसान तो क्या, भूत भी खुद को रोक नहीं पा रहे हैं। सुनने में यह भले ही अजीब लगे, लेकिन रोमानिया की एक महिला ने यही दावा किया है कि उनकी दादी के भूत ने उनके मोबाइल पर सेल्फी खींची है। इस सेल्फी के जरिए भूत दादी ने चेताया है कि उन्हें मौत के बाद दंड दिया जा रहा है।
Dead grandmother`s ghost `took selfie to send family help message
इस खबर के बाद दक्षिण पूर्वी रोमानिया के स्कर्टेस्टी चर्च में डरे-सहमे स्थानीय लोगों का जमावड़ा लग गया है। 34 वर्षीय जिना मिहाई नाम की इस महिला का कहना है कि एक भविष्यवक्ता के मुताबिक दादी ने उन्हें सेल्फी के जरिए संदेश देने की कोशिश की है। संदेश यह कि दादी के लिए प्रार्थना किए जाने की जरूरत है।

मिल रही पाप की सजा
मिहाई ने कहा कि जब मैंने अपना मोबाइल फोन ऑन किया तो मरी दादी का चेहरा मोबाइल स्क्रीन पर देखकर दंग रह गई। ऎसा लग रहा था कि उनकी गर्दन में सांप लपेटा गया है। मैं इस तसवीर को एक भविष्यवक्ता के पास ले गई। उसने मुझे बताया कि गले में सांप लपेटे होने का मतलब यह है कि उन्हें इस धरती पर किए गए किसी पाप की सजा दी जा रही है। उन्होंने यह संदेश दिया है कि अगर हम उनके लिए प्रार्थना करें, तो शायद उनकी आत्मा को अभी भी मुक्ति मिल सकती है। जब से यह वाकया सामने आया है, तब से मिहाई समेत दर्जनों स्थानीय लोग चर्च में घंटों प्रार्थना में अपना वक्त निकाल रहे हैं।

परंपरा न तोड़ने की चेतावनी
असल में रोमानिया में गुजर गई पीढ़ी के लिए वष्ाü मे एक बार गरीबों को खिलाने की परंपरा रही है। मिहाई का कहना है कि उनकी दादी को मरे तीन वर्ष हुए हैं और इन बीते तीन वर्षो में उन्हें अपनी मरी दादी के नाम पर किसी गरीब को खाना खिलाने का मौका नहीं मिल पाया है। फ्लोरिका मिहाई नाम की एक अन्य परिजन ने बताया कि पुजारी के मुताबिक हमे बीते दिनों गरीबों को खाना नहीं खिलाने के एवज में अब लगातार 40 दिनों तक ऎसा करना होगा और हम यही कर रहे हैं। हम दादी की आत्मा की मुक्ति चाहते हैं।

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शादी ना कराने पर 23 लड़कियों ने अपने माता-पिता पर ठोका मुकदमा



रियाद। सऊदी अरब की 23 महिलाओं ने पिछले साल अपने माता-पिता पर इसलिए मुकदमा कर दिया, क्योंकि उन्होंने उनकी शादी नहीं कराई। नेशनल सोसायटी फॉर ±यूमन राइट्स (एनएसएचआर) ने यह जानकारी दी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रियाद में 11, मदीना में 4, दम्माम में 2 मक्का में 2, जेद्दाह में 2 और जजान में ऎसे 2 मामले सामने आए हैं। इन मामलों को अरबी में "अदहल" कहा जाता है।
Denied marriage, 23 Saudi women sue guardians
एनएसएचआर की सदस्य और सामाजिक अधिकार कार्यकर्ता सुहेला जेन अल-अबिदीन हम्माद ने सरकार से अपील की है कि वह "अदहल" से महिलाओं के बचाव के लिए एक कानून बनाए। साथ ही कहा कि एक ऎसा कानून बनाना जरूरी है, जिसमें एक निश्चित आयु होने पर लड़कियां खुद शादी कर सकें। इसके लिए मां-बाप की अनुमति की कोई जरूरत न हो। महिलाएं अपने माता-पिता के दया की पात्र बन गई है।

एनएसएचआर ने हाल ही में ऎसे कई मामलों को निपटाया, जिसमें लड़कियों के माता-पिता ने उनकी शादी करवाने से इंकार कर दिया। क्योंकि उन्होंने या तो लड़के को नापसंद कर दिया या फिर वह अपनी बेटियों की तनख्वाह पर ही जीना चाहते थे। हम्माद ने कहा कि "अदहल" के कारण लड़कियां अवसाद, आत्महत्या की प्रवृत्ति और नशीली दवाओं की लत समेत कई मानसिक समस्याओं की शिकार हो जाती हैं।

रसोई में लगेगी आग: 250 रूपए महंगा होगा गैस सिलेण्डर! -



महंगाई की मार झेल रही आम जनता पर मोदी सरकार जल्द ही एक और बोझा डाल सकती है। सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय रसोई गैस और केरोसिन के दाम में बढ़ोतरी की सिफारिश कर सकता है।

समाचार चैनलों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय विशेषज्ञ पैनल की रसोई गैस के दाम में 250 रूपए और केरोसिन की कीमत में 4 रूपए की बढ़ोतरी की सिफारिश को राजनीतिक मामलों की समिति के समक्ष रख सकती है। आधिकरक सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय इस संबंध में ड्राफ्ट नोट तैयार कर रहा है।
Oil Ministry may propose to hike LPG price by Rs 250 per cylinder
सूत्रों के मुताबिक पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के डीजल की कीमतों में प्रति माह 40 से 50 पैसे की बढ़ोतरी का समर्थन करते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय यह प्रस्ताव रख सकता है कि जब तक डीजल(प्रति लीटर)पर 3.40 रूपए का घाटा पूरा नहीं हो जाता तब तक मासिक संशोधन जारी रहे। पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि सीसीपीए पेट्रोल की तरह डीजल के दाम को भी बाजार के हवाले करने पर मुहर लगा दे।

जून 2010 में पेट्रोल की कीमतों को बाजार के हवाले कर दिया गया था। पेट्रोल की कीमतें हर महीने की पहली तारीख और 16 तारीख को संशोधित होती है। सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि सीसीपीए योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारिख की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों पर विचार करे।

अक्टूबर 2013 में किरीट पारेख की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। यूपीए सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों के उचित तंत्र को विकसित करने के लिए पारिख की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में गैस सिलेण्डर के दाम में 250 रूपए,डीजल के दाम में 5 रूपए और केरोसिन के दाम में 4 रूपए की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। ये सिफारिश 72,000 करोड़ की ईंधन सब्सिडी के बिल में कटौती के लिए की गई थी।

गुरुवार, 3 जुलाई 2014

बाड़मेर जी आर पी की हिरासत से भाग बांग्लादेशी फिर पकड़ा गया

बाड़मेर जी आर पी की हिरासत से भाग बांग्लादेशी फिर पकड़ा गया

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में जी आर पी पुलिस की कस्टडी से चार रोज भाग निकला बांग्लादेशी को पुनः गिरफ्तार कर लिया ,,आज उसे जयपुर पूछताछ के लिए ले जाया गया हैं। सूत्रानुसार चार रोज पहले जी आर पी पुलिस ने सरहद के निकट एक बांलादेशी युवक को पाकिस्तान जाने की फिराक में गिरफ्तार किया था। प्रारंभिक पूछताछ में इसने शहर स्थित एक मदरसे में ठहराव करने को सीकर था ,इस युवक ने गिरफ़्तारी के बाद अपना सिम कार्ड नष्ट कर दिया था ,जी आर पी पुलिस को चकमा देकर यह फरार हो , इस बात को जी आर पी पुलिस ने छुपाये रखा मगर आज विशेष टीम ने उसे पुनः पकड़ लिया ,बताया जा रहा हैं यह युवक पाकिस्तान जाने की फिराक में सरहदी क्षेत्र में था ,पूछताछ में उसने खुद को पहले भारतीय नागरिक बताया उसके पास भारतीय नागरिकता का सबूत भी मिला ,बाद में इसने स्वीकार किया की वह ढाका बांलादेश का निवासी हैं ,इस युवक ने अपना नाम शम्शुद्दीन पुत्र सल्लाउद्दीन बताया ,बाड़मेर आने के बाद इसने एक मदरसे में नौकरी लग गया था ,काफी दिनों तक क्षेत्र की जानकारी लेने के बाद पाकिस्तान जाने के लिए निकल गया मगर सरहद पर पकड़ा गया। गुरूवार को उसे विशेष टीम के साथ जयपुर भेजा हैं जहां उससे सयुंक्त रूप से एजेंसिया पूछताछ करेगी ,उसने उत्तर प्रदेश में कई मदरसो में मौलवी के रूप में काम करना भी स्वीकार किया

आश्चर्य, महिला ने जने दस साल के दो जुड़वां बच्चे!

लंदन। आपने कभी दस साल के बच्चों के जन्म लेने की खबर इस से पहले नहीं सुनी होगी। और तो और पैदा हुए दोनों बच्चे जुड़वां भी निकल।

जिंबाब्वे की राजधानी हरारे में घटी एक रहस्यमयी घटना में एक महिला ने दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया।

सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि इन बच्चों की उम्र दस साल है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि यह महिला पिछले दस सालों से अपने पेट में यह गर्भ लिए थी।

महिला को अपने ऊपर कोई शैतानी साया होने का अंदेशा था। पिछले दस सालों में उसका पेट काफी फूल गया था व उसे हमेशा पेट में कुछ हिलता सा प्रतीत होता था।
amazing woman gave birth to two ten year old twins
इस असामान्य गर्भ के इलाज के लिए उसने काफी दरवाजे खटखटाए लेकिन उसे हर जगह से निराशा ही हाथ लगी।

फिर उसके एक रिशतेदार ने उसे एक चर्च के पादरी को दिखाने को कहा। सब तरफ से घोर निराशा को झेलने के बाद इस महिला को बिलकुल भी विश्वास नहीं था कि उसकी इस समस्या को कोई दूर कर सकता है।

लेकिन मन को मारते हुए उसने इस पादरी के पास जाकर अपना इलाज करवाने का निर्णया लिया।

चर्च के पादरी ने उसकी हालत देखने के बाद उसे भरोसा दिलाया कि उसे प्रार्थनाओं की शक्ति के द्वारा शैतानी ताकतों से मुक्त करवा लिया जाएगा।

इलाज शुरू किया गया और दो हफ्ते बाद ही नतीजे दिखाई देने लगे। धीरे-धीरे उसके पेट पर एक घाव उभरा जिसमें काफी दर्द होता था। वह घाव जब फूटा तो उसके पेट से दो मरे बच्चे निकले।

इसके बाद महिला का पेट वापस पहले जैसा सामान्य नजर आने लगा। - 

 

शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह 8 जुलाई को रामसर और गडरारोड़ में करेंगे जन सुनवाई



मानवेन्द्र सिंह रामसर और गडरारोड़ में करेंगे जन सुनवाई



बाड़मेर, 03 जुलाई।शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह 8 जुलाई को विधानसभा क्षैत्र शिव के उपखण्ड रामसर व तहसील मुख्यालय गडरारोड़ मंे जिला व ब्लाॅक स्तर के अधिकारियों के साथ ग्रामीणों से रूबरू होकर जन सुनवाई करेगे।

विधायक मानवेन्द्रसिह के निजी सचिव रामसिह ने बताया कि शिव विधायक 8 जुलाई को प्रातः 11 बजे रामसर उपखण्ड पर तहसील के बैठक हाॅल में रामसर तहसील के समस्त गांवो के ग्रामीणों की जन सुनवाई कर मौके पर उपस्थित अधिकारियों से समस्या निस्तारण करने के लिए निर्देशित करेगे। इसी तरह विधायक दोपहर 2.30 बजे गडरारोड़ तहसील में सीमावर्ती क्षैत्र के गांवो के ग्रामीणों की जन सुनवाई कर समस्याओं के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियो को पाबंद करेगे।


विधायक की जन सुनवाई के उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी, अधीक्षण अभियंता जन स्वास्थ्य विभाग, बिजली विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों एवं नर्मदा परियोजना से संबंधित अधिशाषी अभियंता के साथ जन सुनवाई करेगे। इसमे सीमावर्ती क्षैत्र की पेयजल बिजली सडक, चिकित्सा, चारा, विद्यालयो मे अध्यापकों की कमी आदि समस्या की सुनवाई कि जावेगी। इस जन सुनवाई मे तहसील स्तर के ग्रामीण अपनी समस्याओं के साथ बैठक स्तर पर उपस्थित होवे। इसके साथ ही नर्मदा परियोजना की समीक्षा कर निर्धारित समय में कार्य पूर्ण करने के लिए संबंधित अधिकारियो को निर्देशित करेगे।