गुरुवार, 11 अगस्त 2011

वीर दुर्गादास जयन्ती 13 अगस्त पर विशेष...वीर शिरोमणी दुर्गादास माई अहेड़ा पूत जण जेहड़ा दुर्गादास



वीर दुर्गादास जयन्ती 13 अगस्त पर विशेष


वीर शिरोमणी दुर्गादास

माई अहेड़ा पूत जण जेहड़ा दुर्गादास




ख्यातो में दुर्गादास मारवाड़ के रक्षक की उपाधि से विभूषित राष्ट्रीय वीर दुर्गादास राठौड़ का व्यक्त्वि कृतित्व ना केवल ऐतिहासिक दृष्टि से उल्लेखनीय है बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी अभिनन्दनीय है। वीर दुर्गादास इस जिले के गौरव पुरुष है। जिन्होने इतिहास रचा। मुगलो के दमन चक्र को कुचल कर मारवाड़ राजघराने का अस्तित्व बनाए रखा।

वीर दुर्गादास की कर्मभूमि के रुप में कोरना में (कनाना) का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। सौभाग्य से कनाना बाड़मेर जिले का हिस्सा है। बाड़मेर जिले में जन्म लेकर वीर दुर्गादास ने बाड़मेर की धरा पर उपकार किया।

13 अगस्त 1638 को सालवा कला में द्वितीय सावन सुदी 14 वि.स. 1695 में उनका जन्म आसकारण जी के परिवार में हुआ। जोधपुर नरेश जसंवतसिंह के सामान्त एवं सेना नायक का पुत्र होने को गौरव उनके साथ था।

सादगी पसन्द दुर्गादास बचपन से निडर थे। बहुप्रचलित कथानुसार जोधपुर महाराज जसवन्तसिंह के ऊट कनाना में उनके खेतो में घुस गए तथा फसले बरबाद करने लगे। विनम्रता से ऊट पालको को ऐसा करने से रोकने का आग्रह किया। पालकों न जवाब दिया कि महाराज जसवन्तसिंह जी के ऊट है। जहां चाहेंगे मुंह मारेंगे उन्हे कौन रोकेगा। कमर बन्द में लटकी तलवार की मूठ पर हाथ गया। तलवार म्यान से बाहर। एक ही झटके में ऊट का सिर धड़ से अलग होकर खेत की जमीन पर गिर पड़ा। ऊट पालक महाराज जसवन्तसिंह के दरबार में शिकायत लेकर पहुंचे। महाराज-सा ने उस बालक को बुलाया। बालक की स्पष्ट वादिता और निडरता देख अपनी सेवा में रख लिया स्पष्ट वादिता के चलते ही बालक दुर्गादास को उनके पिता आसकरण ने परित्याग किया था। दुर्गा घर से उपेक्षित था। 1665 में महाराज जसवन्तसिंह की सेना में आने के बाद मुगल साम्राज्य की खिदमत में उक्सर आते जाते रहे। इसी बीच मुगल सम्राट शाहजहां रुग्णता का शिकार हुआ। उसके पुत्रो में उतराधिकार को लेकर संघर्ष प्रारम्भ हो गया। 16 अप्रेल 1658 को धरमत (उज्जैन) के युद्व में औरगंजेब और मुरा की संयुक्त सेना तथा महाराज जसवन्तसिंह के सेनापतित्व में बादशाही सेना के बीच घमासान युद्व हुआ इस युद्व में वीर दुर्गादास ने अदम्य साहस, अद्वितीय रण कौशल शौर्य का प्रदर्शन कर अपनी धाक जमा ली।

रतन रासो में समकालीन कवि कुम्भकर्ण सान्दू ने लिख है कि वीर दुर्गादास ने एक के बाद एक चार घोड़ो की सवारी की जो मारे गए। अन्त में पांचवे घोड़े पर सवार हुए। उसके मर जाने पर घायल दुर्गादास रणभूमि में गिर पड़े मानो एक और भीष्म शर शैया पर लेटा हो वीर दुर्गादास का जीवन गाथाओं से भरा पड़ा है। महाराज जसवन्तसिंह को औरगंजैब से जमरुद पेशावर अफगानिस्तान सैन्य चौकी पर थानेदार नियुक्त किया। महाराज की पेशावर में 28 नवम्बर 1678 को मृत्यु हो गई। उनके मरणोपरांत लाहौैर में 19 फरवरी में 1679 में उसके पुत्रो का जन्म हुआ। इनमे दलथम्मा की यात्रा की दोरान मृत्यु हो गई मगर अजीतसिंह जीवित रहे। महाराज जसवन्तसिंह की मृत्यु के बाद जोधपुर पर आधिपत्य स्थापित करने की नीति औरगंजेब ने अपनाई। कट्टर साम्प्रदायिकता में विश्वास रखने वाले औरगंजेब ने अजीतसिंह को षडयंत्र पूर्वक अपने पास बुला लिया मगर वापस जोधपुर नही भेजा। अजीतसिंह को बचाकर जसवन्तसिंह का वंश जिन्दा रखने की जिम्मेदारी वीर दुर्गादास को सौपी।

वीर दुर्गादास ने अपने प्राणो को अजीतसिंह की रक्षा में झोंक दिया। औरगंजेब के विभिन्न षड्यंत्रो व आक्रमणों का विफल कर अजीतसिंह को जीवित बचा कर जोधपुर राजसिंहासन सौंप दिया। अजीतसिंह स्वंय वीर दुर्गादास के सामने नतमस्तक हुए। वीर दुर्गादास जिसने जोधपुर रियासत के अस्तित्व को जिन्दा रखा। अदम्य साहस, शौर्य व वीरता के प्रतिक दुर्गादास इतिहास में महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, नेपोलियन बोनापार्ट के समक्ष एक इतिहास पुरुष के रुप में अपनी गाथा आप बन गए। जिले का गौरव है कि वीर दुर्गादास ने बाड़मेर जिले के कनाना जो अपनी कर्म भूमि बनया। आज भी वीर दुर्गादास की गाथाये घर-घर में गाई जाती है। यहा कहावत आज भी प्रचलित है। ‘‘ माई अहेड़ा पूत जण जेहड़ा दुर्गादास‘‘ दुर्गादास ने औरगंजेब के पौत्र पोत्री का अपहरण कर सिवाना की छप्पन पहाड़ियों में कैद कर रखा था। छप्पन पहाड़ियों के सिवाना-हल्देश्वर मार्ग पर स्थित पीपलू गांव की पहाड़ी पर दुर्गादास ने औरगंजेब के पोते पोति का अपहरण कर कैद रखा मगर दुर्गादास ने औरगंजेब के पोते पोती को जो वात्सल्य दिया वह इतिहास में स्वर्णिम अक्षरो में दर्ज है।

पीपलू की पहाड़ी पर स्वंय दुर्गादास द्वारा बनाए ऐतिहासिक भवन खण्डहरो के रुप में तब्दील हो चुका है। सार सम्भाल के अभाव में ऐतिहासिक कमरे जिनमे दुर्गादास ने औरगंजेब के पोते एवं पोती काो शिक्षा दी यहां एक बड़ा कमरा बनाया गया था। जिसके मध्य दीवार कर एक कमरे में औरगजेब के पोते तथा दूसरे कमरे में पोती को कैद रखां कमरे के बाहर बैठकर दुर्गादास ने दोनो को शिक्षा दी। दुर्गादास ने उन दो की शक्ल तक नही देखी। शिक्षा देने बाद दुर्गादास ने दोनो को ससम्मान औरगंजेब को सौप दिया।

प्रेम कर शादी रचाई, तो जान पर आफत आई

जींद प्रेम विवाह रचाने वाले जोड़े ने बुधवार को एसपी अशोककुमार से मिलकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। नवविवाहितयुवती ने आरोप लगाया कि उनको अपने परिजनों से जानका खतरा है। दोनों ने विवाह और तीस हजारी कोर्ट , नईदिल्ली के सुरक्षा संबंधी आदेशों की प्रति भी एसपी कोसौंपी। दोनों को पुलिस सुरक्षा के बीच प्रोटेक्शन हाउसभेज दिया गया है।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया गांव बधाना निवासी अशोक (25)दिल्ली स्थित अपोलो इंटरनैशनल कंपनी में मार्केटिंग काकाम करते हैं। उसी कंपनी में गोहाना निवासी प्रीति (22)भी मार्केटिंग इग्जेक्युटिव के पद पर है। दोनों ने 25 जुलाईको दिल्ली स्थित आर्य समाज मंदिर में शादी रचा ली। फिरदोनों ने तीस हजारी कोर्ट में अपने वकील के मार्फत सुरक्षाकी गुहार लगाई। कोर्ट ने जींद के एसपी को दोनों कोसुरक्षा मुहैया करवाने के आदेश दिए।

प्रीति ने बताया कि उसके परिजन उन्हें लगातार बुराअंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं। उन्हें परिजनों से खतरा है।

जैसलमेर , आज की ताजा खबर. पानी जैसलमेर का, खेती गंगानगर में

पानी जैसलमेर का, खेती गंगानगर में

जैसलमेर। जैसलमेर के हिस्से के पानी से इन दिनो गंगानगर क्षेत्र मे फसलें लहालहा रही हैं। यह बात आश्चर्यजनक है, लेकिन नहरी क्षेत्र मे विभाग की ओर से पानी का पूरा उपयोग नहीं लिए जाने से इन दिनो ऎसा ही हो रहा है। हालांकि पंजाब के पोंग डैम से जैसलमेर को उसके हिस्से का 1800 क्यूसेक पानी मिल रहा है, लेकिन नहरी विभाग की ओर से पूरे पानी का उपयोग नहीं किए जाने से ये हालात बने हैं। ऎसे मे जैसलमेर के हिस्से का पानी गंगानगर को भेजा जा रहा है।

1100 क्यूसेक ही पहंुच रहा


नहर विभाग का तर्क है कि जैसलमेर को मिलने वाले पानी का उपयोग नहीं होने से यहां का पानी गंगानगर भेजा जा रहा है। विभाग की मानें तो यहां आने वाले पानी की केवल पचास फीसदी ही खपत हो रही है। नहर मे शील्ट भरी होने के कारण क्षमता कम हो गई है। वहीं सिंचाई कार्यो के लिए आवश्यकता के अनुसार काश्तकार भी पानी का उपयोग नहीं कर रहे हैं।


नहरी क्षेत्र मे हेड 1254 आरडी से डाउन तक 1066 क्यूसेक व हेड 1365 से डाउन तक 794 क्यूसेक पानी आ रहा है। इसी तरह चारण वाला ब्रांच मे 393 क्यूसेक पानी पहुंच रहा है, वहीं मण्डाऊ मे 74 क्यूसेक पानी ही पहंुच पा रहा है। विभाग के कर्मचारी ये स्वीकारते हैं कि जैसलमेर नहरी क्षेत्र मे 1800 क्यूसेक पानी का हक बनता है, लेकिन यहां बमुश्किल 1100 क्यूसेक पानी ही पहुंच रहा है।

लापरवाह है विभाग

विभागीय अधिकारी किसानो को उनके हिस्से का पानी देना ही नहीं चाहते। वे वरीयता से पानी देने पर अड़े हुए हैं। नहर मे शील्ट होने से उसकी क्षमता कम हो सकती है, लेकिन पानी चलाया जा सकता है। हमारे हिस्से का पानी अन्य जिलो को देने की क्या जरूरत है। यह केवल उनकी लापरवाही है।
- अचलाराम जाटकिसान नेता, जैसलमेर

कम है नहरो की क्षमता

नहर मे शील्ट भरी होने से नहरी पानी की क्षमता कम हो गई है। इन दिनो दो समूहो मे पानी चलाया जा रहा है। अभी 1100 क्यूसेक पानी की खपत है, जबकि कुछ महीने पहले 800 क्यूसेक पानी की ही खपत थी। संभावनाओ के अनुरूप काश्तकार भी सिंचाई के लिए पानी का उपयोग नहीं कर रहे। यही कारण हे कि जैसलमेर का पानी बाहर जा रहा है। - एके शर्मा, अधीक्षण अभियंता इगांनप, जैसलमेर

जैसलमेर का दुर्भाग्य

कायदे से पंजाब से आने वाले हक के पानी जैसलमेर में ही उपयोग में लिया जाना चाहिए। यह नहर विभाग की लापरवाही और जैसलमेर का दुर्भाग्य है कि जरूरत होने के बावजूद हमें पानी नहीं मिल पा रहा है। इसका एक कारण घटिया निर्माण कार्य और दस साल से बदहाल वितरिकाओं की मरम्मत नहीं होना है।
-छोटूसिंह भाटी, विधायक, जैसलमेर
जैसलमेर

जालोर न्यूज़ बॉक्स ...आज की खबरे ...बारिश होने से नदी, नालों व बांधों में पानी की आवक




बारिश होने से नदी, नालों व बांधों में पानी की आवक

 जालोर पिछले दो दिन से चल रही बारिश का दौर बुधवार को भी जारी रहा। इस दौरान कहीं मध्यम दर्ज की बारिश तो कहीं रुक-रुककर बारिश हुई। बारिश होने से मौसम काफी सुहावना हो गया। जिले के भीनमाल, जसवंतपुरा, रानीवाड़ा, सांचौर और सायला क्षेत्र में बारिश के बाद खेतों में करीब एक-एक फीट पानी भर गया। साथ ही बारिश होने से नदी, नालों व बांधों में पानी की आवक रही। वहीं कई निचले इलाकों में पानी भर गया। इधर, पावटा ग्राम पंचायत के रसियावास गांव में बारिश के पानी से रेबारियों के पूरे मोहल्ले में पानी भर गया। आहोर उपखंड क्षेत्र के गुड़ा बालोतान में बारिश के बाद स्कूल की छत से पानी की बूंदें टपकना शुरु हो गई। इसके बाद संस्था प्रधान द्वारा स्कूल की छुट्टी कर दी गई। जसवंतपुरा क्षेत्र में हुई जोरदार बारिश के बाद नदी नाले चले उफान पर चले। साथ ही आवागम भी बाधित रहा। बारिश के कारण जिला मुख्यालय पर स्थित लाल पोल में एक कच्चा मकान ढह गया। बीते चौबीस घंटों में जिले के रानीवाड़ा व जसवंतपुरा में सर्वाधिक 92 एमएम (लगभग पौने चार इंच) बारिश दर्ज की गई। वहीं सबसे कम बागोड़ा क्षेत्र में 25 एमएम (एक इंच) बारिश हुई। जिला मुख्यालय पर मंगलवार रात से शुरु हुई बूंदाबांदी के बाद अल सवेरे करीब पांच बजे तेज बारिश हुई। करीब तीन घंटे तक चली तेज बारिश से सड़कों पर पानी बहा। साथ ही कई निचले इलाकों में पानी भर रहा। जिससे शहरवासियों को खासा परेशान होना पड़ा। इसके बाद सवेरे दस बजे तक हल्की बूंदाबांदी हुई। दोपहर को आसमान में बादलों की आवाजाही रही। सूर्यदेव के दर्शन भी कभी कभार हुए।
भीनमाल & नगर में मंगलवार रात्रि से अच्छी बारिश के कारण उपखंड के विभिन्न नदी-नालों में अच्छा पानी बहा। साथ ही कोड़ी नदी में दिनभर पानी बहता रहा। जिससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना भी करना पड़ा। बारिश के कारण पंचायत समिति, उपखंड अधिकारी और एडीजे कोर्ट सहित अन्य राजकीय कार्यालयों में जमा पानी से लोगों को काफी समस्या झेलनी पड़ी इसी प्रकार निकटवर्ती भरुड़ी गांव मेंं पास वराड़ा नाले मे तेज बहाव से पानी चलने के कारण दोनों तरफ बड़ी तादाद में वाहनों का जाम लग गया। जिससे यात्रियों सहित अन्य लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा। करीब 12 बजे तक पानी का बहाव कम होने के बाद जाम खुल गया।
सांचौर & पिछले कई दिनों से बारिश नहीं होने से मायूस हुए किसानों को आखिरकार मंगलवार को हुई बारिश से अच्छे जमाने की उम्मीद बंधी है। मंगलवार रात को उपखंड सहित पूरे नेहड़ क्षेत्र में शुरू हुआ बारिश का दौर बुधवार शाम तक जारी रहा। बारिश से सड़कों पर पानी का बहाव हुआ। क्षेत्र के सभी गांवों में अच्छी बारिश से खेतों में पानी भर गया। उपखंड मुख्यालय पर बुधवार शाम तक 34 एमएम बारिश दर्ज की गई।
सियाणा & कस्बे समेत आस पास के गांवों में मंगलवार रात शुरु हुई बूंदाबांदी का दौर बुधवार सवेरे करीब सात बजे तक जारी रही। इस दौरान कभी मध्यम दर्ज व कभी हल्की बारिश हुई। बारिश होने से खारी नदी में पानी तेज गति से बहने लगा। वहीं विरोली नाले में पानी की आवक रही। बारिश होने से क्षेत्र के कई खेतों में एक-एक फीट पानी भर गया। विरोली नाले में पानी की आवक होने से वाहन चालकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। खरल. कस्बे समेत ओटवाला, धोरा व केशवना गांव में बुधवार सवेरे 6 बजे तेज बारिश का दौर शुरु हुआ। करीब चार घंटे तक चली बारिश से सड़कों पर पानी बहा। बारिश होने से कस्बे के ओटवाला गांव के मुख्य सड़क पर स्थित दुकानों व होटलों के सामने व बस स्टैंड के निकट पानी भर गया। जिससे वाहन चालकों व राहगीरों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
मांडवला & क्षेत्र में बुधवार को सवेरे बूंदाबादी हुई। कुछ समय तक चली बारिश के बाद मौसम काफी सुहावना हो गया। दो दिन से हो रही बारिश से कस्बे में स्थित तालाब लबालब हो गया। बारिश होने से किसान भी खुश दिखाई दे रहे है।
मालवाड़ा & कस्बे समेत आस पास के गांवों में मंगलवार शाम 4 बजे बारिश का दौर शुरु हुआ, जो बुधवार शाम तक जारी रहा। इस दौरान कभी रुक-रुककर बारिश हुई तो कभी मध्यम दर्ज की। बारिश होने से सड़कों पर पानी बहा। साथ ही निचले इलाकों में पानी भर गया। जिससे कस्बेवासियों को परेशान होना पड़ा। बारिश होने से कस्बे गोड़ा नाडी में भी पानी की आवक रही।
आहोर & कस्बे में मंगलवार की शाम व बुधवार दोपहर तक हुई अच्छी बारिश ने कस्बे सहित क्षेत्र के गांवों में पानी ही पानी कर दिया। मंगलवार रात को करीब दो घंटे अच्छी बरसात होने से सड़कों पर पानी बहना शुरू हो गया। तथा रात भर कभी तेज तो कभी कम बरसात का दौर चलता रहा। जो बुधवार सवेरे तक चला। वही बुधवार को दिनभर धूप नहीं खिली। उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में बरसाती पानी से तालाब का रूप ले लिया। इसी तरह भाद्राजून, बादनवाड़ी, भैसवाड़ा, शंखवाली, चुण्डा, किशनगढ़, निंबला, नोसरा, अजीतपुरा, कांबा सहित क्षेत्र के गांवों में भी अच्छी बारिश होने के समाचार मिले हैं।
गुडा बालोतान & कस्बे सहित आसपास के गांवों में बुधवार को अल सवेरे हुई तेज बारिश ने चहुंओर पानी ही पानी कर दिया। करीब दो-ढाई घंटे तक चले बारिश के बाद राजकीय चिकित्सालय एवं पशु चिकित्सालय के पास भारी मात्रा में पानी भर गया। कस्बे के निचले इलाकों में पानी की निकासी नहीं होने से जगह जगह पर मार्ग में पानी जमा हो गया। आंगणवा कॉलोनी व थांवला गांव जाने वाले मार्ग पर बरसाती पानी जमा हो जाने से ग्रामीणों को आवागमन में परेशान होना पड़ा। कस्बे सहित दयालपुरा, अगवरी, उम्मेदपुर, पावटा, सेदरिया, चांदराई क्षेत्र के गांवों में भी अच्छी बरसात होने के समाचार मिले।
बागरा & क्षेत्र भर में मंगलवार से हो रही बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। अच्छी बारिश से क्षेत्र में नाडों तथा तालाबों में पानी की आवक हुई। वहीं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में पानी भरा होने से छात्राओं को स्वतंत्र दिवस की तैयारी करने में दिक्कत हुई। कस्बे में बारिश के दौरान आथमणावास में मेघवालों की गली में एक मकान का छज्जा गिर गया, हालांकि उससे नुकसान नहीं हुआ।
जसवंतपुरा & कस्बे समेत क्षेत्र भर में मंगलवार रात हुई तेज बारिश के बाद नदी नाले पूरे वेग के साथ चले। साथ ही क्षेत्र के बांधों में पानी की आवक हुई। नदी नालों में पानी की आवक के कारण करीब दो घंटे तक कस्बे से सिरोही व रामसीन जाने वाला मार्ग अवरुद्ध रहा। इधर, सुंधापर्वत पर तेज बरसात होने के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। झरनों के तेज बहाव के कारण यात्रियों को बीच में ही रोकना पड़ा। बरसात बंद होने के बाद मार्ग सुचारु हो गया। इसी तरह खोडेश्वर परिसर में पूरे वेग के साथ झरने चलने से जावीया नदी में भी पानी की आवक हुई। साथ ही पावटी नदी व डोरडा, फैदाणी और चांदूर क्षेत्र के नदी नाले उफान पर रहे। इसके अलावा तेज बहाव के कारण चांदूर व जसवंतपुरा नदी पर बनी रपट भी टूट गई। गजापुरा से सुंधामाता तक की सड़क पर भी जगह-जगह से डामर उखड़ गया, जिससे यहां गड्ढे पड़ गए।
करड़ा & कस्बे समेत क्षेत्र के विभिन्न गांवों में सोमवार रात शुरू हुआ बारिश का दौर बुधवार को भी जारी रहा। कस्बे समेत कोड़का, पमाणा, दांतवाड़ा, करवाड़ा, चाटवाड़ा, दातीवास, पूनासा व सामरानी गांव में मंगलवार को पूरे दिन व मंगलवार रात से बुधवार को भी बारिश हुई। जिससे नालों में पानी की आवक हुई। साथ ही तालाब, नाडी व बांध भी लबालब हो गए। इधर, दो दिन से जारी बारिश के चलते क्षेत्र भर में बिजली व्यवस्था गड़बड़ा गई है। जिससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मांडोली & क्षेत्र भर में सोमवार रात से रिमझिम के बाद मंगलवार रात अचानक तेज बारिश का दौर शुरू हुआ। पूरी रात कभी तेज तो कभी मध्यम गति से हुई बारिश से क्षेत्र के नदी नालों में पानी की आवक हुई। बुधवार सवेरे कस्बे की मांडोली, चांदूर, मुड़तरा नाला, पूनक व रामसीन नाले भी तेज गति से बहने लगे, जिससे करीब दो से तीन घंटे तक यातायात बाधित रहा। बीठन गांव में मंगलवार रात हुई मूसलाधार बारिश से जोताराम मेघवाल व मंछाराम के रहवासी मकान ढह गए। इधर, दोनों ओर से नदी से घिरे झाक गांव की नदी में पानी की जोरदार आवक पूरे दिन गांवों का संपर्क कटा रहा। नदी पर रपट नहीं होने के कारण स्कूली छात्र व बीमार व्यक्तियों को भी काफी देर इंतजार करना पड़ा।
बाकरा गांव & कस्बे सहित आसपास के गंावों में मगंलवार रात को जोरदार बारिश हुई। जिससे क्षेत्र भर के तालाबों व एनिकटों में पानी की आवक हुई। बारिश के कारण जगह-जगह सड़कों पर पानी का भराव और कीचड़ से लोगों को आवागमन में भी परेशानी हुई। वहीं बैरठ, बाकरा, बाकरारोड, सरत, चूरा, डकातरा, कलापुरा व रेवत समेत कई गांवों में मंगलवार देर रात तक बरसात हुई। बारिश के बाद क्षेत्र के ग्रामीणों व किसानों में खुशी की लहर छा गई है।
झाब & कस्बे सहित आसपास के विभिन्न गांवों में मंगलवार रात से बुधवार सवेरे तक बारिश झड़ी लगी रही। जिससे क्षेत्र के किसानों के चेहरों पर खुशी नजर आने लगी है। कस्बे में भी सावन के महीने की पहली बरसात को देख हर किसी के चेहरे पर मुस्कान देखी जा रही है। बुधवार सवेेरे से जारी अच्छी बारिश के बाद कस्बे की सड़कों पर पानी का भराव रहा, जिससे स्कूली छात्रों व राहगीरों को आवागमन में परेशानी हुई।
इसके अलावा आसपास के कई छोटे बड़े तालाबों व नाडियों में भी पानी की आवक हुई।जवाई नदी में एक फीट तक पानी का बहाव
क्षेत्र में मंगलवार व बुधवार को हुई अच्छी बारिश से जवाई नदी में पानी बहाव देखने को मिला। जवाई नदी में पानी आने की सूचना मिलने पर कस्बे सहित आसपास के गांव जवाई नदी के किनारे पहुंच गए। पचानवा गांव के पास से गुजर रही जवाई नदी में करीब एक फीट तक पानी का बहाव चला। जिसे देखने के लिए आसपास के गांवों के ग्रामीणों की भीड़ लगी रही। जवाई बांध से निकलकर जिले के तिलोड़ा बागोड़ा जाने वाली जवाई नदी में इससे पूर्व वर्ष 2006 के दौरान जवाई बांध की फाटक खोलने से पानी आया था।
बारिश से दीवार गिरी
कस्बे में सांथू रोड स्थित एक मकान की मंगलवार रात्रि को हुई तेज बारिश से चारदिवारी ढह गई। मोमतराज राजपुरोहित ने बताया यह चारदिवारी चार माह पूर्व में ही बनाई गई थी।
बिजली गिरने से ट्रांसफार्मर खराब
गुडाबालोतान के निकट पुराना बेदाना गांव में बुधवार अल सवेरे तेज बारिश का दौर शुरू होने के दौरान राजपूतों के वास की आबादी वाले क्षेत्र में लगे ट्रांसफार्मर पर बिजली गिरने से लिंक उड़ गई। इस दौरान जोरदार धमाका हुआ। मगर किसी भी प्रकार की जन हानि नहीं हुई। डिस्कॉम के कनिष्ठ अभियंता ओमप्रकाश सिरवी ने बताया कि बेदाना गांव के ट्रांसफार्मर पर बिजली गिरने से लिंक उड़ गई। इसके कारण दिन भर बिजली आपूर्ति प्रभावित रही

बाडमेर, आज की ताजा खबर.

फरार चल रहे दो ईनामी बदमाश गिरफ्तार
बाड़मेर। बालोतरा. चालक को बंधक बनाकर टवेरा लूट प्रकरण में लंबे समय से फरार चल रहे दो ईनामी बदमाशों को पचपदरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी सगे भाई है, जिनकी गिरफ्तारी पर पुलिस अधीक्षक बाड़मेर ने दो-दो हजार रूपए का ईनाम घोषित कर रखा था। पुलिस उप अधीक्षक रामेश्वरलाल मेघवाल के अनुसार बाड़मेर मार्ग पर आकड़ली सरहद में गत वर्ष अज्ञात आरोपियों ने जोधपुर से किराए पर ली गई टवेरा कार के चालक को बंधक बनाकर कार लूट ली थी। पुलिस ने अनुसंधान के दौरान आरोपियों की पहचान कर उन्हें नामजद किया। इस प्रकरण में विक्रमसिंह व मूलसिंह पुत्र सोहनसिंह निवासी मतौड़ा पिछले लंबे समय से फरार चल रहे थे। पुलिस सरगर्मी से इनकी तलाश कर रही थी। पुलिस अधीक्षक ने इनकी गिरफ्तारी पर दो-दो हजार रूपए का ईनाम घोषित कर रखा था। पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनसे गहन पूछताछ की जा रही है।

ट्रक ट्रेलर की भिड़न्त

गुड़ामालानी । क्षेत्र के जालिखेड़ा गांव के बस स्टेण्ड के पास मेगा हाइवे पर मंगलवार देर रात्रि एक ट्रक व ट्रेलर में हुई भीषण टक्कर में ट्रक चालक की मौके पर ही मौत हो गई। भिड़न्त में दो जने गंभीर घायल हो गए। इन्हें उपचार के लिए रैफर किया गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनो वाहनों के अगले हिस्से बुरी तरह से पिचक गए एवं उसमें फंसे शव को क्रेन की सहायता से निकाला गया। गुड़ामालानी थाना प्रभारी ताराराम बैरवा ने बताया कि मंगलवार देर रात्रि ढाई बजे मेगा हाइवे पर जालिखेड़ा बस स्टेण्ड के समीप पंजाब से गुजरात जा रहे एक ट्रेलर चालक ने तेज गति से चलाते हुए गलत साइड जाकर सामने जोधपुर की ओर से आ रहे एक ट्रक को टक्कर मार दी।


दोनों वाहनों की टक्कर में ट्रक के केबिन के ऊपर की सीट पर सो रहा चालक संदीपसिंह (21) पुत्र चरणजीतसिंह निवासी गोविन्दपुरा (पटियाला) पंजाब की मौके पर मौत हो गई एवं दोनो वाहनों के बीच चालक का शव बुरी तरह से फंस गया। टक्कर में दोनों वाहनों के खलासी दर्शनसिंह पुत्र इन्द्रजीतसिंह निवासी गोविन्दपुरा (पटियाला) पंजाब व पाचाराम पुत्र जसवन्तराम विश्नोई निवासी गणेशानियों की ढाणी (धोरीमन्ना) गंभीर रूप से घायल हो गए। इन्हें उपचार के लिए बालोतरा रैफर किया 



गाय- बछड़ों के साथ तीन को पुलिस ने गिरफ्तार किया


पचपदरा ट्रक में ठूंसकर ले जाए जा रहे गाय- बछड़ों के साथ तीन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पचपदरा पुलिस ने गुलाब सर्किल से आगे आकड़ली मार्ग पर मुखबिर की सूचना पर ट्रक को रोका। ट्रक में ठूंसकर गाय- बछड़े भरे हुए थे जिन्हें गुजरात की ओर ले जाया जा रहा था। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लेने के साथ ही कासिम पुत्र सदीक निवासी मोखेरी फलौदी, गफूर पुत्र मोहम्मद व सद्दाम पुत्र हासन निवासी खीचन को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बरामद गोवंश को आकड़ली गोशाला भिजवा दिया।

बीएसएफ के जवानों ने 2 हजार 500 पौधे रोपे
बाड़मेर बीएसएफ बटालियन हैडक्वार्टर 171 बाड़मेर में बुधवार को बीएसएफ के जवानों ने कमांडेंट171 राजकुमार नेगी के नेतृत्व में 2 हजार 500 पौधे रोपे। पौधरोपण कार्यक्रम में बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट डीके सिंह व डिप्टी कमांडेंट एमके सोनी सहित बटालियन के जवान मौजूद थे। इस मौके जवानों को संबोधित करते हुए कमांडेंट राजकुमार नेगी ने कहा कि बरसात के मौसम में अधिक से अधिक पौधे रोपने के साथ ही समय-समय पर पौधों की देखरेख भी करें। इस अवसर पर जवानों ने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने व उनकी देखभाल करने का संकल्प लिया।

30 आरोपियों को जमानत


30 आरोपियों को जमानत
बाड़मेर। गुड़ामालानी फरवरी 2009 में गौ प्रकरण को लेकर उग्र भीड़ के पुलिस जीप जलाने, धक्का- मुक्की तथा राजकार्य में बाधा डालने के 30 आरोपियों की बुधवार को एडीजे कोर्ट में पेश किया गया। न्यायालय ने उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए। सोमवार को पुलिस ने प्रकरण के 30 आरोपियों को गिरफ्तार कर एसीजेएम कोर्ट में पेश किया था।जहां उनकी जमानत खारिज हो गई। बुधवार को एडीजे कोर्ट बाड़मेर में आरोपियों के अधिवक्ताओं की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र पेश किया गया जिसे स्वीकार कर न्यायालय ने आरोपियों को जमानत पर छोडऩे के आदेश दिए। गुड़ामालानी थानाधिकारी ताराराम बैरवा ने बताया कि कस्बे में 21 फरवरी 2009 को गायों व बछड़ों को लेकर विवाद उपजा था। जिसमें उग्र भीड़ ने हाइवे जाम करने के साथ ही पथराव किया। पुलिस थाने की जीप भी उग्र भीड़ ने जला दी थी। सीआइडी (सीबी)की लंबी जांच में 31 जनों को आरोपी बताया गया। सोमवार शाम 31 जनों में से लक्ष्मण विश्नोई पुत्र हीराराम विश्नोई को छोड़कर 30 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था

भारत-पाक सरहद वीरातरा माता का मंदिर





भारत-पाक सरहद पर वीरातरा स्थित वीरातरा माता का मंदिर सैकड़ों वषोंर से आस्था का केन्द्र बना हुआ है। यहां प्रति वर्ष चैत्र,भादवा एवं माघ माह की शुक्ल पक्ष की तेरस एवं चौदस को मेला लगता है। अखंड दीपक की रोशनी,नगाड़ों की आवाज के बीच जब जनमानस नारियल जोत पर रखते है तो एक नई रोशनी रेगिस्तान के वीरान इलो में चमक उठती है। 
वीरातरा माता की प्रतिमा प्रकट होने के पीछे कई दंतकथाएं प्रचलित है। एक दंतकथा के
  मुताबिक प्रतिमा को पहाड़ी स्थित मंदिर से लाकर स्थापित किया गया। अधिकांश जनमानस एवं प्राचीन इतिहास से संबंध रखने वाले लोगों का कहना है कि यह प्रतिमा एक भीषण पाषाण टूटने से प्रकट हुई थी। यह पाषाण आज भी मूल मंदिर के  बाहर दो टूकड़ों में विद्यमान है। वीरातरा माता की प्रकट प्रतिमा से एक कहानी यह भी जुड़ी हुई है कि पहाड़ी स्थित वीरातरा माताजी के  प्रति लोगों की अपार श्रद्घा थी। कठिन पहाड़ी चढ़ाई, दुर्गम मार्ग एवं जंगली जानवरों के  भय के बावजूद श्रद्घालु दर्शन करने मंदिर जरूर जाते थे। इसी आस्था की वजह से एक 80 वर्षीय वृद्घा माताजी के  दर्शन करने को पहाड़ी के ऊपर चढ़ने के लिए आई। लेकिन वृद्घावस्था के कारण ऊपर चढ़ने में असमर्थ रही। वह लाचार होकर पहाड़ी की पगडंडी पर बैठ गई। वहां उसने माताजी का स्मरण करते हुए कहा कि वह दर्शनार्थ आई थी। मगर शरीर से लाचार होने की वजह से दर्शन नहीं कर पा रही है। उसे जैसे कई अन्य भक्त भी दर्शनों को लालायित होने के बाद दर्शन नहीं कर पाते। अगर माताजी का ख्याल रखती है तो नीचे तलहटी पर आकर छोटे बच्चों एवं वृद्घों को दर्शन दें। उस वृद्घा की इच्छा के  आगे माताजी पहाड़ी से नीचे आकर बस गई। वीरातरा माताजी जब पहाड़ी से नीचे की तरफ आई तो जोर का भूंप आया। साथ ही एक बड़ा पाषाण पहाड़ी से लुढ़कता हुआ मैदान में आ गिरा। पाषाण दो हिस्सों में टूटने से जगदम्बे माता की प्रतिमा प्रकट हुई। इसे बाद चबूतरा बनाकर उस पर प्रतिमा स्थापित की गई। सर्वप्रथम उस वृद्ध महिला ने माताजी को नारियल चढ़ाकर मनोकामना मांगी। 
प्रतिमा स्थापना के बाद इस धार्मिक स्थान की देखभाल भीयड़ नामक भोपा करने लगा। भीयड़ अधिकांश समय भ्रमण कर माताजी के चमत्कारों की चर्चा करता। माताजी ने भीयड़ पर आए संकटों को कई बार टाला। एक रावल भाटियों ने इस इलो में घुसकर पशुओं को चुराने एवं वृक्षों को नष्ट करने का प्रयत्न किया। भाटियों की इस तरह की हरकतों को देखकर भोपों ने निवेदन किया कि आप लोग रक्षक है। ऐसा कार्य न करें, मगर भाटियों ने इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया। उल्टे भोपों को परेशान करना प्रारंभ कर दिया। लाचार एवं दुखी भोपे भीयड़ के  पास आए। भीयड़ ने भी भाटियों से प्रार्थना की। इसे बदले तिरस्कार मिला। अपनी मर्यादा और इलाके  के नुकसान को देखकर वह बेहद दुःखी हुआ। उसने वीरातरा माता से प्रार्थना की। माता ने अपने भक्त की प्रार्थना तत्काल सुनते हुए भाटियों को सेंत दिया कि वे ऐसा नहीं करें। मगर जिद्द में आए भाटी मानने को तैयार नहीं हुए। इस पर उनकी आंखों से ज्योति जाने लगी। शरीर में नाना प्रकार की पीड़ा होने लगी। लाचार भाटियों ने क्षमास्वरूप माताजी का स्मरण किया और अपनी करतूतों की माफी मांगी। अपने पाप का प्रायश्चित करने पर वीरातरा माताजी ने इन्हें माफ किया। भाटियों ने छह मील की सीमा में बारह स्थानों का निर्माण करवाया। आज भी रोईडे का थान,तलेटी का थान, बेर का थान, तोरणिये का थान, मठी का थान,ढ़ोक का थान, धोरी मठ वीरातरा, खिमल डेरो का थान, भीयड़ भोपे का थान, नव तोरणिये का थान एवं बांकल का थान के  नाम से प्रसिद्ध है। वीरातरा माताजी की यात्रा तभी सफल मानी जाती है जब इन सभी थानों की यात्रा कर दर्शन किए जाते है। 
चमत्कारों की वजह से कुल देवी मानने वाली महिलाएं न तो गूगरों वाले गहने पहनती है और न ही चुड़ला। जबकि इन इलो में आमतौर पर अन्य जाति की महिलाएं इन दोनों वस्तुओं का अनिवार्य रूप से उपयोग करती है। वीरातरा माता के  दर्शनार्थ बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई प्रांतों के  श्रद्घालु यहां आते हैं।

सावन में खुशियों की बूंदों से थार सरोबार

सावन में खुशियों की बूंदों से थार सरोबार

बाड़मेर। जाते जाते सावन ने थार में खुशियों को बिखेरना शुरू कर दिया है। बुधवार को लगातार दूसरे दिन दिनभर झिरमिर झिरमिर बरसे मेह ने थार को सरोबार कर दिया। गुड़ामालानी क्षेत्र में हुई 70 मिमी बारिश से तालाब तरबतर हो गए। पचपदरा, चौहटन, धोरीमन्ना, बायतु और बाड़मेर में भी अच्छी बारिश हुई। बाड़मेर जिला मुख्यालय पर बीते चौबीस घंटों में 54 एम एम बारिश दर्ज की गई।


मंगलवार रातभर रूक रूक कर हुई बारिश का क्रम बुधवार को भी जारी रहा। बाड़मेर शहर में सुबह से ही बूंदा बांदी का क्रम चलता रहा जो दोपहर तीन बजे तक चला। करीब साढ़े चार बजे बारिश शुरू हुई। आधे घंटे तक चली बारिश ने शहर को पूरा नहला दिया। दिनभर सूर्य के दर्शन नहीं हुए। आसमान बादलों से घिरा हुआ रहा।


बालोतरा. बालोतरा सहित उपखंड क्षेत्र में मंगलवार शाम को शुरू हुई रिमझिम का दौर बुधवार सुबह तक जारी रहा। घटाटोप बादलों के साथ रिमझिम फुहारों से लोगों ने सावन का आनंद लिया। मौसम में ठंडक घुली रही। उपखंड मुख्यालय पर 15 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।


सिवाना. उपखंड क्षेत्र में अच्छी बरसात से किसानों के चेहरों पर रौनक है। मंगलवार शाम सात बजे शुरू हुई रिमझिम बारिश अगले दिन सुबह साढ़े दस बजे तक चलती रही। तहसील मुख्यालय पर 34 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई। समदड़ी मार्ग पर मेली के समीप नाले के बहाव में फंसे वाहन के कारण आधा घंटे तक मार्ग अवरूद्ध रहा।


समदड़ी. क्षेत्र के सभी गांवों में सुखद बारिश से आमजन के चेहरे खिल उठे हैं। समदड़ी सहित आस-पास के गांवों में मंगलवार रात एक घंटे तक अच्छी बरसात हुई। इसके बाद रात भर रिमझिम फुहारें चलती रही।

मोकलसर. मोकलसर क्षेत्र में मंगलवार रात शुरू हुआ बरसात का दौर बुधवार सुबह 11 बजे तक जारी रहा। मंगलवार रात आधे घंटे तक जमकर बरसात हुई। इसके बाद रात भर बूंदाबांदी चलती रही।
मोकलसर में 30 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है।

बुधवार, 10 अगस्त 2011

25 अगस्त को राजस्थानी भाषा मान्यता संकल्प दिवस मनाया जाएगा

25 अगस्त को राजस्थानी भाषा मान्यता संकल्प दिवस मनाया जाएगा

जयपुर। राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता की मांग को लेकर 25 अगस्त को राजस्थानी भाषा मान्यता संकल्प दिवस मनाया जाएगा। 25 अगस्त 2003 को ही राजस्थान विधानसभा में राजस्थानी को मान्यता की मांग का संकल्प सर्वसम्मति से पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा गया था, मगर उसके आठ वर्ष बाद आज भी यह मांग लंबित है और राजस्थानी भाषा प्रेमियों में इसे लेकर रोष है। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के प्रदेश महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ ने बताया कि प्रदेशभर में संकल्प दिवस की तैयारियां जोरों पर है। जयपुर के स्टेच्यू सर्किल पर इस दिन विशाल धरना होगा।
अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति तथा उसके अग्रिम संगठन राजस्थानी मोट्यार परिषद, राजस्थानी चिंतन परिषद, राजस्थानी महिला परिषद, मातृभाषा राजस्थानी छात्र मोर्चा तथा राजस्थानी फिल्म परिषद के कार्यकर्ताओं को इसके लिए अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गईं हैं। संघर्ष समिति के प्रदेश प्रचार मंत्री विनोद स्वामी गत एक सप्ताह से जयपुर में सघन जनसंपर्क कर रहे हैं। समिति के अंतरराष्ट्रीय संयोजक तथा राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका कनाडा व केलिफोर्निया के मीडिया चेयरमैन प्रेम भंडारी भी अमेरिका से भारत पहुंच चुके हैं। समिति के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ वे प्रदेशभर में जनसभाएं कर रहे हैं। इसी सिलसिले में 11 अगस्त को जोधपुर के राजीव गांधी सर्किल पर विशाल धरना व जनसभा होगी तथा 13 अगस्त को बाड़मेर जिले के बालोतरा कस्बे में विशाल जनसभा होगी।
संघर्ष समिति के कार्यकर्ता तथा मायड़भाषा प्रेमी 13 अगस्त को रक्षाबंधन के अवसर पर प्रदेश के सांसदों, विधायकों, जिला प्रमुखों, प्रधानों, महापौर व नगरपालिका चेयरमैनों, पंच-सरपंचों तथा राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों सहित प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों को राजस्थानी रक्षा-सूत्र बांधकर उनसे मातृभाषा राजस्थानी की रक्षा का संकल्प भरवाएंगे तथा 25 अगस्त को जयपुर धरने में शिरकत करने का आह्वान भी करेंगे।