पानी जैसलमेर का, खेती गंगानगर में
जैसलमेर। जैसलमेर के हिस्से के पानी से इन दिनो गंगानगर क्षेत्र मे फसलें लहालहा रही हैं। यह बात आश्चर्यजनक है, लेकिन नहरी क्षेत्र मे विभाग की ओर से पानी का पूरा उपयोग नहीं लिए जाने से इन दिनो ऎसा ही हो रहा है। हालांकि पंजाब के पोंग डैम से जैसलमेर को उसके हिस्से का 1800 क्यूसेक पानी मिल रहा है, लेकिन नहरी विभाग की ओर से पूरे पानी का उपयोग नहीं किए जाने से ये हालात बने हैं। ऎसे मे जैसलमेर के हिस्से का पानी गंगानगर को भेजा जा रहा है।
1100 क्यूसेक ही पहंुच रहा
नहर विभाग का तर्क है कि जैसलमेर को मिलने वाले पानी का उपयोग नहीं होने से यहां का पानी गंगानगर भेजा जा रहा है। विभाग की मानें तो यहां आने वाले पानी की केवल पचास फीसदी ही खपत हो रही है। नहर मे शील्ट भरी होने के कारण क्षमता कम हो गई है। वहीं सिंचाई कार्यो के लिए आवश्यकता के अनुसार काश्तकार भी पानी का उपयोग नहीं कर रहे हैं।
नहरी क्षेत्र मे हेड 1254 आरडी से डाउन तक 1066 क्यूसेक व हेड 1365 से डाउन तक 794 क्यूसेक पानी आ रहा है। इसी तरह चारण वाला ब्रांच मे 393 क्यूसेक पानी पहुंच रहा है, वहीं मण्डाऊ मे 74 क्यूसेक पानी ही पहंुच पा रहा है। विभाग के कर्मचारी ये स्वीकारते हैं कि जैसलमेर नहरी क्षेत्र मे 1800 क्यूसेक पानी का हक बनता है, लेकिन यहां बमुश्किल 1100 क्यूसेक पानी ही पहुंच रहा है।
लापरवाह है विभाग
विभागीय अधिकारी किसानो को उनके हिस्से का पानी देना ही नहीं चाहते। वे वरीयता से पानी देने पर अड़े हुए हैं। नहर मे शील्ट होने से उसकी क्षमता कम हो सकती है, लेकिन पानी चलाया जा सकता है। हमारे हिस्से का पानी अन्य जिलो को देने की क्या जरूरत है। यह केवल उनकी लापरवाही है।
- अचलाराम जाटकिसान नेता, जैसलमेर
कम है नहरो की क्षमता
नहर मे शील्ट भरी होने से नहरी पानी की क्षमता कम हो गई है। इन दिनो दो समूहो मे पानी चलाया जा रहा है। अभी 1100 क्यूसेक पानी की खपत है, जबकि कुछ महीने पहले 800 क्यूसेक पानी की ही खपत थी। संभावनाओ के अनुरूप काश्तकार भी सिंचाई के लिए पानी का उपयोग नहीं कर रहे। यही कारण हे कि जैसलमेर का पानी बाहर जा रहा है। - एके शर्मा, अधीक्षण अभियंता इगांनप, जैसलमेर
जैसलमेर का दुर्भाग्य
कायदे से पंजाब से आने वाले हक के पानी जैसलमेर में ही उपयोग में लिया जाना चाहिए। यह नहर विभाग की लापरवाही और जैसलमेर का दुर्भाग्य है कि जरूरत होने के बावजूद हमें पानी नहीं मिल पा रहा है। इसका एक कारण घटिया निर्माण कार्य और दस साल से बदहाल वितरिकाओं की मरम्मत नहीं होना है।
-छोटूसिंह भाटी, विधायक, जैसलमेर
जैसलमेर
जैसलमेर। जैसलमेर के हिस्से के पानी से इन दिनो गंगानगर क्षेत्र मे फसलें लहालहा रही हैं। यह बात आश्चर्यजनक है, लेकिन नहरी क्षेत्र मे विभाग की ओर से पानी का पूरा उपयोग नहीं लिए जाने से इन दिनो ऎसा ही हो रहा है। हालांकि पंजाब के पोंग डैम से जैसलमेर को उसके हिस्से का 1800 क्यूसेक पानी मिल रहा है, लेकिन नहरी विभाग की ओर से पूरे पानी का उपयोग नहीं किए जाने से ये हालात बने हैं। ऎसे मे जैसलमेर के हिस्से का पानी गंगानगर को भेजा जा रहा है।
1100 क्यूसेक ही पहंुच रहा
नहर विभाग का तर्क है कि जैसलमेर को मिलने वाले पानी का उपयोग नहीं होने से यहां का पानी गंगानगर भेजा जा रहा है। विभाग की मानें तो यहां आने वाले पानी की केवल पचास फीसदी ही खपत हो रही है। नहर मे शील्ट भरी होने के कारण क्षमता कम हो गई है। वहीं सिंचाई कार्यो के लिए आवश्यकता के अनुसार काश्तकार भी पानी का उपयोग नहीं कर रहे हैं।
नहरी क्षेत्र मे हेड 1254 आरडी से डाउन तक 1066 क्यूसेक व हेड 1365 से डाउन तक 794 क्यूसेक पानी आ रहा है। इसी तरह चारण वाला ब्रांच मे 393 क्यूसेक पानी पहुंच रहा है, वहीं मण्डाऊ मे 74 क्यूसेक पानी ही पहंुच पा रहा है। विभाग के कर्मचारी ये स्वीकारते हैं कि जैसलमेर नहरी क्षेत्र मे 1800 क्यूसेक पानी का हक बनता है, लेकिन यहां बमुश्किल 1100 क्यूसेक पानी ही पहुंच रहा है।
लापरवाह है विभाग
विभागीय अधिकारी किसानो को उनके हिस्से का पानी देना ही नहीं चाहते। वे वरीयता से पानी देने पर अड़े हुए हैं। नहर मे शील्ट होने से उसकी क्षमता कम हो सकती है, लेकिन पानी चलाया जा सकता है। हमारे हिस्से का पानी अन्य जिलो को देने की क्या जरूरत है। यह केवल उनकी लापरवाही है।
- अचलाराम जाटकिसान नेता, जैसलमेर
कम है नहरो की क्षमता
नहर मे शील्ट भरी होने से नहरी पानी की क्षमता कम हो गई है। इन दिनो दो समूहो मे पानी चलाया जा रहा है। अभी 1100 क्यूसेक पानी की खपत है, जबकि कुछ महीने पहले 800 क्यूसेक पानी की ही खपत थी। संभावनाओ के अनुरूप काश्तकार भी सिंचाई के लिए पानी का उपयोग नहीं कर रहे। यही कारण हे कि जैसलमेर का पानी बाहर जा रहा है। - एके शर्मा, अधीक्षण अभियंता इगांनप, जैसलमेर
जैसलमेर का दुर्भाग्य
कायदे से पंजाब से आने वाले हक के पानी जैसलमेर में ही उपयोग में लिया जाना चाहिए। यह नहर विभाग की लापरवाही और जैसलमेर का दुर्भाग्य है कि जरूरत होने के बावजूद हमें पानी नहीं मिल पा रहा है। इसका एक कारण घटिया निर्माण कार्य और दस साल से बदहाल वितरिकाओं की मरम्मत नहीं होना है।
-छोटूसिंह भाटी, विधायक, जैसलमेर
जैसलमेर
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