रविवार, 13 मई 2012

शासन की देखरेख में सफाई कर्मचारियों ने किया काम


शासन की देखरेख में सफाई कर्मचारियों ने किया काम

कलेक्टर ने पैदल घूमकर शहर के भीतरी हिस्सों का लिया जायजा

शहर में चला विशेष सफाई अभियान

छह दलों की देखरेख में हुई शहर की सफाई

कलेक्टर स्वयं ने किया निरीक्षण

लोगों ने सुनाई व्यथा



. जैसलमेर  
नवनियुक्त कलेक्टर शुचि त्यागी के निर्देशों पर शनिवार को शहर में नगरपालिका की ओर से सफाई अभियान चलाया गया। शहर के विभिन्न हिस्सों में नगरपरिषद के सफाई कर्मचारियों ने प्रशासन की देखरेख में साफ सफाई की। शनिवार सुबह छह बजे यह अभियान शुरू हुआ जो दस बजे तक चलता रहा। विशेष सफाई अभियान के तहत शहर के सौंदर्य में एकबारगी निखार देखने को मिला। जहां रोजाना कचरे के ढेर लगे रहते हैं वहां शनिवार को कुछ साफ सफाई नजर आई। 

कलेक्टर शुचि त्यागी ने इस अभियान को लेकर क्षेत्रवार छह दलों का गठन किया था। इसमें हर क्षेत्र के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को दल प्रभारी बनाया गया तथा उन्हें आवंटित क्षेत्रों में विशेष सफाई अभियान के लिए प्रत्येक दल में नगरपालिका के तीन-तीन पालिकाकर्मी, एक-एक ट्रैक्टर मय चालक तथा 10-10 सफ ाई कर्मचारी लगाए गए थे।

कलेक्टर त्यागी को निरीक्षण के दौरान हर क्षेत्र के लोगों ने अपनी व्यथा सुनाई। शहर की सफाई व्यवस्था से कोई भी संतुष्ट नहीं था। हर किसी ने यही कहा कि जगह जगह गंदगी रहती है और परिषद के सफाईकर्मी सही ढंग से सफाई नहीं करते हैं। उन्होंने इस दौरान सहायक अभियंता राजकुमार सिंघल को व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए। पटवा हवेली क्षेत्र के लोगों ने सुलभ कॉम्पलेक्स व क्षेत्र की बिखरी सड़क के संबंध में कलेक्टर को अवगत करवाया। जिस पर कलेक्टर ने सहायक अभियंता को शहर में पेचवर्क करवाने के निर्देश दिए।

सफाई अभियान के तहत इंदिरा कॉलोनी वार्ड नंबर 21 के लिए उपनिवेशन तहसीलदार, इंदिरा कॉलोनी वार्ड नंबर 22 के लिए उपखण्ड अधिकारी, गांधी कॉलानी वार्ड नंबर 24 व 25 के लिए जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, वाल्मीकि कॉलोनी, आदर्श विद्या मन्दिर से मेघवाल पाड़ा काम्पलेक्स तक के लिए जैसलमेर तहसीलदार, विजय स्तंभ चौराहे से अमरसागर गेट, ग्रामीण बस स्टैंड, भास्कर मोहल्ला, गीता आश्रम चौराहा तक जैसलमेर नायब तहसीलदार तथा गीता आश्रम चौराहा से कलाकार कॉलोनी व पटवा हवेली तक सहायक कलेक्टर (प्रशिक्षु) को सफाई अभियान के लिए दल प्रभारी अधिकारी बनाया गया था। सफाई अभियान के संपूर्ण प्रभारी अतिरिक्त कलेक्टर बनाए गए थे। इनके द्वारा क्षेत्र का भ्रमण कर सफ ाई व्यवस्था का जायजा लिया गया।

सुबह करीब 9 बजे कलेक्टर शुचि त्यागी ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पैदल घूमकर सफाई अभियान का जायजा लिया। उन्होंने अपना दौरा गीता आश्रम रोड से शुरू किया और पटवा हवेली तक पैदल पहुंचकर लोगों से रूबरू हुई। वहीं इसके बाद उन्होंने वाल्मिकी कॉलोनी का भी जायजा लिया।

सरकारी कागजों पर लगेगा बेटी बचाओ का लोगो



सरकारी कागजों पर लगेगा बेटी बचाओ का लोगो


कलेक्टर शुचि त्यागी की पहल , आदेश पर लोगो लगा किया शुरुआत


जैसलमेरजिले में घटते लिंगानुपात, कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम व आमजन में जागरुकता लाने के लिए नवनियुक्त कलेक्टर शुचि त्यागी ने अनूठी पहल की है।

कलेक्टर त्यागी ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि जिले के विभिन्न विभागों को आदेशित किया गया है कि सभी विभागों से निकलने वाले सभी पत्रों पर बेटी बचाओ का लोगो दांयीं ओर लगाया जाए। उन्होंने बताया कि जैसलमेर में लिंगानुपात बहुत कम है जो एक चिंताजनक विषय है। सभी को इसके लिए जागरूक होने की महत्ती आवश्यकता है। शनिवार को कलेक्टर कार्यालय से निकले इस आदेश की कॉपी पर सर्वप्रथम बेटी बचाओ का लोगो लगाया गया

सोनोग्राफी करवाने वाली महिला का पहचान पत्र लेना होगा

कन्या भ्रूण हत्या के संबंध में कलेक्टर त्यागी ने बताया कि जिले में गिरते लिंगानुपात की गंभीरता को देखते हुए सोनोग्राफी केन्द्रों को निर्देशित किया गया है कि महिला की सोनोग्राफी करने से पूर्व फार्म एफ के साथ संबंधित चिकित्सक की रैफरल स्लिप तथा महिला से संबंधित सभी जानकारियां संधारित करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सोनोग्राफी केन्द्रों पर फार्म एफ में कुछ भी जानकारी नहीं भरी जाती है। केवल महिला का नाम लिख दिया जाता है।

सोनोग्राफी से पूर्व यह जानकारी लेनी होगी

महिला स्वयं के पहचान पत्र की प्रति।

स्वयं का न होने की स्थिति में पति या पिता के पहचान पत्र की प्रति।

क्च वह भी न होने की स्थिति में सोनोग्राफी सेंटर द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत एवं सरपंच का नाम व पता संधारित किया जाना आवश्यक है।



नर्सिंग-डे पर जमकर झूमे स्टूडेंट्स



नर्सिंग-डे पर जमकर झूमे स्टूडेंट्स


रैली निकाली, प्रतियोगिताओं में लिया बढ़-चढ़कर भाग


बाड़मेरफ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस को अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के रूप में मनाया गया।

नर्सिंग क्षेत्र से जुड़े लोगों ने इस मौके पर नाइटिंगेल को श्रद्धा के साथ याद किया। पूरे दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। शनिवार सुबह गांधी चौक से रैली साथ कार्यक्रमों का आगाज हुआ। वहीं स्थानीय राजकीय चिकित्सालय स्थित जनरल नर्सिंग मिडवाइफरी सेंटर में हुईकईप्रतियोगिताओं में स्टूडेंट्स ने उत्साह से भाग लिया। 


प्रतियोगिताओं में झलका उत्साह

सेवा करने का संदेश देने के साथ गांधी चौक से रवाना हुई रैली शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई राजकीय चिकित्सालय पहुंची। रैली के बाद नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्र में प्रश्नोत्तरी, म्यूजिकल चेयर, मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। वहीं मैत्री क्रिकेट मैच में युवाओं ने दमखम दिखाया। प्रश्नोत्तरी में सुशीला व सुमित्रा प्रथम और दिलीप व ओमप्रकाश की जोड़ी द्वितीय स्थान पर रही। वहीं मेहंदी में यशवंती पहले व पूनम दूसरे स्थान तथा रंगोली में चंचल ने पहला और रितु जांगिड़ ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।

दामाद ने ससुराल में खेली खून की होली

दामाद ने ससुराल में खेली खून की होली


पत्नी व सास पर धारदार हथियार से किया हमला, सास की मौत,आरोपी बाड़मेर से गिरफ्तार

गुड़ामालानी. उपखंड मुख्यालय पर स्थित इंदिरा कॉलोनी में शुक्रवार देर रात्रि ससुराल आए दामाद ने पत्नी पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस दौरान पास में सो रही सास के चिल्लाने पर आरोपी ने उस पर भी हथियार से ताबड़तोड़ वार किए। इससे उसकी मौत हो गई। जबकि पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना के बाद आरोपी फरार हो गया। बाद में पुलिस ने उसे बाड़मेर से गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के अनुसार कस्बे के इंदिरा कॉलोनी में स्थित खीमाराम भील के घर उसका दामाद जलदास पुत्र मंगलदास भील हाल निवासी नेहरू नगर बाड़मेर शुक्रवार को पत्नी संतोष को लेने के लिए आया था। वह परिवार के सदस्यों के साथ भोजन करने के बाद सो गया। रात्रि को जलदास व उसकी पत्नी संतोष (25)के बीच कहासुनी हो गई। इसपर उसने पत्नी पर धारदार हथियार से हमला बोल दिया। जिससे संतोष गंभीर रूप से घायल हो गई। इस बीच पास में सो रही उसकी सास रूपा देवी (40) पत्नी खीमाराम निवासी गुड़ामालानी की नींद खुली तो वह चिल्लाने लगी। इस पर आरोपी ने सास के गले पर तलवार से वार कर निर्मम हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। शनिवार सुबह मां बेटी खून से लथपथ मिली। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस थाना गुड़ामालानी को दी। थानाधिकारी मदनलाल रावल मय दल मौके पर पहुंचे। गंभीर रुप से घायल संतोष को उपचार के लिए सीएचसी गुड़ामालानी लाया गया। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद उसे जोधपुर रेफर कर दिया। पुलिस आरोपी जलदास को बाड़मेर में गिरफ्तार कर गुड़ामालानी ले गई। जहां पर पूछताछ की जा रही है। इधर, बाड़मेर से एफएसएल टीम मौके पर पहुंची। जहां पर फिगर प्रिंट लिए गए।

शर्मनाक: हरीश के साथ 11 साल तक होता रहा 'रेप'

नई दिल्‍ली. आमिर खान के टीवी शो 'सत्‍यमेव जयते' इस बार एक और गंभीर सामाजिक मुद्दे को लेकर सामने आया है। इस बार का विषय है बच्‍चों के साथ होने वाली यौन शोषण की घटनाएं। सुनिए बचपन में यौन शोषण का शिकार दो बच्चियों की दुख भरी दास्‍तान।
 
शो में उत्तर प्रदेश की 6 साल की अनामिका की कहानी सुनाई गई। अनामिका के मुताबिक बचपन में उसका ट्यूटर बंद कमरे में उसे छूता था। अनामिका डर में रहने लगी। उसे ट्यूटर से डर लगने लगा। ट्यूटर ने घरवालों का दिल भी जीत लिया था। अनामिका को लगता था कि अगर वो कुछ कहेगी तो उस पर यकीन नहीं किया जाएगा। सात साल तक अनामिका के साथ यौन शौषण होता रहा।
अनामिका के घर में 22 सदस्य थे लेकिन फिर भी उसके साथ सात साल तक यह होता रहा। बच्चों का यौन शौषण करने वाला व्यक्ति या तो परिवार का सदस्य होता है या फिर परिवार के बहुत करीब होता है।
मुंबई की सिंड्रेला प्रकाश-

सिंड्रेला ने कहा, 'लोग कहते हैं कि बचपन के दिन अच्छे थे, काश हम वापस बचपन में जा सके लेकिन मैं ऐसा नहीं सोचती, मैं अपने बचपन में बापस में नहीं जाना चाहती। मेरे नाना की उम्र के एक व्यक्ति थे। वो अक्सर मेरे घर आया जाया करते थे। जब मैं 12 साल की थी तब मां की तबियत खराब हो गई। मां की डायलसिस होती थी। कभी-कभी मैं घर पर अकेली होती थी। एक बार घर में मैं अकेली थी। मैंने नई ड्रैस पहनी थी। वो फ्लॉपी देने के बहाने घर पर आए थे, शायद ये एक बहाना था। उन्होंने मुझे ऐसे छुआ, इतनी जगह पर छुआ की मेरे शरीर को ही बुरा लगने लगा, मुझे खुद से घ्रणा होने लगी, वो ऐसा वक्त था कि मेरा शरीर पूरा ठंडा हो गया, मैं पत्थर हो गई थी। उन्होंने आधे घंटे तक जो मन किया वो किया, आधे घंटे बाद मुझे अहसास हुआ कि मेरे होंठ सूज गए थे और खून बह रहा था। कोई भी लड़की नहीं चाहेगी कि उसका पहला किस ऐसा हो। उस वक्त वो 55 साल के थे और मैं 12 साल की थी। उनसे मेरा सामना होता तो मैं खुद को छुपा लेती। वो अक्सर घर आते लेकिन मैं कमरे में छुप जाती। मेरी हिम्मत नहीं हुई कि परिजनों से कुछ बताउं।
मेरे पास अपने मां-बाप को इस बारे में बताने के लिए शब्द नहीं थे। इसके बाद भी उन्होंने दो तीन बार ऐसा करने की कोशिश की। लेकिन मैं भाग जाती थी। मैंने चार साल पहले अपने परिवार को इस बारे में बताया। मां को बहुत धक्का लगा। मां ने कहा कि पहले क्यों नहीं बताया। मेरे परिजन मुझसे बहुत खुले थे लेकिन फिर मैं ऐसा नहीं बता पाई।
मैं अब उस काले दौर से बाहर निकल गई हूं। अब मुझे लगता है कि इसमें मेरी कोई गलती नहीं थी, यह उस व्यक्ति की गलती थी जिसने मेरे साथ ऐसे किया। मैं अब खुश हूं।'

हरीश के साथ 11 साल तक होता रहा %रेप%

शो पर आए हरीश अय्यर ने कहा, 'मेरे परिवार में मेरे मां-बाप, छोटा भाई, मेरे पिता के दो भाई और उनकी पत्नियां थी। मैं जब साढ़े 6 साल का था तब मेरी मम्मी की साइड के रिलेटिव ने मेरा बलात्कार किया। वो हमारे घर में हमेशा आता जाता रहता था।
वो मुझे एक दिन नहला रहा था। एक दिन उसने सारे कपड़े निकाल दिए। मैं पूरी तरह नंगा था। उसने मुझे जकड़ने की कोशिश की। मैं नीचे भागना चाहता था लेकिन तभी मेरी आंटी ने कहा मैं कुछ सामान लेने जा रही तो उसका हौसला बढ़ गया और उसने मेरा बलात्कार किया।
इसके बाद कई बार उन्होंने ऐसा किया। अगर मैं लड़की होता तो शायद प्रेग्नेंट हो गया होता। उसके बाद वो कई लोगों को अपने साथ लेकर आते थे और मेरा बलात्कार करते थे। यह सब बहुत घिनौना था।
न उस वक्त मुझे डर लगता था न बुरा लगता था। मैं पत्थर हो गया था। मेरे दो जीवन हो गए थे। एक जब मेरा शौषण होता था और एक जब मैं अकेला होता था। मेरे बाहर बहुत शोर था और मेरे अंदर बहुत सन्नाटा। मुझे आदमियों से बहुत डर लगता था।
मैं क्लास में बैठे-बैठे अचानक खडा़ हो जाता था क्योंकि मुझे बहुत डर लगता था। एक बार मैं पिकनिक पर गया था। मेरे सभी साथी कपड़े उतारकर पानी में गए। जब मैंने कपड़े उतारे तब देखा कि मुझे ब्लीड हो रहा है और मैंने तुरंत अपने कपड़े पहन लिए।
मैंने एक बार अपनी मां से ये सब बताने की कोशिश की लेकिन मेरे पास शब्द ही नहीं थे ये सब बताने के लिए। मैंने मां को बताया कि वो मुझे छूने की कोशिश करते हैं। मैंने मां से बताया तो मां को यकीन नहीं हुआ।
तब उसने कहा कि देखा मैंने कहा था कि कोई यकीन नहीं करेगा। अगर अब किसी को कुछ बताओगे तो मैं तुम्हें मार दूंगा, जिसे तुम बताओगे उसे भी मार दूंगा। मैंने कई बार मां को बताने की कोशिश की लेकिन वो समझ नहीं पाईं।
फिर मुझे लगने लगा कि मेरी मां भी मुझे समझ नहीं पाई। मेरी मदद मेरे जर्मन शैफर्ड कुत्ते ने की। जब मैं अकेले रोता था तब वो मेरे पास आकर मेरे आंसू चाटता था। वो मुझे अकेला नहीं रहने देता था। मेरा कुत्ता जिम्मी मुझे बचा लेता था। मेरे कुत्ते जिम्मी के अलावा फिल्म इंडस्ट्री ने मेरी मदद की। मैं श्रीदेवी को बहुत पसंद करता था। श्रीदेवी की फिल्में देखकर मुझे बहुत प्रेरणा मिलती थी।
मेरे साथ 11 साल तक यह सब होता रहा। मेरे साथ सात साल की उम्र से ही यह सब हो रहा था।'
मुद्दा है बेहद गंभीर

एक अनुमान के मुताबिक देश भर में 53 फीसदी बच्‍चे बाल यौन शोषण के शिकार हैं। यानी हर दो में से एक बच्‍चा बाल यौन शोषण का शिकार रह चुका है। इनमें 21 फीसदी मामले बलात्‍कार, दुष्‍कर्म जैसे गंभीर मामलों से जुड़े हैं जबकि 32 फीसदी कम गंभीर मामले हैं। ऐसा नहीं कि केवल लड़कियों के साथ ही यौन शोषण होता है। यौन शोषण के शिकार 53 फीसदी बच्‍चों में लड़के ही थे।

एनजीओ राही की अनुजा गुप्‍ता ने शो (सत्‍यमेव जयते) के दौरान सलाह दी कि पैरेंट्स को बच्‍चे की बात सुननी चाहिए और यकीन करना चाहिए कि उनका बच्‍चा इस बारे में (अपने साथ हुए यौन शोषण के बारे में) झूठ नहीं बोल रहा है।

मनोवैज्ञानिक रजत मित्रा कहते हैं कि बाल शौषण करने वालों के मन में कोई पछतावा नहीं होता। उन्हें लगता है कि उन्होंने बच्चों को साथ कुछ गलत नहीं किया। जो ऐसा करता है वो बहुत शातिर दिमाग होते हैं। वो अपना टारगेट बनाते हैं और फिर बच्चे पर नजर रखते हैं। न्यूयॉर्क की एक स्टडी के मुताबिक कुछ माओं ने कहा था कि उनका बच्चा कभी उन्हें छोड़कर नहीं जाता। इस शोध के मुताबिक माओं और बच्चों को पार्क में छोड़ा गया तब बाल यौन शौषण करने वालों ने बच्चों को पहले गोद में उठा लिया। बाल यौन शौषण करने वाले परिवार में घुल मिल जाते हैं। ये अलग शक्ल वाले नहीं होते हैं, समाज के हर वर्ग में होते हैं। इन्हें इनके व्यावहार से पहचाना जा सकता है।
ऐसे लोग बच्चों के साथ ज्यादा वक्त बिताते हैं। उनके करीब आने की कोशिश करते हैं। एक बार एक बच्ची ने मुझसे पूछा कि क्या हमें बढ़ों की इज्जत करनी चाहिए तब मैंने जवाब दिया की नहीं हम किसी की उम्र का नहीं बल्कि उनके व्यवहार का सम्मान करना चाहिए। जिनका व्यवहार आपके प्रति सही हो आप उसी का सम्मान करें। मित्रा पिछले आठ साल से बाल यौन शौषण मामलों में दिल्ली पुलिस की मदद कर रहे हैं।

शनिवार, 12 मई 2012

मेरी बड़ी माँ ...विश्व मात्र दिवस पर उनकी मातृत्व छाँव सदा ऐसे ही मिलाती रहे राधा माँ को प्रणाम

मेरी बड़ी माँ ...विश्व मात्र दिवस पर उनकी मातृत्व छाँव सदा ऐसे ही मिलाती रहे राधा माँ को प्रणाम 

शांति भंग के आरोप में चार गिरफतार


शांति भंग के आरोप में चार  गिरफतार 


जैसलमेर पुलिस थाना पोकरण के हल्खा क्षैत्र में कल  मघसिंह सउनि मय जाब्ता पुलिस थाना पोकरण के हल्खा क्षैत्र में गस्त करने के दौरान ओमसिंह पुत्र गुमानिंसह राजपुत नि0 सरदारसिंह की ाणी को शांति भंग के आरोप में धारा 151 सीआरपीसी के तहत गिरफतार किया गया। 
जिला पुलिस अधीक्षक ममता बिश्नोई, जैसलमेर ने बताया कि : इसी तरह पुलिस थाना जैसलमेर के हल्खा क्षेत्र में कल को लडाईझगडे पर उतारु शैतानसिंह पुत्र चुतरसिंह राजपुत नि0 छतांगर पुथा खुहडी, जामनसिंह उर्फ जगदीशसिंह पुत्र किशनसिंह राजपुत नि0 आला एवं रणछोडसिंह पुत्र पदमसिंह राजपुत नि0 बींजराज का ता पुथा झिझनियाली हाल बबर मगरा को रमेश रंगा हैड कानि0 मय जाब्ता द्वारा शांति भंग के आरोप में तोताराम की ाणी से धारा 151 सीआरपीसी के तहत गिरफतार किया। 

आल्वा ने ली राज्यपाल पद की शपथ

आल्वा ने ली राज्यपाल पद की शपथ
जयपुर। राजस्थान की मनोनीत राज्यपाल मारग्रेटआल्वा ने शनिवार शाम को राजभवन में शपथ ली। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरूण मिश्रा उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। प्रदेश में 28 अप्रेल 2010 से राज्यपाल का पद खाली चल रहा था और पंजाब के राज्यपाल शिवराज पाटील के पास अतिरिक्त प्रभार रहा।

पुलिस अधीक्षक दम्पति जुटे कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जनजागरण में

पुलिस अधीक्षक दम्पति जुटे कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जनजागरण में 





बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर जैसलमेर की सुरक्षा राजस्थान सरकार ने एक होनहार पुलिस अधीक्षक दम्पति के हवाले की हें .इस दम्पति ने हाल ही में पुरे देश में चल रहे कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान को अपनी जिंदगी का एक हिस्सा बना दिया हें .यह पुलिस अधीक्षक दम्पति बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट और जैसलमेर की पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई हें जिन्होंने अपने अपने जिलो में कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जनजागरण की कमान संभाली हें हालांकि देश में ऐसे कई अधिकारी दम्पति होंगे मगर यह दम्पति खास हें राहुल ने पुलिस के जवानो को इस कुरीति के खिलाफ कमर कसने का सन्देश दिया यह पहला अवसर हें जब कोई पुलिस अधिकारी कन्या भ्रूण ह्त्या के जन जागरण के लिए बोले हो .पुलिस अधिकारी ममता विश्नोई ने भी उस गाँव में जाकर कन्या भ्रुन्हात्य के खिलान जनजागरण का सूत्रपात किया जो गाँव कन्या हत्या के लिए कुख्यात रहा इन गाँवो में प्रशासन का कोई अधिकारी जाना  पसंद नहीं करता जैसलमेर पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने देवड़ा गाँव में जाकर कन्या हत्या के खिलाफ ना केवल जनजागरण किया बल्कि बेटियों को  पढ़ाने की शपथ भी दिलाई अपने गाँव में पहली बार महिला पुलिस अधिकारी को आई देख ग्रामीण ख़ास तौर से महिलाए बड़ी खुश हुई उन्होंने दिल खोल कर कन्या भ्रूण ह्त्या पर अपने अनुभव रखे यह बड़ी व् अनूठी पहल थी ,इस पहल के दूरगामी सकारात्मक परिणाम सामने आयेंगे ,इसी तरह बाड़मेर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने भी इस अभियान को जन जागरण का मुद्दा बनाने का साहस  दिखाया राहुल का व्यक्तित्व आकर्षक हे युवा वर्ग में कम समय में काफी लोकप्रिय हो गए उनका सन्देश लोगो ने हाथो हाथ लिया हें एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर जहां देश पूरा एक साथ खड़ा नज़र आ रहे वन्ही सरहदी जिलो में कन्या भ्रूण ह्त्या के खिलाफ पुलिस अधीक्षक दम्पति ने हुंकार भरी हें जो काबिले तारीफ़ हें उनके जज्बे और हौंसले को सलाम  

भारत ने खोले पाकिस्तान क्रिकेट के लिए दरवाजे!

चेन्नई.जल्द ही पाकिस्तान की टीम भारत की ज़मीन पर खेलती नज़र आ सकती है। बीसीसीआई ने शनिवार को ऐलान किया है कि उसे चैंपियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट में पाकिस्तान के शामिल होने पर उसे कोई ऐतराज नहीं है। लेकिन इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान की कोई टीम खेलेगी या नहीं, यह पूरी तरह से भारत सरकार के फैसले पर निर्भर करेगा।
 
गौरतलब है कि नवंबर, 2008 में मुंबई पर हुए हमले के बाद दोनों देशों के बीच क्रिकेट के रिश्ते खत्म हो गए थे। इस वजह से आईपीएल में पाकिस्तानी क्रिकेटरों के लिए दरवाजे बंद कर दिए गए थे। बीसीसीआई के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने इस बारे में कहा, 'वर्किंग कमिटी ने पाकिस्तान से एक टीम को अक्टूबर में भारत में होने वाले इस टूर्नामेंट में बुलाने का फैसला किया है।' इस फैसले का मतलब है कि शोएब मलिक की कप्तनी वाली सियालकोट स्टेलियंस चैंपियंस लीग टी-20 में खेल सकती है क्योंकि यही टीम पाकिस्तान में घरेलू टी-20 चैंपियन है।

जोधपुर स्थापना दिवस देखिये जोधपुर की तस्वीरे सूर्यनगरी : 553 साल का ओजपूर्ण सफर











जोधपुर स्थापना दिवस देखिये जोधपुर की तस्वीरे 

आज हम आपको राजस्थान के दूसरे बड़े शहर जोधपुर लेकर चलते हैं। राजस्थान की राजधानीजयपुर के बाद सर्वाधिक चहल-पहल वाला शहर है जोधपुर। 1459 में राठौड़ वंश के प्रमुख राव जोधा ने जोधपुर की स्थापना की। राजस्थान के बीचोंबीच होने से इस शहर को राजस्थान का दिल भी कहते हैं।





राठौड़ वंश के मुगलों के साथ अच्छे संबंध थे। महाराजा जसवंतसिंह (1678) ने शाहजहाँ को सम्राट के सत्तायुद्ध में मदद की थी। औरंगजेब के काल में मुगलों के साथ इनके संबंध बिगड़ गए। औरंगजेब की मृत्यु के बाद महाराजा अजीतसिंह ने मुगलों को अजमेर से खदेड़ दिया। महाराजा उमेदसिंह के काल में जोधपुर एक आधुनिक शहर के रूप में विकसित हुआ। मध्ययुगीन काल से जोधपुर के शाही परिवारों का पारंपरिक खेल पोलो रहा है। जोधपुर में थलसेना और वायुसेना की बड़ी छावनी है।

प्रमुख पर्यटन स्थल

उमेद भवन पैलेस : महराजा उमेदसिंह (1929-1942) ने उमेद भवन पैलेस बनवाया था। यह महल छित्तर महल के नाम से भी प्रसिद्ध है। यह महल वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। हाथ से तराशे गए पत्थरों के टुक़डे अनोखे ढंग से एक-दूसरे पर टिकाए गए हैं। इनमें दूसरा कोई पदार्थ नहीं भरा गया है। महल के एक हिस्से में होटल और दूसरे में संग्रहालय है, जिसमें आधुनिक हवाई जहाज, शस्त्र, पुरानी घड़ियाँ, कीमती क्रॉकरी तथा शिकार किए जानवर रखे गए हैं।

मेहरानगढ़ किला : 150 मीटर ऊँचे टीले पर स्थित मेहरानगढ़ किला राजस्थान का बेहतरीन और अजेय किला है। राव जोधा ने 1459 में इसका निर्माण किया, लेकिन समय-समय पर शासकों ने उसमें बढ़ोतरी की। शहर से 5 किमी दूर घुमावदार रास्ते से किले में प्रवेश किया जा सकता है।

जयपुर की सेना के दागे तोपगोलों के निशान आज भी दिखाई देते हैं। बाईं ओर किरतसिंह सोड़ा नामक सिपाही की छतरी है, जिसने आमेर की सेना के खिलाफ लड़ते हुए प्राण त्याग दिए थे। विजय द्वार महाराजा अजीतसिंह ने मुगलों को मात देने की स्मृति में बनवाया था।

यहाँ फूल महल, झाँकी महल भी दर्शनीय है। किले से नीचे जाते हुए महाराजा जसवंतसिंह द्वितीय की संगमरमर की छतरी है। यहाँ तक जाने का रास्ता पथरीले टीलों से होकर गुजरता है।

महिला बनने की चाहत रखने वाले पुरुषों का अविश्सनीय आंकड़ा

गांधीधाम (गुजरात)। हाल ही में आदिपुर के एक प्रोफेसर द्वारा लिंग परिवर्तन के बहुचर्चित मामले के बाद ऐसे लोगों की भारी तादात सामने आई है, जो लिंग परिवर्तन की इच्छा रखते हैं। दरअसल यहां काम करने वाली एक सामाजिक संस्था से कई लोगों ने इस हेतु संपर्क किया है। दरअसल इस संस्था से संपर्क करने वाले होमोसेक्सुअल का कहना है कि वे लिंग परिवर्तन कराना चाहते हैं लेकिन सर्जिकल ऑपरेशन में अधिक खर्च आने के कारण वे ऐसा नहीं कर सकते।
 
प्राप्त जानकारी के अनुसार आदिपुर के एक प्रोफेसर ने हाल ही में मुंबई के एक अस्पताल में लिंग परिवर्तन का सफल ऑपरेशन करवाया है। अब यह प्रोफेसर पूर्ण महिला है। इसके बाद जेंडर आईडेंटिटी डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों की बड़ी संख्या सामने आई है। यहां की एक सामाजिक संस्था ‘प्रयास’ के ऑन रिकॉर्ड में अब तक लगभग 600 लोगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। इन पुरुषों ने खुलेआम होमोसेक्सुअल होने की बात स्वीकारी है।


विज्ञान की मानें तो बचपन से ही हॉर्मोस में कुछ ऐसे बदलाव आ जाते हैं, जिसके चलते पुरुष खुद को स्त्री मानने लगते हैं। इनमें कुछ व्यक्तियों के दिमाग पर तो इतना असर होता है कि वे अक्सर एकांत में महिलाओं के वस्त्र पहनने, महिलाओं की तरह व्यवहार करके खुद को संतुष्ट करने का प्रयास करने लगते हैं। इसके साथ ही अनेकांे बार ऐसे पुरुष सेक्स के लिए दूसरे पुरुष की तलाश भी करते हैं। इसलिए इस स्थिति में जरूरी हो जाता है कि जेंडर आईडेंटिटी डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्तियों को मानसिक रूप से तैयार किया जाए, जिससे कि ये एचआईवी एड्स जैसी घातक बीमारी की चपेट में आने से बचे रहें।



गांधीनगर में हाई-प्रोफाइल गे ग्रुप :

गुजरात के गांधीनगर में होमोसेक्सुअल लोगों का एक हाई-प्रोफाइल ग्रुप भी है। उच्च वर्ग से संबंधित ये लोग आमतौर पर अनजान व्यक्तियों से संबंध बनाने से बचते हैं। इनका अपना ही एक ग्रुप है और ये अक्सर महंगी होटलों या शहर के बाहर स्थित फॉर्म हाउस में एकत्रित होते हैं।

पाकिस्तान में अब पुरुषों पर हो रहे तेजाब से हमले

लंदन।। पाकिस्तान में अब तक महिलाओं की शक्ल सूरत को बिगाड़ने के लिए असमाजिक तत्वों द्वारा तेजाब से हमला किया जाता था। लेकिन अब यहां महिलाएं भी बदला लेने के लिए पुरुषों पर तेजाब फेंक रही हैं।Noman.jpg 
समाचार पत्र 'डेली मेल' ने महिलाओं के लिए काम करने वाली संस्था औरत फाउंडेशन के हवाले से बताया कि पाकिस्तान में 2011 के दौरान महिलाओं पर तेजाब फेंकने, जबरन विवाह सहित करीब 8500 अन्य अपराध हुए हैं। सरकार ने तेजाब फेंकने के दोषियों को कम से कम 14 वर्ष की सजा प्रावधान किया है।

पत्र के अनुसार पाकिस्तान के पुरुषवादी समाज में महिलाओं द्वारा पुरुषों पर तेजाब फेंकने के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है।

वेबसाइट 'सीएनएसडॉट कॉम' के अनुसार ऐसे ही एक पीड़ित शेख मोहम्मद नोमान ने अपनी पत्नी पर तेजाब फेंकने का आरोप लगाया। शेख ने कहा कि तलाक देने से मना करने पर पत्नी ने उस पर तेजाब फेंक दिया। खबर के अनुसार, उसकी पत्नी अपने पहले पति के पास वापस जाना चाहती थी इसलिए उनसे नोमान से तलाक मांगा था।

नोमान ने बताया, उसकी पत्नी ने उससे कहा कि मैं तुम्हारे लिए कुछ लाई हूं, मुझे माफ कर देना। और जैसे ही वह उसकी तरफ पलटा उसने उसके ऊपर तेजाब फेंक दिया। नोमान ने कहा, तेजाब की जलन और दर्द आज भी है, लेकिन इससे ज्यादा दर्द मुझे इस बात का है कि जिसे मैं प्यार करता था, उसने मेरे प्यार के बदले यह दर्द दिया।

नोमान हमेशा के लिए अपनी आंखों की रोशनी खो चुका है और उसके शरीर पर तेजाब से जलने के कभी न मिटने वाले निशान हैं। गौरतलब है कि उसकी पत्नी पर इस हमले के लिए अगले साल केस चलेगा।

पाकिस्तान ह्यूमन राइट्स कमिशन की कार्यकर्ता उज़मा नूरानी पुरुषों पर हाल ही में बढ़े एसिड अटैक की निंदा करती हैं लेकिन साथ ही यह भी कहती हैं कि महिलाओं पर इस तरह के हमले ज्यादा हो रहे हैं। सीएनएन से नूरानी ने कहा, ज्यादातर मामलों में पुरुष महिलाओं पर तेजाब से हमले कर रहे हैं क्योंकि हमारे समाज का जो ढांचा है उसमें आज भी महिलाओं को एक उपभोग की वस्तु समझा जाता है।

रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों पर तेजाब फेंकने की घटना पाकिस्तानी डांसर द्वारा आत्महत्या करने के बाद से बढ़ी हैं। फखरा यूनुस नाम की इस महिला पर 12 साल पहले तेजाब फेंककर बुरी तरह जला दिया गया था। आरोपी महिला का पति था, जो पूर्व सांसद है।

तावड़े में टसके रामप्यारी

यह कविता आदरणीय ओम पुरोहित कागद भाई सब ने मेरे एक समाचार पर लिखी हें जो आपके लिए पेश हें बा कविता पढ'र देखो म्हैं आप नै ई भेंट करी है

तावड़े में टसके रामप्यारी
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तपा सूरज
झुलसी धरती
तपी गैंती
तपी तगारी
फिर भी चलता
काम सरकारी
तपे तावड़े
नत्थू खोदै
तपी तावड़ै
लाल तगारी
भरती माटी
जोड़ायत उसकी
टसके रामप्यारी !

टूटे तन
लगी प्यास तो
देख खेजड़ी
बैठ गई सुस्ताने
छाता ले कर
बाबू आया
तपता गुर्राया
काम करो
छोड बहाना
लगती जादा
तुझ को गर्मी
कल से मत आना !

टंगी खेजड़ी
छागळ रीती
पानी की सब
बातें बीती
आंखो टपका
नत्थू बोला
भोली-गैली
जोड़ायत मेरी
माफ करो
साहब इसको
काम करेगी
जम कर सारे
मानेगी सब
इशारे थारे !

हाथ जोड़ कर
नत्थू बोला
गर्मी का क्या
पड़ती रहती है
सूरज का क्या
तपता रहता है
धरती को ये
नित झुलसाते हैं
आग पेट की
इन से भारी
नहीं रुकेगा
काम सरकारी
कंठ हमारे
जब तक गीले
नहीं पड़ेंगे
हम दोनों ढीले !
Om Purohit Kagad

मालिकाना हक को तरसे बंधुआ मजदूर

मालिकाना हक को तरसे बंधुआ मजदूर
बालोतरा। तीन दशक से अधिक समय पहले हरियाणा की पहाडियों में से मुक्त करवाए व हाऊसिंग बोर्ड में बसाए दर्जनों बंधुआ मजदूर अपने रहवासी मकान के मालिकाना हक को तरस गए है। दिहाड़ी मजदूरी कर जीवन बसर करने वाले ये परिवार मालिकाना हक के लिए कई बार सरकार व प्रशासन से मांग कर चुके हैं,लेकिन किसी भी स्तर पर आज तक इनकी कोई सुनवाई नहीं हो पाई है।

पचास वर्ष पहले दिहाड़ी मजदूरी के लिए क्षेत्र से सैकड़ों जने हरियाणा गए थे। यहां की गद्दा खोल पहाडियों में पत्थर तोड़ने के काम करने वाले इन श्रमिकों में से अधिकांश को ठेकेदार ने कर्ज देकर बंधुआ मजदूर बना लिया था। देश में चले बंधुआ मुक्ति आंदोलन पर केन्द्र सरकार ने इन्हें यहां से मुक्त करवाया। वहीं इनमें से अस्सी परिवारों द्वारा इच्छा जताए जाने पर उन्हें हाऊसिंग बोर्ड व जसोल में बसाया। ग्राम पंचायत जसोल ने चालीस परिवारों को भूखंड उपलब्ध करवाने के साथ मकान निर्माण के लिए धन भी आवंटित किया। दूसरी तरफ तत्कालीन जिला कलक्टर ने चालीस परिवारो को हाऊसिंग बोर्ड में मकान आवंटित किया।

उन्होंने इन परिवारों के मुखियाओं को शीघ्र स्वामित्व का हक देने का भरोसा भी दिया। कुछ माह बाद ही उक्त जिला कलक्टर का अन्यत्र तबादला होने पर बाद में आए किसी एक भी कलक्टर ने इनकी सुध नहीं ली। तब से आज तक ये परिवार अपने मालिकाना हक को तरस रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आवासन मण्डल किश्तों की बकाया राशि का नोटिस समय समय पर इन परिवारों को भिजवाकर इसे जमा करवाने को लेकर दबाव बना रहा है। ऎसे में बमुश्किल पेट भर कर जीवन यापन कर रहे इन परिवारों को हर वक्त भय सताता रहता है कि कहीं आवासन मण्डल उन्हें घर से बेदखल नहीं कर दें।

मदद के लिए पत्र लिखा है
99 वर्ष की लीज पर इन मकानों को आवçंटत किया गया था। आवासन मण्डल को इसके लिए सहानुभूति पूर्वक विचार करने के लिए पत्र लिखा गया है। अधिकारियों की आगामी बैठक में इस बात को समाधान के लिए रखा जाएगा।
जमदेश अली सहायक श्रम आयुक्त बालोतरा

हम भी बनाएंगी बेटियों को अफसर"

"हम भी बनाएंगी बेटियों को अफसर"
देवड़ा (जैसलमेर)। सरहदी जैसलमेर जिले की कलक्टर श्रीमती शुचि त्यागी व पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने कन्या व कन्या भू्रण हत्या रोकने की अपनी मुहिम की शुरूआत शुक्रवार को जैसलमेर से करीब 70 किमी दूर देवड़ा गांव से की। दोनों अधिकारी राजीव गांधी सभा भवन में देवड़ा गांव की महिलाओ से मिली और उनसे कहा कि हम भी बेटियां हैं, वे पढ़ी और आगे बढ़ी। जब महिलाओ ने घूंघट हटाकर भरोसा दिलाया कि वे भी अपनी बçच्चयो को पढ़ाकर अफसर बनाएंगी तो दोनो अधिकारियो की आंखे खुशी से चमक उठी।

पर्दा मत करो, हम बात करने आए हैं
पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने घूंघट में बैठी महिलाओं से कहा कि हम बात करने आए हैं, हमसे पर्दा मत करो। यहां मौजूद किसी व्यक्ति से उन्हे शर्म है तो वे उन्हे बाहर भेज देंगी। इस पर महिलाओ ने अपने घंूघट हटा दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे भी ग्रामीण परिवेश से हैं और उनके समाज मे भी बेटियो को नहीं पढ़ाया जाता। बावजूद इसके वे पढ़ी और आगे बढ़ी और आज उनकी माता को उन पर गर्व है। वहां मौजूद बालिकाओ मे से किसी ने वकील तो किसी ने डॉक्टर बनने की इच्छा जताई।

मेरा मन भारी है..
जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने कहा कि उन्हे जिला कलक्टर का पद संभाले, चंद दिन हुए हैं। जब उन्हे कार्यशाला की जानकारी मिली तो उसकी वजह जानकर दु:ख से मन भारी हो गया। उन्होने कन्या हत्या की कुप्रथा का कारण पूछा तो महिलाओ ने कहा कि वे बच्चियो को नहीं मारते। कभी-कभी बçच्चयो की स्वाभाविक मौत हो जाती है। कलक्टर ने यह सवाल किया कि तो फिर ऎसी मौत बच्चो की क्यो नहीं होती।

ऎसा क्यो
जिला कलक्टर ने कहा आजकल विवाह के लिए बहुएं मुश्किल से मिल रही है । जब प्रकृति के साथ छेड़छाड़ होती है तो परिणाम भुगतना पड़ता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल बुनकर ने कहा कि बेटी के बिना समाज की कल्पना संभव नहीं। आंगनबाड़ी सुपरवाइजर प्रतिभा फौजदार ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम मे ग्राम संरपच, फतेहगढ़ एसडीएम, फतेहगढ़ तहसीलदार, देवड़ा के मौजीज व्यक्ति सुमेरसिंह, समाजसेवी दिनेशपालसिंह मौजूद थे। संचालन सम समिति के विकास अधिकारी रामनिवास बावल ने किया।

देवड़ा ही क्यो
देवड़ा गांव से मुहिम शुरू करने के पीछे प्रशासन की मंशा यह थी कि कन्या हत्या के मामलो को लेकर देवड़ा वष्ाोü पहले सुर्खियो मे था। पिछले वष्ाü गांव मे हुई कन्या हत्या के मामले से इसकी पुष्टि ह ुई। ग्रामीणों का कहना है कि आज माहौल बदल गया है। उनका आरोप है कि कुछ तत्व उनके गांव को बदनाम कर रहे हैं।

एसडीएम ने दलित युवक का सिर मुंडवा कर घुमवाया, बगावत पर उतरे वकील

कौशाम्बी.यूपी में पुलिस अफसरों के अजीबोगरीब बयान देने के बाद अब इसका जिम्‍मा प्रशासनिक अफसरों ने उठा लिया है। कौशाम्‍बी जिले के चायल तहसील के एसडीएम रामदत्‍त राम ने एक दलित युवक को जमानत देने की शर्त रखते हुए कहा कि वह पहले सिर मुंडवा कर आये। इस युवक रामप्रकाश पर अपनी बीवी की पिटाई करने का आरोप था। पुलिस उसे शांतिभंग करने के आरोप में एसडीएम के पास ले गयी थी। इतना ही नहीं इस युवक को तहसील में घुमाया गया। सरेआम मजाक बनवाने के बाद एसडीएम अपने कार्यालय मे ताला लगा गायब हो गये हैं ।   
समझ में नहीं आने वाले इस फैसले के कारण वकील सड़क पर उतर आये हैं। वकीलों का कहना है उन्‍होंने इस फैसले के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है । उधर एसडीएम के कृत्‍य पर डीएम ने निराशाजनक बताया है

52 साल के भाजपा विधायक की 15 गर्लफ्रैंड, सबको दिया अलग मोबाइल



भोपाल. शेहला मसूद हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि शेहला की हत्या में शामिल जाहिदा परवेज के भाजपा विधायक ध्रुव नारायण सिंह से जिस्मानी रिश्ते थे।
 

वेबसाइट फर्स्ट पोस्ट पर सीबीआई सूत्रों के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक जाहिदा ध्रुव नारायण के प्यार में इतनी पागल थी कि उसने अपने दफ्तर में विधायक के साथ सेक्स करते हुए अपने वीडियो भी बना लिए थे। ये वीडियो सीबीआई के कब्जे में हैं।


जांच में सीबीआई के हाथ ऐसा कोई साक्ष्य नहीं लगा है जिसके आधार पर कहा जा सके कि भाजपा विधायक ध्रुवनारायण सिंह भी हत्या में शामिल हैं। लेकिन 52 वर्षीय विधायक ध्रुव नारायण सिंह के निजी जीवन को लेकर सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। लाई डिटेक्टर टेस्ट और पूछताछ में सीबीआई को पता चला कि विधायक ध्रुव नारायण सिंह की 15 गर्लफ्रैंड रह चुकी हैं और उन्होंने सभी को सिम कार्ड और मोबाइल भी खरीद कर दिए।


ध्रुवनारायण की खबर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर पेशे से ब्रांड मैनेजर महेश मूर्ति ने लिखा- भाजपा विधायक की 15 गर्लफ्रैंड थी, प्रत्येक को उन्होंने मोबाइल और सिम कार्ड दिया। भारत की टेलीकॉम क्रांति का राज यही है।


ध्रुव नारायण शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे हैं। वो मध्य प्रदेश के प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता गोविंद नारायण सिंह 1967 से 1969 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थी और फिर 1988-89 में बिहार के राज्यपाल भी रहे।


ध्रव नायारण फिलहाल भोपाल से भाजपा विधायक हैं और भोपाल डिविजन क्रिकेट एसोशिएसन के अध्यक्ष भी हैं। वो मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास कार्पोरेशन के भी अध्यक्ष हैं। हालांकि शेहला हत्याकांड में नाम आने के बाद उन्हें भाजपा के मध्य प्रदेश उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।


अब तक सीबीआई ने शेहला हत्याकांड में भाड़े के हत्यारों इरफान, शाकिब अली (डेंजर) और तबिश खान समेत जाहिदा परवेज और शबा फारूकी को चार्जशीट में आरोपी बनाया है।

पाली अपराध समाचार

अपराध समाचार 

युवती से किया दुष्कर्म
पाली  आनंदपुर कालू गांव की एक युवती को युवक ने पहले प्रेमजाल में फांस कर अपने साथ भगाया, बाद में वह उसको लेकर जोधपुर से मेहसाणा ले गया, लेकिन वहां आईडी कार्ड नहीं होने के कारण होटल में कमरा नहीं मिल पाया। इस पर आरोपी ने चलती हुई स्लीपर कोच बस में युवती से दुष्कर्म किया। पीडि़ता की रिपोर्ट पर कालू थाना पुलिस ने शुक्रवार को मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू की है।

आनंदपुर कालू गांव की 19 वर्षीया युवती ने पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि गत 11 अप्रैल की सुबह 4 बजे गांव का राहुल जोशी पुत्र नरेंद्र कुमार उसे कार में भगाकर जोधपुर ले गया। कार चालक समेत उसके तीन दोस्त उनको जोधपुर में छोड़कर लौट गए। जोधपुर से आरोपी उसे सूरत ले गया, लेकिन उसके पास आईडी कार्ड नहीं होने पर किसी भी होटल में उसे कमरा नहीं मिल पाया। इसके बाद वे जोधपुर लौट गए, लेकिन बाद में स्लीपर कोच बस में मेहसाणा के लिए रवाना हुए। पीडि़ता का आरोप है कि इतने दिन साथ रहने के कारण युवक पर उसे भरोसा हो गया। जोधपुर से मेहसाणा जाते हुए रात के समय चलती स्लीपर कोच बस में आरोपी ने उससे दुष्कर्म किया। पुलिस ने पीडि़ता का मेडिकल भी कराया है।

डोडा पोस्त से भरी जीप पकड़ी
सेंदड़ा



नेशनल हाइवे 14 पर शुक्रवार सुबह सेंदड़ा थाना पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान जीप को पकड़ कर उसमें 365 किलोग्राम डोडा पोस्त बरामद किया है। पुलिस ने घेराबंदी कर मंदसौर (मध्यप्रदेश) के दो तस्करों को गिरफ्तार किया है, जो चित्तौडग़ढ़ से यह खेप लेकर जोधपुर जा रहे थे। आरोपियों से हुई पूछताछ के बाद पुलिस ने खरीदार की तलाश में जोधपुर में दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं लग पाया।

पुलिस क अनुसार एसपी केबी वंदना के निर्देश पर हाइवे पर दिन-रात की चौकसी के लिए नाकाबंदी कराई गई है। शुक्रवार सुबह साढ़े सात बजे सेंदड़ा थाना प्रभारी भूराराम खिलेरी पुलिस दल के साथ नाकाबंदी कर वाहनों की तलाशी ले रहे थे। इस दौरान ब्यावर की ओर से आ रही जीप (एमपी 43 ई 0256) को रुकने का इशारा किया, लेकिन आरोपी जीप लेकर भाग गए। पीछा कर पुलिस ने जीप को पकड़ कर घेराबंदी कर मंदसौर जिले के गांधीसागर निवासी देवीलाल मीणा (32) पुत्र चतुर्भुज तथा झगाखेड़ी निवासी मुकेश हरिजन (22) पुत्र मगनलाल को गिरफ्तार किया। जीप में 18 बोरों में भरा 365 किलोग्राम डोडा पोस्त बरामद किया। दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि चित्तौडग़ढ़ से डोडा की यह खेप जोधपुर में गोपाल नाम के व्यक्ति को सौंपनी थी। पुलिस ने जोधपुर में आरोपी की तलाश के लिए दबिश दी, लेकिन उनका सुराग नहीं मिल पाया। दोनों आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

धूप से तपते गैंती-फावड़े जला रहे श्रमिकों के हाथ

धूप से तपते गैंती-फावड़े जला रहे श्रमिकों के हाथ


तेज धूप के बीच भरी दुपहरी में काम करते हैं मनरेगा श्रमिक, धूप के कारण गर्म हो जाते हैं गैंती फावड़े, श्रमिकों ने की समय बदलवाने की मांग




गुडा बालोतान

तन झुलसाने वाली तेज गर्मी के साथ गर्म हवाओं के थपेड़ों के बीच 133 रुपए प्रतिदिन कमाई के जुगाड़ में तपते फावड़े गेती एवं तगारी का प्रयोग करने वाले नरेगा श्रमिकों के लिए काम करना मुश्किल भरा हो रहा है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र के अधिकांश गांवों में मनरेगा का काम चल रहा है। इसमें खासकर महिला श्रमिक ज्यादा हैं।

ये श्रमिक सवेरे से लेकर शाम तक तपती धूप में काम करते हैं। तेज धूप से दोपहर तक फावड़ा गेती व तगारी इतनी तप जाती हैं कि उनको छूना भी मुश्किल हो जाता है। जिसके कारण श्रमिक बड़ी मुश्किल से काम कर पा रहे हैं। पिछले वर्ष नरेगा के समय में अप्रैल में ही समय बदल दिया गया था। इस वर्ष अप्रैल बीत जाने के साथ ही आधा मई भी बीतने को आ गया है, लेकिन अभी तक प्रशासन श्रमिकों का समय बदलने की सजगता नहीं दिखा रहा है। जिससे नरेगा कार्य के दौरान कई महिला श्रमिक गर्मी से बचने के लिए नरेगा कार्य को छोड़कर दूसरे कार्यों में लगना पंसद कर रही हैं।

छाया-पानी व झूले का अभाव

जहां पर भी नरेगा कार्य चल रहे हैं, वहा पर वास्तविक स्थिति को देखा जाए तो नरेगा स्थल पर छाया की व्यवस्था के लिए टेंट लगा हुआ नहीं मिलता है। इसका कारण श्रमिकों से पूछा गया तो सामने आया कि तेज हवाएं चलने के कारण खुले में टेंट लगाना असंभव है। इस कारण से नरेगा श्रमिक पेड़ व झाडिय़ों की छांव में बैठना उचित मानते हैं। दूसरी बात 70 श्रमिक से अधिक होने पर ही पानी के टैंकर की व्यवस्था होती है, लेकिन कम श्रमिक होने पर नरेगा श्रमिकों को ही मटके में पानी लाना पड़ता है। इसके साथ ही कार्य स्थलों पर झूलों की भी व्यवस्था नहीं होती।

गुडाबालोतान. निकटवर्ती अगवरी गांव में मनरेगा के तहत कार्य करते श्रमिक।

तेज धूप में काम करना मुश्किल

वर्तमान में नरेगा कार्य स्थल पर कार्य समय नौ बजे से शाम पांच बजे तक का चल रहा है। पूरे दिन में देखा जाए तो तीन चार घंटे ही कार्य हो पाता है। दोपहर में तेज गर्मी होने के कारण एक बजे के बाद कार्य करना मुश्किल है। इसलिए श्रमिकों की मांग है कि सवेरे सात बजे से दोपहर एक बजे तक का समय निर्धारित किया जाए। रकबाराम मेघवाल, मेट अगवरी, जयसिंह चारण मेट दयालपुरा

आदेश नहीं मिले

पंचायत समिति की करीब 20 से अधिक ग्राम पंचायतों में नरेगा कार्य चल रहा है। जिसका समय नौ बजे से शाम पांच बजे तक का है। अभी तक नरेगा समय में परिवर्तन करने के बारे में आदेश नहीं मिला है। आदेश मिलते ही समय में परिवर्तन कर दिया जाएगा। मोहनलाल चौधरी, विकास अधिकारी, आहोर