नई दिल्ली. आमिर खान के टीवी शो 'सत्यमेव जयते' इस बार एक और गंभीर सामाजिक मुद्दे को लेकर सामने आया है। इस बार का विषय है बच्चों के साथ होने वाली यौन शोषण की घटनाएं। सुनिए बचपन में यौन शोषण का शिकार दो बच्चियों की दुख भरी दास्तान।
शो में उत्तर प्रदेश की 6 साल की अनामिका की कहानी सुनाई गई। अनामिका के मुताबिक बचपन में उसका ट्यूटर बंद कमरे में उसे छूता था। अनामिका डर में रहने लगी। उसे ट्यूटर से डर लगने लगा। ट्यूटर ने घरवालों का दिल भी जीत लिया था। अनामिका को लगता था कि अगर वो कुछ कहेगी तो उस पर यकीन नहीं किया जाएगा। सात साल तक अनामिका के साथ यौन शौषण होता रहा।
अनामिका के घर में 22 सदस्य थे लेकिन फिर भी उसके साथ सात साल तक यह होता रहा। बच्चों का यौन शौषण करने वाला व्यक्ति या तो परिवार का सदस्य होता है या फिर परिवार के बहुत करीब होता है।
मुंबई की सिंड्रेला प्रकाश-
सिंड्रेला ने कहा, 'लोग कहते हैं कि बचपन के दिन अच्छे थे, काश हम वापस बचपन में जा सके लेकिन मैं ऐसा नहीं सोचती, मैं अपने बचपन में बापस में नहीं जाना चाहती। मेरे नाना की उम्र के एक व्यक्ति थे। वो अक्सर मेरे घर आया जाया करते थे। जब मैं 12 साल की थी तब मां की तबियत खराब हो गई। मां की डायलसिस होती थी। कभी-कभी मैं घर पर अकेली होती थी। एक बार घर में मैं अकेली थी। मैंने नई ड्रैस पहनी थी। वो फ्लॉपी देने के बहाने घर पर आए थे, शायद ये एक बहाना था। उन्होंने मुझे ऐसे छुआ, इतनी जगह पर छुआ की मेरे शरीर को ही बुरा लगने लगा, मुझे खुद से घ्रणा होने लगी, वो ऐसा वक्त था कि मेरा शरीर पूरा ठंडा हो गया, मैं पत्थर हो गई थी। उन्होंने आधे घंटे तक जो मन किया वो किया, आधे घंटे बाद मुझे अहसास हुआ कि मेरे होंठ सूज गए थे और खून बह रहा था। कोई भी लड़की नहीं चाहेगी कि उसका पहला किस ऐसा हो। उस वक्त वो 55 साल के थे और मैं 12 साल की थी। उनसे मेरा सामना होता तो मैं खुद को छुपा लेती। वो अक्सर घर आते लेकिन मैं कमरे में छुप जाती। मेरी हिम्मत नहीं हुई कि परिजनों से कुछ बताउं।
मेरे पास अपने मां-बाप को इस बारे में बताने के लिए शब्द नहीं थे। इसके बाद भी उन्होंने दो तीन बार ऐसा करने की कोशिश की। लेकिन मैं भाग जाती थी। मैंने चार साल पहले अपने परिवार को इस बारे में बताया। मां को बहुत धक्का लगा। मां ने कहा कि पहले क्यों नहीं बताया। मेरे परिजन मुझसे बहुत खुले थे लेकिन फिर मैं ऐसा नहीं बता पाई।
मैं अब उस काले दौर से बाहर निकल गई हूं। अब मुझे लगता है कि इसमें मेरी कोई गलती नहीं थी, यह उस व्यक्ति की गलती थी जिसने मेरे साथ ऐसे किया। मैं अब खुश हूं।'
हरीश के साथ 11 साल तक होता रहा %रेप%
शो पर आए हरीश अय्यर ने कहा, 'मेरे परिवार में मेरे मां-बाप, छोटा भाई, मेरे पिता के दो भाई और उनकी पत्नियां थी। मैं जब साढ़े 6 साल का था तब मेरी मम्मी की साइड के रिलेटिव ने मेरा बलात्कार किया। वो हमारे घर में हमेशा आता जाता रहता था।
वो मुझे एक दिन नहला रहा था। एक दिन उसने सारे कपड़े निकाल दिए। मैं पूरी तरह नंगा था। उसने मुझे जकड़ने की कोशिश की। मैं नीचे भागना चाहता था लेकिन तभी मेरी आंटी ने कहा मैं कुछ सामान लेने जा रही तो उसका हौसला बढ़ गया और उसने मेरा बलात्कार किया।
इसके बाद कई बार उन्होंने ऐसा किया। अगर मैं लड़की होता तो शायद प्रेग्नेंट हो गया होता। उसके बाद वो कई लोगों को अपने साथ लेकर आते थे और मेरा बलात्कार करते थे। यह सब बहुत घिनौना था।
न उस वक्त मुझे डर लगता था न बुरा लगता था। मैं पत्थर हो गया था। मेरे दो जीवन हो गए थे। एक जब मेरा शौषण होता था और एक जब मैं अकेला होता था। मेरे बाहर बहुत शोर था और मेरे अंदर बहुत सन्नाटा। मुझे आदमियों से बहुत डर लगता था।
मैं क्लास में बैठे-बैठे अचानक खडा़ हो जाता था क्योंकि मुझे बहुत डर लगता था। एक बार मैं पिकनिक पर गया था। मेरे सभी साथी कपड़े उतारकर पानी में गए। जब मैंने कपड़े उतारे तब देखा कि मुझे ब्लीड हो रहा है और मैंने तुरंत अपने कपड़े पहन लिए।
मैंने एक बार अपनी मां से ये सब बताने की कोशिश की लेकिन मेरे पास शब्द ही नहीं थे ये सब बताने के लिए। मैंने मां को बताया कि वो मुझे छूने की कोशिश करते हैं। मैंने मां से बताया तो मां को यकीन नहीं हुआ।
तब उसने कहा कि देखा मैंने कहा था कि कोई यकीन नहीं करेगा। अगर अब किसी को कुछ बताओगे तो मैं तुम्हें मार दूंगा, जिसे तुम बताओगे उसे भी मार दूंगा। मैंने कई बार मां को बताने की कोशिश की लेकिन वो समझ नहीं पाईं।
फिर मुझे लगने लगा कि मेरी मां भी मुझे समझ नहीं पाई। मेरी मदद मेरे जर्मन शैफर्ड कुत्ते ने की। जब मैं अकेले रोता था तब वो मेरे पास आकर मेरे आंसू चाटता था। वो मुझे अकेला नहीं रहने देता था। मेरा कुत्ता जिम्मी मुझे बचा लेता था। मेरे कुत्ते जिम्मी के अलावा फिल्म इंडस्ट्री ने मेरी मदद की। मैं श्रीदेवी को बहुत पसंद करता था। श्रीदेवी की फिल्में देखकर मुझे बहुत प्रेरणा मिलती थी।
मेरे साथ 11 साल तक यह सब होता रहा। मेरे साथ सात साल की उम्र से ही यह सब हो रहा था।'
मुद्दा है बेहद गंभीर
एक अनुमान के मुताबिक देश भर में 53 फीसदी बच्चे बाल यौन शोषण के शिकार हैं। यानी हर दो में से एक बच्चा बाल यौन शोषण का शिकार रह चुका है। इनमें 21 फीसदी मामले बलात्कार, दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों से जुड़े हैं जबकि 32 फीसदी कम गंभीर मामले हैं। ऐसा नहीं कि केवल लड़कियों के साथ ही यौन शोषण होता है। यौन शोषण के शिकार 53 फीसदी बच्चों में लड़के ही थे।
एनजीओ राही की अनुजा गुप्ता ने शो (सत्यमेव जयते) के दौरान सलाह दी कि पैरेंट्स को बच्चे की बात सुननी चाहिए और यकीन करना चाहिए कि उनका बच्चा इस बारे में (अपने साथ हुए यौन शोषण के बारे में) झूठ नहीं बोल रहा है।
मनोवैज्ञानिक रजत मित्रा कहते हैं कि बाल शौषण करने वालों के मन में कोई पछतावा नहीं होता। उन्हें लगता है कि उन्होंने बच्चों को साथ कुछ गलत नहीं किया। जो ऐसा करता है वो बहुत शातिर दिमाग होते हैं। वो अपना टारगेट बनाते हैं और फिर बच्चे पर नजर रखते हैं। न्यूयॉर्क की एक स्टडी के मुताबिक कुछ माओं ने कहा था कि उनका बच्चा कभी उन्हें छोड़कर नहीं जाता। इस शोध के मुताबिक माओं और बच्चों को पार्क में छोड़ा गया तब बाल यौन शौषण करने वालों ने बच्चों को पहले गोद में उठा लिया। बाल यौन शौषण करने वाले परिवार में घुल मिल जाते हैं। ये अलग शक्ल वाले नहीं होते हैं, समाज के हर वर्ग में होते हैं। इन्हें इनके व्यावहार से पहचाना जा सकता है।
ऐसे लोग बच्चों के साथ ज्यादा वक्त बिताते हैं। उनके करीब आने की कोशिश करते हैं। एक बार एक बच्ची ने मुझसे पूछा कि क्या हमें बढ़ों की इज्जत करनी चाहिए तब मैंने जवाब दिया की नहीं हम किसी की उम्र का नहीं बल्कि उनके व्यवहार का सम्मान करना चाहिए। जिनका व्यवहार आपके प्रति सही हो आप उसी का सम्मान करें। मित्रा पिछले आठ साल से बाल यौन शौषण मामलों में दिल्ली पुलिस की मदद कर रहे हैं।
शो में उत्तर प्रदेश की 6 साल की अनामिका की कहानी सुनाई गई। अनामिका के मुताबिक बचपन में उसका ट्यूटर बंद कमरे में उसे छूता था। अनामिका डर में रहने लगी। उसे ट्यूटर से डर लगने लगा। ट्यूटर ने घरवालों का दिल भी जीत लिया था। अनामिका को लगता था कि अगर वो कुछ कहेगी तो उस पर यकीन नहीं किया जाएगा। सात साल तक अनामिका के साथ यौन शौषण होता रहा।
अनामिका के घर में 22 सदस्य थे लेकिन फिर भी उसके साथ सात साल तक यह होता रहा। बच्चों का यौन शौषण करने वाला व्यक्ति या तो परिवार का सदस्य होता है या फिर परिवार के बहुत करीब होता है।
मुंबई की सिंड्रेला प्रकाश-
सिंड्रेला ने कहा, 'लोग कहते हैं कि बचपन के दिन अच्छे थे, काश हम वापस बचपन में जा सके लेकिन मैं ऐसा नहीं सोचती, मैं अपने बचपन में बापस में नहीं जाना चाहती। मेरे नाना की उम्र के एक व्यक्ति थे। वो अक्सर मेरे घर आया जाया करते थे। जब मैं 12 साल की थी तब मां की तबियत खराब हो गई। मां की डायलसिस होती थी। कभी-कभी मैं घर पर अकेली होती थी। एक बार घर में मैं अकेली थी। मैंने नई ड्रैस पहनी थी। वो फ्लॉपी देने के बहाने घर पर आए थे, शायद ये एक बहाना था। उन्होंने मुझे ऐसे छुआ, इतनी जगह पर छुआ की मेरे शरीर को ही बुरा लगने लगा, मुझे खुद से घ्रणा होने लगी, वो ऐसा वक्त था कि मेरा शरीर पूरा ठंडा हो गया, मैं पत्थर हो गई थी। उन्होंने आधे घंटे तक जो मन किया वो किया, आधे घंटे बाद मुझे अहसास हुआ कि मेरे होंठ सूज गए थे और खून बह रहा था। कोई भी लड़की नहीं चाहेगी कि उसका पहला किस ऐसा हो। उस वक्त वो 55 साल के थे और मैं 12 साल की थी। उनसे मेरा सामना होता तो मैं खुद को छुपा लेती। वो अक्सर घर आते लेकिन मैं कमरे में छुप जाती। मेरी हिम्मत नहीं हुई कि परिजनों से कुछ बताउं।
मेरे पास अपने मां-बाप को इस बारे में बताने के लिए शब्द नहीं थे। इसके बाद भी उन्होंने दो तीन बार ऐसा करने की कोशिश की। लेकिन मैं भाग जाती थी। मैंने चार साल पहले अपने परिवार को इस बारे में बताया। मां को बहुत धक्का लगा। मां ने कहा कि पहले क्यों नहीं बताया। मेरे परिजन मुझसे बहुत खुले थे लेकिन फिर मैं ऐसा नहीं बता पाई।
मैं अब उस काले दौर से बाहर निकल गई हूं। अब मुझे लगता है कि इसमें मेरी कोई गलती नहीं थी, यह उस व्यक्ति की गलती थी जिसने मेरे साथ ऐसे किया। मैं अब खुश हूं।'
हरीश के साथ 11 साल तक होता रहा %रेप%
शो पर आए हरीश अय्यर ने कहा, 'मेरे परिवार में मेरे मां-बाप, छोटा भाई, मेरे पिता के दो भाई और उनकी पत्नियां थी। मैं जब साढ़े 6 साल का था तब मेरी मम्मी की साइड के रिलेटिव ने मेरा बलात्कार किया। वो हमारे घर में हमेशा आता जाता रहता था।
वो मुझे एक दिन नहला रहा था। एक दिन उसने सारे कपड़े निकाल दिए। मैं पूरी तरह नंगा था। उसने मुझे जकड़ने की कोशिश की। मैं नीचे भागना चाहता था लेकिन तभी मेरी आंटी ने कहा मैं कुछ सामान लेने जा रही तो उसका हौसला बढ़ गया और उसने मेरा बलात्कार किया।
इसके बाद कई बार उन्होंने ऐसा किया। अगर मैं लड़की होता तो शायद प्रेग्नेंट हो गया होता। उसके बाद वो कई लोगों को अपने साथ लेकर आते थे और मेरा बलात्कार करते थे। यह सब बहुत घिनौना था।
न उस वक्त मुझे डर लगता था न बुरा लगता था। मैं पत्थर हो गया था। मेरे दो जीवन हो गए थे। एक जब मेरा शौषण होता था और एक जब मैं अकेला होता था। मेरे बाहर बहुत शोर था और मेरे अंदर बहुत सन्नाटा। मुझे आदमियों से बहुत डर लगता था।
मैं क्लास में बैठे-बैठे अचानक खडा़ हो जाता था क्योंकि मुझे बहुत डर लगता था। एक बार मैं पिकनिक पर गया था। मेरे सभी साथी कपड़े उतारकर पानी में गए। जब मैंने कपड़े उतारे तब देखा कि मुझे ब्लीड हो रहा है और मैंने तुरंत अपने कपड़े पहन लिए।
मैंने एक बार अपनी मां से ये सब बताने की कोशिश की लेकिन मेरे पास शब्द ही नहीं थे ये सब बताने के लिए। मैंने मां को बताया कि वो मुझे छूने की कोशिश करते हैं। मैंने मां से बताया तो मां को यकीन नहीं हुआ।
तब उसने कहा कि देखा मैंने कहा था कि कोई यकीन नहीं करेगा। अगर अब किसी को कुछ बताओगे तो मैं तुम्हें मार दूंगा, जिसे तुम बताओगे उसे भी मार दूंगा। मैंने कई बार मां को बताने की कोशिश की लेकिन वो समझ नहीं पाईं।
फिर मुझे लगने लगा कि मेरी मां भी मुझे समझ नहीं पाई। मेरी मदद मेरे जर्मन शैफर्ड कुत्ते ने की। जब मैं अकेले रोता था तब वो मेरे पास आकर मेरे आंसू चाटता था। वो मुझे अकेला नहीं रहने देता था। मेरा कुत्ता जिम्मी मुझे बचा लेता था। मेरे कुत्ते जिम्मी के अलावा फिल्म इंडस्ट्री ने मेरी मदद की। मैं श्रीदेवी को बहुत पसंद करता था। श्रीदेवी की फिल्में देखकर मुझे बहुत प्रेरणा मिलती थी।
मेरे साथ 11 साल तक यह सब होता रहा। मेरे साथ सात साल की उम्र से ही यह सब हो रहा था।'
मुद्दा है बेहद गंभीर
एक अनुमान के मुताबिक देश भर में 53 फीसदी बच्चे बाल यौन शोषण के शिकार हैं। यानी हर दो में से एक बच्चा बाल यौन शोषण का शिकार रह चुका है। इनमें 21 फीसदी मामले बलात्कार, दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों से जुड़े हैं जबकि 32 फीसदी कम गंभीर मामले हैं। ऐसा नहीं कि केवल लड़कियों के साथ ही यौन शोषण होता है। यौन शोषण के शिकार 53 फीसदी बच्चों में लड़के ही थे।
एनजीओ राही की अनुजा गुप्ता ने शो (सत्यमेव जयते) के दौरान सलाह दी कि पैरेंट्स को बच्चे की बात सुननी चाहिए और यकीन करना चाहिए कि उनका बच्चा इस बारे में (अपने साथ हुए यौन शोषण के बारे में) झूठ नहीं बोल रहा है।
मनोवैज्ञानिक रजत मित्रा कहते हैं कि बाल शौषण करने वालों के मन में कोई पछतावा नहीं होता। उन्हें लगता है कि उन्होंने बच्चों को साथ कुछ गलत नहीं किया। जो ऐसा करता है वो बहुत शातिर दिमाग होते हैं। वो अपना टारगेट बनाते हैं और फिर बच्चे पर नजर रखते हैं। न्यूयॉर्क की एक स्टडी के मुताबिक कुछ माओं ने कहा था कि उनका बच्चा कभी उन्हें छोड़कर नहीं जाता। इस शोध के मुताबिक माओं और बच्चों को पार्क में छोड़ा गया तब बाल यौन शौषण करने वालों ने बच्चों को पहले गोद में उठा लिया। बाल यौन शौषण करने वाले परिवार में घुल मिल जाते हैं। ये अलग शक्ल वाले नहीं होते हैं, समाज के हर वर्ग में होते हैं। इन्हें इनके व्यावहार से पहचाना जा सकता है।
ऐसे लोग बच्चों के साथ ज्यादा वक्त बिताते हैं। उनके करीब आने की कोशिश करते हैं। एक बार एक बच्ची ने मुझसे पूछा कि क्या हमें बढ़ों की इज्जत करनी चाहिए तब मैंने जवाब दिया की नहीं हम किसी की उम्र का नहीं बल्कि उनके व्यवहार का सम्मान करना चाहिए। जिनका व्यवहार आपके प्रति सही हो आप उसी का सम्मान करें। मित्रा पिछले आठ साल से बाल यौन शौषण मामलों में दिल्ली पुलिस की मदद कर रहे हैं।
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