धूप से तपते गैंती-फावड़े जला रहे श्रमिकों के हाथ
तेज धूप के बीच भरी दुपहरी में काम करते हैं मनरेगा श्रमिक, धूप के कारण गर्म हो जाते हैं गैंती फावड़े, श्रमिकों ने की समय बदलवाने की मांग
गुडा बालोतान
तन झुलसाने वाली तेज गर्मी के साथ गर्म हवाओं के थपेड़ों के बीच 133 रुपए प्रतिदिन कमाई के जुगाड़ में तपते फावड़े गेती एवं तगारी का प्रयोग करने वाले नरेगा श्रमिकों के लिए काम करना मुश्किल भरा हो रहा है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र के अधिकांश गांवों में मनरेगा का काम चल रहा है। इसमें खासकर महिला श्रमिक ज्यादा हैं।
ये श्रमिक सवेरे से लेकर शाम तक तपती धूप में काम करते हैं। तेज धूप से दोपहर तक फावड़ा गेती व तगारी इतनी तप जाती हैं कि उनको छूना भी मुश्किल हो जाता है। जिसके कारण श्रमिक बड़ी मुश्किल से काम कर पा रहे हैं। पिछले वर्ष नरेगा के समय में अप्रैल में ही समय बदल दिया गया था। इस वर्ष अप्रैल बीत जाने के साथ ही आधा मई भी बीतने को आ गया है, लेकिन अभी तक प्रशासन श्रमिकों का समय बदलने की सजगता नहीं दिखा रहा है। जिससे नरेगा कार्य के दौरान कई महिला श्रमिक गर्मी से बचने के लिए नरेगा कार्य को छोड़कर दूसरे कार्यों में लगना पंसद कर रही हैं।
छाया-पानी व झूले का अभाव
जहां पर भी नरेगा कार्य चल रहे हैं, वहा पर वास्तविक स्थिति को देखा जाए तो नरेगा स्थल पर छाया की व्यवस्था के लिए टेंट लगा हुआ नहीं मिलता है। इसका कारण श्रमिकों से पूछा गया तो सामने आया कि तेज हवाएं चलने के कारण खुले में टेंट लगाना असंभव है। इस कारण से नरेगा श्रमिक पेड़ व झाडिय़ों की छांव में बैठना उचित मानते हैं। दूसरी बात 70 श्रमिक से अधिक होने पर ही पानी के टैंकर की व्यवस्था होती है, लेकिन कम श्रमिक होने पर नरेगा श्रमिकों को ही मटके में पानी लाना पड़ता है। इसके साथ ही कार्य स्थलों पर झूलों की भी व्यवस्था नहीं होती।
गुडाबालोतान. निकटवर्ती अगवरी गांव में मनरेगा के तहत कार्य करते श्रमिक।
तेज धूप में काम करना मुश्किल
वर्तमान में नरेगा कार्य स्थल पर कार्य समय नौ बजे से शाम पांच बजे तक का चल रहा है। पूरे दिन में देखा जाए तो तीन चार घंटे ही कार्य हो पाता है। दोपहर में तेज गर्मी होने के कारण एक बजे के बाद कार्य करना मुश्किल है। इसलिए श्रमिकों की मांग है कि सवेरे सात बजे से दोपहर एक बजे तक का समय निर्धारित किया जाए। रकबाराम मेघवाल, मेट अगवरी, जयसिंह चारण मेट दयालपुरा
आदेश नहीं मिले
पंचायत समिति की करीब 20 से अधिक ग्राम पंचायतों में नरेगा कार्य चल रहा है। जिसका समय नौ बजे से शाम पांच बजे तक का है। अभी तक नरेगा समय में परिवर्तन करने के बारे में आदेश नहीं मिला है। आदेश मिलते ही समय में परिवर्तन कर दिया जाएगा। मोहनलाल चौधरी, विकास अधिकारी, आहोर
तेज धूप के बीच भरी दुपहरी में काम करते हैं मनरेगा श्रमिक, धूप के कारण गर्म हो जाते हैं गैंती फावड़े, श्रमिकों ने की समय बदलवाने की मांग
गुडा बालोतान
तन झुलसाने वाली तेज गर्मी के साथ गर्म हवाओं के थपेड़ों के बीच 133 रुपए प्रतिदिन कमाई के जुगाड़ में तपते फावड़े गेती एवं तगारी का प्रयोग करने वाले नरेगा श्रमिकों के लिए काम करना मुश्किल भरा हो रहा है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र के अधिकांश गांवों में मनरेगा का काम चल रहा है। इसमें खासकर महिला श्रमिक ज्यादा हैं।
ये श्रमिक सवेरे से लेकर शाम तक तपती धूप में काम करते हैं। तेज धूप से दोपहर तक फावड़ा गेती व तगारी इतनी तप जाती हैं कि उनको छूना भी मुश्किल हो जाता है। जिसके कारण श्रमिक बड़ी मुश्किल से काम कर पा रहे हैं। पिछले वर्ष नरेगा के समय में अप्रैल में ही समय बदल दिया गया था। इस वर्ष अप्रैल बीत जाने के साथ ही आधा मई भी बीतने को आ गया है, लेकिन अभी तक प्रशासन श्रमिकों का समय बदलने की सजगता नहीं दिखा रहा है। जिससे नरेगा कार्य के दौरान कई महिला श्रमिक गर्मी से बचने के लिए नरेगा कार्य को छोड़कर दूसरे कार्यों में लगना पंसद कर रही हैं।
छाया-पानी व झूले का अभाव
जहां पर भी नरेगा कार्य चल रहे हैं, वहा पर वास्तविक स्थिति को देखा जाए तो नरेगा स्थल पर छाया की व्यवस्था के लिए टेंट लगा हुआ नहीं मिलता है। इसका कारण श्रमिकों से पूछा गया तो सामने आया कि तेज हवाएं चलने के कारण खुले में टेंट लगाना असंभव है। इस कारण से नरेगा श्रमिक पेड़ व झाडिय़ों की छांव में बैठना उचित मानते हैं। दूसरी बात 70 श्रमिक से अधिक होने पर ही पानी के टैंकर की व्यवस्था होती है, लेकिन कम श्रमिक होने पर नरेगा श्रमिकों को ही मटके में पानी लाना पड़ता है। इसके साथ ही कार्य स्थलों पर झूलों की भी व्यवस्था नहीं होती।
गुडाबालोतान. निकटवर्ती अगवरी गांव में मनरेगा के तहत कार्य करते श्रमिक।
तेज धूप में काम करना मुश्किल
वर्तमान में नरेगा कार्य स्थल पर कार्य समय नौ बजे से शाम पांच बजे तक का चल रहा है। पूरे दिन में देखा जाए तो तीन चार घंटे ही कार्य हो पाता है। दोपहर में तेज गर्मी होने के कारण एक बजे के बाद कार्य करना मुश्किल है। इसलिए श्रमिकों की मांग है कि सवेरे सात बजे से दोपहर एक बजे तक का समय निर्धारित किया जाए। रकबाराम मेघवाल, मेट अगवरी, जयसिंह चारण मेट दयालपुरा
आदेश नहीं मिले
पंचायत समिति की करीब 20 से अधिक ग्राम पंचायतों में नरेगा कार्य चल रहा है। जिसका समय नौ बजे से शाम पांच बजे तक का है। अभी तक नरेगा समय में परिवर्तन करने के बारे में आदेश नहीं मिला है। आदेश मिलते ही समय में परिवर्तन कर दिया जाएगा। मोहनलाल चौधरी, विकास अधिकारी, आहोर
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