"हम भी बनाएंगी बेटियों को अफसर"
देवड़ा (जैसलमेर)। सरहदी जैसलमेर जिले की कलक्टर श्रीमती शुचि त्यागी व पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने कन्या व कन्या भू्रण हत्या रोकने की अपनी मुहिम की शुरूआत शुक्रवार को जैसलमेर से करीब 70 किमी दूर देवड़ा गांव से की। दोनों अधिकारी राजीव गांधी सभा भवन में देवड़ा गांव की महिलाओ से मिली और उनसे कहा कि हम भी बेटियां हैं, वे पढ़ी और आगे बढ़ी। जब महिलाओ ने घूंघट हटाकर भरोसा दिलाया कि वे भी अपनी बçच्चयो को पढ़ाकर अफसर बनाएंगी तो दोनो अधिकारियो की आंखे खुशी से चमक उठी।
पर्दा मत करो, हम बात करने आए हैं
पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने घूंघट में बैठी महिलाओं से कहा कि हम बात करने आए हैं, हमसे पर्दा मत करो। यहां मौजूद किसी व्यक्ति से उन्हे शर्म है तो वे उन्हे बाहर भेज देंगी। इस पर महिलाओ ने अपने घंूघट हटा दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे भी ग्रामीण परिवेश से हैं और उनके समाज मे भी बेटियो को नहीं पढ़ाया जाता। बावजूद इसके वे पढ़ी और आगे बढ़ी और आज उनकी माता को उन पर गर्व है। वहां मौजूद बालिकाओ मे से किसी ने वकील तो किसी ने डॉक्टर बनने की इच्छा जताई।
मेरा मन भारी है..
जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने कहा कि उन्हे जिला कलक्टर का पद संभाले, चंद दिन हुए हैं। जब उन्हे कार्यशाला की जानकारी मिली तो उसकी वजह जानकर दु:ख से मन भारी हो गया। उन्होने कन्या हत्या की कुप्रथा का कारण पूछा तो महिलाओ ने कहा कि वे बच्चियो को नहीं मारते। कभी-कभी बçच्चयो की स्वाभाविक मौत हो जाती है। कलक्टर ने यह सवाल किया कि तो फिर ऎसी मौत बच्चो की क्यो नहीं होती।
ऎसा क्यो
जिला कलक्टर ने कहा आजकल विवाह के लिए बहुएं मुश्किल से मिल रही है । जब प्रकृति के साथ छेड़छाड़ होती है तो परिणाम भुगतना पड़ता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल बुनकर ने कहा कि बेटी के बिना समाज की कल्पना संभव नहीं। आंगनबाड़ी सुपरवाइजर प्रतिभा फौजदार ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम मे ग्राम संरपच, फतेहगढ़ एसडीएम, फतेहगढ़ तहसीलदार, देवड़ा के मौजीज व्यक्ति सुमेरसिंह, समाजसेवी दिनेशपालसिंह मौजूद थे। संचालन सम समिति के विकास अधिकारी रामनिवास बावल ने किया।
देवड़ा ही क्यो
देवड़ा गांव से मुहिम शुरू करने के पीछे प्रशासन की मंशा यह थी कि कन्या हत्या के मामलो को लेकर देवड़ा वष्ाोü पहले सुर्खियो मे था। पिछले वष्ाü गांव मे हुई कन्या हत्या के मामले से इसकी पुष्टि ह ुई। ग्रामीणों का कहना है कि आज माहौल बदल गया है। उनका आरोप है कि कुछ तत्व उनके गांव को बदनाम कर रहे हैं।
देवड़ा (जैसलमेर)। सरहदी जैसलमेर जिले की कलक्टर श्रीमती शुचि त्यागी व पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने कन्या व कन्या भू्रण हत्या रोकने की अपनी मुहिम की शुरूआत शुक्रवार को जैसलमेर से करीब 70 किमी दूर देवड़ा गांव से की। दोनों अधिकारी राजीव गांधी सभा भवन में देवड़ा गांव की महिलाओ से मिली और उनसे कहा कि हम भी बेटियां हैं, वे पढ़ी और आगे बढ़ी। जब महिलाओ ने घूंघट हटाकर भरोसा दिलाया कि वे भी अपनी बçच्चयो को पढ़ाकर अफसर बनाएंगी तो दोनो अधिकारियो की आंखे खुशी से चमक उठी।
पर्दा मत करो, हम बात करने आए हैं
पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने घूंघट में बैठी महिलाओं से कहा कि हम बात करने आए हैं, हमसे पर्दा मत करो। यहां मौजूद किसी व्यक्ति से उन्हे शर्म है तो वे उन्हे बाहर भेज देंगी। इस पर महिलाओ ने अपने घंूघट हटा दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे भी ग्रामीण परिवेश से हैं और उनके समाज मे भी बेटियो को नहीं पढ़ाया जाता। बावजूद इसके वे पढ़ी और आगे बढ़ी और आज उनकी माता को उन पर गर्व है। वहां मौजूद बालिकाओ मे से किसी ने वकील तो किसी ने डॉक्टर बनने की इच्छा जताई।
मेरा मन भारी है..
जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने कहा कि उन्हे जिला कलक्टर का पद संभाले, चंद दिन हुए हैं। जब उन्हे कार्यशाला की जानकारी मिली तो उसकी वजह जानकर दु:ख से मन भारी हो गया। उन्होने कन्या हत्या की कुप्रथा का कारण पूछा तो महिलाओ ने कहा कि वे बच्चियो को नहीं मारते। कभी-कभी बçच्चयो की स्वाभाविक मौत हो जाती है। कलक्टर ने यह सवाल किया कि तो फिर ऎसी मौत बच्चो की क्यो नहीं होती।
ऎसा क्यो
जिला कलक्टर ने कहा आजकल विवाह के लिए बहुएं मुश्किल से मिल रही है । जब प्रकृति के साथ छेड़छाड़ होती है तो परिणाम भुगतना पड़ता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल बुनकर ने कहा कि बेटी के बिना समाज की कल्पना संभव नहीं। आंगनबाड़ी सुपरवाइजर प्रतिभा फौजदार ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम मे ग्राम संरपच, फतेहगढ़ एसडीएम, फतेहगढ़ तहसीलदार, देवड़ा के मौजीज व्यक्ति सुमेरसिंह, समाजसेवी दिनेशपालसिंह मौजूद थे। संचालन सम समिति के विकास अधिकारी रामनिवास बावल ने किया।
देवड़ा ही क्यो
देवड़ा गांव से मुहिम शुरू करने के पीछे प्रशासन की मंशा यह थी कि कन्या हत्या के मामलो को लेकर देवड़ा वष्ाोü पहले सुर्खियो मे था। पिछले वष्ाü गांव मे हुई कन्या हत्या के मामले से इसकी पुष्टि ह ुई। ग्रामीणों का कहना है कि आज माहौल बदल गया है। उनका आरोप है कि कुछ तत्व उनके गांव को बदनाम कर रहे हैं।
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