शनिवार, 23 दिसंबर 2017

बिहार की नाबालिग से मेरठ के तीन युवकों ने जयपुर में किया दुष्कर्म

बिहार की नाबालिग से मेरठ के तीन युवकों ने जयपुर में किया दुष्कर्म

बिहार की नाबालिग से मेरठ के तीन युवकों ने जयपुर में किया दुष्कर्म
जयपुर, । जयपुर में एक 13 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस ने दुष्कर्म के 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार शहर के मुरलीपुरा पुलिस थाना क्षेत्र में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म की घटना दो दिन पहले की है।




बिहार के पटना निवासी नाबालिग लड़की करीब 15 दिन पहले ही अपने मामा के साथ जयपुर आई थी । बुधवार शाम को जब वह घर के बाहर कचरा फेंकने गई तो उसी दौरान तीन युवक उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गए। उन्होने लड़की को बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। मुरलीपुरा पुलिस थाना अधिकारी नवीन खंडेलवाल ने बताया कि तीन आरोपी कृष्ण कुमार सैनी,शवम सैनी और पंकज सोनी यूपी में मेरठ के रहने वाले है और जयपुर के विश्वकर्मा औधोगिक क्षेत्र की एक फैक्ट्री में काम करते हैं ।

इन आरोपियों ने मुरलीपुरा में एक कमरा किराए पर ले रखा है। वहीं लड़की को ले गए और बंधक बनाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद देर रात लड़की को वापस उसके घर के बाहर छोड़ गए। इस दौरान लड़की के परिजन उसको तलाश रहे थे। लड़की ने घर पहुंचकर पूरी बात बताई,इस पर परिजनों ने पुलिस थाने पहुंचकर मुकदमा दर्ज कराया। लड़की द्वारा बताए गए संदिग्ध चेहरों के आधार पर आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उप अधीक्षक आस मोहम्मद ने बताया कि आरोपियों एवं लड़की का मेडिकल करवाया गया है । आरोपियों के पुराने रिकॉर्ड की जांच की जा रही है ।

भोपाल गैंगरेप मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला, चारों आरोपियों को उम्रकैद

भोपाल गैंगरेप मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला, चारों आरोपियों को उम्रकैद
भोपाल गैंगरेप मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला, चारों आरोपियों को उम्रकैद

भोपाल  । मध्य प्रदेश की राजधानी में दिल दहला देने वाली गैंगरेप की घटना में चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। बता दें कि 31 अक्टूबर को हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पास UPSC एग्जाम की तैयारी करने वाली नाबालिग लड़की से चार लोगों ने गैंगरेप किया था। फास्ट ट्रैक कोर्ट में एक महीने चली सुनवाई के बाद शनिवार को सजा पर फैसला सुनाया गया।




उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के विदिशा जिले की रहने वाली शक्ति (काल्पनिक नाम) भोपाल में यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। 19 वर्षीय छात्रा के साथ हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पास ही शाम के समय चार लोगों ने गैंगरेप किया था और काफी दरिंदगी दिखाई थी। शक्ति ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए कई बार थाने के चक्कर लगाए थे लेकिन कहीं इसकी कोई सुनवाई नहीं की गई।अंत में पीड़िता के पिता खुद अपनी बेटी को लेकर घटनास्थल पर गए और दो आरोपियों को पकड़ लिया। दूसरी तरफ मामले में लापरवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों को राज्य सरकार ने सस्पेंड भी कर दिया था। साथ ही आईजी और एसपी को ट्रांसफर भी कर दिया गया था। मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने में भी काफी लापरवाही बरती गई थी। इस मामले में संबंधित डॉक्टर को भी सस्पेंड कर दिया गया था।

जैसलमेर सर्दी के सीजन में भी पेयजल संकट, पषुधन परेषान



जैसलमेर सर्दी के सीजन में भी पेयजल संकट, पषुधन परेषान
ग्राम पंचायत तेजपाला के बड्डा गांव का है मामला, जलदाय विभाग की लापरवाही, जिला कलेक्टर से पेयजल आपूर्ति की मांग
जैसलमेर। सर्दी के सीजन में भी ग्राम पंचायत तेजपाला के बड्डा गांव के ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। इंदिरा गांधी मुख्य नहर से चंद कदमों की दूरी पर स्थित ग्राम बड्डा के ग्रामीण पास से गुजर रही नहर में पानी नहीं आने के कारण परेषान हो रहे है और प्यास बुझाने के चक्कर में मूक पषुधन दर-दर की ठोकरें खा रहा है। बड्डा गांव के पास होकर गुजर रहे खाले में पिछले एक माह से पानी नहीं आ रहा है जिसके चलते यहां का पषुधन परेषान है। लोगों को महंगे दामों पर पानी मंगवाकर अपनी प्यास बुझाने के साथ ही पषुधन के लिए भी पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। मजे की बात यह है कि इस गांव में जीएलआर तक नहीं बनी हुई है और जो बनी हुई है वह भी जर्जर हालात में है। जीएलआर व होदी टूटकर पूरी तरह बिखर चुकी है और इस संबंध में समय-समय पर यहां के लोगों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को भी अवगत करवाया परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक की ग्रामीणों ने गत सितम्बर माह में आयोजित हुई जिला कलेक्टर की रात्रि चौपाल में कलेक्टर को भी अवगत करवाया गया बावजूद इसके जलदाय विभाग आंखें मूंदकर बैठा हुआ है। वर्तमान में पानी के अभाव में ग्रामीणों के साथ-साथ पषुधन के भी हालात खराब हो रहे है। ग्रामीणों ने जिला प्रषासन से शीघ्र पेयजल व्यवस्था करवाने की मांग की है। साथ ही जिला प्रषासन से ग्रामीणों ने बड्डा गांव में नई जीएलआर व पषुओं के लिए पषुखेली बनाने की मांग की है।



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जैसलमेर निजी चिकित्सक आये सेवारत चिकित्सकों के समर्थन में

जैसलमेर निजी चिकित्सक आये सेवारत चिकित्सकों के समर्थन में
आईएमए के सदस्य चिकित्सकों ने दो घंटे तक किया कार्य बहिष्कार


जैसलमेर। राज्य सरकार व सेवारत चिकित्सकों के बीच चल रहे गतिरोध में अब सेवारत चिकित्सकों के समर्थन में इण्डियन मेडिकल एसोसियेषन भी आ गया है। एसोसियेषन के बैनर तले जैसलमेर में शनिवार को दो घंटे तक निजी चिकित्सालय में कार्यरत इण्डियन मेडिकल एसोसियेषन के सदस्य चिकित्सकों दो घंटे तक कार्य बहिष्कार किया। इण्डियन मेडिकल एसोसियेषन जैसलमेर के सचिव डॉ. बी.के. आर्य ने बताया कि इण्डियन मेडिकल एसोसियेषन की बैठक आयोजित हुई जिसमें सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया है कि सभी प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक शनिवार व रविवार को दो दिन सुबह 9 से 11 बजे तक ओपीडी का बहिष्कार करेंगे तथा शेष समय में काली पट्टी बांधकर राज्य सरकार का विरोध करेंगे तथा अगर गतिरोध समाप्त नहीं होता है तो सोमवार से निजी चिकित्सक भी पूर्ण रूप कार्य का बहिष्कार कर सेवारत चिकित्सकों का समर्थन करेंगे। उन्होंने बताया कि उक्त निर्णय के तहत शनिवार को निजी चिकित्सालयों में कार्यरत आईएमए के सदस्य चिकित्सकों ने  सुबह 9 से 11 बजे तक ओपीडी का बहिष्कार किया तथा बांह काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज किया।

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बाड़मेर मैली में रात्रि चौपाल मंे जिला कलक्टर ने सुनी आमजन की समस्याएं



बाड़मेर मैली में रात्रि चौपाल मंे जिला कलक्टर ने सुनी आमजन की समस्याएं
बाड़मेर, 23 दिसंबर। जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने शुक्रवार को मेली ग्राम पंचायत मुख्यालय पर आयोजित रात्रि चौपाल के दौरान आमजन की समस्याएं सुनी।

रात्रि चौपाल के दौरान जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने प्रस्तुत की गई परिवेदनाआंे पर संबंधित विभागीय अधिकारियांे को प्रभावी कार्रवाई कर आमजन को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्हांेने स्वच्छ भारत मिशन मंे आमजन की सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्हांेने ग्रामीणों को राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से अवगत करवाते हुए उनसे किस प्रकार लाभ उठाया जा सकता की जानकारी दी। जिला कलक्टर ने डिस्काम, पशुपालन, कृषि एवं चिकित्सा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन सहित राजस्व विभाग से संबंधित प्रकरणों की जानकारी प्राप्त करने के साथ संबंधित अधिकारियांे को आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए तत्पर हैं। उन्हांेने पिछले चार वर्षाें मंे हुए विकास कार्याें के बारे मंे जानकारी देते हुए आमजन को जागरूक होकर सरकारी योजनाआंे से लाभांवित होने की बात कही। रात्रि चौपाल के दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा, उपखंड अधिकारी अंजुम ताहिर शम्मा समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष खोलिया 30 को बाड़मेर आएंगे
बाड़मेर, 23 दिसंबर। अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष विकेश खोलिया 30 दिसंबर को बाड़मेर आएंगे। इस दौरान खोलिया सामाजिक समारोह मंे शामिल होंगे।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष विकेश खोलिया 30 दिसंबर को प्रातः 8 बजे जयपुर से प्रस्थान कर शाम 6 बजे बाड़मेर पहुंचेंगे। जहां से एक निजी विद्यालय के कार्यक्रम मंे शामिल होने के उपरांत उनका शाम 7 बजे जैसलमेर के लिए प्रस्थान करने का कार्यक्रम है।

राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर प्रदर्शनी आज
बाड़मेर, 23 दिसंबर। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर उपभोक्ताआंे को जागरूक करने एवं उनके अधिकारांे की जानकारी देने के लिए रविवार को प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

जिला रसद अधिकारी अशोक सांगवा ने बताया कि उपभोक्ताआंे को जागृत करने, उपभोग्य वस्तुआंे के माप के तरीके, गुणवत्ता की जांच की प्रक्रिया, सेवाआंे मंे दोष के प्रकार बताने संबंधित व्यवहारिक जानकारी के लिए जिला सूचना केन्द्र मंे प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। इस दौरान विभिन्न अधिकारियांे को अपने विभाग से संबंधित उपभोक्ता अधिकारांे के प्रचार-प्रसार एवं संबंधित पेम्पलेट एवं फोल्डर्स का वितरण करवाने के लिए निर्देशित किया गया है।

बाड़मेर मनरेगा की 1870 करोड़ की कार्य योजना को मंजूरी

बाड़मेर मनरेगा की 1870 करोड़ की कार्य योजना को मंजूरी
-जिला परिषद की बैठक मंे हुआ विभिन्न मुददांे पर विचार-विमर्श



बाड़मेर, 23 दिसंबर। जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल की अध्यक्षता मंे आयोजित हुई। इस दौरान महात्मा गांधी नरेगा योजना की 1870 करोड़ की कार्य योजना को अनुमोदित किया गया। इसमंे वर्ष 2018-19 के प्लान के साथ 2017-18 का अतिरिक्त प्लान शामिल है।
जिला परिषद सभागार मंे आयोजित बैठक के दौरान संसदीय सचिव लादूराम बिश्नोई, जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते, जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल, विधायक हमीरसिंह भायल, तरूणराय कागा, मेवाराम जैन समेत विभिन्न जन प्रतिनिधियांे की मौजूदगी में मनरेगा के प्लान का अनुमोदित किया गया। इसमंे व्यक्तिगत टांका निर्माण, ग्रेवल सड़क, खेल मैदान समेत विभिन्न प्रकार के विकास कार्य प्रस्तावित किए गए है। बैठक के दौरान संसदीय सचिव लादूराम विश्नोई, विधायक हमीरसिंह भायल, तरूणराय कागा, मेवाराम जैन समेत विभिन्न जन प्रतिनिधियांे ने विकास कार्याें एवं जन समस्याआंे पर अपनी बात रखी। उन्हांेने मनरेगा मंे कार्याें की स्वीकृति का मामला उठाया। बैठक के दौरान जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि जिला दर निर्धारण समिति की बैठक मंे बीएसआर दरांे मंे संशोधन किया गया है। बजरी मंे 20 किमी एवं ग्रेवल परिवहन मंे 5 किमी के उपरांत दरांे मंे बढ़ोतरी की गई है। इससे विकास कार्याें को गति मिलने के साथ राहत मिलेगी। उन्हांेने महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत 1 जनवरी 2017 से अब तक स्वीकृत हुए कार्याें के बारे मंे विस्तार से जानकारी दी। उन्हांेने कहा कि पंचायत समिति स्तर से प्राप्त होने वाले कार्याें को स्वीकृत किया जा रहा है। पहली बार व्यक्तिगत कार्योें के स्वीकृति संबंधित आदेश संबंधित लाभार्थी तक पहुंचाने की नई व्यवस्था की शुरूआत की गई है। इससे पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। उन्हांेने बाड़मेर जिले को खुले मंे शौच से मुक्त कराने के लिए सहयोग कराने का अनुरोध किया। जिला परिषद की बैठक मंे मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.गुंजन सोनी, अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेश कुमार दाधीच समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी एवं जन प्रतिनिधि उपस्थित रहे। जिला परिषद की बैठक के दौरान जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, डिस्काम एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग, शिक्षा, चिकित्सा, कृषि एवं अन्य विभागांे से जुड़ी विभिन्न योजनाआंे की प्रगति पर विचार-विमर्श किया गया।

बाड़मेर राजस्व प्रकरणांे को प्राथमिकता से निपटाएंःनकाते

बाड़मेर राजस्व प्रकरणांे को प्राथमिकता से निपटाएंःनकाते
-जिला कलक्टर ने की राजस्व प्रकरणांे की प्रगति की समीक्षा


बाड़मेर, 23 दिसंबर। लंबित राजस्व प्रकरणांे को प्राथमिकता से निपटाएं। ताकि आमजन को समय पर राहत मिल सके। रिकार्ड मॉडर्नाइजेशन के कार्य को त्वरित गति से संपादित करने के लिए उपखंड अधिकारी प्रति दिन तहसील स्तर से संपादित होने वाले कार्य की समीक्षा करें। जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने शनिवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर राजस्व अधिकारियांे की बैठक के दौरान यह बात कही।
जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने कहा कि राजस्व अधिकारी जमाबंदी एवं तरमीम के प्रकरणांे को प्राथमिकता से चिन्हित करते हुए यथाशीघ्र निस्तारित करवाएं। उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार पटटे जारी करने की कार्रवाई की जाए। उन्हांेने उपखंडवार रिकार्ड मॉडर्नाइजेशन की प्रगति की समीक्षा करते हुए टीम भावना से कार्य करते हुए एक जनवरी तक कम से कम तीस फीसदी कार्य करवाना सुनिश्चित करें। उन्हांेने कहा कि वंचित लोगांे के नाम मतदाता सूची मंे जोड़ने के साथ यह भी देखा जाए कि दोहरे नाम नहीं जुडे़। जिला कलक्टर नकाते ने राजस्व अधिकारियों को छात्रावास, आंगनबाड़ी केन्द्र एवं शालाओं का निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रत्येक माह जिला कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान जिला कलक्टर नकाते ने खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े प्रकरणांे को भी प्राथमिकता से निपटाने के निर्देश दिए। राजस्व अधिकारियांे की बैठक के दौरान नेशनल लेंड रिकार्ड मॉडर्नाइजेशन, खरीफ संवत 2073 के आदान अनुदान वितरण, रास्ता अभियान, राजकीय विभागांे को भूमि आवंटन, खनन गतिविधियांे की रोकथाम समेत विभिन्न मुददांे पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी.बिश्नोई ने कहा कि मतदाता सूचियांे के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कहा कि 10 जनवरी तक मतदान सूचियांे के अपडेशन का कार्य चल रहा है। इसको पूर्ण करवाने के लिए बूथ लेवल तक नियमित रूप से पर्यवेक्षण किया जाए। भूमि अवाप्ति अधिकारी अशोक सांगवा ने राजसंपर्क पर बकाया प्रकरणांे की जानकारी दी। उन्हांेने कहा कि संबंधित अधिकारी प्रकरणांे का निस्तारण करने के लिए अंतिम तिथि का निस्तारण नहीं करें। उन्हांेने प्रतिदिन प्रकरणांे का निस्तारण करने की बात कही, ताकि लंबित मामलांे की तादाद मंे इजाफा नहीं हो। जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी दिलीप जैन ने कहा कि सेग्रेशिएशन का डाटा सुरक्षित रखने की बात कही। ताकि आगामी समय में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। बैठक के दौरान उपखंड अधिकारी, तहसीलदार एवं राजस्व विभाग से जुड़े विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे।

बाड़मेर। इन्हे समस्याओ से कोई सरोकार नहीं ,ये सब तो फोटो खिंचवाने आते है

बाड़मेर। इन्हे समस्याओ से कोई सरोकार नहीं ,ये सब तो फोटो खिंचवाने आते है 


रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान / बाड़मेर 


बाड़मेर। शहीदो के परिवारों पर सरकार लाख वादे कर दे लेकिन आज भी शहीद परिवार मूलभूत सविधाओ के लिए ठोकेरे खाने को मजबूर है। शहीद के लिए झूठे आंसू और हमदर्दी जताने वाले जनप्रतिनिधियो और प्रशासनिक अधिकारियों के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा शौर्य चक्र प्राप्त शहीद धर्माराम की विरांगना ने यह कह कर की ये सब फोटो खिंचवाने आते है बस कोई सुध नहीं पूछता है।



देश की सेवा में शहीद हुए ओर मरणोपरांत शौर्य चक्र से नवाजे गए सैनिक धर्माराम जाट की मूर्ति का अनावरण 21 दिसम्बर को उनके पैतृक गांव बाड़मेर जिले के धर्मासर किया गया। देश के सेनाध्यक्ष विपिन रावत सहित कई नेता शहीद धर्माराम की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में पहुंचे। इस कार्यक्रम के बाद शहीद धर्माराम की विरांगना टीमो देवी ने सरकार के बड़े - बड़े वादों को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा हमारे किसी भी तरह की मदद नही की जा रही है। सरकार को हमारे दुख दर्द से कोई लेना देना नही। मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में कई नेता और प्रशासनिक अधिकारी आये पर किसी ने भी उनसे उनकी समस्याओं के बारे में नहीं पूछा. सब आए और फोटो लेकर चले गए। उन सुविधाओं से महरूम रहना पड़ रहा है जो सुविधाएं एक शहीद के परिवार को दी जाती है. वीरांगना टीमूदेवी ने कहा कि दो साल बीत गए हैं। मेरी योग्यता होने के बावजूद नौकरी नहीं मिल पाई है। बच्चे छोटे हैं। इन्हें पढ़ाना है, लेकिन गांव शहर से दूर है। यहां सड़क भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार वादे करने की बजाय परिवार की मूलभूत सुविधाएं पूरा करें।
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जम्मू कश्मीर में दहशतगर्दो से मुकाबले में शहीद हुए धर्माराम का परिवार मूलभूत जरूरतों के लिए जद्दोजहद कर रहा है, सड़क, पेयजल आपूर्ति, शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। शहीद धर्माराम के परिवार की मांग है कि उनके घर का बिजली बिल माफ किया जाए, शहीद स्मारक पर पेयजल व्यवस्था करें, 7 किमी तक डामर सड़क का निर्माण करवाया जाए, शहीद के बच्चों की शिक्षण व्यवस्था सैन्य स्कूल में हो और प्रशासन प्रतिवर्ष शहीद स्मारक पर मेले का आयोजन हो।



सड़क बने तो स्कुल जा सके
बच्चो को अच्छे स्कुल में पढ़ना चाहती हु लेकिन गांव में अच्छा स्कुल नहीं है जिसकी वजह से शिक्षा से वंचित है अगर तारातरा के धर्मसार गांव में सड़क मार्ग का निर्माण करवाया जाए तो बच्चे शहर की अच्छी स्कुल में पढ़ने जा सकते है।


मुख्यमंत्री नहीं आई बहुत दुःख हुआ मुझे
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शहीद धर्माराम जाट की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में आना तय था लेकिन किन्ही कारणों की वजह से वो इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाई। इस को लेकर पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे एक शहीद की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में नहीं आई जिसका मुझे बेहद दुःख हुआ। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे अगर कार्यक्रम पहुँचती तो उनसे हमारी समस्यो से जरूर अवगत करवाती वो भी एक महिला है तो शायद दर्द को समझ पाती लेकिन वो इस कार्यक्रम में नहीं आई जिसका बहुत दुःख हुआ मुझे। कहा कि सरकार शहीद परिवारों कि किसी तरह की मदद नहीं कर रही है

इंटरनेशनल बॉर्डर पर ड्रग्स के साथ मिले बाल, DNA मैचिंग कर पंजाब से स्मगलर अरेस्ट

इंटरनेशनल बॉर्डर पर ड्रग्स के साथ मिले बाल, DNA मैचिंग कर पंजाब से स्मगलर अरेस्ट

इंटरनेशनल बॉर्डर पर ड्रग्स के साथ मिले बाल, DNA मैचिंग कर पंजाब से स्मगलर अरेस्ट
श्रीगंगानगर(राजस्थान).पाकिस्तान से सीमा पार करवाकर अंतरराष्ट्रीय हेरोइन तस्करी के करीब 5 साल पुराने मामले में दोषी को 10 साल कठोर कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इसी मामले में पुलिस की ओर से मुल्जिम बनाए गए एक आरोपी को न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया। तीसरे आरोपी को पुलिस आज तक गिरफ्तार ही नहीं कर पाई है। यह निर्णय एनडीपीएस मामलों की विशिष्ट अदालत के न्यायाधीश हारुण ने शुक्रवार को सुनाया। आरोपी ने जुर्माना राशि जमा नहीं करवाई तो छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोषी पंजाब के गांव मल्लियां, जिला तरनतारन निवासी कुलदीप सिंह उर्फ कीपा पुत्र दर्शन सिंह जटसिख को सजा सुनाए जाने के बाद जेल भिजवा दिया। आरोपी गिरफ्तारी के बाद जमानत पर था।

तीन तस्कर थे, एक संदेह का लाभ देकर बरी, दूसरा पकड़ा ही नहीं गया, तीसरे को सजा

- एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत के विशिष्ट लोक अभियोजक केवलकुमार अग्रवाल ने बताया कि 23 फरवरी 2012 को रात करीब 1 बजकर 50 मिनट पर बीएसएफ के निगरानी दल ने हिंदुमलकोट अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पिलर संख्या 278/3 एस के पास भारतीय सीमा में हलचल देखकर फायरिंग की।

- तस्कर मौके पर ही दो बाइक, एक शॉल, जूते और अन्य सामान छोड़कर भाग गए। मौके से एक प्लास्टिक कैरी बैग में मादक पदार्थ हेरोइन के एक-एक किलो पैकिंग के 6 पैकेट बरामद किए गए।

- इस संबंध में बीएसएफ की आेर से अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया। हिंदुमलकोट पुलिस ने जांच में हेरोइन के पैकेट के साथ सामान में सिर के बाल भी बरामद किए।

- इसके अलावा पदचिन्हों के आधार पर माना कि तस्कर करीब तीन लोग थे। पुलिस ने मौके से बरामद किए गए सिर के बालों और अन्य सामान को वजह सबूत सील करवा डीएनए करवाया।

- जांच में पंजाब नंबर की बाइक, नए मोबाइल की लोकेशन सामान आदि की जांच में आरोपी कुलदीप उर्फ कीपा को गिरफ्तार किया। उसे गिरफ्तारी के बाद सिर के बाल को डीएनए जांच के लिए भिजवाया गया।

- जांच में डीएनए उसी का पाए जाने पर उसके खिलाफ अदालत में 3 मार्च 2013 को चालान पेश किया गया। इसी डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को हेरोइन तस्करी का दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।

6 करोड़ थी तब हेरोइन की बाजार कीमत

मामले में आरोपी बलविंद्र सिंह उर्फ बिंदा पुत्र तारा सिंह निवासी थाना खालड़ा को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। तीसरे आरोपी तरनतारन के भिखीविंड निवासी मानवीर सिंह को अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। उस वक्त पकड़ी गई हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 6 करोड़ रुपए थी।
श्रीगंगानगर(राजस्थान).पाकिस्तान से सीमा पार करवाकर अंतरराष्ट्रीय हेरोइन तस्करी के करीब 5 साल पुराने मामले में दोषी को 10 साल कठोर कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इसी मामले में पुलिस की ओर से मुल्जिम बनाए गए एक आरोपी को न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया। तीसरे आरोपी को पुलिस आज तक गिरफ्तार ही नहीं कर पाई है। यह निर्णय एनडीपीएस मामलों की विशिष्ट अदालत के न्यायाधीश हारुण ने शुक्रवार को सुनाया। आरोपी ने जुर्माना राशि जमा नहीं करवाई तो छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोषी पंजाब के गांव मल्लियां, जिला तरनतारन निवासी कुलदीप सिंह उर्फ कीपा पुत्र दर्शन सिंह जटसिख को सजा सुनाए जाने के बाद जेल भिजवा दिया। आरोपी गिरफ्तारी के बाद जमानत पर था।
तीन तस्कर थे, एक संदेह का लाभ देकर बरी, दूसरा पकड़ा ही नहीं गया, तीसरे को सजा
- एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत के विशिष्ट लोक अभियोजक केवलकुमार अग्रवाल ने बताया कि 23 फरवरी 2012 को रात करीब 1 बजकर 50 मिनट पर बीएसएफ के निगरानी दल ने हिंदुमलकोट अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पिलर संख्या 278/3 एस के पास भारतीय सीमा में हलचल देखकर फायरिंग की।
- तस्कर मौके पर ही दो बाइक, एक शॉल, जूते और अन्य सामान छोड़कर भाग गए। मौके से एक प्लास्टिक कैरी बैग में मादक पदार्थ हेरोइन के एक-एक किलो पैकिंग के 6 पैकेट बरामद किए गए।
- इस संबंध में बीएसएफ की आेर से अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया। हिंदुमलकोट पुलिस ने जांच में हेरोइन के पैकेट के साथ सामान में सिर के बाल भी बरामद किए।
- इसके अलावा पदचिन्हों के आधार पर माना कि तस्कर करीब तीन लोग थे। पुलिस ने मौके से बरामद किए गए सिर के बालों और अन्य सामान को वजह सबूत सील करवा डीएनए करवाया।
- जांच में पंजाब नंबर की बाइक, नए मोबाइल की लोकेशन सामान आदि की जांच में आरोपी कुलदीप उर्फ कीपा को गिरफ्तार किया। उसे गिरफ्तारी के बाद सिर के बाल को डीएनए जांच के लिए भिजवाया गया।
- जांच में डीएनए उसी का पाए जाने पर उसके खिलाफ अदालत में 3 मार्च 2013 को चालान पेश किया गया। इसी डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को हेरोइन तस्करी का दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।
6 करोड़ थी तब हेरोइन की बाजार कीमत
मामले में आरोपी बलविंद्र सिंह उर्फ बिंदा पुत्र तारा सिंह निवासी थाना खालड़ा को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। तीसरे आरोपी तरनतारन के भिखीविंड निवासी मानवीर सिंह को अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। उस वक्त पकड़ी गई हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 6 करोड़ रुपए थी।

पाकिस्‍तान में धरे गए पांच नौकाओं समेत 28 भारतीय मछुआरे

पाकिस्‍तान में धरे गए पांच नौकाओं समेत 28 भारतीय मछुआरे
पाकिस्‍तान में धरे गए पांच नौकाओं समेत 28 भारतीय मछुआरे

इस्लामाबाद   पाकिस्‍तान ने अपने क्षेत्रीय जल सीमा में प्रवेश के आरोप में पांच नौकाओं समेत 28 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना शुक्रवार को हुआ जब एक दिन पहले ही उसने अगले कुछ सप्ताह में मानवीय आधार पर 291 भारतीय मछुआरों को रिहा करने की घोषणा की थी।




पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) के एक अधिकारी ने बताया कि देश की जल सीमा में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में उन्होंने मछुआरों को गिरफ्तार किया है। अधिकारी के अनुसार, '28 मछुआरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्हें स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है।'




एक दिन पहले पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने कहा था कि 291 भारतीय मछुआरों को रिहा किया जाएगा। इन्हें दो चरणों (29 दिसंबर और आठ जनवरी, 2018) में वाघा बार्डर के रास्ते रिहा करने का फैसला किया गया है। पाकिस्तान ने इस साल अक्टूबर में 68 भारतीय मछुआरों को रिहा किया था।




पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी के प्रवक्ता ने पिछले सप्ताह कहा था कि इस साल 400 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया है।

राशि फल 2018: जाने कैसा होगा मेष राशि वालों के लिए साल

राशि फल 2018: जाने कैसा होगा मेष राशि वालों के लिए साल

राशि फल 2018: जाने कैसा होगा मेष राशि वालों के लिए साल
मेष राशि अक्षर

चू चे चो ला ली लू ले लो और अ से शुरू होने वाले नाम मेष राशि वालों को प्रस्‍तावित किए जाते हैं। साल 2018 में इनका जीवन कैसा होगा इस बारे में जानने के क्रम में आज जानेंगे मेष राशि वालों के बारे में। इस वर्ष इनको मानसिक और शारीरिक उलझनों से कुछ परेशानी रहेगी आर्थिक मामलों में अगर सतर्कता बरती जाय तो लाभ संभावित है। वर्ष के उत्तरार्ध में परेशानियों में कुछ इजाफा होगा जिसके कारण परिश्रम का अनुकूल परिणाम नहीं मिलेगा और खीझ पैदा होगी राजकीय पक्ष से भी कुछ परेशानी हो सकती है। अतः राजकीय मामलों में आपको चाहिए कि बहुत सतर्कता से काम लें। वर्ष के पूर्वार्ध में ग्रहों के अनुकूल प्रभाव से यह समय शुभप्रद है। प्रगति के अवसर मिलेंगे, विदेश यात्रा का योग है, यश प्रतिष्ठा का लाभ मिलेगा।

महीनों के हिसाब से राशि पर प्रभाव




मेष राशि वाले मई जून मास में थोड़ी सतर्कता बरतें कुछ कष्टजन्य स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। अप्रैल सितम्बर नवम्बर मास में उच्चपद की प्राप्ति, नवीन कार्य का शुभारम्भ, राजनैतिक पक्ष में प्रभावी होंगे, आर्थिक व्यापारिक क्षेत्र में संतुष्टि, उच्चवर्ग का सहयोग मिलेगा। प्रशासनिक सहयोग मिलेगा। वर्ष के पूर्वार्ध में सोची योजना को क्रियान्वित कर सकते हैं।

शिक्षा और प्रतियोगिता के क्षेत्र में असर




इस वर्ष परिश्रमी छात्रों को निश्चय सफलता मिलेगी अप्रैल सितम्बर नवम्बर मास में प्रवेश परीक्षा, साक्षात्कार व प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलेगी। मई जून मास में आलस्य की स्थिति बनेगी जो हानिकारक हो सकती है। शैक्षिक क्षेत्र में अपने अध्ययन हेतु एक नियमावली बना लें और उसी के अनुरूप कार्य करें। अस्त व्यस्त रहना अहितकर है।









आर्थिक क्षेत्रों पर प्रभाव




उत्तम ग्रहचाल से यह वर्ष मेष राशि वालों के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से सुदृढ़ रहेगा, परन्तु शनि के कारण धन के स्थायित्व में कमी आयेगी धन का संचय न हो पायेगा। भविष्य के प्रति व्यापारिक स्थितियों का ताना बाना तो बुनेंगे परन्तु उन पर जुट कर कार्य न कर पायेंगे जिसके कारण धन हानि संभव है। इस वर्ष किसी भी नये व्यापार को करने के पूर्व भली भांति उसकी एक योजना बना लें और उसे पूरी तौर पर पुनः आंकलन कर के ही आगे कार्य करें। यदि नौकरी में हैं तो अपने वरिष्ठ तथा कनिष्ठ लोगों से न उलझने में ही भलाई है। अप्रैल सितम्बर नवम्बर मास में पूंजी निवेश लाभप्रद रहेगा। इन शुभ माह में आकस्मिक धन प्राप्ति का योग भी है और फंसा हुआ धन वापस मिलेगा। मई जून मास में भूलकर भी आर्थिक लेन देन न करें अन्यथा हानि संभावित है। यदि शेयर का कारोबार करते हैं तो वर्ष के पूर्वार्ध में भूलकर भी केमिकल, लोहा, मशीनरी बनाने वाली कंपनियां, रबर, टायर और सिंथेटिक के शेयर्स में पैसा न लगायें। शनि की अशुभ स्थिति के कारण इनमें हानि की प्रबल संभावना है। राष्ट्रीय बचत पत्र, जमीन, और मकान आदि की खरीदारी कर सकते हैं, इनमें निवेश करने पर भविष्य में अच्छे लाभ की स्थिति बनेगी।

स्वास्थ्य एवं परिवार के क्षेत्र में




पारिवारिक माहौल अनुकूल रहेगा, दाम्पत्य जीवन में पत्नी से मीठी चुहल के साथ साथ कभी वाक्युद्ध की नौबत आ सकती है। परिवार के प्रति बहुत ज्यादा जिम्मेदारियां निभाना उन्हें नागवार गुजर सकता है अतः पत्नी और परिवार के बीच संतुलन कायम रखने के लिए बहुत सूझबूझ से काम लेना होगा। बच्चों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें। वर्ष के पूर्वार्ध व उत्तरार्ध में धार्मिक मांगलिक कार्यों का सम्पादन करेंगे, भौतिक सुख साधनों में वृद्धि होगी। मई जून मास में रोग ग्रस्तता जैसे बुखार, चर्मरोग आदि से कष्ट रहेंगे। पड़ोसियों से वाद विवाद और व्यय की अधिकता रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा कायम रहेगी। नवम्बर अक्टूबर मास में पत्नी व संतान पक्ष से अधिक चिन्तित रहेंगे।









ये हैं शुभ तारीखें




जनवरी-3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 24, 25, 26, 27, 28, 29। फरवरी-1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 21, 22, 23, 24, 25, 26। मार्च-1, 2, 3, 4, 5, 6, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 29, 30, 31। अप्रैल-1, 2, 3, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 25, 26, 27, 28, 29, 30। मई-4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 14, 15, 16, 17, 22, 23, 24, 25, 26, 27। जून-1, 2, 3, 5, 6, 10, 11, 12, 13, 14, 18, 19, 20, 21, 22 23, 27, 28, 29। जुलाई-1, 2, 3, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 16, 17, 18, 19, 20, 25, 26, 27, 28, 29, 30। अगस्त-1, 2, 3, 5, 6, 7, 8, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27। सितम्बर-1, 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 12, 13, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 27, 28, 29, 30। अक्टूबर- 1, 2, 3, 6, 7, 8, 9, 10, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29। नवम्बर-1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 21, 22, 23, 24, 25, 29, 30। दिसम्बर-1, 2, 3, 4, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 27, 28, 29, 30, 31। उपरोक्त तारीखों के अलावा किसी भी दिन कोई भी नया कार्य, पैसे का लेन देन, शेयर, सट्टा, लाटरी अथवा कोई भी महत्वपूर्ण कार्य न करें

सवाईमाधोपुर* बस नदी में गिरी 24 यात्रियों की मौत*


**सवाईमाधोपुर* 
बस नदी में गिरी 24  यात्रियों की मौत*


*सवाईमाधोपुर* 

*यात्रीयो से भरी बस गिरी बनास नदी मे*

*लगभग दो दर्जन लोगो की हुई मौत*

*अब तक 15 लोगो को पहूचाया अस्पताल*

*सवाई माधोपुर से जा रही थी बस*

*प्रशासन पहूचा मौके पर*

*बस यात्रीयो से भरी थी ठसाठस*

*और विस्तृत जानकारी आना शेष

हिमाचल की छोटी एलोरा गुफा घूमकर जानें यहां के रहस्य, वीकेंड पर बना लें प्लान

हिमाचल की छोटी एलोरा गुफा घूमकर जानें यहां के रहस्य, वीकेंड पर बना लें प्लान

हिमाचल की छोटी एलोरा गुफा घूमकर जानें यहां के रहस्य, वीकेंड पर बना लें प्लान
इस मंदिर में पहाड़ को काटकर गर्भ गृह, मूर्तियां, सीढ़ियां और दरवाज़े बनाए गए हैं. मंदिर के बिल्कुल सामने ही स्थित मसरूर झील मंदिर की खूबसूरती में चार चांद लगाती है.
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में अजंता और एलोरा की गुफाएं हैं. यहां घूमने के लिए आपको ज्यादा वक्त और बजट की जरुरत होगी. चलिए, हम आपको ऐसी गुफा के बारे में बताते हैं, जो अंजता और एलोरा की गुफाओं की तरह खूबसूरत है, जिन्हें छोटी एलोरा की गुफाएं भी कहा जाता है. हिमाचल प्रदेश में स्थित है मसरूर मंदिर, यह स्थान एक ही चट्टान को काट कर बनाया गया मंदिरों का समूह है. यह हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा घाटी में एक चट्टान के टीले पर बना हुआ है. यहां के लोग इसे हिमालय का पिरामिड भी कहकर पुकारते हैं. मंदिर का पूरा परिसर एक विशालकाय चट्टान को काट कर बनाया गया है. आप यहां आएंगे तो आपको इसे देखकर ऐसा लगेगा जैसे आप 6-8वीं शताब्दी में आ गए हो. पहले यहां एक शिव मंदिर था लेकिन अब इस शिव मंदिर के स्थान पर यहां राम, लक्ष्मण व सीता की मूर्तियां स्थापित की गई हैं. इस मंदिर की वास्तुकला बहुत ही अद्भुत है, इसे देखते ही आप हैरान हो जाओगे. इसमें कहीं कोई जोड़ नहीं है, न ही सीमेंट का प्रयोग किया गया है.

इस मंदिर में पहाड़ को काटकर गर्भ गृह, मूर्तियां, सीढ़ियां और दरवाज़े बनाए गए हैं. मंदिर के बिल्कुल सामने ही स्थित मसरूर झील मंदिर की खूबसूरती में चार चांद लगाती है. झील में जब मंदिर की परछाई पड़ती है तो इसे देखना किसी जादू से कम नहीं होता है.

पचमठा मंदिर: यहां एक दिन में तीन रंगों में नजर आती है मां लक्ष्‍मी की मूर्ति

पचमठा मंदिर: यहां एक दिन में तीन रंगों में नजर आती है मां लक्ष्‍मी की मूर्ति

पचमठा मंदिर: यहां एक दिन में तीन रंगों में नजर आती है मां लक्ष्‍मी की मूर्ति
आज आपको बताते हैं मां लक्ष्‍मी के ऐसे मंदिर के बारे में जिसके बारे में प्रसिद्ध है कि ये दिन में तीन बार अपना रंग बदल लेती है।

रंग बदलती प्रतिमा का मंदिर




मध्‍यप्रदेश के जबलपुर में स्‍थित पचमठा मंदिर कई मायनों में अनोखा है। इस मंदिर में कई देवी देवताओं की प्रतिमा स्‍थापित है। यहां राधाकृष्‍ण का विशेष उत्‍सव भी होता है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है यहां स्थापित मां लक्ष्मी की प्राचीन प्रतिमा के बारे में एक विचित्र कथा प्रचलित हैं। इस मंदिर में आने वाले भक्‍तों और पुजारियों का कहना है कि यहां स्‍िथत प्रतिमा दिन में तीन बार रंग बदलती है। कुछ लोग केवल इसी का अनुभव करने के लिए ही पचमठा मंदिर आते हैं। दर्शनार्थियों के अनुसार प्रात: काल में प्रतिमा सफेद, दोपहर में पीली और शाम को नीली हो जाती है।मां लक्ष्मी का ये अद्भुत मंदिर गोंडवाना शासन में रानी दुर्गावती के विशेष सेवापति रहे दीवान अधार सिंह के नाम से बने अधारताल तालाब में करवाया गया था। इस मंदिर में अमावस की रात भक्तों का तांता लगता है। पचमठा मंदिर के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर एक जमाने में पूरे देश के तांत्रिकों के लिए साधना का विशेष केन्द्र हुआ करता था। कहा जाता है कि मंदिर के चारों तरफ श्रीयंत्र की विशेष रचना है।

1100 साल पहले बना था




मंदिर के पुजारियों का कहना है कि इसका निर्माण करीब 11 सौ साल पूर्व कराया गया था। मंदिर के अंदरूनी भाग में लगे श्रीयंत्र की अनूठी संरचना के बारे में भी हमेशा चर्चा की जाती है। साथ ही एक और खास बात इस मंदिर से जुड़ी है जिसके अनुसार आज भी सूर्य की पहली किरण मां लक्ष्मी की प्रतिमा के चरणों पर पड़ती है।









शुकवार का विशेष महत्‍व




मंदिर में हर शुक्रवार विशेष भीड़ रहती है। कहा जाता है कि सात शुकवार यहॉ पर आकर मां लक्ष्‍मी के दर्शन कर लिये जाएं तो हर मनोकामना पूरी हो जाती है। मंदिर के कपाट केवल रात को छोड़ कर हर समय खुले रहते हैं। सिर्फ दीपावली को ऐसा होता है जब पट रात में भी बंद नहीं होते।

कुछ ऐसे थे गणित सम्राट रामानुजन, विदेशी भी मानते हैं लोहा

कुछ ऐसे थे गणित सम्राट रामानुजन, विदेशी भी मानते हैं लोहा


नई दिल्ली   टीबी जैसी बीमारी का इलाज उन दिनों सही से नही हो पता था जिसके चलते रामानुजन का स्वास्थ्य दिन ब दिन गिरता जा रहा था।1919 में उन्हें भारत वापस लौटना पड़ा। अब रामानुजन वापस कुंभकोणम में थे। उनका अंतिम समय चारपाई पर ही बीता। इस दौरान भी वे पेट के बल लेटे-लेटे कागज पर तेजी से लिखते रहते थे। काफी उपचार के बावजूद उनके स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आती गई। 26 अप्रैल 1920 को महज 33 साल की उम्र में गणित की कुछ 600 परिणाम वाली नोटबुक के साथ रामानुजन ने सांसार में आखिरी सांस ली। जी हां इतनी कम उम्र में एक भारतीय मेधा ने दुनिया को अलविदा कह दिया। ये सच है कि आज वो हमारे बीच नहीं है लेकिन दुनिया के किसी भी कोने में जब गणितीय प्रमेयों का जिक्र होता है तो रामानुजन बरबस याद आते रहते हैं। रामानुजन तमिलनाडु के इरोड शहर के निवासी थे। अपनी प्रारंभिक शिक्षा के दौरान रामानुजन अपने मित्रों की गणित की उलझनों को चुटकी में समझा देते थे। सातवीं कक्षा में आते आते रामानुजन ग्रेजुएशन के छात्रो को गणित पढ़ाने लग गये थे। उनकी प्रतिभा से प्रभावित हो उनके विद्यालय के हेडमास्टर ने यह तक कह दिया की विद्यालय में होने वाली परीक्षाओं के पैमाने रामानुजन के लिए लागू नहीं होते थे।




1898 में रामानुजन ने जब हाईस्कूल में दाखिला लिया तब उन्हें गणितज्ञ जीएस कार की लिखी किताब ‘ए सिनोप्सिस आफ एलीमेंट्री रिजल्ट्स इन प्योर एंड एप्लाइड मैथमेटिक्स’ पढ़ने का मौका मिला, जिसमे पांच हजार फार्मूले दिए गये थे। रामानुजन को मिली ये किताब उनके लिए ऐसी थी जैसे हफ्तों से भूखें किसी इंसान को रोटी मिल गयी हो। उन्होंने जल्द से जल्द किताब में दिए हुए सारे फार्मूलों को हल कर दिया।रामानुजन की रुचि गणित में इतनी गहरी थी की वे रात-दिन सुबह शाम संख्याओं के गुणधर्मों के बारे में सोचते रहते थे। अपनी इस सोंच में आये नये सूत्रों को वो कागज में लिख लेते थे। उनका मानना था की गणित से ही ईश्वर का सही स्वरुप स्पष्ट हो सकता है। गणित में खोज करना उनके लिए ईश्वर की खोज करना है।




रामानुजन के दिमाग में गणित की ऐसी लत लग गयी थी की उनकी छात्रवृति बंद हो गयी जिसका कारण उनके बाकी विषयो में अच्छे अंक ना आना रहा।1905 में रामानुजन ने मद्रास विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए लेकिन गणित को छोड़कर बाकी विषयों में फेल हो गए।1906 और 1907 की प्रवेश परीक्षा का भी यही परिणाम रहा। लेकिन इसके बाद भी गणित के प्रति प्रेम में कमी नहीं आई।




1909 में रामानुजन की शादी हो गयी जिसकी वजह से घर चलाने का पूरा जिम्मा रामानुजन के ऊपर आ पड़ा और वे नौकरी ढूंढने लगे। इसी दौरान रामानुजन कई प्रभावशाली व्यक्तियों के सम्पर्क में आए।नेल्लोर के कलेक्टर और ‘इंडियन मैथमैटिकल सोसायटी’ के संस्थापकों में से एक रामचंद्र राव भी उनमें से एक थे। राव के साथ उन्होंने एक साल तक काम किया। इसके लिए उन्हें 25 रुपये महीना मिलता था। इस दौरान रामानुजन इयंगर ने ‘इंडियन मैथमैटिकल सोसायटी’ के जर्नल के लिए प्रश्न और उनके हल तैयार करने का काम किया। 1911 में बर्नोली संख्याओं पर प्रस्तुत शोधपत्र से उन्हें शोहरत मिली। 1912 में उन्हें मद्रास पोर्ट ट्रस्ट के लेखा विभाग में क्लर्क की नौकरी मिल गई।1913 में हार्डी के एक पत्र के आधार पर रामानुजन को मद्रास विश्वविद्यालय से छात्रवृत्ति मिलने लगी। अगले साल ही हार्डी ने रामानुजन के लिए कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज आने की व्यवस्था कर दी। रामानुजन ने गणित में जो कुछ भी किया था वह सब अपने बलबूते किया था। हार्डी ने रामानुजन को पढ़ाने का जिम्मा अपने सिर पर लिया। ये बात अलग थी कि बाद में हार्डी ने कहा कि उन्होंने रामानुजन को सिखाया, उससे कहीं ज्यादा रामानुजन ने उन्हें सिखाया। 1916 में रामानुजन ने कैम्ब्रिज से बीएससी की डिग्री ली। इसी दौरान रामानुजन और हार्डी का काम गणित की दुनिया की सुर्खियां बनने लगा था। रामानुजन के लेख मशहूर पत्रिकाओं में छपने लगे थे। 1918 में रामानुजन को कैम्ब्रिज फिलोसॉफिकल सोसायटी, रॉयल सोसायटी तथा ट्रिनिटी कॉलेज, तीनों का फेलो चुना गया।




ये हैं रामनुजन की कामायबी




लैंडा-रामानुजन स्थिरांक, रामानुजन्-सोल्डनर स्थिरांक, रामानुजन् थीटा फलन, रॉजर्स-रामानुजन् तत्समक, रामानुजन अभाज्य, कृत्रिम थीटा फलन, रामानुजन योग जैसी प्रमेय का प्रतिपादन रामानुजन ने किया। इंग्लैंड जाने से पहले भी 1903 से 1914 के बीच रामानुजन ने गणित के 3,542 प्रमेय लिख चुके थे। मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट आफ फंडामेंटल रिसर्च ने प्रकाशित किया।




इलिनॉय विश्वविद्यालय के गणितज्ञ प्रोफेसर ब्रूस सी ब्रेंड्ट ने 20 वर्षों तक शोध किया और अपने शोध पत्र को पांच खण्डों में प्रकाशित कराया। घर पर बीमार रहते हुए रामानुजन की लिखी गयी नोटबुक मद्रास विश्वविद्यालय में जमा हो गई थी। बाद में यह प्रोफेसर हार्डी के जरिए ट्रिनिटी कालेज के ग्रंथालय पहुंची। इस नोटबुक में रामानुजन ने जल्दी-जल्दी में लगभग 600 परिणाम प्रस्तुत किए थे लेकिन उनकी उपपत्ति नहीं दी थी।