बाड़मेर। इन्हे समस्याओ से कोई सरोकार नहीं ,ये सब तो फोटो खिंचवाने आते है
रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान / बाड़मेर
रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान / बाड़मेर
बाड़मेर। शहीदो के परिवारों पर सरकार लाख वादे कर दे लेकिन आज भी शहीद परिवार मूलभूत सविधाओ के लिए ठोकेरे खाने को मजबूर है। शहीद के लिए झूठे आंसू और हमदर्दी जताने वाले जनप्रतिनिधियो और प्रशासनिक अधिकारियों के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा शौर्य चक्र प्राप्त शहीद धर्माराम की विरांगना ने यह कह कर की ये सब फोटो खिंचवाने आते है बस कोई सुध नहीं पूछता है।
देश की सेवा में शहीद हुए ओर मरणोपरांत शौर्य चक्र से नवाजे गए सैनिक धर्माराम जाट की मूर्ति का अनावरण 21 दिसम्बर को उनके पैतृक गांव बाड़मेर जिले के धर्मासर किया गया। देश के सेनाध्यक्ष विपिन रावत सहित कई नेता शहीद धर्माराम की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में पहुंचे। इस कार्यक्रम के बाद शहीद धर्माराम की विरांगना टीमो देवी ने सरकार के बड़े - बड़े वादों को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा हमारे किसी भी तरह की मदद नही की जा रही है। सरकार को हमारे दुख दर्द से कोई लेना देना नही। मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में कई नेता और प्रशासनिक अधिकारी आये पर किसी ने भी उनसे उनकी समस्याओं के बारे में नहीं पूछा. सब आए और फोटो लेकर चले गए। उन सुविधाओं से महरूम रहना पड़ रहा है जो सुविधाएं एक शहीद के परिवार को दी जाती है. वीरांगना टीमूदेवी ने कहा कि दो साल बीत गए हैं। मेरी योग्यता होने के बावजूद नौकरी नहीं मिल पाई है। बच्चे छोटे हैं। इन्हें पढ़ाना है, लेकिन गांव शहर से दूर है। यहां सड़क भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार वादे करने की बजाय परिवार की मूलभूत सुविधाएं पूरा करें।
जम्मू कश्मीर में दहशतगर्दो से मुकाबले में शहीद हुए धर्माराम का परिवार मूलभूत जरूरतों के लिए जद्दोजहद कर रहा है, सड़क, पेयजल आपूर्ति, शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। शहीद धर्माराम के परिवार की मांग है कि उनके घर का बिजली बिल माफ किया जाए, शहीद स्मारक पर पेयजल व्यवस्था करें, 7 किमी तक डामर सड़क का निर्माण करवाया जाए, शहीद के बच्चों की शिक्षण व्यवस्था सैन्य स्कूल में हो और प्रशासन प्रतिवर्ष शहीद स्मारक पर मेले का आयोजन हो।
सड़क बने तो स्कुल जा सके
बच्चो को अच्छे स्कुल में पढ़ना चाहती हु लेकिन गांव में अच्छा स्कुल नहीं है जिसकी वजह से शिक्षा से वंचित है अगर तारातरा के धर्मसार गांव में सड़क मार्ग का निर्माण करवाया जाए तो बच्चे शहर की अच्छी स्कुल में पढ़ने जा सकते है।
मुख्यमंत्री नहीं आई बहुत दुःख हुआ मुझे
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शहीद धर्माराम जाट की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में आना तय था लेकिन किन्ही कारणों की वजह से वो इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाई। इस को लेकर पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे एक शहीद की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में नहीं आई जिसका मुझे बेहद दुःख हुआ। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे अगर कार्यक्रम पहुँचती तो उनसे हमारी समस्यो से जरूर अवगत करवाती वो भी एक महिला है तो शायद दर्द को समझ पाती लेकिन वो इस कार्यक्रम में नहीं आई जिसका बहुत दुःख हुआ मुझे। कहा कि सरकार शहीद परिवारों कि किसी तरह की मदद नहीं कर रही है
देश की सेवा में शहीद हुए ओर मरणोपरांत शौर्य चक्र से नवाजे गए सैनिक धर्माराम जाट की मूर्ति का अनावरण 21 दिसम्बर को उनके पैतृक गांव बाड़मेर जिले के धर्मासर किया गया। देश के सेनाध्यक्ष विपिन रावत सहित कई नेता शहीद धर्माराम की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में पहुंचे। इस कार्यक्रम के बाद शहीद धर्माराम की विरांगना टीमो देवी ने सरकार के बड़े - बड़े वादों को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा हमारे किसी भी तरह की मदद नही की जा रही है। सरकार को हमारे दुख दर्द से कोई लेना देना नही। मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में कई नेता और प्रशासनिक अधिकारी आये पर किसी ने भी उनसे उनकी समस्याओं के बारे में नहीं पूछा. सब आए और फोटो लेकर चले गए। उन सुविधाओं से महरूम रहना पड़ रहा है जो सुविधाएं एक शहीद के परिवार को दी जाती है. वीरांगना टीमूदेवी ने कहा कि दो साल बीत गए हैं। मेरी योग्यता होने के बावजूद नौकरी नहीं मिल पाई है। बच्चे छोटे हैं। इन्हें पढ़ाना है, लेकिन गांव शहर से दूर है। यहां सड़क भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार वादे करने की बजाय परिवार की मूलभूत सुविधाएं पूरा करें।
जम्मू कश्मीर में दहशतगर्दो से मुकाबले में शहीद हुए धर्माराम का परिवार मूलभूत जरूरतों के लिए जद्दोजहद कर रहा है, सड़क, पेयजल आपूर्ति, शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। शहीद धर्माराम के परिवार की मांग है कि उनके घर का बिजली बिल माफ किया जाए, शहीद स्मारक पर पेयजल व्यवस्था करें, 7 किमी तक डामर सड़क का निर्माण करवाया जाए, शहीद के बच्चों की शिक्षण व्यवस्था सैन्य स्कूल में हो और प्रशासन प्रतिवर्ष शहीद स्मारक पर मेले का आयोजन हो।
सड़क बने तो स्कुल जा सके
बच्चो को अच्छे स्कुल में पढ़ना चाहती हु लेकिन गांव में अच्छा स्कुल नहीं है जिसकी वजह से शिक्षा से वंचित है अगर तारातरा के धर्मसार गांव में सड़क मार्ग का निर्माण करवाया जाए तो बच्चे शहर की अच्छी स्कुल में पढ़ने जा सकते है।
मुख्यमंत्री नहीं आई बहुत दुःख हुआ मुझे
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शहीद धर्माराम जाट की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में आना तय था लेकिन किन्ही कारणों की वजह से वो इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाई। इस को लेकर पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे एक शहीद की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में नहीं आई जिसका मुझे बेहद दुःख हुआ। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे अगर कार्यक्रम पहुँचती तो उनसे हमारी समस्यो से जरूर अवगत करवाती वो भी एक महिला है तो शायद दर्द को समझ पाती लेकिन वो इस कार्यक्रम में नहीं आई जिसका बहुत दुःख हुआ मुझे। कहा कि सरकार शहीद परिवारों कि किसी तरह की मदद नहीं कर रही है
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