जैसलमेर डांस गुरु क्वीन हरीश। अदभुत बेमिसाल लोक नृतक सहित की सड़क हादसे में चार की मौत मौत
जैसाणे री बात ही अनोखी थी
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने हुनर का जल्वा बिखेरते हुवे लाखों प्रषंसकों के दिलों में राज करने वाले जैसलमेर के विख्यात अन्तर्राष्ट्रीय डांस गुरू क्वीन हरिष की आज अलसुबह एक सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई ,हरीश एक कार्यक्रम में भाग लेने अपनी टीम के साथ जा रहे थे,जोधपुर के बिलाड़ा के समीप ट्रैक के साथ इनकी गाड़ी इनोवा की भिड़ंत में हरीश सहित चार लोक कलाकारों की मौत हो गई ,हरिस की मौत की खबर से जेसलमेरवासी स्तब्ध हे ,हरीश ने लोक नृत्य , संस्कृति को देश विदेश में नए आयाम दिलाये ,
जैसलमेर में राजस्थानी लोक संगीत नृत्य का यह एक ऐसा कोरियोग्राफर लोक गुरू हैं जिसके अकेले जापान में 2000 से ज्यादा शार्गिद हैं और हर वर्ष इसमें लगातार वृद्धि हो रही है हरीश नाम का ये लोक गुरू मात्र 38 वर्ष का है जापानी युवक युवतियों में इस लोक गुरू से राजस्थानी लोक संगीत नृत्य सीखने में दीवानगी का ये आलम था कि हर वर्ष दर्जनों युवतियां राजस्थानी लोक संगीत व नृत्य सीखने जैसलमेर आती थी और तो और हरीश स्वयं साल में एक बार जापान के अलग अलग शहरों में जाकर राजस्थानी नृत्य सीखने की वहां कक्षाएं आयोजित कर इन जापानी को नृत्य का प्रशिक्षण देताथा ।
हरीष द्वारा अब तक विभिन्न कक्षाओं के करीब 5000 से ज्यादा कलाकारो को राजस्थानी लोक संगीत व भारतीय लोकनृत्य में प्रषिक्षित किया हैं। राजस्थानी नृत्य जिसमें घुटना, चकरी, भवाई, तराजू, तेरह ताली, घूमर, चरी, कालबेलिया प्रमुख हैं जिसमें हरीष विशेष रुप से पारंगत थे के इन नृत्यों का जादू वह करीब 60 देषों में फैला चुका हैं। इसके लिए इन्हें कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जा चुका हैं।
गौरतलब हैं कि हरीष एंड पार्टी द्वारा पेरिस में 1999 में आयोजित वल्र्ड फुटबाल कप, यू.एस.ए में सी.ए.टल चिल्डरन फेस्टीवल, बेल्जियम में कूल कैफे फेस्टीवल, षिकागो में वल्र्ड म्यूजिक फेस्टीवल, न्यूयार्क में सेंट्रल पार्क संमर स्टेज फेस्टीवल, स्कॉटलैंड में एडिनब्रा फेस्टीवल, लंदन में क्वीन एलिजाबेथ व हाल ही के डेजर्ट फेस्टीवल में अपनी कला का प्रदर्षन कर चुके हैं। इसके अलावा हरीष राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों में भी अभियान कर अपना लोहा मनवा चुके हैं।प्रकाश झा की फिल्मो में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हे,अभी जैसलमेर में ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण चला रहे थे जिसमे देश विदेश के कई छात्र छात्राए लोक नृत्य के गुर हरीश से सिख रहे थे