सोमवार, 31 दिसंबर 2018

जिन्ना हाउस विभाजन का षड़यंत्र स्थल अब लिखेगा नया इतिहास

जिन्ना हाउस
विभाजन का षड़यंत्र स्थल अब लिखेगा नया इतिहास

-मंगल प्रभात लोढ़ा



भारतीय संस्कृति और परंपरा में स्थान हमेशा से विशेष महत्वपूर्ण रहे है। जिस जगह भगवान राम का जन्म हुआ, जहां भगवान कृष्ण जन्मे और आधुनिक युग में जहां से महात्मा गांधी ने आंदोलन शुरू किए या जहां सरदार पटेल की राष्ट्र एकीकरण के लिए बैठकें हुई, वे सारी जगहें हमारे लिए स्मरणीय, पूजनीय और वंदनीय मानी जाती हैं। तो, अमृतसर के जलियांवाला बाग और मुंबई के जिन्ना हाउस जैसी जगहें देखकर हमारा खून खौल उठता है। दरअसल, जिन्ना हाउस वह स्थान है, जिसमें बैठकर मोहम्मद अली जिन्ना ने भारत के तीन चुकड़े करने का षड़यंत्र रचा एवं ब्रिटिश राज की शह पर विभाजन का प्रस्ताव तैयार किया एवं भारत को तोड़ने की अपनी योजना को कार्यरूप दिया। लेकिन अब जिन्ना हाउस का उपयोग नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस की तर्ज पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि मंडलों के साथ वार्ता हेतु होगा। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से यह विशेष खुशी का विषय है, क्योंकि जिन्ना हाउस के जनहित में उपयोग के लिए पिछले एक दशक में विधानसभा में भी कई बार मांग की एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व संबंधित मंत्रालयों से भी संपर्क साधता रहा। अंततः सरकार ने अब इस मामले में विशेष कदम उठाए हैं।
जिन्ना हाउस का इतिहास
जिन्ना हाउस अब, एक इवेक्यूई प्रॉपर्टी’ है जो इवेक्यूई प्रॉपर्टी एक्ट-1950 के तहत भारत सरकार की संपत्ति है। हालांकि जो लोग 1947 में बंटवारे या 1965 और 1971 की लड़ाई के बाद पाकिस्तान चले गए और वहां की नागरिकता ले ली थीउनकी सारी अचल संपत्ति 'शत्रु संपत्तिके तहत कस्टोडियन के नियंत्रण में आ गई थीं। लेकिन जिन्ना के लिखित निवेदन पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस बंगले को शत्रु संपत्ति घोषित नहीं किया।सन 1947 में पाकिस्तान का निर्माण होते ही जिन्ना वहां के गवर्नर जनरल बने और आजादी से एक सप्ताह पहले पहले 7 अगस्त 1947 को जिन्ना ने मुंबई स्थित अपना यह घर छोड़ दिया। पर, सन 1939 में उन्होंने यह बंगला अपनी बहन फातिमा जिन्ना के नाम किया था। बंटवारे के समय 1947 में फातिमा भी पाकिस्तान चली गई थीं। इसलिए जिन्ना हाउस भी शत्रु संपत्ति के कस्टोडियन के तहत आ गया। प्रधानमंत्री के नाते नेहरू ने 7 मार्च 1955 कोकैबिनेट बैठक में सुझाव दिया था कि जिन्ना हाउस को पाकिस्तान सरकार को दे दिया जाना चाहिए। लेकिन इस मुद्दे पर नेहरू को अपने मंत्रिमंडल की मंजूरी नहीं मिल पाई। सन 1956 में फिर एक कोशिश हुई और तत्कालीन विदेश मंत्री और भारतीय उच्चायोग ने जिन्ना हाउस को पाकिस्तान को सौंपने का सुझाव दियालेकिन वह भी आगे नहीं बढ़ पाया। सन 1982 तक ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा जिन्ना हाऊस का उपयोग किया जाता रहा। फिर केन्द्रीय सार्वजनिक कार्य विभाग (सीपीडब्ल्युडी) जिन्ना हाउस की देखभाल करता रहा। सन 1996 में जिन्ना हाऊस में सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना का निर्णय लिया गया। सो, 4 फरवरी 1997 को जिन्ना हाऊस इंडियन कौन्सिल फॉर कल्चरल रिलेशन्स को हस्तान्तरित किया गया एवं सार्क के उप प्रादेशिक केन्द्र के रूप में उसे रुपान्तरित करने का निर्णय लिया गया। अब जिन्ना हाउस में नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस की तर्ज पर इंटरनेशनल सेंटर की शुरूआत के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने विदेश मंत्रालय को इसका हस्तांतरण करने के लिए मंजूरी दी है।
जिन्ना की बेटी का दावा भी खारिज
आश्चर्य की बात है कि जिन्ना हाउस पर पाकिस्तान हमेशा से बेहद बेशर्मी के साथ अपना दावा जताता रहा है। हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जब मुझे पत्र लिखकर जिन्ना हाउस के हैदराबाद हाउस की तर्ज पर इंटरनेशनल सेंटर की शुरूआत की जानकारी दी, तो पाकिस्तान ने फिर इस पर अपना हक जताया। यही नहीं, जिन्ना की बेटी दीना वाडिया ने भी सन 2007 में बॉम्बे हाईकोर्ट में इस पर दावा जताया था। लेकिन विदेश मंत्रालय ने हाईकोर्ट में उनके दावे को खारिज कर दिया। इस बीच फैसला आने से पहले ही 98 वर्ष की उम्र में 2 नवंबर 2017 को दीना वाडिया की न्यूयॉर्क में मृत्यु हो गई। एक राष्ट्रप्रेमी परिवार में जन्म लेने के साथ बचपन से ही भारत विभाजन की टीस हमेशा से अपने भीतर महसूस करता रहा हूं। इसीलिए प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विधानसभा तक हर स्तर पर जिन्ना हाउस को भारत की जनता के लिए उपयोग में लाने के लिए प्रयास करता रहा।
साउथ कोर्ट से जिन्ना हाउस का सफर
दक्षिण मुंबई के मलबार हिल इलाके में भाऊसाहेब हीरे मार्ग पर स्थित जिन्ना हाउस का वास्तविक नाम साउथ कोर्ट हैं। इस सड़क का नाम तब माउंट प्लीजेंट रोड़ था। इंग्लैंड से लौटने के बाद सन 1936 में मोहम्मद अली जिन्ना ने अपने रहने के लिए घर हेतु यूरोपीय शैली का चयन किया और ब्रिटेन के आर्किटेक्ट क्लाउड बेटली से इसका डिजाइन तैयार करवाया। करीब 2.5 एकड़ जमीन पर बने जिन्ना हाउस के निर्माण पर उस जमाने में कुल 2 लाख रुपए की विशाल लागत आई थी। इसके निर्माण में इटेलियन  मारबल और दरवाजों के लिए अखरोट की लकड़ी का उपयोग किया गया। साउथ कोर्ट की नींव से लेकर फिनिशिंग तक का सारा काम जिन्ना ने अपनी देखरेख में करवाया। इसी दौरान मुस्लिम लीग का नियंत्रण अपने हाथ में आने के बाद जिन्ना ने ताकत का प्रयोग करके इसी जिन्ना हाउस में भारत का तीन टुकड़ों में बंटवारा करने का षड़यंत्र रचा। साउथ कोर्ट का ऐतिहासिक महत्व यह भी है कि सितंबर 1944 में भारत विभाजन के लिए महात्मा गांधी के साथ जिन्ना की वाटरशेड वार्ता और आजादी के ठीक एक साल पहले 15 अगस्त 1946 को जवाहरलाल नेहरू के साथ बंटवारे के एक और दौर की वार्ता सहित स्वाधीनता संग्राम के हमारे अन्य नेताओं के साथ जिन्ना की बैठकों का भी यह बंगला गवाह रहा है। मोहम्मद अली जिन्ना की बेटी दीना वाड़िया के मुताबिक उनके परिवार को इसका नाम साउथ कोर्ट ही पसंद था, लेकिन जिन्ना का घर होने के कारण ब्रिटिश लोग इसे जिन्ना हाउस कहते थे, सो यही नाम पड़ गया।
अब नई गाथा का गवाह बनेगा
भारत सरकार के ताजा फैसले से, देश के बंटवारे का दुर्भाग्यपूर्ण स्थल होने का दंश झेलता जिन्ना हाउस आनेवाले कुछ समय में भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की नई गाथा का गवाह बनेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की स्वीकृति के बाद अब यहां उच्चस्तरीय विदेशी प्रतिनिधिमंडलों और विशिष्ट मेहमानों के साथ द्विपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय वार्ताएं होंगी। जिन्ना हाउस के बारे में निश्चित रूप से सरकार का यह फैसला भारत विभाजन के षडयंत्र स्थल का कलंक को धोने में कामयाब होगा।
(लेखक महाराष्ट्र में बीजेपी के वरिष्ठ विधायक हैं)

*बाडमेर जिला कलेक्टर की पहली प्रभावी कार्यवाही,चिकित्सालय की अब व्यवस्था सुधरेगी*

*बाडमेर जिला कलेक्टर की पहली प्रभावी कार्यवाही,चिकित्सालय की अब व्यवस्था सुधरेगी*

*जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता का  बाडमेर के राजकीय चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण भले ही कोई खास खबर नही हो मगर उनके द्वारा जिस परिचारिका के खिलाफ सख्त कार्यवाही की वो खास है।।इस कार्यवाही से चिकित्सालय में माफिया बन बैठे वर्षों से जमे नर्सिंगकर्मियों में जरूर ख़ौफ़ पैदा होगा।।बाडमेर का दुर्भाग्य है कि चिकित्सालय में नियुक्त अधिकांस नर्सिंगकर्मी राजनीति प्रभाव से न केवल सालों से जमे है बल्कि चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को भी प्रभावित करते रहे है।इन लोगो पर प्रमुख चिकित्सा अधोकारी का भी अंकुश नही है।।राजनीतिक पहुंच रखने वाले नर्सिंग कर्मियों के ड्यूटी चार्ट देख ले तो सारी पोल खुल जाएगी।।रेंडमली डे नाईट की ड्यूटियां इन्ही को सुपुर्द की जाती है।।इनकी मनमर्जी से अस्पताल चलता है।।आज तक सेकड़ो निरीक्षण कलेक्टर,मंत्री,विधायक लेवल तक हुए मगर कोई प्रभावी तो दूर साधारण नोटिस की कार्यवाही नही हुई।।अस्पताल को भरस्टाचार का अड्डा बन रखा था।इन नर्सिंगकर्मियों की तगड़ी लॉबिंग है।।कलेक्टर साब के पास निलंबित परिचारिका के समर्थन में फोन आने शुरू हो गए होंगे।कलेक्टर की यह प्रभावी कार्यवाही है इसपे कायम रहेंगे तो अस्पताल की व्यवस्थाएं स्वतः सुधर जाएगी।।

अस्पताल में चिकित्सक अस्सी फीसदी दवाईयां बाहर की लिखते है।।चिकित्सक दो प्रकार की पर्चियां काम मे लेते है।एक पर निशुल्क दवा और दूसरी पर बाहर की दवा लिखते है।।अस्पताल में केयर्न द्वारा डॉ ,सहयोगी स्टाफ और सफाईकर्मी एक संस्था के माध्यम से लगा रखे है जिसमे भरस्टाचार चरम पर है।।संस्था द्वारा बीस फीसदी सफाईकर्म उपलब्ध नही करवा रखे।।साथ ही कई सफाईकर्मियों के फर्जी नाम चल रहे है।।अस्पताल प्रशासन की निविदाओं में अनियमितताएं है ।।प्रति वर्ष निविदाएं करवाने की बजाय प्रति वर्ष एक्सटेंड कर लेते है।।इसकी भी जांच होनी चाहिए।।जिला कलेक्टर द्वारा की गई कार्यवाही निसंदेह चिकित्सा प्रणाली मे सुधार का कार्य करेगी।।अस्पताल में उपजे नर्सिंग माफियो का राज खत्म कर उन्हें फील्ड पोस्ट दिला कर नए कार्मिक नियुक्त कर ले । अस्पताल चमन हो जाएगा।।

रविवार, 30 दिसंबर 2018

घनश्याम तिवाड़ी ने गहलोत के इन फैसलों का किया स्वागत

घनश्याम तिवाड़ी ने गहलोत के इन फैसलों का किया स्वागत

जयपुर. सांगानेर के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी ने रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की. तिवाड़ी ने उनके सिविल लाइन्स स्थित आवास पर करीब पौन घंटे मुलाकात की. इस मुलाकात के चलते कई सियासी मायनों से भी देखा जा रहा है.

सीएम से मुलाकात के बाद बाहर आए घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि गहलोत उनके पुराने मित्र हैं, उनके साथ व्यक्तिगत संबंध हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद वे उन्हें बधाई देने के लिए आए थे. उन्होंने किसी प्रकार की सियासी मुलाकात से इनकार किया है.


घनश्याम तिवाड़ी के साथ मुलाकात के बाद सीएम गहलोत ने भी अपने ट्विटर पर एक फोटो को शेयर किया है. फोटो में तिवाड़ी गहलोत को एक बुके भेंज कर रहे हैं. घनश्याम तिवाड़ी ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बतया है.


गहलोत के फैसलों का स्वागत

तिवाड़ी ने गहलोत केबिनेट के दो फैसलों का किया समर्थन पिछली सरकार में बंद किए गए हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय और अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय वापस शुरू करने के फैसले का किया स्वागत साथ ही पंचायत और निकाय चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता हटाने का भी किया समर्थन

कांग्रेस विधायक मेवाराम जैन को जान से मारने की धमकी...

कांग्रेस विधायक मेवाराम जैन को जान से मारने की धमकी...



बाड़मेर. प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विधायक मेवाराम जैन को जान से मारने की धमकी का ऑडियो सोशल मीडिया पर शनिवार को वायरल हुआ. उसके बाद मेवाराम जैन की ओर से बाड़मेर पुलिस अधीक्षक राहुल भारत को एक शिकायत दी गई, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में तत्काल आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए कई टीमें बना दी है.

गौरतलब है कि चुनाव के दौरान मेवाराम जैन पर हमला होने की भी खबर सामने आई थी. इस पूरे मामले को लेकर मेवाराम जैन का कहना है कि वह जल्दी अशोक गहलोत को पूरे मामले से अगले 2 दिनों में अवगत करवाएंगे.


विधायक मेवाराम जैन ने बाड़मेर एसपी के समक्ष परिवाद पेश किया है. इसमें बताया कि उनके सिक्योरिटी गार्ड कांस्टेबल को एक ऑडियो वाला मैसेज आया है, जिसमें एक शख्स अपना नाम की केसाराम बता रहा है. वह अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए मेवाराम जैन को अगले 10 महीनों में जान से मारने की धमकी दे रहा है. साथ में वह यह कह रहा है कि वह मेवाराम जैन बाड़मेर के विधायक कैसे बन सकते हैं. वह भी कर्नल सोनाराम चौधरी के सामने.


मेवाराम जैन का यह आरोप है कि पूरी गैंग है जो कि उनके पीछे चुनाव से पहले पड़ी हुई है. यह उसी गैंग की करतूत है जो कि उनको डरा धमका कर जान से मारने की धमकी दे रही है. उन्होंने इस बारे में पहले बीएसपी को शिकायत की थी और अब फिर से शिकायत की है. उन्होंने कहा कि उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा देना पुलिस प्रशासन का काम है.


वहीं मेवाराम जैन इस पूरे मामले को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने के लिए जयपुर रवाना हो गए हैं. अगले 1 या 2 दिनों में अशोक गहलोत से मिलकर इस पूरे मामले की जानकारी देंगे. घटना के बाद पुलिस ने तत्कालीन कार्रवाई करते हुए टीम गठित कर कई जगह पर आरोपी को पकड़ने का अभियान शुरू कर दी है. पुलिस का कहना है कि अगले कुछ घंटों में ही आरोपी को पकड़ लिया जएगा. घटना के बाद उनके समर्थकों में भारी रोष है. वही समर्थकों की मांग की सुरक्षा को और बढ़ाया जाएगा.

हरियाणवी डांसर अनामिका बावा ने किया सुसाइड अटेम्ट, पति पर लगाया गंभीर आरोप

हरियाणवी डांसर अनामिका बावा ने किया सुसाइड अटेम्ट, पति पर लगाया गंभीर आरोप
हरियाणवी डांसर अनामिका बावा ने किया सुसाइड अटेम्ट, पति पर लगाया गंभीर आरोप

हरियाणवी कलाकार अनामिका बावा उर्फ एनीबी ने शनिवार देर रात अपने घर में जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. एनीबी के परिजनों ने उसे सिविल अस्पताल में भर्ती करवा है, जहां उनकी हालत सामान्य बनी हुई है. बताया जा रहा है कि शनिवार को एनीबी के पति का जन्मदिन था. अनामिका के इस कदम की वजह पति का किसी और महिला के साथ प्रेम प्रसंग होना बताया जा रहा है. अनामिका बावा का कहना है कि करीब 5 साल पहले उनकी शेखर के साथ शादी हुई थी. अनामिका ने आरोप लगाया कि शेखर का दिल्ली की एक महिला से अवैध संबंध है.

अनामिका ने कहा कि उस महिला के कारण पति के साथ विवाद बढ़ गया है. जब-जब मैने अपना घर बचाने की कोशिश की उस महिला ने मेरे पति को मेरे खिलाफ भड़का कर दूर करने का काम किया. आरोप है कि महिला बार-बार फोन करके उसे परेशान करती है और धमकी देती है. करीब चार हजार गानों में काम कर चुकी अनामिका की शादी रोहतक निवासी शेखर खन्ना के साथ वर्ष 2013 में हुई थी. शेखर खन्ना वीडियो डायरेक्टर हैं. वीडियो डायरेक्टिंग के दौरान ही उनकी मुलाकात अनामिका से हुई थी. दोनों का एक पांच साल का बेटा भी है.

अनामिका ने बताया कि इस मामले की वजह  से उसके पति और उसके बीच रिश्ते खराब होने लगे थे और  शेखर रोहतक में रहने लगा था.  पिछले तीन दिनों से वह लापता है. एनी बी का आरोप है कि शनिवार को पूरे दिन महिला ने फोन करके मानसिक रूप से प्रताड़ना दी, जिसके कारण उन्होंने चूहे मारने की दवा निगल कर जान देने की कोशिश की है.

गोल्डन बाबा के शिष्य का आरोप, जूना अखाड़े के सचिव प्रेम गिरी ने मेरे साथ किया ‘गलत काम’

गोल्डन बाबा के शिष्य का आरोप, जूना अखाड़े के सचिव प्रेम गिरी ने मेरे साथ किया ‘गलत काम’
गोल्डन बाबा के शिष्य का आरोप, जूना अखाड़े के सचिव प्रेम गिरी ने मेरे साथ किया ‘गलत काम’

सन्तों के सबसे बड़े अखाड़े जूना अखाड़े से निष्कासित किए गए गोल्डन बाबा ने रविवार को अखाड़े के सचिव प्रेम गिरी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. अपने शिष्य राजराजेश्वर पूरी के साथ मीडिया के सामने आकर उन्होंने कहा कि अखाड़े के सचिव प्रेम गिरी ने उनके शिष्य के साथ उल्टी सीधी हरकत की है. उन्होंने कहा कि प्रेम गिरी पहले छोटे-छोटे बच्चों को अपना शिष्य बनाते है, फिर उनके साथ गलत हरकत करते हैं.

दिल्ली में बिट्टू लाइट वाले के नाम से मशहूर जिस गोल्डन बाबा को जूना अखाड़े ने संत के रूप में नई पहचान दी, अब वह अखाड़े से निकाले जाने के बाद अखाड़े के सन्तों पर कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं. गोल्डन बाबा ने जूना अखाड़े के सचिव प्रेम गिरी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शिष्य के साथ प्रेमगिरि गलत व्यवहार करते हैं, इस बात की जानकारी अखाड़े के कई दूसरे सन्तों को भी है लेकिन उसके खिलाफ अखाड़े में कोई नहीं बोलता. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके शिष्य को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था. वह किसी तरह जान बचाकर वहां से भागा है.

गोल्डन पूरी महाराज के शिष्य राजराजेश्वरपुरी ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा की प्रेम गिरी महाराज ने बीसियों बार मेरी साथ गलत काम किया है. मालिश कराने के बहाने हमारे साथ महाराज जी गन्दा काम करते थे. लेकिन मैने डर की वजह से किसी को ये बात नहीं बताई. मुझे मारने-पीटने, खाना न देने और गंगा जी मे फिकवाने की धमकी दी गयी थी. एक दिन सबसे बचते हुए किसी तरह मैं आश्रम से भाग गया. राजराजेश्वरपुरी ने बताया कि प्रेम गिरी ने चार साल पहले मेरे साथ गलत काम किया था.

भीलवाड़ा विवाहित पहले ससुराल फिर पीहर में दुष्कर्म का शिकार

भीलवाड़ा विवाहित पहले ससुराल फिर पीहर में दुष्कर्म का शिकार

ससुराल में हवस का शिकार बनी विवाहिता ने जब पीहर में सहारा देखा तो वहां भी दरिंदगी की शिकार हो गई।

भीलवाड़ा के सुभाषनगर थाने से मिली जानकारी के अनुसार पीडि़ता ने बताया कि तीन माह पूर्व मेरे जेठ ने मेरे साथ बदसलूकी की थी और इसको लेकर मैने उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। जिसको उठाने के लेकर मेरा जेठ जुल्फीकार और मेरे बहनोई रईश 22 नवम्बर को घर पर आये। इस दौरान मैं घर पर अकेली थी।

उन्होंने मुझे मुकद्दमा उठाने के लिए धमकाया लेकिन जब मैं नहीं मानी तो मेरे जेठ ने मेरे साथ हाथापाई करना शुरू कर दिया। बाद में मेरे जेठ ने फिर से मेरे साथ दुष्कर्म किया और बहनोई रईश ने इसका वीडियो बनाया। इसके बाद बहनोई रईश ने भी दुष्कर्म किया।

जाने से पहले उन्होंने मुझे धमकी दी कि यदि किसी को भी बताया तो तेरे बच्चों को जान से मार देंगे और वीडियो भी वायरल कर देंगे। मैने उनके खिलाफ 23 नवम्बर को ही मामला दर्ज करवा दिया था लेकिन आज भी आरोपी खुलेआम घूम रहे है।

अधिवक्ता असलम शेख ने कहा कि पीडि़ता के 164 के बयान हो गये लेकिन अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। इसके कारण मैंने पीडिता की अपील कॉर्ट में दर्ज करवायी है। वहीं सुभाष नगर थानाधिकारी ने कहा कि इस मामले की जांच पुलिसउपाधिक्षक सदर कर रहे हैं।

अलवर में फिर एक व्यक्ति हुआ भीड़ तंत्र का शिकार, गोतस्करी की आशंका में ग्रामीणों ने पीटा

अलवर में फिर एक व्यक्ति हुआ भीड़ तंत्र का शिकार, गोतस्करी की आशंका में ग्रामीणों ने पीटा

अलवर में फिर एक व्यक्ति हुआ भीड़ तंत्र का शिकार, गोतस्करी की आशंका में ग्रामीणों ने पीटा


अलवर मॉब लिचिंग के मामलों को लेकर देशभर में कुख्यात हो चुके अलवर में एक बार फिर एक व्यक्ति भीड़ का शिकार हो गया. गोतस्करी की आशंका में ग्रामीणों ने गायें ले जा रहे एक व्यक्ति को पकड़कर उसकी जबर्दस्त पिटाई कर डाली. बाद में उसे वहीं जंगल में पटक गए. पुलिस ने घायल को अलवर के राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसका इलाज चल रहा है.

जानकारी के अनुसार घटना अलवर जिले के किशनगढ़बास थाना इलाके के बघेरी खुर्द गांव के जंगलों में हुई. वहां शनिवार आधी रात को ग्रामीणों ने पिकअप में छह गायें लेकर जा रहे एक व्यक्ति को पकड़ लिया. ग्रामीणों ने उसकी वहीं पर जोरदार पिटाई कर दी. बाद में उसे वहीं पटककर चले गए. सूचना पर किशनगढ़बास पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल को स्थानीय अस्पताल पहुंचाया. वहां से उसे प्राथमिक उपचार के बाद अलवर के लिए रेफर कर दिया. बाद में उसे अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में भर्ती कराया गया है.पुलिस पूछताछ में घायल की पहचान सगीर खान पुत्र यूनुस निवासी मिर्जापुर (अवलर) के रूप में हुई है. पुलिस ने मौके पर मिली सगीर की पिकअप गाड़ी को जब्त कर लिया है. पिकअप में 6 गायें मिली हैं. पुलिस ने गायों को गोशाला भिजवा दिया है. घायल के परिजनों को सूचना दे दी गई है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.

बाड़मेर में दामाद ने साथियों के साथ मिलकर काटी सास की नाक, मौके से हुए फरार

बाड़मेर में दामाद ने साथियों के साथ मिलकर काटी सास की नाक, मौके से हुए फरार
बाड़मेर में दामाद ने साथियों के साथ मिलकर काटी सास की नाक, मौके से हुए फरार


बाड़मेर जिले में एक दामाद ने अपनी ही सास की नाक काट दी. दामाद ने तीन चार साथियों के साथ मिलकर अपनी सास की नाक काटी. सास को लहूलुहान हालत में बाड़मेर के जिला अस्पताल में रेफर किया गया है. आरोपी दामाद और उसके साथी मौके से फरार हो गए हैं. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.

पुलिस के अनुसार घटना बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना पुलिस थाना इलाके में हुई. पीड़ित महिला पुरोदेवी गेनाणियों का तला की रहने वाली है. उसकी बेटी की शादी बचपन में रावों की बेरी लूखू निवासी देरामाराम से शादी हुई थी. लेकिन कुछ समय बाद उसकी बेटी ने ससुराल जाना बंद कर दिया. पुरोदेवी ने अपनी बेटी की शादी दूसरी जगह कर दी. इससे दामाद देरामाराम खफा हो गया.देरामाराम शनिवार को अपने तीन चार साथियों के साथ ससुराल पहुंचा. वहां दामाद देरामाराम और उसके साथियों ने पुरोदेवी के घर पर ससुराल पक्ष के लोगों पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया. दामाद ने साथियों के साथ मिलकर पूरो देवी की नाक काट दी. पुलिस ने पीड़िता के बयानों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कर लिया है. घटना के बाद गांव में सनसनी फैल गई. पुलिस का कहना है कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा. सास की नाक काटने की घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है.

शनिवार, 29 दिसंबर 2018

*तो वसुंधराराजे लोकसभा चुनाव बाडमेर से लड़ेगी? *सलाहकारों से किया मशवरा,मानवेन्द्र सिंह के सामने उतरने की मंशा?*


*तो वसुंधराराजे लोकसभा चुनाव बाडमेर से लड़ेगी?
*सलाहकारों से किया मशवरा,मानवेन्द्र सिंह के सामने उतरने की मंशा?*

बाड़मेर लोक सभा सीट से मानवेन्द्रसिह को उम्मीदवार  बनाये जाने से भाजपा में बेचैनी साफ दिखाई दे रही हैं। दो दिन पहले इडिंगो फ्लाइट से अपने खास सलाहकारों को जयपुर बुलवाकर महारानी ने बाड़मेर से स्वयं के चुनाव लड़ने पर विचार विमर्श किया। स्वाभिमान  को किस प्रकार से हराया जा सकता है? इस पर चिन्तन मनन किया। क्योंकि  मानवेन्द्रसिह  का भय खाया जा रहा है। जो महारानी बात भी सुनना नहीं चाहते थी, अब उसके ये हाल है। 

महारानी बाड़मेर से चुनाव लड़े उस घड़ी का बेसबरी से इंतजार है। महारानी बाड़मेर से चुनाव लड़ने का मतलब जगजाहिर होगा कि वह जसवंतसिंह जी को और उनके परिवार को खत्म करना चाहती है। इस खुली चुनौती  का असर पूरे राजस्थान मे होगा और सभी सीटे भाजपा  हार जायेगी। राजस्थान  से सुपड़ा साफ। copy past

जनता चुनेगी सभापति अध्यक्ष,शैक्षणिक योग्यता समाप्त की निकाय और पंचायत चुनाव में

जनता चुनेगी सभापति अध्यक्ष,शैक्षणिक योग्यता समाप्त की निकाय और पंचायत चुनाव में 


जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की पहली मीटिंग आयोजित की गई. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. सबसे बड़ा फैसला गहलोत कैबिनेट में पंचायती और निकाय चुनाव में शैक्षणिक बाध्यता को खत्म कर किया गया है.

ये हैं महत्वपूर्ण फैसले
-फसली ऋण माफ करने के लिए अंतर विभागीय कमेटी का किया गठन.
-वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाई जिन्हें मिलते थे ₹500 प्रति माह हम मिलेंगे 750 प्रतिमाह जिन्हें मिलते थे 750 प्रतिमाह अब मिलेंगे ₹1000 प्रति माह
-सरकार के मंत्री करेंगे जनसुनवाई
सुबह 9 से 10 बजे तक करेंगे आमजन की जनसुनवाई
-सरकारी लेटर हेड से हटेंगे पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र, केवल अशोक स्तंभ रहेगा.
-नगर निगम मेयर, नगर परिषद सभापति और पालिका अध्यक्ष का अब होगा सीधा चुनाव
- पिछली गहलोत सरकार ने वापस लागू किया अपना फैसला


- व्सुन्धरा राजे सरकार के अंतिम 6 माह के कार्यकाल के निर्णयों की होगी समीक्षा, सरकार कमेटी बनाकर करेगी समीक्षा
- पंचायतीराज और निकाय चुनाव में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की शर्त की खत्म
- राजस्थान लॉ राजस्थान लोक सेवा प्रदान की गारंटी एक्ट होगा लागू, जवाबदेही व पारदर्शी सरकार के लिए एक्ट होगा लागू
- रिफाइनरी के काम में तेजी लाएगी
-बंद की गई हरिदेव जोशी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी को फिर से चालू किया जाएगा.
- मनरेगा के प्रभावी क्रियान्वयन की पहली प्राथमिकता, पिछले 5 सालों में रिफाइनरी को लेकर 5 सालों में शिथिलता बरती गई
- शिक्षण कर्मी सहित तमाम कर्मियों की समस्याओं का समिति करेगी समाधान, इसके लिए मुख्यमंत्री अधिकृत

IPS दिनेश एमएन ने जमकर किया डांस....सोहराबुद्दीन केस में बरी हुए पुलिस अधिकारियों की पार्टी में...Video

IPS दिनेश एमएन ने जमकर किया डांस....सोहराबुद्दीन केस में बरी हुए पुलिस अधिकारियों की पार्टी में...Video



उदयपुर. राजस्थान पुलिस में अपनी दबंग छवि के लिए पहचान रखने वाले आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन शुक्रवार शाम उदयपुर में फिल्मी गानों पर डांस करते नजर आए. मौका था पुलिस अधिकारियों की ओर से सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में बरी पुलिस अधिकारी के लिए सम्मान समारोह के आयोजन का.

इस समारोह में दिनेश एमएन ने जहां पुलिस अधिकारियों का हौसला बढ़ाया तो वही सिंघम और दबंग जैसे फिल्मी गीतों पर डांस भी किया. सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर केस में 13 साल बाद गत 21 दिसंबर को सभी आरोपियों के कोर्ट से बरी होने पर पुलिसकर्मियों ने शुक्रवार को शहर के रानी रोड स्थित इंद्रलोक गार्डन में जश्न मनाया.


कार्यक्रम में आईजी इंटेलिजेंस और जिले के पूर्व एसपी दिनेश एमएन भी पहुंचे. इंदर रेजीडेंसी में आयोजित  कार्यक्रम में जिले के पुलिस अधिकारियों सहित उनके परिवार के सदस्यों ने दिनेश एमएन सहित सीआई अब्दुल रहमान, एसआई हिमांशु, श्याम सिंह और एएसआई नारायण सिंह को बधाइयां दीं. इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें बच्चे-बड़े सब ने भाग लिया.


किसी ने गाने गाए तो किसी ने डांस किया. एसीबी एसपी तेजराज, एएसपी बृजेश सोनी, नारायण सिंह, पारस जैन, डीएसपी भगवत सिंह हिंगड़, सीआई चैना राम,  भवानी सिंह, रवींद्र चारण सहित बड़ी संख्या में जिले के पुलिसकर्मी उपस्थित थे. बता दें कि 21 दिसंबर को सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर केस मामले में सीबीआई कोर्ट, मुंबई ने उदयपुर के छह पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया था. इसी के साथ 22 आरोपी बरी हुए थे. केस में पुलिस अधिकारियों को साढ़े सात साल जेल में तक रहना पड़ा था. 

गहलोत केनिनेट की पहली बैठक में घोषणा पत्र बना सरकारी दस्तावेज,सौ दिन की।प्लानिंग तैयार*


गहलोत केनिनेट की पहली बैठक में घोषणा पत्र बना सरकारी दस्तावेज,सौ दिन की।प्लानिंग तैयार*

जयपुर। राजस्थान की सत्ता में आई कांग्रेस की गहलोत सरकार में आज कैबिनेट की पहली बैठक आयोजित की गई, जिसमें सरकार की जवाबदेही तय की गई। साथ ही यह भी तय किया गया कि जन घोषणा-पत्र के 418 बिंदुओं को अमल में लाया जाएगा। इसके लिए हर मंत्री से अपने विभाग की 100 दिन की प्लानिंग मांगी गई, जिसमें बताया गया कि हर विभाग 100 दिनों में क्या कर सकता है? इसको लेकर मंत्रियों ने पूरी प्लानिंग भी रखी। बैठक में सभी मंत्रियों के साथ ही सीएम सलाहकार गोविंद शर्मा, रजिस्ट्रार नीरज के पवन, प्रमुख सचिव अभय कुमार समेत कई प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। 

गहलोत कैबिनेट की पहली बैठक के लिए सभी मंत्रियों ने कल रात ही अपनी अपनी तैयारी पूरी की। बैठक के लिए डॉ. रघु शर्मा ने अफसरों के साथ लंबी चर्चा की, वहीं परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने ट्रांसपोर्ट को बारीकी से समझा। इसी तरह शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने भी कल रात 2 बजे तक मंथन किया। ऐसे में पहली कैबिनेट बैठक में सभी मंत्री अपने नवाचारों के साथ तैयार नजर आए।

तय हुई सरकार की जवाबदेही :
बैठक में तय किया गया कि जन घोषणा-पत्र सरकारी दस्तावेज बनेगा और किसान ऋण माफी के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इसे लेकर एक प्रजेंटेशन भी देखा गया, वहीं कर्ज माफी सहित करीब 418 घोषणाओं पर चर्चा भी की गई। मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में जन घोषणा-पत्र के 418 बिंदुओं को अमल में लाया जाना तय किया गया और इसके लिए सरकार की जवाबदेही तय की गई, जिसका सभी मंत्रियों ने एक ध्वनि से समर्थन किया। इसके साथ ही जन घोषणा पत्र के वादों को समयबद्ध कार्यक्रम के तहत पूरा करने के निर्देश दिए गए और मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को जन घोषणा पत्र सौंपा गया।

जन घोषणा-पत्र बना सरकारी दस्तावेज :

बैठक के बाद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि पिछली सरकार के 6 माह के फैसलों की समीक्षा होगी, लेकिन यह कैबिनेट के एजेंडे में शामिल नहीं है। परिवहन मंत्री खाचरियावास ने कहा कि बैठक में जन घोषणा-पत्र को मंजूर किया गया है और इसे अब सरकारी दस्तावेज बनाया गया है। हमारा पहला वादा किसानों की कर्जमाफी का था, जिसे पूरा कर दिया गया है। हमने नारा दिया था 'बदलेगा राजस्थान' और घोषणा-पत्र के आधार पर राजस्थान जल्द ही बदला हुआ दिखाई देगा।

नहीं रहे IPS मधुकर शेट्टी

नहीं रहे IPS मधुकर शेट्टी


काम को लेकर शेट्टी और आईएएस अधिकारी हर्ष गुप्ता की जोड़ी बहुत चर्चित थी. कर्नाटक के एक गांव को ग्रामीणों ने दोनों अधिकारियों के नाम पर 'गुप्ता-शेट्टी हल्ली' नाम दिया




शरत शर्मा कलागारुजांबाज आईपीएस अधिकारी मधुकर आर शेट्टी अब इस दुनिया में नहीं रहे. पुलिस विभाग के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक उन्होंने शुक्रवार रात करीब 9:30 बजे हैदराबाद के कॉन्टिनेंटल अस्पताल में अंतिम सांस ली. कर्नाटक काडर के 1999 बैच का आईपीएस अधिकारी मधुकर शेट्टी को उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के लिए जाना जाता है. वह दो साल से केंद्र के डेप्युटेशन पर हैदराबाद में पोस्टेड थे.शेट्टी की निधन की खबर से कर्नाटक और हैदराबाद दोनों ही राज्यों के पुलिस महकमे में शोक की लहर है. इलाज के दौरान हेल्थ अपडेट्स को तेलंगाना के मुख्य सचिव शैलेंद्र कुमार जोशी और डायरेक्टर जनरल और इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस महेंदर रेड्डी व्यक्तिगत तौर पर मॉनिटर कर रहे थे. वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के आदेश पर राज्य के एडीजी, क्राइम प्रताप रेड्डी बुधवार से हैदराबाद स्थित अस्पताल में ही थे.


शेट्टी के निधन की खबर की पुष्टि करते हुए एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने न्यूज 18 से कहा, “यह दुखद है. अस्पताल अधिकारियों से उनके निधन की सूचना मिली. मैंने जितने भी अधिकारियों के साथ काम किया वह उनमें सबसे बेहतरीन थे.”मधुकर शेट्टी को पिछले सप्ताह अस्पताल में भर्ती किया गया था. बुधवार को एडीजीपी रैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज 18 से कहा, “मधुकर शेट्टी देश के बेहतरीन अधिकारियों में से एक हैं. हर किसी को पता है कि लोकायुक्त में एसपी रहते हुए उन्होंने कर्नाटक में भ्रष्टाचार के खिलाफ कैसी जंग छेड़ी थी.”मधुकर शेट्टी के इलाज में की विशेषज्ञ जुटे हुए थे और तेलंगाना सरकार ने उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की.

लोकायुक्त में एसपी रहते हुए उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों यहां तक कि सत्ता में बैठे बड़े नेताओं के खिलाफ भी ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी. बाद में जब उन्हें लगा कि लोकायुक्त के चीफ जस्टिस संतोष हेगड़े भेदभावपूर्ण तरीके से फैसले ले रहे हैं तो उन्होंने पढ़ाई के लिए 5 साल की लंबी छुट्टी ले ली.कर्नाटक में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में संतोष हेगड़े का भी बड़ा नाम है. यूएस में पढ़ाई के दौरान शेट्टी ने हेगड़े की खुले तौर पर आलोचना की. शेट्टी का आरोप था कि हेगड़े के विचारों में पारदर्शिता नहीं थी. उन्होंने दिसंबर, 2016 में दोबारा जॉइन किया.कुछ दिन तक वह अपने होम स्टेट में पुलिस भर्ती और ट्रेनिंग के डायरेक्टर के तौर पर पदस्थ रहे. लेकिन 1 जनवरी, 2017 को उन्हें केंद्र ने डेपुटेशन पर बुला लिया. उन्हें हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी में डिप्टी डायरेक्टर के तौर पर पदस्थ किया गया. तब से वह हैदराबाद में काम कर रहे थे.

वह कर्नाटक के चिकमगलुरु जिले के एसपी रह चुके हैं. इस दौरान आईएएस हर्ष गुप्ता इस जिले के डिप्टी कमिश्नर थे. इन दोनों की जोड़ी इनके बेहतरीन काम की वजह से काफी चर्चा में आई थी. दोनों ने मिलकर चिकमगलुरु में कई अवैध कब्जे हटवाए और गरीबों को न्याय दिलवाया. यहां के एक गांव को ग्रामीणों ने गुप्ता-शेट्टी हल्ली नाम दिया है. कन्नड़ में हल्ली का मतलब गांव होता है.शेट्टी मूलरूप से कर्नाटक के उडुपी जिले के रहने वाले थे. उन्होंने दिल्ली की जेएनयू से पढ़ाई की थी और उनके पिता वड्डरसे रघु राम शेट्टी जाने माने पत्रकार थे.

अंबाला में बड़ा सड़क हादसा, दो गाड़ियों की टक्कर में 7 लोगों की मौत

अंबाला में बड़ा सड़क हादसा, दो गाड़ियों की टक्कर में 7 लोगों की मौत


अंबाला: हरियाणा के अंबाला में शनिवार सुबह भीषण सड़क हादसा हो गया. जहां दो गाड़ियों की टक्कर में 7 लोगों की खबर है.

मामला अंबाला के बलदेव नगर इलाके का है, जहां घने कोहरे के चलते एक अज्ञात वाहन ने दो गाड़ियों को टक्कर मार दी. 

इस हादसे मौके पर तीन बच्चों सहित सात लोगों की मौत हो गई. गंभीर हालत में दो महिलाओं को चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है जबकि तीन का छावनी नागरिक अस्पताल में उपचार चल रहा है.

बताया जा रहा है कि हाइवे पर खड़ी दो गाड़ियों में सवार थे ये सभी लोग, जो कि चंडीगढ़ से वृंदावन जा रहे थे. लेकिन घने कोहरे के कारण सुबह करीब चार बजे कोई अज्ञात वाहन इन दोनों गाड़ियों को टक्कर मार कर फरार हो गया.

सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने कार सवार कुछ लोगों को अंबाला शहर जिला नागरिक अस्पताल में पहुंचाया. जहां सात को मृत घोषित कर दिया. जबकि चार महिलाओं को छावनी अस्पताल में लाया गया था.