गहलोत केनिनेट की पहली बैठक में घोषणा पत्र बना सरकारी दस्तावेज,सौ दिन की।प्लानिंग तैयार*
जयपुर। राजस्थान की सत्ता में आई कांग्रेस की गहलोत सरकार में आज कैबिनेट की पहली बैठक आयोजित की गई, जिसमें सरकार की जवाबदेही तय की गई। साथ ही यह भी तय किया गया कि जन घोषणा-पत्र के 418 बिंदुओं को अमल में लाया जाएगा। इसके लिए हर मंत्री से अपने विभाग की 100 दिन की प्लानिंग मांगी गई, जिसमें बताया गया कि हर विभाग 100 दिनों में क्या कर सकता है? इसको लेकर मंत्रियों ने पूरी प्लानिंग भी रखी। बैठक में सभी मंत्रियों के साथ ही सीएम सलाहकार गोविंद शर्मा, रजिस्ट्रार नीरज के पवन, प्रमुख सचिव अभय कुमार समेत कई प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
गहलोत कैबिनेट की पहली बैठक के लिए सभी मंत्रियों ने कल रात ही अपनी अपनी तैयारी पूरी की। बैठक के लिए डॉ. रघु शर्मा ने अफसरों के साथ लंबी चर्चा की, वहीं परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने ट्रांसपोर्ट को बारीकी से समझा। इसी तरह शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने भी कल रात 2 बजे तक मंथन किया। ऐसे में पहली कैबिनेट बैठक में सभी मंत्री अपने नवाचारों के साथ तैयार नजर आए।
तय हुई सरकार की जवाबदेही :
बैठक में तय किया गया कि जन घोषणा-पत्र सरकारी दस्तावेज बनेगा और किसान ऋण माफी के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इसे लेकर एक प्रजेंटेशन भी देखा गया, वहीं कर्ज माफी सहित करीब 418 घोषणाओं पर चर्चा भी की गई। मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में जन घोषणा-पत्र के 418 बिंदुओं को अमल में लाया जाना तय किया गया और इसके लिए सरकार की जवाबदेही तय की गई, जिसका सभी मंत्रियों ने एक ध्वनि से समर्थन किया। इसके साथ ही जन घोषणा पत्र के वादों को समयबद्ध कार्यक्रम के तहत पूरा करने के निर्देश दिए गए और मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को जन घोषणा पत्र सौंपा गया।
जन घोषणा-पत्र बना सरकारी दस्तावेज :
बैठक के बाद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि पिछली सरकार के 6 माह के फैसलों की समीक्षा होगी, लेकिन यह कैबिनेट के एजेंडे में शामिल नहीं है। परिवहन मंत्री खाचरियावास ने कहा कि बैठक में जन घोषणा-पत्र को मंजूर किया गया है और इसे अब सरकारी दस्तावेज बनाया गया है। हमारा पहला वादा किसानों की कर्जमाफी का था, जिसे पूरा कर दिया गया है। हमने नारा दिया था 'बदलेगा राजस्थान' और घोषणा-पत्र के आधार पर राजस्थान जल्द ही बदला हुआ दिखाई देगा।
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