रविवार, 4 नवंबर 2018

🅱पुलिस जाब्ते के अलावा चुनावों में तैनात होगी सशस्त्र बलों की 650 कंपनियां तैनात*

*🅱पुलिस जाब्ते के अलावा चुनावों में तैनात होगी सशस्त्र बलों की 650 कंपनियां तैनात*

*🅱जयपुर:* प्रदेश में शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष मतदान कराने के लिए भारी सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे। पुलिस के 80 हजार जाब्ते के अलावा सशस्त्र बलों की 650 कंपनियां तैनात की जाएगी। इलेक्शन कमीशन आॅफ इंडिया के निर्देश पर गृहमंत्रालय ने इन कंपनियों की तैनातगी के आदेश जारी कर दिए हैं। इनमें अर्द्ध सैनिक बलों की 475 कंपनियां तथा 20 राज्यों से सशस्त्र बलों की 175 कंपनियां बुलाई गई है।

राजस्थान में 7 दिसम्बर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट पड़ेंगे, वहीं 11 दिसम्बर को मतगणना होगी। प्रदेश में चुनाव शांतिपूर्ण हो इसके लिए पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त किए जा रहे हैं। चुनाव आयोग खुद विधानसभा चुनावों पर सुरक्षाबंदोस्त पर निगरानी रख रहा है। इधर गृहमंत्रालय ने पहले विधानसभा चुनावों के लिए केंद्रीय पैरा मिलिट्री फोर्स की 30 तथा राज्य शस्त्र बलों की 20 कंपनियों मंजूरी दी थी।

इसके बाद राजस्थान पुलिस व चुनाव विभाग के आग्रह पर चुनाव आयोग ने समीक्षा के दौरान सशस्त्र बलों की 600 अतिरिक्त कंपनियों की जरूरत बताई। इसके बाद आयोग ने गृहमंत्रालय को इन कंपनियों की व्यवस्था करने के लिए लिखा। इसके बाद मंत्रालय से इन कंपनियों की तैनातगी की मंजूरी मिली।ऐसे में अब राज्य में चुनावों के दौरान सशस्त्र बलों की 650 कपंनियां तैनात रहेंगी।

पैरा मिलिट्री फोर्स और राज्य सशस्त्र बलों की ज्यादातर कंपनियां एक दिसंबर को आकर मोर्चा संभाल लेंगी। इनमें कुछ कंपनियां मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव कराकर आएंगी, वहीं करीब दस कंपनियां सीधे ही राजस्थान आएंगी। इनमें 675 कंपनियां 7 दिसंबर को मतदान के बाद रवाना हो जाएंगी। वहीं पैरा मिलिट्री फोर्स की 25 कपंनियां सात दिसम्बर को मतदान के बाद 11 दिसम्बर को मतगणना पूरी होने के बाद रवाना होंगी। इनको ईवीएम की सुरक्षा के लिए भी तैनात किया जाएगा।

गृहमंत्रालय ने पैरा मिलिट्री फोर्स और राज्य सशस्त्र बलों की 650 कंपनियों के नियोजन के लिए बीएसएफ आईजी अनिल पालीवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। इनकी तैनातगी को लेकर राज्य पुलिस या चुनाव आयोग इनसे समन्वय स्थापित करेगें। वहीं पैरा मिलिट्री फोर्स और राज्य सशस्त्र बलों के मुखियों से भी समन्वय किया जा सकेगा।

*🅱इन 50 कंपनियां पहले हो चुकी मंजूर :*
सीआरपीएफ  — 10 कंपनी
सीआईएसएफ — 10 कंपनी
एसएसबी — 5 कंपनी
आरपीएफ — 5 कंपनी
राज्य सशस्त्र बल की 20 कंपनी

*🅱पैरामिलिट्री फोर्स — कहां से कितनी कंपनियां :*
पैरामिलिट्री फोर्स की 475 कंपनियां
सीआरपीएफ  — 134 कंपनी
बीएसएफ — 110 कंपनी
सीआईएसएफ — 103 कंपनी
आईटीबीपी — 42 कपंनी
एसएसबी — 41 कंपनी
आरपीएफ— 45 कंपनी

*🅱स्टेट आर्म्ड फोर्स की 125 कंपनी किस राज्य से कितनी :*
बिहार — 15 
अरुणाचल प्रदेश  — 3
छत्तीसगढ़ — 10
चंडीगढ़  — 3
गोवा — 2
गुजरात — 3
हरियाणा — 5
हिमाचल प्रदेश — 3
झारखंड — 15
मध्यप्रदेश — 10
मणिपुर — 5
मेघालय — 3
नागालैंड — 8
ओडिशा — 5
पंजाब  — 10
सिक्किम  — 5
तमिलनाडू — 5
त्रिपुरा — 8
उत्तरप्रदेश — 4
उत्तराखंड — 3

*🅱इन 25 कंपनियों का जिम्मा मतगणना तक :*
सीआरपीएफ  —  5 कंपनी
बीएसएफ — 5 कंपनी
सीआईएसएफ — 5 कंपनी
आईटीबीपी —5 कपंनी
एसएसबी —5 कंपनी
ईवीएम सुरक्षा, काउंटिंग ड्यूटी व अन्य कार्य में तैनात रहेंगी 

*🅱625 कंपनियां मतदान कराकर रवाना होंगी :*
सीआरपीएफ  — 139 कंपनी
बीएसएफ — 105 कंपनी
सीआईएसएफ — 108 कंपनी
आईटीबीपी — 42 कपंनी
एसएसबी — 41 कंपनी
आरपीएस — 45 कंपनी

*जैसलमेर युवराज चैतन्यराज सिंह ने कालेडूंगर राय मंदिर दर्शन कर किया जनसम्पर्क।* काणोद, श्री मोहनगढ़, पारेवर, भोजराज की ढाणी, तनोट का किया दौरा।

*जैसलमेर युवराज चैतन्यराज सिंह ने कालेडूंगर राय मंदिर दर्शन कर किया जनसम्पर्क।*

काणोद, श्री मोहनगढ़, पारेवर, भोजराज की ढाणी, तनोट का किया दौरा।

युवराज चैतन्यराज सिंह ने कालेडूंगर राय मंदिर दर्शन कर जिले में खुशहाली की कामना की। काणोद गांव में युवराज चैतन्यराज सिंह का शानदार स्वागत किया गया। गांव के मौजिज लोगो ने एक मत हो कर राजपरिवार का समर्थन देने का भरोसा दिलाया। मौजिज लोगों में हुकम सिंह, कोजराज सिंह, जोग सिंह, गोरधन सिंह, मंजूर खान, रसूल खान, गोरधन राम, बबलू सैन मौजूद रहे। मोहनगढ़ गांव में पनोधर राय मंदिर दर्शन के बाद गांव के मौजिज लोगो से मिले और राजपरिवार के समर्थन की अपील की।  मौजिज लोगो में धुड़ सिंह, मुल्तान सिंह, राणीदान सिंह, लक्ष्मण दास, मनोहर सिंह, रिछपाल सिंह, हासम खान, गोपाल जोशी और भी अन्य श्रीमोहनगढ़ ग्राम वासी उपस्थित रहे। पारेवर गांव में सभी ग्राम वासिंयो ने एक मत हो कर राजपरिवार को पूर्ण समर्थन देने का निर्णय लिया। पारेवर के मौजिज लोगों केशर सिंह, हजारी सिंह, कल्याण सिंह, प्रेमसिंह, अभुराम, प्रागाराम सैन, राणाराम अन्य ग्राम वासी उपस्थित रहे। भोजराज की ढाणी में युवराज चैतन्यराज सिंह जी का भव्य स्वागत किया गया। भोजराज जी ढाणी के समस्त ग्राम वासिंयो ने राजपरिवार के समर्थन का निर्णय लेकर पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया। मौजिज लोगो में राणसिंह, साहेब सिंह, नेण सिंह, चतुर सिंह, सावळ सिंह, भूपेंद्र सिंह, मनोहर सिंह और भी कई मौजिज ग्राम वासी उपस्थित थे। युवराज चैतन्यराज सिंह ने तनोट पहुँच कर माँ तनोट राय की पूजा अर्चना की। जैसलमेर युवराज ने हर जगह एक एक पौधा लगाकर पर्यावरण का संदेश दिया।

*चूरू ट्रक में भरे 1373 कार्टन अवैध बीयर जब्त*

 *चूरू ट्रक में भरे 1373 कार्टन अवैध बीयर जब्त*


जिला पुलिस अधीक्षक श्री राममूर्ति जोषी के निर्देषन में हो रही लगातार अवैध शराब के विरूद्ध कार्रवाई के दौरान आज दिनांक 04.11.2018 के वक्त 08.36 एएम पर श्री राकेश सांखला उपनिरीक्षक थानाधिकारी पुलिस थाना रतननगर, श्री राधाकृष्ण हैड कानि, श्री मुकेश कुमार कानि, श्री मुकेश कुमार कानि, श्री नवीन कुमार कानि, श्री धर्मेन्द्र कुमार कानि, श्री सुरेन्द्रसिह कानि ने मुखबीर की ईतला पर मौजा बालरासर आथूणा से 10 चक्का ट्रक नम्बर त्श्र31 ळ। 3954 को जब्त कर ट्रक से ब्ंतसेइमतह मसमचींदज ेजवदह ठममत के 98 कार्टन, ज्नइवतह बसंेेपब ठममत के 95 कार्टन, ज्नइवतह ेजतवदह इममत के 1180 कार्टन जब्त किये। इस प्रकार कुल 1373 कार्टन  बीयर राजस्थान निर्मित जब्त कर पुलिस थाना रतननगर में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया। जब्तशुदा शराब की अनुमानित कीमत करीब 15 लाख रूपये है।

आलेख - 5 नवम्बर 2018, धनतेरस के लिए सबसे बड़ा धन है उत्तम सेहत

आलेख - 5 नवम्बर 2018, धनतेरस के लिए

सबसे बड़ा धन है उत्तम सेहत
- डॉ. दीपक आचार्य
9413306077



आजकल इंसान की सर्वाधिक दौड़ धन की ओर धन संग्रह में लगी हुई। इसमें दो किस्मों के लोग हैं। एक वे हैं जो धर्म एवं नीति संगत कार्यों और स्वयं के पुरुषार्थ से धन संग्रह करते हुए पूरी मस्ती के साथ जीवन जीते हैं। दूसरे प्रकार में वे लोग हैं जिन्हें पुरुषार्थ से कहीं अधिक भरोसा अपनी कुटिल बुद्धि और चातुर्य पर है तथा शुचिताहीन धंधों और बिना मेहनत-मजदूरी किए सब कुछ अपने अधिकार में कर लेने की मनोवृत्ति हावी है।
इन लोगों के लिए धनसंचय के लिए किसी भी प्रकार के अधर्म, अनीति और अन्याय को स्वीकार कर इनके उपयोग मेंं कहीं कोई लाज-शरम नहीं आती। इनका मकसद सिर्फ और सिर्फ यही है कि चाहे जिस तरह भी हो सके जमीन-जायदाद और सभी प्रकार के संसाधन अपनी हद में होने चाहिएं। ऎसे लोग जिन्दगी भर पराये लोगों की जमीन, जायदाद और अधिकारों को हड़पने में लगे रहते हैं।
इन लोगों के जीवन का मकसद हराम की कमाई करना ही होता है चाहे इसके लिए औरों को कितना ही कष्ट क्यों न दिया जाए।  इनके जीवन में पुरुषार्थ नाम का कोई तत्व शेष नहीं रहता। ये मानते हैं कि जो कुछ इस संसार में है वह पूरा इनका है और जब जाएंगे तब सारा कुछ साथ ले जाएंगे। नहीं ले जा पाएं तो कम से कम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए इतना कुछ कर जाएंगे कि वे भी याद रखेंगी।
इन लोगों को यह भ्रम सदैव बना रहता है कि दुनिया में उन्हीं की पूछ होती है जिनके पास बेहिसाब धन-दौलत होती है। अपने आपको ऎसे लोग कितने ही धनवान क्यों न मानें मगर हकीकत यह है कि ये लोग अपार धन-दौलत, भोग-विलासिता के तमाम ऎश्वर्यों, संसाधनों के होते हुए भी कई मामलों में भिखारियों से भी गए गुजरे होते हैं।
इनके पास कहने को धन के नाम पर रुपया-पैसा, चाँदी-सोना और वैभव जरूर होता है लेकिन ये दूसरे सारे पहलुओं में दरिद्री और घटिया किस्म के निर्धन हुआ करते हैं। ऎसे धनी और हरामखोर लोग अपने पास कितना ही संचय क्यों न कर लें मगर प्रसन्नता, मानसिक एवं शारीरिक आरोग्य, सुकूनदायी जिन्दगी से लेकर सभी दृष्टियों से निर्धन होते हैं। इनका पूरा जीवन गोलियों, इंजेक्शनों पर गुजरता है। कई लोग तो रोजाना गोलियाेंं का नाश्ता ही करते हुए लगते हैं। खूब सारे लोग ऎसे हैं जो हमेशा जात-जात की दवाइयां हमेशा अपने साथ रखने को विवश हो गए हैं।
अपार संपदा प्राप्त होने के बाद भी व्यक्ति का चित्त प्रसन्न न हो, लाख कोशिशों के बाद भी चेहरे पर उन्मुक्त खुशी के भाव न आ पाएं, बीमारियां घेर लें, आम आदमी के लायक खाना-पीना भी न कर सकें, मस्ती से सो नहीं पाएं, औरों को दुःखी करते रहें तथा उन सभी प्रकार के आनंद से दूर हो जाएं, जो एक आम आदमी मौज-मस्ती के साथ बिना परिश्रम के पा लेता है, ऎसी स्थिति में इन धनाढ्यों और अपार वैभवशाली लोगों की जिन्दगी भिखारियों से कहाँ अच्छी होती है?  आज कितने लोग ऎसे रह गए हैं जिनके चेहरे पर सहज स्वाभाविक रूप से मुस्कान तैरती रहती है।
जीवन में धन और आरोग्य का सीधा संबंध है जो मनुष्य के समझदार होने से लेकर मरने के बाद तक गूंजता रहता है। जहाँ धन में शुचिता होगी वहाँ आरोग्य अपने आप आ ही जाएगा। और जहाँ धन में पुरुषार्थ और पवित्रता का अभाव रहेगा, वहाँ कोई भी व्यक्ति अपार वैभव सम्पन्न तो कहा जा सकता है लेकिन लक्ष्मीवान और आरोग्यवान कभी नहीं हो सकता।
आरोग्य वहीं रहता है जहाँ लक्ष्मी हो। जहाँ कहीं अलक्ष्मी है, पुरुषार्थहीनता है, हराम की कमाई हो, लोभ-लालच और दबावों से कमाया पैसा आ जाए, वहाँ कभी भी आरोग्य नहीं रह सकता। इसके साथ ही संतोष सबसे बड़ा धन है जिसके आ जाने पर चित्त की उद्विग्नताएं और असीमित कामनाओं का ज्वार समाप्त हो जाता है।
बेहतर जिन्दगी जीने के लिए मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य जरूरी है। हम सभी को यह समझने की आवश्यकता है कि आरोग्य और संतोष का धन पाने के लिए पुरुषार्थ और जीवनशैली के हर पहलू में शुचिता सर्वोपरि है अन्यथा तैयार रहें उन सभी हालातों के लिए जो आजकल अधर्म और अनीति से धन-दौलत पाने वाले भुगत रहे हैं।
धनतेरस एवं भगवान धन्वन्तरि जयंती पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ .....

बाड़मेर में पत्रकारों ने काली पट्टी बांध कर जताया विरोध, कार्यवाही नही होने तक जारी रहेगा विरोध

बाड़मेर में पत्रकारों ने काली पट्टी बांध कर जताया विरोध, कार्यवाही नही होने तक जारी रहेगा विरोध 




बाड़मेर में सैकेंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में नकल रोक पाने में नाकाम रहे पुलिस प्रशासन ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए मीडिया पर हमला बोलने के मामले पर मीडिया अब विरोध में उतर चुका है। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ ने शनिवार की रोज काली पट्टी को बांध कर अपना विरोध जताया। पत्रकारों ने जिला पुलिस प्रशासन की इस कार्यवाही को लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला बताया है। गौरतलब है कि बाड़मेर पुलिस ने शिक्षक भर्ती में पेपर लीक मामले में मनमानी करते हुए प्रकरण को उजागर करने वाले न्यूज18 राजस्थान के बाड़मेर संवाददाता प्रेमदान देथा को शुक्रवार को जबरन हिरासत में ले लिया था।
बाड़मेर में उल्टा चोर डांटे कोतवाल को कहावत को चरितार्थ करते हुए अपनी नाकामी को छिपाने के लिए शुक्रवार दोपहर को प्रेमदान को जबरन उठा लिया था।पुलिस न्यूज18 राजस्थान के संवाददाता प्रेमदान देथा पर खबर का सोर्स बताने का दबाव बनाया। मनमानी कार्रवाई करने वाली बाड़मेर पुलिस के मुखिया पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल खुद पहले विवादों में रह चुके हैं। अब बाड़मेर के पत्रकारों ने पुलिस के खिलाफ कार्यवाही को लेकर अपना झंडा बुलंद कर दिया है। बाड़मेर के पत्रकारों के मुताबित काली पट्टी बांध कर विरोध का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

*थार की चुनावी रणभूमि 2018* *सरहद का एक गांव जंहा पानी बिजली तो नही धर्म की राजनीति जरूर पहुंची,मूलभूत सुविधाओं के प्रति नही पर मतदान के प्रति जागरूक*

*थार की चुनावी रणभूमि 2018*

*सरहद का एक गांव जंहा पानी बिजली तो नही धर्म की राजनीति जरूर पहुंची,मूलभूत सुविधाओं के प्रति नही पर मतदान के प्रति जागरूक*

*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक की खास रिपोर्ट*

बाडमेर पाकिस्तान की सीमा से पांच किलोमीटर पहले राजस्थान के बाड़मेर के कैरकोरी गांव में रहनेवाले शरीफ़ को जितनी प्यास लगती है, वो उससे आधा पानी ही पीते हैं.

शरीफ़ कहते हैं कि पानी बचाना ज़रूरी है क्योंकि यहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, यहां कपड़े भी 20 दिन बाद धोए जाते हैं.

बारिश होती है तो गांव के कुंए में पानी भर जाता है बाकी समय घर की महिलाएं पांच किलोमीटर दूर पैदल चलकर जाती हैं और मटका भरकर पानी लाती हैं.

पानी ला दो...
हाथ जोड़कर मुझे कहते हैं, "कुछ भी करके पानी ला दो. हमें बस पानी चाहिए. इस बालू के बीच हमारा गला हमेशा सूखा रहता है और हमारे पशु मर जाते हैं."

उनके हाथ नीचे कर मैं कहता  हूं कि मैं सरकार नहीं पत्रकार हूं. इस पर वो कहते हैं, "सरकार तो पांच साल में एक बार ही हमारे पास आती है और उसे चुनने का हक जताने के लिए भी हमें ही पांच किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता है."

'सड़क नहीं'
बाड़मेर शहर से क़रीब 120 किलोमीटर दूर बसे कैरकोरी गांव में 30 से अधिक परिवार रहते हैं और 90 पंजीकृत वोटर हैं.

गांव के आसपास सात किलोमीटर तक कोई सड़क नहीं, सिर्फ बालू है. हमने ये रास्ता एक बड़ी गाड़ी में तय किया था. गांववाले रोज़ पैदल ही करते हैं.

गांव में बिजली के तार आए हैं लेकिन बिजली नहीं है. ठीक वैसे ही जैसे पानी की पाइप लाइन और टंकी तो है पर सालों से टूटी हुई है.

चुनावी मौसम
एक बुज़ुर्ग महिला मुझे पास बुलाकर कान में कहती हैं, "बेटा उम्र बीत गई पानी का घड़ा ढोते-ढोते लेकिन पानी यहां नहीं आया."

जो यहां आई और रह गई, वो है उम्मीद. चुनाव से और चुनावी मौसम में एक बार दर्शन देने वाले नेताओं से.

हैरानी हुई ये जानकर कि मतदान के बारे में सबका मत एक है कि वोट तो ज़रूर डालना है. ये हक वो हताशा के आगे नहीं छोड़ना चाहते.

ये अलग बात है कि एक झोंपड़ी में दो अध्यापकों के साथ दो महीने पहले शुरू हुए इस स्कूल को कैरकोरी का रास्ता तय करने में आज़ादी के बाद भी छह दशक से ज़्यादा लग गए.

'धर्म की राजनीति'
जाते-जाते एक महिला से मैं पूछ बैठी कि कौन सी पार्टी पसंद है? वो बोलीं, "कांग्रेस, उसी को वोट दूंगी. हमारे नेता कांग्रेस से हैं और मुसलमान हैं. हम भी मुसलमान हैं. बस इसलिए."

मेरा मुंह खुला का खुला रह गया. सोचने लगा कि जिस गांव में ना पानी पहुंचा, ना बिजली, ना सड़क का रास्ता, ना शिक्षा की बयार, वहां के लोगों को धर्म की राजनीति का पाठ किसने पढ़ा दिया?

*96 लाख नकदी व दो क्विंटल चांदी सहित 2 गिरफ्तार*

*96 लाख नकदी व दो क्विंटल चांदी सहित  2 गिरफ्तार*

*अजमेर/ रेलवे स्टेशन पर देर रात आश्रम एक्सप्रेस में एटीएस व जीआरपी व इनकम टैक्स   की सयुक्त कार्रवाई, ट्रेन के लगेज की बोगी में बोरों में 96 लाख की भरी नकदी और दो किलो चांदी के बर्तन जब्त,करीब जब्त किये ,डेढ़ क्विंटल चांदी भी मिली है बोरे में भरी हुई ,बड़ी मात्रा  में नगदी व चांदी मिलने की सूचना पर सवेरे 4 बजे किया गया खुलासा*

*सिवाणा विधायक हमसा के खिलाफ़ कार्यकर्ताओं की बगावत,टिकट नही लेने देंगे*

*सिवाणा विधायक हमसा के खिलाफ़ कार्यकर्ताओं की बगावत,टिकट नही लेने देंगे*

*चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीति के रंग ढंग बदलने लगे।।रणकपुर में जिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने वसुंधरा राजे के खास विधायक हमीर सिंह भायल हमसा को पुनः टिकट देने की पुरजोर मांग की थी।।वो रंग कार्यकर्ताओं पर दस दिन में उतर गया।।गत दिनों सिवाणा में आयोजित पार्टी बैठक में कार्यकर्ताओं का गुस्सा हमसा के प्रति फुट पड़ा।।कार्यकर्ताओ ने हमसा पर पांच साल अनदेखी का आरोप लगाया साथ ही यह भी कहते सुने गए कि विरोध करने की हमारी औकात नही थी।काम तो काम ढंग से पेश नही आते ।बैठक में सिवाणा भाजपा ने एक स्वर सिवाणा से भाजपा प्रत्यासी हमसा के अलावा किसी को भी बनाने का प्रस्ताव रखा।बैठक में कार्यकर्ताओं का आक्रोश हमसा की कार्यशैली को लेकर चरम पर था। सोसल मीडिया पर यह वीडियो वायरल भी तेजी से हो रहा।।भाजपा ने पूर्व में ही हमीर सिंह को संकेत दे दिए थे कि इस बार उन्हें टिकट देने में असमर्थ है।इस बार सिवाणा से भाजपा राजपुरोहित को टिकट देने जा रही है। वसुंधरा राजे कान सिंह कोटड़ी के पक्ष में थी।चूंकि गत चुनाव में हमीर सिंह को टिकट दिलाने में मानवेन्द्र सिंह का अहम रोल था। पांच साल विधायक रहने के बावजूद हमसा कार्यकर्ताओं में पैठ नही बना सके।।सिवाणा में इस बार चुनाव दिलचस्प होने वाले है।।क्योंकि भाजपा द्वारा राजपूत बाहुल्य सीट पर राजपूत को टिकट नही देने पर राजपूत भाजपा के साथ खड़े रहते है या नही यह दिलचस्प होगा।

चेतन डूडी को टिकट की अटकलों पर ज्योति मिर्धा समर्थकों का हंगामा, कांग्रेस छोड़ने की चेतावनी


चेतन डूडी को टिकट की अटकलों पर ज्योति मिर्धा समर्थकों का हंगामा, कांग्रेस छोड़ने की चेतावनी

चेतन डूडी को टिकट की अटकलों पर ज्योति मिर्धा समर्थकों का हंगामा, कांग्रेस छोड़ने की चेतावनी
नागौर जिले के डीडवाना विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के टिकटार्थियों के बीच कलह शनिवार को खुलकर सामने आई. चेतन डूडी को पार्टी से टिकट दिए जाने की अटकलों के बीच डीडवाना से कांग्रेस की पूर्व प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के समर्थकों ने जयपुर स्थित पीसीसी कार्यालय पर हंगामा खड़ा कर दिया. डीडवाना से जयपुर पहुंचे मिर्धा समर्थकों ने चेतन डूडी को टिकट देने पर पार्टी छोड़ने तक की चेतावनी दे डाली.



समर्थकों का कहना है कि टिकट को लेकर ज्योति मिर्धा से राय ली जाए. प्रदेश के पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में सिर्फ 2700 वोट से मिर्धा चूक गई थीं. समर्थकों का आरोप है कि उस दौर में चेतन और उनके परिवार ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया था.गौरतलब है कि ज्योति मिर्धा नागौर से एक बार सांसद रह चुकी हैं. 2009 से 2014 तक सांसद रहने के बाद पिछले चुनाव में सीआर चौधरी के सामने मिर्धा को हार का मुंह देखना पड़ा था.

उधर, एक दिन पहले भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय के बाहर टिकटार्थियों के समर्थकों में जमकर हंगाम हो चुका है. आपस में कहासुनी के बाद प्रदेश कांग्रेस सचिव प्रशांत बैरवा के विरोधी और समर्थकों में जमकर हाथापाई हुई. निवाई से बैरवा की दावेदारी पर विरोधी गुट और समर्थकों के बीच हुई इस हाथापाई के दौरान पीसीसी के बाहर जमकर नारेबाजी भी हुई.

'तेजप्रताप नॉर्थ तो ऐश्वर्या साउथ पोल', लालू यादव की 2 घंटे की मुलाकात, क्या बना पाएगी बात? 10 बातें


'तेजप्रताप नॉर्थ तो ऐश्वर्या साउथ पोल', लालू यादव की 2 घंटे की मुलाकात, क्या बना पाएगी बात? 10 बातें

'तेजप्रताप नॉर्थ तो ऐश्वर्या साउथ पोल', लालू यादव की 2 घंटे की मुलाकात, क्या बना पाएगी बात? 10 बातें
नई दिल्ली: बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार में अभी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की तलाक की अर्जी ने परिवार के भीतर 'भूचाल' ला दिया है. तेजप्रताप यादव ने अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक की अर्जी दी है. हालांकि, यादव परिवार में तेजप्रताप यादव को मान-मनौवल का दौर चल रहा है, मगर तेजप्रताप यादव के जिस तरह के तेवर दिख रहे हैं, उससे लग नहीं रहा कि लालू परिवार की मुश्किलें कम होंगी. बहरहाल, राजद नेता तेज प्रताप यादव ने शनिवार को रांची स्थित एक अस्पताल में अपने पिता लालू प्रसाद से मुलाकात की और कहा कि वह ऐश्वर्या राय के साथ अपनी छह महीने पुरानी शादी समाप्त करने के अपने निर्णय पर कायम हैं क्योंकि वह ‘घुट-घुटकर नहीं जी सकते.


लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को पटना की एक अदालत में राय के साथ बेमेल जोड़ी का उल्लेख करते हुए तलाक की अर्जी दायर की थी. ऐश्वर्या राय राजद नेता चंद्रिका राय की पुत्री हैं. तेज प्रताप यादव ने ऐश्वर्या राय से 12 मई को विवाह किया था. राय के दादा दरोगा राय 1970 के दशक के शुरू में थोड़े समय के लिए बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे. तेज प्रताप ने शनिवार को लालू से रांची में राजेंद्र इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में दो घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की. वहां लालू चारा घोटाला मामले के सिलसिले में बंद हैं.
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव शुक्रवार को तलाक की अर्जी दायर करने के बाद पटना हवाईअड्डे गए थे, लेकिन परिवार के सदस्यों द्वारा मनाने के बाद मां राबड़ी देवी के आवास पर लौट आए थे. वह शनिवार की सुबह लालू से मिलने के लिए सड़क मार्ग से रांची रवाना हुए.
अपने पिता से मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं अपने निर्णय पर कायम हूं. कोई भी व्यक्ति घुट-घुटकर नहीं जी सकता.' उन्होंने यह नहीं बताया कि लालू के साथ उन्होंने क्या चर्चा की. उन्होंने केवल यही कहा कि उनके पिता घर आएंगे और ‘मैं उनका इंतजार करूंगा.' तेज प्रताप ने कहा, ‘हम अपने परिवार के सदस्यों से इसके बारे में चर्चा करेंगे. लेकिन मैं अपने निर्णय पर कायम हूं.' उन्होंने कहा कि उन्हें जो कुछ भी कहना है वह अदालत में कहेंगे जब तलाक मामले की सुनवायी 29 नवम्बर को शुरू होगी.
शनिवार को इससे पहले चिकित्सकों के एक दल ने लालू की जांच की और संवाददाताओं से कहा कि सब कुछ सामान्य है. मधुमेह से पीड़ित लालू विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं और वह रिम्स में एक निजी वार्ड में हैं. तीर्थनगरी बोधगया में पत्रकारों से बातचीत में तेजप्रताप ने कहा, ‘मैंने अपने माता-पिता को बताया था कि अभी मेरी शादी करने की कोई इच्छा नहीं है लेकिन किसी ने मेरी नहीं सुनी. हमारी जोड़ी नहीं मिली. मैं साधारण सी आदतों वाला साधारण व्यक्ति हूं जबकि वह एक आधुनिक महिला हैं, दिल्ली में पढ़ी-बड़ी हैं और महानगरीय जिंदगी जीती रही हैं.' इस बारे में ऐश्वर्या राय या उनके परिवार की ओर से गत शुक्रवार से कुछ भी नहीं कहा गया है.
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों से पत्नी से उनकी बातचीत भी नहीं हुई है. यह पूछे जाने पर कि क्या उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर उनसे कुछ कहा, इस पर उन्होंने कहा कि वे राजनीति के बारे में बात करते हैं, ऐसे मामलों के बारे में नहीं. अपनी याचिका में उन्होंने तलाक मांगने की वजह क्रूर व्यवहार बताया है. लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा है कि वह 'नॉर्थ पोल' हैं जबकि उनकी पत्नी ऐश्वर्या 'साउथ पोल' हैं, प्रधानमंत्री भी आ जाएं तो भी वह अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे.
वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव द्वारा दायर की गई तलाक की याचिका पर मीडिया सुर्खियों को लेकर शनिवार को नाखुशी जाहिर की और कहा कि पारिवारिक मामलों को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए.
तेजस्वी ने कहा कि एक महिला कांस्टेबल की मौत के बाद शुक्रवार को बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी सड़कों पर उतर आये थे. यह एक गंभीर मुद्दा है तथा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के लिए चिंता की बात है और मीडिया द्वारा इसे सही ढंग से दिखाया जा रहा था.
उन्होंने कहा कि लेकिन शाम तक सब कुछ भुला दिया गया और एक परिवार में घटित बातें आकर्षण का केन्द्र बन गईं. तेजस्वी यादव ने कहा कि घरेलू मामले लोगों को प्रभावित करते हैं लेकिन केवल उनको जो परिवार के सदस्य हों. ये सार्वजनिक मुद्दे नहीं हैं.
इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी सहयोगी रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि परिवारों में मनमुटाव हो जाते हैं और उनका समाधान भी हो जाता है. उन्होंने कहा कि इस प्रकरण का यादव की राजनीतिक संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा जो कि वर्तमान में विधायक हैं. इसके साथ ही राजद पर भी इसका कोई राजनीतिक असर नहीं होगा,.
रघुवंश सिंह ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा,‘‘तेज प्रताप की तलाक याचिका राजनीतिक रूप से किसी को भी प्रभावित क्यों करेगी? अपनी पत्नी से अलग होने के बावजूद क्या नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बने और क्या भाजपा ने चुनाव नहीं जीता?'

राजस्थान: प्रतापगढ़ में बीजेपी नेता की दिनदहाड़े हत्या, पहले गोली मारी, फिर तलवार से काट दी गर्दन

 
राजस्थान: प्रतापगढ़ में बीजेपी नेता की दिनदहाड़े हत्या, पहले गोली मारी, फिर तलवार से काट दी गर्दन

 राजस्थान: प्रतापगढ़ में बीजेपी नेता की दिनदहाड़े हत्या, पहले गोली मारी, फिर तलवार से काट दी गर्दन
जयपुर: राजस्थान के प्रतापगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के एक नेता की बाइक सवार हमलावरों ने दिन दहाड़े क्रूरता से हत्या कर दी. दरअसल, शनिवार को बीजेपी नेता समरथ कुमावत पर उस वक्त हमला हुआ, जब वह दिन में सड़क किनारे खड़े थे. पुलिस ने कहा कि बाइक पर सवार तीन से चार बदमाशों ने पहले गोली मारी और उसके बाद तलवार से उसके गर्दन को अलग कर दिया. यह मर्डर दक्षिणी राजस्थान के प्रतापगढ़ शहर से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक गांव में हुआ है.बताया जा रहा है कि कुमावत की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. हालांकि, लोग उन्हें बचाने के लिए जुटे. मगर हत्या करने के बाद हमलावर तुरंत ही भाग निकले.

स्थानीय कुमावत के शव को लेकर विरोध में बैठे और हमलावरों की गिरफ्तारी की जल्द से जल्द मांग की. इस क्रूर हत्या को लेकर भाजपा में भी व्यापक क्रोध है. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी और हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

कुमावत के परिवार ने कहा कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. वह बीजेपी का सक्रिय सदस्य थे. स्थानीय बीजेपी नेता मंगू सिंह ने कहा कि सम्राट कुमावत इस गांव के सीनियर नेता थे.


 
वहीं, कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने इस घटना की निंदा की है.  उन्होंने ट्वीट किया, "मैं राजस्थान के प्रतापगढ़ में भाजपा के समरथ कुमावत की क्रूर हत्या की निंदा करता हूं. इस तरह के जघन्य अपराध के अपराधियों को गंभीर रूप से दंडित किया जाना चाहिए. राज्य में कानून व्यवस्था की दयनीय स्थिति गंभीर चिंता का विषय है."

बिग ब्रेकिंग ! *चर्चित आईपीएस पंकज चौधरी* *लड़ सकते है लोकसभा चुनाव “*


बिग ब्रेकिंग ! 
*चर्चित आईपीएस पंकज चौधरी*
*लड़ सकते है लोकसभा चुनाव “*

*सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के चर्चित व दंबग आईपीएस पंकज चौधरी लड़ सकते है आनेवाले लोकसभा चुनाव*

*वर्ष 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी है पंकज चौधरी ।*

*आईपीएस पंकज चौधरी ने कोटा ,बाँसवाड़ा , किशनगढ (अजमेर ),जैसलमेर,बूदीं, जयपुर कमिश्नरेट ,दिल्ली ,जयपुर में दी है सेवाएँ ।आईपीएस के तौर पर रही है इनकी पाँचवीं सर्विस ,पूर्व में वाणिज्य मंत्रालय नई दिल्ली ,उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा व नई दिल्ली में प्राइवेट नौकरियाँ भी की है ।वर्ष 2009 के संघ लोकसेवा आयोग द्वारा पंकज चौधरी को Interview में दिया गया था सर्वोच्च अंक,चौधरी को 300 के साक्षात्कारः में मिले थे 230 अंक।*

तेज न्यूज़24@श्याम अवस्थी।झालावाड-बारां लोकसभा सीट से वर्तमान सासंद दुष्यंत सिंह के खिलाफ लड़ सकते है चुनाव।विदित है पंकज की पत्नी मुकुल पंकज चौधरी ने राज्य की मुख्यमंत्री वसुधरां राजे के खिलाफ झालरापाटन विधान सभा से बजा रखा है बिगुल।मुकुल पंकज चौधरी के प्रभाव व आमजनता के मिल रहे स्नेह ने वसुधरां की मुसीबतें बढ़ाई है।पहली बार राजे को दो सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए किया है बाध्य। पिछले एक सप्ताह से वसुधरां राजे व दुष्यंत सपरिवार डटे है झालावाड,हार की संभावना कर रही है इस राजशाही परिवार को बैचेन।

- झालावाड -बारां लोकसभा सीट से लड़ने की बताई जा रही है संभावना , इस लोकसभा सीट के साथ किये गये दोगले व्यवहार व भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य के चर्चित व दंबग आईपीएस के चुनाव लड़ने की संभावना ने राज्य की राजनीति में मचाई खलबली।वर्तमान सांसद दुष्यंत सिंह राज्य की मुख्यमंत्री वसुधरां राजे के पुत्र है ।

शनिवार, 3 नवंबर 2018

*बाडमेर भाजपा पदाधिकारियो ने बूथ पर महासम्पर्क अभियान किया*



*बाडमेर भाजपा पदाधिकारियो ने बूथ पर महासम्पर्क अभियान किया*

भारतीय जनता पार्टी ने बूथ पर महासम्पर्क अभियान किया। मिडिया प्रमुख भैराराम देवासी ने बताया की प्रदेश भाजपा नेतृत्व के निर्देसनुसार बाड़मेर भाजपा ने सभी बुथो पर महासम्पर्क अभियान चलाया। भारतीय जनता पार्टी के जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, भाजपा जिला अध्यक्ष दिलीप पालीवाल व यूआईटी चेयर पर्शन डॉ प्रियंका चौधरी के नेतृत्व में शनिवार को दोपहर गंगा मइया मन्दिर में पूजा अर्चना कर के बूथ महासम्पर्क अभियान का आगाज किया गया।भाजपा के कार्यकर्ताओ ने वार्ड 11,12 व 33 में घर घर जाकर केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओ के लाभार्थियों से मिलकर सम्पर्क किया।आमजन से मिलकर भाजपा के पक्ष में वोट देने की अपील की और महासम्पर्क
 अभियान के बारे में अवगत कराया।
इस मोके पर भाजपा के जिला महामन्त्री बालाराम मूंढ,कैलाश कोटडिया,वरिष्ट नेता रूपसिंह राठौड़,महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष विजयलक्ष्मी राजपुरोहित,नगर अध्यक्ष मोहनलाल कुर्डिया,पार्षद बलवन्तसिंह भाटी,जिला प्रमुख प्रतिपुष्टि रमेशसिंह इन्दा, पियूष डोसी,अम्बालाल अलबेला,नगर उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान तेली,पृथ्वी चंडक,नगर महामन्त्री किशन बोहरा,नरपतसिंह,नगर प्रवक्ता आनन्द पुरोहित,नगर मंत्री कैलाश आचार्य,आईटी नगर सयोंजक अरविन्द सारदा,ग्रामीण सयोंजक राहुल लूणिया,ओबीसी प्रदेश कार्यकरणी सदस्य महेश सोनी,पार्षद बादल सिंह दईया,शान्ति कुर्डिया,मिडिया ललित बोथरा,गोपाल वडेरा,मागुसिंह राजपुरोहित,प्रताप खन्ना,युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष खिमराजसिंह लखा,युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष शिवपरतापसिंह राठौड़,महावीर आचार्य,लीलाराम सिंगड़िया,नरेंद्र चौधरी सहित कई भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

*कर्नल सोनाराम ने बाडमेर सीट मांगी,इसके अभाव में कोई बड़ा निर्णय लेने की संभावना,भाजपा को लग सकता है झटका*

*कर्नल सोनाराम ने बाडमेर सीट मांगी,इसके अभाव में कोई बड़ा निर्णय लेने की संभावना,भाजपा को लग सकता है झटका*

*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक पर पूर्व में बताया था कि सांनसड कर्नल सोनाराम चौधरी बाडमेर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने को उतावले हो रहे है। कर्नल का एक ही सपना है कि विधायके मेवाराम जैन को हराना। इसके लिए उन्होंने वसुंधरा राजे से बाड़मेर सीट मांगी। कर्नल ने वसुंधरा राजे को जाट दलित और रावणा राजपूत वोटों का समर्थन और जीत का आधार बताव राजी कर लिया।।वसुंधरा राजे ने बाड़मेर सीट पर सिंगल पैनल नाम कर्नल सोनाराम का ही डाला
इधर कर्नल सोनाराम चौधरी हनुमान बेनीवाल के साथ भी अपनी दोस्ती बराबर निभा रहे थे। हनुमान बेनिवल को बाड़मेर जिले की राजनीति चौसर बिठाने में कर्नल ने न केवल मदद की बल्कि खुद के पुत्र डॉ रमन ,दलित नेता उदाराम मेघवाल को हनुमान बेनिवल के साथ भेज दिया।।कर्नल अपने समाधियों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष तक दस जनपथ पहुंचने के प्रयास जारी रखे है।।इधर कर्नल ने बाडमेर की सीट को अपनी जिद में सुमार कर दिया। अमित शाह के द्वारा करवाए सर्वे में बाड़मेर की सीट पर कर्नल को कमज़ोर उम्मीदवार माना गया है रिपोर्ट में बताया गया कि जिला मुख्यालय की सीट पर कर्नल सोनाराम जैसे कट्टर जातिवाद नेता को उतारने से अन्य जातियां भाजपा से निकल जायेगी कांग्रेस उम्मीदवार को मदद मिलेगी।।इस सीट पर गैर जाट को उम्मीदवार बनाने की बात कही गई थी।जिस पर अमित शाह ने कर्नल के नाम पर सवाल उठाया तो वसुंधरा राजे ने कर्नल को ओसियां सीट ऑफर की तो कर्नल ने दो टूक कहा कि बाडमेर से ही टिकट चाहिए । वसुंधरा राजे के पास बाडमेर जिले में दमदार नेता के रूप में सिर्फ कर्नल ही बचे है।।उन्हें वो खोना नही चाहती पर केंद्रीय नेतृत्व  वसुंधरा राजे के तर्क से सरोकार नही रखती। कर्नल के पास हनुमान बेनिवल की पार्टी और कांग्रेस दोनो ऑप्शन है।।भाजपा को किसी भी वक़्त झटका दे सकते है। कर्नल डॉ रमन को राजनीति उत्तराधिकारी के रूप में इस साल स्थापित करना चाहते है।।कर्नल जानते है कि भाजपा सत्ता में लौटने वाली नही है। मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में आने के साथ कर्नल की काँग्रेज़ में एंट्री पर सवालिया निशान खड़ा हो गया। अभी राजनीति के कई रंग बदलने की संभावना है। टिकट वितरण के बाद आयाराम गयाराम का खेल शुरू होगा।

जैसलमेर युवराज चैतन्यराज सिंह ने जोगीदास के धाम, झिनझिनयाली और डांगरी में किया जनसम्पर्क।

जैसलमेर युवराज चैतन्यराज सिंह ने जोगीदास के धाम, झिनझिनयाली और डांगरी में किया जनसम्पर्क।

जैसलमेर युवराज चैतन्यराज सिंह ने जोगीदास के धाम में माँ भटियाणी सा के दर्शन कर वहाँ पर उपस्थित लोगों से राज परिवार के समर्थन की अपील की। वहाँ उपस्थित मौजिज लोगो में नखत सिंह, छोटू सिंह, हनुमान सिंह, बाबु लाल जैन, भोम सिंह, सुरेन्द्र सिंह, दीपा राम आदि मौजूद थे। उसके पश्चात झिनझिनयाली में मूलचंद जी की पोल पहुँचे, वहाँ पर ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया। श्री कृष्ण मंदिर के दर्शन कर वहाँ उपस्थित  ग्रामीणों से रूबरू हुए। समस्त ग्रामीणों ने तहे दिल से राजपरिवार को समर्थन देने का भरोसा दिलाया। वहाँ मौजिज लोगो में फतेह सिंह, नखत सिंह, चतुर सिंह, शैतान सिंह, खेत सिंह, छत्रपाल सिंह, जितेंद्र सिंह, सम्पतलाल, देवीचंद सैन, बलवंत सिंह और स्वरूप सिंह उपस्थित थे। शाम 6 बजे डांगरी गांव पहुँचे, डांगरी वासिंयो ने युवराज चैतन्यराज सिंह जी का ढोल नगाड़ों के साथ शानदार स्वागत किया। युवराज जी ने वहाँ पहुच कर हड़वंत सिंह भाटी डांगरी के वहाँ पहुच कर उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा। वहाँ के समस्त ग्रामीणों ने एक मत हो कर राजपरिवार को समर्थन देने के निर्णय लिया। वहाँ उपस्थित मौजिज लोगो में हड़वंत सिंह, भेरू सिंह, स्वरूप सिंह, लाला राम, उम्मेद सिंह, दीपा राम, खुदा बक्स, रेवंत सिंह अमृतलाल, रामचन्द्र जी, भवरु राम जी, कुशलाराम, आनंद माराज, हीराराम साइन और डके खा मेरासी उपस्थित रहे।